12th Geography 1. मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र HUMAN GEOGRAPHY NATURE AND SCOPE

12th Geography 1. मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र HUMAN GEOGRAPHY NATURE AND SCOPE

12th Geography 1. मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र  HUMAN GEOGRAPHY NATURE AND SCOPE

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Geography

1. मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र HUMAN GEOGRAPHY NATURE AND SCOPE

पाठ के मुख्य बिंदु

* भूगोल एक ऐसा वैज्ञानिक विषय है, जिसमें पृथ्वी के भौतिक तथा मानवीय दोनों घटकों का अध्ययन स्थानिक दृष्टिकोण से किया जाता है। अतः हम कह सकते हैं कि भौतिक भूगोल तथा मानव भूगोल, भूगोल की दो प्रमुख शाखाएं हैं।

* भूगोल आनुभाविक, व्यावहारिक एवं समाकलन करने वाला विषय है, इसके अंतर्गत पृथ्वी के धरातल पर होने वाली सभी घटनाओं का अध्ययन स्थान एवं समय के संदर्भ में किया जाता है।

* पृथ्वी के धरातल पर घटित घटनाओं को दो वर्गों में रखा जाता है। प्रथम वर्ग में पृथ्वी के भौतिक घटक या भौतिक तत्व जैसे पठार, पर्वत, मैदान, जीव-जंतु, प्राकृतिक वनस्पति, वायुमंडल, महासागर आदि को सम्मिलित किया जाता है, जिसे हम भौतिक पर्यावरण भी कह सकते हैं।

* पृथ्वी के धरातल में दूसरे वर्ग में मानव तथा मानव जनित भू दृश्यों को जैसे अधिवास, कृषि, उद्योग, व्यापार, जनसंख्या, सड़क, रेलमार्ग आदि को सम्मिलित कर सकते हैं, इनको सम्मिलित रूप से सांस्कृतिक भू-दृश्य कहा जाता है। सांस्कृतिक भू-दृश्यों का अध्ययन भूगोल की दूसरी प्रमुख शाखा मानव भूगोल में किया जाता है।

* मानव वातावरण का एक क्रियाशील प्राणी है। मानव भूगोल के अंतर्गत मानव और प्रकृति के बीच सतत एवं परिवर्तनशील पारस्परिक क्रिया से उत्पन्न सांस्कृतिक लक्षणों की स्थिति एवं वितरण की विशेषताओं का अध्ययन किया जाता है। अथवा हम कह सकते हैं कि मानव भूगोल के अंतर्गत मानव एवं उसके प्राकृतिक पर्यावरण के साथ समायोजन का अध्ययन किया जाता है।

* मानव भूगोल में पृथ्वी तल पर मानवीय तथ्यों के स्थानिक वितरणों का अर्थात् विभिन्न प्रदेशों के मानव वर्गों द्वारा किये गये वातावरण के साथ समायोजनों और स्थानिक संगठनों का अध्ययन किया जाता है।

* इरेटॉस्थनीज (प्राचीन यूनानी विद्वान) को 'भूगोल का जनक' कहा जाता है। इन्होंने भूगोल शब्द का प्रयोग सबसे पहले किया।

* 19 वीं शताब्दी के अन्तिम चरण में जर्मनी के प्रसिद्ध भूगोलवेत्ता फ्रेडरिक रेटजेल, जो मानव भूगोल के जन्मदाता कहे जाते हैं, इन्होंने 1882 में प्रकाशित अपनी पुस्तक एन्थ्रोपोज्योग्राफी' में मानव के 4 कार्यकलापों के अध्ययन को प्रमुखता दी।

* मानव भूगोल की प्रकृति का मुख्य उद्देश्य है, मानव जीवन की विभिन्नताओं को समझना तथा इसके अध्ययन क्षेत्र के अंतर्गत सांस्कृतिक भू-दृश्य, संसाधनों का उपयोग एवं वातावरण के साथ समायोजन को सम्मिलित किया जाता है।

* प्रकृति के अनुसार मनुष्य का ढलना मानव का प्राकृतिकरण कहलाता है, यह स्थिति तब आती है जब प्रौद्योगिकी का विकास नहीं के बराबर होता है। आदि मानव समाज प्रकृति की प्रबल शक्तियों के बीच रहकर प्रकृति की पूजा करता था, प्रकृति भयभीत रहता था और प्रकृति के साथ अन्योन्य क्रिया करता था, जिसे हम पर्यावरण निश्चयवाद कह सकते हैं।

* प्रकृति का मानवीकरण के अंतर्गत मनुष्य के द्वारा प्रकृति के नियमों को बेहतर ढंग से समझते हुए सक्षम प्रौद्योगिकी का विकास कर लिया जाता है, और प्रकृति की संभावनाओं के साथ काम किया जाता है। विद्वानों ने इसे संभववाद का नाम दिया।

* सक्षम प्रौद्योगिकी का प्रयोग कर मानव प्रकृति पर विजय प्राप्त करने की कोशिश करने लगा और प्रकृति प्रदत संसाधनों का अति दोहन भी प्रारंभ कर दिया, जिससे पर्यावरण क्षतिग्रस्त होने लगी और कई भयावह परिणाम हमारे सामने उपस्थित हुए जैसे हरित गृह प्रभाव, ओजोन परत अवक्षय, भूमंडलीय तापन, पीछे हटती हिम नदियां निम्नीकृत भूमिया आदि । ऐसे में नव निश्चयवाद या रुको और जाओ निश्चयवाद का जन्म हुआ। जो निश्चयवाद तथा संभववाद के बीच मध्य मार्ग का अनुसरण करती है।

* समय के गलियारों से मानव भूगोल का विकास निरंतर जारी रहा और इसमें कई विचारधाराएं समाहित होती रही जैसे कल्याण परक अथवा मानवतावादी विचार धारा जिसमें लोगों के सामाजिक कल्याण के विभिन्न पक्षों पर विशेष ध्यान दिया गया जैसे आवास, स्वास्थ्य और शिक्षा आदि।

* आमूलवादी या रेडिकल विचारधारा इस में निर्धनता के कारण, बंधन और सामाजिक असमानता की व्याख्या की गई इसके लिए मार्क्स के सिद्धांत का उपयोग किया गया।

* व्यवहारवादी विचारधारा में प्रत्यक्ष अनुभव के साथ-साथ मानव जातीयता, प्रजाति, धर्म आदि पर आधारित सामाजिक संबंधों के अध्ययन पर जोर दिया गया।

* समय के साथ-साथ मानव भूगोल में उसके कई उपागम जैसे अन्वेषण और विवरण, प्रादेशिक विश्लेषण, क्षेत्रीय विभेदन, स्थानिक संगठन, विभिन्न विचारधाराएं एवं भूगोल में उत्तर आधुनिक वाद से संबंधित बृहद लक्षणों का अध्ययन किया जाने लगा।

* मानव भूगोल के अंतर्गत इसके मुख्य क्षेत्र एवं उप क्षेत्रों के साथ-साथ इसे सामाजिक विज्ञानों के सहयोगी के रूप में देखा जाने लगा।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा एक भूगोल का वर्णन नहीं करता?

(क) समाकलनात्मक अनुशासन।

(ख) मानव और पर्यावरण के बीच अंतर संबंधों का अध्ययन।

(ग) द्वैधता पर आश्रित ।

(घ) प्रौद्योगिकी के विकास के फलस्वरूप आधुनिक समय में प्रासंगिक नहीं।

2. संभववाद शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किस फ्रांसीसी विद्वान ने किया ?

(क) जीन ब्रूंश

(ख) विडाल डी ला ब्लाश।

(ग) लूसियन फैब्रे

(घ) हंबोल्टा

3. नव निश्चपवाद के प्रवर्तक कौन है?

(क) हंबोल्ट

(ख) विडाल डी ला ब्लाश।

(ग) ग्रिफिथ टेलर।

(घ) जीन ब्रूंश

4. निम्नलिखित में से कौन-सा एक भौगोलिक सूचना का स्रोत नहीं हैं?

(क) यात्रियों के विवरण

(ख) प्राचीन मानचित्र

(ग) चंद्रमा से चट्टानी पदार्थों के नमूने

(घ) प्राचीन महाकाव्य

5. एन्थ्रोपोज्योग्राफी नामक पुस्तक किसने लिखी?

(क) कुमारी एलन सेंपल

(ख) विडाल डी ला ब्लाश।

(ग) चार्ल्स डार्विन ।

(घ) फ्रेडरिक रेटजेल।

6. 'जियोग्राफी शब्द का प्रयोग सबसे पहले किसने किया?

