प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11 Hindi Core
आरोह भाग -1 गद्य-खण्ड
पाठ - 6. रजनी - मन्नू भंडारी
जीवन-सह-साहित्यिक परिचय
लेखिका - मन्नू भंडारी
जन्म- सन् 1931 मध्य प्रदेश में मंदसौर जिले के भानपुरा गाँव में।
निधन- सन् 2021 गुड़गांव (हरियाणा)
बचपन का नाम- महेंद्र कुमारी, लेखन के लिए उन्होंने मन्नू नाम का
चुनाव किया।
पिता- सुख संपत राय,
माता- अनुप कुमारी,
पति-
राजेंद्र यादव,
बेटी- रचना,
शिक्षा- मन्नू भंडारी की आरंभिक शिक्षा अजमेर में हुई। बाद में उन्होंने पश्चिम
बंगाल के 'कलकत्ता विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद 'बनारस
हिंदू विश्वविद्यालय' से हिंदी भाषा और साहित्य में एम.ए की डिग्री हासिल की।
मन्नू भंडारी की
रचनाएँ-कहानी संग्रह- मैं हार गई (सन् 1957), तीन निगाहों की एक तस्वीर (सन
1959), यही सच है (सन 1966), एक प्लेट सैलाब (सन् 1968), त्रिशंकु (सन् 1978)
आँखों देखा झूठ- (सन् 1976),
उपन्यास- एक इंच मुस्कान (राजेंद्र यादव के साथ, सन् 1961), आपका बंटी (सन् 1971),
महाभोज (सन् 1979), स्वामी (सन् 1982),
आत्मकथा- एक कहानी यह भी (सन् 2007),
बाल साहित्यिक रचना- कलवा (सन् 1971), आसमाता (सन 1971)1
पटकथाएँ- रजनी, निर्मला, स्वामी, दर्पण
मन्नू भंडारी की साहित्यिक उपलब्धियाँ -
☞ वर्ष
1981 में महाभोज के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान दवारा सम्मानित किया गया।
(भारतीय भाषा परिषद्, कलकत्ता द्वारा वर्ष 1982 में सम्मानित किया गया।
☞ वर्ष
1982 में नई दिल्ली में 'कला-कुंज सम्मान' पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
☞ वर्ष
1983 में भारतीय संस्कृत संसद कथा समारोह द्वारा पुरस्कृत किया गया।
☞ वर्ष
1991 में बिहार राज्य भाषा परिषद द्वारा सम्मानित किया गया।
☞ वर्ष
2004 में महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया।
☞ वर्ष
2006 में हिंदी अकादमी, 'दिल्ली शलाका सम्मान' से सम्मानित किया गया।
☞ वर्ष
2007 में मध्य प्रदेश हिंदी साहित्य सम्मेलन में 'भवभूति अलंकरण' से सम्मानित किया
गया।
☞ के.
के. बिड़ला फाउंडेशन ने उन्हें उनकी आत्मकथा 'एक कहानी यह भी' के लिए '18वां व्यास
सम्मान' से पुरस्कृत किया।
साहित्यिक विशेषताएँ- मन्नू भंडारी हिंदी कहानी में उस समय सक्रिय हुई जब नई
कहानी आंदोलन अपने उठान पर था। नई कहानी आंदोलन (छठा दशक) में जो नया मोड़ आया उसमें
मन्नू भंडारी का विशेष योगदान रहा। उनकी कहानियों में कहीं पारिवारिक जीवन, कहीं नारी-जीवन
और कहीं समाज के विभिन्न वर्गों के जीवन की विसंगतियाँ विशेष आत्मीय अंदाज़ में अभिव्यक्त
हुई हैं। उन्होंने आक्रोश, व्यंग्य और संवेदना को मनोवैज्ञानिक रचनात्मक आधार दिया
है वह चाहे कहानी हो, उपन्यास हो या फिर पटकथा ही क्यों ना हो। उनका मानना है-"
लोकप्रियता कभी भी रचना का मानक नहीं बन सकती। असली मानक तो होता है रचनाकार का दायित्वबोध,
उसके सरोकार, उसकी जीवन दृष्टि।" इनकी रचनाओं की भाषा सरल, सहज - और स्वाभाविक
रही है। उन्होंने अपनी रचनाओं में हिंदी के साथ-साथ उर्दू, अंग्रेजी और देशी भाषाओं
के शब्दों का भी प्रयोग - किया है। इनकी रचनाओं के संवाद छोटे-छोटे होते हैं लेकिन
प्रासंगिक होते हैं। भाषा पर उनका पूर्ण अधिकार होने के कारण
उनकी रचनाओं की भाषा प्रभाव पैदा
करती है।
पाठ-परिचय
पटकथा यानी पट या स्क्रीन के लिए लिखी गई वह कथा रजत पट
(फिल्म का स्क्रीन) के लिए भी हो सकती है और टेलीविजन के लिए भी। मूल बात यह है कि
जिस तरह मंच पर खेलने के लिए नाटक लिखे जाते हैं, उसी तरह कैमरे से फ़िल्माए जाने के
लिए पटकथा लिखी जाती है। कोई भी लेखक अन्य किसी विधा में लेखन करके उतने लोगों तक अपनी
बात नहीं पहुँचा - सकता, जितना पटकथा लेखन के द्वारा। इसका कारण यह है - कि पटकथा शूट
होने के बाद धारावाहिक या फ़िल्म के रूप में लाखों-करोड़ों दर्शकों तक पहुँच जाती है।
इसी कारण पटकथा लेखन की ओर लेखकों का रुझान हुआ है और पत्र-पत्रिकाओं तथा पुस्तकों
में भी पटकथाएँ छपने लगी हैं।
'रजनी' पिछली सदी के नवें दशक का एक बहुतचर्चित टी.वी. -
धारावाहिक रहा है। यह वह समय था जब हमलोंग और बुनियाद जैसे सोप ओपेरा दूरदर्शन का भविष्य
गढ़ रहे थे। बासु चटर्जी के निर्देशन में बने इस धारावाहिक की हर कड़ी स्वयं में स्वतंत्र
और मुकम्मल होती थी और उन्हें आपस में गूँथनेवाली सूत्र रजनी थी। हर कड़ी में यह जुझारू
और इंसाफ़-पसंद स्त्री-पात्र किसी-न-किसी सामाजिक-राजनीतिक समस्या से जूझती नजर आती
थी। यहाँ हमारे पाठ्य पुस्तक में रजनी धारावाहिक की कड़ी दी गई है जो व्यवसाय बनती
शिक्षा की समस्या की ओर समाज का ध्यान खींचती है। मन्नू भंडारी ने 'रजनी' के माध्यम
से एक ऐसी आधुनिक नारी का चित्रण खूबसूरती से किया है, जो नारी अपने परंपरागत गुणों
के विपरीत संघर्षशील है, जो अन्याय का डटकर मुकाबला करती है और उसे दूर करती है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
1. रजनी ने अमित के मुद्दे को गंभीरता से लिया,
क्योंकि-
क. वह अमित से बहुत स्नेह करती थी।
ख. अमित उसकी मित्र लीला का बेटा था।
ग. वह अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने की सामर्थ्य
रखती थी।
घ. उसे अखबार की सुर्खियों में आने का शौक
था।
उत्तर:- ग.रजनी ने अमित के मुद्दे को गंभीरता से लिया क्योंकि
वह अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाने
की सामर्थ्य रखती थी।
2. जब किसी का बच्चा कमज़ोर होता है, तभी उसके
माँ- बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगे कि कोई टीचर लूट रहा है, तो उस टीचर से न ले ट्यूशन,
किसी और के पास चले जाएँ....... यह कोई मजबूरी तो नहीं प्रसंग का उल्लेख करते हुए बताएँ
कि यह संवाद आपको किस सीमा तक सही या गलत लगता है ? तर्क दीजिए।
उत्तर: अमित की समस्या को लेकर रजनी जब स्कूल के हैडमास्टर
के पास गई और उन्होंने इस पर कोई कार्यवाही करने से इनकार कर दिया तो रजनी ने हिम्मत
नहीं हारी और डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन के पास प्राइवेट ट्यूशन की समस्या को लेकर जाती
है और उसे बताती है कि बच्चों को जबरदस्ती ट्यूशन करने के लिए कहा जाता है। ऐसे लोगों
के बारे में बोर्ड क्या कर रहा है? शिक्षा निर्देशक रजनी दद्वारा की गई ट्यूशन रैकेट
की शिकायत को सहजता से लेते हुए कहते हैं कि जब किसी का बच्चा कमज़ोर होता है, तभी
उसके माँ-बाप ट्यूशन लगवाते हैं। अगर लगता है कि कोई टीचर लूट रहा है, तो उस टीचर से
न ले ट्यूशन, किसी और के पास चले जाएँ... यह कोई मजबूरी तो नहीं।
शिक्षा निर्देशक द्वारा रजनी को दिया हुआ यह उत्तर बहुत ही
गैर जिम्मेदाराना है। वे ट्यूशन को बुरा नहीं मौनते। उन्हें इसमें गंभीरता नज़र नहीं
आती। वे बच्चों के शोषण को रोकना भी नहीं चाहते। ऐसी बातें कह कर वे अपनी जिम्मेदारियों
से भागकर शिक्षकों की गलत नीति को बढ़ावा दे रहे हैं, जो बहुत ही गलत और अनुचित है।
सामान्य रूप से निर्देशक की बात ठीक लगती है, किन्तु यदि अमित के प्रसंग में देखा जाय
तो साफ प्रकट हो जाता है कि उसपर टीचर ने मैथ्स की ट्यूशन लेने का दबाव बनाया था, किन्तु
जब अमित के माता-पिता आर्थिक मजबूरी के चलते अपने बेटे को मैथ्स की ट्यूशन नहीं दिलवा
पाए तो टीचर ने जान-बूझकर उसके नम्बर काटकर उसे सजा दी। इस संदर्भ में देखने पर मुझे
निदेशक का कथन बिलकुल ही गलत प्रतीत होता है।
3. तो
एक और आन्दोलन का मसला मिल गया फुसफुसाकर कही गई यह बात-
क. किसने किस प्रसंग में कही?
ख. इससे कहने वाले की किस मानसिकता का पता
चलता है।
उत्तर:
क. यह बात रजनी के पति रवि ने पेरेंट्स मीटिंग के दौरान कहा।
जब रजनी भाषण देते वक्त प्राइवेट स्कूल के टीचर्स की समस्याओं का जिक्र कर रही थी।
कुछ अध्यापकों को अधिक तनख्वाह पर हस्ताक्षर कराकर कम तनख्वाह दी जाती है। रजनी इस
अन्याय का पर्दाफाश करने के लिए उन्हें आंदोलन चलाने की सलाह देती है।
ख. इससे रवि की सामाजिक दायित्वों के प्रति उदासीनता प्रकट
होती है वह समाज में होनेवाले अन्याय को देखकर कोई प्रतिक्रिया नहीं करता। वह स्वार्थी
है तथा अपने तक ही सीमित रहता है।
4. 'रजनी'
धारावाहिक की इस कड़ी की मुख्य समस्या क्या है? क्या होता अगर-
क. अमित का पर्चा सचमुच खराब होता।
ख. संपादक रजनी का साथ न देता।
उत्तर:- 'रजनी' धारावाहिक की इस कड़ी की प्रमुख समस्या शिक्षा
का व्यवसायीकरण है स्कूल के अध्यापक बच्चों को जबरदस्ती ट्यूशन पढ़ने के लिए विवश करते
हैं तथा ट्यूशन न लेने पर उनको कम अंक देते हैं। इस प्रकार शिक्षा जगत में व्याप्त
भ्रष्टाचार को ही इस कड़ी की प्रमुख समस्या माना जा सकता है, जिसे ट्यूशन समस्यों का
नाम भी दिया जा सकता है।
(क) यदि अमित का पर्चा सचमुच खराब होता तो यह समस्या सामने
नहीं आती, न ही ट्यूशन के रैकेट का पर्दाफाश हो पाता। और न ही रजनी इसे आंदोलन का रूप
दे पाती। ऐसी स्थिति में रजनी शिकायत लेकर न तो हैडमास्टर के पास जाती, न शिक्षा निर्देशक
के पास, न संपादक के पास और न लोगों के बीच। वह अमित को ही मेहनत करने का पाठ पढ़ाती।
बच्चों और अभिभावकों को ट्यूशन के शोषण से पीड़ित होना पड़ता।
(ख) यदि संपादक रजनी का साथ नहीं देता तो यह समस्या सीमित
लोगों के बीच ही रह जाती। रजनी की आवाज़ ज़्यादा लोगों तक नहीं पहुँच पाती। कम संख्या
का बोर्ड पर कोई असर नहीं होता। यह आंदोलन पूरी ताकत से नहीं चल पाता और सफलता संदिग्ध
रहती। "शिक्षक अपने स्कूल के छात्र का ट्यूशन नहीं लेगा" इस नियम को मान्यता
प्राप्त नहीं होती।
पाठ के आस-पास
1. "गलती
करने वाला तो है ही गुनहगार, पर उसे बर्दाश्त करने वाला भी कम गुनहगार नहीं होता"
इस संवाद के संदर्भ में आप सबसे ज़्यादा किसे और क्यों गुनहगार मानते हैं ?
उत्तरः- सबसे बड़ा गुनहगार वह है जो उस गलत बात को बर्दाश्त करता
है तथा अत्याचार एवं अन्याय के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाता। इस संवाद के संदर्भ में सबसे
ज्यादा दोषी गणित अध्यापक के अत्याचार को सहने वाला है। अध्यापक ट्यूशन लेने के लिए
डराता है, कम अंक देता है। इस कार्य को सहन करने से उसका हौसला बढ़ता है। उसका विरोध
करके उसे दबाया जा सकता है। चारों तरफ फैली धांधलियों को देखकर भी जो चुप बैठे रहते
हैं वे ही सबसे बड़े गुनहगार हैं। हमें अत्याचार को चुपचाप बर्दाश्त न करके उसका सक्रिय
विरोध करना चाहिए, उसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
2. स्त्री के चरित्र की बनी बनाई धारणा से
रजनी का चेहरा किन मायनों में अलग है ?
उत्तर:- स्त्री के चरित्र की बनी बनाई धारणा के अनुसार स्त्री
सहनशील होती है, कोमल और शक्तिहीन होती है, डरपोक होती है। वह अन्याय का विरोध नहीं
करती तथा संघर्षों से दूर रहना चाहती है। रजनी इन सबके विपरीत एक संघर्षशील, असहनशील
तथा जुझारु महिला है। वह अपने सामने हो रहे अन्याय को नहीं सहन कर सकती। वह ट्यूशन
के विरोध में जन- आंदोलन खड़ा कर देती है। हालाँकि उसके साथ कोई अन्याय नहीं हुआ था
फिर भी समाज के प्रति अपना कर्तव्य को प्रमुख मानकर वह अन्याय का विरोध करती है।
3. पाठ
के अंत में मीटिंग के स्थान का विवरण कोष्ठक में दिया गया है। यदि इस दृश्य को फ़िल्माया
जाए तो आप कौन-कौन से निर्देश देंगे?
उत्तर:- यदि मीटिंग दृश्य को फ़िल्माया जाए तो हम निम्नलिखित
निर्देश देंगे-
क. मीटिंग के अनुरूप तैयार किया हुआ स्टेज तथा बैनर
ख. स्टेज के पीछे बैनर लगा हो तथा उसपर एजेंडा लिखा होना
चाहिए।
ग. मीटिंग स्थल पर प्रवेश करने वालों को जोश से आना-जाना
होगा
घ. स्टेज पर माइक व कुर्सी होनी चाहिए।
ङ. रजनी की प्रॉपर डायलॉग डिलीवरी होनी चाहिए।
च. तालियों इत्यादि समयानुसार बजे।
4. इस पटकथा में दृश्य-संख्या का उल्लेख नहीं
है। मगर गिनती करें तो सात दृश्य हैं। आप किस आधार पर इन दृश्यों को अलग करेंगे?
उत्तर:- पटकथा में दृश्य-संख्या का उल्लेख नहीं है, परंतु दृश्य अलग-अलग
दिए गए हैं। हम सभी दृश्यों को स्थान के आधार पर अलग-अलग करेंगे क्योंकि ये सार्तो
दृश्य अलग-अलग स्थानों के हैं। यथा-
पहला दृश्य- मध्यवर्गीय परिवार लीलाबेन, कांतिभाई के फ़्लैट का एक कमरा।
दूसरा दृश्य- स्कूल के हैडमास्टर का कमरा।
तीसरा दृश्य- रजनी का फ़्लैट।
चौथा दृश्य- डायरेक्टर ऑफ एजुकेशन के ऑफिस का बाहरी कक्ष।
पाँचवाँ दृश्य- किसी अखबार का दफ्तर।
छठा दृश्य- मीटिंग स्थल-खुला मैदान ।
सातवाँ दृश्य- रजनी के फ़्लैट का एक कमरा।
भाषा की बात -
1. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंश में
जो अर्थ निहित हैं, उन्हें स्पष्ट करते हुए लिखिए
(क) वरना तुम तो मुझे काट ही देतीं।
(ख) अमित जब तक तुम्हारे भोग नहीं लगा लेता
हमलोग खा थोड़े ही सकते हैं।
(ग) बस-बस, मैं समझ गया।
उत्तर:- (क) काट ही देती- भूल ही जाना
स्पष्टीकरण- रजनी कहती है कि यदि वह लीला के घर न आती तो वह उसे मिठाई
खिलाने की बात भूल जाती।
(ख) भोग नहीं लगा- चखाना
स्पष्टीकरण- लीला कहती है कि अमित जब तक रजनी को खिला नहीं लेता, तब
तक वह किसी और को नहीं खिलाता।
(ग) बस-बस- अधिक कहने की आवश्यकता नहीं
स्पष्टीकरण- संपादक कहता है कि मुझे और अधिक कहने की आवश्यकता नहीं है।
मैं सारी बात समझ गया हूँ।
कोड मिक्सिग/कोड स्विचिंग
1. कोई रिसर्च प्रोजेक्ट है क्या? वेरी इंटरेस्टिंग
सब्जेक्ट।
ऊपर दिये गये संवाद में दो पंक्तियों हैं पहली पंक्ति में
रेखांकित अंश हिन्दी से अलग अंग्रेजी भाषा का है, जबकि शेष हिन्दी भाषा का है। दूसरा
वाक्य पूरी तरह अंग्रेजी में है। हम बोलते समय कई बार एक ही वाक्य में दो आषाओं (कोड)
का इस्तेमाल करते हैं। यह कोड मिक्सिंग कहलाता है। जबकि एक भाषा में बोलते-बोलते दूसरी
भाषा का इस्तेमाल करना कोड स्विचिंग कहलाता है। पाठ में से कोड मिक्सिंग और कोड स्विचिंग
के तीन-तीन उदाहरण चुनिए और हिन्दी भाषा में रूपांतरण करके लिखिए।
उत्तर : कोड मिक्सिंग -
क. नाइंटी फाइव तो तेरे पक्के हैं।
ख. मैथ्स में ही पूरे नंबर आ सकते हैं।
ग. सॉरी मैडम, ईयरली एग्जाम्स की कॉपियों तो हम नहीं दिखाते
हैं।
हिन्दी रूपांतरण-
क. पंचानबे तो तेरे पक्के हैं।
ख. गणित में ही तो पूरे अंक आ सकते हैं।
ग. क्षमा कीजिए, बहन जी वार्षिक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाएँ
तो हम लोग नहीं दिखाते हैं।
कोड स्विचिंग -
क. आई मीन व्हाट आई से। नियम का जरा भी ख्याल होता तो इस
तरह की हरकतें नहीं होतीं स्कूल में।
ख. कोई रिसर्च प्रोजेक्ट है क्या? वेरी इंटरेस्टिंग सब्जेक्ट।
ग. विल यू प्लीज़ गेट आउट ऑफ़ दिस रूम। मेमसाहब को बाहर ले
जाओ।
हिन्दी रूपांतरण-
क. मैं जो कह रही हूँ, वह सच है। नियम का जरा भी ख्याल होता
तो इस तरह की हरकते नहीं होती स्कूल में।
ख. कोई रिसर्च प्रोजेक्ट है क्या? बहुत रोचक विषय है
ग. कृपया आप इस कमरे से बाहर चली जाइए मैमसाहब को बाहर ले
जाओ।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. मन्नू भंडारी का जन्म कहाँ हुआ था?
क. मध्य प्रदेश
ख. उत्तर प्रदेश
ग. राजस्थान
घ. दिल्ली
2. 'यही सच है' किसकी रचना है ?
क. शेखर जोशी
ख. मन्नू भंडारी
ग. कृष्णा सोबती
घ. कृष्णनाथ
3. 'महाभोज' किस विधा की रचना है?
क. कहानी
ख. उपन्यास
ग. नाटक
घ. डायरी
4. 'रजनी' की लेखिका है
क. सुभद्राकुमारी चौहान
ख. शिवानी
ग. मन्नू भंडारी
घ. महादेवी वर्मा
5. लीला ने क्या मंगवा कर रखा था?
क.
बरफी
ख. केसरिया रसमलाई
ग.
जलेबी
घ.
इमरती
6. अमित के गणित में कम नंबर आए थे?
क.
ट्यूशन लेने से
ख. ट्यूशन न लेने से
ग.
कम पढ़ने से
घ.
प्रश्न गलत होने से
7. मैथ्स के सर कौन थे?
क.
मिस्टर शर्मा
ख. मिस्टर पाठक
ग.
मिस्टर गुप्ता
घ.
मिस्टर गर्ग
8. अमित को मैथ्स में कुल कितने नंबर मिले थे?
क.
70
ख. 72
ग.
74
घ.
76
9. अमित की कक्षा में कौन सी पोजीशन आई थी ?
क.
पांचवीं
ख. छठी
ग.
सातवी
घ.
आठवी
10. रजनी के द्वारा भेजी गई स्लिप कहाँ थी?
क.
डायरेक्टर के पास
ख. चपरासी की जेब में
ग.
डस्टबिन में
घ.
मेज पर
11. बोर्ड प्राइवेट स्कूलों को मान्यता देने के बाद कितनी ग्रांट देता
है?
क.
70%
ख.
80%
ग. 90%
घ.
95%
12. रजनी में किसी समस्या को रेखांकित किया गया है ?
क.
आर्थिक समस्या
ख.
सामाजिक समस्या
ग.
राजनीतिक समस्या
घ. शिक्षा के व्यवसायीकरण की समस्या
13. रजनी किससे कहती है कि सेविंध क्लास के अमित सक्सेना की मैथ्स की
कॉपी देखना चाहती हूँ?
क.
क्लास टीचर से
ख.
मैय के टीचर से
ग. हैडमास्टर से
घ.
इनमें से कोई नहीं
14. रजनी किस प्रकार की नारी है?
क.
संघर्षशील
ख.
अन्याय की विरोधी
ग.
निर्भीक
घ. ये सभी
15. 'रजनी' पिछली सदी के किस दशक का एक बहुतचर्चित टी.वी. धारावाहिक
रहा है?
क.
सातवें
ख.
आठवी
ग. नार्वे
घ.
छठे
16. रजनी अमित की समस्या को लेकर सर्वप्रथम कहाँ जाती है?
क. हैडमास्टर के पास
ख.
शिक्षा निदेशक के पास
ग.
संपादक के पास
घ.
अभिभावक के पास
17. "आपने तो इसे बाकायदा आंदोलन का रूप ही दे दिया।" रजनी
से यह कथन कौन कहता है?
क.
उसका पति
ख.
शिक्षा निदेशक
ग. संपादक
घ.
अमित के माता-पिता
18. "आपको स्लिप भेजकर भीतर आना चाहिए न"। रजनी से यह कथन
कौन कहता है?
क.
हैडमास्टर
ख. शिक्षा निदेशक
ग.
संपादक
घ.
पाठक साहब
19. 'रजनी' किस विधा की रचना है?
क.
कहानी
ख.
फीचर
ग. पटकथा
घ.
यात्रावृत्त
20. रजनी ने किसे इश्यू उठाने के लिए कहा था?
क.
हैडमास्टर
ख.
डायरेक्टर
ग.
पति
घ. संपादक
21. किस तारीख को पेरेंट्स की एक मीटिंग होनी निश्चित हई थी?
क.
20
ख.
22
ग. 25
घ.
30
22. रजनी रसमलाई किस के मुँह में डालती है?
क. अमित
ख.
ललिता बेन
ग.
कांति भाई
घ.
पति
23. "आई एम वैरी प्राउड ऑफ यू" किसने कहा था?
क.
डायरेक्टर ने
ख. रजनी के पति ने
ग.
अमित ने
घ.
हैडमास्टर ने
24. लीला ने अमित की किस विषय में ट्यूशन लगवाई थी?
क.
गणित
ख.
हिंदी
ग. अंग्रेजी
घ.
विज्ञान
25. "शिक्षा के क्षेत्र में फैली इस दुकानदारी को तो बंद होना
ही चाहिए" कथन किसका है?
क.
हैडमास्टर का
ख.
डायरेक्टर का
ग. संपादक का
घ.
रजनी के पति का
26. 'बहत मेधावी बच्चा है' अमित के लिए यह किसने कहा है?
क. रजनी ने
ख.
हैडमास्टर ने
ग.
लीला ने
घ.
पाठक सर ने
27. पाठक सर से कुल कितने लड़के ट्यूशन लेते थे?
क.
20
ख. 22
ग.
25
घ.
30
28. मीटिंग में प्रस्तुत प्रस्ताव को ज्यों-का-त्यों किसने स्वीकार
कर लिया?
क.
हैडमास्टर ने
ख.
डायरेक्टर ने
ग. बोर्ड ने
घ.
संपादक ने
29. निर्देशक ने नई शिक्षा प्रणाली पर क्या ऑर्गनाइज़ किए?
क.
प्रदर्शनी
ख. सेमिनार्ज
ग.
नुक्कड़ नाटक
घ.
संगीत सम्मेलन
30. डायरेक्टर के दफ्तर में रजनी की स्लिप कहाँ थी?
क.
डायरेक्टर के पास
ख. चपरासी की जेब में
ग.
डस्टबिन में
घ.
रजनी के पास
31. रजनी को अपने घर में ही किसकी सुगंध आई थी?
क.
गुलाब की
ख. केसर की
ग.
रजनी गंधा की
घ.
केवड़े की
32. 'रजनी' पटकथा को कितने दृश्यों में विभाजित किया गया है?
क.
चार
ख.
पाँच
ग. सात
घ.
तीन
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. रजनी मैथ्स के शिक्षक की शिकायत करने
किसके पास गई थी?
उत्तर:- रजनी स्कूल के प्रिंसिपल के पास मैथ्स के शिक्षक की
शिकायत करने गई थी।
2. 'रजनी' पटकथा पढ़कर आपको क्या संदेश मिलता
है?
उत्तर: इस पाठ से हमें अन्याय और झूठ का विरोध करने की
प्रेरणा मिलती है। यदि हम अन्याय को सहन करते रहेंगे तो अन्यायी का हौंसला बढ़ता
जाएगा।
3. शिक्षा के तीन पर्यायवाची लिखिए ।
उत्तर:- शिक्षा के पर्यायवाची निम्नलिखित हैं-
क. विद्या
ख. पढ़ाई-लिखाई
ग. सीख
4. 'हिकारत' और 'दखलअंदाज़ी' का अर्थ बताएँ।
उत्तर: हिकारत उपेक्षा
दखलअंदाजी - हस्तक्षेप
5. रजनी संपादक से क्या सहायता माँगती है?
उत्तर:- रजनी संपादक को ट्यूशन की समस्या बताती है तथा उसे
अखबार में छापने का आग्रह करती है।
6. रजनी का अमित से क्या संबंध था?
उत्तर:- अमित रजनी को आंटी कहता था। वह उसके माता- पिता के
फ़्लैट के बगल में ही रहती थी।
7. 'रजनी' पटकथा को कितने दृश्यों में
विभाजित किया जा सकता है?
उत्तरः- इस पटकथा को सात दृश्यों में विभाजित किया जा सकता
है।
8. रजनी के चरित्र की दो प्रमुख विशेषताएँ
क्या है ?
उत्तर :- रजनी एक जुझारु महिला है और अन्याय एवं अत्याचार
को चुपचाप बर्दाश्त न करके उसका सक्रिय विरोध करती है।
9. अमित के गणित में कम अंक क्यों आए थे?
उत्तरः- अमित के गणित में कम अंक ट्यूशन न लेने के कारण आए
थे।
10. जब रजनी हैडमास्टर को सच्चाई बताती है तो
वह क्या कहता है?
उत्तर: जब रजनी हैडमास्टर को सच्चाई बताती है तब हैडमास्टर
चीखकर रजनी को कमरे से बाहर निकल जाने के लिए कहता है।
11. चपरासी रजनी को डायरेक्टर के कमरे के
बाहर क्यों रोककर रखता है?
उत्तर: चपरासी रजनी को डायरेक्टर के कमरे के बाहर इसलिए रोक
कर रखता है क्योंकि वह उसे पैसे (रिश्वत) नहीं देती।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. रजनी पाठ का प्रतिपाद्य क्या है?
उत्तर:- रजनी पाठ में मन्नू भंडारी ने 'रजनी' के माध्यम से
एक ऐसी आधुनिक नारी का चित्रण किया है, जो अपने परंपरागत गुणों के विपरीत
संघर्षशील है, जो अन्याय का डटकर मुकाबला करती है और उसे दूर करती है। यह पाठ
शिक्षा के व्यावसायीकरण, ट्यूशन के रैकेट, अधिकारियों की उदासीनता तथा आम जनता
दद्वारा अन्याय का विरोध आदि महत्त्वपूर्ण बिंदुओं की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करता
है। यह हमें अन्याय का विरोध करने की प्रेरणा देता है। इस पाठ से हमें यह सीख
मिलती है कि यदि हम अन्याय को सहन करते रहेंगे तो अन्यायी का हौसला बढ़ता चला
जाएगा। अन्याय का विरोध समाज को साथ लेकर ही हो सकता है क्योंकि आम आदमी की सहभागिता
के बिना सामाजिक, प्रशासनिक और राजनीतिक व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन संभव
नहीं है।
2. अमित की उदासी का क्या कारण था?
उत्तर:- अमित एक होनहार छात्र था। अर्द्धवार्षिक परीक्षा तक
उसे गणित में 96 प्रतिशत अंक मिले थे। वार्षिक परीक्षा में उसका पेपर बहुत अच्छा
हुआ था। उसे पूरी उम्मीद थी कि 95 प्रतिशत से कम नहीं मिल सकते पर उसे 72 प्रतिशत
अंक मिले थे। उसके मैथ्स टीचर ने उससे अनेक बार ट्यूशन रखने की बात कही थी, पर उसे
इसकी आवश्यकता महसूस न हुई लेकिन परिणाम देखकर अमित बेहद दुखी और परेशान था। उसकी
मेहनत किसी काम न आ सकी थी और ट्यूशन न लगा कर उसे गलती का अहसास हो रहा था, इसलिए
वह उदास था।
3. रजनी संपादक से क्या सहायता मांगती है?
उत्तर:- रजनी संपादक को ट्यूशन की समस्या बताती है तथा उसे
अखबार में छापने का आग्रह करती है। वह उनसे कहती है कि 25 तारीख की पेरेंट्स
मीटिंग की खबर भी प्रकाशित करें। इससे सब लोगों तक खबर पहुँच जाएगी। व्यक्तिगत तौर
पर हम कम लोगों से संपर्क कर पाएँगे।
4. गणित के टीचर के खिलाफ अन्य बच्चों ने
आवाज क्यों नहीं उठाई?
उत्तर:- गणित का अध्यापक बच्चों को जबरदस्ती ट्यूशन पर आने
के लिए कहता था। ट्यूशन न करने पर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी
देता था। यहाँ तक कि ट्यूशन न करने पर उनके अंक तक काट देता था। दूसरे बच्चों ने
उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाई क्योंकि उन्हें लगता था कि ऐसा करने पर अगली कक्षाओं
में भी उनके साथ भेद-भाव किया जाएगा। अध्यापक उनका भविष्य बिगाड़ देगा और उसका कुछ
नहीं बिगड़ेगा। इस डर से अमित और उसकी माँ रजनी को विरोध करने से रोकना चाहते थे।
5. पाठ के आधार पर रजनी के चरित्र की
विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: 'रजनी'इस पाठ की नायिका है। वह एक जुझारु एवं
संघर्षशील महिला है, जो अन्याय एवं अत्याचार को चुपचाप सहन नहीं करती, अपितु उसका
सक्रिय विरोध करती है। वह अन्याय के विरुद्ध मोर्चा खड़ा करने में कुशल है। वह
निर्भय, बेबाक, वाकपटु एवं आत्मविश्वास से भरपूर महिला है। वह सत्य के लिए किसी से
भी टकराने की शक्ति रखती है क्षमता रखती है उसमें लोगों को अपनी बातों से प्रभावित
करने की भी क्षमता है। वह दूसरों की मदद करने के लिए तथा सच का साथ देने के लिए
सदैव तत्पर रहती है। वह सच्चे अर्थों में नायिका है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. रजनी ने जो प्रस्ताव बोर्ड को भेजा वह
ज्यों-का-त्यों क्यों स्वीकार कर लिया गया ? इससे क्या ध्वनित होता है?
उत्तर: रजनी का प्रस्ताव था कि कोई भी टीचर अपने ही स्कूल के छात्र
का ट्यूशन नहीं लेगा" ज्यों-का- त्यों इसलिए स्वीकार कर लिया गया क्योंकि यह
व्यावहारिक था। इससे इस प्रकार की समस्या जो अमित के साथ उत्पन्न हुई और किसी
छात्र के साथ उत्पन्न नहीं होगी। साथ ही ट्यूशन पर पूरी रोक भी इसमें नहीं है
क्योंकि कमजोर बच्चों के लिए यदि ट्यूशन आवश्यक है तो कुछ अध्यापकों को अपने
गुजारे के लिए भी ट्यूशन की जरूरत रहती है। इस प्रस्ताव से दोनों बातें पूरी हो
रही थी। बस टीचर अपने स्कूल के विद्यार्थियों को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकता था, जिससे
जोर-ज़बरदस्ती से ट्यूशन पढ़ने को विवश करने की प्रवृत्ति पर अंकुश लग गया था। इस
प्रस्ताव से यह ध्वनित हो रहा है कि रजनी कमजोर बच्चों का ट्यूशन पढ़ने के खिलाफ न
थी, साथ ही वह अध्यापकों द्वारा किसी को ट्यूशन पढ़ाने की भी विरोधी न थी। वह तो
केवल जोर-जबर्दस्ती करके ट्यूशन पढ़ने के लिए विवश किए जाने का विरोध कर रही थी।
2. रजनी के चरित्र की कौन-सी विशेषताएँ आपको
अच्छी लगी और क्यों?
उत्तर: रजनी एक संघर्षशील महिला है जो अन्याय एवं अत्याचार को
बर्दाश्त नहीं करती। उसका मानना है कि गुनाह करने वाला तो दोषी है ही साथ ही वे
लोग भी दोषी हैं जो गुनहगार के विरुद्ध आवाज नहीं उठाते और चुपचाप उसे सहन करते
रहते हैं। रजनी को जब यह पता चला कि अमित के साथ अन्याय हुआ है और सही सवाल करने
पर भी उसे नम्बर इसलिए नहीं दिए गए क्योंकि उसने 'सर' के कहने पर भी ट्यूशन पढ़ना
स्वीकार नहीं किया था, तो उसने इसकी शिकायत हैडमास्टर से की। जब हैडमास्टर ने रजनी
दद्वारा शिकायत करने पर अपनी असमर्थता जाहिर की तो रजनी हताश नहीं हुई, अपितु उसने
यह मामला एजुकेशन डायरेक्टर के सामने उठाया। उन्होंने जब कहा कि केवल आपकी ही
शिकायत आई है तो रजनी ने छात्रों के अभिभावकों से मिलकर शिकायतों का ढेर लगवा
दिया। मीटिंग की गई और साथ ही यह समस्या अखबार के सम्पादक के सामने रखी गयी। उनका
पूरा सहयोग मिला और रजनी ने मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा कि बोर्ड हमारी इस माँग को
स्वीकार करे कि स्कूल का कोई टीचर अपने विद्यार्थियों की ट्यूशन नहीं ले सकेगा
जिससे बच्चों पर ट्यूशन पढ़ने का दबाव नहीं रहेगा और उनके नम्बर नहीं काटे जा
सकेंगे। यदि कोई टीचर अपने छात्रों को ट्यूशन पढ़ायेगा तो उसके विरुद्ध सख्त
कार्यवाही की जाएगी।
रजनी का यह प्रस्ताव बोर्ड ने ज्यों-का-त्यों स्वीकार कर
लिया और तब उसकी विजय पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसके पति ने रजनी से कहा-आई एम
प्राउड ऑफ यूँ रजनी.. रियली, रियली... आई एम वैरी प्राउड ऑफ यू। रजनी का जुझारूपन,
हिम्मत न हारने की प्रवृत्ति और अपने लक्ष्य को पाने के लिए किया गया प्रयास जैसी
चारित्रिक विशेषताएँ मुझे बहुत अच्छी लगीं।
3. प्रस्तुत गद्यांश की सप्रसंग व्याख्या
करें तथा उससे संबंधित प्रश्नों के उत्तर दें।
1. "हाँ ! कापी लौटाते हुए कहा था कि तुमने किया तो
अच्छा है पर यह तौ हाफ ईयरली है..... बहुत आसान पेपर होता है इसका तो। अब अगर
ईयरली में भी पूरे नंबर लेने हैं ने हैं तो तुरंत रंत ट्यूशन लेना शुरू कर दो।
वरना रह जाओगे। सात लड़कों ने तो शुरू भी कर दिया था। पर मैंने जब मम्मी-पापा से
कहा, हमेशा बस एक ही जवाब (मम्मी की नकल उतारते हुए) मैथ्स में तो तू वैसे ही बहुत
अच्छा है, क्या करेगा ट्यूशन लेकर ? देख लिया अब ? सिक्स्थ पोजीशन आई है मेरी। जो
आज तक कभी नहीं आई थी। (अमित की आँखों से फिर आँसू टपक पड़ते हैं।) रजनी (डॉटते
हुए) फिर आँसू! जानता नहीं, रोने वाले बच्चे रजनी औटी को बिलकुल पसन्द नहीं। मम्मी
ने बिलकुल ठीक ही कहा और ठीक ही किया। जिस विषय में तुम वैसे ही बहुत अच्छे हो,
उसमें क्यों लोगे ट्यूशन ? ट्यूशन तो कमज़ोर बच्चे लेते हैं।"
संदर्भ एवं प्रसंग- प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक 'आरोह' में संकलित
मन्नू भण्डारी द्वारा रचित धारावाहिक 'रजनी' से लिया गया है। इस गद्यांश में अमित
रजनी को बता रहा है कि पाठक सर ने ट्यूशन पढ़ने के लिए उस पर दबाव डाला।
व्याख्या-
रजनी के पूछने पर अमित ने कहा कि पाठक सर ने छमाही परीक्षा की कापी लौटाते समय
उससे यह कहा था कि उसने पेपर तो अच्छा हल किया था पर छमाही परीक्षा का प्रश्न पत्र
तो बहुत आसान होता है। यदि वह (अमित) वार्षिक परीक्षा में पूरे अंक चाहता है तो
उसे तुरंत उनसे (पाठक सर से) ट्यूशन लेना शुरु कर देना चाहिए। वरना वह पिछड़
जायेगा। कक्षा के सात लड़कों ने तुरंत ही उनका ट्यूशन लेना आरम्भ भी कर दिया था।
पर जब उसने (अमित ने) अपने मम्मी-पापा से ट्यूशन पढ़ाने के लिए कहा तो उन्होंने
वही रटा रटाया जवाब दिया कि मैथ्स में तो वह पहले ही बहुत अच्छा था फिर उसे ट्यूशन
लेने की क्या ऑवश्यकता थी? उसका नतीजा सामने था। उसकी (अमित की) छठवीं पोजीशन आई
है जो पहले कभी नहीं आई। रजनी ने उसे आँसू टपकाते देख डॉट दिया
और कहा कि उसे रोने वाले बच्चे बिलकुल पसंद नहीं। उसने अमित
को समझाया कि उसकी मम्मी ने जो कहा वह बिल्कुल ठीक था। तुम्हें ट्यूशन न दिलवाकर
उन्होंने कोई गलती नहीं की।
विशेष-
अमित जैसे अनेक मेधावी छात्रों का ट्यूशन खोर अध्यापकों द्वारा इसी तरह शोषण किया
जाता है। लेखिका ने इसी समस्या की ओर जनता और अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया
है। क्योंकि जिस विषय में वह पहले से ही अच्छा है उसमें वह ट्यूशन क्यों लेगा?
ट्यूशन तो पढ़ाई में कमजोर बच्चे लिया करते हैं।
1. पाठक सर ने अर्द्धवार्षिक परीक्षा में अमित के अच्छे अंक
आने पर क्या कहा था ?
2. पाठक सर ने अमित पर ट्यूशन लेने का दबाव कैसे डाला?
3. अमित के मम्मी-पापा ने वार्षिक परीक्षा में कम अंक आने पर
उसे क्या समझाया ?
4. अमित के दुखी होकर आँसू टपकाने पर रजनी ने क्या कहा ?
उत्तर:-1. पाठक सर ने कहा था कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा में
उसके अच्छे अंक इसलिए आ गए थे कि पेपर बहुत आसान था।
उत्तर:- 2. पाठक सर घर पर बच्चों को ट्यूशन लेने के लिए दबाव डाला करते
थे। उन्होंने अमित से भी कहा कि यदि वह चाहता था कि वार्षिक परीक्षा में उसके
अच्छे अंक आयें तो उसे उनका (पाठक सर का) ट्यूशन लेना आरंभ कर देना चाहिए।
उत्तर:- 3. परीक्षा में कम अंक आने पर जब अमित ने उसे ट्यूशन न दिलाने
का नतीजा बताया तो उसकी मम्मी ने उसे समझाया कि वह तो गणित में पहले ही होशियार
है। उसे ट्यूशन लेने की कोई आवश्यकता नहीं थी।
उत्तर:- 4. रजनी ने रोने पर अमित को डाँटा और कहा कि रोने वाले बच्चे उसे पसन्द नहीं। उसकी मम्मी ने ट्यूशन के बारे में बिलकुल सही कहा था। कमज़ोर बच्चे ट्यूशन लेते हैं। होशियार बच्चों को ट्यूशन की क्या आवश्यकता है।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
आरोह भाग-1 | |
पाठ सं. | अध्याय का नाम |
काव्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | 1. हे भूख ! मत मचल, 2. हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर- अक्कमहादेवी |
7. | |
8. | |
गद्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
वितान | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |