12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ-7 (ख) पद

12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ-7 (ख) पद

 12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ-7 (ख) पद

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Elective

पाठ-7 () पद

पाठ परिचय

प्रस्तुत पद गीतावली से उद्धृत है जिनमें से प्रथम पद में राम के वनगमन के बाद माता कौशल्या के हृदय की विरह वेदना का वर्णन किया गया है। वे राम की वस्तुओं को देखकर उनका स्मरण करती हैं और बहुत दुखी हो जाती है। दूसरे पद में माँ कौशल्या राम के वियोग में दुखी अश्वों को देखकर राम से एक बार पुनः अयोध्यापुरी आने का निवेदन करती है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. राम के वन गमन के बाद उनकी वस्तुओं को देखकर मां कौशल्या कैसा अनुभव करती है? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर- तुलसीदास अपनी रचना गीतावली के प्रस्तुत पद में राम वन गमन के बाद माता कौशल्या की स्थिति का वर्णन करते हुए कहते हैं कि माता कौशल्या राम के वन गमन के पश्चात व्याकुल हो उठती हैं। वह राम के धनुष-बाण, सुंदर- जूतियां को देखकर अतीत में खो जाती हैं। उन्हें स्मरण हो आता है कि सुबह सवेरे अपने पुत्र राम को प्यार से जगाती थीं और अपना स्रेह राम पर लुटाती हुई बताती हैं कि उनके छोटे भाई और मित्र सभी उनकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। माता कौशल्या उन्हें भोजन कराती हुईं उन पर बलिहारी जाती हैं। राम के साथ बिताए पुराने दिनों को माता कौशल्या चित्र की भांति स्थिर भाव से याद करते हुए दुखी हो उठती हैं।

प्रश्न 2. रहि चकि चित्रलिखी थी पंक्ति का मर्म अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- माता कौशल्या राम के वन गमन के बाद उनकी याद में व्याकुल हैं। वे राम के साथ बिताए दिनों को याद करते हुए किसी चित्र की भांति जड़ हो जाती हैं। वह राम के वन जाने पर आंतरिक रूप से अत्यधिक व्याकुल व दुखी हैं। तुलसीदास ने माता कौशल्या के हृदय की वेदना का वर्णन किया है।

प्रश्न 3. 'गीतावली' में संकलित पद राधौ एक बार फिरि आवौ' में निहित करुणा और संदेश को अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- तुलसीदास जी ने गीतावली' के इस पद में मां कौशल्या द्वारा राम के वियोग में दुखी अश्वों को देखकर राम के एक बार पुनः अयोध्या लौट आने का निवेदन करने के दृश्य को उपस्थित किया है। माता कौशल्या राम के वियोग में दुखी घोड़ों को सहलाते हुए अपनी आंतरिक पीड़ा उनके सम्मुख व्यक्त कर रही हैं। माता कौशल्या जिस प्राण प्रिय बेटे राम को देख देख कर जीती थीं, उसी पुत्र ने उन्हें भुला दिया है। वे पथिकों से निवेदन करती हैं कि यदि वन में कहीं राम उन्हें मिले तो वे माता कौशल्या का संदेश उन्हें अवश्य पहुंचा दे।

प्रश्न 4. (क) उपमा अलंकार के दो उदाहरण छांटिए ।

(ख) उत्प्रेक्षा अलंकार का प्रयोग कहां और क्यों किया गया है? उदाहरण सहित उल्लेख कीजिए।

उत्तर- (क) उपमा अलंकार के दो उदाहरण-

1. "कबहुं समुझि वनगमन राम को रहि चकि चित्रलिखी सी।"

2. "तुलसीदास वह समय कहे तें लागति प्रीति सिखी सी।"

(ख) तदपि दिनहिं दिन होत झांवरे मनहुं कमल हिममारे।"

- इन पंक्तियों में उत्प्रेक्षा अलंकार का प्रयोग हुआ है। यहां दिन को कमल की तरह मुरझाते हुए दिखाया गया है। अर्थात् दिन ऐसे कुम्हलाते जाते हैं मानो कमल दिनों-दिन कुम्हलाते जाते हैं।

प्रश्न 5. पठित पदों के आधार पर सिद्ध कीजिए कि तुलसीदास का भाषा पर पूरा अधिकार था?

उत्तर- किसी भी कवि का भाषा पर अधिकार होना आवश्यक गुण है। तुलसीदास का अवधी और ब्रज भाषा दोनों पर समान अधिकार प्राप्त था। वे संस्कृत के भी अच्छे ज्ञाता थे। रामचरितमानस की रचना उन्होंने अवधी भाषा में की, तो विनयपत्रिका, कवितावली, गीतावली, दोहावली की रचना ब्रज भाषा में की है। यहां संकलित पद गीतावली से लिए गए हैं और ये ब्रज भाषा में लिखे गए हैं। उनकी भाषा में भावों को व्यक्त करने की पूरी क्षमता है। पदों में कौशल्या का वियोग वात्सल्य व्यंजित है। तुलसी की भाषा में व्यंजना- शब्द शक्ति है। उनकी भाषा में प्रतीकात्मक, आलंकारिकता एवं सहजता के गुण विद्यमान हैं। इस प्रकार काव्यभाषा में पाए जाने वाले समस्त गुण तुलसी के इन पदों में उपलब्ध हैं, जो इस बात के द्योतक हैं कि भाषा पर तुलसीदास का पूरा अधिकार है।

प्रश्न 6. पाठ के किन्हीं चार स्थानों पर अनुप्रास के स्वाभाविक एवं सहज प्रयोग हुए हैं उन्हें छांट कर लिखिए।

उत्तर-

1. “कबहुँ प्रथम ज्यों जाइ जगावती कहि प्रिय बचन सवारे।"

2. "ए बर बाजि बिलोकि आपने बहुरो बनहिं सिधावौ।"

3. "जे पर प्याइ पोखि कर पंकज वार वार चुचुकारे।"

4. कबहुँ कहति यों बड़ी बार भइ जाहु भूप पहँ, भैया ।"

परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित काव्यांश का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-

राधौ एक बार फिरि आवौ ।

ए बर बाजि बिलोकि आपने बहुरो बनहिं सिधावौ ।।

जे पय प्याइ पोखि कर पंकज वार वार चुचुकारे।

क्यों जीवहिं, मेरे राम लाडिले ! ते अब निपट बिसारे ।।

भरत सौगुनी सार करत हैं अति प्रिय जानि तिहारे ।

तदपि दिनहिं दिन होत झाँवरे मनहुँ कमल हिममारे।।

सुनहु पथिका जो राम मिलहिं बन कहियो मातु संदेसो ।

तुलसी मोहिं और सबहिन तें इन्हको बड़ो अंदेसो।।

उत्तर- माता कौशल्या अपने पुत्र को देखने के लिए लालायित हैं, इसलिए पुत्र को अयोध्या आने का संदेश पथिक के माध्यम से देते समय वह घोड़ों की करुण दशा का सहारा लेती हैं। वह अप्रत्यक्ष रूप में यह कहना चाहती हैं कि जब घोड़ों की यह दशा है तब मां की क्या दशा होगी?

राम ने घोड़ों को दूध पिला कर पाला था, तो कौशल्या ने भी राम को अपना दूध पिलाकर पाला था। प्रस्तुत काव्यांश का भाव सौंदर्य यही है।

प्रस्तुत काव्यांश में ब्रज भाषा का प्रयोग है। काव्यांश में करुण एवं वात्सल्य भाव का वर्णन है। संपूर्ण पद में अनुप्रास अलंकार है। कर पंकज में रूपक अलंकार है, मनहुँ कमल हिममारे में उत्प्रेक्षा अलंकार है, वारवार में पुनरुक्तिप्रकाश अलंकार है। बिबों का सुंदर प्रयोग है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. तुलसीदास जी के जीवन मृत्यु का उचित क्रम का चयन करें।

1. 1432-1562

2. 1732-1823

3. 1532-1623

4. 1623-1732

प्रश्न 2. तुलसीदास के गुरु का क्या नाम था?

1. नरहरिदास

2. शिवहरिदास

3. माधवाचार्य

4. वल्लभाचार्य

प्रश्न 3. तुलसीदास के आराध्य कौन थे?

1. कृष्ण

2. शिव

3. विष्णु

4. राम

प्रश्न 4- रहि चकि चित्रलिखी सी" में कौन सा अलंकार है?

1. रूपक

2. पुनरुक्तिप्रकाश

3. उपमा

4. अनुप्रास

प्रश्न 5. 'कबहुँ प्रथम ज्यों जाड़ जगावति।' पंक्ति में अलंकार का विकल्प क्या होगा?

1. उपमा

2. रूपक

3. मानवीकरण

4. अनुप्रास

JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

अंतरा भाग 2

पाठ

नाम

खंड

कविता खंड

पाठ-1

जयशंकर प्रसाद

(क) देवसेना का गीत

(ख) कार्नेलिया का गीत

पाठ-2

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(क) गीत गाने दो मुझे

(ख) सरोज - स्मृति

पाठ-3

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

(क) यह दीप अकेला

(ख) मैंने देखा एक बूँद

पाठ-4

केदारनाथ सिंह

(क) बनारस

(ख) दिशा

पाठ-5

विष्णु खरे

(क) एक कम

(ख) सत्य

पाठ-6

रघुबीर सहाय

(क) बसंत आया

(ख) तोड़ो

पाठ-7

तुलसीदास

(क) भरत - राम का प्रेम

(ख) पद

पाठ-8

मलिक मुहम्मद जायसी

बारहमासा

पाठ-9

विद्यापति

पद

पाठ-10

केशवदास

कवित्त / सवैया

पाठ-11

घनानंद

कवित्त / सवैया

गद्य खंड

पाठ-1

रामचन्द्र शुक्ल

प्रेमधन की छायास्मृति

पाठ-2

पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

सुमिरनी के मनके

पाठ-3

ब्रजमोहन व्यास

कच्चा चिट्ठा

पाठ-4

फणीश्वरनाथ 'रेणु'

संवदिया

पाठ-5

भीष्म साहनी

गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफत

पाठ-6

असगर वजाहत

शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

पाठ-7

निर्मल वर्मा

जहाँ कोई वापसी नहीं

पाठ-8

रामविलास शर्मा

यथास्मै रोचते विश्वम्

पाठ-9

ममता कालिया

दूसरा देवदास

पाठ-10

हजारी प्रसाद द्विवेदी

कुटज

अंतराल भाग - 2

पाठ-1

प्रेमचंद

सूरदास की झोपडी

पाठ-2

संजीव

आरोहण

पाठ-3

विश्वनाथ तिरपाठी

बिस्कोहर की माटी

पाठ-

प्रभाष जोशी

अपना मालवा - खाऊ- उजाडू सभ्यता में

अभिव्यक्ति और माध्यम

1

अनुच्छेद लेखन

2

कार्यालयी पत्र

3

जनसंचार माध्यम

4

संपादकीय लेखन

5

रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन

6

आलेख लेखन

7

पुस्तक समीक्षा

8

फीचर लेखन

JAC वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा, 2023 प्रश्न-सह-उत्तर

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