(क) कार्ल रिटर

(ख) इरेटॉस्थनीज ।

(ग) कुमारी ऐलन सेंपल ।

(घ) विडाल-डी-ला-ब्लाश।

7. 'रुको और जाओ' शब्द का संबंध किस विचारधारा से है ?

(क) संभावाद विचारधारा।

(ख) व्यवहारवादी विचारधारा।

(ग) नव निश्चयवाद विचारधारा

(घ) प्रकृतिवाद अथवा निश्चयवाद विचारधारा ।

8. निम्नलिखित में से कौन-सा एक लोगों और पर्यावरण के बीच अन्योन्यक्रिया का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कारक हैं?

(क) मानव बुद्धिमत्ता ।

(ख) प्रौद्योगिकी।

(ग) लोगों का अनुभव।

(घ) मानवीय भाईचारा ।

9. "मानव भूगोल मानव समाज तथा धरातल के बीच संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है।" यह कथन किसका है?

(क) कुमारी एलन सेंपल

(ख) विडाल डी ला ब्लाश।

(ग) चार्ल्स डार्विन ।

(घ) फ्रेडरिक रेटजेल ।

10. निम्नलिखित में से कौन-सा एक मानव भूगोल का उपागम नहीं है?

(क) क्षेत्रीय विभिन्नता

(ख) मात्रात्मक क्रांति

(ग) स्थानिक संगठन

(घ) अन्वेषण और वर्णन

11. फ्रेडरिक रेटजेल की शिष्या का नाम बताएं?

(क) कुमारी एलेन सेंपल ।

(ख) विडाल डी ला ब्लाश।

(ग) चार्ल्स डार्विन ।

(घ) फ्रेडरिक रेटजेल।

12. आर्थिक भूगोल में किस उपक्षेत्र को सम्मिलित नहीं करते हैं?

(क) संसाधन भूगोल ।

(ख) उद्योग भूगोल।

(ग) कृषि भूगोल |

(घ) सांस्कृतिक भूगोल।

13. संभववाद की अवधारणा में किस घटक को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है?

(क) मानवीय घटक ।

(ख) प्राकृतिक घटक ।

(ग) मानवीय एवं प्राकृतिक घटक दोनों।

(घ) इनमें से कोई नहीं ।

14. मार्क्स के सिद्धांत का उपयोग किस विचारधारा के अंतर्गत किया गया है?

(क) कल्याणपरक अथवा मानवतावादी विचारधारा।

(ख) अमूलवादी अथवा रेडिकल विचारधारा।

(ग) व्यवहारवादी विचारधारा।

(घ) इनमें से कोई नहीं।

15. 1990 का दशक भूगोल के किस उपागम के लिए जाना जाता है?

(क) आधुनिकतावाद

(ख) संभववाद

(ग) अन्वेषणवाद

(घ) आधुनिकतावाद

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. भूगोल की दो शाखाओं के नाम लिखें।

उत्तर: भूगोल की दो मुख्य शाखाएं हैं- भौतिक भूगोल एवं मानव भूगोल ।

2. 'संभववाद' शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम किसने किया था?

उत्तर: संभववाद शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग लूसियन फैब्रे ने किया था।

3. "जियोग्राफी" का शाब्दिक अर्थ क्या होता है?

उत्तर: "जियोग्राफी" का शाब्दिक अर्थ, पृथ्वी का वर्णन करना है।

4. 'ओरिजिन ऑफ स्पीशीज' नामक पुस्तक किसने लिखी?

उत्तर : ओरिजिन ऑफ स्पीशीज नामक पुस्तक के लेखक चार्ल्स डार्विन हैं।

5. पर्यावरण निश्चयवाद क्या है?

उत्तर: प्रकृति के अनुसार अपने को ढालने की कोशिश करना ही पर्यावरण निश्चयवाद कहलाता है।

6. राजनीतिक भूगोल के दो उपशाखाओं के नाम लिखें।

उत्तर: निर्वाचन भूगोल एवं सैन्य भूगोल।

7. "एन्थ्रोपोज्योग्राफी" नामक पुस्तक किसने लिखी?

उत्तर: फ्रेडरिक रेटजेल ।

8. संभववाद क्या है?

उत्तर: प्रकृति के नियम को समझकर प्रौद्योगिकी का विकास करना तथा प्रकृति को अपने अनुसार ढालना ही संभववाद है।

9. नव निश्चयवाद के प्रवर्तक कौन है?

उत्तर: ग्रिफिथ टेलर (अमेरिकन भूगोलवेत्ता)

10. मानव भूगोल में अध्ययन हेतु उपागम के रूप में मानवतावादी एवं व्यवहारवादी विचारधारा का आरंभ कब हुआ?

उत्तर: 1990 के दशक में।

11. आधुनिक मानव भूगोल का जनक किसे कहा जाता है?

उत्तर : जर्मन विद्वान फ्रेडरिक रैटजेल को आधुनिक मानव भूगोल का जनक कहा जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. मानव भूगोल को परिभाषित कीजिए।

उत्तर- अनेक विद्वानों के द्वारा मानव भूगोल को परिभाषित किया है, वास्तव में भौतिक वातावरण तथा मानवीय क्रियाओं के अंतसंबंधों तथा विभिन्नताओं का अध्ययन करना ही मानव भूगोल है। रेटजेल के अनुसार, 'मानव भूगोल मानव समाजों और धरीतल के मध्य संबंधों का संश्लेषित अध्ययन है।"

एलेन चर्चिल सैंपल के अनुसार, मानव भूगोल अस्थिर पृथ्वी और क्रियाशील मानव के मध्य परिवर्तनशील संबंधों का अध्ययन है।"

2. "अपनी आरंभिक अवस्था में मानव प्रकृति से अधिक प्रभावित हुआ। इस कथन की पुष्टि कीजिए।

उत्तर: "अपनी आरंभिक अवस्था में मानव प्रकृति से अधिक प्रभावित हुआ। इस कथन की पुष्टि निम्नलिखित से होती है :-

(क) अपनी आरंभिक अवस्था में मानव प्रकृति के अनुसार अपने को ढाल लेता था तथा प्रकृति के समक्ष यह बिल्कुल निष्क्रिय था।

(ख) इस अवस्था में मनुष्य प्रकृति की सुनता था और प्रकृति की प्रचंडता से भयभीत रहता था तथा प्रकृति की पूजा करता था।

(ग) प्रकृति के अनुसार अपने आप को ढाल लेने की अवस्था को ही पर्यावरणीय या निश्चयवाद कहा गया।

(घ) अपनी आरंभिक अवस्था में मानव के प्रौद्योगिकी ज्ञान का स्तर काफी निम्न था अतः समाजिक विकास का स्तर काफी निम्न था। यही कारण था कि अपनी आरंभिक अवस्था में मनुष्य प्रकृति से अधिक प्रभावित हुआ।

3. मानव भूगोल के कुछ उप-क्षेत्रों के नाम बताइए।

उत्तर- मानव भूगोल के कुछ उप-क्षेत्र निम्नलिखित हैं-

(क) कृषि भूगोल |

(ख) सांस्कृतिक भूगोल |

(ग) सामाजिक भूगोल।

(घ) नगरीय भूगोल ।

(ड.) जनसंख्या भूगोल ।

(च) राजनीतिक भूगोल

(छ) आर्थिक भूगोला

(ज) आवास भूगोल।

(झ) संसाधन भूगोला

4. मानव भूगोल की मानवतावादी विचारधारा से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तर- मानव भूगोल के मानवतावादी विचारधारा से हमारा तात्पर्य है मानव भूगोल के अध्ययन को मानव के कल्याण एवं उनकी सामाजिक स्थिति के विभिन्न पक्षों से जोड़ना इस विचारधारा का जन्म 1970 के दशक में हुआ। इसके अंतर्गत मानव के आवास, स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे पक्षों पर विशेष ध्यान दिया गया ताकि मानव का कल्याण सुनिश्चित हो सके एवं उनकी सामाजिक स्थिति सुदृढ़ हो। इस विचारधारा के अनुसार मानव की स्थिति को केंद्रीय एवं क्रियाशील माना गया है।

5. मानव भूगोल किस प्रकार अन्य सामाजिक विज्ञानों से संबंधित हैं?

उत्तर: मानव भूगोल की प्रकृति अत्यधिक अंतर-विषयक है, क्योंकि इसमें मानव और प्राकृतिक पर्यावरण के बीच अन्तर्सम्बन्धों का अध्ययन किया जाता है अर्थात् धरातल के विभिन्न भागों में प्राकृतिक वातावरण के संदर्भ में मानवीय क्रियाकलापों के अध्ययन को प्रधानता दी जाती है। हम जानते हैं कि मानव मानवीय समाज की एक महत्वपूर्ण इकाई है, अतः मानव भूगोल का उन सभी सामाजिक विज्ञानों से संबंध हो जाता है, जो अपने अध्ययनों में मानवीय क्रियाकलापों के अध्ययनों को प्रमुखता से सम्मिलित करते हैं जैसे सामाजिक विज्ञान, मनोविज्ञान, जनांकिकी, - अर्थशास्त्र, आदि।

6. नव निश्चयवाद से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर: इस विचारधारा के प्रवर्तक ग्रिफिथ टेलर हैं। नव निश्चयवाद विचारधारा, नियतिवाद एवं संभववाद विचारधाराओं के बीच का मार्ग है इसे रुको और जाओ निश्चयवाद भी कहा जाता है। यह पर्यावरण को नुकसान किए बगैर समस्याओं को सुलझाने पर बल देती है। इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य ना तो प्रकृति पर पूरी तरह निर्भर होकर रह सकता है और ना ही प्रकृति से स्वतंत्र रहकर जी सकता है। इसके अनुसार मानव, प्रकृति में विकास के लिए एक सीमा तक ही जा सकता है और अंततः उसे प्रकृति के साथ समझौता करना पड़ता है जैसे औद्योगीकरण करते हुए : जंगलों को नष्ट होने से बचाना। खनन करते समय खनिज संसाधनों को अति दोहन से बचाना।

7. आमूलवादी या रेडिकल विचारधारा क्या है ?

उत्तर: आमूलवादी विचारधारा का विकास 1970 के दशक में हुआ। यह विचारधारा मार्क्सवादी सिद्धांतों का उपयोग करते हुए पूरे विश्व में व्याप्त मानवीय समस्याओं जैसे- गरीबी, भूखमरी, बीमारियां, जातिभेद, रंगभेद आदि का अध्ययन करती है। इस विचारधारा का मानना है कि पूंजीवाद के विकास के कारण ही इन समस्याओं का जन्म होता है। यह विचारधारा एक ऐसी सामाजिक, आर्थिक व्यवस्था पर बल देती है जिसके अंतर्गत विश्व के समस्त निवासियों का विश्व के संसाधनों पर समान स्वामित्व एवं नियंत्रण हो ।

8. संभववाद (Possibilism) से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर: संभववाद की विचारधारा का सर्वप्रथम प्रतिपादन फ्रांसीसी भूगोलवेत्ता विडाल-डी-ला-ब्लाश ने किया था। संभववाद शब्द का प्रयोग लूसियन फेब्रे के द्वारा किया गया। संभववाद के अनुसार मानव अपने पर्यावरण में परिवर्तन करने में सक्षम है तथा वह प्रकृति द्वारा प्रदत संभावनाओं को अपने लाभ के लिए उपयोग कर सकता है। संभववाद विचारधारा के अनुसार मानवीय क्रियाकलापों तथा मानव द्वारा विकसित सांस्कृतिक भू-दृश्य को महत्व प्रदान किया गया है। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ से ही मानवीय क्रियाकलापों का प्रभाव बढ़ता रहा, मानव ने प्राकृतिक वातावरण पर निर्भरता कम कर दिया।

9. भौतिक और मानव भूगोल के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर भौतिक और मानव भूगोल के बीच अंतर

भौतिक भूगोल

मानव भूगोल

(i) भौतिक भूगोल, प्राकृतिक परिघटनाओं के अध्ययन तक सीमित है।

(i) मानव भूगोल, मानव-निर्मित (सांस्कृतिक) परिघटनाओं के अध्ययन तक सीमित है ।

(ii) भौतिक भूगोल उच्चावच जलवायु, मृदा, जल निकास प्रणाली, पेड़-पौधों तथा जीव- जंतुओं आदि के अध्ययन से संबंधित है।

(ii) मानव भूगोल जनसंख्या, आवास, कृषि, निर्माण, उद्योग, बस्ती तथा यातायात आदि के अध्ययन से संबंधित है।

(iii) भूआकृतिक विज्ञान, मौसम विज्ञान, जलविज्ञान तथा मृदा विज्ञान आदि भौतिक भूगोल के क्षेत्र है।

(iii) आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक तथा शहरी भूगोल आदि मानव भूगोल के क्षेत्र है। मानव यातायात तथा उद्योग आदि मानव भूगोल के उप-क्षेत्र हैं।

10. नियतिवाद से आपका क्या तात्पर्य है ?

उत्तर: इस विचारधारा के प्रमुख समर्थक रैटजेल, कार्ल रिटर, हंबोल्ट, हटिंगटन आदि थे। इस विचारधारा के अनुसार मनुष्य के प्रत्येक क्रियाकलाप को पर्यावरण के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। इसके अनुसार भौतिक कारक जैसे- जलवायु, उच्चावच, प्राकृतिक वनस्पति, आदि मानव के समस्त क्रियाकलापों और जीवन शैली को नियंत्रित करते हैं। नियतिवाद मानव को एक निष्क्रिय प्राणी समझता है, जो पर्यावरणीय कारकों से प्रभावित है। जैसे:- आदिवासियों की प्रकृति पर निर्भरता । किसानों की जलवायु पर निर्भरता ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. मानव के प्राकृतीकरण की व्याख्या कीजिए।

उत्तर- आदिम अवस्था में, जब प्रौद्योगिकी का स्तर अत्यंत निम्न था तब मानव, प्रकृति के आदेशों के अनुसार अपने-आपको ढालने के लिए बाध्यं था। उस समय मानव के सामाजिक विकास की अवस्था भी आदिम ही थी। मानव की इस प्रकार की अन्योन्यक्रिया कों पर्यावरणीय निश्चयवाद कहा गया। इस अवस्था में मानव प्रकृति की सुनता था, उसकी प्रचण्डता से भयभीत होता था और उसकी पूजा करता था।

विश्व में आज भी ऐसे समाज हैं जो प्राकृतिक पर्यावरण के साथ पूर्णत: सामंजस्य बनाए हुए हैं और प्रकृति एक शक्तिशाली बल एवं पूज्य सत्कार योग्य बनी हुई है। अपने सतत् पोषण हेतु मनुष्य प्राकृतिक संसाधनों पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर करता है। ऐसे समाजों में भौतिक पर्यावरण माता-प्रकृति का रूप धारण किए हुए है। किंतु- समय के साथ लोग अपने पर्यावरण और प्राकृतिक बलों को समझने लगते हैं। अपने अर्जित ज्ञान के बल पर तकनीकी कौशल विकसित करने में समर्थ होते जाते हैं। इस तरह सामाजिक और सांस्कृतिक विकास के साथ लोग और अधिक सक्षम प्रौद्योगिकी का विकास करते हैं। वे अभाव की अवस्था से स्वतंत्रता की ओर अग्रसर होते हैं। वास्तव में, पर्यावरण से प्राप्त संसाधन ही संभावनाओं को जन्म देते हैं। मानवीय क्रियाएँ सांस्कृतिक भू-दृश्य की रचना करती हैं, जिनकी छाप प्राकृतिक वातावरण पर सर्वत्र दिखाई पड़ती है। इस तरह प्रकृति का मानवीकरण होने लगता है।

2. मानव भूगोल के विषय क्षेत्र पर एक टिप्पणी लिखिए।

उत्तर- मानव भूगोल, भूगोल की दो प्रमुख शाखाओं में से एक मुख्य शाखा है। वास्तव में भूगोल का अर्थ ही पृथ्वी को मानव के घर के रूप में समझना और उन सभी तत्वों का अध्ययन करना है, जिन्होंने मानव को पोषित किया है। मानव भूगोल में प्राकृतिक तथा मानवीय परिघटनाओं के स्थानिक वितरण एवं मानवीय जगत के बीच अंतर्सम्बन्धों, उनके घटित होने के कारणों तथा विश्व के विभिन्न भागों में सामाजिक और आर्थिक विभिन्नताओं का अध्ययन किया जाता है।

सामाजिक विज्ञानों के अध्ययन का केंद्र ही मानव होता है। मानव व उसके विकास में उसके द्वारा की गई अन्योन्यक्रियाओं के परिणामस्वरूप विभिन्न सामाजिक विज्ञानों की उत्पति संभव हुई हैं जैसे- समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, मानव विज्ञान, कल्याण अर्थशास्त्र, जनांकिकीय अध्ययन, इतिहास, महामारी विज्ञान, सैन्य विज्ञान, लिंग अध्ययन, नगर व ग्रामीण नियोजन, नगरीय अध्ययन व नियोजन, राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, संसाधन अध्ययन, कृषि विज्ञान, औद्योगिक अर्थशास्त्र, व्यावसायिक अर्थशास्त्र व वाणिज्य, पर्यटन व यात्रा प्रबंधन तथा अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार आदि। इस तरह ज्ञान के विस्तार के साथ मानव भूगोल के नए उप-क्षेत्रों का विकास होता रहा हैं।

3. वर्णन करें कि तकनीकी विकास समाज का सांस्कृतिक विकास कैसे दर्शाता है।

उत्तर- तकनीकी विकास निम्नलिखित तरीकों से समाज के सांस्कृतिक विकास के स्तर को दर्शाता है:

(i) मनुष्य प्रकृति के नियमों को समझने के बाद ही तकनीकी विकास कर पाया, जैसे आग का आविष्कार तब हुआ जब मनुष्य को यह पता चला कि दो वस्तुओं के घर्षण से ऊष्मा उत्पन्न होती है।

(ii) डी०एन०ए० और आनुवांशिकों के रहस्यों के जानने के बाद ही कई बीमारियों का इलाज संभव हो पाया।

(iii) तकनीकी विकास के कारण ही मनुष्य आदिमानव से विकसित होकर होमोसेपियंस (ज्ञानी मानव) बन पाया और तकनीक के माध्यम से ही उसने अपनी संस्कृति को विकसित किया।

(iv) तकनीकी विकास के कारण ही जो मनुष्य पहले पर्यावरण का दास था अब वह अपने अनुकूल पर्यावरण में भी बदलाव करने में सक्षम हो गया है।

4. मानव भूगोल के अध्ययन के तीन विचारधाराओं की विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर-

(क) निश्चयवादी विचारधारा - इसके अनुसार मनुष्य प्रकृति और पर्यावरण का दास है अर्थात पर्यावरण मनुष्य की क्रियाकलापों को प्रभावित करता है। इसलिए सामाजिक आर्थिक विकास, संस्कृति तथा लोगों का जीवन स्तर प्रकृति से बहुत अधिक प्रभावित होता है।

(ख) संभववाद विचारधारा इस विचारधारा के अनुसार इस विचार के विरोध स्वरूप कि "मानव प्रकृति द्वारा नियंत्रित होता है" अन्य भूगोल नेताओं ने एक नए विचार को संपादित किया। इन्होंने बताया कि मनुष्य अपनी आवश्यकताओं के अनुसार प्रकृति अथवा पर्यावरण को परिवर्तित कर सकता है दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि मनुष्य प्रकृति या पर्यावरण का दास है तथा पर्यावरण मनुष्य के क्रियाकलापों को प्रभावित करता है।

(ग) नव निश्चयवाद विचारधारा इस विचारधारा के अनुसार मानव पर प्रकृति का प्रभाव सीमित है, जबकि मानव की क्रियाएं असीमित हैं, जिस कारण मनुष्य ने प्रकृति के प्रभाव को भी सीमित कर दिया है। इस विचारधारा का जन्म उस समय हुआ जब ग्रिफिथ टेलर ने रुको और जाओ के सिद्धांत का प्रतिपादन किया।

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

भाग 'अ' मानव भूगोल के मूलभूत सिद्धांत

1

मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

2

विश्व की जनसंख्या : वितरण, घनत्व तथा वृद्धि

3

जनसंख्या संघटन

4

मानव विकास

5

प्राथमिक क्रियाएँ

6

द्वितीयक क्रियाएँ

7

तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

8

परिवहन एवं संचार

9

अंतरराष्ट्रीय व्यापार

10

मानव अधिवास / बस्ती

भाग 'ब'- भारत : लोग और अर्थव्यवस्था

1

जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन

2

प्रवास : प्रकार, कारण एवं परिणाम

3

मानव विकास

4

मानव बस्तियाँ

5

भू-संसाधन तथा कृषि

6

जल संसाधन

7

खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

8

निर्माण उद्योग

9

भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास

10

परिवहन एवं संचार

11

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

12

भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

Solved Paper of JAC Annual Intermediate Examination-2023

1 comment

  1. Anonymous
    Bahut aacha h sir 🙏🏻
Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare