10th Social Science (Economics) 4. वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

10th Social Science (Economics) 4. वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

10th Social Science (Economics) 4. वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था


प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 10

Social Science (Economics)

4. वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1. निम्न में से किस को वैश्वीकरण में सबसे कम लाभ हुआ है?

A. कृषि क्षेत्र

B. सेवा क्षेत्र

C. द्वितीय क्षेत्र

D. उद्योग

उत्तरः A. कृषि क्षेत्र

2. घरेलू अर्थव्यवस्था और विश्व अर्थव्यवस्था को जोड़ना कहलाता है:

A. वैश्वीकरण

B. राष्ट्रीयकरण

C. उदारीकरण

D. निजीकरण

उत्तर: A. वैश्वीकरण

3. वैश्वीकरण ने जीवन स्तर के सुधार में सहायता पहुंचाई है:

A. सभी लोगों को

B. विकसित देश के लोगों को

C. विकासशील देशों के श्रमिकों को

D. उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तरः B. विकसित देश के लोगों को

4. वैश्वीकरण और इसकी निराशापुस्तक के लेखक कौन हैं?

A. अमर्त्य सेन

B. डॉ मनमोहन सिंह

C. जोजेफ स्टिग्लिटज

D. उपरोक्त में से कोई नहीं

उत्तर: C. जोजेफ स्टिग्लिटज

5. टेलीकम्युनिकेशन का भाग इनमें से कौन सा है?

A. टेलीग्राम

B. Fax

C. टेलीफोन

D. उपरोक्त सभी

उत्तरः D. उपरोक्त सभी

6. अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र का हिस्सा कितना है?

A. 4%

B. 2%

C. 20%

D. 1%

उत्तर: D. 1%

7. भारत में फोर्ड मोटर कंपनी कब आई?

A. 1998

B. 1995

C. 1990

D. 1996

उत्तर: B. 1995

8. वैश्वीकरण ने लोगों के जीवन स्तर में सुधार में मदद की है:

A. विकासशील देशों के श्रमिकों के जीवन स्तर

B. विकसित देशों के लोगों के जीवन स्तर

C. सभी देशों के सभी लोगों के जीवन स्तर

D. इनमें से कोई नहीं

उत्तरः B. विकसित देशों के लोगों के जीवन स्तर

9. वैश्वीकरण ने प्रोत्साहित किया है:

A. पूंजी प्रवाह

B. विश्व बाजार में भारतीय श्रमिक प्रवाह

C. पूंजी प्रवाह एवं श्रम प्रवाह

D. इनमें से कोई नहीं

उत्तरः A. पूंजी प्रवाह

10. वैश्वीकरण की शुरुआत किस वित्त मंत्री द्वारा किया गयाः

A. डॉ मनमोहन सिंह

B. पी चिदंबरम

C. यशवंत सिन्हा

D. जसवंत सिंह

उत्तर: A. डॉ मनमोहन सिंह

11. वैश्वीकरण के विगत दो दशकों में दूत आवागमन देखा गया है:

A. देशों के बीच वस्तुओं सेवाओं और लोगों का

B. देशों के बीच वस्तुओं सेवाओं और निवेश का

C. देशों के बीच वस्तुओं निवेश और लोगों का

D. इनमें से कोई नहीं

उत्तरः B. देशों के बीच वस्तुओं सेवाओं और निवेश का

12. विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग है:

A. नए कारखानों की स्थापना

B. स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना

C. स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना

D. इनमें से सभी

उत्तरः B. स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना।

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. उदारीकरण से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तरः सरकार द्वारा प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहा जाता है।

2. निवेश किसे कहते हैं?

उत्तरः भूमि, भवन, मशीनें और अन्य उपकरणों आदि परिसंपत्तियों की खरीद में व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं।

3. वैश्वीकरण का क्या अर्थ है?

उत्तरः हमारी अर्थव्यवस्था और विश्व अर्थव्यवस्था में सामंजस्य स्थापित करना है, वैश्वीकरण कहलाता है।

4. विदेश व्यापार के उदारीकरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तरः विदेशी व्यापार और विदेशी निवेश पर सरकार द्वारा निर्धारितप्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया है, विदेश व्यापार का उदारीकरण कहलाता है।

5. बहुराष्ट्रीय कंपनियां किन्हें कहा जाता है?

उत्तरः बहुराष्ट्रीय कंपनियां वह है जो से अधिक देशों में उत्पादन पर स्वामित्व या नियंत्रण रखती है।

6. इंटरनेट से क्या लाभ हो रहा है?

उत्तरः इंटरनेट द्वारा आप सभी प्रकार की जानकारियां जिन्हें आप जानना चाहते हैं, आप एकदम प्राप्त कर सकते हैं।

7. व्यापार अवरोधक से क्या लाभ है?

उत्तरः इसके द्वारा कोई भी सरकार अपने नव विकसित उद्योगों को विश्व की प्रतिस्पर्धा से बचा सकती है।

8. व्यापार और उदारीकरण से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तरः व्यापार और उदारीकरण सरकार के हाथ में एक हथकंडा होता है, जिसका प्रयोग करके वह आयात और निर्यात में संतुलन बनाए रख सकती है।

9. कंटेनरों से क्या लाभ हो रहा है?

उत्तर: कंटेनर के कारण जहां ढुलाई लागत में भारी बचत हुई है वही माल को बाजारों तक पहुंचाने की गति में भी काफी वृद्धि हुई है।

10. विश्व व्यापार संगठन के दो उद्देश्य लिखें

उत्तरः विश्व व्यापार संगठन के दो उद्देश्यः

अ. विश्व व्यापार संगठन की स्थापना में संयुक्त राष्ट्र संगठन द्वारा अंतरराष्ट्रीय व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए की गई है इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड जेनेवा में है।

ब. विश्व व्यापार संगठन देशों के बीच व्यापार के समान रूप से विकास में मदद करता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नः

प्रश्न 1. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तरः वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा संपूर्ण विश्व एकल बाजार बन जाता है इसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विदेशी निवेश और विदेशी व्यापार के माध्यम से विभिन्न देशों के बीच तीव्र एकीकरण या परस्पर संबंध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है:

अ. इस प्रक्रिया में हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक रूप से वर्ष पर निर्भर हो जाते हैं।

ब. देश के बाहर के उत्पादक भारत में अपने वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन और बिक्री कर सकते हैं।

स. हम भी अन्य देशों में अपने वस्तुओं एवं सेवाओं का उत्पादन और बिक्री कर सकते हैं।

द. श्रमिक भी एक देश से दूसरे देश आवागमन कर सकते हैं।

ज. विश्व के विभिन्न देशों के बीच श्रम का मुक्त प्रवाह।

ह. टेक्नोलॉजी का मुक्त प्रवाह

ट. विदेशी निवेश अथवा पूंजी का मुक्त प्रवाह 1991 ईस्वी की नई आर्थिक नीति के बनने के बाद भारत में वैश्वीकरण को प्रोत्साहन मिला है।

प्रश्न 2. श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को कैसे मदद करेगा।

उत्तरः श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों को निम्न प्रकार से मदद करेगा:

अ. अस्थाई रोजगार: कंपनियां श्रमिकों को अस्थाई रूप से रोजगार में लगाएगी ताकि उन्हें श्रमिकों को पूरे वर्ष भुगतान न करना पड़े इससे उनकी लागत कम होगी

ब. अवकाश का अवसर नहीं: वे श्रमिकों से आधे घंटे और व्यस्त मौसम में नियमित रूप से रात में भी काम कराएगी इस प्रकार से श्रम लागतो में कटौती कर अधिक लाभ कमाएंगी।

स. अधिककाम कम वेतनः वे अधिक लाभ कमाने के लिए श्रमिकों को कम मजदूरी देगी और अतिरिक्त घंटे काम करने के लिए बाध्य करेगी, क्योंकि श्रमिक के पास काम करने के अतिरिक्त कोई उपाय नहीं है।

द. सुविधाओं की कमीः उन्हें प्रोविडेंट फंड, छुट्टी के दिन का भुगतान, स्वास्थ्य, बीमा, पेंशन अतिरिक्त घंटों का दोगुनी भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इस प्रकार कंपनियां श्रम लागतो में कटौती कर अधिक लाभ कमाएंगी।

प्रश्न 3. वैश्वीकरण प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियों की क्या भूमिका है?

उत्तर:

क. बहुराष्ट्रीय कंपनियांविश्व में ऐसे स्थानों की तलाश में रहती है, जहां उनके उत्पादन की लागत कम हो, और अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सके।

ख. विभिन्न देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के निवेश में लगातार वृ‌द्धि हो रही है, इसके साथ ही विभिन्न देशों के बीच विदेश व्यापार में भी वृद्धि हुए हैं।

ग. विदेश व्यापार का एक बड़ा भाग बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा नियंत्रित एवं संचालित होता है।

घ. इस प्रकार बहुराष्ट्रीय कंपनियां विभिन्न देशों के बीच संबंधों को तेजी से बढ़ा रही है, साथ ही विभिन्न देशों के बाजारों एवं उत्पादन में काफी तेजी से एकीकरण हो रहा है। कहा जा सकता है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियां वैश्वीकरण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, और साथ ही नई और उन्नत प्रौद्योगिकी लाती है।

प्रश्न 4. दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियां किस प्रकार उत्पादन या उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती है?

उत्तरः बहुराष्ट्रीय कंपनियां दूसरे देशों में निम्न प्रकार से उत्पादन उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती है:

1. बहुराष्ट्रीय कंपनियां उत्पादन वहां प्रारंभ करती है जहां:

क. मंडिया नजदीक है जहां उत्पाद बिक सके।

ख. सस्ता व कुशल श्रमिक उपलब्ध हो।

ग. उत्पादन के अन्य कारकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो।

घ. सरकारी नीतियां उदारीकरण के पक्ष में हो।

2. बहुराष्ट्रीय कंपनियां दूसरे देशों के कुछ स्थानीय कंपनियों के साथ संयुक्त रूप से अर्थात साझेदारी से उत्पादन प्रारंभ करती है इससे उन्हें वहां के देसी बाजार में पहचान मिलती है।

3. वे आपूर्ति के लिए स्थानीय कंपनियों का उपयोग करती है आगे यह वस्तुएं अपने ब्रांड के अंतर्गत उपभोक्ताओं को बेच देती है, वह अपने नाम के साथ स्थानीय कंपनियों का भी नाम रखती है।

4 यह स्थानीय कंपनियों से निकट प्रतिस्पर्धा करती है।

प्रश्न 5 : वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है इस कथन की व्याख्या अपने शब्दों में कीजिए। उपभोक्ता उत्पादों एवं श्रमिकों पर वैश्वीकरण का प्रभाव समान नहीं है, इसके कुछ प्रभाव धनात्मक हैं, तथा कुछ ऋणात्मक है।

उत्तरः

धनात्मक प्रभावः

क. शहरी क्षेत्रों के उपभोक्ताओं पर इसका प्रभाव लाभप्रद होता है।

ख. कुशल एवं प्रशिक्षित श्रमिकों पर भी इसका प्रभाव धनात्मक होता है

ग. बहुराष्ट्रीय कंपनियों को कच्चे माल की आपूर्ति करने से स्थानीय कंपनियां समृद्ध हुए हैं।

घ. सूचना प्रौद्योगिकी डाटा एंट्री लेखांकन प्रशासनिक कार्य और इंजीनियरिंग सेवाएं इससे लाभान्वित हुई है।

ड. वैश्वीकरण ने कुछ बड़ी कंपनियों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रूप में उभरने में सक्षम बनाया है।

ऋणात्मक प्रभावः

क. छोटे निर्माताओं पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

ख. कई छोटी इकाइयां बंद हो गई है, जिससे वहां काम करने वाले बहुत से श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं।

ग. छोटे एवं कुटीर उद्योग धंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के कारण ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हुए

प्रश्न 6. विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार मदद करता है ? व्याख्या कीजिए।

उत्तरः विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में निम्न प्रकार से मदद करता है:

क. व्यापार का अवसरः यह उत्पादकों को अपने देश से बाहर के बाजारों में भी अपने वस्तुएं एवं सेवाएं बेचने का अवसर प्रदान करता है।

ख. चुनाव का अवसरः यह क्रेताओं के लिए भी वस्तुओं एवं सेवाओं के चुनाव का विस्तार एवं आयातित वस्तुओं जिन वस्तुओं का उत्पादन देश से बाहर हुआ है, सिर्फ चुनाव का अवसर उपलब्ध कराता है।

ग. अंतरराष्ट्रीय कीमतः दो दूरस्थ देशों के बाजारों में समान वस्तुओं की कीमतें बराबर होती है।

घ. प्रतियोगी भावनाः 2 देशों के उत्पादक एक दूसरे से निकट प्रतिस्पर्धा करते हैं।

ड. गुणवत्ता को वरीयताः विदेश व्यापार के उदारीकरण के फल स्वरुप विदेशी कार निर्माता भारतीय बाजार में भारतीय और विदेशी कारों के बीच प्रतिस्पर्धा में विदेशी कार बेहतर साबित हुए इसलिए भारतीय कर्ताओं को कम कीमतों पर कारों के व्यापक चुनाव अवसर मिला है।

प्रश्न 7 विदेशी व्यापार का क्या लाभ होता है?

उत्तरः इस बात में कोई भी शक नहीं है कि विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में बड़ी मदद करता है यह निम्नांकित ढंग से होता है:-

क. विदेशी व्यापार के कारण एक देश का उत्पादक वर्ग अपना माल दूर-दूर के देशों में बिक्री के लिए भेज सकता है।

ख. यदि उनका माल अच्छा और सस्ता हो तो विश्व के बाजार में उनके माल की मांग कई गुना बढ़ सकती है और उनके नाम में भी चार चांद लग जाते हैं।

ग. विदेशी व्यापार के परिणाम स्वरूप ब्लैक मार्केट या काला बाजार का डर नहीं रहता क्योंकि विश्व के बाजार में चीजें खुलेआम मिलने लगती है।

घ. ग्राहकों को विदेशी व्यापार के कारण सबसे अधिक लाभ होता है अब उन्हें विभिन्न प्रकार की चीजें उनके अपने देश में ही उपलब्ध होने लगती है, तो उन्हें माल अच्छा और सस्ता मिलने लगता है।

ड. विदेशी व्यापार के कारण बाजारों का विस्तार हो जाता है, जिससे अतिरिक्त उत्पादन को विदेशी मंडियों से आसानी से बेचा जा सकता है।

प्रश्न 8. भारत सरकार द्वारा विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर आरोप लगाने के क्या कारण थे ? इन अवरोधों को को सरकार क्यों हटाना चाहती थी?

उत्तरः प्रारंभ में घरेलू उत्पादों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से संरक्षित करने की आवश्यकता महसूस की गई थी। भारतीय उद्योग 1950 एवं 1960 के दशक में अपनी प्रारंभिक अवस्था में था। इस अवस्था में आयातों से प्रतिस्पर्धा इन उद्योगों को विकसित नहीं होने देती यही कारण है कि भारत सरकार में आया तो को केवल मशीनरी उर्वरक पेट्रोलियम जैसी आवश्यक वस्तुओं तक ही सीमित रखा और विदेशी व्यापार एवं विदेशी निवेश पर अवरोधक लगाया।

इन अवरोधकों को सरकार इसलिए हटाना चाहती थी. क्योंकि कुछ समय उपरांत भारतीय उत्पादक विश्व के उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हो गए थे, अब यह महसूस किया जाने लगा था कि प्रतिस्पर्धा से घरेलू उत्पादकों के कामकाज में सुधार होगा क्योंकि उन्हें अपनी गुणवत्ता में सुधार करना आवश्यक होगा।

प्रश्न 9. व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में कैसे सहायता पहुंचाती है?

उत्तरः विदेशी निवेश और विदेशी व्यापार में व्यापार में और निवेश नीतियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके कारण विदेशी व्यापार निवेश में अत्यधिक वृ‌द्धि हुई है। आगे इससे विभिन्न देशों में उत्पादन और बाजारों के एकीकरण में वृ‌द्धि हुई है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां वैश्वीकरण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। अधिकाधिक वस्तुओं एवं सेवाओं निवेश और प्रौद्योगिकी का एक देश से दूसरे देश में आवागमन हो रहे हैं।

इस प्रकार व्यापार एवं निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में निम्न प्रकार से मदद की है:

क. एक देश से दूसरे देश को वस्तुओं एवं सेवाओं का आवागमन सरल हो गया है।

ख. विदेशी निवेश में वृद्धि से रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

ग. नई एवं उन्नत प्रौद्योगिकी का आवागमन से गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

घ. बेहतर आय बेहतर रोजगार या बेहतर शिक्षा की खोज में विभिन्न देशों के बीच लोगों का आवागमन शुरू हुआ है।

प्रश्न 10. विदेश व्यापार तथा विदेशी निवेश में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तरः बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा परिसंपत्तियों जैसे भूमि भवन मशीन तथा अन्य उपकरणों की खरीदव्यय में की गई मुद्रा को विदेशी निवेश कहा जाता है। सरकार अपने देश में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश को प्रोत्साहित करती है, क्योंकि इससे देश की आय एवं रोजगार में वृद्धि होती है। इसके विपरीत विदेशी व्यापार वह प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत उत्पादित माल को अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिक्री के लिए पहुंचाया जाता है।

इसके अंतर्गत आयात एवं निर्यात दोनों ही होता है। किसी भी देश का यह प्रयास होता है कि विदेशी व्यापार के अंतर्गत निर्यात बड़े और आयात कम हो। इससे विदेशी मुद्रा में वृद्धि होती है।

प्रश्न 11. बहुराष्ट्रीय कंपनियां अन्य कंपनियों से किस प्रकार अलग है?

उत्तरः बहुराष्ट्रीय कंपनी किस अन्य कंपनी से निम्न प्रकार से भिन्त्र होती है:

बहुराष्ट्रीय कंपनी:

क. यहएक से अधिक देशों में उत्पादन का स्वामित्व या नियंत्रण रखती है।

ख. यह उन देशों में उत्पादन हेतु कारखानों या कार्यालय स्थापित करती है, जहां इसे श्रम एवं अन्य संसाधन सस्ते मिलते हैं।

ग. चूंकि बहुराष्ट्रीय कंपनी के लिए उत्पादन की लागत कम होती है, इसलिए यह अधिक लाभ कमाती है।

अन्य कंपनीः

क. यह एक देश के भीतर ही उत्पादन का स्वामित्व या नियंत्रण रखती है।

ख. इसके पास ऐसा कोई विकल्प नहीं होता है।

ग. इसके पास अधिक लाभ कमाने के लिए ऐसी कोई संभावना नहीं होती है।

प्रश्न 12. व्यापार और निवेश नीतियां का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में कैसे सहायता पहुंचाती है?

उत्तर: विदेशी निवेश और विदेशी व्यापार में और विदेशी नीतियां महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके कारण विदेशी निवेश और विदेशी व्यापार में अत्यधिक वृद्धि हुई है। आगे इससे विभिन्न देशों में उत्पादन और बाजारों के एकीकरण में भी वृद्धि हुई है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां वैश्वीकरण प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। अधिकाधिक वस्तुओं एवं सेवाओं निवेश और प्रौद्योगिकी का एक देश से दूसरे देश में आवागमन हो रहे हैं।

इस प्रकार व्यापार एवं निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में निम्न प्रकार से मदद की है:

1. एक देश से दूसरे देश को वस्तुओं एवं सेवाओं का आवागमन सरल हो गया है।

2. विदेशी निवेश में वृद्धि से रोजगार के अवसर बढ़े हैं।

3. नई एवं उन्नत प्रौद्योगिकी का आवागमन से गुणवत्ता में सुधार हुआ है।

4. बेहतर से बेहतर रोजगार या बेहतर शिक्षा की खोज में विभिन्न देशों के बीच लोगों का आवागमन शुरू हुआ है।

प्रश्न 13. विश्व व्यापार संगठन क्या है? इसके मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तरः यह एक संस्था है जो विभिन्न देशों के बीच व्यापार के नियमों को उदार बनाती है, इसे बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली भी कहते हैं विश्व व्यापार संगठन का प्रमुख उद्देश्य विश्व को बढ़ावा देना है।

इसकी स्थापना 1 जनवरी 1995 को हुई थी। 1947 से 1994 तक GATT व्यापार समझौते करने की एक जनसभा थी। 1995 के बादGATT विश्व व्यापार संगठन बना।

विश्व व्यापार संगठन का उद्देश्यः

क. इसका मुख्य उद्देश्य विश्व के देशों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार को इस प्रकार संचालित करना है कि उस में समानता हो खुलापन हो और वह बिना किसी भेदभाव के हो।

ख. विश्व व्यापार संगठन व्यापार के झगड़ों को निपटाता है।

ग. विश्व व्यापार संगठन विकसित तथा अल्प विकसित देशों को प्रशिक्षण तथा तकनीकी सहायता प्रदान करता है।

घ. यह कुछ नियम व शर्ते बनाता है जिन्हें सभी सदस्यों को अपनाना पड़ता है।

प्रश्न 14. उदारीकरण एवं निजी करण में अंतर लिखें।

उत्तरः उदारीकरणः

क. उदारीकरण एक व्यापक अवधारणा है।

ख. उदारीकरण विकास के हर क्षेत्र में लागू की जा सकती है।

ग. उदारीकरण निजीकरण का अंग नहीं है।

घ. उदारीकरण में शासकीय नियंत्रण के अधीन उद्योगों को पूर्णरूपेण विकसित करने का अवसर प्रदान किया जाता है।

च. उदारीकरण में औद्योगिक विकास सार्वजनिक लाभ की भावनाओं को ध्यान में रखकर अपनाया जाता है।

छ. उदारीकरण उद्योगों के समय आधुनिकीकरण एवं विस्तार सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

निजीकरण:

क. निजी करण एक संकुचित अवधारणा है।

ख. निजी करण विकास के हर क्षेत्र में आसानी से नहीं अपनाया जा सकता है।

ग. निजी करण उदारीकरण का अंग है।

घ. निजी करण में पूर्ण स्वामित्व एवं नियंत्रण हेतु व्यक्ति पूर्णतया स्वतंत्र होता है तथा लाभ हानि स्वयं वहन करता है

च. निजी करण में औद्योगिक विकास के साथ-साथ व्यक्तिगत लाभ की भावना प्रमुख होती है।

छ. उद्योगों काआधुनिकीकरण एवं विस्तार तो निजी करण के द्वारा ही संभव है।

प्रश्न 15. उदारीकरण का क्या आशय है? आर्थिक सुधारों के अधीन अर्थव्यवस्था के उदारीकरण हेतु कौन से उपाय अपनाए गए हैं? वर्णन करें।

उत्तरः उदारीकरण का आशय नियमों एवं प्रतिबंधों में ढील देने या बरतने से है। जब सरकार औद्योगिक नीति श्रम नीति, आयात निर्यात नीति कर नीति इत्यादि के माध्यम से

अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में विनियोग उत्पादन तथा वितरण में प्रतिबंध को हटाती है, तो उसे उदारीकरण की नीति कहा जाता है।

आर्थिक सुधारों के अधीन अर्थव्यवस्था के उदारीकरण हेतु निम्नांकित उपाय अपनाए गए हैं:

1. लाइसेंस तथा पंजीकरण की समाप्ति।

2. एकाधिकारी कानून में छूट।

3. विस्तार एवं उत्पादन की स्वतंत्रता ।

4. लघु उद्योगों की निवेश सीमा में वृद्धि।

5. पूंजीगत पदार्थों के आयात की स्वतंत्रता ।

6. टेक्रोलॉजी आयात की छूट।

7 ब्याज दरों का स्वतंत्र निर्धारण।

8. करारोपण में सुधार।

प्रश्न 16. निजीकरण से आप क्या समझते हैं ? एवं उसके उद्देश्यों का वर्णन करें।

उत्तरः निजी करण से आशय ऐसी औद्योगिक इकाइयों के स्वामित्व को निजी क्षेत्र के हस्तांतरित कर देना जो अभी तक सरकारी स्वामित्व तथा नियंत्रण में थी।

निजी क्षेत्र के निम्नांकित उद्देश्य हैं:

क. अर्थव्यवस्था की विभिन्न आवश्यकताओं हेतु वित्तीय संसाधनों को जुटाना।

ख. प्रबंधकीययोग्यता एवं दक्षता प्रदान करना

ग. राष्ट्रीय आवश्यकता एवं प्राथमिकताओं के अनुरूप निजी क्षेत्र की क्रियाओं को सार्वजनिक क्षेत्र के साथ समन्वित करना।

घ. नई औद्योगिक इकाइयां स्थापित करना तथा आयात प्रतिस्थापन क्रिया को बल देना।

च. समुचित तकनीकी के प्रचार अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण तथा उद्योगों के विकेंद्रीकरण हेतु औद्योगिक शोध व विकास कार्यक्रमों का विस्तार करना।

छ. विदेशी ऋण को घटाना।

ज. प्रतिस्पर्धा में वृद्धि करना।

झ. उत्पादकता में वृद्धि करना।

प्रश्न 17. भारत में वैश्वीकरण को प्रोत्साहन करने वाले कारकों की व्याख्या करें।

उत्तरः भारत में वैश्वीकरण को इसलिए प्रोत्साहित किया गया

क. वैश्वीकरण से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रोत्साहित होता है जिसके कारण भारत जैसे विकासशील देश बिना विदेशी ऋण ग्रस्तहुए अपने विकास हेतु पूंजी प्राप्त कर सकते हैं।

ख. वैश्वीकरण से भारत जैसे विकासशील देश को उन्नत देशों द्वारा विकसित की गई टेक्नोलॉजी के प्रयोग में सहायता प्रदान की जा सकती है।

ग. वैश्वीकरण भारत जैसे विकासशील देशों को विकसित देशों में अपनी उपज का निर्यात करने की पहुंच का विस्तार कर सकता है।

घ. वैश्वीकरण से ज्ञान की तेजी से प्रचार होता है जिसके कारण भारत सहित विकासशील देशों में अपने उत्पादन और उत्पादकता के स्तर को उन्नत कर सकते हैं।

च. वैश्वीकरण उत्पादकता को अंतरराष्ट्रीय स्तर प्राप्त करने के लिए गति प्रदान कर सकता है।

छ. वैश्वीकरण से सूचना प्रौद्योगिकी की तीव्र प्रगति हो सकती है।

ज. वैश्वीकरण को विकास हेतु टेक्नोलॉजी प्रगति एवं उत्पादकता में वृद्धि का इंजन माना जा सकता है।

झ. वैश्वीकरण से परिवहन एवं संचार लागते कम हो जाती है।

प्रश्न 18. आर्थिक सुधार की प्रक्रिया या नयी आर्थिक नीति में कौन से रणनीतियां अपनायी गई हैं? वर्णन करें।

उत्तरः आर्थिक सुधार की प्रक्रिया या नई आर्थिक नीति में निम्नांकित रणनीतियां अपनाई गई:

1. नियंत्रित अर्थव्यवस्था की जगह आर्थिक उदारता की नीति अपनाई गई।

2. कठोर लाइसेंस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया।

3. छ: उद्योगों को छोड़कर शेष सभी उद्योगों के लाइसेंस को समाप्त कर दिया गया। केवल शराब सिगरेट रक्षा उपकरण खतरनाक रसायन औद्योगिक विस्फोट एवं औषधियां ही लाइसेंस के क्षेत्र में छोड़ दी गई।

4. उद्योगों को अपना विस्तार या उत्पादन करने की स्वतंत्रता दे दी गई जिसके लिए उन्हें किसी पूर्व सरकारी स्वीकृति की आवश्यकता नहीं रही।

5. एमआरटीपी एक्ट के अंतर्गत आने वाली कंपनियों को भारी छूट दी गई तथा निर्धारित पूंजी निवेश सीमा ही समाप्त कर दी गई।

6. आधुनिकीकरण को प्रोत्साहन दिया गया तथा इसके लिए उच्च तकनीकी के प्रयोग पर बल दिया गया।

7. बैंकों को स्वयं ही ब्याज दर निर्धारित करने की आजादी दे दी गई जिससे अब भारतीय रिजर्व बैंक से परामर्श एवं अनुमति की जरूरत नहीं रही।

8. भारी घाटे में चल रहे सार्वजनिक उद्यमों के स्वामित्व पर सरकारी ना होकर निजी क्षेत्र के हाथों में सौंप दिया गया।

विषय-सूची

इतिहास

भारत और समकालीन विश्व- 2

1.

यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

2.

भारत में राष्ट्रवाद

3.

भूमंडलीकृत विश्व का बनना

4.

औद्योगीकरण का युग

5.

मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

भूगोल

समकालीन भारत- 2

1.

संसाधन और विकास

2.

वन एवं वन्य जीव संसाधन

3.

जल संसाधन

4.

कृषि

5.

खनिज तथा उर्जा संसाधन

6.

विनिर्माण उद्योग

7.

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

नागरिक शास्त्र

लोकतांत्रिक राजनीति-2

1.

सत्ता की साझेदारी

2.

संघवाद

3.

लोकतंत्र और विविधता

4.

जाति, धर्म और लैंगिक मसले

5.

जन-संघर्ष और आंदोलन

6.

राजनीतिक दल

7.

लोकतंत्र के परिणाम

8.

लोकतंत्र के चुनौतियाँ

अर्थशास्त्र

आर्थिक विकास की समझ

1.

विकास

2.

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

3.

मुद्रा और साख

4.

वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

5

उपभोक्ता अधिकार

JAC वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2023 - प्रश्नोत्तर

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