प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11 Hindi Core
आरोह भाग -1 गद्य-खण्ड
पाठ 3. अपू के साथ ढाई साल - सत्यजित राय
जीवन-सह-साहित्यिक परिचय
लेखक- सत्यजित राय
जन्म- सन् 1921 कोलकाता (पश्चिम बंगाल)
प्रमुख रचनाएँ- प्रो. शंकु के कारनामे, सोने का किला, जहांगीर की
स्वर्ण मुद्रा, बादशाहो अँगूठी
प्रमुख फिल्में- अपराजिता, अपू का संसार, गोपी गायेन बाका बायेन, पथेर
पांचाली (बांग्ला), शतरंज के खिलाड़ी,
प्रमुख सम्मान - ऑस्कर सम्मान और भारतरत्न
निधन- सन् 1992
भारतीय सिनेमा को कलात्मक ऊंचाई प्रदान करने वाले
फिल्मकारों में सत्यजित राय अग्रगण्य है। उनके निर्देशन में बनी पहली फीचर फिल्म
पथेर पांचाली (बांग्ला) 1955 ई. में प्रदर्शित हुई। इस फिल्म के प्रदर्शित होने के
बाद सत्यजीत राय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा प्राप्त करने वाले भारतीय
निर्देशक बने। इनके फिल्मों की संख्या लगभग तीस है। इन फिल्मों के जरिए इन्होंने
फिल्म विधा को समृद्धि प्रदान की। उनकी अधिकतर फिल्में साहित्यिक कृतियों पर
आधारित हैं।
पाठ-परिचय
अपू के साथ ढाई साल नामक संस्मरण पाथेर पांचाली फिल्म के
अनुभव से संबंधित है जिसका निर्माण भारतीय फिल्म के इतिहास में एक बहुत बड़ी घटना
के रूप में दर्ज है। इससे फिल्म के सृजन और उसके व्याकरण से संबंधित कई बारीकियों
का पता चलता है। किसी फिल्मकार के लिए उसकी पहली फिल्म एक अबूझ पहेली होती है।
बनने या ना बन पाने की शंकाओं से भरी होती है। फिल्म पूरी होती है तो फिल्मकार का
जन्म होता है। अपनी पहली फिल्म की रचना के दौरान हर फिल्मकार का अनुभव संसार
रोमांचक होता है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
1. पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग का काम
ढाई साल तक क्यों चला?
उत्तर- सत्यजित राय को प्रारम्भ में यह अनुमान नहीं था
कि फिल्म की शूटिंग ढाई साल के लम्बे समय में सम्पन्न हो सकेगी। इतना लम्बा समय
शूटिंग में इसलिए लगा क्योंकि एक तो आर्थिक तंगी के कारण शूटिंग बीच में रोक देनी
पड़ती और जब पैसे दुबारा इकट्ठे हो जाते तो शूटिंग प्रारम्भ करते। दूसरा कारण लेखक
उस समय एक विज्ञापन कम्पनी में काम करता था। जब उसे फुर्सत मिलती तभी शूटिंग का
काम हो पाता। तीसरा कारण शूटिंग के दौरान आने वाली कठिनाइयों थीं। इन सभी के कारण
'पथेर पांचाली' फिल्म की शूटिंग का काम ढाई साल के लम्बे अन्तराल में पूरा हो सका।
2. अब अगर हम उस जगह बाकी आधे सीन की शूटिंग करते, तो पहले आधे सीन
के साथ उसका मेल कैसे बैठता? उसमें से कंटिन्युइटी' नदारद हो जाती-इस कथन के पीछे क्या
भाव है ?
