प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Hindi Elective
गद्य खंड पाठ-4 संवदिया
लेखक परिचय
फणीश्वरनाथ
रेणु का जन्म बिहार के पूर्णिया जिले के औराही हिंगना नामक गांव में हुआ था। रेणु
हिंदी के आंचलिक कथाकार हैं। इन्होंने अपनी रचनाओं के द्वारा प्रेमचंद की विरासत
को नई पहचान और भंगिमा प्रदान की। रेणु की रचनाओं में आंचलिक शब्दों के प्रयोग से
लोक जीवन के मार्मिक स्थलों की पहचान हुई है। इनके प्रसिद्ध कहानी संग्रह है -
ठुमरी, अग्निखोर, आदिम रात्रि की महक, तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम कहानी पर
फिल्म बन चुकी है। मैला आंचल और परती परीकथा उनके उल्लेखनीय उपन्यास हैं।
पाठ परिचय
संवदिया
कहानी में मानवीय संवेदना की गहन एवं विलक्षण पहचान प्रस्तुत हुई है। रेणु जी ने
बड़ी बहुरिया की पीड़ा को उसके भीतर के हाहाकार को संवदिया के माध्यम से अपनी पूरी
सहानुभूति प्रदान की है। बड़ी हवेली में हरगोबिन संवदिया को बड़ी बहुरिया ने अपना
संदेश मायके भेजने के लिए बुलाया। बड़ी बहुरिया पति की मृत्यु के बाद आर्थिक तंगी
के चलते बड़ी ही अपमानजनक स्थिति में जीवन बिता रही थी संवाद सुनाते समय बड़ी
बहुरिया सिसकने लगी। संवाद सुनकर हरगोबिन का रोम रोम कलपने लगा। वह बड़ी बहुरिया
का कारुणिक संदेश उसके मायके ले जाकर भी नहीं कह पाया और वापस लौट कर बड़ी बहुरिया
से माफी मांग कर कहा कि वह उसका बेटा बनकर उसे कोई कष्ट नहीं होने देगा।
पाठ्य पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. संवदिया की क्या विशेषताएँ हैं और गांववालों के मन में
संवदिया की क्या अवधारणा है?
उत्तर-
संवदिया यानि संदेशवाहक। प्राचीन काल में संदेश भेजने के लिए संदेशवाहको को भेजा
जाता था। तब डाकघर आदि संदेश भेजने के साधन नहीं थे। संदेशवाहक इस कार्य में दक्ष
होता था। वह तेजगति से यथास्थान पहुंच कर भेजे गए संदेश को यथारूप प्रस्तुत कर
देता था। प्रायः गुप्त तथा महत्वपूर्ण संदेश संवदियों के द्वारा ही भेजे जाते थे।
गाँव के लोग संवदिया को प्रायः निखट्ट, कामचोर अथवा गैर जिम्मेवार व्यक्ति मानते
थे। उनके बारे में यही धारणा थी कि जिसे और काम नहीं मिलता, वही व्यक्ति संवदिया
के व्यवसाय को अपनाते हैं। परंतु उनकी यह धारणा गलत थी। दरअसल संवदिया बनने के लिए
इस कार्य में निपुण होना अति आवश्यक है। हर आदमी संवदिया का कार्य भली प्रकार नहीं
कर सकता। संवदिया की मुख्य विशेषता संवाद के प्रत्येक शब्द को याद रखना, जिस सूर
और स्वर में संवाद सुनाया गया है, ठीक उसी ढंग से जाकर सुनना सहज काम नहीं होता
है। संवदिया बहुत संयमी और संवेदनशील व्यक्ति होता है।
प्रश्न 2. बड़ी हवेली से बुलावा आने पर हरगोबिन के मन में किस प्रकार
की आशंका हुई ?
उत्तर-
बड़ी हवेली से बुलावा आने पर हरगोबिन के मन में आशंका हुई कि आज के युग में संदेश भेजने
के अनेक साधन उपलब्ध है। बड़ी बहुरिया को अवश्य कोई गुप्त संदेश देना होगा। इस संदेश
की खबर चांद, सूरज, परेवा- पक्षी तक को नहीं होनी चाहिए।
प्रश्न 3. बड़ी बहुरिया अपने मायके संदेश क्यों भेजना चाहती थी ?
उत्तर-
बड़ी बहुरिया आर्थिक तंगी के चलते बड़ी ही अपमान जनक स्थिति में जीवन बिता रही थी।
पति की मृत्यु के बाद जब घर का बंटवारा हुआ तो बड़ी बहुरिया को घर परिवार में न तो
सम्मान मिला था और न ही आर्थिक मदद। शहर में बस गए देवर-देवानियों भी वक्त पड़ने पर
आते और अपने अपने हिस्सों को लेकर चले जाते पीछे से सभी उधार बड़ी बहुरिया को चुकाना
पड़ता था। बड़ी बहुरिया के लिए मायके ही वह स्थान रह गया था जहाँ वह आश्रय की उम्मीद
कर सकती थी। अतः वह अपने घरवालों को अपनी दशा बताने के लिए संदेश भेजवाती है और चाहती
है कि संदेश सुनकर मायके वाले उसे लेने आ जाएँ।
प्रश्न 4. हरगोबिन बड़ी हवेली में पहुंचकर अतीत की किन स्थातियों में
खो जाता है ?
उत्तर-
हरगोबिन संवदिया बड़ी हवेली पहुँचकर अतीत की स्मृतियों में खो गया कि अब यह नाम की
बड़ी हवेली है। पहले यहाँ दिन-रात नौकर - नौकरानियों और जन-मजदूरों की भीड़ लगी रहती
थी। कभी बड़ी बहुरिया के हाथों में मेहंदी लगाकर गाँव की नाइन अपने परिवार का पालन
पोषण करती थी और अब सब काम बड़ी बहुरिया को अपने हाथों से करना पड़ता है। बड़े भईया
के मरते ही तीनों भाईयो में लड़ाई-झगड़ा हुआ और वे शहर में जा बसे। बंटवारे में बड़ी
बहुरिया के जेवर के साथ बनारसी साड़ी के भी तीन टुकड़े हुए। तीनों निर्दयी भाइयों ने
बड़ी बहुरिया के हिस्से कुछ भी न छोड़ा।
प्रश्न 5. संवाद कहते वक्त बड़ी बहुरिया की आँखें क्यों छलछला आई ?
उत्तर-
हरगोबिन जब हवेली पहुँचा तो आंगन में मोदिआइन बड़ी बहुरिया को उधार के लिए जली कटी
सुना रही थी। हरगोबिन के सामने स्वयं को मोदिआइन द्वारा अपमानित होने पर बड़ी बहुरिया
को अपनी दशा हरगोबिन को व्यक्त करनी पड़ी। उसने संवदिया को बताया कि देवर-देवरानी बड़े
बेदर्द है। ठीक अगहनी धान के समय तथा आम के मौसम में आकर हिस्सा ले जाते हैं और कर्ज
उधार बड़ी बहुरिया को चुकाना पड़ता है। संवाद कहते वक्त अपनी करुण दशा का वर्णन करते
हुए बड़ी बहुरिया का दुख आँखों के जरिए बाहर आ गया।
प्रश्न 6. गाड़ी पर सवार होने के बाद संवदिया के मन में कांटे की चुभन
का अनुभव क्यों हो रहा था। उससे छुटकारा पाने के लिए उसने क्या उपाय सोचा ?
उत्तर-
गाड़ी पर सवार होने के बाद हरगोबिन को बड़ी बहुरिया के करुण मुखड़े की याद हो आई। उसे
बड़ी बहुरिया द्वारा मां को भेजा जाने वाला संदेश याद आने लगा। उसे बड़ी बहुरिया के
शब्द कांटे की तरह चुभने लगे। इससे पहले हरगोबिन कभी ऐसा समाचार लेकर कहीं नहीं गया
था अंत में उसे उपाय सुझा कि मायके पहुँचकर किसी को भी बड़ी बहुरिया के दुःख की खबर
नहीं दूंगा और शीघ्र गाँव वापस लौट आऊंगा।
प्रश्न 7. बड़ी बहुरिया का संवाद हरगोबिन क्यों नहीं सुना सका?
उत्तर-
बड़ी बहुरिया का संदेश देने से पहले हरगोबिन विचारने लगता है कि बड़ी बहुरिया की दुर्दशा
व विवशता का संदेश पाकर बड़ी बहुरिया के घरवाले गाँव का नाम लेकर थूकेंगे। कैसा गाँव
है? जहाँ लक्ष्मी जैसी बहुरिया दुख भोग रही है। पूरे गाँव में उनकी बेटी को सुख देने
वाला कोई नहीं है। बेटी की दुर्दशा सुन मायके वाले उन्हें लिवाने गाँव आ गए तो बड़ी
बहुरिया कभी अपने गाँव वापस न लौटेगी। यही सोच- समझकर हरगोबिन बड़ी बहुरिया का संदेश
उसकी माँ तथा घर परिवार के लोगों को नहीं सुना पाया।
प्रश्न 8. संवदिया डटकर खाता है और अफर कर सोता है' से क्या आशय है?
उत्तर-
संवदिया जिनका संवाद लेकर जाता है और जिसको संवाद देता है। उस घर में उसकी बहुत आवभगत
होती है। वह घरों में अच्छे से खाता है और यात्रा की थकान उतारने के लिए आराम से सोता
है पर कुछ लोग संवदिया को संवेदनहीन, बेफिक्र व हर तरह की जिम्मेदारी से मुक्त मानते
हैं। उनके आगे नाथ न पीछे पगहा कहते हैं। संवदिया को निखड़, कामचोर और आलसी मानते हैं।
उनका विचार है कि संवदिया हमेशा खूब पेट भरकर खाकर निश्चित होकर सोता है परंतु ऐसा
सोचना अर्थहीन है।
प्रश्न 9. जलालगढ़ पहुँचने के बाद बड़ी बहुरिया के सामने हरगोबिन ने
क्या संकल्प लिया ?
उत्तर-
जलालगढ़ पहुँचने के बाद बड़ी बहुरिया के सामने हरगोबिन ने संकल्प लिया कि वह अब निठल्ला
नहीं बैठेगा। बड़ी बहुरिया के लिए हर काम एक बेटे के समान करेगा। अब वह मां के समान
उसकी देखभाल करेगा और उन्हें कोई कष्ट नहीं होने देगा।
परीक्षोपयोगी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
निम्नलिखित पक्तियों की व्याख्या कीजिए ?
प्रश्न 1. “बड़ी हवेली अब नाममात्र को हवेली है"।
उत्तर-
प्रस्तुत पंक्ति में हरगोबिन बड़ी हवेली की तुलना उसके बीते समय से करता है। जब इस
हवेली की बात ही कुछ और थी। लोगों से भरी पूरी हवेली अब बिलकुल खाली है। तीनों भाईयों
के आपसी बंटवारे से हवेली में केवल बड़ी बहुरिया के अतिरिक्त सभी शहर में जा बसे थे।
यह विशालकाय हवेली अब सन्नाटे में ही बसी हुई थी।
प्रश्न 2. “हरगोबिन ने देखी है अपनी आँखों से द्रौपदी चीर हरण लीला"।
उत्तर-
प्रस्तुत पंक्ति में हरगोबिन उस समय का वर्णन करता है। जब हवेली की रानी बड़ी बहुरिया
की साड़ी तक उनके तीन देवरों ने तीन टुकड़े करके बांट लिए थे। तीनों भाईयों ने जमीन
जायदाद का बंटवारा करते हुए, आपसी संबंधों मर्यादाओं की भी अनदेखी कर दी थी। वे इतने
निर्दयी थे कि बड़ी बहुरिया के शरीर पर पहने हुए जेवरों-कपड़ो तक का भी बंटवारा कर
लिया।
प्रश्न 3. "बथुआ साग खाकर कब तक जीऊं" ?
उत्तर-
फणीश्वर नाथ रेणु ने इस कहानी में बड़ी बहुरिया के अभावग्रस्त जीवन का वर्णन करते हुए
स्पष्ट किया है कि बड़ी बहुरिया को खाने के भी लाले पड़े थे। बड़ी बहुरिया हरगोबिन
के मध्यम से अपनी माँ को बताना चाहती है कि वह अपनी माली स्थिति से परेशान है।
प्रश्न 4. "किस मुंह से वह ऐसा संवाद सुनाएगा" ?
उत्तर-
यह पंक्ति हरगोबिन अपने मन में सोचता है। बड़ी बहुरिया के पति के मरते ही बड़ी बहुरिया
की दशा बहुत ही खराब हो गई। उनके दर्द भरे संवाद को सुनकर हरगोबिन कष्ट में था। उसे
समझ में नहीं आ रहा था कि बड़ी बहुरिया की माँ को ऐसा संवाद कैसे सुनाएगा। वह ऐसा संवाद
सुनाने में स्वयं को असमर्थ पाता है।
अति लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. काबूली कायदा का क्या अर्थ होता है?
उत्तर-
कबूली कायदा का अर्थ होता है अत्याचार करके अपने पैसे वसूलना।
प्रश्न 2. हरगोबिन किस गाँव का संवदिया था ?
उत्तर-
हरगोबिन जलालगढ़ का संवदिया था।
प्रश्न 3. गुल मुहम्मद आगा कितने वर्ष पहले हरगोबिन के गाँव आया था
?
उत्तर-
गुल मुहम्मद आगा पाँच वर्ष पहले हरगोबिन के गाँव आया था।
प्रश्न 4. हरगोबिन जलालगढ़ पैदल क्यों गया ?
उत्तर-
हरगोबिन के पास जलालगढ़ जाने के लिए पैसें नहीं थे इसलिये हरगोबिन पैदल गया।
प्रश्न 5. बड़ी बहुरिया ने हरगोबिन को खाने के लिया क्या दिया ?
उत्तर-
बड़ी बहुरिया ने हरगोबिन को खाने के लिए दूध और चूड़ा दिया।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. संवदिया पाठ के लेखक है ?
1.
प्रेमचंद
2. फणीश्वर नाथ रेणु
3.
भीष्म साहनी
4.
निर्मल वर्मा
2. संवदिया का नाम क्या था ?
1. हरगोबिन
2.
बालगोबिन
3.
श्याम
4.
रमेश
3. संवदिया के मामले में गाँव वालों की क्या गलत धारणा थी कि कैसा व्यक्ति
संवदिया हो सकता है ?
1.
निठल्ला
2.
कामचोर
3. पेटू
4.
उपर्युक्त सभी
4. हरगोबिन और बड़ी बहुरिया जिस गाँव में रहते थे उसका क्या नाम था
?
1. जलालगढ़
2.
कटिहार
3.
बरौनी
4.
खगड़िया
5. मोदिआइन बड़ी बहुरिया के घर क्यों आई थी ?
1.
खाना खाने
2.
गप्पे मारने
3. अपना उधार वसूलने
4.
गाना गाने
6. "बथुआ साग खाकर कब तक जीऊं किसने किससे कहा?
1. बड़ी बहुरिया ने हरगोबिन से
2.
हरगोबिन ने बड़ी बहुरिया से
3.
बड़ी बहुरिया ने अपनी माँ से
4.
हरगोबिन ने बड़ी बहुरिया की माँ से
7. बड़ी बहुरिया ने संवदिया से कैसे मर जाने की बात की ?
1.
फांसी लगाकर
2.
जहर खाकर
3. गले में घड़ा बांधकर पोखर में डूब कर
4.
नस काटकर
8. बड़ी बहुरिया के देवर देवरानिया किस समय गाँव आते हैं ?
1.
अगहनी के समय
2.
गरमी के मौसम में
3. उपर्युक्त दोनों
4.
वारिश के मौसम में
9. बड़ी बहुरिया ने हरगोबिन को राह खर्च के लिए कितने रुपए दिए?
1.
एक रुपया
2.
दो रुपया
3.
तीन रुपया
4. पाँच रुपया
10. हरगोबिन की नजर में बड़ी बहुरिया गांव की क्या है ?
1.
मालकिन
2. लक्ष्मी
3.
दुश्मन
4.
बेटी
11. हरगोबिन जब हवेली पहुंचा तो बड़ी बहुरिया का कर रही थी ?
1
चारपाई पर बैठी थी।
2.
खाना खा रही थी।
3. सूपे में अनाज फटक रही थी।
4.
खाना बना रही थी।
12. गुल मोहम्मद आगा क्या बेचने के लिए गाँव आया था ?
1.
काबली चना
2.
मिठाइयाँ
3. कपड़ा
4.
पान
13. बड़ी बहुरिया की माँ ने उसके लिए क्या भेजा?
1. बासमती धान का चूड़ा
2.
साड़ी
3.
गेहूँ
4.
मिठाई
14. बड़ी बहुरिया का मायका किस गांव में था ?
1.
सिरसिया गांव
2.
जलालगढ़
3.
कटिहार
4. थाना बिहपुर
15. कटिहार से जलालगढ़ कितनी दूरी पर था ?
1. बीस कोस
2.
तीस कोस
3.
एक कोस
4.
पाँच कोस
16. हरगोबिन किसका नाम लेकर पैदल चल पड़ा था ?
1.
राम
2.
गणेश
3. महावीर विक्रम बजरंगी
4.
बड़ी बहुरिया
17. गुल मोहम्मद आगा कहाँ पर दुकान लगा कर बैठा करता था ?
1.
हवेली में
2. मोदियान के ओसारे में
3.
गाँव के बाहर
4.
गाँव के पंचायत ऑफिस में
18. हरगोबिन कटिहार पहुँचने के बाद जलालगढ़ तक का सफर कैसे तय किया
?
1.
बस से
2.
रिक्शे से
3.
ट्रक से
4. पैदल
19. हरगोबिन ने अपने पास बैठे यात्री से सवाल करने पर उसका स्वभाव कैसे
लगा ?
1.
सहज
2. चिड़चिड़ा
3.
सरल
4.
मिलनसार
20. बड़ी बहुरिया के कितने देवर थे ?
1. तीन
2.
दो
3.
एक
4. चार
JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
अंतरा भाग 2 | ||
पाठ | नाम | खंड |
कविता खंड | ||
पाठ-1 | जयशंकर प्रसाद | |
पाठ-2 | सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | |
पाठ-3 | सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय | |
पाठ-4 | केदारनाथ सिंह | |
पाठ-5 | विष्णु खरे | |
पाठ-6 | रघुबीर सहाय | |
पाठ-7 | तुलसीदास | |
पाठ-8 | मलिक मुहम्मद जायसी | |
पाठ-9 | विद्यापति | |
पाठ-10 | केशवदास | |
पाठ-11 | घनानंद | |
गद्य खंड | ||
पाठ-1 | रामचन्द्र शुक्ल | |
पाठ-2 | पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी | |
पाठ-3 | ब्रजमोहन व्यास | |
पाठ-4 | फणीश्वरनाथ 'रेणु' | |
पाठ-5 | भीष्म साहनी | |
पाठ-6 | असगर वजाहत | |
पाठ-7 | निर्मल वर्मा | |
पाठ-8 | रामविलास शर्मा | |
पाठ-9 | ममता कालिया | |
पाठ-10 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | |
अंतराल भाग - 2 | ||
पाठ-1 | प्रेमचंद | |
पाठ-2 | संजीव | |
पाठ-3 | विश्वनाथ तिरपाठी | |
पाठ- | प्रभाष जोशी | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | ||
1 | ||
2 | ||
3 | ||
4 | ||
5 | ||
6 | ||
7 | ||
8 | ||