प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 10
Social Science (Geography)
4. कृषि
वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
निम्न प्रश्नों में से सही विकल्प का चुनाव करें?
1. मध्य अमेरिका में झूम कृषि को किस नाम से जाना जाता है?
A
रे
B
रोका
C.
मिल्पा
D.
इनमें से कोई नहीं
उत्तर-
C. मिल्पा
2. निम्न में से रोपण कृषि का उदाहरण है?
A.
गन्ना
B.
चावल
C.
गेहूँ
D.
चना
उत्तर
- A. गन्ना
3. इनमें से कौन सी रबी फसल है ?
A
चावल
B.
मोटा अनाज
C.
कपास
D.
चना
उत्तर
- D. चना
4. सुनहरा रेशा किस फसल को कहा जाता है?
A.
रबड
B.
जूट
C
कपास
D.
कहवा
उत्तर-
B. जूट
5. भारत के किस राज्य में धान का उत्पादन सबसे अधिक होता है
A
पश्चिम बंगाल
B.
उड़ीसा
C
झारखंड
D.
बिहार
उत्तर-
A पश्चिम बंगाल
6. धान की फसल उत्पादन के लिए तापमान की आवश्यकता होती है
A
25°c
B.
30°C
C
50°c
D.
45°c
उत्तर
- A 25°C
7. किस प्रकार के मृदा मे कपास की खेती होती है
A
बलुआ मिट्टी
B.
काली मिट्टी
C.
लाल मिट्टी
D.
कोई नहीं
उत्तर
- B काली मिट्टी
8. भारत किस फसल का विश्व में अग्रणी उत्पादक और ?
A
चाय
B.
कॉफी
C.
दही
D.
दाल
उत्तर-A
चाय
9. ऑपरेशन फ्लड किस क्रांति से संबंधित है?
A
हरित क्रांति
B.
श्वेत क्रांति
C.
नीली क्रांति
D.
औद्योगिक क्रांति
उत्तर
B. श्वेत क्रांति
10. भारत की प्रमुख खाद्य फसल हैं
A.
गेहूं और मक्का
B.
मक्का और चना
C.
चावल और बाजरा
D.
चावल और गेहूं
उत्तर-
D. चावल और गेहूं
11. इनमें से कौन फलीदार फसल है?
A
चावल
B.
चना
C.
कपास
D.
मोटा अनाज
उत्तर-
B. चना
12. मणिपुर में कर्तन धन प्रणाली कृषि को किस नाम से जाना जाता है?
A
झूम
B
दीपा
C.
स्थानांतरित
D.
पामलू
उत्तर
- D. पामलू
13. भारत में चाय का प्रमुख उत्पादक राज्य है?
A
केरल
B.
बिहार
C.
असम
D.
मणिपुर
उत्तर-
C असम
14. विश्व में कपास के उत्पादन में भारत का स्थान है?
A
पहला
B.
दूसरा
C.
तीसरा
D.
चौथा
उत्तर-
B. दूसरा
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
15. गहन कृषि क्या है?
उत्तर
- वह खेती जिसमें अत्यधिक उत्पादन के लिए प्रति इकाई भूमि पर पूंजी और श्रम की अधिक
मात्रा का प्रयोग करके किया जाता है उसे गहन कृषि कहते हैं।
16. कपास के उत्पादन के लिए भौगोलिक स्थिति क्या होनी चाहिए ?
उत्तर-
कपास के उत्पादन के लिए काली मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है इस फसल के लिए उच्च तापमान
हल्की वर्षा या सिंचाई 210 पाला रहित दिन और खिली धूप की आवश्यकता होती है।
17. रेशेदार फसलों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर-
कपास, जूट, सन और प्राकृतिक रेशम भारत में उगाई जाने वाली मुख्य रेशेदार फसल है इनमें
से तीन मिट्टी में फसल उगाने से प्राप्त होती है और चौथा रेशम के कीड़े से कोकून प्राप्त
होता है।
18. रोपण कृषि क्या है ?
उत्तर-
रोपण कृषि एक प्रकार के वाणिज्यिक खेती है। इस प्रकार की खेती लंबे चौड़े क्षेत्र में
एकल फसल बोई जाती है इसमें अत्यधिक पूंजी और श्रम की आवश्यकता होती है जैसे चाय, कॉफी,
रबड़, गन्ना, केला इत्यादि।
लघु उत्तरीय प्रश्न
19. मोटे अनाज से क्या तात्पर्य है?
उत्तर-
मोटे अनाज अर्थात मिलेट से अर्थ है पहाड़ी पथरीली या कम उपजाऊभूमि पर उगाई जाने वाली
फसलों से है इसमें कुछ खाद्यान्न की फसलें है और कुछ चारे की जैसे ज्वार, बाजरा, रागी
और मक्का मोटे अनाजों की फसलें हैं
20. भारत में चाय के उत्पादन के लिए भौगोलिक स्थिति का वर्णन करें?
उत्तर-
चाय एक पेय पदार्थ है यह रोपण कृषि के अंतर्गत आता है चाय को अंग्रेजों ने भारत में
लाए थे चाय कृषि के लिए उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु हयूमस और जीवांश युक्त गहरी
मिट्टी तथा सुगम जल निकास वाले ढलवा क्षेत्रों में उगाया जा सकता है चाय के लिए पूरे
वर्ष कोष्ण नाम और पाला रहित जलवायु की आवश्यकता होती है। चाय एक श्रम प्रधान कृषि
है।
21. कर्तन दहन प्रणाली से क्या समझते हैं?
उत्तर-
किसानों के द्वारा जमीन के किसी टुकड़े को साफ करके उस पर अपने परिवार के भरण-पोषण
के लिए अनाज एवं खाद्य फसलें उगाते हैं जब उस मृदा की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है तो
किसान उस भूमि को छोड़ कर के कहीं और चले जाते हैं और फिर किसी भूमि को साफ करते हैं
और खेती का कार्य करते हैं इसे स्थानांतरित कृषि कहते हैं।
22. भारतीय कृषि की किन्ही चार विशेषताओं को लिखें?
उत्तर-
भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसमें कृषि की चार विशेषताएं निम्न है?
(i)
खेती में पशुओं की मुख्य भूमिका होती है।
(ii)
भारतीय कृषि पूरी तरह से मानसून पर आधारित है।
(iii)
भारतीय कृषि में जोतों का आकार छोटा है।
(iv)
उत्पादन में खाद्य पदार्थों की बहुत अधिकता रहती है
23. भारतीय कृषि के पिछड़ेपन के क्या कारण है?
उत्तर-
भारत एक कृषि प्रधान देश है इसकी पिछड़ेपन के निम्न कारण है।
(i)
पारंपरिक तकनीक भारतीय किसान आज भी कृषि कार्य हेतु पारंपरिक तकनीक का प्रयोग करते
हैं जिसके कारण उत्पादन कम होता है।
(ii)
जोतों का छोटा आकार भारत में एक ही परिवार के लोग पीढ़ी दर पीढ़ी अपनी भूमि को बांटते
जाते हैं जिसके कारण जोतों का आकार छोटा होता जा रहा है और कृषि पिछड़ रही है।
(iii)
मानसून पर आधारित भारतीय कृषि पूर्ण रूप से मानसून पर आधारित है जब वर्षाअच्छी होती
हैतो कृषि होती है और वर्षा अच्छी नहीं होती तो उत्पादन अच्छा नहीं होता इसीलिए भारतीय
कृषि को मानसून के साथजुआ कहा जाता है।
(iv)
साख का अभाव भारतीय कृषि ऋण के अभाव में पिछड़ रहा है व्यापार बैंकों द्वारा कृषि को
ऋण नहीं दिया जाता है जमींदारों के द्वारा ऋण दिया जाता है परंतु ब्याज की दर बहुत
ऊंची होती है।
24. भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण के प्रभाव का वर्णन करें?
उत्तर
भारत के अधिकांश जनता जीविका निर्वहन के लिए कृषि पर निर्भर है सरकार के द्वारा भारतीय
कृषि का वैश्वीकरण किया गया है भारतीय कृषि पर वैश्वीकरण का प्रभाव निम्न है।
(i)
कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए कृषि तकनीक जैसे यंत्र का प्रयोग होने लगा जिससे फसलों
के उत्पादन में काफी वृद्धि हुई है।
(ii)
भारत में कृषि के साथ-साथ व्यापारिक कृषि का तेजी से विकास हुआ है आज भारतीय किसान
व्यापारिक फसलों के उत्पादन पर अत्यधिक बल देते हैं जिससे उन्हें अधिक लाभ की प्राप्ति
हो रही है।
(iii)
हरित क्रांति का आगमन से उन्नत किस्म के बीज का प्रयोग हो रहा है जिससे उनकी गुणवत्ता
में वृद्धि हुई है अधिक उत्पादन हो रहा है और अधिक मूल्य की प्राप्ति हो रही है
(iv)
वैश्वीकरण के कारण भारतीय कृषि उत्पादों का निर्यात भी हो रहा है जिससे विदेशी व्यापारे
में भारत का योगदान में वृद्धि हुई है।
वैश्वीकरण
के कारण बड़े किसानों को अधिक लाभ प्राप्त हुआ है एवं छोटे किसानों को वैश्वीकरण का
लाभ नहीं मिल पा रहा है। वैश्वीकरण से जहां तक विदेशी व्यापार में भारत का योगदान सराहनीय
रहा है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
25. भारत सरकार द्वारा कृषि उत्पादन में वृधि सुनिश्चित करने के लिए
कौन-कौन से उपाय अपनाए गए हैं समझाएं?
उत्तर-
विश्व में जनसंख्या के आधार पर भारत का स्थान दूसरा नंबर पर आता है इतनी बड़ी जनसंख्या
को भोजन उपलब्ध कराने हेतु कृषि क्षेत्र में विस्तार के लिए सरकार के द्वारा विशेष
कार्य किए गए हैं जो निम्न है:-
(i)
जमींदारी प्रथा का उन्मूलन- कृषि में उत्पाद में वृद्धि
के लिए सरकार ने सबसे पहला कार्य जमीदारी प्रथा का उन्मूलन किया क्योंकि भारत के लिए
अभिशाप था। इस योजना के अंतर्गत जमींदारों से जमीन ले करके भूमिहीन किसानों को दे दी
गई जमीन के न्याय संगत और सामान वितरण को निश्चित बनाने के लिए जोतों की सीमा निश्चित
की गई।
(ii)
खेतों की चकबंदी- भारत में अधिकतर किसानों के पास जोतों
का बहुत छोटा आकार है और बिखरे हुए हैं सरकार ने इसे चकबंदी के जरिए बड़ा करने का प्रयास
किया है।
(iii)
हाइब्रिड बीजों का प्रयोग- कृषि उत्पादन में वृद्धि के
लिए सरकार के द्वारा आधुनिक बीजों के विकास के लिए कई संस्थाएं बनाए गए जिसमें बीजों
को विकसित किया गया और हाइब्रिड बनाया गया जैसे गेहूं जिससे उत्पादन में काफी वृद्धि
हुई।
(iv)
कीटनाशकों का प्रयोग- फसलों में अत्यधिक कीड़े मकोड़े
लग जाते हैं बीमारियां हो जाती है जिस से बचाने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग होने लगा
है।
(v)
खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग- भारतीय कृषि में अब रासायनिक
खाद प्रयोग होने लगा है जिससे उपज शक्त्ति में वृद्धि हो रही है सरकार ने उर्वरकों
के निर्माण के लिए कई उद्योगों का निर्माण भी किया है।
(vi)
सिंचाई परियोजनाओं में वृद्धि- सरकार ने सिंचाई में
वृद्धि के लिए कई छोटी बड़ी योजनाओं का निर्माण किया जिससे किसानों को पर्याप्त सिंचाई
सुविधा उपलब्ध हो सके जैसे- डैम का निर्माण, नहर, लिफ्ट इरिगेशन, चेक डैम।
(vii)
कृषि में आधुनिक तकनीक का प्रयोग- भारत सरकार के द्वारा
कृषि यंत्रों के निर्माण में जोर दे गए और आधुनिक कृषि यंत्र बनाए गए जैसे ट्रैक्टर
हार्वेस्टर प्रेसर इत्यादि जिससे कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई इन उपकरणों के जरिए
किसानों के समय मैं बचत हुई और फसल भी सुरक्षित होने लगे।
इस
तरह से भारत सरकार ने कई योजनाओं को अपनाकर कृषि के विकास में अपना अहम योगदान दिया
जिससे आज भारतीय कृषि का वैश्वीकरण हो चुका है भारत खाद्य के मामले में आत्मनिर्भर
बन चुका है और निर्यात में अहम योगदान रहा है।
26. भारत में रबी फसल और खरीफ फसल में अंतर स्पष्ट करें?
उत्तर-
भारत में मुख्यतः तीन फसलों का उत्पादन किया जाता है रबी फसल खरीफ फसल और जायद फसल
परंतु मुख्यतः दो फसलों को ही मुख्य माना जाता है।
रबी
फसल-
(i)
यह फसल को अक्टूबर नवंबर में लगाया जाता है और मार्च-अप्रैल तक काट लिए जाते हैं।
(ii)
यह फसल शीतकाल के मौसम में शुरू होता है और ग्रीष्म काल के आगमन तक रहता है।
(iii)
रबी फसल के अंतर्गत गेहूं, चावल, जौ, चना, चावल, तिलहन- अलसी, कोरिया, तरसों, इत्यादि
का उत्पादन किया जाता है।
खरीफ
फसल-
(i)
इस फसल को जून-जुलाई में लगाया जाता है और अक्टूबर- नवंबर तक काट ले जाते हैं।
(ii)
फसल मौसमी मानसून के आगमन अर्थात वर्षा ऋतु से शुरू होता है तथा शीत ऋतु के आरंभ तक
रहता है।
(iii)
इस मौसम में उत्पन्न होने वाली प्रमुख कृषि फसलें चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, कपास,
मूंगफली, उड़द, इत्यादि का उत्पादन होता है।
इस
तरह से भारत में मुख्यतः दो प्रकार के फसलों का उत्पादन होता है जो अलग-अलग मौसम में
अलग-अलग फसलों का उत्पादन होता है जिसमें रबी फसल और खरीफ फसल में अंतर है।
27. कपास की खेती के लिए भौगोलिक दशाओं का वर्णन करें एवं इसके प्रमुख
उत्पादक राज्यों का नाम लिखें?
उत्तर
- कपास उत्पादन में भारत का विश्व में दूसरा स्थान आता है भारत कपास के पौधों का मूल
स्थान माना जाता है दक्कन के पठार के क्षेत्र में कपास का मुख्य उत्पादन किया जाता
है कपास के उत्पादन के लिए एक खास भौगोलिक दशा होनी चाहिए।
(i)
मृदा कपास के उत्पादन के लिए जलोढ़ मिट्टी या काली मिट्टी उपयुक्त होती है। इस मिट्टी
में सिंचाई की आवश्यकता नहीं या बहुत कम होती है क्योंकि यह मिट्टी बहुत ही उपजाऊ होती
है।
(ii)
जलवायु- कपास उत्पादन के लिए उष्ण या समशीतोष्ण जलवायु जिसमें ग्रीष्मकालीन तापमान
25°C और 50CM से 100CM वर्षा हो या सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो फसल तैयार होते समय
खुला मौसम आवश्यक है।
श्रमिकों
की आवश्यकता जब कपास का उत्पादन हो जाता है तो अधिक मात्रा में कुशल श्रमिकों की आवश्यकता
होती है कपास की देढियों तोड़ने और उनसे कपास निकालने के लिए।
इस
तरह से कपास के उत्पादन के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का होना आवश्यक है जिससे कपास
का उत्पादन अधिक मात्रा में हो सके।
भारत
में कपास के प्रमुख उत्पादक राज्य- गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश,
कर्नाटक, तमिलनाडु, पंजाब, एवं हरियाणा है।
इन राज्यों में कपास उत्पादन के भौगोलिक दशाएं उपस्थित होते हैं जिससे दूसरे राज्यों की तुलना में कपास का उत्पादन अधिक प्राप्त होता है।
विषय-सूची
इतिहास | भारत और समकालीन विश्व- 2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
भूगोल | समकालीन भारत- 2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
नागरिक शास्त्र | लोकतांत्रिक राजनीति-2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
अर्थशास्त्र | आर्थिक विकास की समझ |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5 | |