झारखण्ड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, राँची, झारखण्ड
प्रतिदर्श प्रश्न पत्र - 2024 - 2025 (कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय)
कक्षा - 12 विषय : हिन्दी आधार (कोर) समय : 3 घंटे पूर्णांक : 80
सामान्य
निर्देश
• परीक्षार्थी यथासंभव निर्देशानुसार
अपने शब्दों में उत्तर दें।
• सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
• कुल प्रश्नों की संख्या 52
है। जो चार खण्डों (क, ख, ग,घ) में विभक्त हैं।
• खण्ड 'क' में प्रश्न
संख्या 1 से 30 तक बहुविकल्पीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प दिए गए
हैं। सही विकल्प का चयन कीजिये। प्रत्येक प्रश्न का मान 1 अंक निर्धारित है।
• खण्ड 'ख' में प्रश्न
संख्या 31 से 38 तक अति लघु उत्तरीय प्रश्न हैं। जिसमें से किन्ही 6 प्रश्नों का
उत्तर देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 2 अंक निर्धारित है।
• खण्ड 'ग' में प्रश्न
संख्या 39 से 46 तक लघु उत्तरीय प्रश्न हैं। जिसमें से किन्ही 6 प्रश्नों का उत्तर
देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 3 अंक निर्धारित है।
• खण्ड 'घ' में प्रश्न
संख्या 47 से 52 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न हैं। जिसमें से किन्हीं 4 प्रश्नों का उत्तर
देना अनिवार्य है। प्रत्येक प्रश्न का मान 5 अंक निर्धारित है।
खण्ड - क अपठित बोध
निम्नलिखित
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के लिए सही उत्तर का चयन करें
साहित्य
समाज का दर्पण है। यह न केवल समाज की वास्तविकता को प्रतिबिंबित करता है, बल्कि
उसमें परिवर्तन लाने की शक्ति भी रखता है। साहित्य का उद्देश्य केवल मनोरंजन करना
नहीं होता, बल्कि पाठकों को सोचने पर मजबूर करना, उन्हें सही और गलत का भान कराना
और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना होता है। कई साहित्यकारों ने अपने लेखन के माध्यम से समाज में व्याप्त
कुरीतियों, अंधविश्वासों और अन्याय को उजागर किया है। प्रेमचंद ने अपनी कहानियों
में किसानों की दुर्दशा का मार्मिक चित्रण किया, जबकि महादेवी वर्मा ने नारी के
आत्मसम्मान और संघर्ष की कहानियों को शब्द दिए। साहित्य का प्रभाव तभी सार्थक होता
है, जब वह पाठक के हृदय में संवेदनाओं को जागृत करे और उसे समाज के प्रति अपने
कर्तव्यों का बोध कराए।
1. साहित्य का प्रमुख उद्देश्य क्या होता है?
(A) केवल मनोरंजन करना
(B) समाज की वास्तविकता दिखाना और परिवर्तन
लाना
(C) इतिहास को सहेजना
(D) केवल ज्ञान देना
2. प्रेमचंद की कहानियों का मुख्य विषय क्या
था?
(A) अंधविश्वास
(B) नारी स्वतंत्रता
(C) किसानों की दुर्दशा
(D) समाज के अन्याय
3. महादेवी वर्मा ने अपने साहित्य में किनके
संघर्ष को चित्रित किया है?
(A) किसानों का
(B) महिलाओं का
(C) मजदूरों का
(D) बच्चों का
4. गद्यांश के अनुसार, साहित्य को समाज का
दर्पण क्यों कहा गया है?
(A) क्योंकि यह समाज की कुरीतियों को बढ़ावा देता हैध
(B) क्योंकि यह समाज की वास्तविकता को
प्रतिबिंबित करता है
(C) क्योंकि यह पाठकों को भ्रमित करता है
(D) क्योंकि यह केवल मनोरंजन का साधन है
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों
के लिए सही उत्तर का चयन करें-
यह धरा, यह गगन, यह बगिया हरी,
यह हवा, यह फिजा, यह नदी की लहर।
सबका जीवन, सबका यह संसार है,
नहीं किसी का केवल यह अधिकार है।
पर मानव भूल कर यह गर्व करता,
संसार पर अपना राज समझता।
संसार के संसाधन जो नष्ट किए,
तो प्रकृति ने भी अपने क्रोध
व्यक्त किए।
अब समय है, चेत जाएं सब लोग,
नष्ट करें न यह सुंदर धरती का योग।
प्रकृति का मान करें, संतुलन बनाए
रखें,
तभी यह जीवन, यह धरा सजीव रह सके
5. पद्यांश के
अनुसार, संसार पर अधिकार किसका है?
(A) केवल मनुष्य का
(B) सभी जीवों का
(C) प्रकृति का
(D) राजा का
6. पद्यांश में
मनुष्य की किस भूल का उल्लेख किया गया है?
(A) संतुलन बनाए रखना
(B) संसार पर अधिकार
जताना
(C) प्रकृति का सम्मान करना
(D) दूसरों की मदद करना
7. पद्यांश में
प्रकृति के क्रोध का क्या कारण बताया गया है?
(A) मनुष्य का सहयोग करना
(B) संसाधनों का
नष्ट करना
(C) संतुलन बनाए रखना
(D) प्रकृति का मान बढ़ाना
8. पद्यांश के
अनुसार, धरती को सजीव रखने के लिए क्या करना चाहिए?
