प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Hindi Elective
पाठ-3 बिस्कोहर की माटी
लेखक परिचय
विश्वनाथ
त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश के बस्ती जिला स्थित बिस्कोहर गांव में 16 फरवरी
1931 को एक किसान परिवार में हुआ। बिस्कोहर में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात
आगे की शिक्षा के लिए ये बालमपुर चले आए। इन्होंने हिंदी विषय से कानपुर में स्नातक
तथा वाराणसी से स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की। इन्हें आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
जैसे गुरु का सानिध्य प्राप्त हुआ। वरिष्ठ आलोचक डॉ नामवर सिंह के कहने पर इन्होंने
आलोचना कार्य प्रारंभ किया। इनकी रचनाएं हैं. प्रारंभिक अवधी, हिंदी आलोचना, हिंदी
साहित्य का संक्षिप्त इतिहास, लोकवादी तुलसीदास, मीरा का काव्य नंगातलाई का गांव इनकी
आत्मकथा है। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की जीवनी पर आधारित व्योमकेश दरवेश' रचना
के लिए इन्हें वर्ष 2014 का मूर्ति देवी पुरस्कार प्रदान किया गया।
पाठ परिचय
बिस्कोहर
की माटी रचनाकार विश्वनाथ त्रिपाठी की आत्मकथा नंगातलाई का गांव का हिस्सा है। इसमें
लेखक ने अपने बचपन तथा किशोरावस्था की यादों के साथ अपने गांव बिस्कोहर के खेत-खलिहान,
तालाब, घर-गृहस्थी आदि का रोचक और चित्रात्मक वर्णन किया है। इसमें एक और बाढ़, अकाल
जैसी प्राकृतिक आपदाओं का वर्णन कर गांव के संघर्षपूर्ण जीवन को पाठकों के समक्ष रखने
की कोशिश की गई है, तो दूसरी ओर कमल, कुमुद, हरसिंगार के साथ-साथ विभिन्न प्रकार की
सब्जियों तथा दलहन-तिलहन के फूलों का उल्लेख संबंधित ऋतुओं के साथ जोड़कर गांव की प्राकृतिक
रमणीक छटा को साकार किया गया है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न (1) कोईयाँ किसे कहते हैं? उसकी विशेषताएं बताइए?
उत्तर:
कोईयाँ एक जल पुष्प है। यह पानी में उगता है। इसको कुमुद भी कहते हैं। इसे कोकावेली
भी कहा जाता है। यह शरद ऋतु में खिलता है। जहां भी गड्ढा होता है और उसमें पानी भरा
होता है। वहां पर कोईयाँ फूल उठती है। रेलवे लाइन के दोनों ओर गड्ढों में भरे पानी
में भी यह फूल दिखाई देता है। यह समस्त उत्तर भारत में मिलता है।
विशेषताएं
(1)
यह मुख्यतः शरद ऋतु में सरोवर में खिलता है।
(2)
इसकी गंध अत्यधिक मादक होती है।
(3)
जहां पानी जमा होता है वहाँ यह स्वयं उग जाता है।
(4)
इसका रंग चाँदनी की भाँति दूधिया होता है। इस कारण अत्यंत आकर्षक होता है।
प्रश्न (2) बच्चे का माँ का दूध पीना सिर्फ दूध पीना नहीं, माँ से बच्चे
के सारे संबंधों का जीवन चरित्र होता है टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:-
माँ अपने बच्चे को दूध पिलाती है। बच्चे का माँ का दूध पीना सिर्फ दूध पीना नहीं, माँ
से बच्चे के सारे संबंधों का जीवन चरित्र होता है। बच्चा सुबकता है और रोता है। बच्चा
माँ को मारता है। माँ भी कभी- कभी बच्चे को मारती है। इन सब क्रियाओं के दौरान माँ
बच्चे को प्यार करती है । माँ उसे अपने स्नेह छाया से अलग नहीं करती है। बच्चा माँ
का स्पर्श करता है और माँ को पहचान लेता है। चांदनी रात में खटिया पर लेट कर बच्चे
को दूध पिलाते समय माँ दूध ही नहीं, उसे चाँदनी भी पिलाती है। चाँदनी भी माँ के समान
ही बच्चे को ममता, पुलक और स्नेह देती है। माँ की गोद में लेटकर माँ का दूध पीना मानव
जीवन की सार्थकता है। माँ का दूध पीने के साथ ही बच्चे का माँ के साथ जीवन भर का अटूट
संबंध जुड़ जाता है। बच्चा माँ की ममता पाना चाहता है, उसके लिए तरसता है। माँ में
बच्चे के प्रति ममता और स्नेह का गुण प्रकृति प्रदत होता है। बच्चे के प्रति ममता और
स्नेह उसके मन में सदा बने रहते हैं। मां का दूध पीने से बालक तथा माँ में जो संबंध
जुड़ता है वह जीवन भर कभी नहीं टूटता है।
प्रश्न (3) बिसनाथ पर क्या अत्याचार हो गया?
उत्तर:-
बिसनाथ अपनी माँ का दूध पीता था। माँ के दूध पर बिसनाथ का एकाधिकार था। वह तीन वर्ष
का था तभी उसके छोटे भाई ने जन्म लिया। विसनाथ की माँ का दूध छिन गया। माँ के दूध पर
उसका एकाधिकार अब नहीं रहा, उस पर छोटे भाई का अधिकार हो गया। छोटा भाई मजे में माँ
का पौष्टिक दूध पीता और विसनाथ को गाय का बेस्वाद दूध पीना पड़ता था। बिसनाथ के भाई
के जन्म के बाद बिसनाथ को कसेरिन दाई को सौंप दिया गया, जो पड़ोस में रहती थी। उन्होंने
ही बिसनाथ को पाला पोसा। तीन साल का विसनाथ दाई के साथ जमीन पर लेटे-लेटे चाँद को देखा
करता था। दाई द्वारा पालन-पोषण बिसनाथ को अत्याचार लगता था।
प्रश्न (4) गर्मी और लू से बचने के उपायों का विवरण दीजिए? क्या आप
भी उन उपायों से परिचित हैं?
उत्तर:-
गर्मी की ऋतु में तेज धूप पड़ती है तथा तेज गर्म हवा चलती है। इसको लू चलना कहते हैं।
लू लगने से मनुष्य के शरीर में पसीना आना बंद हो जाता है तथा उसके शरीर का ताप बढ़
जाता है। कभी-कभी मनुष्य की मृत्यु भी हो जाती है।
लू
से बचने के उपाय
(1)
बाहर जाते समय प्याज की गाँठ किसी कपड़े में बाँधकर या जेब में डाल कर बाहर निकले।
(2)
कच्चे आम को भूनकर या उबालकर उसमें गुड़ अथवा चीनी मिलाकर बने शरबत का सेवन करें। आम
को भून कर उसके गूदे से सिर धोने से भी लू से बचा जा सकता है।
हाँ
हम इन उपायों से परिचित हैं प्रायः इस तरह के उपाय हर क्षेत्र में अपनाए जाते हैं।
प्रश्न (5) लेखक बिसनाथ ने किन आधारों पर अपनी मां की तुलना बत्तख से
की है?
उत्तर-
बिसनाथ ने दिल्ली के दिलशाद गार्डन के डियर पार्क में एक बत्तख को अपने अंडे देते हुए
देखा है। उसने अपने सभी अंडे को अपने पंखों को फैलाकर उसके नीचे छिपा रखा था ताकि कळे,
चील, बाज आदि से उनकी रक्षा की जा सके। अंडों के इधर-उधर छिटक जाने पर बत्तख अपनी चोंच
से बड़ी सावधानी पूर्वक उन्हें फिर से पंखों के अंदर कर लेती है। पास में बैठे कौवे
की ताक से बचाकर कभी-कभी वह पूरी सावधानी से उलट-पुलट भी कर लेती थी। अंडों को सेकते
समय वह कौऐ पर दृष्टि जमाए रहती थी। बालक बिसनाथ को भी उसकी मां अपने आंचल में छिपाए
रखती है। उसके रोने, मारने पीटने के बावजूद उसे दूध पिलाना नहीं छोड़ती। उसे अपने पेट
से चिपकाए रखती है। इस प्रकार बत्तख और लेखक की मां में बच्चों के प्रति एक ही ममता
है। दोनों ही माताएं सभी प्रकार के कष्टों से बच्चों की रक्षा करती है। लेखक ने महसूस
किया कि मां में बच्चों के प्रति ममता प्राकृतिजन्य होती है। जिसके सहारे वे जड़ को
चेतन रूप में परिवर्तित करती है। इन्हीं आधारों पर विश्वनाथ ने अपनी मां की तुलना बत्तख
से की है।
प्रश्न (6) बिस्कोहर में हुई बरसात का जो वर्णन विसनाथ ने किया है उसे
अपने शब्दों में लिखिए?
उत्तर:
गर्मी के बाद बरसात अच्छी लगती है। बिस्कोहर में बरसात अचानक नहीं आती पहले बादल घिरते
थे और गड़गड़ाहट होती थी फिर पूरा आकाश काले बादलों से घिर जाता था और दिन में रात
जैसा अंधेरा छा जाता था। इसके बाद घनघोर वर्षा होती थी। बरसात की बूंदों के गिरने से
जो आवाजें होती थी ऐसा लगता था मानो प्रकृति संगीत उत्पन्न कर रही है। उससे संगीत का
आनंद आता था, उसमें तबला, मृदंग और सितार का संगीत होता था।
पानी
बरसता था तो दिखाई भी देता था। घर की छत से देखने पर दूर से घोड़े की कतार दौड़ती हुई
चली आ रही प्रतीत होती थी। आंधी चलती थी तो टीन और छप्पर उड़ जाते थे। इसके बाद कई
दिनों तक लगातार वर्षा होने पर दीवार गिर जाती थी. घर घस जाते थे, बाढ़ आ जाती थी।
भीषण गर्मी के बाद हुई बरसात के कारण कुत्ते बकरी, मुर्गी पुलकित (प्रसन्न होकर इधर-उधर
भागते थे, थिरकते थे। कीड़े-मकोड़ों की बढ़ोतरी हो जाती थी। गंदगी और कीचड़ भी हो जाता
था। पेड़-पौधे तथा घास पर हरियाली छा जाती थी। खेत खलिहान पानी से भर जाते थे और चारों
ओर शीतलता छा जाती थी।
प्रश्न (7) फूल केवल गंध ही नहीं देते. दवा भी करते हैं, कैसे?
उत्तर:-
प्रत्येक पुष्प में किसी ना किसी तरह का गंध होता है। इनकी गंध मनुष्य को आनंदित करती
है। गंध के साथ-साथ फूल विभिन्न रोगों में दवा का काम भी करता है। लेखक के गाँव में
अनेक रोगों का उपचार फूलों के द्वारा होता था। बिसनाथ के गांव में एक फूल था जिसका
नाम भरभंडा था इसको सत्यानाशी भी कहा जाता है। इसका प्रयोग गर्मियों में आँख दुखने
पर दवा के रूप में किया जाता था। नीम का फूल तथा पत्ता चेचक के रोगियों के लिए लाभकारी
माना जाता है। बेर के फूल सूँघने से ततैया का डंक ठीक होता था आम के फूलों को भी अनेक
प्रकार के रोगों में दवा के रूप में प्रयोग किया जाता था। इस प्रकार अनेक वनस्पतियाँ
हैं जिनके पत्ते, फूल, फल, लकड़ी, जड़ तथा छाल दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।
गुड़हल के फूल के सेवन से मधुमेह रोग दूर होता है। बेल फल तथा बेल फूल रोगों के लिए
लाभकारी है। इसी प्रकार अन्य वनस्पतियाँ भी लाभदायक है।
प्रश्न (8) प्रकृति सजीव नारी बन गई है इस कथन के संदर्भ में लेखक की
उत्तर:
प्रकृति, नारी और सौंदर्य संबंधी मान्यताएं स्पष्ट कीजिए? - बिसनाथ जब दस वर्ष का था
तब उसने उस औरत को पहली बार एक रिश्तेदार के यहां देखा था। वह औरत अत्यंत रूपवती थी।
लेखक को उसे देखकर ऐसा लगा जैसे बरसात की चांदनी रात में जूही की खुशबू आ रही है। मानो
प्रकृति का समस्त सौंदर्य उन्हें उस नारी में समाहित प्रतीत होने लगा। उन दिनों बिसनाथ
बिस्कोहर में संतोषी के घर बहुत आया करते थे। उनके आंगन में जुही लगी थी। उसकी खुशबू
बिसनाथ के प्राणों में बसी थी। चाँदनी रात में जूही के सफेद फूल ऐसे लगते थे जैसे की
चाँदनी ही फूल बनकर डालो में लगी है।
चाँदनी,
फूल और खुशबू सभी प्रकृति के ही रूप हैं। वह औरत भी बिसनाथ को औरत के रूप में नहीं
बल्कि जूही की लता बनी हुई चाँदनी के रूप में दिखाई दी, जिसके फूलों से खुशबू आ रही
थी। उसमें बिसनाथ ने प्रकृति के ही सजीव रूप को देखा था। ऐसा लगता था जैसे प्रकृति
ने ही सजीव नारी का रूप धारण किया है। अर्थात प्रकृति का समस्त सौंदर्य उन्हें उस नारी
में समाहित प्रतीत होने लगा । बिसनाथ को प्रकृति की समस्त वस्तुओं से प्रेम था। वह
प्रकृति को सजीव रूप में देखते थे। वह औरत भी उन्हें प्रकृति की तरह सुंदर लगती थी
इसलिए उन्हें लगा कि प्रकृति सजीव नारी बन गई है।
प्रश्न (9) ऐसी कौन सी स्मृति है जिसके साथ लेखक को मृत्यु का बोध अजीब
तौर से जुड़ा मिलता है ?
उत्तर:-
लेखक के पास अनेक स्मृतियाँ हैं जो उसे कभी-कभी पीड़ा पहुंचाती हैं, लेकिन जिस औरत
को देखकर वह समस्त प्रकृति के सौंदर्य को ही भूल गया था। उससे अपनी भावनाओं का इजहार
ना कर पाया। मन में उसके प्रति गहरा आकर्षण था। उसकी यह आसक्ति कभी नहीं मिटी जीवन
भर बनी रही, शर्म और संकोच के कारण वह उससे कुछ ना कह सका।
लेखक
उस औरत को प्रकृति के साथ तुलना करके देखता था। ऐसा लगता था जैसे प्रकृति उसके रूप
में सजीव हो उठी है। चाँदनी रात में जूही के सफेद फूलों के समान सुंदरता तथा गंध लेखक
को आकर्षित करती थी। वह उसको सफेद फूलों और चांदनी के समान सफेद साड़ी पहने काले बादलों
जैसे घने काले केश सवारे दिखाई देती थी। वह संगीत, नृत्य, मूर्ति, कविता, कला के हर
रूप में उपस्थित रहती थी। उस औरत के प्रति गहरी आसक्ति लेखक में सदैव बनी रही। यह स्मृति
उसे बराबर रही और इसी के साथ मृत्यु का एक अजीब प्रकार का बोध भी जुड़ा रहा।
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न (1) लेखक के अनुसार मां और बच्चे का संबंध बहुत गहरा क्यों होता
है?
उत्तर:-
बच्चे और मां का संबंध बहुत गहरा एवं पवित्र होता है। लेखक कहते हैं कि जब भी बच्चा
रोता है या बच्चा अपनी मां को मारता है तो मां भी अपने बच्चे को कभी कभी वापस मारती
है लेकिन फिर भी बच्चा अपनी मां से ही चिपका रहता है और मां भी उतना ही प्रेम वापस
देती है। इन्हीं सब बातों से मां और बच्चे का संबंध गहरा होता है।
प्रश्न (2) विश्वनाथ त्रिपाठी का संक्षिप्त जीवन परिचय दें
उत्तर:-
लेखक परिचय-विश्वनाथ त्रिपाठी का जन्म 16 फरवरी 1931 ई. में उत्तर प्रदेश के
बस्ती जिला के बिस्कोहर गांव में हुआ था।
शिक्षा-प्रारंभिक
शिक्षा अपने गांव में हुई। उच्च शिक्षा के लिए पहले कानपुर तथा वाराणसी गए। उन्होंने
पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ से पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की।
प्रमुख
रचनाएं प्रारंभिक अवधी हिंदी आलोचना, हिंदी साहित्य का संक्षिप्त
इतिहास, लोकवादी तुलसीदास, मीरा का काव्य, देश के इस दौर में पेड़ का हाथ, जैसे कह
सका।
आचार्य
हजारी प्रसाद के साथ अद्दमाण अब्दुल रहमान) के अपभ्रंश काव्य संदेश रासक का संपादन
किया| कविताएं 1963. कविताएं 1964 कविताएं 1965 (अजीत कुमार के साथ) हिंदी के प्रहरी
रामविलास शर्मा (अरुण कुमार के साधा संपादित किया।
प्रमुख
सम्मान गोकुल चंद शुक्ला आलोचना पुरस्कार डॉ रामविलास शर्मा सम्मान,
सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कारों
प्रश्न (3) बिस्कोहर की माटी की कथा के केंद्र में क्या है?
अथवा
'बिस्कोहर की माटी-पाठ के आधार पर सिद्ध कीजिए कि यह पाठ ग्रामीण जीवन
के रूप, रस, गंध को उकेरने वाला मार्मिक लेख है।
उत्तर:-
बिस्कोहर की माटी की पूरी कथा का केंद्र बिस्कोहर है जो लेखक का गांव है। बिसनाथ भी
उसके केंद्र में है। लेखक ही बिसनाथ है। गर्मी, वर्षा और शरद ऋतु में गाँव में जो दिक्कतें
आती है उसका लेखक पर गहरा प्रभाव पड़ा है। दस वर्ष की उम्र में अपनी आयु से दस वर्ष
बड़ी स्त्री को देख कर मन में उठे भावों, संवेगों के अमिट प्रभाव व उसके मार्मिक प्रस्तुति
के बीच संवादों की यथावत आंचलिक प्रस्तुति से अनुभव की नैसर्गिक तथा सत्यता प्रकट हुई
है। पूरी रचना में लेखक ने अपने देखे तथा भोगे यथार्थ को प्राकृतिक सौंदर्य के साथ
अनूठी और एकदम नवीन शैली में प्रस्तुत किया है। अतः यह पाठ ग्रामीण जीवन की विशेषताओं
को उकेरने वाला लेख है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न (1) लेखक लू से कैसे बचते थे?
उत्तर:-
बचपन में लेखक दोपहर में सबको सोता हुआ छोड़कर भरी गर्मी में घर से चुपके से बाहर निकल
जाते थे और दुपहरिया का नाच देखते थे। उनकी मां उनको लू से बचने के लिए उनकी धोती या
लू कमीज में गांठ लगाकर प्याज बांध देती थी और लू से बचने की सबसे उत्तम दवा थी- आम
का पन्ना। इस प्रकार लेखक लू से बच जाते थे।
प्रश्न (2) लेखक चांदनी रात और बच्चे पर क्या टिप्पणी करते है?
उत्तर:-
लेखक कहते हैं कि चाँदनी रात में खटिया पर बैठकर जब माँ अपने बच्चे को दूध पिलाती है
तब बच्चा दूध पीने के साथ-साथ चाँदनी रात के आनंद को भी पूरी तरह महसूस करता है। जैसे
चांदनी भी बच्चे को उसकी माँ की तरह स्रेह, ममता दे रही है।
प्रश्न (3) गुड़हल के फूल की क्या विशेषता है।
उत्तर:-
लेखक के गाँव वाले गुड़हल के फूल को देवी का फूल मानते हैं और इस फूल को चुड़ैल आदि
नामों से भी संबोधित किया जाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न (1) बिस्कोहर की माटी पाठ के लेखक कौन हैं?
1
विष्णु शर्मा
2 विश्वनाथ त्रिपाठी
3
केशवदास
4
प्रभाष जोशी
प्रश्न (2) बिस्कोहर की माटी पाठ गद्य की कौन सी विधा है?
1
निबंध
2
उपन्यास
3
रेखाचित्र
4 आत्मकथा
प्रश्न (3) इस अध्याय में लेखक किसका वर्णन करते हैं?
1
अपने गाँव का
2
गाँव के प्रकृति परिवेश का
3
गाँव के जीवन का
4 इनमें से सभी
प्रश्न (4) कोइयाँ क्या है?
1 फूल
2
पशु
3
फल
4
इनमें से कोई नहीं
प्रश्न (5) इस पाठ में किसकी ममता (स्नेह) की बात कही गई है?
1
पिता का
2 भाई का
3
मां का
4
बहन का
प्रश्न (6) विश्वनाथ को मां का दूध क्यों नहीं मिल रहा था?
1 भाई के जन्म के कारण
2
बहन के जन्म के कारण
3
इनमें से दोनों
4
इनमें से कोई नहीं
प्रश्न (7) विश्वनाथ की कौन सी रचना हजारी प्रसाद द्विवेदी पर केंद्रित
है?
1 व्योमकेश दरवेश
2
आरोहण
3
नमक का दारोगा
4
सूरदास की झोपड़ी
प्रश्न (8) लेखक के अनुसार पहली वर्षा का क्या लाभ है?
1
खुजली दाद नहीं होते
2
पहला और दूसरा दोनों
3 फोड़े-फुंसी नहीं होते
4
इनमें से कोई नहीं
प्रश्न (9) बिस्कोहर की माटी पाठ के अनुसार हिंदुओं के भोज में किस
पत्ते का इस्तेमाल किया जाता है?
1
जूही के पत्ते
2 सखुआ के पत्ते
3
कमल के पत्ते
4
बबूल के पत्ते
प्रश्न (10) कोइयाँ का दूसरा नाम क्या है?
1
जूही
2
सरसों
3
बबूल
4 कुमुद
JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
अंतरा भाग 2 | ||
पाठ | नाम | खंड |
कविता खंड | ||
पाठ-1 | जयशंकर प्रसाद | |
पाठ-2 | सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | |
पाठ-3 | सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय | |
पाठ-4 | केदारनाथ सिंह | |
पाठ-5 | विष्णु खरे | |
पाठ-6 | रघुबीर सहाय | |
पाठ-7 | तुलसीदास | |
पाठ-8 | मलिक मुहम्मद जायसी | |
पाठ-9 | विद्यापति | |
पाठ-10 | केशवदास | |
पाठ-11 | घनानंद | |
गद्य खंड | ||
पाठ-1 | रामचन्द्र शुक्ल | |
पाठ-2 | पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी | |
पाठ-3 | ब्रजमोहन व्यास | |
पाठ-4 | फणीश्वरनाथ 'रेणु' | |
पाठ-5 | भीष्म साहनी | |
पाठ-6 | असगर वजाहत | |
पाठ-7 | निर्मल वर्मा | |
पाठ-8 | रामविलास शर्मा | |
पाठ-9 | ममता कालिया | |
पाठ-10 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | |
अंतराल भाग - 2 | ||
पाठ-1 | प्रेमचंद | |
पाठ-2 | संजीव | |
पाठ-3 | विश्वनाथ तिरपाठी | |
पाठ- | प्रभाष जोशी | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | ||
1 | ||
2 | ||
3 | ||
4 | ||
5 | ||
6 | ||
7 | ||
8 | ||