दुमका जिला प्री-टेस्ट परीक्षा 2024-25
कक्षा 12 विषय : भूगोल पूर्णाक : 70 समय : 03:15 घंटे
इस
प्रश्न पुस्तिका में दो भाग है भाग ए एवं भाग बी
भाग
ए में 25 बहु विकल्पीय प्रश्न है जो एक अंक स्तरीय है।
भाग
बी में विषयनिष्ठ प्रश्न है।
प्रश्न
संख्या 26 से 30 तक अतिलघुउत्तरीय प्रश्न है जिसका उत्तर अधिकतम 25 से 30 शब्दों
में दें।
प्रश्न
संख्या 35 से 42 तक लघुउत्तरीय प्रश्न है जिनके उत्तर 50 से 60 शब्दों में दें।
प्रश्न
संख्या 43 से 48 दीर्घउत्तरीय प्रश्न है जिसका उत्तर 250 शब्दों तक दें।
भाग - ए बहु विकल्पीय प्रश्न (01 अंक स्तरीय)
1. ज्योग्राफिया जनरेलिस के लेखक कौन है?
(A)
ई. सैम्पल
(B) वारेनियस
(C)
रैटजेल
(D)
डार्विन
2. विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या केन्द्रित है ?
(A)
पर्वतीय क्षेत्रों में
(B)
पठारी क्षेत्रों में
(C) मैदानों में
(D)
मरूस्थल में
3. निम्न जनसंख्या वाला महादेश कौन है ?
(A)
दक्षिण अमेरिका
(B) ऑस्ट्रेलिया
(C)
अफ्रीका
(D)
एशिया
4. मानव विकास की अवधारणा किसने दिया ?
(A)
प्रो. अमर्त्य सेन
(B)
डॉ. मनमोहन सिंह
(C) महबूब उल हक
(D)
अब्दूल कलाम
5. निम्न में कौन बागानी कृषि नही है?
(A)
रबड़
(B)
चाय
(C) गन्ना
(D)
मक्का
6. जापान का मैनचेस्टर किसे कहा जाता है?
(A)
टोक्यो
(B)
नगोया
(C)
नागासाकी
(D) ओसाका
7. निम्न में कौन एक तृतीयक क्रियाकलाप है?
(A)
खेती
(B)
बुनाई
(C) व्यापार
(D)
आखेट
8. भारत के चार महानगरों को जोड़ने वाली सड़क है?
(A)
सीमांत सड़क
(B)
ट्रांस मैट्रो सड़क
(C)
एक्सप्रेस वे
(D) स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग
9. विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय कहां है?
(A) जिनेवा
(B)
जकार्ता
(C)
नई दिल्ली
(D)
न्यूयार्क
10. 2011 के अनुसार भारत की जनसंख्या है ?
(A)
98 करोड़
(B)
100 करोड़
(C) 121.08 करोड़
(D)
110 करोड़
11. किसके नगरीय क्षेत्र में सर्वाधिक प्रवासी
जनसंख्या है?
(A) मुबई
(B)
दिल्ली
(C)
चेन्नई
(D)
कोलकाता
12. भारत में चावल का सर्वाधिक उत्पादक राज्य है?
(A)
बिहार
(B)
उड़ीसा
(C) प.बंगाल
(D)
आंध्र प्रदेश
13. निम्न में कौन एक पेय फसल है?
(A)
गन्ना
(B) चाय
(C)
गेहूँ
(D)
कपास
14. तलाबों द्वारा सर्वाधिक सिंचित राज्य है?
(A) तमिलनाडू
(B)
चेन्नई
(C)
महाराष्ट्र
(D)
बिहार
15. शिव समुद्रम जल विधुत परियोजना किस राज्य में है ?
(A) कर्नाटक
(B)
महाराष्ट्र
(C)
तमिलनाडू
(D)
आंध प्रदेश
16. कांकरापाड़ा परमाणु शक्ति केन्द्र किस राज्य में है?
(A)
कर्नाटक
(B)
महाराष्ट्र
(C)
तमिलनाडू
(D) गुजरात
17. सरदार सरोवर परियोजना किस नदी पर है?
(A) नर्मदा
(B)
गंगा
(C)
कोशी
(D)
कावेरी
18. भारत में सबसे उत्तर में स्थित अंतराष्ट्रीय हवाई अड्डा कौन है?
(A)
लेह
(B)
श्रीनगर
(C) अमृतसर
(D)
चंडीगढ़
19. औद्योगिकरण से कौन सा प्रदूषण होता है?
(A)
जल प्रदूषण
(B)
वायु प्रदूषण
(C)
ध्वनि प्रदूषण
(D) इन में से सभी
20. ध्वनि माप की ईकाई क्या है?
(A) डेसीबल
(B)
जूल
(C)
मीटर
(D)
प्रतिशत
21. निम्न में कौन पश्चिमी तट का बंदरगाह नही है?
(A) हलदया
(B)
काण्डला
(C)
मंगलौर
(D)
मुंबई
22. भारतीय रेल प्रणाली कितने मंडलों में बना है?
(A)
9
(B) 18
(C)
12
(D)
14
23. भारत की सबसे लंबी सड़क है?
(A)
एन. एच 02.
(B)
एन.एच 04
(C)
एन.एच. 31
(D) एन.एच. 44
24. निम्न में कौन एक लौह अयस्क नही है?
(A) ऐन्थ्रासाइट
(B)
हेमेटाइट
(C)
लिमोनाइट
(D)
मैग्नेटाइट
25. जल किस प्रकार का संसाधन है?
(A)
अजैव
(B)
अनवीकरणीय
(C)
जैव
(D) चक्रीय
भाग बी (खंड : ए)
किन्हीं सात प्रश्नों के उत्तर दें। (01 अंक स्तरीय)
26. मानव भूगोल की परिभाषा लिखें?
उत्तर - ब्लाश के अनुसार, "मानव भूगोल पृथ्वी और मानव के पारस्परिक
सम्बन्धों को एक नया विचार देता है जिसमें पृथ्वी को नियन्त्रित करने वाले भौतिक नियमों
का तथा पृथ्वी पर निवास करने वाले जीवों के पारस्परिक सम्बन्धों का अधिक संयुक्त ज्ञान
उपलब्ध होता है।"
27. जनसंख्या घनत्व को परिभाषित करें?
उत्तर -प्रति वर्ग किमी में रहने वाले लोगों की संख्या को जनसंख्या
घनत्व कहते हैं।
28. प्रवास किसे कहते हैं?
उत्तर - नौकरी, आश्रय या किसी अन्य कारण से लोगों का अपने घर से दूसरे
शहर, राज्य या देश में जाना प्रवास कहलाता है।
29. स्वेज नहर किन दो स्थानों को जोड़ती है?
उत्तर - भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है।
30. आधारभूत उद्योग क्या है?
उत्तर - वे उद्योग जिनके उत्पाद को अन्य वस्तुएँ बनाने के लिए कच्चे
माल के रूप में प्रयोग में लाया जाता है उन्हें आधारभूत उद्योग कहते हैं। जैसे-लोहा-इस्पात,
वस्त्रोद्योग, चीनी उद्योग इत्यादि में प्रयोग में लाया जाता है। इन उद्योग को चलाने
वाली मशीने भी लोहा-इस्पात से बनती है।
31. शुष्क कृषि किसे कहते है।
उत्तर -खेती की एक उन्नत प्रणाली जिसके अन्तर्गत आर्थिक
दृष्टि से फसलों से सामान्य उपज के लिये भूमि में नमी संचित की जाती है, जहाँ पर
कम तथा असमय वर्षा होती हो, शुष्क खेती कहलाती है ।
32. इंटरनेट क्या है?
उत्तर - इंटरनेट, दुनिया भर के कंप्यूटरों का
एक नेटवर्क है जो एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। इसे वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) भी कहा
जाता है।
33. कुटीर उद्योग किसे कहते हैं?
उत्तर - कुटीर
उद्योग सामूहिक रूप से उन उद्योगों को कहते हैं जिनमें उत्पाद एवं सेवाओं का सृजन
अपने घर में ही किया जाता है न कि किसी कारखाने में। कुटीर उद्योगों में कुशल
कारीगरों द्वारा कम पूंजी एवं अधिक कुशलता से अपने हाथों के माध्यम से अपने घरों
में वस्तुओं का निर्माण किया जाता है। गुड़, अचार, पापड़, जैम एवं मसाले आदि खाद्य
वस्तुएँ भी इस उद्योग के उत्पाद हैं।
34. लौह धात्विक खनिज का एक उदाहरण दे?
उत्तर - धात्विक
खनिजों के उदाहरण -मैंगनीज, लौह अयस्क जैसे हेमेटाईट, मैगनेटाईट और बॉक्साइट आदि
धात्विक खनिजों के उदाहरण हैं ।
(खंड : बी)
किन्हीं छः प्रश्नों के उत्तर दें। (03 अंक स्तरीय)
35. मानव भूगोल के तीन उपक्षेत्रों का नाम
लिखें?
उत्तर-मानव भूगोल के महत्त्वपूर्ण उप-क्षेत्र निम्नवत् हैं-
(i) व्यवहारवादी भूगोल
(ii) सामाजिक कल्याण का भूगोल
(iii) सांस्कृतिक भूगोल
(iv) लिंग भूगोल
36. जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन है?
उत्तर - जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक :
(क) जन्मदर- प्रति हजार स्त्रियों पर जन्मे जीवित
बच्चों की संख्या को जन्म दर कहते हैं।
(ख) मृत्यु दर - किसी क्षेत्र में किसी वर्ष के दौरान
प्रति हजार जनसंख्या पर मृतकों की संख्या को मृत्यु दर कहते हैं।
(ग) प्रवास - एक स्थान को छोड़ दूसरे स्थान पर जाकर
बसने कि प्रक्रिया प्रवास कहलाता है।
37. परिवहन के माध्यमों के नाम बतायें?
उत्तर - परिवहन का मतलब है, वस्तुओं और यात्रियों
को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना।
परिवहन के कई माध्यम हैं, जो निम्न
हैं:
1. सड़क परिवहन: इसमें कार, ट्रक, बस, लॉरी, कंटेनर वगैरह शामिल हैं.
2. रेल परिवहन: रेल या रेलवे, भारत का सबसे सस्ता परिवहन है.
3. जल परिवहन: इसमें पानी का जहाज़ शामिल है.
4. हवाई परिवहन: इसमें हवाई जहाज़, जेट, ग्लाइडर, गर्म हवा का
गुब्बारा, अंतरिक्ष यान वगैरह शामिल हैं.
5. पाइपलाइन परिवहन
6. केबल परिवहन
7. अंतरिक्ष परिवहन
38. रोपण कृषि की तीन विशेषताएँ बतायें?
उत्तर - इस प्रकार की कृषि में एकल नगदी फसल
उगाई जाती है। इसका उत्पादन केवल बेचने के उद्देश्य से किया जाता है। रबड़, चाय, कहवा,
मसाले, नारियल तथा फूल कुछ महत्त्वपूर्ण फसलें हैं जो रोपण कृषि के अन्तर्गत आती हैं।
विशेषताएं
(i) यह एक एकल फसल कृषि है।
(ii) इसमें बड़ी अधिक मात्रा में पूँजी
की आवश्यकता होती है।
(iii) इसके लिए विस्तृत क्षेत्र, कुशल
प्रबन्ध, तकनीकी ज्ञान, वैज्ञानिक मशीनरी, उर्वरक, परिवहन के अच्छे साधनों की सुविधा
तथा माल तैयार करने के लिए कारखानों की आवश्यकता होती है।
(iv) इस प्रकार की खेती का विकास उत्तर-पश्चिमी
भारत, हिमालय के क्षेत्रों, पश्चिमी बंगाल तथा नीलगिरि में हुआ है।
39. मानव विकास के तीन घटक कौन है?
उत्तर - जीवन काल- जिसकी माप जन्म के समय जीवन की प्रत्याशा
से की जाती है। इसका अर्थ यह हुआ कि एक बच्चा अपने जन्म से कितने वर्ष तक जीवित रहेगा।
शैक्षिक स्तर- जिसे प्रौढ़ साक्षर और प्राथमिक, माध्यमिक
एवं उससे आगे की उच्च शिक्षा के सकल नामांक-अनुपात दोनों को जोड़कर मापा जाता है।
प्रतिव्यक्ति आय- इसका उपयोग जीवन-स्तर को मापने में
किया जाता है। प्रतिव्यक्ति आय की गणना सभी देशों के लिए डॉलर में की जाती है ताकि
उसकी तुलना की जा सके।
40. स्वच्छंद उद्योग पर टिप्पणी लिखें?
उत्तर - ये
उद्योग व्यापक विविधता वाले स्थानों पर स्थापित किए जाते हैं। यह किसी विशिष्ट
कच्चे माल पर निर्भर नहीं करते हैं। ये उद्योग संघटक पुर्जी पर निर्भर रहते हैं जो
कहीं से भी प्राप्त किये जा सकते हैं। इसमें उत्पादन कम मात्रा में होता है एवं
श्रमिकों की भी कम आवश्यकता होती है। सामान्यतः ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते।
41. ग्रामीण विपणन केन्द्र क्या है?
उत्तर - ग्रामीण विपणन केन्द्र ऐसे अर्द्ध-नगरीय
व्यापारिक केन्द्र होते हैं जो अपने समीपवर्ती भागों में अवस्थित ग्रामीण बस्तियों
का पोषण करते हैं। यह प्रमुख रूप से स्थानीय संग्रहण और वितरण केन्द्र के रूप में मिलते
हैं। इन केन्द्रों पर व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ उत्तम रूप में विकसित नहीं मिलती
हैं। इनमें से अधिकांश केन्द्रों पर थोक व्यापार (मण्डी) तथा फुटकर व्यापार क्षेत्र
होते हैं। यद्यपि ये केन्द्र स्वयं में नगरीय केन्द्र नहीं होते, लेकिन इन केन्द्रों
द्वारा समीपवर्ती ग्रामीण बस्तियों में से रहने वाले ग्रामीण लोगों को अधिक माँग वाली
वस्तुएँ एवं सेवाएँ प्रदान की जाती हैं।
42. परम्परागत उर्जा संसाधन के तीन उदाहरण
लिखें?
उत्तर - ऊर्जा के परम्परागत स्रोत वे हैं जिनका
उपयोग प्राचीन समय से किया जा रहा है। ईंधन तथा जीवाश्मी ईधन परम्परागत ऊर्जा के दो
मुख्य स्रोत हैं। ऊर्जा के परम्परागत स्रोतों में मुख्य रूप से खनिज तेल, प्राकृतिक
गैस, ईंधन, कोयला, जल विद्युत आदि को शामिल किया जाता है। ऊर्जा के अधिकांश परम्परागत
स्रोत अनवीकरणीय हैं जिनके निर्माण में हजारों वर्ष लगते हैं। परम्परागत अर्जा के स्रोतों
के अत्यधिक उपयोग से इनके समाप्त होने का खतरा है।
(खंड : सी) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (05 अंक स्तरीय
किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दें।
43. जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले
कारकों का वर्णन करें?
उत्तर- विश्व जनसंख्या वितरण और घनत्व को प्रभावित करने
वाले कारक विश्व जनसंख्या वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों को
सामान्यत तीन वर्गों में रखा जाता है
1. भौगोलिक कारक
(i) जल की उपलब्धता- जल की उपलब्धता
मानवीय जीवन के विविध कार्यों के लिए सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मानी जाती है यही कारण
है कि विश्व की नदी घाटियाँ जहाँ जल की पर्याप्त उपलब्धता मिलती है विश्व के
सर्वाधिक सघन बसे क्षेत्र है।
(ii)
भू-आकृति- विश्व के समतल
मैदानी भाग सामान्यतया सघन बसे मिलते हैं, क्योंकि यह क्षेत्र कृषि फसलों के
उत्पादन, सड़क निर्माण तथा उद्योगों की स्थापना के लिए अनुकूल दशाएँ रखते हैं.
जबकि पहाड़ी तथा पर्वतीय क्षेत्र इस दृष्टि से अधिक उपयुक्त नहीं होते हैं।
(iii) जलवायु- मृदुल
जलवायु दशाएँ रखने वाले क्षेत्र जिनमें अधिक मौसमीय परिवर्तन नहीं होते हैं, सघन रूप
से बसे मिलते हैं जबकि अति ठण्डे, अति गर्म मरुस्थलीय क्षेत्र, अधिक वर्षा या विषम
जलवायु रखने वाले क्षेत्रों में बहुत कम जनसंख्या मिलती है।
(iv) मुदाएँ- कृषि
की दृष्टि से उपजाऊ मिट्टियों वाले क्षेत्र अधिक जनसंख्या को आकर्षित करते हैं, जबकि
कम उपजाऊ मिट्टी रखने वाले क्षेत्रों में विरल जनसंख्या मिलती है।
II. आर्थिक कारक
(i) खनिज- खनिज
संसाधनों से सम्पत्र क्षेत्र खनन कार्य के साथ साथ अनेक उद्योगों को भी अपनी ओर आकर्षित
करते है जिसके कारण ऐसे क्षेत्रों में जनसंख्या का अधिक जमाव देखने को मिलता है।
(ii) नगरीकरण- अच्छी
नागरिक सुविधाएँ, रोजगार को अधिक साधन तथा नगरीय जीवन के आकर्षण में बड़ी संख्या में
ग्रामीण जनसंख्या नगरीय क्षेत्रों में आकर बस जाती है।
(iii) औद्योगीकरण- औद्योगिक
क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर के अवसर सृजित होते हैं जिसके कारण यह
क्षेत्र सघन जनघनत्व वाले क्षेत्र हो जाते हैं।
III. सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक
धार्मिक तथा सांस्कृतिक महत्त्व रखने
वाले क्षेत्र अधिक सघन बसे होते हैं जबकि सामाजिक व राजनीतिक अशान्ति रखने वाले क्षेत्रों
में जनसंख्या घनत्व विरल हो जाता है।
44. अंतराष्ट्रीय व्यापार के महत्व पर प्रकाश
डाले?
उत्तर - अंतराष्ट्रीय व्यापार के महत्व निम्न हैं -
• अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के माध्यम
से लोगों के लिए अन्य देशों की वस्तुओं और सेवाओं का उपभोग करना तथा अपने जीवन स्तर
में सुधार करना संभव हो जाता है।
• अंतर्राष्ट्रीय कंपनियाँ दुनिया भर
में वस्तुओं और सेवाओं का निर्यात करती हैं। इससे बहुमूल्य विदेशी मुद्रा अर्जित करने
में मदद मिलती है।
• जब फर्म बाहरी व्यापार में शामिल
होती हैं, तो इससे फर्म की उत्पादन क्षमता बढ़ जाती है। पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं के
लाभ के कारण, उत्पादन की लागत कम हो जाती है।
• अंतर्राष्ट्रीय व्यापार व्यवसायिक
दृष्टिकोण को बेहतर बनाता है तथा फर्मों को अधिक प्रतिस्पर्धी और विविधीकृत बनाता है।
45. जल संमर प्रबंधन क्या है? क्या यह सतत्
पोषणीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है?
उत्तर - जल-संभर प्रबन्धन – जल-संभर एक ऐसा क्षेत्र है,
जिसका जल एक बिन्दु की तरफ प्रवाहित होता है, जो इसे मृदा और जल संरक्षण की आदर्श
नियोजन इकाई बना देता है। इसमें एक या अनेक गाँव, कृषि योग्य और कृषि अयोग्य भूमि
और विभिन्न वर्गों की जोतें और किसान शामिल हो सकते हैं। जल-संभर विधि से कृषि और
कृषि से सम्बन्धित क्रियाकलापों जैसे उद्यान कृषि, वानिकी और वन-वर्धन का समग्र
रूप से विकास किया जा सकता है।
जल –
संभरता विधि जल संरक्षण का एक महत्त्वपूर्ण उपाय है, जिससे कृषि का उत्पादन बढ़ाया
जा सकता है, पारितन्त्रीय ह्रास को रोका जा सकता है और लोगों के जीवन-स्तर को ऊँचा
उठाया जा सकता है।
सतत पोषणीय विकास
यह व्यवस्था सतत पोषणीय विकास में सहयोग कर सकती है। जल
प्रबन्धन के कार्यक्रम कई राज्यों में चल रहे हैं जैसे नीरू-मीरू (जल और आप)
कार्यक्रम आन्ध्र प्रदेश में तथा राजस्थान के अलवर जिले में अरवारी पानी संसद। कुछ
क्षेत्रों में जल-संभर विकास परियोजनाएँ पर्यावरण और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प
करने में सफल हुई हैं। फिर भी सफलता कुछ ही को मिली है। अधिकांश घटनाओं के
कार्यक्रम अपनी उदीयमान अवस्था पर ही हैं। देश के लोगों को जल-संभर और प्रबन्धन के
लाभों को बताकर जागरूकता उत्पन्न करने की आवश्यकता है और इस एकीकृत जल संसाधन प्रबन्धन
उपागम द्वारा जल उपलब्धता सतत पोषणीय आधार पर निश्चित रूप से की जा सकती है।
46. भारत में खनिजों का संरक्षण क्यों आवश्क
है? खनिज संरक्षण के प्रमुख उपाय लिखें?
उत्तर - लोहा,
ताँबा, ऐलुमिनियम, टिन आदि पदार्थ आर्थिक उपयोग की दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण
धातुएँ हैं। लोहा तो आधुनिक युग में सोने से भी अधिक उपयोगी है। यह आधुनिक सभ्यता
का आधार है। इन | खनिज संसाधनों की बढ़ती मॉग एवं अनियन्त्रित खनन के कारण निकट
भविष्य में इनके भण्डार समाप्त हो सकते हैं। अत: इनके संरक्षण के लिए निम्नलिखित
उपाय अपनाये जाने चाहिए–
• लोहा, ताँबा, ऐलुमिनियम आदि चक्रीय संसाधन हैं, अर्थात्
इन्हें एक बार प्रयोग करने के बाद गलाकर पुन: प्रयोग किया जा सकता है। अतः धातु से
बनी पुरानी मशीनों के टुकड़ों को फिर से प्रयोग में लाया जाना आवश्यक है। रद्दी
लोहे को सस्ता या बेकार समझकर कम कीमत पर विदेशों को निर्यात किया जाना उचित नहीं
है। इस्पात-निर्माण की तकनीक में विकास करके इससे पुन: धातु प्राप्त की जानी
चाहिए। उच्च तकनीक के कारण ही जापान भारत से रद्दी (Scrap) लोहा खरीदकर उससे अच्छी
किस्म का इस्पात बनाता है।
• खनिजों की खनन तकनीकों में भी पर्याप्त सुधार की आवश्यकता
है, जिससे धातुओं की बर्बादी कम हो।
• जो धातुएँ भारत में कम उपलब्ध हैं उनके स्थान पर उन
धातुओं का प्रयोग बढ़ाया जाना चाहिए जो अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं। उदाहरण के
लिए–बिजली में ताँबे के तारों के स्थान पर ऐलुमिनियम के तारों का प्रयोग किया जा
सकता है।
• लोहे का सबसे बड़ा शत्रु जंग है। पेण्ट, ग्रीस, तेल लगाकर
या अन्य किसी वैज्ञानिक विधि से यदि लोहे | की रक्षा कर ली जाए तो लौह-भण्डारों का
अधिक समय तक संरक्षण हो सकता है।
• अपनी घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी भारत को
खनिजों को विनाश से बचाना होगा तथा इनका निर्यात खनिज रूप में न करके संशोधित रूप
में किया जाना उचित होगा।
47. वायु प्रदूषण के स्त्रोत एवं मानव जीवन पर इसके दुश्चभाव का वर्णन करें?
उत्तर - वायु
प्रदूषण वायु में गैसों, कणों, जैविक अणुओं आदि जैसे प्रदूषकों का उत्सर्जन है जो
मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक है।"
वायु प्रदूषण के महत्वपूर्ण स्त्रोत निम्नलिखित हैं:
1. जीवाश्म ईंधन का जलना- जीवाश्म ईंधन के दहन से बड़ी मात्रा
में सल्फर डाइऑक्साइड उत्सर्जित होती है। जीवाश्म ईंधन के अधूरे दहन से निकलने वाली
कार्बन मोनोऑक्साइड से भी वायु प्रदूषण होता है।
2. ऑटोमोबाइल- जीप, ट्रक, कार, बस आदि जैसे वाहनों से निकलने वाली गैसें पर्यावरण
को प्रदूषित करती हैं। ये ग्रीनहाउस गैसों के प्रमुख स्रोत हैं और लोगों में बीमारियों
का कारण भी बनते हैं।
3. कृषि गतिविधियाँ- अमोनिया कृषि गतिविधियों के दौरान उत्सर्जित होने वाली सबसे
खतरनाक गैसों में से एक है। कीटनाशक, कीटनाशक और उर्वरक वातावरण में हानिकारक रसायन
छोड़ते हैं और इसे दूषित करते हैं।
4. कारखाने और उद्योग- फैक्ट्रियाँ और उद्योग कार्बन मोनोऑक्साइड,
कार्बनिक यौगिक, हाइड्रोकार्बन और रसायनों का मुख्य स्रोत हैं। ये हवा में छोड़े जाते
हैं, जिससे इसकी गुणवत्ता खराब हो जाती है।
5. कारखाने और उद्योग- फैक्ट्रियाँ और उद्योग कार्बन मोनोऑक्साइड,
कार्बनिक यौगिक, हाइड्रोकार्बन और रसायनों का मुख्य स्रोत हैं। ये हवा में छोड़े जाते
हैं, जिससे इसकी गुणवत्ता खराब हो जाती है।
6. खनन गतिविधियाँ- खनन प्रक्रिया में बड़े-बड़े उपकरणों का उपयोग करके धरती के
नीचे के खनिजों को निकाला जाता है। इस प्रक्रिया के दौरान निकलने वाली धूल और रसायन
न केवल हवा को प्रदूषित करते हैं, बल्कि आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों और श्रमिकों
के स्वास्थ्य को भी खराब करते हैं।
7. घरेलू स्रोत- घरेलू सफाई उत्पादों और पेंट में जहरीले रसायन होते हैं जो हवा
में फैल जाते हैं। नई पेंट की गई दीवारों से आने वाली गंध पेंट में मौजूद रसायनों की
गंध होती है। यह न केवल हवा को प्रदूषित करता है बल्कि सांस लेने पर भी असर डालता है।
मानव जीवन पर वायु प्रदूषण के
दुष्प्रभाव:
1. श्वसन संबंधी समस्याएं: वायु प्रदूषण श्वसन तंत्र को
गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यह अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव
पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और फेफड़ों के कैंसर जैसी बीमारियों को बढ़ावा देता है।
2. हृदय रोग: वायु प्रदूषण हृदय रोगों का खतरा बढ़ाता है। यह हृदय दौरे,
स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं से जुड़ा हुआ है।
3. कैंसर: कुछ वायु प्रदूषक कैंसरजनक होते हैं, जिसका अर्थ है कि वे
कैंसर का कारण बन सकते हैं। फेफड़ों का कैंसर वायु प्रदूषण से जुड़ा सबसे आम कैंसर
है।
4. त्वचा संबंधी समस्याएं: वायु प्रदूषण त्वचा को नुकसान
पहुंचा सकता है और त्वचा संबंधी समस्याएं जैसे एलर्जी, सूजन और त्वचा का कैंसर
पैदा कर सकता है।
5. प्रजनन क्षमता में कमी: वायु प्रदूषण पुरुषों और महिलाओं
दोनों में प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है।
6. बच्चों का विकास: वायु प्रदूषण बच्चों के विकास को
प्रभावित करता है। यह शारीरिक और मानसिक विकास को धीमा कर सकता है, और बच्चों को
अस्थमा और एलर्जी जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है।
7. मस्तिष्क पर प्रभाव: हाल के अध्ययनों से पता चलता है
कि वायु प्रदूषण मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकता है। यह स्मृति हानि, सीखने में
कठिनाई और मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जुड़ा हुआ है।