प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Hindi Core
1. मनोहर श्याम जोशी -सिल्वर वैडिंग
प्रश्न अभ्यास
प्रश्न 1. यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है,
लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?
उत्तर:
यशोधर बाबू एक दफ्तर में सेक्शन ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे। बचपन में ही माता-पिता
के देहांत हो जाने की वजह से यशोधर बाबू जिम्मेदारियों के बोझ से दब गए थे। यशोधर बाबू
ने मैट्रिक पास करने के बाद नौकरी की खोज में किशन दा के यहां रहते हुए मेस का रसोईया
बनकर काम किया। यशोधर बाबू घोर संस्कारी किशन दा को अपना आदर्श मानते थे। यही कारण
है कि उनके विचारों में किशन दा के विचारों की गहरी छाप थी। वे सदैव पुराने ख्यालों
वाले लोगों के बीच रहे, पले बढ़े, जिसके कारण उन्हें आधुनिकता के विचार बड़े ही असहनीय
लगते थे। अतः वे उन परंपराओं को चाह कर भी नहीं छोड़ पाए। उन्होंने कभी भी आधुनिक संपन्न
जीवन नहीं जिया था इसी के कारण परिवार के सदस्यों से उनका मतभेद बना रहता था जबकि यशोधर
बाबू की पत्नी अपने मूल संस्कारों में आधुनिक नहीं थी किंतु अपने बच्चों की तरफदारी
करने की मातृसुलभ मजबूरी के चलते स्वयं को मॉड (आधुनिक) बना लेती है। विवाह के बाद
उसे संयुक्त परिवार के कठोर नियमों का निर्वाह करना पड़ा इसलिए वह अपने बच्चों के आधुनिक
दृष्टिकोण से जल्दी ही प्रभावित हो गईं। वे बेटी के कहने के अनुसार नए कपड़े पहनती
हैं और बेटों के किसी भी मामले में दखल नहीं देती। यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ
परिवर्तित हो जाती है, लेकिन यशोधर बाबू किशनदा के संस्कारों और परंपराओं से जुड़े
होने के कारण स्वर्य को कभी भी समय के साथ बदलने की चेष्टा नहीं किये। वे बदलते समय
को समझते तो हैं किंतु पूरे मन से स्वीकार न कर पाने के कारण असफल रहते हैं।
प्रश्न 2. पाठ में 'जो हुआ होगा' वाक्य की आप कितनी अर्थ- छवियाँ खोज
सकते/सकती हैं?
उत्तर-
'सिल्वर वैडिंग' पाठ में जो हुआ होगा' वाक्य का प्रयोग यशोधर बाबू ने अनेक जगह कई अभिव्यक्तियों
के लिए किया है। 'जो हुआ होगा वाक्य पाठ में पहली बार तब आता है, जब यशोधर बाबू किशन
दा के जाति भाई से उनकी मृत्यु का कारण पूछते है। उत्तर में जाति भाई ने कहा- जो हुआ
होगा यानी पता नहीं, क्या हुआ।' आशय यह है कि बिना बाल-बच्चों वाले किशनदा के संबंध
में उनकी जाति भाई इतनी उदासीन थे कि उनकी मृत्यु किस कारण से हुई उन्होंने यह भी जानने
की जरूरत नहीं समझी। इससे किशनदा के जीवन को लेकर लोगों की उदासीनता व्यंजित हुई है।
किशनदा की मौत से इस वाक्य के आधार पर यह अर्थ निकलता है कि विवाह एक आवश्यक संस्कार
है। बाल बच्चों से भविष्य की अर्थात् वृद्धावस्था की - सुरक्षा का बोध बना रहता है।
यदि किशनदा के बाल-बच्चे होते तो जाति भाई उनके प्रति इतने उदासीन नहीं हो सकते थे।
अतः बच्चों का होना भी जरूरी है।
दूसरी
बार जो हुआ होगा' वाक्य से बाल-बच्चों का न होना, घर- परिवार का न होना और रिटायर होकर
गाँव के एक कोने में बैठकर विवश जीवनयापन करना यह अर्थ व्यक्त हुआ है। तीसरी बार पाठ
के अन्त में अपने बेटे के रूखे व्यवहार एवं पत्नी की उदासीनता से यशोधर बाबू को अपनी
उपेक्षा का बोध हुआ। तब यशोधर स्वयं को किशनदा की तरह उपेक्षित मानने लगे तथा कहने
लगे कि उनकी मौत जो हुआ होगा' से हुई होगी। अर्थात् इस तरह की उपेक्षा मिलने से ही
हुई होगी। किशनदा की मृत्यु के सही कारणों का पता नहीं चल सका। बस यशोधर बाबू यह सोचते
ही रह गए कि किशनदा की मृत्यु कैसे हुई? जिसका उत्तर किसी के पास नहीं था।
प्रश्न 3 :- समहाउ इंप्रॉपर वाक्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग हर
वाक्य के प्रारम्भ में तकिया कलाम की तरह करते हैं। इस वाक्यांश का उनके व्यक्तित्व
और कहानी के कथ्य से क्या सम्बन्ध बनता है?
उत्तर-
प्रस्तुत कहानी में 'समहाउ इंप्रॉपर' वाक्यांश का प्रयोग एक दर्जन से भी अधिक बार हुआ
है। यह यशोधर बाबू का तकिया कलाम है और इसका सम्बन्ध यशोधर बाबू के व्यक्तित्व से है।
वह पुराने सिद्धान्तों से चिपका हुआ व्यक्ति है। इस कारण नये जमाने के साथै तालमेल
न बिठा पाने से वह कुछ असन्तुष्ट होने पर ऐसा कहता है कि वह हर चीज का मूल्यांकन अपनी
सोच के आधार पर करता है। उसे किशनदा की परम्परा तथा बुजुर्ग लोगों की मान्यताओं का
सदा ध्यान रहता है।
घर
में पत्नी और बच्चों के साथ वह इसी कारण अनफिट लगता है कि वह उनकी बातों को अनुचित
मानता है, स्वयं को परिवार का बुजुर्ग मानकर अकड़ा रहता है। इस प्रकार यशोधर बाबू द्वारा
बार- बार प्रयुक्त समहाउ इंप्रॉपर वाक्यांश उनके पुराने परम्परावादी व्यक्तित्व पर
प्रश्न चिह्न लगाता है। लेखक ने व्यंजना की है कि नये युग के अनुसार जीना और नये परिवर्तनों
को स्वीकार करना चाहिए। नये जमाने के हिसाब से यशोधर बाबू की तरह समहाउ इंप्रापर नहीं
होना चाहिए।
प्रश्न 4. यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशनदा की महत्त्वपूर्ण
भूमिका रही है। आपके जीवन को दिशा देने में किसका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा और कैसे?
उत्तर:-
यशोधर बाबू का जीवन किशनदा के व्यक्तित्व से पूरी तरह प्रभावित था। यशोधर एक प्रकार
से किशनदा के शिष्य तथा मानस पुत्र थे। किशनदा ने ही उन्हें सर्वप्रथम सहारा दिया था.
फिर नौकरी पर लगाया था और जीवन के निर्माण की अनेक शिक्षाएँ दी थीं। इसी कारण यशोधर
बाबू हर बात पर किशनदा का स्मरण कर उनसे प्रेरणा लेते रहते थे। कार्यालय में अधीनस्थ
कर्मचारियों से, अन्य लोगों से, सामाजिक कार्यकलापों एवं घर-गृहस्थी आदि सभी कामों
में प्रवृत्त रहने पर वे पूर्णतया किशनदों को अपना आदर्श मानते थे।
यशोधर
बाबू की तरह ही मेरे जीवन को दिशा देने में मेरे एक गुरुजी का तथा बड़े भाई का महत्त्वपूर्ण
योगदान रहा है। पिताजी की असामयिक मृत्यु हो जाने पर भी बड़े भाई ने मुझे पढ़ा-लिखाकर
योग्य बनाया और गुरुजी ने मुझे सदाचरण, स्वाभिमान तथा मानवीय आदर्शों को अपनाने की
प्रेरणा दी। इसी से मैं अपने व्यक्तित्व को ढाल सका हूँ।
प्रश्न 5 वर्तमान समय में परिवार की संरचना, स्वरूप से जुड़े आपके अनुभव
इस कहानी से कहाँ तक सामंजस्य बिठा पाते हैं?
उत्तर
: यह प्रश्न प्रत्येक छात्र के पारिवारिक अनुभवों एवं स्थितियों पर आधारित है। अतः
अनुभव स्वयं लिख सकते हैं। यहाँ उत्तर इस प्रकार दिया जा रहा है. वर्तमान में शहरों
में संयुक्त परिवार की प्रथा समाप्त हो गई है, परन्तु गाँवों में अभी भी यह प्रथा प्रचलित
है। शहरी नागरिक होने से मैं एकल परिवार का सदस्य हूँ। परिवार में मेरे माता-पिता,
मैं और एक छोटी बहिन - इस प्रकार चार ही सदस्य हैं। पिताजी परिवार के भरण-पोषण का पूरा
ध्यान रखते हैं।
हम
दोनों भाई-बहिन को उन्होंने अच्छी शिक्षा देने का निश्चय कर रखा है। इसी कारण पाठ्यपुस्तकों
के अतिरिक्त अन्य चीजों की जरा-सी फ़रमाइश करने पर वे तुरन्त सारी चीजें ले आते हैं।
इस तरह के व्यवहार से हमारा मन पढ़ाई में खूब लगता है। पिताजी कभी-कभी अपने पिछले जीवन,
संयुक्त परिवार की परम्पराओं और उनके अन्धविश्वासों का जिक्र करते हैं। परन्तु संयुक्त
परिवार से अलग होकर अब वे हमारे जीवन को उच्च से उच्चतर बनाने की आकांक्षा रखते। प्रस्तुत
कहानी का नायक यशोधर अपने जीवन में कुछ कटा हुआ-सा तथा पुराने सिद्धान्तों से चिपका
हुआ-सा दिखाई देता है। इसी कारण वह अपने बच्चों एवं पत्नी की बातों से सामंजस्य नहीं
रख पाता है। उसके बच्चे भी उसकी भावनाओं से तालमेल नहीं रखते हैं परन्तु हमारे परिवार
में ऐसी स्थिति नहीं है तथा घर के सभी सदस्यों में हर तरह से सामंजस्य रहता है।
प्रश्न 6. निम्नलिखित में से किसे आप कहानी की मूल संवेदना कहेंगे/
कहेंगी और क्यों?
(क) हाशिये पर धकेले जाते मानवीय मूल्य
(ख) पीढ़ी का अन्तराल
(ग) पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव
उत्तर:-
'सिल्वर वैडिंग' कहानी में यशोधर बाबू के बच्चे एवं पत्नी नये विचारों के समर्थक होने
से मानवीय मूल्यों को उतना महत्त्व नहीं देते हैं। वे रिश्तेदारी, सामाजिक कर्तव्य,
भाईचारा, बुजुर्गों का सम्मान आदि का कम ही ध्यान रखते है। यशोधर के बच्चों पर पाश्चात्य
संस्कृति का प्रभाव रहता है, स्वयं यशोधर भी कभी- कभी पाश्चात्य संस्कृति से प्रभावित
दिखाई देते हैं, परन्तु प्रस्तुत कहानी की मूल संवेदना में ये दोनों बिन्दु सहायक तत्त्व
हैं।
इस
कहानी की मूल संवेदना पीढ़ी का अन्तराल' व्यंजित करना है। यशोधर बाबू पुरानी परम्पराओं
एवं किशनदा के आदर्शों को अपनाते हैं, परन्तु उनके बेटे-बेटी (तथा पत्नी भी) पाश्चात्य
संस्कृति से प्रभावित रहते हैं। उनकी बेटी जीन्स-बॉहरहित टॉप पहनती है, पत्नी भी नये
जमाने के हिसाब से मॉड बनने का प्रयास करती है। इस कारण यशोधर बाबू अपने परिवार से
कटे रहते हैं। अतः उपर्युक्त तीनों स्थितियों में से पीढ़ी अन्तराल की समस्या ही प्रस्तुत
कहानी का केन्द्र है।
प्रश्न 7. अपने घर और विद्यालय के आस-पास हो रहे उन बदलावों के बारे
में लिखें जो सुविधाजनक और आधुनिक होते हुए भी बुजुर्गों को अच्छे नहीं लगते। अच्छा
न लगने के क्या कारण होंगे?
उत्तर:
हमारे घर व विद्यालय के आस-पास निम्नलिखित बदलाव हो रहे हैं जिन्हें बुजुर्ग पसंद नहीं
करते-
युवाओं
द्वारा मोबाइल का प्रयोग करना ।
युवाओं
द्वारा पैदल न चलकर तीव्र गति से चलाते हुए मोटर- साइकिल या स्कूटर का प्रयोग
लड़कियों
द्वारा जीन्स व शर्ट पहनना ।
लड़के-लड़कियों
की दोस्ती व पार्क में घूमना।
खड़े
होकर भोजन करना ।
तेज
आवाज में संगीत सुनना ।
बुजुर्ग
पीढ़ी इन सभी परिवर्तनों का विरोध करती है। उन्हें लगता हैं कि ये हमारी संस्कृति के
खिलाफ़ हैं। कुछ सुविधाओं को वे स्वास्थ्य की दृष्टि से खराब मानते हैं तो कुछ उनकी
परंपरा को खत्म कर रहे हैं। महिलाओं व लड़कियों को अपनी सभ्यता व संस्कृति के अनुसार
आचरण करना चाहिए।
प्रश्न 8. यशोधर बाबू के बारे में आपकी क्या धारणा बनती है? दिए गए
तीन कथनों में से आप जिसके समर्थन में हैं, अपने अनुभवों और सोच के आधार पर उसके लिए
तर्क दीजिए-
(क) यशोधर बाबू के विचार पूरी तरह पुराने हैं और वे सहानुभूति के पात्र
नहीं हैं।
(ख) यशोधर बाबू में एक तरह का द्वन्द्व है जिसके कारण नया उन्हें कभी-कभी
खींचता तो है पर पुराना छोड़ता नहीं। इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत
है।
(ग) यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्तित्व है और नयी पीढ़ी द्वारा उनके विचारों
को अपनाना ही उचित है।
उत्तर:-
यशोधर बाबू में एक तरह का द्वन्द्व है। इस कारण उन्हें नये जमाने का रहन-सहन एवं चाल-चलन
आदि अपनी ओर खींचता है, तो दूसरी तरफ उन्हें पुरानी परम्पराएँ एवं संस्कार नहीं छोड़ते
हैं। इस तरह वे नये और पुराने संस्कारों के इन्द्र से घिरे रहते हैं। इस कारण उनके
प्रति सहानुभूति रखने की जरूरत है; क्योंकि वे ग्रामीण परिवेश से दिल्ली आये, किशनदा
के परम्परागत आचरण से प्रभावित रहे, संयुक्त परिवार में भी रहे तथा रिश्ते नातों के
साथ सामाजिक कार्यों से भी जुड़े रहे। वे अपने गाँव के नाते-रिश्तों, परम्परागत संस्कारों,
धर्म-कर्म तथा समाज सेवा आदि से जुड़े थे, अपनी बहिन के सुख-दुःख में सहभागी बनते थे।
इस तरह वे सिद्धान्तों और मूल्यों को महत्त्व देते थे, परन्तु परिवार में बच्चों के
व्यवहार से, सिल्वर वैडिंग के आयोजन से तथा अन्य कारणों से नयेपन की ओर भी कुछ आकर्षित
होने लगे थे। इस सम्बन्ध में हमारा मानना है कि पुरानी एवं नयी पीढ़ी के मध्य का यह
द्वन्द्व एक ही पात्र में पूर्णतया सही दिखाई देता है। अतः यशोधर बाबू सहानुभूति के
पात्र है।
प्रश्न 9. कहानी के आधार पर यशोधर पंत के व्यक्तित्व की विशेषताएं बताएं।
उत्तर:-
कहानी के आधार पर यशोधर पंत के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएं हैं.
1.
सरल, सादगी पसंद व धार्मिक व्यक्ति- यशोधर पंत बहुत ही सरल व सादगी पसंद व्यक्ति थे।
धार्मिक प्रवृत्ति के होने के कारण नियमित पूजा पाठ आदि करते और ऑफिस से आते वक्त बिड़ला
मंदिर अवश्य जाते थे।
2.
सामाजिक व्यक्ति- यशोधर बाबू एक सामाजिक व्यक्ति थे। जो सामाजिक रिश्तों को निभाना
और उन्हें संजो कर रखना पसंद करते थे।
3.
जिम्मेदार और समझदार व्यक्ति- पशोधर बाबू गृह मंत्रालय में सेक्शन ऑफिसर थे। वो अपनी
हर जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करते थे और यह गुण उन्होंने किशन दा से ही सीखा था।
4.
मितव्ययी- वो फिजूलखर्ची पर विश्वास नहीं करते थे । इसीलिए उन्होंने अपनी सिल्वर वैडिंग
के दिन ऑफिस वालों को बड़ी मुश्किल से 30 रुपये जलपान हेतु दिए थे।
5.
परंपरावादी व्यक्ति - उन्होंने आजीवन अपनी कुमाऊँनी परंपराओं, रीति-रिवाजों का बड़े
शिद्दत से निर्वहन किया। वो अक्सर कुमाऊँनी रीति-रिवाजों, त्यौहारों से संबंधित कार्यक्रमों
का आयोजन अपने घर में किया करते थे।
6.
संवेदनशील व्यक्ति- हालांकि उनके और उनके बच्चों के बीच विचारों का टकराव चलता रहता
था। लेकिन फिर भी अपने पारिवारिक माहौल को शांतिपूर्ण बनाए रखने के लिए वो अपना अधिकतर
समय घर से बाहर ही गुजारते थे। उनके बच्चे अपने किसी भी मामले में उनसे राय नहीं लेते
थे जो उनको काफी बुरी लगती थी लेकिन फिर भी वो उसे चुप रहकर सहन कर जाते थे।
7.
आधुनिकता के घोर विरोधी- वो आधुनिक तौर-तरीकों, जीवन मूल्यों व संस्कारों के घोर विरोधी
थे लेकिन अपने बेटों की तरक्की से खुश भी होते थे।
8.
भौतिक सुख के विरोधी- यशोधर भौतिक संसाधनों के घोर विरोधी थे। उन्हें घर या दफ्तर में
पार्टी करना पसंद नहीं था। वे पैदल चलते थे या साइकिल पर चलते थे। केक काटना, बाल काला
करना, मेकअप, धन संग्रह आदि पसंद नहीं था।
9.
अपरिवर्तनशील- यशोधर बाबू आदर्शो से चिपके रहे। वे समय के अनुसार अपने विचारों में
परिवर्तन नहीं ला सके। वे रूढ़िवादी थे। उन्हें बच्चों के नए प्रयासों पर संदेह रहता
था। वे सेक्शन अफ़सर होते हुए भी साइकिल से दफ्तर जाते थे.
प्रश्न 10. यशोधर बाबू के जीवन में जीवन मूल्यों के पुराने और नए प्रचलन
में किस प्रकार का द्वंद था ?
उत्तर:-
यशोधर बाबू के जीवन में पुराने और नए जीवन मूल्यों और संस्कारों के बीच द्वंद था और
उनका पूरा जीवन इसी द्वेद में बीत गया। एक तरफ किशन दा के दिये संस्कार और दूसरी तरफ
उनके बच्चों की आधुनिक विचारधारा और वो कभी उन दोनों में सामंजस्य नहीं बिठा पाए।
वो
पुरानी पीढ़ी की विचारधारा को ही सर्वश्रेष्ठ मानते थे। नए जमाने के तौर-तरीकों, रीति
रिवाजों को "अंग्रेजों के चोचले" कहते थे। यहां तक कि वो स्कूटर में जाने
के बजाय पैदल जाना ही ज्यादा पसंद करते थे। वो अपनी रिश्तेदारी नातेदारी निभाना चाहते
थे।
उन्हें
अपनी बेटी का जींस-टॉप पहनना और पत्नी का बिना बांह वाला ब्लाउज पहनना भी पसंद नहीं
था। लेकिन उनके बच्चे अपना जीवन स्वतंत्रता पूर्वक जीने में विश्वास करते थे। वो आधुनिक
सुख सुविधाओं के साथ रहना पसंद करते थे। इन्हीं सब कारणों से उनके और उनके बच्चों के
बीच हमेशा टकराव चलता रहता था जिस कारण वो भरे पूरे परिवार के बावजूद अकेले हो गये।
प्रश्न 11. "समहाऊ इम्प्रॉपर " वाक्यांश का प्रयोग यशोधर
बाबू लगभग हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते थे। इस काव्यांश का उनके
व्यक्तित्व और कहानी के कथ्य से क्या संबंध बनता है?
उत्तर-
यशोधर बाबू "समहाऊ इम्प्रॉपर" वाक्य का प्रयोग बार-बार करते थे। पशोधर बाबू
को जब भी कुछ गलत या अनुचित लगता था या वो किसी के साथ तालमेल नहीं बिठा पाते थे या
उन्हें कहीं किसी काम में कोई कमी नजर आती थी यानी जब वो अनिर्णय की स्थिति में होते
थे तब अक्सर इस वाक्य का प्रयोग करते थे जो उनके व्यक्तित्व पर नकारात्मक प्रभाव डालता
है।
दरअसल
वो यह निर्णय नहीं ले पाते थे कि जो कुछ नई पीढ़ी कर रही हैं, वह सही है या गलत, क्योंकि
उनके द्वारा की गई कुछ चीजों को वो अच्छा मानते थे कुछ को नहीं। इसीलिए नई पीढ़ी के
विचारों के साथ सामंजस्य न बना पाने के कारण जमाने के हिसाब से यशोधर बाबू अप्रासंगिक
व अकेले हो गए थे।
कहानी
का कथ्य यह कहता है कि एक खुशहाल जीवन जीने के लिए व्यक्ति को समय के साथ अपने विचारों
में थोड़ा बदलाव कर नई व अच्छी चीजों को ग्रहण कर, लोगों के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश
करनी चाहिए।
लघुत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. "नवीन पीढ़ी और नवीन जीवन मूल्य, पुरानी पीढ़ी और प्राचीन
जीवन मूल्पं, इन दोनों के बीच सदैव टकराहट चलती रहती है।" 'सिल्वर वैडिंग कहानी
के आधार पर इस कथन की समीक्षा कीजिए।
उत्तर-
सिल्वर वैडिंग कहानी के प्रमुख पात्र यशोधर बाबू संस्कारी व्यक्ति हैं। वे पुरानी पीढ़ी
और प्राचीन जीवन मूल्यों को अपनी परंपरावादी सोच के आधार पर श्रेष्ठ मानते हैं, जबकि
उनका बेटा- बेटी तथा उनकी पत्नी भी नयी पीढ़ी के जीवन मूल्यों का अनुसरण करती है। फलस्वरूप
घर में पशोधर बाबू का हर बात में विरोध होता है। उनकी बात न कोई मानने को तैयार होता
है और न कोई सुनता है। वे घर में अकेले पड़ जाते है। तब वे दफ्तर से देर शाम तक घर
पहुँचते हैं तथा किशनंदा के आदर्शों को अपने जीवन में उतारने का प्रयास करते हैं। इस
प्रकार घर में उनकी सदा टकराहट चलती रहती है और पीढ़ियों का अन्तराल उन्हें परेशान
कर देता है।
प्रश्न 2. 'सिल्वर वैडिंग' कहानी में मानवीय मूल्यों के घिसने तथा सामाजिक
विकास में बाधा डालने वाले तत्त्वों की व्यंजना हुई है।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
अथवा
सिल्वर वैडिंग कहानी के उद्देश्य का निरूपण कीजिए।
उत्तर
:- 'सिल्वर वैडिंग' कहानी के कथानक में पुरानी एवं नयी परम्पराओं व मूल्यों के टकराहट
का यथार्थ चित्रण किया गया है। कहानी के प्रमुख पात्र पशोधर बाबू संस्कारी व्यक्ति
हैं और जो हुआ होगा कहकर यथास्थितिवाद से ग्रस्त रहते हैं, तो दूसरी ओर समहाउ इंप्रापर
कहकर अनिर्णय की स्थिति में रहते हैं। वे अपने बच्चों की तरक्की से खुश होते हैं लेकिन
उनके बच्चे तथा पत्नी का आधुनिकता की ओर बढ़ता झुकाव उन्हें अखरता भी है।
यशोधर
बाबू खुद को बदलने में असमर्थ पाते हैं। परिणामस्वरूप वे घर में देर से आने लगते हैं।
वस्तुतः आज हमारा समाज आधुनिकता की ओर ही बढ़ रहा है, परन्तु दूसरी ओर इससे मानवीय
मूल्य भी घट रहे हैं। 'समहाउ इंप्रापर के कारण देश का विकास बांधित भी हो रहा है। कहानी
का उद्देश्य इन्हीं स्थितियों की व्यंजना करना है।
प्रश्न 3. 'सिल्वर वैडिंग कहानी के प्रमुख पात्र यशोधर बाबू समय के
साथ ढल सकने में असफल रहते हैं। ऐसा क्यों? लिखिए।
उत्तर:-
'सिल्वर वैडिंग कहानी के प्रमुख पात्र यशोधर बाबू ग्रामीण परिवेश से पोषित संस्कारी
व्यक्ति हैं। उनके जीवन में किशनदा की सिखाई हुई बातों का महत्त्व अभी तक बना हुआ है।
वे किशनदा को अपना आदर्श मानते हैं और वे उन्हीं के आदर्शों के अनुरूप जीना चाहते हैं।
इतना ही नहीं वे अपने परिवार को भी उन्हीं आदशों पर ढालना चाहते हैं।
इधर
जमाना बहुत बदल चुका है। स्वयं उनकी पत्नी और बच्चे भी जमाने की नई हवा से प्रभावित
हैं। यशोधर बाबू के अपने संस्कार, प्रौढ़ आयु तथा नए चलन की व्यर्थता उन्हें ढलने नहीं
देती। इस कारण वे नए जमाने की नई परंपराओं की, नए रंग-ढंग की नई वेशभूषा को बेकार मानते
हैं। उन्हें आधुनिक पहनावा, पश्चिमी रंग- ढंग और नया रहन-सहन अपने अनुकूल नहीं लगता,
इसलिए वे समय के साथ ढल सकने में असफल रहते हैं।
प्रश्न 4. यशोधर बाबू की पत्नी के चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ बताइए
।
उत्तर-
यशोधर की पत्नी एक आम भारतीय नारी है, जो बदलते वक्त के साथ बदलना जानती है। उसके व्यक्तित्व
में निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएँ दृष्टिगत होती हैं-
दबी
हुई नारी यशोधर की पत्नी को विवाह के बाद अनचाहे मन - से संयुक्त परिवार में रहना पड़ा।
इस कारण जिस तरह से स्वच्छंद होकर वह सुख भोग लेना चाहती थी, वैसा नहीं ले पायी। इसलिए
वह अपने पति से कहती है किशनदा तो थे ही जन्म के बूढ़े तुम्हें क्या सुर लगा जो उनका
बुढ़ापा खुद ओढ़ने लगे हो।"
आधुनिकता
की चाह - यशोधर बाबू की पत्नी में आधुनिक रंग-ढंग की बहुत चाह है। इसलिए वह बालों में
खिज़ाब, ओठों पर लाली लगाती है और ऊँची एड़ी की चप्पल पहनती है। पर अपने पति को कहती
है- "वह सिर पर पल्लू वल्लू मैंने कर लिया बहुत तुम्हारे कहने पर समझे, मेरी बेटी
वही करेगी जो दुनिया कर रही है।”
विद्रोही
स्वभाव यशोधर की पत्नी के मन में अपने पति के प्रति - जरा भी सहानुभूति नहीं है। वह
उनको उबाऊ व्यक्ति मानती है जो समय से पहले ही बूढ़ा हो गया है। अतः वह पूरी तरह अपने
बच्चों की तरफदारी करती हैं।
अतिलघुत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. पशोधर बाबू को किसकी बातचीत से पता चलता है कि आज उनके विवाह
के पच्चीस वर्ष पूरे हो गए हैं?
उत्तर-
यशोधर बाबू को अपने अधीनस्थ लिपिक चड्डा की बातचीत से पता चलता है कि आज पच्चीस वर्ष
उनके विवाह के पूरे हो गए हैं।
प्रश्न 2. मेनन से मुखातिब होकर यशोधर बाबू ने क्या कहा था?
उत्तर-
मेनन से मुखातिब होकर यशोधर बाबू ने कहा था- "नाव लैट मी सी. आई वौज मैरिड ऑन
सिक्स्थ फरवरी नाइन्टिन फोर्टी सेवन!"
प्रश्न 3. यशोधर बाबू की घड़ी की ओर देखकर चड्ढा ने क्या कहा था?
उत्तर-
"चड्ढा ने घड़ी की ओर देखकर कहा था-" बाबा आदम के जमाने की है, अब तो डिजिटल
ले लो एक जापानी सस्ती मिल जाती है। M
प्रश्न 4. रोजी-रोटी की तलाश में यशोधर पंत दिल्ली में किसकी शरण में
आए थे ?
उत्तर-
रोजी-रोटी की तलाश में मैट्रिक पास यशोधर पंत-दिल्ली में किशनदा की शरण में आए थे।
उन्होंने मैस का रसोइया बनाकर रख लिया।
प्रश्न 5. किशनदा ने यशोधर पंत को पचास रुपये उधार क्यों दिए थे ?
उत्तर-
किशनदा ने यशोधर पंत को पचास रुपये उधार इसलिए दिए थे कि वह अपने लिए कपड़े बनवा सके
और गाँव पैसे भेज सके।
प्रश्न 6. किशनदा यशोधर पंत की सरकारी नौकरी क्यों नहीं लगवा सके थे
?
उत्तर:-
किशनदा यशोधर पंत की सरकारी नौकरी इसलिए नहीं लगवा सके थे क्योंकि उनकी उम्र उस समय
सरकारी नौकरी के लिए कम थी।
प्रश्न 7. यशोधर बाबू ने कौन-सी अदा किशनदा से सीखी थी?
उत्तर
यशोधर बाबू खुश होते हुए झेंपे और झेंपते हुए खुश हुए।" यह अदा उन्होंने किशनदा
से सीखी थी।
प्रश्न 8. आधुनिक पुवा बन चलने पर यशोधर बाबू के बच्चे उनसे क्या अपेक्षा
करते हैं?
उत्तर:-
बच्चे उनसे अपेक्षा करते हैं कि वे स्कूटर ले लें, क्योंकि साइकिल तो चपरासी चलाते
हैं। साइकिल चलाना उन्हें नागवार गुजरता है।
प्रश्न 9. सिल्वर वैडिंग कहानी किस द्वन्द्व पर आधारित है?
उत्तर-
यशोधर बाबू पुरानी पीढ़ी के प्रतिनिधि हैं। उनके बच्चे आधुनिक रंग-ढंग और प्रगति के
दीवाने हैं पूरी कहानी इसी द्वन्द्व पर आधारित है।
प्रश्न 10. सिल्वर वैडिंग कहानी में लेखक क्या कहना चाहता है?
उत्तर:-
लेखक कहना चाहता है कि यदि नित बदलती दुनिया में सम्मान से जीना चाहते हो तो नए परिवर्तनों
को अनुचित बताने की बजाय उन्हें स्वीकार करो।
प्रश्न 11. यशोधर बाबू ने अपने जीवन में मकान क्यों नहीं बनवाया ?
उत्तर-
किशनदा ने उनसे कहा था- मूर्ख लोग मकान बनवाते हैं, स्याने उसमें रहते हैं। उनकी इस
उक्ति से प्रभावित होकर उन्होंने आजीवन सरकारी क्वार्टर में रहने का निश्चय किया।
प्रश्न 12. यशोधर बाबू अपने परिवार से क्या अपेक्षा करते थे ?
उत्तर-
वे अपने परिवार से अपेक्षा करते थे कि सभी उनका सम्मान करें, हर बात में उनकी राय ली
जाए, बच्चे अपना वेतन लाकर उन्हें ही दें।
प्रश्न 13. सिल्वर वैडिंग कहानी में किस प्रवृत्ति पर व्यंग्य किया
गया है?
उत्तर-
प्रस्तुत कहानी में आधुनिकता के मोह में पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण और मानव मूल्यों
की हास की प्रवृत्ति पर व्यंग्य किया गया है।
प्रश्न 14. सिल्वर वैडिंग' कहानी से हमें क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर-
कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि जीवन में आधुनिकता का - समावेश करें परन्तु पाश्चात्य
संस्कृति का अंधानुकरण नहीं करें।
प्रश्न 15. किशन दा ने अपना जीवन किसके नाम कर दिया था ?
उत्तर-
किशनदा ने अपना जीवन समाज सेवा जैसे अच्छे काम के लिए समर्पित कर दिया था ।
प्रश्न 16. सिल्वर वैडिंग का आयोजन क्यों हुआ था ?
उत्तर-
यशोधर बाबू की शादी के 25 वर्ष पूरे होने की खुशी में सिल्वर वैडिंग का आयोजन किया
गया था।
प्रश्न 17. रिटायरमेंट के समय यशोधर बाबू का वेतन कितना था ?
उत्तर
रिटायरमेंट के समय यशोधर बाबू का वेतन डेढ़ हजार रुपया था।
प्रश्न 18. यशोधर बाबू ने किसी स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा पास की
थी ?
उत्तर-
रैम्जे स्कूल अल्मोड़ा से यशोधर बाबू ने अपनी मैट्रिक के परीक्षा पास की थी।
प्रश्न 19. यशोधर बाबू की शादी कब हुई थी ?
उत्तर-
6 फरवरी सन् 1947 को यशोधर बाबू की शादी हुई थी।
प्रश्न 20. सिल्वर वैडिंग का आयोजन क्यों हुआ था?
उत्तर-
यशोधर बाबू के शादी के 25 वर्ष पूरे होने की खुशी में सिल्वर वैडिंग का आयोजन किया
गया था।
वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर-
प्रश्न 1 सिल्वर वैडिंग शादी का कौन सा साल होता है?
क.
21
ख.
22
ग.
23
घ. 25
2. किशनदा का पूरा नाम क्या था ?
क.
कृष्ण पांडे
ख.
गोपी नन्द
ग.
कृष्णानाथ पाण्डेय
घ. कृष्णा नन्द पांडे
3. यशोधर पंत को चड्ढा की कौन सी बात इम्प्रॉपर महसूस होती है?
क.
मोहरी वाली पतलून
ख.
ऊंची एड़ी के जूते
ग. A तथा B दोनों
घ.
इनमे से कोई नहीं
4. यशोधर बाबू को कौन सी सवारी निहायती बेहूदा लगती है?
क.
रेल गाडी
ख. स्कूटर
ग.
साइकिल
घ.
गाड़ी
5.' सिल्वर वैडिंग पर भूषण ने अपने पिता को क्या उपहार दिया ?
क.
घड़ी
ख.
पैंट
ग.
पैंट और कमीज़
घ. ऊनी डेसिंग गाउन
6. यशोधर का दूसरा बेटा क्या करता है?
क.
नौकरी
ख.
साफ सफाई
ग. आईएएस की तैयारी
घ.
समाज सेवा
7. यशोधर पंत के बड़े लड़के का क्या नाम है?
क.
श्याम
ख.
राम
ग. भूषण
घ.
रमेश
8. यशोधर पंत का बड़ा लड़का क्या करता है?
क. विज्ञापन कंपनी में नौकरी
ख.
साफ सफाई
ग.
समाज सेवा
घ.
शिक्षक
9. यशोधर का तीसरा बेटा स्कॉलरशिप लेकर कहाँ चला गया?
क.
पाकिस्तान
ख.
जापान
ग.
कनाडा
घ. अमेरिका
10. यशोधर के जीजा का क्या नाम है ?
क.
राम जोशी
ख.
काम जोशी
ग.
श्याम जोशी
घ. जनार्दन जोशी
11. यशोधर पंत बार बार किस शब्द का प्रयोग करते हैं?
क.
एक्स्क्यूस मी
ख.
सॉरी
ग.
इट्स ओके
घ. सम्हाउ इम्प्रॉपर
12. यशोधर पंत की सिल्वर वैडिंग का प्रबंध किसने किया?
क.
रमेश ने
ख. भूषण ने
ग.
जनार्दन जोशी ने
घ.
इनमे से कोई नहीं
13. यशोधर बाबू के कितने बेटे थे ?
क
एक
ख.
दो
ग. तीन
घ.
चार
14. यशोधर बाबू कौन से पद पर नियुक्त थे-
क.
इंस्पेक्टर
ख.
सब इंस्पेक्टर
ग.
सफाई कर्मचारी
घ. सेक्शन ऑफिसर
15. यशोधर बाबू कैसी जिंदगी जीना चाहते थे ?
क.
कठोर
ख.
विलासतापूर्ण
ग.
शाही
घ. सरल और सादी
16. इस कहानी की मूल संवेदना क्या है ?
क. पीढ़ी का अंतराल
ख.
प्रकृति का प्रकोप
ग.
प्रदूषण
घ.
बाढ
17. ऑफिस से छुट्टी होने पर यशोधर बाबू कहाँ जाते थे ?
क.
इस्कॉन मंदिर
ख.
कमल मंदिर
ग. बिड़ला मंदिर
घ.
गुरुद्वारा
18. यशोधर बाबू घर से ऑफिस कैसे जाते थे?
क.
बस से
ख.
कार से
ग. पैदल
घ.
रथ से
19. यशोधर बाबू की किस से तकरार होती रहती थी ?
क.
भाई से
ख.
किशनदा से
ग. पत्नी और बच्चों से
घ.
इनमें से कोई नहीं
20. यशोधर बाबू जुड़े हुए हैं-
क.
आधुनिकता से
ख. पुरानी परंपराओं से
ग.
विलायती जीवन से
घ.
सरकारी कार्यालय से
21. भूषण ने यशोधर पंत को क्या उपहार दिया ?
क.
जीन्स
ख.
पजामा
ग. ऊनी गाउन
घ.
कमीज
22. सिल्वर वैडिंग पाठ किस विधा में रचित है ?
क.
निबंध
ख.
नाटक
ग.
एकांकी
घ. कहानी
23. यशोधर बाबू का परिवार किस संस्कृति में ढलने में सफल रहा?
क. पश्चिमी
ख.
भारतीय
ग.
चीनी
घ.
जापानी
24. गिरीश कौन था ?
क.
यशोधर का बेटा
ख. यशोधर की पत्नी का चचेरा भाई
ग.
यशोधर का ससुर
घ.
यशोधर का बड़ा भाई
25. यशोधर बाबू की बेटी क्या करना चाहती है ?
क.
आईएएस की तैयारी
ख.
पुलिस की नौकरी
ग. डॉक्टर की पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना
घ.
इनमें से कोई नहीं
26. यशोधर बाबू जुड़े हुए हैं-
क.
आधुनिकता से
ख. पुरानी परंपराओं से
ग.
विलायती जीवन से
घ.
सरकारी कार्यालय से
27. यशोधर बाबू की पत्नी किसका साथ देती है?
क.
पति का
ख
आधुनिकता का
ग. अपने बच्चों का
घ.
मौज मस्ती का
28. यशोधर बाबू के बड़े लड़के को कितने रुपये मासिक की नौकरी मिली?
क.
1800 रुपये
ख.
1600 रुपये
ग. 1500 रुपये
घ.
1400 रुपये
29. यशोधर बाबू का अपने बच्चों के प्रति कैसा व्यवहार था ?
क.
स्नेहपूर्ण
ख.
ईष्यापूर्ण
ग.
घृणापूर्ण
घ. अलगाव
30. जब सब्जी लेकर यशोधर घर पहुँचे तो उनकी दशा कैसी थी ?
क.
द्वारिका जाने वाले सुदामा जैसी
ख. द्वारिका से लौटे सुदामा जैसी
ग.
बचपन के सुदामा जैसी
घ.
पत्नी के साथ सुदामा जैसी
31. यशोधर बाबू के क्वार्टर में कितने कमरे थे?
क. दो
ख.
तीन
ग.
चार
घ.
एक
32. 'सिल्वर वैडिंग' में गाउन पहनते समय यशोधर बाबू को कौन-सी बात चुभी?
क.
पत्नी द्वारा उपेक्षा
ख.
भूषण के व्यंग्य वचन
ग.
केक काटना
घ. दूध लाने की बात
33. सिल्वर वैडिंग पाठ के लेखक का नाम क्या है?
क.
फणीश्वर नाथ रेणु
ख. मनोहर श्याम जोशी
ग.
श्याम मनोहर जोशी
घ.
मनोहर वर्मा
34. 'सिल्वर वैडिंग' कहानी के कथानायक का नाम क्या है?
क. यशोधर बाबू
ख.
भूषण
ग.
किशनदा
घ.
चड्ढा
35. यशोधर बाबू किसको अपना आदर्श मानते थे?
क.
भूषण को
ख. किसनदा को
ग.
अपनी पत्नी को
घ.
अपने साले को
36. यशोधर बाबू सर्वप्रथम किस पद पर नियुक्त हुए ?
क. बॉय सर्विस
ख.
क्लर्क
ग.
सहायक क्लर्क
घ.
सेक्शन आफ़िसर
37. यशोधर का पूरा नाम है-
क.
यशोधर बाबू
ख.
ए०डी० पंत
ग. वाई०डी० पंत
घ.
ओ०डी० पंत
38. यशोधर बाबू के विवाह की कौन-सी वर्षगाँठ मनाई गई ?
क.
बीसवीं
ख.
तीसवीं
ग. पच्चीसवीं
घ.
चालीसवीं
39. दफ्तर के बाबुओं को अपनी सिल्वर वैडिंग के लिए यशोधर बाबू ने कुल
कितने रुपये दिए ?
क.
दस
ख.
पंद्रह
ग.
बीस
घ. तीस
40. लेखक ने पशोधर बाबू को किशनदा का कौन-सा पुत्र कहा है?
क. मानस पुत्र
ख.
दत्तक पुत्र
ग.
नाजायज़ पुत्र
घ.
पुत्र
41. यशोधर बाबू मूलतः कहाँ के रहने वाले थे?
क.
दिल्ली के
ख.
आगरा के
ग. कुमाऊँ के
घ.
मेरठ के
42. किशनदा यशोधर को क्या कहकर बुलाते थे ?
क. भाऊ
ख.
बेटा
ग.
यशोधर
घ.
भाई
JCERT/JAC Hindi Core प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
आरोह भाग -2 | |
काव्य - खंड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | तुलसीदास-कवितावली (उत्तर कांड से),लक्ष्मण मूर्च्छा और राम का विलाप |
9. | |
10. | |
11. | |
गद्य - खंड | |
12. | |
13. | |
14. | |
15. | |
16. | |
17. | |
18. | बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर-श्रम विभाजन और जाति-प्रथा,मेरी कल्पना का आदर्श समाज |
वितान भाग- 2 | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
Solved Paper 2023 |