Class 11 History 1. लेखन कला और शहरी जीवन

Class 11 History 1. लेखन कला और शहरी जीवन

Class 11 History 1. लेखन कला और शहरी जीवन

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 11

इतिहास (History)

1. लेखन कला और शहरी जीवन

स्मरणीय तथ्य

लगभग 5 हजार वर्ष पूर्व शहरी जीवन का प्रारंभ मेसोपोटामिया में हुआ।

मेसोपोटामिया यह शब्द यूनानी भाषा के दो शब्दों मेसोस यानि मध्य पोटॅमोस यानि नदी से मिलकर बना है।

मेसोपोटामिया दजला व फरात नदियों के बीच की उपजाऊ धरती को इंगित करता है।

मेसोपोटामिया क्षेत्र आजकल इराक गणराज्य का हिस्सा है।

मेसोपोटामिया की एतिहासिक जानकारी के प्रमुख स्त्रोत इमारतें, मूर्तियाँ, आभूषण, औजार, मुद्राएँ, मिट्टी की पट्टिकाएं तथा लिखित दस्तावेज है।

मेसोपोटामिया की सभ्यता अपनी संपन्नता, शहरी जीवन, समृद्ध साहित्य, गणित और खगोल विद्या के लिए विश्व प्रसिद्ध है।

मेसोपोटामिया के शहरीकृत दक्षिणी भाग को सुमेर और अक्कद कहा जाता था।

मेसोपोटामिया की प्रथम ज्ञात भाषा सुमेरी अर्थात् सुमेरियन थी ।

मेसोपोटामिया में नगरों का निर्माण 3000 ई.पू. ई.पू. प्रारम्भ हो गया था। उरूक, उर और मारी इसके प्रसिद्ध नगर थे। मेसोपोटामिया में पुरातत्वी खोज की शुरुवात 1840 में हुई।

मेसोपोटामिया में खाद्य संसाधन तो समृद्ध थे परन्तु खनिज संसाधनों का अभाव था, जिन्हें तुर्की, ईरान अथवा खाड़ी पार देशों से मंगाया जाता था।

लेखन कला- मेसोपोटामिया में जो पहली पट्टिकाएं पाई गई है वे लगभग 3200 ई.पू. की है, इन पर कीलाकार लिपि लिखा जाता था।

कीलाकार (क्यूनीफार्म) यह लातिनी शब्द 'क्यूनियस, जिसका अर्थ खुटी और फोर्मा जिसका अर्थ 'आकार' है, से बना है मेसोपोटामिया में बहत कम लोग पढ़े-लिखे थे। चिन्हों की संख्या काफी पेचौदा तथा बहुत अधिक थी।

1400 ई.पू. से धीरे-धीरे अरामाइक भाषा का प्रवेश हुआ, यह हिब्रू भाषा से मिलती-जुलती थी और 1000 इ.पू. के बाद यह व्यापक रूप से बोली जाने लगी थी और आज भी इराक के कुछ भागों में बोली जाती है।

5000 इ.पू. दक्षिण मेसोपोटामिया में बस्तियों का विकास होने लगा था जिनमें से कुछ शहरों में परिवर्तित हो गए।

यहाँ उर नगर में नगर नियोजन पद्धति का अभाव था, गलियां टेढ़ी-मेढी एवं संकरी थी।

इराक भौगोलिक विविधता का देश है। इसका पूर्वोत्तर भाग हरे-भरे व ऊँचे-नीचे मैदानों के लिए प्रसिद्ध है। इस प्रदेश का उत्तरी भाग ऊँची जमीन (स्टेपी-घास के मैदान) पशुपालन की दृष्टि से उपयुक्त है। प्रसिद्ध

इसका दक्षिणी भाग रेगिस्तानी है। यहाँ सबसे पहले नगरों और लेखन प्रणाली का प्रादुर्भाव हुआ।

श्रम विभाजन शहरी जीवन की विशेषता है। इसके साथ ही, शहरी अर्थव्यवस्था में एक सामाजिक संगठन का होना आवश्यक है।

मेसोपोटामिया के लोग संभवतः लकड़ी, ताँबा, राँगा, चाँदी, सोना और विभिन्न प्रकार के पत्थर तुर्की व ईरान अथवा खाड़ी देशों से आयात करते थे। इसके बदले वे अपने द्वारा निर्मित कपड़े व कृषि उत्पाद का निर्यात करते थे।

मेसोपोटामिया के लोग मिट्टी की पट्टकाओं पर लिखते थे। वे अपना हिसाब-किताब तथा साहित्य इन्हीं पट्टकाओं पर लिखते थे। उनकी लिपि कीलाकार थी।

मेसोपोटामिया को बहुत कम लोग लिख-पढ़ सकते थे। अधिकतर लिखावट बौलने के तरीके को प्रदर्शित करती थी।

पुरातत्वविद् के अनुसार, सर्वप्रथम राजा ने ही व्यापार और लेखन की व्यवस्था की। इस संबंध में एक प्राचीन शासक एनमर्कर का (Emmerkar) नाम उल्लेखनीय है।

5000 ई०पू० से दक्षिणी मेसोपोटामिया में बस्तियों का विकास प्रारंभ हो गया था। इन बस्तियों में से कुछ बस्तियाँ कालांतर में प्राचीन शहर बन गए।

मेसोपोटामिया की खुदाई में सबसे पहला ज्ञात मन्दिर एक छोटा सा देवालय था। यह मंदिर कच्ची ईटों से बना हुआ था।

मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं का निवास था, जैसे उर जो चन्द्र देवता थे और इन्नाना जो प्रेम व युद्ध की देवी थी।

मेसोपोटामिया में नगर नियोजन की पद्धति का अभाव था। वहाँ की जल निकासी की व्यवस्था मोहनजोदड़ो की जल निकासी की व्यवस्था से भिन्न थी।

उर में नगरवासियों के लिए एक कब्रिस्तान था।

नगरों की सामाजिक व्यवस्था में एक उच्च या संभ्रान्त वर्ग का प्रादुर्भाव हुआ।

मेसोपोटामिया के समाज में एकल परिवार को ही आदर्श माना जाता था। जिसमे पति-पत्नी और उनके बच्चे शामिल होते थे। पिता परिवार का मुखिया होता था।

2000 ई०पू० के बाद मारी शहर का विकास राजधानी के रूप में हुआ। कृषि के साथ-साथ पशुपालन प्रमुख व्यवसाय थाँ।

मेसोपोटामियाई लोग शहरी जीवन को महत्व देते थे। विभिन्न जातियों व समुदायों के लोगों के परस्पर मिश्रण से यहाँ की सभ्यता में जीवन शक्ति उत्पन्न हो गई थी।

मेसोपोटामिया की काल-गणना और गणित की विद्वतापूर्ण परंपरा दुनिया की सबसे बड़ी देन है।

अंत में, एक पुराकालीन पुस्तकालय और आरंभिक पुरातत्ववेत्ता की मदद से मेसोपोटामिया की अतीत के प्रलेखों एवं परंपराओं को खोजने और सुरक्षित रखने की कोशिश की गई थी।

गिलमिश उरुक नगर का शासक था, महान योद्धा था जिसने दूर-दूर तक के प्रदेशों को अपने अधीन कर लिया था।

समय का विभाजन सिकंदर के उत्तराधिकारियों दद्वारा अपनाया गया और वहाँ से यह रोम तथा इस्लाम की दुनिया में तथा बाद में मध्ययुगीन यूरोप में पहुँचा।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. मेसोपोटामिया की पहली जात भाषा क्या थी?

a. सुमेरियन

b. अरामाइक

c. अक्कादी

d. असिरियन

2. मेसोपोटामिया में पुरातत्व खोजने की शुरुआत कब से प्रारंभ हुई?

a. 1835

b. 1836

c. 1838

d. 1840

3. मेसोपोटामिया के महत्वपूर्ण नदियां कौन सी थी?

a. दजला और फरात

b. गंगा नदी और यमुना

c. नील नदी और फरात

d. मिसिसिपी और राइन

4. विद्वानों के अनुसार लेखन कला का सर्वप्रथम विकास कहा हुआ?

a. चीन

b. अमेरिका

c. मेसोपोटामिया

d. भारत

5. बेबीलोन नगर का प्रमुख देवता कौन था?

a. एनलि

b. मर्दक

c. ईस्टर

d. सूर्य

6. निम्न में से किस वर्ष दक्षिणी मेसोपोटामिया के सबसे प्राचीन मंदिर की स्थापना की गई थी?

a. 6000 ई. पू.

b. 4000 ई. पू.

c. 3000 ई. पू.

d. 5000 ई. पू.

7. असुरबनिपाल कहां के शासक थे?

a. क्रिट

b. रोम

c. चीन

d. असीरिया

8. सुमेरियन के बाद किस भाषा का प्रयोग हुआ?

a. अक्कादियन

b. अंग्रेजी

c. फारसी

d. अरबी

9. मेसोपोटामिया के सबसे पुराने शहर कांस्य युग के हैं?

a. 1000 ई.पू.

b. 2000 ई.पू

c. 3000 ई.पू.

d. 4000 ई पू

10. मेसोपोटामिया नाम भाषा के किन दो शब्दों से मिलकर बना है ?

a. मेसोस और पोटामा

b. मेसोज और फरात

c. मेसोस और पोटैमोस

d. इनमे से कोई नहीं

11. मेसोपोटामिया में किन-किन औजारों का प्रयोग किया जाता था?

a. कांसा के औजार

b. तांबा औजार

c. लोहा औजार

d. पत्थर के औजार

12. झूलते बाग किस सभ्यता की देन है?

a. माया सभ्यता

b. बेबीलोन सभ्यता

c. हड़प्पा सभ्यता

d. मिस्र सभ्यता

13. मेसोपोटामिया सभ्यता के लोगों की लिपि क्या थी?

a. देवनागरी

b. किलाकार लिपि

c. चित्रात्मक लिपि

d. सैंधव लिपि

14 निम्नलिखित में से विश्व की प्राचीनतम सभ्यता कौन सी है?

a. मिश्र

b. चीन

c. सिंधु घाटी

d. मेसोपोटामिया

15. मेसोपोटामिया सभ्यता में प्रेम एवं युद्ध की देवी किसे कहा गया?

a. इन्नाणा

b. दार

c. सरस्वती

d. एनलिन

16. किसकी सहायता से कुम्हार एक जैसे बर्तन सरलता पूर्वक बना लेता था?

a. चाक

b. रेत

c. मिट्टी

d. इनमें से कोई नहीं

17. मेसोपोटामिया में प्राप्त प्रथम पट्टिका कितनी पुरानी है?

a. 3200ई.पू.

b. 3500ई. पू.

c. 4000 ई. पू.

d. इनमें से कोई नहीं

18. मेसोपोटामिया की सभ्यता में नगरों का निर्माण कब आरंभ हुआ?

a. 3000 ई.पू.

b. 3500 ई. पू.

c. 3900 ई.पू.

d. 4100ई.पू.

19. व्यापार के लिए विश्व मार्ग के रूप में किसको प्रधानता मिली?

a. गंगा नदी

b. नील नदी

c. फरात नदी

d. पीली नदी

20. मारी नगर राजधानी के रूप में कब उभरा?

a. 2000 ई.पू.

b. 3000ई. पू.

c. 4000ई. पू.

d. इनमें से कोई नहीं

21. कीलाकार लिपि के अक्षरों को कब पहचान गया?

a. 1850

b. 1855

c. 1867

d. इनमें से कोई नहीं

22. दक्षिण मेसोपोटामिया के सबसे प्राचीन मंदिर की स्थापना कब की गई थी?

a. 4000ई. पू.

b. 6000ई. पू.

c. 5000ई. पू.

d. 3000ई. पू.

23. मेसोपोटामिया में किस चीज की कमी थी?

a. व्यापार की

b. सोना और चांदी

c. तांबे की

d. खनिज संसाधन

24. मेसोपोटामिया के लोग किस चीज पर लिखा करते थे?

a. कागज पर पर

b. मिट्टी के पट्टिका

c. पत्तों पर

d. पत्थर पर

25. उर शब्द किस देवता के लिए प्रयोग किया जाता था?

a. पवनदेव

b. सूर्यदेव

c. चंद्रदेव

d. अग्निदेव

26. मेसोपोटामिया की भौगोलिक दृष्टि से कौन सा भाग रेगिस्तान से घिरा हुआ था ?

a. उत्तरी भाग

b. दक्षिणी भाग

c. पूर्वी भाग

d. पश्चिमी भाग

27. मेसोपोटामिया के लोगों ने 1 वर्ष को कितने महीना में बांट रखा था?

a. 18

b. 10

c. 12

d. 16

28. मेसोपोटामिया के उत्तर में किस तरह के घास के मैदान पाए जाते थी?

