12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 गद्य खंड पाठ-7 जहां कोई वापसी नहीं

12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 गद्य खंड पाठ-7 जहां कोई वापसी नहीं

 12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 गद्य खंड पाठ-7 जहां कोई वापसी नहीं

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Elective

गद्य खंड पाठ-7 जहां कोई वापसी नहीं

लेखक परिचय

निर्मल वर्मा का जन्म शिमला (हिमाचल प्रदेश) में हुआ था। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में एम. ए. किया और अध्यापन कार्य करने लगे। चेकोस्लोवाकिया के प्राच्यविद्या संस्थान प्राग' के निमंत्रण पर सन् 1959 में वहां गए और चेक उपन्यासों तथा कहानियों का हिंदी अनुवाद किया।

निर्मल वर्मा को हिंदी के समान ही अंग्रेजी पर भी समान अधिकार प्राप्त था। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया तथा हिंदुस्तान टाइम्स के लिए यूरोप की संस्कृतिक और राजनीतिक समस्याओं पर अनेक लेख और रिपोतार्ज लिखे हैं, जो उनके निबंध संग्रह में संकलित है। सन् 1970 में वे भारत लौट आए और स्वतंत्र लेखन करने लगे।

निर्मल वर्मा का मुख्य योगदान हिंदी कथा साहित्य के क्षेत्र में है। वे नई कहानी आंदोलन के महत्वपूर्ण हस्ताक्षर माने जाते हैं। परिंदे, जलती झाड़ी, पिछली गर्मियों में, कौवे और काला पानी, बीच बहस में, सुखा तथा अन्य कहानियां आदि कहानी संग्रह तथा वे दिन 'लाल टीन की छत, एक चिथड़ा सुख' तथा 'अंतिम अरण्य' उपन्यास इस दृष्टि से उल्लेखनीय है। रात का रिपोर्टर जिस पर सीरियल तैयार किया गया है, उनका उपन्यास है। हर बारिश में, चिड़ों पर चांदनी, धुंध से उठती धुन में उनका यात्रा संस्मरण संकलित है। शब्द और स्मृति तथा कला का जोखिम और ढलान से उतरते हुए उनके निबंध संग्रह हैं, जिनमें विभिन्न विषयों की विवेचन मिलती है। सन 1985 में कव्वे और कालापानी पर उनको साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला। इसके अतिरिक्त तो उन्हें कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया।

निर्मल वर्मा की भाषा शैली में एक ऐसी अनोखी कसावट है जो विचार सूत्र की गहनता को विविध उदाहरणों से रोचक बनाती हुई विषय का विस्तार करती है।

पाठ परिचय

जहां कोई वापसी नहीं निर्मल वर्मा का यात्रा वृतांत है, जो उनके संग्रह 'धुंध से उठती धुन से लिया गया है। इस पाठ में उन्होंने औद्योगिकरण तथा विकास के नाम पर पर्यावरण विनाश से उत्पन्न हुई विस्थापन से संबंधित मनुष्य की समस्याओं के प्रति चिंता प्रकट की है। औद्योगिक विकास के दौर में आज प्राकृतिक सौंदर्य किस प्रकार नष्ट होता जा रहा है, इसका मार्मिक चित्रण इस अध्ययन में किया गया है। लेखक ने स्पष्ट किया है कि औद्योगिक विकास की अंधी दौड़ में केवल मनुष्य ही नहीं उखड़ता, बल्कि उसका परिवेश, संस्कृति और आवास स्थल भी हमेशा के लिए नष्ट हो जाते हैं। इससे हमारा वर्तमान ही नहीं भविष्य भी दांव पर लग जाता है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. अमझर से आप क्या समझते हैं? अमझर गांव में सूनापन क्यों है ?

उत्तर- अमझर से अभिप्राय है आम के पेड़ों से घिरा हुआ गांव जहां आम झाड़ते हैं। जहां पिछले दो-तीन वर्षों से सूनापन है, इसका कारण सरकारी घोषणा है। सरकार ने घोषणा की थी कि यहां अमरौली प्रोजेक्ट को बनाया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत नवागांव के अनेक गांव आएंगे जिन्हें उजाड़ दिया जाएगा। इसके बाद यहां के पेड़ सूखने लगे। वे भी लोगों की तरह मूक सत्याग्रह कर रहे थे।

प्रश्न 2. आधुनिक भारत के नए शरणार्थी' किन्हें कहा गया है ?

उत्तर- आधुनिक भारत के नए शरणार्थी वे लोग हैं जो विशेष प्रोजेक्ट के तहत अपने आश्रय से उजाड़ दिए गए है। सिंगरौली गांव में लोगों को निष्कासित कर दिया गया है, औद्योगीकरण की तेज आंधी ने उन्हें अपने घर जमीन से सदा के लिए उखाड़ दिया।

प्रश्न 3. प्रकृति के कारण विस्थापन और औद्योगिकीकरण के कारण विस्थापन में क्या अंतर है?

उतर- प्रकृति के विरोध के कारण बाढ़, भूकंप आदि आते हैं। इस कारण से लोगों को अपना घर बार छोड़ना पड़ता है। संकट के समाप्त होने पर वे सभी अपने पुराने स्थानों पर वापस आ जाते हैं परंतु औद्योगिकीकरण के कारण लोगों का विस्थापन स्थाई होता है। विकास और प्रगति के नाम पर इन लोगों का परिवेश तथा आश्रय स्थल सदा के लिए नष्ट हो जाता है।

प्रश्न 4. यूरोप और भारत की पर्यावरण संबंधी चिंताएँ किस प्रकार भिन्न है ?

उत्तर- भारत और यूरोप मे पर्यावरण का प्रश्न अलग-अलग नजरिए से देखा जाता है। यूरोप में पर्यावरण का प्रश्न मानव तथा प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखने का है। वहां भौतिकवाद प्रमुख है। भारत में यही प्रश्न मनुष्य और उसके संस्कृति के बीच पुराना संबंध बनाए रखने का होता है। यहां प्रकृति को मानव के संस्कारों से जोड़ा जाता है।

प्रश्न 5. लेखक के अनुसार स्वातंत्र्योत्तर की सबसे बड़ी ट्रेजेडी (दुःख) क्या है ?

उत्तर- लेखक कहता है कि आजादी के बाद हमने यूरोप के विकास के तरीकों को चुना। हमनें पश्चिम के मॉडलों को ज्यों का त्यों अपनाया। उन्होंने कभी प्रकृति, मनुष्य तथा संस्कृति के बीच संतुलन को नहीं देखा। वे सिर्फ पश्चिम की योजनाओं की नकल करते थे, उन्होंने भारतीय स्वरूप तथा जरूरतों के मुताबिक विकास का स्वरूप निर्धारित नहीं किया। यही स्वातंत्र्योत्तर भारत की सबसे बड़े ट्रेजेडी है।

प्रश्न 6. औद्योगिकीकरण ने पर्यावरण का संकट पैदा कर दिया है, क्यों और कैसे?

उत्तर- औद्योगीकरण के कारण प्राकृतिक वनस्पति को नष्ट किया जाता है। गांव को उजाड़ दिया जाता है, उपजाऊ क्षेत्र पर सड़कों तथा भवनों का जाल बिछ जाता है। आबादी बढ़ जाती है। उद्योगों के चलने से वातावरण को प्रदूषित करने वाली गैसें उत्पन्न होती है तथा जहरीला कचरा भी निष्कासित होता है, प्रकृति का अपना संतुलन डगमगा जाता है।

प्रश्न 7. निम्नलिखित पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए ?

क. आदमी उजड़ेंगे तो पेड़ जीवित रह कर क्या करेंगे?

ख. प्रकृति और इतिहास के बीच यह गहरा अंतर है?

उत्तर-

कः इस पंक्ति में लेखक ने अमझर गांव की दशा का वर्णन किया है। प्रोजेक्ट शुरू होने की सरकारी घोषणा के बाद वहां आम के पेड़ सूखने लगे। इससे यह पता चलता है कि प्रकृति और मानव के बीच गहरा रिश्ता है। एक के उजड़ने पर दूसरा भी उजड़ने लगता है।

खः लेखक कहता है कि प्रकृति आपदाओं से व्यक्ति अस्थाई तौर पर विस्थापित होता है परंतु औद्योगीकरण से इलाके का प्राकृतिक परिवेश केवल कहानी रह जाता है इस प्रगति की अंधी दौड़ से आश्रय स्थल सदा के लिए नष्ट हो जाते हैं।

प्रश्न 8. निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए-

क. आधुनिक शरणार्थी

ख. औद्योगिकीकरण की अनिवार्यता

ग. प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति के बीच आपसी संबंध

उत्तर-

क. लेखक बताता है कि औद्योगिकीकरण के कारण जिस क्षेत्र के लोगों का विस्थापन होता है। वे आधुनिक शरणार्थी कहलाते हैं, इनके घर तथा जमीन सदा के लिए उनसे सरकार छीन लेती है।

ख. आज का युग विकास का युग है। विकास उद्योगों से ही हो सकता है। यह आज के समय की जरूरत है। यदि कोई देश इसके उपेक्षा करता है, तो वह असभ्य माना जाता है। वहां के लोगों का जीवन स्तर ऊंचा नहीं उठ पाता ।

ग. लेखक बताता है कि प्रकृति मनुष्य और संस्कृति के बीच गहरा संबंध होता है। प्रकृति और मनुष्य एक नई संस्कृति को जन्म देते हैं। हर संस्कृति के विकास में वहां की जलवायु का बहुत बड़ा योगदान है। संस्कृति के विकास से ही किसी क्षेत्र का पर्यावरण ठीक रह सकता है।

प्रश्न 9. निम्नलिखित पंक्तियों का भाव सौंदर्य लिखिए-

क. कभी-कभी किसी इलाके की संपदा ही उसका अभिशाप बन जाती है।

ख. अतीत का समूचा मिथक संसार पोथियों में नहीं इन रिश्तो की अदृश्य लिपि में मौजूद रहता है।

उत्तर-

क. लेखक बताता है कि जिस क्षेत्र में खनिज संसाधन या वनसंपदा होती है तो वहां विकास की योजनाएं बनाई जाती है। ताकि उन संसाधनों से नई चीजें बनाई जा सके। यही संपत्रता ही उस क्षेत्र के लिए अभिशाप बन जाती है। सिंगरौली में यही हुआ यहां कोयले की उपलब्धता को देखते हुए पावर प्लांट लगाए गए। जिससे इस क्षेत्र की वन संपदा को भारी नुकसान हुआ।

ख. इस पंक्ति में लेखक ने संस्कृति के महत्व को प्रतिपादित किया है। वह कहता है कि अतीत के सभी तथ्य किताबों में नहीं लिखे जा सकते हैं। मानव की हर अनुभूति संस्कार आदि को पुस्तकों में संचालित नहीं किया जा सकता। यह केवल रिश्तो की अदृश्य लिपि में विद्यमान रहता है। लोगों का आपसी संबंध उनका व्यवहार हमें संस्कृति के प्राचीन स्वरूप को दिखाता है।

परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. गांव में खेती करती हुई स्त्रियों के विषय में लेखक ने क्या कहा है?

उत्तर- हिम्मत करके लेखक जब गांव के अंदर गए तो उन्होंने देखा कि वहां सिर्फ स्त्रियां है और सभी एक कतार में झुकी हुई है। धान के पौधे खेत में लगा रही थी, वह सभी स्त्रियां सुडौल, सुंदर, धूप में चमचमाती काली टांगे और उनके सिर पर चटाई के किश्तीनुमा टोपी जो फोटो और फिल्मों में देखे हुए वियतनामी और चीनी स्त्रियों की याद दिलाती हैं।

प्रश्न 2. आम के पेड़ों के संबंध में लेखक ने क्या कहा है?

उत्तरा- सिंगरौली क्षेत्र के एक गांव का जिक्र करते हुए लेखक बताते हैं कि वहां एक अमझर नामक गांव है। अमझर दरअसल दो शब्दों के मेल से बना है जिसका अर्थ होता है। आम का फल पक कर गिरना, जहां आम झड़ते हैं उसे लेखक ने अमझर कहा है। जब गांव में यह घोषणा पहुंची है कि अमरौली प्रोजेक्ट के तहत नवागांव को खत्म कर दिया जाएगा। तब से इन आम के पेड़ों ने अपनी हरियाली को त्याग दिया। मानव प्रकृति को खुद ही पता चल गया कि अब यहां उनका कोई काम नहीं है। अब यहां कोई इंसान नहीं रहेगा इसके परिणाम स्वरूप इस गांव में सूनापन रहने लगा।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. विरोध के कौन से स्वरूप का इस्तेमाल अमझर गांव में किया गया ?

उत्तर- लेखक के अनुसार किसी बात का विरोध चुप रहकर करना और सत्य का आग्रह करना मुख्य सत्याग्रह कहलाता है। औद्योगिकीकरण के विरोध में अमझर गांव के लोगों ने यही सत्याग्रह अपनाया था।

प्रश्न 2. गांव वालों की जीवन शैली के विषय में गांव वालों ने क्या कहा ?

उत्तर- गांव के अंतर्गत पवित्र खुलापन था और इस पवित्र खुलेपन के अंतर्गत सभी संबंधों को पवित्र रखा जाता था। इसके तहत ही खुलकर बोला जाता था, लेखक ने अमझर गांव के लोगों की जीवन शैली को भी इसी खुलेपन के अंदर रखकर बताया है।

अति लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. औद्योगिकरण से आप क्या समझते हैं ?

उत्तर- तकनीकी उपकरण तथा तकनीकी का प्रयोग करके प्रगति और विकास के लिए किये गए प्रयास को औद्योगिकीकरण कहते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. जहां कोई वापसी नहीं पाठ किस विधा में है ?

1 यात्रावृतांत

2 कहानी

3 निबंध

4 नाटक

प्रश्न 2. जहां कोई वापसी नहीं पाठ की मूल संवेदना क्या है ?

1 वृक्षारोपण की समस्या

2 प्रदूषण की समस्या

3 भ्रष्टाचार की समस्या

4 विस्थापन की समस्या

प्रश्न 3. लेखक निर्मल वर्मा किस संस्था की तरफ से सिंगरौली गए थे ?

1 दिल्ली के लोकायन संस्था की तरफ से

2 दिल्ली की हमवतन संस्था की तरफ से

3 वित्त मंत्रालय की ओर से

4 दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से

प्रश्न 4. भारत की सांस्कृतिक विरासत किस कारण जीवित है ?

1 अमझर गांव के कारण

2 राजनीति के कारण

3 सिंगरौली के कारण

4 मनुष्य और प्रकृति के रिश्तो के कारण

प्रश्न-5. लेखक निर्मल वर्मा के अनुसार स्वतंत्र भारत की दुख क्या है ?

1 भ्रष्टाचार में प्रशासन की लापरवाही

2 औद्योगिकीकरण में प्रकृति, मनुष्य और संस्कृति के संतुलन को ध्यान में ना रखना

3 गंदी राजनीति के कारण भ्रष्ट हुए नेता

4 ग्रामीण भारत में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाना

प्रश्न 6. लेखक ने जहां कोई वापसी नहीं इस पाठ में किस स्थान की समस्या को उजागर किया ?

1 मालवा

2 सिंगरौली क्षेत्र के अमझर गांव की

3 गुजरात

4 झारखंड के धनबाद

प्रश्न 7. जहां कोई वापसी नहीं पाठ के लेखक का नाम बताइए ?

1 रामचंद्र शुक्ल

2 जैनेंद्र

3 निर्मल वर्मा

4 निराला

प्रश्न 8. निम्नलिखित में से अमझर क्या है ?

1 आम का पेड़

2 गांव का नाम

3 लेखक के प्रोजेक्ट का नाम

4 आम आदमी की झाड़ियां

प्रश्न 9. अमझर का क्या अर्थ है ?

1 गांव का नाम

2 आमों का झरना

3 सत्याग्रह का नाम

4 उपर्युक्त में से कोई नहीं

प्रश्न 10. लेखक को पेड़ों के मूक सत्याग्रह का अनुभव कहां से हुआ ?

1 झारखंड से

2 धनबाद से

3 भाखड़ा से

4 सिंगरौली से

JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

अंतरा भाग 2

पाठ

नाम

खंड

कविता खंड

पाठ-1

जयशंकर प्रसाद

(क) देवसेना का गीत

(ख) कार्नेलिया का गीत

पाठ-2

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(क) गीत गाने दो मुझे

(ख) सरोज - स्मृति

पाठ-3

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

(क) यह दीप अकेला

(ख) मैंने देखा एक बूँद

पाठ-4

केदारनाथ सिंह

(क) बनारस

(ख) दिशा

पाठ-5

विष्णु खरे

(क) एक कम

(ख) सत्य

पाठ-6

रघुबीर सहाय

(क) बसंत आया

(ख) तोड़ो

पाठ-7

तुलसीदास

(क) भरत - राम का प्रेम

(ख) पद

पाठ-8

मलिक मुहम्मद जायसी

बारहमासा

पाठ-9

विद्यापति

पद

पाठ-10

केशवदास

कवित्त / सवैया

पाठ-11

घनानंद

कवित्त / सवैया

गद्य खंड

पाठ-1

रामचन्द्र शुक्ल

प्रेमधन की छायास्मृति

पाठ-2

पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

सुमिरनी के मनके

पाठ-3

ब्रजमोहन व्यास

कच्चा चिट्ठा

पाठ-4

फणीश्वरनाथ 'रेणु'

संवदिया

पाठ-5

भीष्म साहनी

गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफत

पाठ-6

असगर वजाहत

शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

पाठ-7

निर्मल वर्मा

जहाँ कोई वापसी नहीं

पाठ-8

रामविलास शर्मा

यथास्मै रोचते विश्वम्

पाठ-9

ममता कालिया

दूसरा देवदास

पाठ-10

हजारी प्रसाद द्विवेदी

कुटज

अंतराल भाग - 2

पाठ-1

प्रेमचंद

सूरदास की झोपडी

पाठ-2

संजीव

आरोहण

पाठ-3

विश्वनाथ तिरपाठी

बिस्कोहर की माटी

पाठ-

प्रभाष जोशी

अपना मालवा - खाऊ- उजाडू सभ्यता में

अभिव्यक्ति और माध्यम

1

अनुच्छेद लेखन

2

कार्यालयी पत्र

3

जनसंचार माध्यम

4

संपादकीय लेखन

5

रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन

6

आलेख लेखन

7

पुस्तक समीक्षा

8

फीचर लेखन

JAC वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा, 2023 प्रश्न-सह-उत्तर

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