12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ-6 (ख) तोड़ो

12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ-6 (ख) तोड़ो

 12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ-6 (ख) तोड़ो

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Elective

पाठ-6 () तोड़ो

पाठ परिचय

तोड़ो उद्बोधनपरक कविता है। इसमें कवि सृजन हेतु भूमि को तैयार करने के लिए चट्टानें, ऊसर और बंजर को तोड़ने का आह्वान करता है। परती को खेत में बदलना सृजन की आरंभिक परंतु अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। यहां कवि विध्वंस के लिए नहीं उकसाता, वरन जीवन के लिए प्रेरित करता है। कविता की ऊपरी ढांचा सरल प्रतीत होता है, परंतु प्रकृति से मन की तुलना करते हुए कवि ने इसको नया आयाम दे दिया है। यह बंजर प्रकृति में है और मानव मन में भी है। कवि मन में व्याप्त ऊब तथा खीज को भी तोड़ने की बात करता है, अर्थात उसे भी उर्वर बनाने की बात करता है। मन के भीतर की ऊब तथा खीज सृजन में बाधक है। कवि सृजन का आकांक्षी है इसलिए उसको भी दूर करने की बात करता है। अतः कवि मन के बारे में प्रश्न उठा कर आगे बढ़ जाता है, इससे कविता का अर्थ विस्तार होता है।

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पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. पत्थर और चट्टान किसका प्रतीक है?

उत्तर- पत्थर और चट्टान रुकावटों तथा बाधाओं के प्रतीक हैं।

प्रश्न 2. कवि को धरती और मन की भूमि में क्या-क्या समानताएँ दिखाई पड़ती हैं ?

उत्तर- तोड़ो कविता के अनुसार कवि रघुवीर सहाय को धरती और मन की भूमि में कुछ समानताएँ दिखती हैं। उन्होंने इन समानताओं को इस प्रकार व्यक्त किया है-

धरती और मन दोनों में बंजरपन का गुण होता है। धरती पर पत्थरचट्टानें रुकावटें बनती हैं जबकि मन में खीज और उब मन के विकास में बाधक हैं। धरती और मन के सभी बंधन झूठे हैं। जिस प्रकार धरती में रस होने पर बीज उगाने की क्षमता होती है, वैसे ही मन में रस होने से विचार-भाव पैदा करने की क्षमता होती है।

प्रश्न 3. भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए:-

'मिट्टी में रस होगा ही जब वह पोसेगी बीज को

हम इसको क्या कर डालें इस अपने मन की खीज को?

गोड़ो गोड़ो गोड़ो।'

उत्तर- इस पंक्ति का भाव यह है कि मिट्टी और मनुष्य का मन एक जैसा होता है, अगर मिट्टी उपजाऊ कम हो, तो वह किसी भी बीज का पोषण नहीं कर पाएगी। उसी प्रकार मन अगर स्वस्थ नहीं है तो उसकी सृजन शक्ति प्रभावित होगी। मन तब स्वस्थ होगा जब उसके अंदर की खीज बाहर निकलेगी। इस पंक्ति में कवि ने मिट्टी की तरह मन को उपजाऊ बनाने के लिए प्रेरित किया है।

प्रश्न 4. कविता का आरंभ 'तोड़ो तोड़ो तोड़ो' से हुआ है और अंत में 'गोड़ो गोड़ो गोड़ो' से विचार कीजिए कि कवि ने ऐसा क्यों कहा ?

उत्तर- कविता का आरंभ तोड़ो तोड़ो तोड़ो से करके कवि ने मनुष्य की विघ्न, खीज तथा बाधाएँ इत्यादि को तोड़कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। इन सबको तोड़ने के बाद ही मनुष्य के अंदर सृजन शक्ति का विकास होता है। विघ्न खीज तथा बाधाएँ मनुष्य के सृजनशक्ति के विचारों को प्रभावित करती है। गोड़ो गोड़ो शब्द का प्रयोग आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से किया गया है।

प्रश्न 5. 'ये झूठे बंधन टूटें

तो हम धरती को जानें

यहाँ पर झूठे बंधनों और धरती को जानने से क्या अभिप्राय है ?

उत्तर- प्रस्तुत पंक्ति में कवि ने झूठे बंधन का अर्थ बताया है कि - झूठे बंधन मनुष्य को उसके रास्ते से विचलित करते हैं। जिस प्रकार पृथ्वी में पत्थर और चट्टानें उसे बंजर बनाती हैं, उसी प्रकार उसके मन में व्याप्त बंधन उसकी सृजन शक्ति को विकसित नहीं होने देती है।

धरती को जानने से कवि का तात्पर्य है कि धरती में पूरे संसार का पोषण करने की शक्ति है, लेकिन इसमें मौजूद पत्थर और चट्टानें उसे बंजर बना देती है। मनुष्य का मन इस पृथ्वी की तरह है यदि वह झूठे बंधन के जाल में फंस जाता है तो वह अपनी सृजन शक्ति को खो देता है। अतः मनुष्य को आत्मावलोकन करके अपनी सृजन शक्ति का विकास करना चाहिए।

प्रश्न 6. 'आधे-आधे गाने के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर- आधे-आधे गाने के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि उनके द्वारा लिखा गया गीत अधूरा है। कवि मानव की शक्ति को अधूरी क्रियात्मक शक्ति बताता है। यह गीत तभी पूरा होगा जब मनुष्य अपने अंदर की खीज और ऊब बाहर निकाल कर अपने को उमंग और उल्लास से भर लेगा।

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बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. 'तोड़ो' कविता के निम्नलिखित में से कौन सी शैली है ?

1. रागात्मक शैली

2. उद्बोधन शैली

3. द्वंद्वात्मक शैली

4. उपर्युक्त में से कोई नहीं

प्रश्न 2. कवि ने 'तोड़ो' कविता में क्या आह्वान किया है ?

1. नवनिर्माण की भूमि के लिए चट्टानें तोड़ने का

2. ऊसर जमीन को गोड़ कर उपजाऊ बनाने का

3. मन में व्याप्त ऊब तथा खीज को तोड़कर नवसृजन का

4. उपर्युक्त में से कोई नहीं

प्रश्न 3. 'तोड़ो' कविता का मुख्य भाव या प्रतिपाद्य क्या है ?

1. नवसृजन या नव निर्माण के लिए प्रेरित करना

2. विध्वंस करने के लिए प्रेरित करना

3. जिंदगी में धन प्राप्ति करने की प्रेरणा

4. उपर्युक्त में से कोई नहीं

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विषय सूची

अंतरा भाग 2

पाठ

नाम

खंड

कविता खंड

पाठ-1

जयशंकर प्रसाद

(क) देवसेना का गीत

(ख) कार्नेलिया का गीत

पाठ-2

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(क) गीत गाने दो मुझे

(ख) सरोज - स्मृति

पाठ-3

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

(क) यह दीप अकेला

(ख) मैंने देखा एक बूँद

पाठ-4

केदारनाथ सिंह

(क) बनारस

(ख) दिशा

पाठ-5

विष्णु खरे

(क) एक कम

(ख) सत्य

पाठ-6

रघुबीर सहाय

(क) बसंत आया

(ख) तोड़ो

पाठ-7

तुलसीदास

(क) भरत - राम का प्रेम

(ख) पद

पाठ-8

मलिक मुहम्मद जायसी

बारहमासा

पाठ-9

विद्यापति

पद

पाठ-10

केशवदास

कवित्त / सवैया

पाठ-11

घनानंद

कवित्त / सवैया

गद्य खंड

पाठ-1

रामचन्द्र शुक्ल

प्रेमधन की छायास्मृति

पाठ-2

पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

सुमिरनी के मनके

पाठ-3

ब्रजमोहन व्यास

कच्चा चिट्ठा

पाठ-4

फणीश्वरनाथ 'रेणु'

संवदिया

पाठ-5

भीष्म साहनी

गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफत

पाठ-6

असगर वजाहत

शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

पाठ-7

निर्मल वर्मा

जहाँ कोई वापसी नहीं

पाठ-8

रामविलास शर्मा

यथास्मै रोचते विश्वम्

पाठ-9

ममता कालिया

दूसरा देवदास

पाठ-10

हजारी प्रसाद द्विवेदी

कुटज

अंतराल भाग - 2

पाठ-1

प्रेमचंद

सूरदास की झोपडी

पाठ-2

संजीव

आरोहण

पाठ-3

विश्वनाथ तिरपाठी

बिस्कोहर की माटी

पाठ-

प्रभाष जोशी

अपना मालवा - खाऊ- उजाडू सभ्यता में

अभिव्यक्ति और माध्यम

1

अनुच्छेद लेखन

2

कार्यालयी पत्र

3

जनसंचार माध्यम

4

संपादकीय लेखन

5

रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन

6

आलेख लेखन

7

पुस्तक समीक्षा

8

फीचर लेखन

JAC वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा, 2023 प्रश्न-सह-उत्तर

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