उत्तर-
फिल्म के दृश्य हमें तभी प्रभावित करते हैं जब उनमें 'कंटिन्युइटी' (निरन्तरता) हो।
निरन्तरता के अभाव में दर्शकों पर उस दृश्य का वांछित प्रभाव नहीं पड़ता। 'काशफूलों
की पृष्ठभूमि में रेल के इंजिन से निकलते काले धुएँ का आधा सीन 'शूट' हो हो हो चका
चुका था। शेष आधे सौन की शूटिंग के लिए जब फिल्म यूनिट उस स्थान पर एक सप्ताह बाद पहुंचती
है तो वहाँ एक भी काशफूल न था। जानवरों ने वे सब काशफूल चर लिए थे। अब नये काशफूल अगले
शरद ऋतु में ही आ सकते थे इसलिए फिल्मकार का चिन्तित होना स्वाभाविक था कि अब हमें
अगले सीजन तक प्रतीक्षा करनी पड़ेगी। अच्छे कलाकार कला से कभी समझौता नहीं करते और
इसलिए वह प्रत्येक दृश्य में पूर्णता, निरन्तरता पर अपना ध्यान केन्द्रित करता है।
लेखक इस कथन के माध्यम से शूटिंग के दौरान आए कठिनाइयों की ओर संकेत करते हैं।
3. किन दो दृश्यों में दर्शक यह पहचान नहीं पाते कि उनकी शूटिंग में
कोई तरकीब अपनाई गई है?
उत्तर-
प्रथम दृश्य- इस दृश्य में 'भूलो' नामक कुत्ते को अपू की माँ सर्वजया दवारा गमले में
डाले गए भात को खाते हुए चित्रित करना था, परंतु सूर्यास्त होने तथा पैसे के अभाव होने
के कारण यह दृश्य चित्रित न हो सका। छह महीने बाद लेखक पुनः उस स्थान पर गए तब तक उस
कुत्ते की मौत हो चुकी थी। काफी प्रयास के बाद उससे मिलता-जुलता कुत्ता मिला और उसी
कुत्ते से गमले में फेंका गया भात को खाते हुए दृश्य को फिल्माया गया। यह दृश्य इतना
स्वाभाविकै था कि कोई भी दर्शक उसे पहचान नहीं पाया।
दूसरा
दृश्य- इस दृश्य में श्रीनिवास नामक व्यक्ति मिठाई वाले की भूमिका निभा रहा था। बीच
में शूटिंग रोकनी पड़ी। दोबारा उस स्थान पर जाने से पता चला कि उस व्यक्ति का देहांत
हो गया है, फिर लेखक ने उससे मिलते-जुलते व्यक्ति को लेकर बाकी दृश्य फिल्माया। पहला
श्रीनिवास बॉस वन से बाहर आता है और दूसरा श्रीनिवास कैमरे की ओर पीठ करके मुखर्जी
के घर के दरवाजे के अंदर जाता है। इस प्रकार इस दृश्य में दर्शक अलग-अलग कलाकारों की
पहचान नहीं कर पाते।
4. 'भूलो' की जगह दूसरा कुत्ता क्यों लाया गया? उसने फिल्म के किस दृश्य
को पूरा किया ?
उत्तर-
'पथेर पांचाली' फिल्म में 'अपू-दुर्गा' का पालतू कुत्ता भूलो दिखाया गया है। अपू-दुर्गा
के साथ 'भूर्ला' कुत्ते का जो सीन शूट किया जाना था वह आधा ही शूट हो पाया था कि फिल्म
यूनिट को आर्थिक अभाव के कारन वापस लौटना पड़ा। बाद में जब पैसे इकट्ठे हो जाने पर
फिल्म यूनिट पुनः शूट के लिए गाँव में पहुँची तो पता चला कि भूलों नामक कुत्ते की मौत
हो चुकी है।
तब उसी रंग का और वैसी ही पूँछ वाला दूसरा कुत्ता खोजा गया।
अपू की माँ जो भात अपू के न खानें पर गमले में डाल देती है, उसे इस दूसरे कुत्ते ने
ही खाया है, लेकिन फिल्म देखते समय दर्शक यह नहीं पहचान पाते कि फिल्म में भूलों की
भूमिका एक कुत्ते ने नहीं अपितु दो कुत्तों ने निभाई है।
5. फिल्म
में श्रीनिवास की क्या भूमिका थी और उनसे जुड़े बाकी दृश्यों को उनके गुजर जाने के
बाद किस प्रकार फिल्माया गया?
