Hazaribag प्री बोर्ड परीक्षा-2024-25
विषय-राजनिति विज्ञान (Sub-Political Science)
कक्षा-12 पूर्णांक:-80 समय:- 3 घन्टे
सामान्य
निर्देश:-
*
परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में उत्तर दें।
* सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
* कुल प्रश्नों की संख्या 52 है।
*
प्रश्न । से 30 तक बहुविकल्पिय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए हैं।
सही विकल्प का चयन कीजिये। प्रत्येक प्रश्न के लिए 01 अंक निर्धारित है।
*
प्रश्न संख्या 31 से 38 तक अति लघु उत्तरीय प्रश्न है। जिसमे से
किन्ही 6 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 2 अंक
निर्धारित है।
*
प्रश्न संख्या 39 से 46 तक लघु उत्तरीय प्रश्न है। जिसमे से
किन्ही 6 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। JCERT प्रत्येक प्रश्न का मान 3 अंक
निर्धारित है।
* प्रश्न संख्या 47 से 52 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न है।
किन्हीं 4 प्रश्नों का उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 5 अंक निर्धारित
है।
1- पहला
गुटनिरपेक्ष सम्मेलन कब हुआ?
(A) 1960
(B) 1961
(C) 1962
(D)1963
2- पहला गुटनिरपेक्ष सम्मेलन कहां हुआ ?
(A) नई दिल्ली
(B) बेलग्रेड
(C) कोलम्बो
(D) हवाना
3- बोल्शेविक क्रान्ति कब हुई थी ?
(A) 1917
(B) 1989
(C) 1911
(D) 1914
4- शॉक थेपेरी को कब अपनाया गया ?
(A) 1990
(B) 1991
(C) 1992
(D) 1994
5- युरोपीय संघ के कौन सदस्य राज्य सुरक्षा
परिषद के अस्थाई सदस्य है?
(A) ब्रिटेन और फ्रांस
(B) आस्ट्रेलिया और इटली
(C) पुर्तगाल और स्पेन
(D) स्वीडेन और फिनलैण्ड
6- चीन ने भारत पर कब आक्रमण किया था ?
(A) 1962 में
(B) 1965 में
(C) 1971 में
(D) 1957 में
7-दक्षेस का मुख्यालय कहाँ है?
(A) नई दिल्ली
(B) ढाका
(C) काठमाण्डु
(D) थिम्पु
8- भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल युद्ध
कब हुआ था ?
(Α) 1999
(B)1971
(C) 1995
(D) 2001
9- विश्व व्यापार संगठन की स्थापना कब हुई
?
(A) 1945
(B) 1965
(C) 1975
(D) 1995
10- जैविक हथियार संधि कब की गयी थी ?
(A) 1972
(B) 1968
(C) 1975
(D) 1978
11-1992 में पृथ्वी सम्मेलन कहाँ हुआ ?
(A) रियो - डी- जेनीरो
(B) क्योटो
(C) जेनेवा
(D) न्यूयार्क
12-वर्ल्ड काउंसिल ऑफ़ इंडिजेनस पिपल' का गठन का हुआ?
(A) 1975
(B)
1978
(C)
1992
(D)
1998
13- भारत में नई आर्थिक नीति कब शुरू की गई ?
(A)
1990
(B) 1991
(C)
1994
(D)
2001
14- भारतीय संघ का 29 वां राज्य कौन है?
(A)
झारखण्ड
(B)
उत्तराखंड
(C)
छत्तीसगढ़
(D). तेलंगाना
15 'कामराज योजना' किस वर्ष प्रस्तावित की गयी थी?
(A)
1960
(B)
1961
(C) 1963
(D)
1965
16- योजना आयोग का पदेन अध्यन कौन होता था ?
(A)
राष्ट्रपति
(B)
उपराष्ट्रपति
(C) प्रधानमंत्री
(D)
लोक सभा अध्यक्ष
17- पहला गुटनिरपेक्ष आन्दोलन कब हुआ था ?
(A)
1985
(B)
1967
(C) 1961
(D)
1962
18- किस पड़ोसी देश के साथ भारत की सीमा सबसे लम्बी थी ?
(A)
नेपाल
(B)
चीन
(C)
पाकिस्तान
(D) बांग्लादेश
19-1969 में कांग्रेस के विभाजन के समय उसका अध्यक्ष कौन था?
(A)
के. कामराज
(B) निजलिंगप्पा
(C)
इन्दिरा गाँधी
(D)
गुलजारी लाल नन्हा
20-1997 में जनता पार्टी शासन में कौन प्रधानमंत्री बना था ?
(A)
चन्द्रशेखर
(B)
विश्वनाथ प्रताप सिंह
(C) मोरारजी देसाई
(D)
इन्द्र कुमार गुजराल
21- निम्नलिखित में से कौन-राज्य उत्तर पूर्वी भारत की 'सात बहनों में
शामिल नहीं है?
(A)
नागालैंड
(B)
मिजोरम
(C)
मेघालय
(D) उत्तराखंड
22- मेधा पाटेकर निम्नांकित में से किस आन्दोलन से संबंन्धित है?
(A) नर्मदा बचाओ आन्दोलन
(B)
टेही बांध आन्दोलन
(C)
चिपको आन्दोलन
(D)
ताड़ी विरोधी आन्दोलन
23- ताड़ी विरोधी आन्दोलन निम्न में से किस राज्य से संबंन्धित है?
(A)
महाराष्ट्र
(B)
गुजरात
(C) आन्ध्र प्रदेश
(D)
झारखंड
24- निम्न में से कौन सूचना का अधिकार आन्दोलन से संबंन्धित है?
(A)
मेधा पाटेकर
(B)
अन्ना हजारे
(C)
सुन्दर लाल बहुगुणा
(D) अरुणा राय
25- संविधान के किस अनुच्छेद में सामान नागरिक संहिता
की व्यवस्था की गई है?
(A)
अनुच्छेद 41
(B)
अनुच्छेद 42
(C)
अनुच्छेद 43
(D) अनुच्छेद 44
26- युरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना कब हुई ?
(A) 1957
(B)
1952
(C)
1955
(D)
1991
27- सार्क का प्रथम शिखर सम्मेलन कहाँ हुआ ?
(A)
नई दिल्ली
(B)
इस्लामावाद
(C) ढाका
(D)
कोलम्बो
28- किस दशक में पर्यावरण से सम्बन्धित मामले राजनीति के मामले बने
?
(A)
1960
(B) 1992
(C)
1997
(D)
2000
29- ब्यूनस आइरस सम्मेलन कब हुआ था?
(A)
1992
(B) 1978
(C)
2000
(D)
2002
30- किस भाषा के आधार पर 1953 में आन्ध्र प्रदेश राज्य का गठन किया
गया था?
(A) तेलगु
(B)
मलयालम
(C)
कन्नड
(D)
तमिल
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
31. शीत युद्ध का क्या अर्थ है ?
उत्तर - शीत युद्ध द्वितीय
विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच एक लंबे समय तक चले
तनावपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य संघर्ष को कहा जाता है। यह एक ऐसा युद्ध था जिसमें
दोनों महाशक्तियों ने एक-दूसरे के खिलाफ सीधे सैन्य कार्रवाई करने के बजाय, गुप्तचर
गतिविधियों, प्रचार युद्ध, और क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ाने की कोशिशों के जरिए लड़ाई लड़ी।
32. सोवियत प्रणाली क्या थी?
उत्तर - सोवियत प्रणाली 1917 की रूसी क्रांति के बाद रूस
में स्थापित एक राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था थी। इस प्रणाली के तहत, राज्य ने
अर्थव्यवस्था पर पूर्ण नियंत्रण रखा था और निजी संपत्ति पर प्रतिबंध था।
33. नियन्त्रण रेखा क्या है?
उत्तर - नियंत्रण रेखा एक ऐसी रेखा है जो दो क्षेत्रों के
बीच विभाजन को दर्शाती है, विशेषकर जिन क्षेत्रों पर दो या अधिक पक्षों का दावा
हो।
34. दक्षेस के चार सदस्य देशों के नाम लिखें।
उत्तर - दक्षेस के कुल 8 सदस्य देश हैं:
1. अफ़ग़ानिस्तान
2. बांग्लादेश
3. भूटान
4. भारत
5. मालदीव
6. नेपाल
7. पाकिस्तान
8. श्रीलंका
35. संयुक्त राष्ट्रसंघ के दो उद्देश्य बताइयें ?
उत्तर -
1. अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना।
2. सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना।
36. भारत के दो राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के नाम लिखिए ?
उत्तर -
1. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2. भारतीय जनता पार्टी
37. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 क्या है?
उत्तर - अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान का एक विशेष प्रावधान
था जो जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा प्रदान करता था। यह अनुच्छेद भारत के
अन्य राज्यों से जम्मू और कश्मीर को अलग करता था और राज्य को अधिक स्वायत्तता
प्रदान करता था।
38. चिपको आन्दोलन से क्या अभिप्राय है?
उत्तर - उत्तराखण्ड के वनों की सुरक्षा के लिए वहां के
लोगों द्वारा 1970 के दशक में आरम्भ किया गया आंदोलन है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
39- अमेरिका वर्चस्व से आप क्या समझते हैं?
उत्तर - अमेरिकी वर्चस्व का मतलब है कि शीत युद्ध के बाद
संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरा और उसे टक्कर देने वाली
कोई शक्ति नहीं थी। सोवियत संघ के विघटन के बाद साल 1991 में अमेरिकी वर्चस्व की
शुरुआत हुई।
40. आसियान विजन 2020 क्या है ?
उत्तर - आसियान विज़न 2020, दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र
संघ (आसियान) के सदस्य देशों के लिए एक योजना है। इस योजना के तहत, साल 2020 तक
दक्षिण-पूर्व एशिया में शांति और स्थिरता की स्थापना को लक्ष्य रखा गया है।
41- शिमला समझौता की विवेचना करें?
उत्तर- दिसम्बर 1971 में पाकिस्तान ने भारत पर आक्रमण किया
जिसमें उसे करारी पराजय का मुँह देखना पड़ा। बांग्लादेश में हमारी सेनाओं ने
पाकिस्तान की सेनाओं को हराकर उसे शेख मुजीबुर्रहमान को सौंप दिया तथा पाकिस्तानी
सैनिकों को बन्दी बना लिया। जुलाई 1972 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति भुट्टो तथा
भारत की प्रधानमन्त्री इन्दिरा गाँधी के बीच एक समझौता हुआ जिसके अन्तर्गत
युद्धबन्दियों को रिहा कर दिया गया, उनकी वापसी की गई तथा यह तय किया गया कि दोनों
देश परस्पर वार्ता से अपनी समस्याओं का समाधान करेंगे।
42. ओजोन परत में छिद्र का वर्णन करें ?
उत्तर- ओजोन परत में छेद होने से सूर्य की पराबैंगनी किरणें
सीधे पृथ्वी पर आती हैं जिसके कारण सारे ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं और
पारिस्थितिकी तन्त्र असन्तुलित होता जा रहा है।
43. वैश्विक तापवृद्धि क्या है ?
उत्तर- वनों की अन्धाधुन्ध कटाई से हरियाली कम हो रही है
तथा कार्बन डाइ-ऑक्साइड व क्लोरो फ्लोरो कार्बन की मात्रा में निरन्तर वृद्धि से
पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। इसी को वैश्विक तापवृद्धि या ग्रीन हाउस प्रभाव कहते
हैं। इसके कारण ओजोन परत में छिद्र हो रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप सूर्य की
पराबैंगनी किरणें सीधे पृथ्वी पर पहुँच रही हैं जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
सारे ग्लेशियर पिघलते जा रहे हैं तथा पर्यावरण असन्तुलित होता जा रहा है।
44. द्वि-राष्ट्र सिद्धान्त क्या था ?
उत्तर- यह सिद्धान्त मोहम्मद अली जिन्ना द्वारा प्रतिपादित
किया गया था जिसके आधार पर मुसलमानों के लिए पृथक् राष्ट्र राज्य (पाकिस्तान) की
स्थापना की गई।
45. कामराज योजना' क्या है?
उत्तर - कामराज योजना भारत के राजनीतिक इतिहास में एक
महत्वपूर्ण घटना थी। यह योजना दक्षिण भारत के एक प्रमुख नेता, के. कामराज के
नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के उद्देश्य से बनाई
गई थी।
योजना का मुख्य उद्देश्य
1. कांग्रेस पार्टी को पुनर्जीवित करना:
कांग्रेस पार्टी के भीतर बढ़ते गुटबाजी और संगठनात्मक कमजोरियों को दूर करना।
2. नए नेतृत्व को मौका देना: पार्टी में नए
और युवा नेताओं को आगे लाना और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपना।
3. जनता से जुड़ाव को मजबूत करना: पार्टी
कार्यकर्ताओं को जनता के बीच जाकर संगठन को मजबूत करने के लिए प्रेरित करना।
46. महिला सशक्तीकरण से सम्बन्धित किसी एक आन्दोलन की व्याख्या कीजिये
?
उत्तर- ताड़ी विरोधी आन्दोलन आन्ध्र प्रदेश में महिलाओं द्वारा
नशाबन्दी के लिए चलाया गया था। इसमें शनैः शनैः महिलाओं के यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा,
दहेज प्रथा आदि का विरोध तथा पुरुषों के समान अधिकार जैसे मुद्दे जुड़ते चले गए।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
47. गुटनिरपेक्ष आन्दोलन पर एक निबन्ध लिखें?
उत्तर- गुटनिरपेक्षता का अर्थ है कि विभिन्न शक्ति गुटों से तटस्थ या दूर रहते
हुए अपनी स्वतन्त्र निर्णय नीति और राष्ट्रीय हित के अनुसार सही या न्याय का साथ देना।
अपनी संप्रभुता को बचाए रखना । और भारत को तीव्र आर्थिक व सामाजिक विकास के लक्ष्य
को भी प्राप्त करना था। अतः इन दोनों उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए भारत ने गुट निरपेक्षता
की नीति को अपनी और विदेश नीति के एक प्रमुख तत्व के रूप में अंगीकार किया।
इसी कड़ी में 1955 में इंडोनेशिया के शहर बांडुग में एफ्रो
एशियाई सम्मेलन हुआ, जिसमें गुट निरपेक्ष आंदोलन की नींव पड़ी। गुट निरपेक्ष आंदोलन
का पहला सम्मेलन 1961 के सितंबर में बेलग्रेड में हुआ था. इसकी स्थापना में नेहरू की
महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। इस नीति के द्वारा भारत जहाँ शीतयुद्ध के परस्पर विरोधी
खेमों तथा उनके द्वारा संचालित सैन्य संगठनों जैसे नाटो (NATO), वारसा पेक्ट आदि से
अपने को दूर रख सका। वहीं आवश्यकता पड़ने पर दोनों ही खेमों से आर्थिक व सामरिक सहायता
भी प्राप्त कर सका।
48. सोवियत संघ का विघटन क्यों हुआ ?
उत्तर- सोवियत संघ के विघटन के
निम्नलिखित कारण थे
1. स्टालिनवादी संगठन की विफलता- लेनिन नवंबर 1917 में रूस में समाजवादी राज्य स्थापित किया
किंतु जनवरी 1924 में उसकी मृत्यु के बाद स्टालिन ने उसे अत्यंत सबल बना दिया।
1953 में स्टालिन की मृत्यु के बाद खुश्चेव ने सोवियत संघ की सत्ता हथिया ली और डिस्टॉलिनीकरण
की नीति अपनाई। स्टालिन के अनुचित कार्यों की खुलकर निंदा की गई तथा उसके विश्वासपात्र
अनुयायियों को पद से हटा दिया गया।
2. आर्थिक असंतोष- स्टालिन ने समाजवादी व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए आदेशित
अर्थव्यवस्था स्थापित की निजी संपत्ति का राष्ट्रीयकरण तथा कृषि का सामूहिकरण किया
गया सारे अर्थव्यवस्था राज्य के हाथों में आ गई। योजना आयोग द्वारा निर्मित पंचवर्षीय
योजनाओं को बलपूर्वक लागू किया गया देश के संसाधनों का बहुत अधिक अंश सेना की आवश्यकताओं
की पूर्ति के लिए खर्च किया गया जिस कारण उत्पादन दर घटती चली गई जिससे देश में उपभोक्ता
संबंधी वस्तुओं की कमी हो गई।
3. सेवकतंत्रीय भ्रष्टाचार- सत्ताधारी साम्यवादी दल तथा सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों
के बीच सांठगांठ ने राजनीतिक एवं आर्थिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया देश में न स्वतंत्र
प्रेस थी, न स्वतंत्र न्यायपालिका जो ऐसे भ्रष्टाचार को नियंत्रित कर सकती थी। सत्ताधारी
दल के नेतागण एवं प्रभावशाली सरकारी अधिकारी घूसखोरी में लग गए, जिससे उनका जनसाधारण
से संपर्क टूट गया, शासन के प्रति लोगों की आस्था कम होती चली गई।
4. योग्य नेतृत्व का अभाव- किसी व्यवस्था को स्थापित करने एवं उसकी कुशल एवं सफल संचालन
के लिए योग्य नेतृत्व की आवश्यकता होती है। लेनिन स्टालिन, खुश्चैव एवं बर्जनेव कुशल
नेता थे जिन्होंने अनेक कठिनाइयों का सामना करके अपनी व्यवस्था को बचाए रखा किंतु एंड्रोपोव
एवं चर्चेनकोव अत्यंत अयोग्य एवं अकुशल नेता सिद्ध हुए। कम्युनिस्ट पार्टी में ऐसे
योग्य सदस्य नहीं थे जो नेतृत्व का भार संभाल सकते थे।
5. नस्लीय राष्ट्रवाद का उदय- सोवियत संघ को बहुराष्ट्रीय राज्य कहते थे क्योंकि यहां
अनेक राष्ट्रीय गांव के लोग रहते थे जैसे रूसी, बेलारूसी, जॉर्जियस । मार्क्सवादी नेताओं
ने सैद्धांतिक रूप में राष्ट्रीय आत्म निर्णय के सूत्र को मान्यता देते हुए हर राष्ट्रीयता
को स्वतंत्र होने की अधिकार दिया और बड़े गर्व से यह आग्रह किया कि केवल सोवियत संघ
में विभिन्न राष्ट्रीयता को यह अधिकार दिया गया है । लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी के जाल
ने सभी राष्ट्रीयता को ऐसे फांस लिया कि कोई राष्ट्रीयता स्वतंत्र होने का साहस तक
नहीं कर सकती थी।
6. मानव पूंजी की हानि - मानव राज्य की पूंजी की तरह है। लेकिन सोवियत संघ में उसके
व्यक्तित्व को कुचल दिया गया, उसे मशीन का पुर्जा बनाकर रखा गया। स्वतंत्र चिंतन एवं
उपक्रम को वर्जित कर दिया गया। कोई बड़ा लेखक, साहित्यकार, चित्रकार, कवि य कलाकारपैदा
नहीं हो सकता था, उन्हीं वैज्ञानिकों को महत्व मिला जिन्होंने नरसंहार के लिए विनाशकारी
यंत्र बनाएं। रचनात्मक शक्तियों का अभाव हो गया जो किसी देश में नागरिक समाज की रचना
करते हैं जिन के बीच विचारों का आदान-प्रदान होता है।
7. पाश्चात्य उदारवाद का प्रभाव- स्टालिन ने ऐसा कठोर नियंत्रण स्थापित किया था कि देश में
बाहरी समाचारों का प्रवेश या देश के समाचारों का बाहर जाना असंभव था। इसी कठोर नियंत्रण
को ब्रिटिश नेता चर्चिल ने लोह आवरण कहा था। लेकिन स्टालिन की मृत्यु के बाद यह स्थिति
शिथिल होने लगी सोवियत संघ के लोग अन्य देशों की यात्रा करने लगे तथा अन्य देशों के
लोगों ने इस लाल साम्राज्य को भीतर से देखना शुरू किया धीरे-धीरे उदारवाद की लहर का
प्रवाह हुआ। सोवियत संघ के लिए साम्यवाद के प्रसार की बजाय आर्थिक विकास अधिक महत्वपूर्ण
होता गया।
49- भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर समस्या की विवेचना करे ?
उत्तर- 26 अक्टूबर, 1947 को राजा हरीसिंह ने विलयपत्र पर
हस्ताक्षर करके अपनी रियासत भारत संघ में मिला दी। यह उनका वैध कार्य था लेकिन पाकिस्तान
की यह आपत्ति है कि राजा ने भारत के दबाव में आकर ऐसा किया। अतः 1948 में सुरक्षा परिषद्
के प्रस्ताव के अनुसार इस समस्या का लोक निर्णय द्वारा हल किया जाना चाहिए। इसके विरुद्ध
भारत का यह आग्रह है कि रियासत का विलय भारत स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 के प्रावधान
के अनुसार हुआ। पाकिस्तान इस पर कोई आपत्ति नहीं उठा सकता। पाकिस्तान को कश्मीर का
वह भाग छोड़ना चाहिए जो उसके अवैध कब्जे में है। 1957 में कश्मीर का संविधान लागू हो
गया जिसमें उसे भारत का अभिन्न भाग घोषित किया गया है।
50. भारत में लोकतंत्र को स्थापित करने में किन प्रमुख चुनौतियों का
सामना करना पड़ा।
उत्तर- राष्ट्र निर्माण किसी नए राष्ट्र में एकीकरण, राजनीतिक
स्थिरता तथा विकास की सुनियोजित प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया राष्ट्रीय जीवन के लिए
सार्थक कतिपय मूल्यों, विश्वासों तथा आदर्शों पर आधारित होती है। राष्ट्र निर्माण वैसे
भी एक जटिल प्रक्रिया है लेकिन 1947 में आजादी के समय सांप्रदायिक आधार पर देश के विभाजन
के कारण इसकी जटिलताएं अधिक बढ़ गई थी। आजादी के समय भारत में राष्ट्र निर्माण की तीन
प्रमुख चुनौतियां उपस्थित थी:-
1. राष्ट्रीय एकीकरण की चुनौती- इसके अंतर्गत विभाजन के बाद देश के विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर
विभिन्न देशी रियासतों को भारतीय राष्ट्र के अंतर्गत एकीकृत करना था। ऐसा करना भारत
की क्षेत्रीय अखंडता के लिए अत्यंत आवश्यक था। मुख्य चुनौतियां थी कि भारत की सांस्कृतिक,
भाषायी तथा धार्मिक विविधताओं के बावजूद राष्ट्रीय अखंडता को कैसे संरक्षित किया जाए।
इस संबंध में नेहरू का दृष्टिकोण उदारवादी था। यह नीति विभिन्नताओं
को समाप्त कर एकता को थोपने की नीति ना होकर विभिन्नताओं का सम्मान करते हुए समायोजन
के द्वारा राष्ट्रीय एकीकरण की नीति थी।
2. लोकतंत्र को मजबूत बनाने की चुनौती- भारत में ब्रिटेन की तर्ज पर संसदीय लोकतंत्र की व्यवस्था
की गई थी। नए संविधान में नागरिकों के मौलिक अधिकारों व स्वतंत्रताओं के साथ-साथ प्रत्येक
वयस्क नागरिकों के लिए सार्वभौमिक मताधिकार की व्यवस्था पहली बार की गई थी। बहुदलीय
प्रणाली को अपनाया गया तथा नियमित अंतराल पर स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव के संपादन के
लिए एक स्वतंत्र निर्वाचन आयोग का प्रावधान किया गया। जाति, धर्म तथा अन्य परंपरागत
विशेषताओं से युक्त भारतीय सामाजिक परिवेश में नए लोकतंत्र की सफलता व मजबूती एक गंभीर
चिंता का विषय थी।
नेहरू उदारवादी लोकतंत्र के समर्थक थे उनका विश्वास था कि
जैसे-जैसे समानता व न्याय पर आधारित विकास की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी भारत में लोकतंत्र
की जड़ें भी मजबूत होते जाएंगे।
3. समता व न्याय पर आधारित तीव्र विकास की चुनौती- भारत में राष्ट्र निर्माण की तीसरी चुनौती विकास की ऐसी
प्रक्रिया को सुनिश्चित करना था कि उसका लाभ केवल कुछ उच्च वर्गों तक सीमित ना होकर
समाज के सभी वर्गों को प्राप्त हो सके। संविधान में कमजोर वर्गों तथा अल्पसंख्यकों
के विशिष्ट हितों की रक्षा के साथ-साथ नीति निर्देशक सिद्धांतों के अंतर्गत एक कल्याणकारी
राज्य की व्यवस्था की गई थी।
इस संबंध में नेहरू लोकतांत्रिक समाजवाद की धारणा से प्रभावित
थे। इसके तहत जमींदारी उन्मूलन, मिश्रित अर्थव्यवस्था तथा उसमें सरकारी क्षेत्र की
महत्वपूर्ण भूमिका, योजनागत विकास प्रक्रिया, कमजोर वर्गों के हितों का संरक्षण आदि
उपायों द्वारा समता व न्याय पर आधारित विकास प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया।
51. किन कारणों से 1980 में मध्यावधि चुनाव करवाने पड़े ? उल्लेख करें।
उत्तर: यदि लोकसभा या विधानसभा अपना निर्धारित कार्यकाल पूर्ण
होने के पूर्व ही किन्ही विशेष परिस्थिति में भंग हो जाय और राष्ट्रपति शासन लग जाए।
ऐसी परिस्थिति में निर्वाचन आयोग नई सरकार के गठन के लिए समय पूर्व चुनाव करवाती है।
यह चुनाव मध्यावधि चुनाव कहलाता है।
भारत में आपातकाल 1975 ई में आंतरिक गड़बड़ी के कारण लागू
की गई जो 1977 ई में समाप्त हुई। 1977 में लोकसभा के चुनाव हुए । इस चुनाव में कांग्रेस
के खिलाफ प्रमुख विरोधी दलों ने मिलकर जनता पार्टी का गठन किया जिसमें प्रमुख दल सोशलिस्ट
पार्टी, भारतीय जनसंघ, कांग्रेस ओल्ड तथा भारतीय लोकदल थे। बाद में जगजीवन राम की पार्टी
कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी जनता पार्टी में शामिल हो गई।
1977 के चुनाव में जनता पार्टी और उसके साथी दलों को 330
सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ और प्रथम गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोरारजी
देसाई बने ।
जनता पार्टी की सरकार के पास किसी दिशा, नेतृत्व अथवा एक
साझा कार्यक्रम का अभाव था। यह सरकार कांग्रेस द्वारा अपनाई गई नीतियों में कोई बुनियादी
बदलाव नहीं ला सके। मोरारजी देसाई की नेतृत्व वाली सरकार ने 18 माह में ही अपना बहुमत
खो दिया।
चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व में दूसरी सरकार का गठन हुआ जिसे
बाहर से कांग्रेस पार्टी का भी समर्थन प्राप्त था लेकिन कांग्रेस पार्टी द्वारा 4 महीने
के बाद समर्थन वापस लेने के कारण चौधरी चरण सिंह ने समय पूर्व लोकसभा भंग करके नए चुनाव
कराने की सिफारिश की जिसको तत्कालीन राष्ट्रपति श्री नीलम संजीव रेड्डी ने स्वीकार
कर लिया इस प्रकार 1980 में मध्यावधि चुनाव करवाने पड़े।
52. सूचना के अधिकार का आन्दोलन का वर्णन करें ?
उत्तर- सूचना के अधिकार का अर्थ है जानने का अधिकार, जो प्रजातंत्र के विकास में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। सूचना के अधिकार को प्राप्त करने के लिए आंदोलन का प्रारम्भ 1990 में हुआ और इसका नेतृत्व किया मजदूर किसान शक्ति संगठन ने राजस्थान में काम कर रहे इस संगठन ने सरकार के सामने यह मांग रखी कि अकाल, राहत कार्य और मजदूरों को दी जाने वाली पगार के रिकार्ड का सार्वजनिक खुलासा किया जाये। धीरे धीरे यह आंदोलन मजबूत हुआ और सरकार को इस आंदोलन की मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करनी पड़ी। वर्ष 2004 में सूचना के अधिकार के विधेयक को सदन में रखा गया। जून, 2005 में विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी हासिल हुई।