(A) प्रकृति का मान
करना और संतुलन बनाए रखना
(B) संसाधनों को नष्ट करना
(C) केवल मनुष्य का अधिकार बनाना
(D) धरती का उपयोग न करना
अभिव्यक्ति और माध्यम
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प
का चयन कीजिए -
9. अधिसूचना का प्रकाशन
कहाँ होता है?
(A) सोशल मीडिया पर
(B) तार पत्र
(C) समाचार पत्र
(D) राजपत्र (गजट)
10. निबन्ध का अंतिम
भाग क्या कहलाता है ?
(A) परिचय
(B) निष्कर्ष
(C) विषय - विस्तार
(D) प्रस्तावना
11. पी.टी. आई. क्या
है?
(A) समाचार एजेंसी
(B) गुप्तचर विभाग
(C) पुलिस
(D) साहित्यिक मंच
12. भारत का पहला छापाखाना
कहाँ पर लगाया गया ?
(A) दिल्ली में
(B) कोलकाता में
(C) गोवा में
(D) कानपुर में
13. संचार प्रक्रिया
में आई बाधाओं को क्या कहते हैं -
(A) शोर
(B) सन्देश
(C) माध्यम
(D) प्राप्तकर्त्ता
14. उल्टा पिरामिड शैली
का प्रयोग किस लेखन में होता है ?
(A) पत्र
(B) निबन्ध
(C) समाचार वाचन
(D) समाचार लेखन
15. अखबार की आवाज किसे
माना जाता है ?
(A) आलेख
(B) फीचर
(C) संपादकीय
(D) पत्र लेखन
16. आलेख के लिए अंग्रेजी में कौन सा शब्द प्रयुक्त
होता है ?
(A) फीचर
(B) आर्टिकल
(C) रिपोर्ट
(D) नोटिस
पाठ्यपुस्तक
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के
लिए सही उत्तर का चयन करें -
भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा, क्योंकि उसमें दुर्गुणों
का अभाव नहीं। वह सत्यवादी हरिश्चंद्र नहीं बन सकती; पर 'नरो वा कुंजरो वा' कहने में
भी विश्वास नहीं करती। मेरे इधर-उधर पड़े पैसे रुपये, भंडार-घर की किसी मटकी में कैसे
अंतरहित हो जाते हैं, यह रहस्य भी भक्तिन जानती है। पर, उस संबंध में किसी के संकेत
करते ही वह उसे शास्त्रार्थ के लिए चुनौती दे डालती है, जिसको स्वीकार कर लेना किसी
तर्क-शिरोमणि के लिए संभव नहीं यह उसका अपना घर ठहरा, पैसा-रुपया जो इधर-उधर पड़ा देखा,
सँभालकर रख लिया। यह क्या चोरी है! उसके जीवन का परम कर्तव्य मुझे प्रसन्न रखना है-जिस
बात से मुझे क्रोध आ सकता है, उसे बदलकर इधर-उधर करके बताना, क्या झूठ है! इतनी चोरी
और इतना झूठ तो धर्मराज महाराज में भी होगा।नहीं तो वे भगवान जी को कैसे प्रसन्न रख
सकते और संसार को कैसे चला सकते !
शास्त्र का प्रश्न भी भक्तिन अपनी सुविधा के अनुसार सुलझा लेती
है। मुझे स्त्रियों का सिर घुटाना अच्छा नहीं लगता, अतः मैंने भक्तिन को रोका। उसने
अकुंठित भाव से उत्तर दिया कि शास्त्र में लिखा है। कुतूहलवश मैं पूछ ही बैठी-'क्या
लिखा है?" तुरंत उत्तर मिला-'तीरथ गए मुँडाए सिद्ध।' कौन-से शास्त्र का यह रहस्यमय
सूत्र है, यह जान लेना मेरे लिए संभव ही नहीं था। अतः मैं हारकर मौन हो रही और भक्तिन
का चूड़ाकर्म हर बृहस्पतिवार को, एक दरिद्र नापित के गंगाजल से धुले उस्तरे द्वारा
यथाविधि निष्पन्न होता रहा।
17. उपर्युक्त अनुच्छेद किसके बारे में हैं?
(A) लेखिका
(B) भक्तिन
(C) तर्क-शिरोमणि
(D) शास्त्र
18. भक्तिन किस रहस्य के बारे में पूछे जाने पर
वह शास्त्रार्थ की चुनौती दे डालती हैं?
(A) उसे खाना बनाना आता है, इसके बारे में पूछे जाने पर
(B) वह अपनी मनमानी क्यों करती है, इसके बारे में पूछे जाने
पर
(C) चोरी के पैसे कहाँ और कैसे रखती है, इसके
बारे में पूछे जाने पर
(D) पढ़ाई-लिखाई के बारे में पूछे जाने पर
19. इधर-उधर बिखरे रुपये-पैसों का भक्तिन जो कुछ
करती हैं, हम उसे चोरी मानेंगे। क्यों?
(A) वह घर में सेविका है। उसका अधिकार घर की किसी वस्तु पर नहीं
है
(B) पैसे या अन्य सामान मिलने पर उसका दायित्व यह है कि वह उन
चीजों को घर के मालिक को दे
(C) घर की किसी वस्तु पर सेवक / सेविका का स्वामित्व नहीं होता
(D) उपर्युक्त सभी
20. भक्तिन का परम कर्तव्य क्या था?