a. कांटेदार

b. सवाना

c. सीढ़ीदार

d. स्टेपी

29. जिगुरत का संबंध किस सभ्यता से था?

a. मेसोपोटामिया

b. सिंधु सभ्यता

c. ईरानी सभ्यता

d. इनमें से कोई नहीं।

30. षटदाश्मिक प्रणाली का आविष्कार किस सभ्यता में हुआ?

a. सुमेरियन सभ्यता

b. ईरानी सभ्यता

c. सिंधु सभ्यता

d. इनमें से कोई नहीं।

31. गिलगेमिश महाकाव्य का संबंध किससे है?

a. मिश्र

b. मेसोपोटामिया

c. यूनान

d. ईरान

32. शहरी जीवन की शुरुवात सर्वप्रथम कहां हुई थी?

a. यूनान

b. ईरान

c. मेसोपोटामिया

d. मिश्र

33. मेसोपोटामिया की प्रमुख फसल कौन सी थी?

a. चावल

b. मटर

c. गेहूं

d. इनमें से कोई नहीं

34. पीली नदी किसे कहते हैं?

a. ह्ह्वांग हो

b. सिक्यांग

c. यांग्सी

d हांशु

35. शाही राजधानी के रूप में कौन सा शहर का विकास हुआ?

a. बेबीलोन

b. उर

c. मारी

d. इनमें से कोई नहीं

36. मेसोपोटामिया में एक पत्थर की मुद्रा बनाने वाले पत्थर घिसने के लिए किस धातु के औजार की जरूरत पड़ती थी?

a. तांबा

b. कांसा

c. लोहा

d. टीन

37. अरामाइक भाषा किस से मिलती-जुलती है?

a. यूनानी

b. फारसी

c. संस्कृत

d. हिब्रू

38. 'शिमार' क्या है?

a. सुमेर ईटों से बने शहरों की भूमि

b. मार्बल से बने स्त्री का शीर्ष

c. जंगली भूमि

d. इनमें से कोई नहीं

39. मेसोपोटामिया नाम किस भाषा के दो शब्दों से बना है?

a. फ्रेंच

b. यूनानी

c. लैटिन

d. फ्रेंच और यूनानी दोनों

40. वार्कशीर्ष क्या है?

a. स्त्री का सिर संगमरमर का

b. मेसोपोटामिया के एक पहाड़ी

c. दजला नदी में पाए जाने वाला मछली की एक प्रजाति

d. इनमें से कोई नहीं

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. मारी के राजा किस समुदाय से थे?

उत्तर- एमोराइट समुदाय।

2. विवाह प्रथा तथा उत्तराधिकार में कानूनी दस्तावेजों की निर्माण किसकी देन है?

उत्तर- मेसोपोटामिया की सभ्यता।

3. मेसोपोटामिया सभ्यता में मिट्टी की पट्टीकायों में लिखने के लिए किसी वस्तु का इस्तेमाल होता था?

उत्तर- सरकंडे के नॉक का।

4. मेसोपोटामिया सभ्यता में प्रारंभिक कृषि की मुख्य फसलें कौन सी थी?

उत्तर- गेहूं, जौ, मटर तथा मसूर।

5. समय तथा दिनों का विभाजन किसकी देन है?

उत्तर- मेसोपोटामिया की सभ्यता की।

6. उत्तरी मेसोपोटामिया के मैदानों में कृषि का प्रारंभ कब हुआ?

उत्तर- 7000 से 6000 ई.पू. के बीच।

7. शहरों के महत्व को किस महाकाव्य में बताया गया है?

उत्तर- गिलगेमिश ।

8. मेसोपोटामिया में गणितीय मूल पाठकों की रचना कब हुई?

उत्तर- लगभग 1800 ईसा पूर्व में।

9. हम्मूराबी कौन था?

उत्तर- बेबीलोन का राजा।

10. सुमेर शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या है?

उत्तर- ईटों का बना शहर।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. मेसोपोटामिया सभ्यता की दो प्रमुख विशेषताएं बताइए?

उत्तर- मेसोपोटामिया सभ्यता की दो प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है।

a. मेसोपोटामिया सभ्यता अपनी समृद्धि, शहरी जीवन, विशाल तथा समृद्ध साहित्य, गणित तथा खगोलशास्त्र के लिए जानी जाती हैं।

b. मेसोपोटामिया की प्रथम ज्ञात भाषा सुमेरी थी। इसके शहरीकृत दक्षिणी भाग को सुमेर तथा अक्कद कहा जाता था ।

2. मेसोपोटामिया में लेखन कला का महत्व लिखें।

उत्तर-

a. लेखन कला के विकास के परिणामस्वरूप दस्तावेजों को सुरक्षित रखना संभव हुआ।

b. लेखन कला से हिसाब रखना सरल और सुविधाजनक हो गई।

c. चन्द्र ग्रहण का हिसाब रखा जा सकता था।

d. लेखन कला के परिणाम स्वरुप साक्षरता आरंभ हुई इसलिए वहां गणित और खगोल शास्त्र का अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा पहले विकास हुआ।

3. मेसोपोटामिया की भौगोलिक स्थिति का वर्णन कीजिए।

उत्तर-

i. इराक भौगोलिक विविधता का देश है।

ii. इसके पूर्वोत्तर भाग में हरे-भरे मैदान हैं जिनमें छायादार पेड़ व पर्वत श्रृंखलाएं हैं।

iii. यहां पर्याप्त वर्षा होने से अच्छी फसल हो जाती है।

iv. भेड़-बकरियां यहां उगने वाली छोटी-छोटी झाड़ियों और घास से अपना पेट भर लेती हैं।

v. पूर्व में दजला की सहायक नदियां ईरान के पहाड़ी प्रदशों में जाने के लिए परिवहन का अच्छा साधन है।

vi. दजला व फरात नदियों ने इस मैदान को सुन्दर, रमणीय, हरा-भरा तथा उपजाऊ बनाया है।

4. मेसोपोटामिया की कृषि व्यवस्था का वर्णन कीजिए।

उत्तर-

i. यहां 7,000 से 6,000 ई.पू. के बीच खेती आरंभ हो गयी थी।

ii. यहां की मुख्य फसलें गेहूं, जौ, मटर, मसूर है। गर्मियों में खजूर के पेड़ अत्यधिक फल देते थे।

iii. समकालीन सभ्यताओं में सबसे अच्छी खेती यहीं पर होती थी।

iv. ऊंचाई वाले इलाकों में, भारी मात्रा में मांस, दूध, ऊन आदि वस्तुएँ मिल जाती हैं।

v. स्टेपी घास के मैदानों में पशुपालन भी आजीविका का अच्छा साधन है।

vi. दजला व फरात कई धाराओं में बंटकर नहरों के रूप में खेतों की सिंचाई करती है।

vii. अच्छी खेती ही शहरी जीवन का आधार है।

5. मारी नगर के राजमहल की किन्हीं दो विशेषताओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर-

i. मारी नगर का विशाल राजमहल वहां के शाही परिवार का निवास स्थान था ।

ii. यह राजमहल प्रशासन तथा कीमती धातुओं के निर्माण का मुख्य केन्द्र था।

iii. राजा के भोजन की मेज पर हर रोज भारी मात्रा में खाद्य पदार्थ. आटा, रोटी, मांस, मछली, फल, मदिरा आदि रखे जाते थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. किन पुरानी कहानियों से हमें मेसोपोटामिया की सभ्यता की झलक मिलती है ?

उत्तर- बाइबिल के प्रथम भाग 'ओल्ड टेस्टामेंट' में मेसोपोटामिया का उल्लेख अनेक सन्दर्भों में किया गया है। ओल्ड टेस्टामेंट की 'बुक ऑफ जेनेसिस' ने हमें 'शिमार' का उल्लेख मिलता है। विद्वान इतिहासकारों के विचारानुसार इसका अभिप्राय सुमेर अर्थात् ईटों से बने शहरों की भूमि से है। इस प्रकार 'ओल्ड टेस्टामेंट' में कई सन्दर्भों में मेसोपोटामिया का उल्लेख होने के कारण यह यूरोपवासियों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण बन गया था। वे इसे अपने पूर्वजों की भूमि मानते थे। अतः जब इस क्षेत्र की पुरातात्विक खोज प्रारम्भ हुई, तो ओल्ड टोस्टामेंट के एक-एक शब्द को सत्य सिद्ध करने का प्रयास किया गया। बाइबिल में वर्णित जलप्लावन की कहानी मेसोपोटामिया के पराम्परागत साहित्य में भी मिलती है। बाइबिल में इस कहानी के मुख्य पात्र को नोआ कहा गया है, किन्तु मेसोपोटामिया के परम्परागत साहित्य में इसे 'जिउसूद्र' अथवा 'उतनापिष्टिम' कहा गया है। बाइबिल के अनुसार यह 'जलप्लावन पृथ्वी पर सम्पूर्ण जीवन को नष्ट करने वाला था, किन्तु ईश्वर ने जलप्लावन के बाद भी पृथ्वी पर जीवन की सुरक्षित रखने के उद्देश्य से नोआ नामक एक मनुष्य को चुना। नोआ ने एक अत्यधिक विशाल नाव का निर्माण किया और उसमें सभी जीव-जन्तुओं का एक-एक जोड़ा रख लिया। जब जलप्लावन हुआ, तो बाकी सब-कुछ नष्ट हो गया, किन्तु नाव में रखे सभी जोड़े स्रक्षित बच गए। इस प्रकार धरती पर नए जीवन का प्रारम्भ हआ। इस प्रकार यूरोप के यात्री और विद्वान मेसोपोटामिया को अपने पूर्वजों की भूमि मानते थे। उल्लेखनीय है कि 1873 ई. में जब ब्रिटिश म्यूजियम ने मेसोपोटामिया ने उस पट्टिका की खोज प्रारम्भ की जिस पर बाइबिल में उल्लिखित जलप्लावन की कहानी अंकित की गई थी, तो उस खोज अभियान का सम्पूर्ण खर्च एक ब्रिटिश समाचार पत्र दवारा उठाया गया।

2. एजटेक और मेसोपोटामियाई लोगों की सभ्यता की तुलना करें।

उत्तर- एजटेक और मेसोपोटामियाई लोगों की सभ्यताओं की तुलना निम्न प्रकार से की जा सकती है।

1. एज़टेक सभ्यता मध्य अमेरिकी सभ्यता थी क्योंकि इसका विकास मध्य अमेरिका में ही हुआ था। जबकि मेसोपोटामियाई सभ्यता का विकास वर्तमान इराक गणराज्य के भू-भाग पर हुआ था।

2. एजटेक सभ्यता में चित्रात्मक लिपि का प्रचलन था। अतः उनका इतिहास भी चित्रात्मक ढंग से ही लिखा जाता था। दूसरी तरफ मेसोपोटामिया सभ्यता की लिपि को क्यूनिफॉर्म अर्थात् कीलाकार लिपि के नाम से जाना जाता था। लातिनी शब्दों में, 'क्यूनियस' और 'फोर्मा' को मिलाकर 'क्यूनीफार्म' शब्द बना है। 'क्यूनियस' का अर्थ है 'खुटी' और 'फोर्म' का अर्थ है-'आकार' इस प्रकार से इस आशुलिपि का विकास चित्रों से हुआ। इस सभ्यता में लिपिक के कार्य को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। एक सुसंगठित लेखन कला की वजह से ही मेसोपोटामिया में उच्चकोटि के साहित्य का विकास संभव हुआ।

3. एजटेक सभ्यता का विकास बारहवीं और पंद्रहवीं शताब्दी के मध्य हुआ। अतः यह सभ्यता ऐतिहासिक युग में विकसित होने वाली सभ्यता थी। हालाँकि मेसोपोटामिया सभ्यता का विकास कांस्यकाल में हुआ। अतः यह कांस्यकालीन सभ्यता थी।

4. एजटेक सभ्यता के अंतर्गत श्रेणीबद्ध समाज की संरचना थी। अभिजात वर्ग की समाज में अहम भूमिका थी। अभिजात वर्ग में पुरोहित, उच्च कुलों मैं उत्पन्न लोग, और वे लॉग भी सम्मिलित थे जिन्हें बाद में प्रतिष्ठा प्रदान की गई थी। अभिजात संख्या की दृष्टि से बहुत कम थे, जो सरकार, सेना तथा धार्मिक में ऊँचे-ऊँचे पदों पर आसीन थे। ये अपने वर्ग में से किसी एक को नेता के रूप चुनाव करते थे। चुना हुआ व्यक्ति आजीवन शासक के पद पर बना रहता था। समाज में पुरोहितों, योद्धाओं और अभिजात वर्ग के लोगों को अत्यधिक सम्मान की नज़र से देखा जाता था। हालाँकि मसोपोटामियाई समाज भी श्रेणीबद्ध समाज था। इसमें भी उच्च एवं संभांत वर्ग के लोगों की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। पूँजी के अधिकांश भाग पर इसी वर्ग का कब्ज़ा था।

5. दोनों सभ्यताओं में शिक्षा को विशेष महत्त्व दिया जाता था।

3. उर नगर की सभ्यता पर संक्षेप में प्रकाश डालें।

उत्तर- उर, मेसोपोटामिया का एक ऐसा नगर था जिसके साधारण घरों की खुदाई सन् 1930 के दशक में सुव्यवस्थित रूप से की गई थी। उर' उन नगरों में से एक था जहाँ सर्वप्रथम खुदाई नगर में हुई। यहां टेढ़ी- मेढ़ी व सँकरी गलियाँ पाई गई जिससे यह पता चलता है कि पहिये वाली गाड़ियाँ वहाँ के अनेक घरों तक नहीं पहुँच सकती थीं। अनाज के बोरे और ईंधन के गढे संभवतः गधे पर लादकर घर तक लाए जाते थे। पतली व घुमावदार गलियों तथा घरों के भूखण्डों का एकसमान आकार न होने से यह निष्कर्ष निकलता है कि नगर नियोजन की पद्धति का अभाव था। वहाँ गलियों के किनारे जल निकासी के लिए उस तरह की नालियों की पद्धति का अभाव था, जैसी कि उसके समकालीन नगर मोहनजोदड़ो में पाई गई है। जलनिकासी की नालियाँ और मिट्टी की नलिकाएँ उर नगर के घरों के भीतरी आँगन में पाई गई हैं, जिससे यह चित्र उस नगर का एक रिहायशी इलाका (लगभग 2000 ई०पू०) । समझा जाता है कि घरों की छतों का ढलान भीतर की ओर होता था। वर्षा का पानी निकास नालियों के माध्यम से बने हुए हौजों में ले जाया जाता था। फिर भी ऐसा प्रतीत होता है कि लोग अपने घर का सारा कूड़ा-कचरा गलियों में डाल देते थे, जहाँ वह आने-जाने वाले लोगों के पैरों के नीचे आता रहता था। इस प्रकार बाहर कूड़ा डालते रहने से गलियों की सतहें ऊँची उठ जाती थीं जिसके कारण कुछ समय बाद घरों की दहलीजों को भी ऊँचा उठाना पड़ता था जिससे वर्षा के पश्चात् कीचड़ बहकर घरों के भीतर न आ सके। कमरों के अंदर रोशनी खिड़कियों से नहीं, बल्कि उन दरवाजों से होकर आती थी जो आँगन में खुला करते थे। इससे घरों में रहने वाले परिवारों में गोपनीयता भी बनी रहती थी। घरों के बारे में विभिन्न अंधविश्वास प्रचलित थे, जिनके विषय में उर में पाई गई शकुन-अपशकुन संबंधी बातें पट्टिकाओं पर लिखी मिली हैं; जैसे-घर की देहली ऊँची उठी हुई हो तो वह धन-दौलत लाती है, सामने का दरवाजा अगर किसी दूसरे के घर की ओर न खुले तो वह सौभाग्य प्रदान करता है; लेकिन अगर घर की लकड़ी का मुख्य दरवाजा (भीतर की ओर न खुलकर) बाहर की ओर खुले तो पत्नी अपने पति लिए के यंत्रणा का कारण बनेगी। उर में नगरवासियों के लिए एक कब्रिस्तान भी था, जिसमें शासकों तथा जन-साधारण की समाधियाँ पाई गईं, लेकिन कुछ लोग साधारण घरों के फर्शों के नीचे भी दफनाए हुए पाए गए।


JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची


Class XI (History) विश्व इतिहास के कुछ विषय 

1. समय की शुरुआत से

2. लेखन कला और शहरी जीवन

3. तीन महाद्वीपों में फैला हुआ साम्राज्य

4. इस्लाम का उदय और विस्तार लगभग 570-1200 ई.

5. यायावर साम्राज्य

6. तीन वर्ग

7. बदलती हुई सांस्कृतिक परंपराएँ

8. संस्कृतियों का टकराव

9. औद्योगिक क्रांति

10. मूल निवासियों का विस्थापन

11. आधुनिकीकरण के रास्ते

Post a Comment

Hello Friends Please Post Kesi Lagi Jarur Bataye or Share Jurur Kare