12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ- 6 (क) वसंत आया

12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ- 6 (क) वसंत आया

12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ- 6 (क) वसंत आया

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Elective

पाठ- 6 (क) वसंत आया

कवि परिचय

रघुवीर सहाय नई कविता के कवि हैं, उनकी कुछ कविताएं अज्ञेय द्वारा संपादित दूसरा सप्तक में संकलित है। कविता के अलावा उन्होंने रचनात्मक और विवेचनात्मक गद्य भी लिखा है। उनके व्यंग्य संसार में आत्मपरक अनुभवों की जगह जन जीवन के अनुभवों के रचनात्मक अभिव्यक्ति अधिक है। वे व्यापक सामाजिक संदर्भों के निरीक्षण अनुभव और बोध को कविता में व्यक्त करते हैं।

रघुवीर सहाय ने काव्य रचना में अपने पत्रकार दृष्टि का सृजनात्मक उपयोग किया है। वे मानते हैं कि अखबार की खबर के भीतर दबी और छुपी हुई ऐसी अनेक खबरें होती हैं, जिनमें मानवीय पीड़ा छिपी रह जाती है। उस छिपी हुई मानवीय पीड़ा की अभिव्यक्ति करना कविता का दायित्व है। रघुवीर सहाय ने अपने काव्य दृष्टि के अनुरूप ही अपनी नई काव्य भाषा का विकास किया है। अनावश्यक शब्दों के प्रयोग से प्रयास पूर्वक बचते हैं । भयाक्रांत अनुभव की आवेश रहित अभिव्यक्ति उनकी कविता की प्रमुख विशेषता है।

रघुवीर सहाय की प्रमुख काव्य कृतियाँ हैं सीढ़ियों पर धूप, 'आत्महत्या के विरुद्ध, हंसो हंसो जल्दी हंसो और लोग भूल गए हैं।' काव्य संग्रह पर उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था।

पाठ परिचय

वसंत आया कविता के माध्यम से कवि कहते हैं कि आज मनुष्य का प्रकृति से रिश्ता टूट गया है। वसंत ऋतु का आना अब अनुभव करने के बजाए कैलेंडर से जाना जाता है। ऋतु में परिवर्तन पहले की तरह ही स्वभावतः घटित होते रहते हैं, पत्ते झड़ते हैं, कोपलें फूटती हैं, हवा बहती है, ढाक के जंगल दहकते हैं, कोमल भ्रमर अपनी मस्ती में झूमते हैं, पर हमारी निगाह उन पर नहीं जाती। हम निरपेक्ष बने रहते हैं। वास्तव में कवि ने आज के मनुष्य की आधुनिक जीवन शैली पर व्यंग्य किया है।

इस कविता की भाषा में जीवन की विडंबना छिपी हुई है। प्रकृति से अलगाव को व्यक्त करने के लिए कवि ने देशज शब्दों और क्रियाओं का भरपूर प्रयोग किया है। अशोक, मदन, महीना, पंचमी, नंदनवन, जैसे परंपरा में रचे बसे हैं, जीवन अनुभव की भाषा में इस कविता को आधुनिकता के सामने एक चुनौती की तरह खड़ा कर दिया है। कविता में बिंब और प्रतीकों का भी सुंदर प्रयोग हुआ है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. वसंत आगमन की सूचना कवि को कैसे मिली ?

उत्तर- वसंत आगमन की सूचना कवि को सुबह जब जा रहे थे तो सड़क में सूखी पत्तियां जो पैरों के नीचे आकर चरमराहट की आवाज करती है, उससे तथा कैलेंडर से प्राप्त हुई। उसने किसी बंगले के अशोक के पेड़ पर चिड़िया की आवाज सुनी, सुबह 6:00 बजे गर्म पानी से नहाए हवा का उसे अनुभव हुआ। इन सभी बातों से उसे पता चला कि वसंत का आगमन हो गया है।

प्रश्न 2. 'कोई छह बजे सुबह------ फिरकी सी आई, चली गई' इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए ?

उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने ऋतु परिवर्तन को बताया है। फाल्गुन महीनों में गर्म- सर्द मौसम होता है। कभी-कभी सुबह की हवा ऐसी होती है, जिससे हल्की गर्माहट होती है। वह तेज चलती है जैसी फिरकी घूमती है वैसे ही हवा भी चक्कर दार चलती है।

प्रश्न 3. 'वसंत पंचमी अमुक दिन होने का प्रमाण कवि ने क्या बताया और क्यों?

उत्तर- कवि के अनुसार वसंत पंचमी होने का प्रमाण यह था कि उसके कार्यालय में वसंत पंचमी के अवसर पर अवकाश घोषित हो चुका था। वह नहीं जानता था कि वसंत पंचमी किस दिन होगी। वह व्यस्त दिनचर्या और भाग-दौड़ में वसंत ऋतु के आगमन को नहीं जान पाया था।

प्रश्न 4. 'और कविताएँ पढ़ते रहने से.... आम बौर आवेंगे- में निहित व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- रघुवीर सहाय जी ने अपनी कविता वसंत आया में आज की आधुनिक जीवन शैली पर व्यंग्य किया गया है। आज मनुष्य के साथ विडंबना यह है कि वह प्रकृति से अपनी अंतरंगता खो चुका है। मनुष्य वातावरण में होने वाले ऋतु परिवर्तन का अनुभव करने में असमर्थ हैं। ऋतु परिवर्तन से मिलने वाले आनंद से वंचित है। अवकाश में वह प्रकृति से दूर किसी एकांत कमरे में बैठा कविताएँ-कथाएँ पढ़-पढ़कर प्रकृति को अनुभव करने की कोशिश करता है। इस तरह कविता में प्रकृति से कटे मनुष्य को आधुनिकता के सामने एक चुनौती के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

प्रश्न 5. अलंकार बताइए

क. बड़े-बड़े हैं पियराए पत्ते

ख. कोई छः बजे सुबह जैसे गर्म पानी से नहाई हो

ग. खिली हुई हवा आई, फिरकी सी चली गई

घ. कि दहर दहर दहकेंगे ढाक के जंगल

उत्तर-

क. पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार तथा अनुप्रास अलंकार ।

ख. उत्प्रेक्षा अलंकार ।

ग. उपमा अलंकार तथा मानवीकरण अलंकार।

घ. पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार तथा अनुप्रास अलंकार।

प्रश्न 6. किन पंक्तियों से ज्ञात होता है कि आज मनुष्य प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य की अनुभूति से वंचित है ?

उत्तर-"यही नहीं जाना था कि आज के नगण्य दिन जानूँगा जैसे मैंने जाना कि वसंत आया।" इस पंक्ति से स्पष्ट है कि आज मनुष्य प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य के अनुभूति से वंचित है।

प्रश्न 7. प्रकृति मनुष्य की सहचरी है' इस विषय पर विचार करते हैं हुए आज के संदर्भ में इस कथन की वास्तविकता पर प्रकाश डालें ?

उत्तर- यह सच है कि प्रकृति मनुष्य की सहचरी है। उसने मानव विकास में अपना पूरा योगदान दिया है। उसने मनुष्य को सभी सुख-सुविधाएं प्रदान की है। मनुष्य ने प्रकृति की गोद में रहकर ज्ञान प्राप्त किया है। आज वह चांद पर पहुंच गया है। प्रकृति के पास सभी उत्तम साधन हैं, मनुष्य के पास अपना कुछ नहीं है। लेकिन जब से मनुष्य धरती पर निवास करने लगा तब से अपना साम्राज्य फैलाना शुरू कर दिया। विकास के नाम पर चारों ओर कल कारखाने लगाकर प्रकृति का दोहन करने लगा। प्रकृति के साधन सीमित हो रहे हैं। आज प्रकृति भी हम सब का साथ छोड़ रही है।

प्रश्न 8. 'वसंत आया' कविता में कवि की चिंता क्या है? उसका प्रतिपाद्य लिखिए।

उत्तर- मनुष्य ने भौतिक प्रगति के लिए प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाया है। कवि ने कहा है कि आज मनुष्य का प्रकृति से रिश्ता टूट गया है। ऋतुएं पहले की तरह अपनी व्यवस्था से चलती है, परंतु मनुष्य उनसे दूर हो गया है। प्रकृति जो कभी मानव जाति का साथी था. आज उससे दूर है। मनुष्य के पास अत्याधुनिक सुविधाएं होने का साधन है, लेकिन प्रकृति की सुंदरता को देखने और महसूस करने की संवेदना नहीं बची है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. वसंत आया कविता के रचपिता कौन हैं?

1. रघुवीर सहाय

2. जयशंकर प्रसाद

3. तुलसीदास

4. निराला

प्रश्न 2. कवि ने चिड़िया के चहकने की तुलना किससे की है?

1. बहन के दा कहने से

2. बहन से

3. वसंत ऋतु से

4. पीले पत्तों से

प्रश्न 3. कवि को वसंत के आने का पता कैसे चला ?

1. मौसम से

2. पीले पत्तों से

3. कैलेंडर से

4. बहन से

प्रश्न 4. कवि को डाक के जंगलों के दहकने का पता कैसे चला ?

1. चिड़ियों के जगने से

2. कविताओं से

3. पत्थरों से

4. ऑफिस से

प्रश्न 5. 'पियराय शब्द का अर्थ क्या है?

1. पीहर

2. पीना

3. पीले हो चुके

4. पानी पी चुके

प्रश्न 6. कवि ने निम्नलिखित में से वसंत की कौन सी विशेषता बताई है?

1. ढाक के जंगल दहकते हैं

2. वृक्ष फूलों से लद जाते हैं।

3. पीले-पीले पत्ते गिरने लगते हैं।

4. ये सभी

प्रश्न 7. 'वसंत आया' कविता में कवि की चिंता क्या है ?

1. पलाश के जंगलों में लगी आग

2. पेड़ों से पत्तों का झरना

3. मनुष्य का प्रकृति से रिश्ता टूटना

4. नव निर्माण करना

JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

अंतरा भाग 2

पाठ

नाम

खंड

कविता खंड

पाठ-1

जयशंकर प्रसाद

(क) देवसेना का गीत

(ख) कार्नेलिया का गीत

पाठ-2

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(क) गीत गाने दो मुझे

(ख) सरोज - स्मृति

पाठ-3

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

(क) यह दीप अकेला

(ख) मैंने देखा एक बूँद

पाठ-4

केदारनाथ सिंह

(क) बनारस

(ख) दिशा

पाठ-5

विष्णु खरे

(क) एक कम

(ख) सत्य

पाठ-6

रघुबीर सहाय

(क) बसंत आया

(ख) तोड़ो

पाठ-7

तुलसीदास

(क) भरत - राम का प्रेम

(ख) पद

पाठ-8

मलिक मुहम्मद जायसी

बारहमासा

पाठ-9

विद्यापति

पद

पाठ-10

केशवदास

कवित्त / सवैया

पाठ-11

घनानंद

कवित्त / सवैया

गद्य खंड

पाठ-1

रामचन्द्र शुक्ल

प्रेमधन की छायास्मृति

पाठ-2

पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

सुमिरनी के मनके

पाठ-3

ब्रजमोहन व्यास

कच्चा चिट्ठा

पाठ-4

फणीश्वरनाथ 'रेणु'

संवदिया

पाठ-5

भीष्म साहनी

गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफत

पाठ-6

असगर वजाहत

शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

पाठ-7

निर्मल वर्मा

जहाँ कोई वापसी नहीं

पाठ-8

रामविलास शर्मा

यथास्मै रोचते विश्वम्

पाठ-9

ममता कालिया

दूसरा देवदास

पाठ-10

हजारी प्रसाद द्विवेदी

कुटज

अंतराल भाग - 2

पाठ-1

प्रेमचंद

सूरदास की झोपडी

पाठ-2

संजीव

आरोहण

पाठ-3

विश्वनाथ तिरपाठी

बिस्कोहर की माटी

पाठ-

प्रभाष जोशी

अपना मालवा - खाऊ- उजाडू सभ्यता में

अभिव्यक्ति और माध्यम

1

अनुच्छेद लेखन

2

कार्यालयी पत्र

3

जनसंचार माध्यम

4

संपादकीय लेखन

5

रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन

6

आलेख लेखन

7

पुस्तक समीक्षा

8

फीचर लेखन

JAC वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा, 2023 प्रश्न-सह-उत्तर

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