10th Social Science (Civics) 6. राजनीतिक दल

10th Social Science (Civics) 6. राजनीतिक दल

10th Social Science (Civics) 6. राजनीतिक दल


प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 10

Social Science (Civics)

6. राजनीतिक दल

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. इनमें से किस देश में एक दलीय शासन व्यवस्था है?

A. भारत

B. चीन

C. ब्रिटेन

D. अमेरिका

उत्तर - B चीन

2. बहुजन समाजवादी पार्टी की स्थापना कब और किसने की थी ?

A. 1984, काशीराम

B. 1985, मायावती

C 1990, ममता बनर्जी

D. इनमें से कोई नहीं

उत्तर - A 1984, काशीराम

3. बहुजन समाजवादी पार्टी का क्या महत्व है?

A. शिक्षित लोगों को सुरक्षित करना

B बेरोजगारों को रोजगार देना

C उत्पीड़ित लोगों के हितों को सुरक्षित करना

D. गरीब लोगों का उत्थान करना

उत्तर - C. उत्पीड़ित लोगों के हितों को सुरक्षित करना

4. एक दल को छोड़कर दूसरे दल पर चले जाने को क्या कहते हैं?

A. राजनीतिक दल

B. दल बदल

C. दबाव समूह

D. हित समूह

उत्तर B. दलबदल

5. जो चुनाव लड़ने और सरकार में राजनीतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करता है उसे क्या कहते हैं?

A. दलबदल

B. राजनीतिक दल

C. दबाव समूह

D. नौकरशाही

उत्तर -B. राजनीतिक दल

6. पार्टियां अपने मतदाताओं का चुनाव करते हैं। और. को आगे रखते हैं और

A. नीतियों और कार्यक्रमों

B. नियम और कानूनों

C. अमीरी और गरीबी

D. उद्देश्य और हित

उत्तर – A. नीतियों और कार्यक्रमों

7. लोकतांत्रिक देशों में राजनीतिक दल क्या होते हैं?

A. हित समूह

B. तानाशाही

C. सर्वव्यापी

D. इनमें से कोई नहीं

उत्तर- C. सर्व व्यापी

8. कई दलों वाले देश की व्यवस्था को क्या कहते हैं?

A. एक दलीय व्यवस्था

B. दो दलीय व्यवस्था

C. बहुदलीय व्यवस्था

D. इनमें से कोई नहीं

उत्तर - C. बहुदलीय व्यवस्था

9. कानूनों को कौन पास करता है ?

A . कार्यपालिका

B. विधायिका

C. न्यायपालिका

D. स्थानीय सरकार

उत्तर B. विधायिका

10. भाजपा की स्थापना कब हुई?

A. 1985

B. 1980

C. 1975

D. 1970

उत्तर- B. 1980

11. भारतीय जनता पार्टी का मुख्य प्रेरक सिद्धांत क्या है?

A. क्रांतिकारी राष्ट्र

B. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

C आर्थिक राष्ट्रवाद

D. आंदोलनकारी राष्ट्रवाद

उत्तर - B. सांस्कृतिक राष्ट्रवाद

12. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना कब की गई?

A. 1925

B. 1927

C 1929

D. 1930

उत्तर- A. 1925

13. भारत में पहली बार केंद्र में गैर कांग्रेसी सरकार कब बनी?

A. 1967

B. 1977

C. 1989

D. 1991

उत्तर- B. 1977

14. भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह क्या है?

A. हाथ का पंजा

B. हाथी

C. कमल

D. चक्र

उत्तर- C. कमल

15. किस के नेतृत्व में 1977 में जनता पार्टी का गठन हुआ था?

A. लोकनायक जयप्रकाश नारायण

B. कर्पूरी ठाकुर

C. चंद्रशेखर

D. मोरारजी देसाई

उत्तर - D. मोरारजी देसाई

16. राजनीतिक दलों को मान्यता कौन देता है?

A. चुनाव आयोग

B. राष्ट्रपति

C. संसद

D. न्यायपालिका

उत्तर- A. चुनाव आयोग

17. कांग्रेस की स्थापना कब हुई थी?

A. 1880

B. 1885

C 1890

D. 1906

उत्तर B. 1885

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. राजनीतिक दल किसे कहते हैं?

उत्तर- एक ऐसा संगठित समूह जो देश के राजनीतिक क्रियाकलापों में भाग लेकर देश की सत्ता पर अधिकार जमाने का प्रयास करता है अर्थात सरकार का निर्माण कर देश की शासन व्यवस्था संभालता है उसे राजनीतिक दल कहते हैं।

2. दल बदल की राजनीति क्या है?

उत्तर - विधायिका के लिए किसी दल विशेष से निर्वाचित होने वाले प्रतिनिधि का उस दल को छोड़कर किसी अन्य दल में चले जाना दल बदल की राजनीति कहलाता है।

3. शपथ पत्र से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- किसी अधिकारी को सौंपा गया एक दस्तावेज। इसमें कोई व्यक्ति अपने बारे में निजी सूचनाएं देता है और उनके सही होने के बारे में शपथ उठाता है। इस पर सूचना देने वाले के हस्ताक्षर होते हैं। इसे शपथ पत्र कहते हैं।

4. बहुदलीय व्यवस्था क्या है?

उत्तर- जब किसी देश में अनेक दल सत्ता प्राप्ति की होड़ में हो और दो दलों से अधिक दल अपने दम पर या दूसरे दलों से गठबंधन कर सत्ता में आने का अवसर तलाशते हैं तो ऐसी व्यवस्था हो बहुदलीय व्यवस्था कहते हैं।

5. द्विःदलीय व्यवस्था किसे कहते हैं?

उत्तर- ऐसी राजनीतिक चुनावी व्यवस्था जिससे केवल दो ही दल भाग ले सकते हैं उसे द्विदलीय राजनीतिक व्यवस्था कहते हैं। जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन ।

6. एक दलीय व्यवस्था किसे कहते हैं?

उत्तर- कई देशों में एक ही दल को शासन की प्रक्रिया में भाग लेने का अधिकार है अर्थात केवल एक ही दल सरकार बना सकती है और देश को चला सकती है इसे एक दलीय व्यवस्था कहते हैं। जैसे चीन ।

7. शासक दल किसे कहते हैं?

उत्तर- ऐसा दल जो सत्ता में रहकर पूरे देश को चलाती है या जिनकी सरकार बनी होती है उसे शासक दल कहते हैं।

8. गठबंधन सरकार किसे कहते हैं?

उत्तर- कई दलों से मिलकर बनी सरकार को गठबंधन सरकार करते

9. राष्ट्रीय दल को परिभाषित कीजिए ?

उत्तर - ऐसे राजनीतिक दल जो पूरे देश में फैले होते हैं, या यदि कोई राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव में कुल वोट का 6% मत हासिल करता है या चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में कुल वोट का 6% मत हासिल करता है तो वैसे दल को राष्ट्रीय दल कहते हैं।

10. क्षेत्रीय दल से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर- ऐसी राजनीतिक दल जो किसी विशेष क्षेत्र तक ही सीमित होते हैं। या केवल अपने ही राज्य का चुनाव लड़ते हैं उसे क्षेत्रीय दल कहते हैं। जैसे झारखंड - झारखंड मुक्ति मोर्चा, पंजाब- अकाली दल इत्यादि।

11. भारतीय जनता पार्टी की स्थापना कब और किसने की ?

उत्तर - भारतीय जनता का पुराना नाम भारतीय जनसंघ था। जिसे श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में गठित किया और यह पुनर्जीवित पार्टी के रूप में 1980 में अस्तित्व में आई।

12. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की स्थापना कब और किसने की और इसे राष्ट्रीय दल रूप में कब मान्यता प्राप्त हुई?

उत्तर- ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की स्थापना 1998 में ममता बनर्जी के द्वारा की गई और 2016 में इसे राष्ट्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त हुई।

13. बहुजन समाजवादी पार्टी के स्थापना कब और किसके द्वारा की गई थी

उत्तर - बहुजन समाजवादी पार्टी के स्थापना स्व. काशीराम के नेतृत्व में 1984 में की गई थी।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. राजनीतिक दलों के कोई तीन गुण लिखिए ?

उत्तर - राजनीतिक दल के गुण

1 यह जनता से जुड़ी मुद्दों पर नीतियां बनाते हैं।

2 यह समान राजनीतिक विचारधारा के होते हैं।

3. यह संगठित रूप से एक राजनीतिक इकाई के रूप में कार्य करते हैं।

2. भारत के राष्ट्रीय दलों के नाम लिखें?

उत्तर- 2017 से भारत में राष्ट्रीय दलों की संख्या 7 है-:

1 भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

2 भारतीय जनता पार्टी

3. बहुजन समाजवादी पार्टी

4. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी

5. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी

6. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी

7. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस

3. लोकतंत्र के लिए राजनीतिक दल क्यों आवश्यक है?

उत्तर- राजनीतिक दल की आवश्यकता- राजनीतिक दल लोकतंत्र की आधारशिला है। बिना राजनीतिक दल के लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं कर सकते। जिन देशों में राजनीतिक दलों को काम करने की स्वतंत्रता नहीं रहती, वहां के नागरिकों को भी कोई स्वतंत्रता नहीं मिलती। इसी आधार पर राजनीतिक दल को लोकतंत्र का प्राण" कहा जाता है। लोकतंत्र के अंतर्गत राजनीतिक दलों को सरकार का अभिन्न अंग माना जाता है। लोकतंत्र शासन की वह पद्धति है जिसका शासन जनता के चुने हुए प्रतिनिधि द्वारा होता है। राजनीतिक दल प्रतिनिधियों के निर्वाचन में मुख्य रूप से भाग लेते हैं। राजनीतिक दल लोकतांत्रिक शासन को व्यवहारिक रूप प्रदान करते हैं। राजनीतिक दल ही जनता को राजनीतिक प्रशिक्षण देते हैं। राजनीतिक दल निरंकुश शासन से लोगों की रक्षा तो करते हैं साथ ही शासन को बहुमत के अनुकूल बनाने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं । राजनीतिक दल लोकतंत्र में शिक्षा का मुख्य साधन है जिससे जनता में राजनीतिक जागरुकता पैदा होती है। स्पष्ट है कि लोकतंत्र की रक्षा का उत्तरदायित्व राजनीतिक दलों पर होता है।

4. लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था में राजनीतिक दलों की जरूरत क्यों होती है ? कारण दीजिए?

उत्तर- राजनीतिक दलों के बिना लोकतंत्र में शासन व्यवस्था नहीं चल सकती क्योंकि यह निम्न भूमिका अदा करते हैं:

1 देश के लिए कानून बनाने में

2. जनता का प्रतिनिधित्व करने में

3. सरकार बनाने और चलाने में

4 विपक्ष की भूमिका

5 विभिन्न मुद्दों पर जनता की राय लेते हैं।

5. भारतीय जनता पार्टी का गठन कब हुआ? इसके दो प्रमुख कार्य बताइए?

उत्तर- भारतीय जनता पार्टी का गठन 1980 में किया गया था। इसके दो प्रमुख कार्य

1 राज्यों को केंद्रीय आय तथा वित्तीय शक्त्तियों में बराबर की साझेदारी मिले

2. यह छोटे-छोटे राज्यों का समर्थन करता है।

6. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई उसकी नीतियों एवं कार्य के बारे में बताइए?

उत्तर - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना 1885 में ए.ओ. ह्यूम नामक एक अंग्रेज अधिकारी ने किया था।

इसकी नीतियाँ और कार्य निम्नलिखित है।

1. यह लोकतंत्र, पंथनिरपेक्ष और समाजवाद का समर्थक है

2 यह अल्पसंख्यक समुदाय के हितों को अपना मुख्य जनता मानती है

3. यह नई आर्थिक नीतियों का समर्थन करती है।

7. चुनाव आयोग के प्रमुख कार्यों को स्पष्ट कीजिए ?

उत्तर - चुनाव आयोग के प्रमुख कार्य

1 देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाना

2 राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना

3. उम्मीदवारों का नामांकन लेना

4. उम्मीदवार का नामांकन रद्द करना

5. राजनीतिक दलों को चुनाव चिन्ह प्रदान करना

6. चुनाव के समय आचार संहिता लागू करना

7. विजयी उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करना

8. चुनाव में आए खर्चों का ब्यौरा देना

8. राजनीतिक दलों को कैसे सुधारा जा सकता है?

> राजनीतिक दलों को सुधारने के लिए क्या क्या कदम उठाए जा सकते हैं?

उत्तर - राजनीतिक दलों को निम्नलिखित द्वारा सुधारा जा सकता है-

1.  दल बदल की राजनीति को रोककर

2. उम्मीदवारों को अपनी चल अचल संपत्ति का सही-सही ब्यौरा देने के लिए विवश किया जाए। उसके लिए कड़े कानूनों का निर्माण किया जाए।

3. राजनीतिक दल द्वारा अपने कार्यक्रमों और नीतियों को जनता जानकारी देना।

4. चुनाव में आए खर्च का ब्यौरा देकर

5. राजनीतिक छवि के व्यक्ति को राजनीति में लिया जाए।

6 आंदोलन और मीडिया के माध्यम से दबाव बनाया जाए

7. राजनीतिक दलों पर लोगों का दबाव हो

9. राजनीतिक दलों के सामने क्या-क्या चुनौतियां है?

उत्तर- वर्तमान समय में लोकतान्त्रिक देश में राजनीतिक पार्टियों को अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है-:

1. पार्टियों के भीतर बढ़ते असंतोष

2. अपराधिक छवि वाले या बाहुबलियों का राजनीतिक दल में बढ़ता प्रभाव

3. राजनीतिक दलों में वंशवाद का बढता प्रभाव

4. राजनीतिक दल में धनियो का बढ़ता प्रभाव

5. समय समय पर नेताओं के द्वारा पार्टियों को बदलने की नीति

10. क्षेत्रीय दलों का क्या महत्व है?

उत्तर- क्षेत्रीय दलों का महत्व भारत जैसे विस्तृत देश में क्षेत्रीय दलों का होना जरूरी है क्योंकि राष्ट्रीय स्तरीय पार्टी भारत की जनता की हर छोटी बड़ी समस्याओं का समाधान करने में असमर्थ हो जाती है। उन परिस्थितियों में क्षेत्रीय दलों की भूमिका अहम होती है। क्षेत्रीय दल किसी क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगों की समस्या से अवगत होकर उन समस्याओं का समाधान करते हैं।

क्षेत्रीय दल अपने क्षेत्र की समस्याओं को संसद तक पहुंचाते है ताकि केंद्र सरकार, राज्य सरकार के साथ मिलकर समस्या समाधान करें। साधारणतयाः ऐसे दल विरोधी दल को मजबूत करते हैं।

11. लोकतंत्र में विपक्षी दल की भूमिका का वर्णन करें?

उत्तर- लोकतंत्र में विपक्षी दल की भूमिका महत्वपूर्ण होती है क्योंकि विपक्षी दल ही सत्तारुढ दल पर अंकुश रखता है। सरकार की आलोचना करते है। सरकारी निर्णय के विरुद्ध आंदोलन एवं प्रदर्शन करता है। मंत्रियों से प्रश्न पूछता है। सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव लाकर और आवश्यकता पड़ने पर सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाकर विपक्षी दल सरकार को नियंत्रित करता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की भूमिका एवं कार्यों की चर्चा करें?

उत्तर- लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की भूमिका एवं कार्य निम्नलिखित है

1. चुनाव- राजनीतिक दल का मुख्य कार्य होता है देश में सरकार गठन के लिए होने वाले राजनीतिक चुनाव में भाग लेना । राजनीतिक दल चुनाव लड़ते हैं। अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में चुनाव राजनीतिक दलों द्वारा खड़े किए गए उम्मीदवारों के बीच लड़ा जाता है। राजनीतिक दल उम्मीदवारों का चुनाव कई तरीकों से करते है।

2. नीतियों की घोषणा- घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के सामने कुछ सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक मसले होते हैं। राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग नीतियों और विचारों को मतदाताओं के सामने रखती है तथा विभिन्न मसलों के समाधान के उपाय भी सुझाती है। साथ ही मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अपनी नीतियों या उद्देश्यों की घोषणा करती है।

3. जनमत निर्माण- राजनीतिक पार्टियां लोगों के हितों के मामलों को देश के सामने रखती है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रेस, टेलीविजन तथा नुक्कड़ सभाएं जैसे जनसंचार के सभी माध्यमों का प्रयोग करती है। इस प्रकार राजनीतिक पार्टियां अपने समर्थन के लिए लोगों को शिक्षित तथा प्रभावित करती है। राजनीतिक पार्टियां जनमत निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

4. सरकार बनाना तथा चलाना- सरकार बनाना राजनीतिक पार्टी का प्रमुख कार्य तथा उद्देश्य है। संसदीय व्यवस्था में, सत्ता में दल का नेता प्रधानमंत्री बनता है तथा वह अपनी कैबिनेट में अन्य मंत्रियों को नियुक्त करता है।

5. कानून का निर्माण- राजनीतिक दल कानून के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं

6. राजनीतिक दल सरकार और जनता के बीच कड़ी का काम करते हैं।

7. जनता को शिक्षित करना- राजनीतिक मामलों में जनता को शिक्षित करने का काम राजनीतिक दल को है। वह अपने कार्यक्रमों, नीति और दृष्टिकोण जनता के सामने रखते हैं जिससे जनता को राजनीतिक शिक्षा मिलती है।

2. राजनीतिक दल अपना कामकाज बेहतर ढंग से करें इसके लिए उन्हें मजबूत बनाने के लिए कुछ सुझाव दें?

उत्तर - राजनीतिक दल अपना कामकाज बेहतर ढंग से करें इसलिए निम्नलिखित सुझाव दिए जा सकते हैं-:

1. राजनीतिक दलों में अपराधी छवि एवं बाहुबली लोगों के प्रवेश पर अंकुश लगाना चाहिए।

2. राजनीतिक दलों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित होनी चाहिए

3. दलबदल को रोकने के लिए कड़े कानून का निर्माण होना चाहिए। जैसे अगर कोई व्यक्ति अपना दल को बदलता है तो उसे अपनी सीट छोड़नी पड़ेगी।

4. चुनाव के समय होने वाले खर्च का प्रबंध राज्य करें। जिससे वे दल कंपनी और व्यक्ति के प्रभाव में ना आए इसके साथ ही प्रत्येक उम्मीदवारों की संपत्ति का ब्यौरा उससे मांगा जाए।

5. पार्टियों को अपने कानून एवं नीतियां निर्धारित करनी चाहिए ताकि जनता उनकी नीतियों से अवगत हो सके। जनता के हित में कार्य करने वाले इच्छुक व्यक्ति को ही पार्टी में शामिल करना चाहिए। ताकि वह व्यक्ति देश के हित एवं जनता के हित में कार्य कर सकें।

6. चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष पद्धति से होनी चाहिए।

7. राजनीतिक दल में शिक्षित व्यक्तियों को शामिल किया जाना चाहिए जिसे राजनीति के बारे में पूरा ज्ञान हो।

8. लोकतांत्रिक देशों में बहु दलीय पद्धति हो।

3. भारतीय दलीय पद्धति की विशेषताओं का वर्णन करें?

उत्तर- भारतीय दलीय पद्धति की विशेषताएं निम्नलिखित है:

1. बहुदलीय प्रणाली- भारत में बहुदलीय प्रणाली की व्यवस्था है ।2017 में राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की संख्या 7 हो गई। राष्ट्रीय दलों के अलावा कई अन्य राज्य स्तर और क्षेत्रीय दल भी हैं। जैसे पंजाब में शिरोमणि अकाली दल, जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस, महाराष्ट्र में शिवसेना इत्यादि ।

2. एक पार्टी के प्रभुत्व का अन्त- एक दलीय प्रभुत्व की अध्यक्षता लोकतंत्र विरोधी होती है क्योंकि एक दल की अध्यक्षता के कारण दूसरे दल विकसित नहीं हो सकते हैं। अतः बहुदलीय पद्धति से एक दल के प्रभुत्व का अंत हो जाता है क्योंकि इसमें दो या दो से अधिक दल चुनावी प्रक्रिया में भाग लेते हैं।

3. प्रमुख और ताकतवर विपक्षी दल संसदीय लोकतंत्र में विपक्ष उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि सत्ता पक्ष या सरकार । संसदीय सरकार में संगठित विपक्षी पार्टी का होना बहुत जरूरी है ताकि विपक्ष सत्ताधारी दल को अनुचित काम करने से रोक सके और उसे कुशलतापूर्वक और जिम्मेदारी से काम करने के लिए मजबूर कर सकें।

4. चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों का पंजीकरण- कोई भी संगठन तब तक राजनीतिक दल नहीं बन सकते जब तक कि वह चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत न हो। पंजीकरण के लिए, प्रत्येक राजनीतिक दल को चुनाव आयोग को एक याचिका प्रस्तुत करनी होती है। ऐसी याचिका पर राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं। जिसमें पार्टी का नाम, पदाधिकारियों का नाम, संसद और राज्य विधानसभाओं में सदस्यों की संख्या आदि शामिल करना होता है। ऐसे दलों पंजीकरण हो सकता है जिन्होंने अपने संविधान में स्पष्ट रूप से कहा है कि वे देश के संविधान और लोकतंत्र में विश्वास करते हैं। देश की प्रभुसत्ता, एकता और अखंडता की रक्षा के लिए एक संकल्प की घोषणा करना जरूरी है।

5. चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक दलों को मान्यता- चुनाव आयोग राजनीतिक दलों को मान्यता देता है और चुनाव चिन्ह प्रदान करता है।

6. जनता के राजनीतिक शिक्षा देना- दलीय पद्धति होने के कारण जनता में राजनीतिक जागरुकता आती है जनता विभिन्न राजनीतिक दलों का तर्क और वितर्क करती है। जिसके कारण जनता में राजनीतिक शिक्षा आता है।

विषय-सूची

इतिहास

भारत और समकालीन विश्व- 2

1.

यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

2.

भारत में राष्ट्रवाद

3.

भूमंडलीकृत विश्व का बनना

4.

औद्योगीकरण का युग

5.

मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

भूगोल

समकालीन भारत- 2

1.

संसाधन और विकास

2.

वन एवं वन्य जीव संसाधन

3.

जल संसाधन

4.

कृषि

5.

खनिज तथा उर्जा संसाधन

6.

विनिर्माण उद्योग

7.

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

नागरिक शास्त्र

लोकतांत्रिक राजनीति-2

1.

सत्ता की साझेदारी

2.

संघवाद

3.

लोकतंत्र और विविधता

4.

जाति, धर्म और लैंगिक मसले

5.

जन-संघर्ष और आंदोलन

6.

राजनीतिक दल

7.

लोकतंत्र के परिणाम

8.

लोकतंत्र के चुनौतियाँ

अर्थशास्त्र

आर्थिक विकास की समझ

1.

विकास

2.

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

3.

मुद्रा और साख

4.

वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

5

उपभोक्ता अधिकार

JAC वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2023 - प्रश्नोत्तर

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