उत्तर- फिल्म में श्रीनिवास मिठाई बेचने वाले व्यक्ति की भूमिका
में थे। जो सज्जन यह भूमिका निभा रहे थे उन पर आधा सीन ही शूट हो पाया था कि आर्थिक
अभाव के कारन शूटिंग बन्द करनी पड़ी। बाद में जब फिल्म यूनिट अधूरे सीन को शूट करने
कुछ दिनों बाद दोबारा उस गाँव में पहुँची तो पता चलता है कि श्रीनिवास तो गुजर चुके
हैं। तब उसी कद-काठी का एक अन्य व्यक्ति तलाशा गया और उसकी पीठ की ओर कैमरा फोकस करके
बचे हुए सीन को फिल्माया गया। फिल्म देखने वाले कोई भी दर्शक यह नहीं पहचान पाते कि
श्रीनिवास की इस भूमिका का निर्वाह दो व्यक्तियों ने किया है।
6. बारिश का दृश्य चित्रित करने में क्या मुश्किल
आई और उसका समाधान किस प्रकार हुआ?
उत्तर- 'पथेर पांचाली' फिल्म की शूटिंग पैसों के अभाव के कारण प्रायः
रुक जाया करती थी। बारिश के दिन आकर चले गए पर पैसों के अभाव में शूटिंग नहीं हो सकी।
जब हाथ में पैसे आए तब तक बारिश का मौसम चला गया। शरद ऋतु में आसमान एकदम साफ होता
है। आकाश में एक भी काले बादल दिखने पर फिल्म यूनिट पानी बरसने की आशा में गाँव जाकर
बैठ जाती थी। कई दिनों की प्रतीक्षा के बाद एक दिन झमाझम बरसात हुई, जिसमें यह दृश्य
फिल्माया जाना था कि दुर्गा बारिश में भीगती हुई आती है. और पेड़ के नीचे बैठे अपने
भाई अपू से आकर चिपक जाती है। उस दिन हुई मूसलाधार बरसात के कारण अपू को सर्दी लग गई,
बदन काँपने लगा। शॉट पूरा करने के बाद दूध में ब्रांडी डालकर भाई-बहिन को दी गई, जिससे
उनके शरीर में गर्मी आई।
7. किसी फिल्म की शूटिंग करते समय फिल्मकार
को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है उन्हें सूचीबद्ध कीजिए?
उत्तर- फिल्मों की शूटिंग करते समय फिल्मकारों को अनेक समस्याओं
का सामना करना पड़ता है।
1. आर्थिक परेशानियों-पैसों के अभाव के कारण शूटिंग स्थगित
करनी पड़ती है।
2. प्राकृतिक प्रकोप आउटडोर शूटिंग में मौसम की मार झेलनी
पड़ती है। बारिश, धूप, अंधेरा आदि समस्याओं का प्रभाव पड़ता है।
3. कभी-कभी कलाकारों की मृत्यु हो जाने की स्थिति में उन कलाकारों
से जुड़े हुए शेष दृश्यों की शूटिंग के लिए मिलते-जुलते कलाकारों की व्यवस्था करनी
पड़ती है और दृश्य इस प्रकार शूट किया जाता है जिससे 'कंटिन्युइटी' बनी रहे।
4.
गाँव वालों के सहयोग के अभाव में शूटिंग नहीं हो सकती। साउंड रिकार्डिंग तभी सम्भव
हो पाती है जब चारों ओर शान्ति हो।
5.
आजकल फिल्मी कलाकारों को देखने के लिए लोगों का उत्साह इतना अधिक है कि सुरक्षा बन्दोबस्त
किए बिना काम नहीं हो पाता।
6.
फिल्म में यदि कोई जानवर भी है तो उसके स्वास्थ्य, प्रशिक्षण की समस्या आड़े आती है।
'भूलो' कुत्ते के मर जाने पर उससे मिलता- जुलता दूसरा कुत्ता सत्यजित राय को खोजना
पड़ा।
7.
प्राकृतिक दृश्यों के लिए मौसम पर निर्भर होना पड़ता है।
पाठ के आस-पास
1. तीन प्रसंगों में सत्यजितराय ने कुछ इस तरह की टिप्पणियाँ की हैं
कि दर्शक पहचान नहीं पाते कि.. या फिल्म देखते हुए इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया कि...
इत्यादि। ये प्रसंग कौन से हैं. चर्चा करें और इसपर भी विचार करें कि शूटिंग के समय
की असलियत फिल्म को देखते समय कैसे छिप जाती है।
उत्तर-
पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग के समय के तीन प्रमुख प्रसंग निम्नलिखित हैं-
(क) भूलो कुत्ते की मृत्यु के बाद उससे मिलते-जुलते दूसरे
कुत्ते के साथ दृश्य फिल्माया जाना।
(ख) फिल्म में रेलगाड़ी का दृश्य बड़ा था। धुआँ उठाने के
दृश्य को फिल्माने के लिए तीन रेलगाड़ियों के साथ, वह दृश्य फिल्माया गया था।
(ग) श्री निवास का किरदार निभाने वाले व्यक्ति की मृत्यु
हो जाने के बाद उसी की कद-काठी से मिलता-जुलता व्यक्ति के साथ उस सीन में मात्र उनकी
पीठ दिखाकर मिठाई वाले का दृश्य पूरा किया गया।
फिल्म की शूटिंग के दौरान, कई समस्याएँ आती हैं, जिनके कारण
दृश्य की निरंतरता को बनाए रखना बहुत मुश्किल होता है। कभी-कभी उस निरंतरता को बनाए
रखने के लिए कुछ तरीका और कुछ तकनीक का उपयोग करना आवश्यक हो जाता है. दृश्य को थोड़ा
बनावटी भी बनाया जाता है। क्योंकि दर्शक फिल्म की कहानी के साथ-साथ उसकी भावनाओं और
घटनाओं में भी डूबे हुए होते हैं, इसलिए उसे छोटी-छोटी बारीकियों का पता नहीं चल पाता।
2. मान लीजिए कि आपको अपने विद्यालय पर एक
डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनानी है। इस तरह की फिल्म में आप किस तरह के दृश्यों को चित्रित
करेंगे? फिल्म बनाने से पहले और बनाते समय किन बातों का ध्यान रखेंगे?
उत्तर- यदि हमें अपने विद्यालय पर डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनानी हो
तो हम उसे अपने विद्यालय के भवन के दृश्य से प्रारम्भ करेंगे। इसके पश्चात् विद्यालय
में चलने वाले शैक्षनिक कार्यक्रम को प्रदर्शित करेंगे। कक्षा में अध्ययनरत छात्रों,
शिक्षकों का सामूहिक चित्रांकन,पाठ्येत्तर क्रियाकलाप तथा विद्यालय में आयोजित होने
वाले उत्सर्वो का भी फिल्मांकन करेंगे। फिल्म निर्माण से पहले हम निर्देशक, उद्घोषक,
कैमरामैन तथा कार्यदल के लिए योग्य छात्रों का चुनाव करेंगे तथा इस डॉक्यूमैन्ट्री
पर होने वाले सम्भावित व्यय के लिए धन का प्रबन्ध भी करेंगे।
3. पथेर पांचाली फिल्म में इन्दिरा ठाकरुन
की भूमिका निभाने वाली अस्सी साल की चुन्नीबाला देवी ढाई साल तक काम कर सकी। यदि आधी
फिल्म बनने के बाद चुन्नीबाला देवी की अचानक मृत्यु हो जाती तो सत्यजित राय क्या करते?