(A) लेखिका को हर प्रकार से खुश रखना
(B) लेखिका को अच्छा खाना बना कर खिलाना
(C) लेखिका के सभी कार्य करना
(D) लेखिका को सुबह जल्दी उठाना
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के
लिए सही उत्तर का चयन करें-
मैं जग-जीवन का भार लिए फिरता हूँ,
फिर भी जीवन में प्यार लिए फिरता हूँ!
कर दिया किसी ने झंकृत जिनको छूकर
मैं साँसों के दो तार लिए फिरता हूँ!
मैं स्नेह-सुरा का पान किया करता हूँ,
मैं कभी न जग का ध्यान किया करता हूँ,
जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते,
मैं अपने मन का गान किया करता हूँ!
21. 'मैं जग-जीवन का
भार लिए फिरता हूँ' पंक्ति से कवि का क्या तात्पर्य है?
(A) जीवन में भरी भरकम काम करना
(B) जीवन में जिम्मेदारियों
का बोझ उठाना
(C) सम्पूर्ण संसार की कठिनाइयों को
उठाना
(D) जीवन का कष्टों से घिरा होना
22. अपनी जिम्मेदारियों
के बोझ को उठाते हुए भी कवि क्या कर लेता है?
(A) सभी से अच्छे से बात कर लेता है
(B) सभी को अपने साथ लिए फिरता है
(C) अपने जीवन से प्रेम
करता है
(D) अपने जीवन की जिम्मेदारियों से
प्रेम करता है
23. स्नेह-सुरा में कौन
सा अलंकार है?
(A) रूपक अलंकार
(B) अनुप्रास अलंकार
(C) उत्प्रेक्षा अलंकार
(D) मानवीकरण अलंकार
24. 'जग पूछ रहा उनको,
जो जग की गाते' से कवि क्या कहना चाहते हैं?
(A) संसार उन लोगों की
स्तुति करता है जो संसार के अनुसार चलते हैं
(B) संसार का गुणगान करने से आधी समस्याएँ
समाप्त हो जाती है
(C) संसार के लोग संसार का ही गुणगान
करते हैं
(D) संसार में रहकर संसार की स्तुति
करना आवश्यक हो जाता है
निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प
का चयन कीजिए -
25. भक्तिन महादेवी वर्मा
से कितने वर्ष बड़ी थी ?
(A) 20
(B) 25
(C) 27
(D) 30
26. किसकी गर्मी बाजार से अधिक सामान खरीदने पर
विवश करती है?
(A) मौसम की
(B) दिमाग की
(C) पत्नी की
(D) पैसे की
27. 'बहुत नीला शंख जैसे' में कौन सा अलंकार है?
(A) अनुप्रास
(B) रूपक
(C) उपमा
(D) श्लेष
28. बादल राग कविता में कवि बादल का आह्वान किस
रूप में करता है?
(A) वर्षा
(B) क्रांति
(C) शांति
(D) मजबूरी
29. 'जूझ' पाठ के लेखक कौन है ?
(A) आनंद गुप्ता
(B) आनंद यादव
(C) आनंद सिंह
(D) आनंद श्रीवास्तव
30. ऐन फ्रैंक की बड़ी बहन का क्या नाम था ?
(A) किट्टी
(B) बिट्टी
(C) मार्गोट
(D) बेप
खण्ड - ख (अति लघु उत्तरीय प्रश्न)
निम्नलिखित में से किन्ही छह प्रश्नों के उत्तर दें - 2 x
6-12
31. कस्टम अधिकारी ने सफिया की बात सुनकर क्या
किया ?
उत्तर - सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो इधर कस्टम ऑफिसर निचली सीढ़ी
के पास सिर झुकाए चुपचाप खड़े थे। सोफिया की बात सुनकर उन्हें अपने वतन की याद आ रही थी।
32. कालिदास को लेखक ने क्या कहा है?
उत्तर - लेखक ने कालिदास को अनासक्त योगी कहा है।
33. धर्मवीर भारती अथवा सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
की दो रचनाओं के नाम लिखें ?
उत्तर - धर्मवीर
भारती- गुनाहों का देवता, सूरज का सातवाँ घोड़ा
सूर्यकांत त्रिपाठी निराला - कुकुरमुत्ता, नए पत्ते
34. बच्चे किस बात की आशा से नीड़ों से झांक रहे
होंगे ?
उत्तर - बच्चे अपने माता-पिता को देखने के लिए नीड़ों से
झाँक रहे हैं। माता-पिता से उनका मिलन हो जाएगा तथा उनके पेट की आग भी शांत हो
जाएगी।
35. कवि के अनुसार कविता क्या है?
उत्तर - कवि के लिए कविता एक चिड़ियों की भांति
उडान, बच्चों की तरह भेदभाव रहित खेल एवं ना मुरझाने वाले फूलों की महक है।
36. बच्चा कब खिलखिला कर हँस पड़ता है ?
उत्तर - मां जब बच्चे को हवा में लोका देती
है तब बच्चा खिलखिला कर हंस पड़ता है।
37. यशोधर बाबू ने किस स्कूल से मैट्रिक की परीक्षा
पास की थी ?
उत्तर - रैम्जे
स्कूल अल्मोड़ा से यशोधर बाबू ने अपनी मैट्रिक के परीक्षा पास की थी।
38. ऐन फ्रैंक का परिवार कहाँ छुपने वाला था
?
उत्तर - ऐन फ्रैंक का परिवार उसके पिताजी के
कार्यालय की इमारत में छुपने वाला था।
खण्ड - ग (लघु उत्तरीय प्रश्न)
निम्नलिखित में से किन्ही छह प्रश्नों के उत्तर दें- 3 x 6= 18
39. लेखक के मत से दासता की व्यापक परिभाषा क्या
है ?
उत्तर - लेखक के अनुसार दासता केवल कानूनी पराधीनता को ही नहीं कहा जा
सकता। दासता में वह स्थिति भी शामिल है जिसमें लोगों को दूसरे लोगों द्वारा निर्धारित
कर्तव्यों का पालन करने के लिए विवश किया जाता है। यह स्थिति कानूनी पराधीनता के बाहर
भी है। जाति प्रथा की तरह ऐसा वर्ग का होना भी संभव है जहां लोगों को अपनी इच्छा के
विरुद्ध पेशा अपनाना पड़ता है।
40. ढोलक की आवाज का पुरे गाँव पर क्या असर होता
था ?
उत्तर - ढोलक की आवाज से रात का सन्नाटा और भय कम हो जाता था। बच्चे,
बूढे या जवान ढोलक की आवाज़ से सबकी आंखों के सामने दंगल का दृश्य नाचने लगता था और
वे सभी उत्साह से भर जाते थे। लोग भले ही बीमारी के कारण मर रहे थे लेकिन जब तक जीवित
थे ढोलक की आवाज के कारण उन्हें मरने का भय नहीं सताता था। ढोलक की आवाज से उनका दर्द
कम हो जाता था और वह आराम से मर सकते थे।
41. भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती
कैसे हो गई ?
उत्तर - भक्तिन देहाती महिला थी। शहर में आकर
भी उसने स्वयं कोई परिवर्तन नहीं किया। वह दूसरों को भी अपने अनुसार बना लेना चाहती
थी। उसने लेखिका को अपने अनुसार ही ढालना शुरू किया। उसने लेखिका का मीठा खाना बिल्कुल
बंद कर दिया। उसने गाढ़ी दाल व मोटी रोटी खिलाकर लेखिका की स्वास्थ्य संबंधी चिंता
दूर कर दी। अब लेखिका को रात को मकई का दलिया, सवेरे मट्ठा, तिल लगाकर बाजरे के बनाए
ठंडे पुए, ज्वार के भुने हुए भुट्टे के हरे हरे दानों की खिचड़ी और सफेद महुए की लपसी
मिलने लगी। इन सबको वह स्वाद से खाने लगी। इसके अतिरिक्त उसने महादेवी को देहाती भाषा
भी सिखा दी। इस प्रकार महादेवी अधिक देहाती बन गई।
42. शोकग्रस्त माहौल में हनुमान के अवतरण को करुण
रस के बीच वीर रस का आविर्भाव क्यों कहा गया है ?
उत्तर - लक्ष्मण के मूर्च्छित होने पर हनुमान
संजीवनी बूटी लेने के लिए हिमालय पर्वत जाते हैं। उन्हें आने में विलंब हो जाने पर
सभी बहुत चिंतित व दुःखी होते हैं। उसी समय हनुमान संजीवनी बूटी के साथ पूरा पर्वत
लेकर आ जाते हैं, इस कार्य को देखते ही सभी में आशा और उत्साह का संचार हो गया तब मानो
करुण रस के बीच वीर रस का संचार हो जाता है अर्थात् लक्ष्मण की मूर्च्छा से दुखी निराश
लोगों के मन में उत्साह का संचार हो जाता है। अतः अचानक इस प्रकार के परिवर्तन होने
के कारण यहाँ करुण रस के बीच वीर- रस का आविर्भाव कहा गया है।
43. कविता के किन उपमानों को देखकर यह कहा जा
सकता है कि उषा कविता गाँव की सुबह का गतिशील शब्द चित्र है ?
उत्तर - कविता के निम्नलिखित उपमानों को देखकर
कहा जा सकता है कि उषा शीर्षक कविता गांव की सुबह का गतिशील शब्द चित्र है
(क) राख से लीपा हुआ चौका।
(ख) लाल केसर से धुला हुआ, काली सिल
।
(ग) स्लेट पर मला हुआ लाल खडिया चाक
।
(घ) नील जल में गौर झिलमिल देह ।
44. कैमरे में बंद अपाहिज करुणा के मुखौटे में
छिपी कूरता कविता है विचार कीजिए 1
उत्तर - कैमरे में बंद अपाहिज कविता बाजारवाद
के युग में उन लोगों का चरित्र खोलता है, जो दूसरे के दुखों को बेचकर धन कमाना चाहता
है। कार्यक्रम संचालक अपने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एक अपाहिज व्यक्ति से प्रश्न
पूछता है। वह प्रश्न पूछते पूछते क्रूर बन जाता है। उसका उद्देश्य सिर्फ कार्यक्रम
को सफल बनाना है न कि अपाहिज व्यक्ति से हमदर्दी। अतः यह कविता करुणा के मुखोटे में
छिपी क्रूरता की कविता है।
45. सिंधु सभ्यता साधन संपन्न थी, पर उसमें भव्यता
का आडंबर नहीं था । कैसे ?
उत्तर - सिंधु सभ्यता के शहर मुअनजोदडो की व्यवस्था,
साधन संपन्न और सुनियोजित थी। वहाँ की अन्न भंडारण व्यवस्था, जल निकासी की व्यवस्था
अत्यंत विकसित और परिपक्क थी। हर निर्माण बडा सुनियोजन के साथ किया गया था यह सोचकर
कि यदि सिंधु का जल बस्ती तक फैल भी जाए तो कम से कम नुकसान हो। इन सारी व्यवस्थाओं
के बीच इस सभ्यता की संपन्नता की बात बहुत ही कम हुई है। वस्तुतः इनमें भव्यता का आडंबर
है ही नहीं। व्यापारिक व्यवस्थाओं की जानकारी मिलती है मगर सब कुछ आवश्यकताओं से ही
जुड़ा हुआ है, भव्यता का प्रदर्शन कहीं नहीं मिलता।
46. स्वयं कविता रच लेने का आत्मविश्वाश लेखक
के मन में कैसे पैदा हुआ ?
उत्तर - मराठी अध्यापक सौंदलगेकर के कविता पढ़ाने
का ढंग अत्यंत रोचक एवं विलक्षण था। कविता का वाचन वे भाव, लय, ताल, गति के साथ करते
थे। लेखक एकाग्र होकर मास्टर साहब के हाव भाव, ध्वनि, गति और रसों का रसास्वादन किया
करते थे। लेखक में इन्हीं अध्यापक के प्रोत्साहन एवं उत्साहवर्धन के कारण स्वयं कविता
रच सकने का आत्मविश्वास पैदा हुआ।
खण्ड - घ (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)
निम्नलिखित में से किन्ही तीन प्रश्नों के उत्तर दें - 5x4=20
47. 'लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका' अथवा 'नारी
सशक्तिकरण' विषय पर एक निबन्ध लिखें
उत्तर -
'लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका'
लोकतंत्र को एक जीवंत और सतत विकसित
होने वाली व्यवस्था माना जाता है। इस व्यवस्था में मीडिया की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण
है। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है। यह जनता को सूचना प्रदान करता है,
सरकार की गतिविधियों पर नजर रखता है और जनता की आवाज को सरकार तक पहुंचाता है।
लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका:
• सूचना का प्रसार: मीडिया विभिन्न
माध्यमों जैसे समाचार पत्र, टेलीविजन, रेडियो और इंटरनेट के माध्यम से समाचार और जानकारी
का प्रसार करता है। यह जनता को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों के बारे में
सूचित करता है।
• सरकार पर नजर रखना: मीडिया
सरकार की गतिविधियों पर नजर रखता है। यह सरकार के फैसलों और नीतियों की जांच करता है
और जनता को इसके बारे में सूचित करता है।
• जनता की आवाज: मीडिया जनता
की आवाज को सरकार तक पहुंचाता है। जनता की समस्याओं और मांगों को उठाकर मीडिया सरकार
को इनका समाधान करने के लिए प्रेरित करता है।
• जागरूकता फैलाना: मीडिया सामाजिक
मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि के बारे में जागरूकता फैलाता है। यह
लोगों को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनाता है और उन्हें सशक्त बनाता है।
• जनमत का निर्माण: मीडिया जनमत
का निर्माण करता है। यह लोगों के विचारों को प्रभावित करता है और उन्हें किसी विशेष
मुद्दे पर अपनी राय बनाने में मदद करता है।
मीडिया की चुनौतियाँ:
• भ्रामक सूचना: आज के समय में
सोशल मीडिया के कारण भ्रामक सूचनाओं का प्रसार तेजी से हो रहा है। यह लोकतंत्र के लिए
एक बड़ी चुनौती है।
• पक्षपात: कुछ मीडिया संस्थान
किसी विशेष राजनीतिक दल या समूह के पक्षपाती होते हैं। इससे निष्पक्ष समाचारों का प्रसार
बाधित होता है।
• व्यावसायिक दबाव: मीडिया संस्थानों
पर व्यावसायिक दबाव होता है। इससे वे सच की बजाय मनोरंजन पर अधिक ध्यान देते हैं।
• सरकारी दखल: कुछ देशों में
सरकार मीडिया पर नियंत्रण रखती है। इससे मीडिया की स्वतंत्रता प्रभावित होती है।
निष्कर्ष:
लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका अत्यंत
महत्वपूर्ण है। यह एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है कि मीडिया स्वतंत्र और निष्पक्ष
हो। मीडिया को सच बोलने और जनता की आवाज को बुलंद करने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए।
'नारी सशक्तिकरण'
नारी सशक्तिकरण, एक ऐसा मुद्दा जो सदियों
से चर्चा में है और आज भी अपनी प्रासंगिकता नहीं खोया है। यह सिर्फ एक शब्द नहीं है,
बल्कि एक विचार है, एक आंदोलन है जो महिलाओं को उनके अधिकारों, स्वतंत्रता और समानता
की ओर ले जाता है। यह एक ऐसा सपना है जहां महिलाएं पुरुषों के बराबर हों, जहां उन्हें
हर क्षेत्र में समान अवसर मिलें।
नारी सशक्तिकरण का अर्थ:
नारी सशक्तिकरण का अर्थ है महिलाओं
को आत्मविश्वास, ज्ञान और संसाधनों से लैस करना ताकि वे अपने जीवन पर नियंत्रण कर सकें।
यह उन्हें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर प्रदान
करता है।
नारी सशक्तिकरण की आवश्यकता क्यों?
• समाज का संतुलन: महिलाएं समाज
का आधा हिस्सा हैं। जब महिलाएं सशक्त होती हैं तो समाज का संतुलन बिगड़ता है और समाज
का विकास होता है।
• आर्थिक विकास: सशक्त महिलाएं
आर्थिक रूप से स्वतंत्र होती हैं और वे राष्ट्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे
सकती हैं।
• सामाजिक परिवर्तन: सशक्त महिलाएं
सामाजिक परिवर्तन के लिए प्रेरित होती हैं और वे समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर
करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं।
• बच्चों का बेहतर भविष्य: सशक्त
महिलाएं अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान कर सकती हैं।
नारी सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे प्रयास:
• शिक्षा: शिक्षा महिला सशक्तिकरण
का सबसे महत्वपूर्ण उपकरण है। शिक्षा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाती है और उन्हें अपने
अधिकारों के प्रति जागरूक करती है।
• रोजगार के अवसर: महिलाओं को
रोजगार के समान अवसर प्रदान करना भी आवश्यक है।
• स्वास्थ्य: महिलाओं का स्वास्थ्य
भी महत्वपूर्ण है। उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं तक आसान पहुंच प्रदान की जानी चाहिए।
• कानून: महिलाओं के अधिकारों
की रक्षा के लिए कानून बनाए जाने चाहिए।
• जागरूकता: महिलाओं को उनके
अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।
नारी सशक्तिकरण के चुनौतियाँ:
• लैंगिक भेदभाव: लैंगिक भेदभाव
अभी भी समाज में व्याप्त है।
• गरीबी: गरीबी महिलाओं के सशक्तिकरण
के लिए एक बड़ी चुनौती है।
• सांस्कृतिक बाधाएं: कुछ सांस्कृतिक
बाधाएं महिलाओं के सशक्तिकरण में बाधा बनती हैं।
निष्कर्ष:
नारी सशक्तिकरण एक ऐसा मुद्दा है जिस
पर सभी को मिलकर काम करना होगा। सरकार, गैर सरकारी संगठन और आम जनता सभी को मिलकर महिलाओं
को सशक्त बनाने के लिए प्रयास करने होंगे। जब महिलाएं सशक्त होंगी तो समाज का विकास
होगा और एक बेहतर भविष्य का निर्माण होगा।
48. आपके शहर में महिलाओं के साथ बढ़ते अपराधों
के कारण महिलाओं की सुरक्षा एक बड़ी चिंता बन गई है। आप समाचार पत्र के संपादक को पत्र
लिखकर इस समस्या के समाधान के लिए सरकार से सख्त कानून और ठोस कदम उठाने की अपील करें।
उत्तर -
सेवा में
श्रीमान संपादक महोदय,
दैनिक समाचार पत्र
विषय: बढ़ते महिला अपराधों पर चिंता
और सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग
माननीय संपादक महोदय,
मैं आपके समाचार पत्र के माध्यम से
अपने शहर में महिलाओं के साथ बढ़ते अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त करना चाहता हूँ। हाल
के दिनों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, जिसने हमारे समाज
में एक गहरा खौफ पैदा कर दिया है। महिलाएं अब अपने घरों में भी सुरक्षित महसूस नहीं
कर रही हैं।
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारी
बेटियां, बहनें और माताएं हर समय खतरे में रहती हैं। चाहे वह घर हो, सड़क हो या कार्यस्थल,
महिलाओं को हर जगह असुरक्षित महसूस करना पड़ रहा है। ये घटनाएं न केवल पीड़ित महिलाओं
के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक कलंक हैं।
मैं सरकार से अपील करता हूं कि वह इस
समस्या पर गंभीरता से ध्यान दे और महिलाओं की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए। सरकार
को ऐसे सख्त कानून बनाने चाहिए जिनके तहत अपराधियों को कड़ी सजा दी जाए। साथ ही, पुलिस
प्रशासन को महिलाओं की सुरक्षा के लिए और अधिक सतर्क रहना चाहिए।
मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस महत्वपूर्ण
मुद्दे को अपने समाचार पत्र के माध्यम से उठाएं और लोगों को जागरूक करें। हमें मिलकर
इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा और महिलाओं को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना होगा।
आपका आभारी,
रमेश कुमार
बड़कागांव हजारीबाग
49. प्रतिवेदन लिखते समय किन बातों का ध्यान रखा
जाना चाहिए ?
उत्तर -
1. सर्वप्रथम संस्था और आयोजन स्थल का नाम लिखा जाना चाहिए।
2. बैठक या सम्मेलन का उद्देश्य स्पष्ट किया जाना चाहिए।
3. आयोजन अथवा घटना की तिथि और समय की सूचना दी जानी चाहिए।
4. कार्यक्रम एवं गतिविधियों की जानकारी दी जानी चाहिए।
5 तथ्यों का प्रामाणिक होना जरूरी है।
6. शीर्षक हमेशा छोटा और स्पष्ट होना चाहिए।
7. यदि भाषण हो तो उनके मुख्य बिंदुओं के बारे में बताया जाए।
8. घटना की व्याख्या सही क्रम में होनी चाहिए।
9. प्रतिवेदन लिखते समय भाषा में प्रथम पुरुष का प्रयोग नहीं
करना चाहिए।
10. रिपोर्ट में उन्हीं तथ्यों को समावेश करना चाहिए जो महत्वपूर्ण
है।
11. रिपोर्ट के अंत में सभा या दल संस्था के अध्यक्ष को हस्ताक्षर
कर देना चाहिए।
12. रिपोर्ट की भाषा अलंकारिक तथा मुहावरेदार नहीं होनी चाहिए।
50. जनसंचार के प्रमुख कार्य कौन से हैं?
उत्तर - जनसंचार
के प्रमुख कार्य इस प्रकार है।
सूचना देना-
जनसंचार माध्यमों का एक प्रमुख कार्य सूचना देना है। हमें उनके जरिए भी दुनियाभर
से सूचनाएं प्राप्त होती हैं। हमारी जरूरतों का बड़ा हिस्सा जनसंचार माध्यमों के
जरिए ही पूरा होता है।
शिक्षित करना- जनसंचार माध्यम सूचनाओं के जरिए हमें जागरूक बनाते है। यहां शिक्षित करने से
आशय उन्हें देश दुनिया के हाल से परिचित कराने और उनके प्रति सजग बनाने से है।
मनोरंजन करना- जनसंचार माध्यम मनोरंजन के प्रमुख साधन है। सिनेमा, टीवी, रेडियो, संगीत के
टेप और किताबें आदि मनोरंजन के प्रमुख माध्यम है।
एजेंडा तैयार करना- किसी भी घटना या मुद्दे को चर्चा का विषय बना कर जनसंचार माध्यम सरकार और
समाज को उस पर अनुकूल प्रतिक्रिया करने के लिए बाध्य कर देते हैं।
निगरानी रखना- अगर सरकार कोई गलत कदम उठाती है या संगठन / संस्थान में कोई अनियमितता बरती
जा रही है तो उसे लोगों के सामने लाने की जिम्मेवारी जनसंचार माध्यम पर है।
विचार-विमर्श के मंच- जनसंचार विभिन्न विचार लोगों के सामने पहुंचाते हैं। जैसे
किसी समाचार पत्र के संपादक के पृष्ठ पर किसी घटना या मुद्दे पर किसी विचार रखने
वाले लेखक अपनी राय व्यक्त करते हैं। इसी तरह संपादक के नाम चिट्ठी स्तंभ में आम
लोगों को अपनी राय व्यक्त करने का मौका मिलता है।
51. समाचार को परिभाषित करते हुए उसके तत्वों
पर प्रकाश डालें ?
उत्तर - समाचार
शब्द अंग्रेजी शब्द ‘न्यूज’ का हिन्दी अनुवाद है। शब्दार्थ की „ दृष्टि से ‘न्यूज’
शब्द अग्रेंजी के जिन चार अक्षरों से बनता है उनमें ‘एन’, ‘ई’, ‘डब्ल्यू’, ‘एस’
है। यह चार अक्षर ‘नार्थ’ उत्तर, ‘ईष्ट’ पूर्व, ‘वेस्ट’ पश्चिम और ‘साउथ’ दक्षिण
के संकेतक हैं। इस तरह ‘न्यूज’ का भाव चतुर्दिक में उसकी व्यापकता से है।
डा. निशांत सिंह के अनुसार "किसी
नई घटना की सूचना ही समाचार है"।
समाचार के इस आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए समाचार में छह
तत्वों का समावेश अनिवार्य माना जाता है । ये हैं-क्या, कहां, कब, कौन, क्यो और
कैसे।
इन छह सवालों के जवाब में किसी घटना का हर पक्ष सामने आ
जाता है लेकिन समाचार लिखते वक्त इन्हीं प्रश्नों का उत्तर तलाशना आरै पाठको तक उसे उसके संपूर्ण अर्थ में पहुंचाना सबसे
बड़ी चुनौती का कार्य है। यह एक जटिल प्रक्रिया है।
क्या –
क्या हुआ? जिसके संबंध में समाचार लिखा जा रहा है।
कहां –
कहां? ‘समाचार’ में दी गई घटना का संबंध किस स्थान, नगर, गांव प्रदेश या देश से
है।
कब –
‘समाचार’ किस समय, किस दिन, किस अवसर का है।
कौन –
‘समाचार’ के विषय (घटना, वृत्तांत आदि) से कौन लोग संबंधित हैं।
क्यों –
‘समाचार’ की पृष्ठभूमि।
कैसे –
‘समाचार’ का पूरा ब्योरा।
यह छह ककार (’’क’’ अक्षर से शुरू होनेवाले छ प्रश्न) समाचार
की आत्मा है। समाचार में इन तत्वो का
समावेश अनिवार्य है।
52. निम्नलिखित में से किसी एक का काव्य सौन्दर्य
लिखिए -
(क)
सचमुच मुझे दंड दो कि भूलूँ मैं भूलूँ मैं
तुम्हें
भूल जाने की
दक्षिण
ध्रुवी अंधकार-अमावस्या
शरीर
पर, चेहरे पर, अंतर में पा लूँ मैं
झेलूँ
मैं, उसी में नहा लूँ मैं
इसलिए
कि तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित
रहने
का रमणीय यह उजेला अब
सहा
नहीं जाता हैं।
नहीं
सहा जाता है।
उत्तर - कठिन-शब्दार्थ :
दक्षिण ध्रुवी अन्धकार = दक्षिण ध्रुव पर छाया गहरा अन्धेरा
।
अन्तर = हृदय ।
परिवेष्टित = चारों ओर से घिरा हुआ।
आच्छादित = छाया हुआ, ढका हुआ।
प्रसंग - प्रस्तुत काव्यांश कवि गजानन माधव मुक्तिबोध द्वारा लिखित काव्य संग्रह
'भूरी भूरी खाक धूल' की कविता 'सहर्ष स्वीकारा है से लिया गया है। इसमें कवि ने अपने
प्रिय से निवेदन किया है कि दण्डस्वरूप उसे भूलने की सजा दो क्योंकि प्रिय के वियोग
में कवि का हृदय व्यथित है।
व्याख्या- कवि कहता है कि हे प्रिय! तुम मुझे दण्ड दो कि मैं तुम्हें
भूल जाऊँ। तुम्हें भूलना यद्यपि बहुत बडा दण्ड है, फिर भी मैं इस दण्ड को झेलना
चाहता हूँ। कवि कहता है कि प्रिय-वियोग के कारण उसके जीवन में दक्षिणी ध्रुव जैसा
गहन अन्धकार छा जाये। वियोग की काली अमावस्या उसके शरीर पर, मुख पर और हृदय पर छा
जाये। वह उस वियोग वेदना को भरपूर झेल ले और उसमें और उसमें नहाले अर्थात पुरी तरह
वियोग की कालिमा में डूब जाये।
कवि कहता है कि मेरा वर्तमान जीवन
अपने प्रिय के प्रेम से पूरी तरह घिरा हुआ है। यद्यपि प्रिय के स्रेह का उजाला
अतीव रमणीय और सौन्दर्य युक्त है, परन्तु यह उजाला मेरे लिए असहनीय हो गया है,
मुझसे यह सहा नहीं जाता है। वस्तुतः प्रिय वियोग के कारण व्यथित मन से प्रेम का
प्रकाश असहनीय लगता है इसलिए प्रेम के प्रकाश से प्रकाशित यह उजाला (रोशनी) अब कवि
से सहन नहीं होती है। कवि इसीलिए अपने प्रिय से उसे भूलने की बात कहता है।
विशेष :
1. कवि दण्ड स्वरूप प्रिय को उसे
भूलने का दण्ड माँगता है क्योंकि प्रिय के प्रेम का प्रकाश अब उनसे सहन नहीं होता।
आत्मा से परमात्मा के मिलन की रहस्यमयी अभिव्यक्ति हुई है।
2. भाषा भाव अनुरूप सहज सरल है।
अनुप्रास तथा मानवीकरण अलंकार हैं। तत्सम शब्दावली का प्रयोग है।
(ख) धूत कहौ, अवधूत कहौ, राजपूत कहौ, जोलहा
कहौ कोऊ।
काहू की बेटी सों बेटा न ब्याहब, काहू
की जाति बिगार न सोऊ ।।
तुलसी सरनाम गुलामु हैं राम को, जाको
रुचै सो कहै कछु ओऊ।
माँगि कै खैबो, मसीत को सोइबो, लैबोको
एक न दैबको दोऊ।।
उत्तर - कठिन-शब्दार्थ
:
धूत = त्यागा हुआ।
अवधूत = परमहंस, वीतराग संन्यासी।
रजपूतु = राजपूत।
ब्याहब = विवाह करना।
काहू = किसी।
बिगार = बिगाड़ना।
सरनाम = प्रसिद्ध।
गुलामु = सेवक, दास।
रुचै = अच्छा लगे।
ओऊ = और।
खैबो = खाना।
मसीत = मस्जिद।
सोइबो = सोना।
लैबो = लेना।
दैबो = देना।
प्रसंग -
प्रस्तुत काव्यांश भक्त कवि तुलसीदास द्वारा रचित 'कवितावली' के 'उत्तर-कांड' से
लिया गया है। इसमें कवि ने वर्तमान की यथार्थ परिस्थितियों का सजीव चित्रण किया
है।
व्याख्या -
कवि तुलसीदास कहते हैं कि मुझे कोई चाहे घर से त्यागा हुआ कहे, चाहे साधु-संन्यासी
कहे, राजपूत कहे, चाहे जुलाहा कहे। किसी की बात का कोई असर मुझ पर नहीं पड़ता है
क्योंकि किसी की भी बेटी के साथ मुझे अपने बेटे की शादी नहीं करनी है। न ही मुझे
किसी की जाति बिगाड़ने का कोई शौक है।
तुलसीदास तो सिर्फ राम का सेवक है, उनके सिवा उसे किसी से
भी कोई मतलब नहीं रखना है। जिसकी जैसी रुचि या पसन्द, वह उसके अनुसार जो इच्छा वो
कहे या करे। तुलसीदास कहते हैं मैं माँग के खा सकता हूँ, मस्जिद में सो सकता हूँ,
मुझे न तो किसी से कुछ लेना है और न ही किसी को कुछ देना है। कहने का भाव है कि
समाज की किसी भी प्रवृत्ति से तुलसीदास को कोई फर्क नहीं पड़ता है, वे राम भक्त
हैं और उनकी भक्ति में ही अपना जीवन लगा देंगे।
विशेष :
1. कवि समाज की व्यंग्य प्रवृत्ति से क्षुब्ध है तथा
दास्य-भक्ति से पूर्ण अपनी राम-भक्ति को स्पष्ट करते हैं।
2. ब्रजभाषा का प्रयोग, सवैया छंद तथा अनुप्रास अलंकार की
छटा प्रस्तुत है।
3. 'लेना एक न देना दो' लोकोक्ति का प्रयोग हुआ है।