प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 10
Social Science (Economics)
3. मुद्रा और साख
वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
प्रश्न 1: व्यापारिक बैंक के क्या कार्य हैं?
A.
साख निर्माण
B.
ऋण देना
C.
जमा स्वीकार करना
D.
उपरोक्त सभी
उत्तरः
D. उपरोक्त सभी
प्रश्न 2: ऋण के अनियमित स्रोत कौन-कौन है?
A.
व्यापारी तथा साहूकार
B.
बैंक तथा संबंधी
C.
साहूकार तथा बैंक
D.
सहकारी संस्थाएं तथा बैंक
उत्तर:
A. व्यापारी तथा साहूकार
प्रश्न 3: भारत के समस्त व्यापारिक बैंकों की कार्यप्रणाली के
निरीक्षण का कार्य कौन करता है?
A.
विश्व बैंक
B.
भारत सरकार
C.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
D.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
उत्तरः
C. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
प्रश्न 4: करेंसी मुद्रा का कौन सा रूप है?
A.
आधुनिक
B.
प्राचीन
C.
आधुनिक तथा प्राचीन
D.
इनमें से कोई नहीं
उत्तरः
A. आधुनिक
प्रश्न 5: मुद्रा में सम्मिलित होते हैं-
A.
सिक्के, कागज के नोट तथा वस्तुएं और सेवाएं
B.
कागज के नोट, सिक्के तथा मांग जमा पूंजी
C.
कागज के नोट, चेक तथा बैंक जमा पूंजी
D.
सावधि जमा पूंजी, कागज के नोट तथा संचार में मुद्रा
उतर:
B. कागज के नोट, सिक्के तथा मांग जमा पूंजी
प्रश्न 6: कागज से बनी मुद्रा क्या कहलाती है?
A.
पत्र मुद्रा
B.
मुद्रा
C.
धातु मुद्रा
D.
साख मुद्रा
उत्तर:
A. पत्र मुद्रा
प्रश्न 7: बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत क्या है?
A.
निकासी
B.
ऋण
C.
जमा
D.
उधार लेने तथा देने की दर में अंतर
उतर:
B. ऋण
प्रश्न 8: स्वयं सहायता समूह में बचत और ऋण संबंधित अधिकतर निर्णय लिए
जाते हैं-
A.
बैंक द्वारा
B.
सदस्यों द्वारा
C.
गैर सरकारी संस्था द्वारा
D.
नियोक्ता
उतर:
B. सदस्यों द्वारा
प्रश्न 9: बैंक निम्नलिखित में से किस खाते पर अधिक ब्याज दर प्रदान
करते हैं?
A.
बचत खाता
B.
करंट खाता
C.
लंबी अवधि के लिए सावधि जमा
D.
बहुत कम समय के लिए सावधि जमा
उत्तर:
C. लंबी अवधि के लिए सावधि जमा
प्रश्न 10: किस सरकारी संगठन ने भारत में सरकार की ओर से मुद्रा नोट
जारी कीए?
A.
नीति आयोग
B.
राज्य सरकार
C.
स्थानी सरकारें
D.
भारतीय रिजर्व बैंक
उत्तर:
D. भारतीय रिजर्व बैंक
प्रश्न 11: वर्तमान में कागज के पैसे के अलावा किस रूप में धन का उपयोग
बढ़ता जा रहा है?
A.
वस्तु के पैसे
B.
धातु पैसे
C.
प्लास्टिक मनी
D.
उपरोक्त सभी
उत्तरः
C. प्लास्टिक मनी
प्रश्न 12: क्रेडिट साख इन में समझाते किसके बीच होता है?
A.
ऋणदाता और उधार कर्ता
B.
उपभोक्ता और निर्माता
C.
सरकार और करदाता
D.
उपरोक्त सभी
उतर:
A. ऋण दाता और उधार कर्ता
प्रश्न 13: सिक्कों में प्रयोग से पहले निम्नलिखित में से कौन सी वस्तु
का मुद्रा के रूप में प्रयोग किया जाता था?
A.
अनाज
B.
मकान
C.
खेत
D.
दुकान
उतर:
A. अनाज
प्रश्न 14: अमीर परिवारों के लिए साख का कौन सा मुख्य स्रोत है?
A.
अनौपचारिक क्षेत्र
B.
औपचारिक क्षेत्र
C.
अनौपचारिक तथा औपचारिक क्षेत्र
D.
इनमें से कोई नहीं
उत्तरः
B. औपचारिक क्षेत्र
प्रश्न 15: कुल जमा का वह हिस्सा जो एक बैंक अपने पास नकद में रखता
है?
A.
शून्य
B.
एक छोटा अनुपात
C.
एक बड़ा अनुपात
D.
100 प्रतिशत
उत्तर:
B. एक छोटा अनुपात
प्रश्न 16: धन के आधुनिक रूप हैं।
A.
मुद्रा
B.
प्लास्टिक मनी
C.
डिमांड डिपॉजिट
D.
सभी
उत्तर:
D. सभी
प्रश्न 17: भारत में मुद्रा जारी कौन करता है?
A.
वाणिज्यिक बैंकों द्वारा
B.
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक
C.
राष्ट्रीय कृत बैंक
D.
भारतीय रिजर्व बैंक
उतर:
D. भारतीय रिजर्व बैंक
प्रश्न 18: क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना कब हुई?
A.
1969
B.
1979
C.
1989
D.
1999
उत्तर:
A. 1969
प्रश्न 19: निम्नलिखित में साहूकार उधार राशि पर ब्याज लेता है।
A.
बहुत अधिक
B.
बहुत कम
C.
सामान्य
D.
कुछ नहीं
उत्तर:
A. बहुत अधिक
प्रश्न 20: बैंक किसे ऋण नहीं देते हैं?
A.
छोटे किसानों को
B.
हाशिये के किसानों को
C.
उद्योगों को
D.
बिना कोई उचित दस्तावेजों की
उत्तर:
D. बिना कोई उचित दस्तावेजों की
प्रश्न 21: भारतीय रिजर्व बैंक की स्थापना कब हुई?
A.
5 अप्रैल 1935
B.
1 अप्रैल 1935
C.
15 अगस्त 1948
D.
20 नवंबर 1980
उत्तर:
B. 1 अप्रैल 1935
प्रश्न 22: भारतीय रिजर्व बैंक के वर्तमान गवर्नर कौन है?
A.
रघुराम राजन
B.
शशिकांत दास
C.
रघुराम राजन तथा शशिकांत दास
D.
इनमें सभी
उत्तर:
B. शशिकांत दास
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
1:
…………… परिवारों की ऋण अधिकांश जरूरतें अनौपचारिक स्रोतों से पूरी होती है।
2:
………….ऋण की लागत ऋण का बोझ पढ़ाती है।
3:
............केंद्रीय सरकार की ओर से करेंसी नोट जारी करता है।
4:
बैंक ………....पर देने वाले ब्याज से ऋण पर अधिक ब्याज लेते हैं।
उत्तर:
1: ग्रामीण
2: ऋणफंदा
3: भारतीय रिजर्व बैंक
4: जमा
अति लघु उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न1 : मुद्रा की परिभाषा क्या है?
उत्तरः
मुद्रा पैसे या धन के उस रूप को कहते हैं जिससे दैनिक जौवन में क्रय और विक्रय होती
है। इसमें सिक्के और कागज के नोट दोनों आते हैं।
प्रश्न 2: ऋण से क्या समझते हैं?
उत्तरः
आसान भाषा में ऋण का अर्थ है साख या क़र्ज़ जो कुछ शर्तों पर जरूरतमंद लोगों को दिया
जाता है, ताकि वे अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।
प्रश्न 3: वस्तु विनिमय क्या है?
उत्तर:
जब चीजों का लेनदेन बिना मुद्रा के प्रयोग से आपस में ही हो जाता है तो ऐसी व्यवस्था
को वस्तु विनिमय कहा जाता है।
प्रश्न 4: साख से क्या समझते हैं?
उत्तरः
साख एक ऐसा समझौता है जिसके तहत ऋण दाता उधार कर्ता को धनराशि वस्तु एवं सेवाएं इस
आश्वासन पर उधार देता है कि वह भविष्य में उसका भुगतान कर देगा।
प्रश्न 5: चेक से आपका क्या तात्पर्य है?
उतर:
चेक एक ऐसा कागज है जो जमाकर्ता के खाते से चेक पर किसी अन्य व्यक्ति को एक विशेष रकम
का भुगतान करने का आदेश देता है।
प्रश्न 6: ऋण की शर्तों से क्या समझते हैं?
उतरः
ब्याज दर, संपत्ति और कागजात की मांग भुगतान के तरीके आदि को मिलाकर इन शब्दों का नाम
दिया जाता है।
प्रश्न 7: औपचारिक ऋण क्या है?
उत्तर:
बैंकों और सहकारी समितियों से लिए गए ऋण औपचारिक ऋण कहलाते हैं।
प्रश्न 8: अनौपचारिक ऋण किसे कहते हैं?
उत्तरः
व्यापारियों, साहूकारों, मालिकों, रिश्तेदारों और मित्रों से लिए गए ऋण को अनौपचारिक
ऋण कहते हैं।
प्रश्न 9: मुद्रा देश के कल्याण में मदद कैसे करती है?
उत्तर-चूंकी
मुद्रा द्वारा किसी देश की राष्ट्रीय आय से प्रति व्यक्ति आय की माप होती है इस तरह
मुद्रा कल्याण में मदद करती हैं।
प्रश्न 10: मुद्रा के दो दोषों को बतावे।
उत्तर-
मुद्रा के दो प्रमुख दोष-
(i)
मुद्रा के मूल्य में अस्थिरता।
(ii)
प्रलोभन को बढ़ावा।
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1: मुद्रा के दो प्रयोग बताएं।
उत्तरः
मुद्रा के दो प्रयोग-
(i)
मुद्रा का प्रयोग विभिन्न प्रकार की चीजें खरीदने और बेचने में किया जाता है।
(ii)
मुद्रा का प्रयोग विभिन्न प्रकार की सेवाएं प्राप्त करने मैं भी किया जा सकता है। जैसे:
डॉक्टर की सलाह लेने में वकील की सलाह लेने आदि।
प्रश्न 2: उधारदाता उधार देते समय समर्थन ऋणाधार की मांग क्यों करता
है?
उत्तरः
उधार दाता ऋण के विरुद्ध सुरक्षा के रूप में समर्थक ऋणाधार की मांग करते हैं यदि कर्जदार
उधार लौटा नहीं पाता तो उधार दाता को भुगतान प्राप्ति के लिए समर्थक ऋणाधार बेचने का
अधिकार होता है।
प्रश्न 3: हमारे देश की एक बहुत बड़ी आबादी निर्धन है। क्या यह उनके
कर्ज लेने की क्षमता को प्रभावित करती हैं?
उतर:
निर्धनता कर्ज लेने की उनकी क्षमता को प्रभावित करती है। इसका कारण यह है कि कर्ज लेने
के लिए लोगों को गारंटी रूप में समर्थक ऋणाधार देनी पड़ती है। निर्धनों के पास उन संपत्तियों
का अभाव होता है जो कर्ज लेने के लिए आवश्यक मानी जाती है। इसके बिना उनको कर्ज मिलना
कठिन होता है।
प्रश्न 4: मान लीजिए सलीम को व्यापारियों से ऑर्डर मिलते रहते हैं।
6 साल बाद उसकी स्थिति क्या होगी?
उत्तरः
यदि सलीम को व्यापारियों से आर्डर मिलते रहते हैं तो वह अच्छा कमाएगा और 6 साल बाद
बहुत बड़ा जुता निर्माता कंपनी के रूप में स्थापित हो जाएगा।
प्रश्न 5: ऋण के औपचारिक स्रोत क्या है?
उत्तर-
ऋण के औपचारिक स्रोतः
(i)
सरकार द्वारा नियंत्रितः इसके अंतर्गत ऋण के वे स्रोत शामिल होते हैं जो सरकार द्वारा
पंजीकृत होते हैं। इन्हें सरकारी नियमों तथा विनियमो का पालन करना पड़ता है। जैसे:
बैंक एवं सहकारी समितियां ।
(ii)
निरीक्षक उपलब्ध-भारतीय रिजर्व बैंक ऋण के औपचारिक स्रोतों के कामकाज पर नजर रखता है।
(iii)
कम ब्याज दरः यह सामान्य ऋण के अनौपचारिक स्रोतों की अपेक्षा ब्याज दर कम लेते हैं।
(iv)
यह कोई अनुचित शर्त नहीं लगाते हैं तथा इनका उद्देश्य लाभ के साथ-साथ सामाजिक कल्याण
भी है।
प्रश्न 6: ऋण के अनौपचारिक स्रोत क्या है?
उत्तर-
ऋण के निम्नलिखित अनौपचारिक स्रोत है-
(i)
अनौपचारिक क्षेत्र में ऐसा कोई संगठन नहीं है जो ऋण दाताओं की ऋण क्रियाओं का निरीक्षण
करता हो।
(ii)
इसका एकमात्र उद्देश्य लाभ कमाना है इसमें सामाजिक कल्याण का कोई महत्व नहीं रहता है।
(iii)
यह औपचारिक स्रोतों की अपेक्षा अधिक ब्याज लेते हैं।
(iv)
यह ऊंची ब्याज दरों के अतिरिक्त अन्य कई कठोर शर्ते लगाते हैं।
(v)
इसके अंतर्गत वे छोटी और छिट-पुट इकाइयां शामिल होती है जो सरकार के नियंत्रण से बाहर
होती है।
प्रश्न 7: समर्थक ऋणाधार क्या है ? उदाहरण सहित बताएं।
उतर:
उधार दाता, उधार प्राप्तकर्ता से समर्थक ऋणाधार के रूप में परिसंपत्तियों की मांग करता
है जिन्हें बेचकर वह अपनी ऋण राशि की ऐसी वसूली कर सके। यह परिसंपत्तियां ही समर्थक
ऋणाधार कहलाती है। उदाहरण: कृषि, भूमि, जेवर, मकान, पशुधन, बैंकआदि।
प्रश्न 8: केंद्रीय बैंक से क्या अभिप्राय है? हमारे देश के केंद्रीय
बैंक का नाम लिखें।
उत्तर:
देश की मौद्रिक व्यवस्था के शीर्ष पर स्थित बैंक को केंद्रीय बैंक कहा जाता है, इसका
मुख्य कार्य देश की मौद्रिक नीतियों की रचना, संचालन, नियमन, निर्देशन और नियंत्रण
होता है। हमारे देश के केंद्रीय बैंक का नाम रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया" है।
प्रश्न 9: व्यावसायिक अथवा व्यापारिक बैंक किसे कहते हैं?
उत्तर-
व्यवसायिक बैंक वह संस्था है जो सिर्फ लाभ के उद्देश्य से मुद्रा के जमा, लेन-देन तथा
ऋण की सेवाएं प्रदान करता है। इसके लिए वह जनता, फर्मों, तथा सरकार से जमा स्वीकार
करता है। उनके आदेश पर भुगतान करता है। जमा का प्रयोग ऋण या निवेश के लिए करता है।
प्रश्न 10: प्लास्टिक मुद्रा क्या है?
उत्तर
- यह मुद्रा का आधुनिकतम रूप है जिसके माध्यम से महानगरों में खरीदारी की जाती है अथवा
ए.टी.एम से पैसे की निकासी की जाती है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि ढेर सारी कागजी
मुद्रा ढोने की जरूरत नहीं पड़ती जरूरत के हिसाब से इसका प्रयोग कर भुगतान किया जा
सकता है एवं वस्तुओं का क्रय किया जा सकता है। छोटे शहरों में भी इसका प्रचलन तेजी
से बढ़ा है, (ATM) ए.टी.एम. कार्ड, क्रेडिट कार्ड आदि इसी के उदाहरण है।
प्रश्न 11: वस्तु मुद्रा क्या है?
उत्तर
- प्राचीनतम काल में जब आधुनिक मुद्रा अर्थात कागजी मुद्रा, धातु के मुद्रा का आगमन
नहीं हुआ था तब पशुओं, खाद्यान्न इत्यादि को विनिमय का माध्यम बनाया जाता था जिसे वस्तु
मुद्रा कहा जाता था।
प्रश्न 12: धात्विक मुद्रा से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
- वे मुद्राएं जिनके निर्माण के लिए विभिन्न प्रकार के धातु का प्रयोग किया जाता है
धात्विक मुद्रा कहलाती है। प्राचीन काल में सोने एवं चांदी से बनी धात्विक मुद्रा का
प्रचलन सबसे अधिक था।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न-
प्रश्न 1: जोखिम वाली परिस्थितियों में ऋण कर्जदार के लिए और समस्याएं
खड़ी कर सकता है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इस कथन में कोई भी अतिशयोक्ति नहीं कि अधिक जोखिम वाली परिस्थितियों में ऋण कर्जदार
के लिए एक बड़ी समस्या बन सकता है। उदाहरण के लिए यदि कोई छोटा किसान स्वप्ना की भांति
किसी साहूकार से कर्ज में धन लेता है ताकि वह खेती के खर्चों को पूरा कर सके, इस आशा
में की फसल अच्छी हो जाने पर वह कर्ज भी उतार देगा और अपने लिए भी कुछ बचा लेगा परंतु
यदि किसी कारण वर्षा के ना होने या वर्षा के अधिक होने के कारण या फिर कीड़े: मकोड़ों
के कारण उसकी फसल खराब हो जाए या इसके विपरीत बहुत कम हो तो और कर्ज उतारने योग्य नहीं
रहेगा। ऐसी अवस्था में उसका क़र्ज़ बढ़ता हुआ एक बड़ी रकम बन जाएगा, जिसे उसे चुकाना
कठिन हो जाएगा। यदि अगले वर्ष फसल ठीक भी हो जाए तो उसके लिए पिछला सारा कर्ज चुकाना
कठिन हो जाएगा क्योंकि उसे अपने निर्वाह के लिए भी कुछ रखना पड़ेगा ऐसे में कर्जदार
को अपनी कुछ भूमि बेचनी पड़ सकती है जो उसकी आय को और कम कर देगी इसलिए यह ठीक ही कहा
गया है कि अधिक जोखिम वाली परिस्थितियों में ऋण कर्जदार के लिए और समस्याएं पैदा कर
सकता है।
प्रश्न 2: मुद्रा आवश्यकता के दोहरे संयोग की समस्या को किस तरह से
सुलझाती है? अपनी ओर से उदाहरण देकर समझाइए।
उत्तरः
जिस व्यक्ति के पास मुद्रा है, वह उसका विनिमय किसी भी वस्तु या सेवा खरीदने के लिए
आसानी से कर सकता है। आवश्यकताओं का दोहरा संयोग विनिमय प्रणाली की एक अनिवार्य विशेषता
है। जहां मुद्रा का उपयोग किए बिना वस्तुओं का विनिमय होता है। इसकी तुलना में ऐसी
अर्थव्यवस्था जहां मुद्रा का प्रयोग होता, मुद्रा महत्वपूर्ण मध्यवर्ती भूमिका प्रदान
करके आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की जरूरत को खत्म कर देती है।
उदाहरण-जूता
निर्माता के लिए जरूरी नहीं रह जाता कि वे ऐसे किसान को ढूंढे, जो न केवल उसके जूते
खरीदे बल्किसाथ साथ उसको गेहूं भी बेचे। उसे केवल अपने जूते के लिए खरीददार ढूंढना
है। एक बार उसने जूते, मुद्रा मैं बदल लिए तो बाजार में गेहूं या अन्य कोई वस्तु खरीद
सकता है।
प्रश्न 3: अतिरिक्त मुद्रा वाले लोगों और जरूरतमंद लोगों के बीच बैंक
किस तरह मध्यस्थता करते हैं?
उत्तरः
अतिरिक्त मुद्रा वाले व्यक्ति अपनी मुद्रा को बैंकों में अपने नाम से खाता खोलकर कर
जमा कर देते हैं। बैंक में निक्षेप स्वीकार करते हैं और इस पर छूट भी देते हैं। इस
तरह लोगों की मुद्रा बैंकों के पास सुरक्षित रहती है और इस पर छूट भी मिलता है। लोगों
को इसमें से जब चाहे मुद्रा निकालने की सुविधा भी प्रदान की जाती है। बैंक जमा राशि
का केवल 15% हिस्सा नकद के रूप में अपने पास रखते हैं। बैंक जमा राशि के प्रमुख भाग
को कर्ज देने के लिए इस्तेमाल करते हैं। विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए कर्ज की
बहुत मांग रहती है। बैंक लोगों को कर्ज देता है और उन पर ब्याज लगाता है। इस प्रकार
बैंक दो गुटों के बीच मध्यस्थता का काम करते हैं।
प्रश्न 4: ₹10 के नोट को देखिए। उसके ऊपर क्या लिखा है? क्या आप इस
कथन की व्याख्या कर सकते हैं।
उतर:
यदि ₹10 के नोट को देखे तो उसके ऊपर यहस्पष्ट लिखा होता है भारतीय रिजर्व बैंक केंद्रीय
सरकार द्वारा प्रत्याभूत "मैं धारक को ₹10 अदा करने का वचन देता हूं"। इस
कथन का तात्पर्य यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक को भारत में केंद्रीय सरकार की ओर से
करेंसी नोट जारी करने का अधिकार है। इस पर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर
होते हैं।
करेंसी
केंद्रीय सरकार द्वारा प्रत्याभूत है अर्थात भारतीय कानून भुगतान के माध्यम के रूप
में ₹10 के प्रयोग को वैध बनाता है जिसे भारत में लेनदेन की व्यवस्था पनो में इंकार
नहीं किया जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक ₹10 के नोट के धारक प्रत्येक परिस्थिति में
₹10 देने का वायदा करता है। इससे लोगों में विश्वसनीयता पैदा होती है।
प्रश्न 5: हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को बढ़ाने की क्यों
जरूरत है?
उत्तरः
हमें भारत में ऋण के औपचारिक स्रोतों को कई कारणों से बढ़ाने की जरूरत है-
(i)
ब्याज दर नियंत्रित करने के लिए औपचारिक ऋणदाताओं की तुलना में अधिकांश अनौपचारिक ऋण
दाता ऋणों पर अधिक ऊंची ब्याज मांगते हैं।
(ii)
शर्त मुक्त ऋण ऊंची ब्याज दर के अतिरिक्त, अनौपचारिक ऋणदाता ऋण पर कई अन्य कठिन शर्त
भी लगाते हैं।
(iii)
व्यावहारिक परिवर्तन अनौपचारिक ऋणदाता कर्जदारों से अच्छी तरह व्यवहार नहीं करते हैं।
दूसरी ओर औपचारिक क्षेत्र में ऐसी कोई स्थिति नहीं होती 12
(iv)
ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए भारत में ऋण के औपचारिक स्रोत आज भी ग्रामीण लोगों
की कुल ऋण आवश्यकताओं का केवल 50% ही पूरा करते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि ऋण के औपचारिक
स्रोतों का विशेषकर गांव में विस्तार किया जाए। इससे ऋण के अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भरता
कम होगी।
प्रश्न 6: गरीबों के लिए स्वयं सहायता समूह के संगठनों के पीछे मूल
विचार क्या है? अपने शब्दों में व्याख्या करें।
उतर:
गरीबों के लिए स्वयं सहायता समूह के संगठनों के पीछे मूल विचार ग्रामीण गरीब, विशेषकर
महिलाओं को स्वयं सहायता समूह में संगठित करने और उनकी बचतों को एकत्रित करना है। इसके
पीछे निम्न उद्देश्य है-
(i)
ग्रामीण गरीबों, विशेषकर महिलाओं को छोटेस्वयं सहायता समूह में संगठित करना और उनको
लाभ पहुंचाना।
(ii)
अपने सदस्यों की बचते एकत्रित करना और फिर उनके लिए ही उनका इस्तेमाल करना।
(iii)
समर्थक ऋणाधार के बिना ऋण प्रदान करना अर्थात शर्त मुक्त ऋण उपलब्ध कराना।
(iv)
विविध उद्देश्यों के लिए उचित समय पर ऋण प्रदान करना।
(v)
उचित ब्याज दर पर ऋण प्रदान करना भी इस समूह की विशेषता है।
(vi)
शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, घरेलू मारपीट जैसे कई सामाजिक मुद्दों पर चर्चा और कार्यवाही
का एक मंच प्रदान करना और उसको मजबूती प्रदान करना।
प्रश्न 7: क्या कारण है कि बैंक कुछ कर्जदारों को कर्ज देने के लिए
तैयार नहीं होते हैं?
उतर:
बैंक कुछ कर्जदारों को निम्नलिखित कारणों से कर्ज देने के लिए तैयार नहीं होते-
(i)
बैंक उन गरीबों को ऋण देना नहीं चाहते जिनके पास समर्थक ऋणाधार नहीं होते हैं। बैंक
ऋण के लिए उचित कागजात और ऋणों के विरुदध गारंटी के रूप में समर्थक ऋणाधार की आवश्यकता
है। इसका कारण है कि बैंक ऋणियों को व्यक्तिगत रुप से नहीं जानते। यदि ऋणी ऋण नहीं
चुका पाता है तो ऋण दाता को भुगतान प्राप्त करने के लिए समर्थक ऋणाधार को बेचने का
अधिकार होता है।
(ii)
जिनकर्जदारों ने अपने पुराने कर्ज का भुगतान नहीं किया है, बैंक उन्हें पुनः कर्ज देने
के लिए तैयार नहीं होते।
(iii)
बैंक उन उद्यमियों को कर्ज देने के लिए तैयार नहीं होते जो अधिक जोखिम वाले व्यवसाय
में निवेश करना चाहते हैं।
(iv)
बैंक का मुख्य उद्देश अधिक लाभ कमाना होता है। उसे भी अन्य कंपनियों की तरह निगम पर,
शेयरधारकों को लाभांश, कर्मचारियों को वेतन और अन्य खर्चों लोगों पर भुगतान करना पड़ता
है। इस उद्देश्य के लिए उन्हें न्याय संगत ऋण एवं निवेश संबंधी नीतियां बनानी पड़ती
हैं जो निधियों पर पर्याप्त और स्थाई प्रतिफल सुनिश्चित करती है।
प्रश्न 8: भारतीय रिजर्व बैंक अन्य बैंकों की गतिविधियों पर किस तरह
नजर रखता है यह जरूरी क्यों है?
उत्तरः
रिजर्व बैंक ने बैंकों की आर्थिक गतिविधियों पर निम्नलिखित तरीके से नजर रखता है-
(i)
हर बैंक अपने पास जमा पूंजी की एक न्यूनतम राशि रखता है। रिजर्व बैंक इस बात का ध्यान
रखता है कि प्रत्येक बैंक ने वह न्यूनतम राशि अपने पास रखती है या नहीं।
(ii)
रिजर्व बैंक इस बात पर भी नजर रखता है कि बैंक केवल लाभ कमाने वाली इकाइयों और व्यापारियों
को ही तो ऋण नहीं दे रहे हैं, बल्कि वे छोटे किसानों, छोटे उद्योग चलाने वालों और छोटे
ऋण प्राप्त करने वालों को भी ऋण दें ताकि जनसाधारण का कल्याण हो सके।
(iii)
रिजर्व बैंक विभिन्न बैंकों से यह भी निरंतर जानकारी प्राप्त करता रहता है कि वह किन
किन को कर्ज दे रहे हैं और यह किस दर से दे रहे हैं। यह किसी के साथअन्याय न कर सकें
और कोईठगा नजाए।
प्रश्न 9: विकास में ऋण की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।
उत्तरः
विकास में ऋण की भूमिका निम्नलिखित है-
(i)
ऋण सामान्य रूप से दो स्रोतों से उपलब्ध होता है यह औपचारिक स्रोतों और अनौपचारिक स्रोत
हो सकते हैं।
(ii)
औपचारिक और अनौपचारिक उधार दाताओं के बीच ऋण की शर्ते काफी हद तक भिन्न होती हैं। वर्तमान
में अमीर परिवार हैं जो औपचारिक स्रोतों से ऋण प्राप्त करते हैं जबकि गरीबों को अनौपचारिक
स्रोतों पर निर्भर होना पड़ता है। यह अनिवार्य की औपचारिक क्षेत्र के कुल ऋण में वृधि
हो, ताकि महंगे अनौपचारिक ऋण पर से निर्भरता कम हो। साथ ही बैंकों और सहकारी समितियों
इत्यादि से गरीबों को मिलने वाले औपचारिक ऋण का हिस्सा बढ़ाना चाहिए।
(iii)
प्रचलित स्थितियों में यदि गरीब लोगों को सही और उचित शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराया जा
सकता है, तो लाखों छोटे लोग अपनी लाखों छोटी-छोटी गतिविधियों के जरिए विकास का सबसे
बड़ा चमत्कार कर सकते हैं।
प्रश्न 10: मानव को एक छोटा व्यवसाय करने के लिए ऋण की जरूरत है। मानव
किस आधार पर यह निश्चित करेगा कि उसे यह ऋण बैंक से लेना चाहिए यासाहूकार से? चर्चा
कीजिए।
उत्तरः
मानव निम्नलिखित आधार में निश्चित करेगा कि उसे ऋण बैंक से लेना चाहिए या साहूकार से-
(i)
ब्याज की दर: किसकी ब्याज दर कम है साहूकार की या बैंक की। मानव को कम ब्याज दर पर
ऋण लेना पड़ता है ताकि उसकी आय में ज्यादा कमी ना आए और वह आसानी से ऋण उतार सके।
(ii)
कम ऋणाधारः जो स्रोत कम ऋणाधार की मांग करें उस से ऋण लेना चाहिए।
(iii)
भुगतान की शर्तेंः मानव भुगतान की शर्तों की भी जांच करेगा और जिस स्रोत की शर्ते आसान
होंगी उसी से ऋण लेगा। उदाहरणके लिए आजकल आवास ऋण का भुगतान 20 से 25 वर्ष में भी किया
जा सकता है इससे ऋण की किस्त कम हो जाती है और ऋण दाता आसानी से भुगतान करता रहता है।
प्रश्न 11: कौन से कारण है जो पाठ में वर्णित स्वप्ना की स्थिति को
जोखिम भरा बनाते हैं? निम्नलिखित कारकों की चर्चा करें।
उत्तर-
फसलों पर कीटों का प्रभाव, साहूकारों द्वारा शोषण और मानसून का अभाव ही वे कारण हैजो
स्वप्ना की स्थिति को जोखिम भरा बनाते हैं। यह कारक स्वप्ना की स्थिति को निम्नलिखित
प्रकार से जोखिम भरा बनाते हैं:
(i)
कीटनाशक दवाइयां: फसल पर कीटों के प्रभाव को कीटनाशक दवाइयों द्वारा नियंत्रित किया
जा सकता है और जो पूंजी की उपलब्धता पर निर्भर था।
(ii)
साहूकारों की भूमिकाः साहूकार किसानों को ऊंची दर पर ऋण उपलब्ध करवाते हैं जिसके कारण
ऋण चुकाना कठिन होता है।
(iii)
मौसमः हमारी कृषि भूमि क्षेत्र का लगभग 60% भाग अभी भीअसिंचित हैं। हमारे किसान वर्षा
पर अत्यधिक निर्भर रहते हैं इसलिए मौसम कृषि में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
कृत्रिम सिंचाई के बिना फसल उत्पादन जोखिम भरा कार्य होता है।
प्रश्न 12: बांग्लादेश के ग्रामीण बैंक पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर: बांग्लादेश ग्रामीण बैंक का 1970 में छोटे पैमाने पर प्रारंभ हुआ था। वर्तमान में इस बैंकके 60 लाख क़र्ज़ दारहैं जो बांग्लादेश के लगभग 40000 गांव में फैले हुए हैं। इससे ऋण लेने वाले में अधिकांश महिलाएं हैं जिनका संबंध समाज के निर्धन वर्ग से है इन कर्जदारों ने यह सिद्ध कर दिया है कि निर्धन महिलाएं केवल विश्वस्त कर्जदार ही नहीं, वरन छोटी आय वाली विभिन्न प्रकार की आर्थिक गतिविधियों को चलाने में भी सक्षम है। बांग्लादेश ग्रामीण बैंक उचित ब्याज दरों पर निर्धन परिवारों की ऋण आवश्यकताओं को पूरा करने का एक अभूतपूर्व उदाहरण है। इस बैंक के संस्थापक प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस है जिन्हें 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनके अनुसार यदि निर्धन व्यक्तियों को सही और उचित शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराया जाए तो लाखों छोटे लोग अपनी छोटी- छोटी गतिविधियों द्वारा विकास का महान चमत्कार कर सकते हैं।
विषय-सूची
इतिहास | भारत और समकालीन विश्व- 2 |
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भूगोल | समकालीन भारत- 2 |
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नागरिक शास्त्र | लोकतांत्रिक राजनीति-2 |
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8. | |
अर्थशास्त्र | आर्थिक विकास की समझ |
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