चर्चा करें।
उत्तर- पथेर पांचाली फिल्म बनने में लगभग ढाई वर्ष का लम्बा समय
लगा। इस फिल्म में एक पात्र इन्दिरा ठाकरुन है। इस किरदार का रोल चुन्नीबाला देवी कर
रही थीं, जो अस्सी वर्ष की वृद्ध महिला थीं। सत्यजित राय को यह आशंका थी कि कहीं इस
वृद्धा की फिल्म सूटिंग के दौरान अचानक मृत्यु न हाँ जाए। अगर आधी फिल्म बनने के बाद
उनकी अचानक से मृत्यु हो जाती तो निश्चय ही निर्देशक को शेष काम पूरा करने के लिए उनसे
मिलती-जुलती कद-काठी वाली किसी वृद्ध महिला की तलाश करनी पड़ती और उनकी वेश-भूषा वैसी
ही रखी जाती जैसी चुन्नीबाला देवी की फिल्म में है।
4. पठित पाठ के आधार पर यह कह पाना कहाँ तक
उचित है कि फिल्म को सत्यजित राय एक कला माध्यम के रूप में देखते हैं, व्यावसायिक माध्यम
के रूप में नहीं।
उत्तर- बॉलीवुड के फिल्मकार दो प्रकार की फिल्में बनाते हैं-कला-फिल्में
तथा व्यावसायिक-फिल्में। इनमें से व्यावसायिक फिल्मों का एकमात्र उद्देश्य धन अर्जित
करना होता है जबकि कला-फिल्मों का उद्देश्य अन्य कलाओं की भांति आत्म-सन्तुष्टि माना
जाता है। सत्यजित राय दूसरे वर्ग के फिल्मकार हैं, जो फिल्म को कला माध्यम मानकर ऐसी
कला-फिल्मों का निर्माण करते रहे हैं जो उन्हें आत्म-सन्तुष्टि प्रदान करते हैं साथ
ही वे अपना सन्देश फिल्म के माध्यम से जनता तक पहुँचाने की कोशिश करते हैं। सत्यजित
राय को अंतरराष्ट्रीय ख्याति उनकी कला-फिल्मों के कारण ही प्राप्त हई है, धन कमाने
के उद्देश्य से उन्होंने इस पेशे को नहीं अपनाया।
भाषा की बात
1. हर
क्षेत्र में कार्य करने या व्यवहार करने की अपनी निजी या विशिष्ट प्रकार की शब्दावली
होती है। जैसे- 'अपू के साथ ढाई साल पाठ में फिल्म से जुड़े शब्द शूटिंग, शॉट, सीन
आदि। फिल्म से जुड़ी शब्दावली में से किन्हीं दस की सूची बनाइए।
उत्तर- शूटिंग, सीन, साइट, साउंड रिकार्डिस्ट, कैमरामैन,
फिल्म तकनीशियन, निर्देशक, अभिनेता, अभिनेत्री।
2. नीचे दिए शब्दों के पर्याय इस पाठ में दूँढ़िए और उनका वाक्यों
में प्रयोग कीजिए इश्तहार, खुशकिस्मती, सीन, वृष्टि, जमा
उत्तर- इश्तहार (विज्ञापन)- सत्यजित राय उस समय एक
इश्तहार कम्पनी में काम करते थे।
खुशकिस्मती (सौभाग्य)- यह मेरी खुशकिस्मती थी कि कल आप से भेंट हो गई।
सीन (दृश्य)- उस सीन की शूटिंग के दौरान मुझे बहुत परेशानी उठानी पड़ी।
वृष्टि (वर्षा)- शरद ऋतु में 'वृष्टि' के दृश्य को फिल्माना बहुत कठिन था,
क्योंकि बारिश का कोई अता-पता नहीं था।
जमा (इकट्ठा)- जब लेखक के पास पैसे जमा हो गए तो शूटिंग फिर से प्रारम्भ
हो गया।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. अप्पू के साथ ढाई साल पाठ के लेखक कौन है?
क. सत्यजित राय
ख. प्रेमचंद
ग. त्रिलोचन शास्त्री
घ. कृष्णा सोबती
2. पथेर पांचाली फिल्म कब प्रदर्शित हुई थी?
क. 1950
ख. 1954
ग. 1955
घ. 1956
3. अपू का उम कितना था?
क. 5 वर्ष
ख. 6 वर्ष
ग. 7 वर्ष
घ. 4 वर्ष
4. अपू की माँ का क्या नाम था?
क. आनंदी
ख. जया
ग. आस्था
घ. सर्वजया
5. भूलो किसका नाम था?
क. कुत्ते का
ख. बकरी का
ग. भैंस का
घ. इनमे से कोई नहीं
6. अपू
के साथ ढाई साल पाठ में मिठाई वाले का क्या नाम था?
क. मोहन
ख. दुर्गा
ग. श्याम
घ. श्रीनिवास
7. पथेर पांचाली फिल्म में बारिश के दृश्य
का शूटिंग किस ऋतु में हुआ?
क. बसंत ऋतु
ख. शरद ऋतु
ग ग्रीष्म ऋतु
घ इनमें से सभी
8. पथेर पांचाली फिल्म में मिठाई वाला किसके
घर जाता है?
क. मुखर्जी के घर
ख. बनर्जी के घर
ग. श्याम के घर
घ. इनमें से सभी
9. सर्वजया अपू का बचा हुआ खाना कहाँ फेंकती
है?
क. कूड़ेदान में
ख. गमले में
ग. बाल्टी में
घ. घर में
10. अपू के साथ ढाई साल पाठ में कुत्ते का
क्या नाम था?
क. टॉम
ख. भूल
ग. भूलो
घ. इनमें से सभी
11. इंदिरा ठाकरून की भूमिका निभाने वाली महिला का क्या नाम था?
क.
मुन्नीबाला देवी
ख.
दुर्गा देवी
ग.
महेश्वरी देवी
घ. चुन्नी बाला देवी
12. अपू के साथ ढाई साल अनुभव से संबंधित है? संस्मरण किस फिल्म के
क.
देवी चारुलाता
ख.
महानगर
ग. पथेर पांचाली
घ.
जलसाघर
13. सत्यजित राय का जन्म कब हुआ था ?
क. 1921
ख.
1920
ग.
1922
घ.
1923
14. किस फिल्म से सत्यजित राय को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हुई
थी?
क.
सद्गति
ख. पथेर पांचाली
ग.
बरसात
घ.
आवारा
15. सत्यजित राय की ज्यादातर फिल्में किस पर आधारित है?
क.
सामाजिक विषयों पर
ख.
राजनीतिक विषयों पर
ग.
आर्थिक विषयों पर
घ. साहित्यिक कृतियों पर
16. सीन शॉर्ट शब्द किस भाषा से लिए गए हैं?
क.
हिंदी भाषा से
ख.
उर्दू भाषा से
ग. अंग्रेजी भाषा से
घ.
संस्कृत भाषा से
17. काशफूलों से भरा मैदान कहाँ स्थित था?
क.
नदी के पास
ख.
घर के पास
ग. रेल-लाइन के पास
घ.
स्कूल के पास
18. नाजुक आवाज से बोलने वाले बच्चे का क्या नाम था?
क.
रिया
ख.
जिया
ग.
सिया
घ. टिया
19. पालसिट गांव कोलकाता से कितनी मिल की दूरी पर था?
क. सत्तर मिल
ख.
साठ मिल
ग.
पचास मिल
घ.
अस्सी मील
20. इंदिरा ठाकरुन की भूमिका निभाने वाली चुन्नी बाला देवी कितने वर्ष
की थी?
क.
साठ वर्ष की
ख.
सत्तर वर्ष की
ग. अस्सी वर्ष की
घ.
पचास वर्ष की
21. शूटिंग की दृष्टि से कौन-सा गांव अधिक उपयुक्त था?
क.
गोपाल गांव
ख. बोडाल गाँव
ग.
चटगाँव
घ.
नेबूर गाँव
22. सुबोध दा किस बीमारी से ग्रस्त थे?
क.
गले की बीमारी से
ख.
हृदय की बीमारी से
ग.
पेट की बीमारी से
घ. मानसिक बीमारी से
23. चर्चिल किस देश के प्रधानमंत्री थे ?
क.
जर्मनी के
ख.
जापान के
ग. ब्रिटेन के
घ.
इनमें से सभी
24. हिटलर कहाँ का तानाशाह था?
क. जर्मनी का
ख. फ्रांस का
ग. ब्रिटेन का
घ. रूस का
25. रासबिहारी एवेन्यू की बिल्डिंग में बच्चे
क्यों आते थे?
क. इंटरव्यू देने
ख. खेलने
ग. पढ़ने
घ. खाने
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. पथेर पांचाली फिल्म बनने में ढाई साल क्यों
लगा?
उत्तर- आर्थिक अभाव के कारण।
2. अपू के साथ ढाई साल हिन्दी गद्य साहित्य
की कौन सी विधा है?
उत्तर- संस्मरण
3. पथेर पांचाली फिल्म किस भाषा में है?
उत्तर- पथेर पांचाली फिल्म बांग्ला भाषा में है।
4. 'जहाँगीर की स्वर्ण मुद्रा' रचना किसके
द्वारा लिखौ गया है?
उत्तर- 'जहाँगीर की स्वर्ण मुद्रा' रचना सत्यजित राय के द्वारा
लिखी गयी है।
5. भारतीय सिनेमा को कलात्मक ऊंचाई प्रदान
करने वाले फिल्मकारों में किनका नाम लिया जाता है?
उत्तर- भारतीय सिनेमा को कलात्मक ऊँचाई प्रदान करने वाले
फिल्म कारों में सत्यजित राय का नाम लिया जाता है।
6. सत्यजित राय की फिल्मों की संख्या कितनी
है?
उत्तर- सत्यजित राय की फिल्मों की संख्या लगभग तीस है।
7. अपू की भूमिका निभाने वाले बच्चे का मूल
नाम क्या था?
उत्तर- अपू की भूमिका निभाने वाले बच्चे का मूल नाम सुबीर
बनर्जी था।
8. पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग की शुरुआत
किस गाँव से हुई थी?
उत्तर- पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग की शुरुआत पालसिट गाँव
में हुई थी।
9. काशफूलों का रंग कैसा होता है?
उत्तर- काशफूलों का रंग सफेद होता है।
10. पथेर पांचाली फिल्म में शूटिंग के लिए कितने रेल गाड़ियों का प्रयोग
किया गया है?
उत्तर-
पथेर पांचाली फिल्म में शूटिंग के लिए तीन रेलगाड़ियों का प्रयोग किया गया है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. सत्यजित राय ने किस दृश्य को सबसे अच्छा कहा है, और क्यों?
उत्तर-
सत्यजित राय ने बारिश में भीगते हुए अपू और दुर्गा के दृश्य को सबसे अच्छा कहा है,
क्योंकि इस दृश्य में अपू और दुर्गा सचमुच ठण्ड से ठिठुर रहे थे। उनके ठिठुरने में
वास्तविकता थी, अभिनय नहीं था, इसलिए वह दृश्य बहुत सजीव प्रतित होता है।
2. सत्यजित राय को पथेर पांचाली' फिल्म की शूटिंग के लिए कौन-सा गाँव
अच्छा लगा? और क्यों?
उत्तर-
सत्यजित राय को पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग के लिए 'बोडाल' गाँव अच्छा लगा, क्योंकि
यहाँ शूटिंग के लिए उन्हें अपू-दुर्गा का घर, स्कूल, खेल के मैदान, खेत, तालाब, आम
के पेड़, बॉस के झुरमुट आदि सभी आसानी से उपलब्ध हो गए थे। वे सब इस गाँव में पहले
से ही विद्यमान थे। अतः शूटिंग में सरलता हो गई।
3. अपू
की भूमिका करने वाले बालक को सत्यजित राय ने कैसे खोजा?
उत्तर- अपू की भूमिका करने वाले बालक को खोजने के लिए सत्यजित
राय ने अखबार में इश्तहार दिया। रोज अनेक बच्चे अपने अभिभावकों के साथ आते पर उनमें
से कोई उन्हें उपयुक्त नहीं लगता। एक बार एक सज्जन अपनी बेटी के बाल कटवाकर उसे बालक
बनाकर ले आए पर उसका भेद खुल गया। अन्त में अपू की भूमिका करने वाले बालक के लिए उनकी
पत्नी ने ही सुझाव दिया। वह पड़ोस में रहने वाला सुबीर बनर्जी था। उसी ने अपू की भूमिका
इस फिल्म में निभाया है।
4. कमरे में सॉप देखने पर उन्होंने क्यों नहीं मारा?
उत्तर-
कमरे में सॉप देखने पर उन्होंने उस को नहीं मारा क्योंकि गाँव वालो ने सत्यजित को सॉप
मारने से मना किया था। गाँव वालो का मानना था कि यह सॉप वास्तु सर्प है और वह साँप
यहाँ बहुत दिनों से रह रहा है इसलिए वो उसे न मारे।
5. कुत्ते को बच्चों के पीछे भागने के लिए सत्यजित राय नै क्या योजना
बनाई?
उत्तर-
सत्यजित राय ने बच्चों के पीछे कुत्ते को भगाने के लिए दुर्गा को हाथों में मिठाई ले
कर भागने को कहा ताकि कुत्ता दुर्गा के हाथ में खाने की चीज यानी मिठाई को देखकर उनके
पीछे-पीछे दौड़े और यह योजना सफल भी हुआ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. अपू के साथ ढाई साल संस्मरण का प्रतिपादय
स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- अपू के साथ ढाई साल नामक संस्मरण पथेर पांचाली फिल्म के अनुभवों
से संबंधित है। इसका निर्माण भारतीय फिल्म के इतिहास में एक बड़ी घटना के रूप में दर्ज
है। इससे फिल्म के सृजन और उसके निर्माण से संबंधित कई बारीकियों का पता चलता है। यही
नहीं, जो फिल्मी दुनिया हमें अपने ग्लैमर से चकाचौंध करती हुई जान पड़ती है उसका एक
ऐसा सचाई हमारे सामने आता है, जिसमें साधनविहीनता के बावजूद अपनी कलादृष्टि को साकार
करने का संघर्ष भी हमें दिखाई देता है। यह पाठ मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया
है जिसका भाषांतरण विलास गिते ने किया है।
किसी फिल्मकार के लिए उसकी पहली फिल्म एक अबूझ पहेली होती
है। फिल्म के बनने या न बन पाने की अमूर्त शंकाओं से घिरी। फिल्म पूरी होने पर फिल्मकार
जन्म लेता है। पहली फिल्म के निर्माण के दौरान हर फिल्म निर्माता का अनुभव संसार इतना
रोमांचकारी होता है कि वह उसके जीवन में बचपन की स्मृतियों की भाँति हमेशा जीवंत बना
रहता है। इस अनुभव संसार में दाखिल होना उस बेहतरीन फिल्म से गुजरने से कम नहीं है।
2. फिल्मांकन के समय मानसिक रोग से ग्रस्त
व्यक्ति के कारण फिल्म यूनिट को क्या समस्या आई? और उसका समाधान कैसे किया गया?
उत्तर- गाँव के जिस घर में फिल्म यूनिट वाले शूटिंग करते थे, उसके
पड़ोस में एक व्यक्ति रहता था। वह मानसिक रोग (पागल) से ग्रस्त था। उसके कारण बहुत
परेशानी होती थी। और कभी भी वह भाइयो और बहनो कहकर किसी भी मुद्दे को लेकर लम्बा भाषण
शुरु कर देता था। फुर्सत के समय तो उसके भाषण पर इन लोगों को कोई आपत्ति न थी, किन्तु
अगर शूटिंग के समय वह भाषण शुरू करता तो साउंड का काम प्रभावित हो जाता था। वह व्यक्ति
सचमुच ही हमारे लिए सिरदर्द बन जाता। यदि उसके रिश्तेदारों ने हम लोगों की मदद न की
होती। ऐसा स्वयं सत्यजित राय का कथन है।
3. पुराने मकान में शूटिंग करते समय फिल्मकार
को क्या-क्या कठिनाइयाँ आई ?
उत्तर- पुराने मकान में शूटिंग करते समय फिल्मकार को निम्नलिखित
कठिनाइयाँ आई सूटिंग के लिए जो मकान लिया गया था वह पुराना मकान था जो खंडहर बन चुका
था। उसे ठीक कराने में काफी पैसे खर्च हुए और एक महीने का समय उस घर की मरम्मत में
ही चला गया।
मकान के एक कमरे में सॉप निकल आया, जिसे देखकर आवाज रिकार्ड करनेवाले भूपेन दा की बोलती बंद हो गई।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
आरोह भाग-1 | |
पाठ सं. | अध्याय का नाम |
काव्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | 1. हे भूख ! मत मचल, 2. हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर- अक्कमहादेवी |
7. | |
8. | |
गद्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
वितान | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |