प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Geography
6. द्वितीयक क्रियाएँ SECONDARY ACTIVITIES
पाठ के मुख्य बिंदु
*
विनिर्माण : कच्चे माल का मूल्यवान उत्पादों के रूप में क्रमबद्ध रूपांतरण, जिसकी विशेषता
श्रम विभाजन तथा आधुनिक तकनीक का विस्तृत प्रयोग है।
*
कुटीर उद्योग: स्व उपभोग के लिए, स्थानीय कच्चे माल की सहायता से वस्तुओं का निर्माण
करने वाली विनिर्माण की सबसे छोटी इकाई होती है।
*
छोटे पैमाने के उद्योग : वे उद्योग, जो प्रत्येक इकाई में कर्मचारियों की सापेक्षतः
कम संख्या नियुक्त करते हैं तथा कम पूंजी निवेश करते हैं।
*
बड़े पैमाने के उद्योग : वे उद्योग, जो प्रत्येक इकाई में श्रम शक्ति की बड़ी संख्या
नियुक्त करते हैं तथा भारी पूँजी निवेश करते हैं।
*
कृषि आधारित उद्योग : वे उद्योग, जिन्हें कच्चा माल कृषि क्षेत्र से प्राप्त होता है।
*
निजी क्षेत्र के उद्योग: वैसे उद्योग होते हैं, जिनका स्वामित्व व्यक्तिगत निवेशकों
के पास होता है। यह मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था तथा मिश्रित अर्थव्यवस्था में अधिक पाए
जाते हैं।
*
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग : ये उद्योग होते हैं, जिनका स्वामित्व व प्रबंधन सरकार
द्वारा होता है। सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग मुख्य रूप से समाजवादी तथा मिश्रित अर्थव्यवस्था
में पाए जाते हैं।
*
खनिज आधारित उद्योग : उद्योग, जो कच्चे माल के रूप में खनिज (धात्विक तथा गैर-धात्विक
दोनों ही प्रकार के खनिज) का प्रयोग करते हैं।
*
रसायन आधारित उद्योग : उद्योग, जो कच्चे माल के रूप में प्राकृतिक रासायनिक पदार्थों
का प्रयोग करते हैं।
*
द्वितीयक क्रियाएँ वे क्रियाएँ होती हैं जिनमें प्रौद्योगिकी की मदद से कच्चे माल को
तैयार वस्तुओं में परिवर्तित किया जाता है।
*
द्वितीयक क्रियाएँ अप्रत्यक्षतः प्रकृति से संबंधित होती हैं।
*
कपास से कपड़े, गन्ने से चीनी, लौह अयस्क से स्टील तथा जानवरों से डेरी उत्पादों का
निर्माण, द्वितीयक क्रियाओं के उदाहरण हैं।
*
द्वितीयक क्रियाएँ जटिल होती हैं और प्रौद्योगिकी पर भारी पूँजी निवेश की आवश्यकता
होती है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. निम्न में से कौन-सा कथन असत्य है?
(क)
हुगली के सहारे जूट के कारखाने सस्ती जल यातायात की सुविधा के कारण स्थापित हुए।
(ख) चीनी, सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छंद उद्योग है।
(ग)
खनिज तेल एवं जल विद्युत शक्ति के विकास ने उद्योगों की अवस्थिति कारक के रूप में कोयला
शक्ति के महत्व को कम किया है।
(घ)
पत्तन नगरों ने भारत में उद्योगों को आकर्षित किया है।
2. निम्न में से कौन-सी एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत
होता है?
(क) पूंजीवादी
(ख)
मिश्रित
(ग)
समाजवाद
(घ)
कोई भी नहीं
3. निम्न में से कौन-सा प्रकार का उद्योग अन्य उद्योगों के लिए कच्चे
माल का उत्पादन करता है?
(क)
कुटीर उद्योग
(ख)
छोटे पैमाने के उद्योग
(ग) आधारभूत उद्योग
(घ)
स्वच्छंद उद्योग
4. निम्न में से कौन-सा एक जोड़ा सही मेल खाता है?
(क)
स्वचालित वाहन उद्योग ... लॉस एंजिल्स
(ख)
पोत निर्माण उद्योग...लूसाका
(ग)
वायुयान निर्माण उद्योग... फ़लोरेंस
(घ) लौह-इस्पात उद्योग..... पिट्सबर्ग
5. निम्न में से कौन सा उपभोक्ता उद्योग है
(क)
सीमेंट
(ख) पेटोलियम
(ग)
शक्कर
(घ)
लोहा इस्पात
6. निम्न में से कौन-सा लघु उद्योग है ?
(क) गलीचे बनाना
(ख)
सूती वस्त्र बनाना
(ग)
चीनी बनाना
(घ)
रेल के इंजन बनाना
7. निम्न में से कौन सा कुटीर उद्योग नहीं है?
(क)
दरिया बनाना
(ख)
चटाई बनाना
(ग)
चीनी मिट्टी के बर्तन बनाना
(घ) चीनी बनाना
8. मानचेस्टर किस उद्योग के लिए प्रसिद्ध है?
(क) सूती वस्त्र
(ख)
ऊनी वस्त्र
(ग)
लोहा इस्पात
(घ)
कागज
9. निम्नलिखित में से कौन सा द्वितीयक क्रियाकलाप है?
(क)
डॉक्टर
(ख)
शिक्षक
(ग) औजार बनाना
(घ)
कृषि
10. पेट्रोकेमिकल उद्योग में अग्रणी देश का नाम है?
(क)
जापान
(ख) संयुक्त राज्य अमेरिका
(ग)
चीन
(घ)
भारत
11. टोयोटा कंपनी किस देश की है?
(क) ग्रेट ब्रिटेन
(ख)
जापान
(ग)
जर्मनी
(घ)
फ्रांस
12. जापान का डेट्रायट किसे कहा जाता है?
(क)
टोक्यो
(ख) नगोया
(ग)
नागासाकी
(घ)
ओसाका
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. विश्व के वृहद औद्योगिक प्रदेशों के दो समूह के नाम बताएं?
उत्तर-
विश्व के वृहद औद्योगिक प्रदेशों के दो समूह के नाम निम्नलिखित है.
1.
यूनाइटेड किंगडम सहित पश्चिमी यूरोपीय औद्योगिक प्रदेश
2.
संयुक्त राज्य अमेरिका का उत्तर पूर्वी औद्योगिक प्रदेशा
2. आधारभूत उद्योग क्या है ?
उत्तर
आधारभूत उद्योग के अन्य उद्योगों को अपने उत्पादों के द्वारा कच्चा - माल प्राप्त कराते
है। जैसे लोहा इस्पात उद्योग अन्य मशीनरी उद्योगों के लिए इस्पात रूपी कच्चा माल उपलब्ध
कराता हैं । इसलिए लोहा इस्पात उद्योग आधारभूत उद्योग कहलाता है।
3. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों वर्गीकरण कीजिए?
उत्तर-
स्वामित्व के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण तीन प्रकार से किया जाता है
1.
निजी क्षेत्र के उद्योग 2. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग 3. संयुक्त क्षेत्र के उद्योग
4. द्वितीयक क्रिया से क्या समझते हैं?
उत्तर-
द्वितीयक क्रिया में प्रकृति प्रदत्त संसाधनों का प्रत्यक्ष उपयोग ना करके उसे साफ
परिष्कृत अथवा उनका रूप परिवर्तित कर उपयोग किया जाता है। इसमें प्राथमिक उत्पादों
से नए वस्तुएँ तैयार की जाती है इसलिए इन वस्तुओं को तैयार करने वाले उद्योग गौण या
द्वितीयक व्यवसाय कहा जाता है।
5. कुटीर उद्योग को परिभाषित कीजिए?
उत्तर-
घर में किए जाने वाले छोटे पैमाने के उद्योग कुटीर उद्योग कहलाते हैं। यह विनिर्माण
की सबसे लघु इकाई होते हैं।
6. उपभोक्ता उद्योग से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
उपभोक्ता उद्योग के उत्पाद का प्रयोग अधिकतर लोग दैनिक जीवन में करते हैं, इन्हें गैर
आधारभूत उद्योग भी कहा जाता है। जैसे- कागज, वस्त्र एवं खाद्य पदार्थ आदि के उद्योग
।
7. उद्योगों के स्थानीयकरण से क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
किसी निश्चित क्षेत्र या प्रदेश में उद्योगों के जमाव को उद्योगों का स्थानीकरण कहते
हैं। अतः ऐसे भौगोलिक कारक या सुविधाएं जो उद्योगों की स्थापना हेतु आवश्यक है, जब
किसी स्थान पर उपलब्ध होती है, तो उस स्थान पर उद्योग सकेंद्रित हो जाते हैं जिससे
उद्योगों का स्थानीयकरण कहा जाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
8. उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग पर टिप्पणी लिखिए?
उत्तर-
उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग निर्माण क्रियाओं में नवीनतम पीढ़ी है। इसमें उन्नत वैज्ञानिक
और इंजीनियरिंग उत्पादकों का निर्माण गहन शोध तथा विकास के प्रयोग द्वारा किया जाता
है। संपूर्ण श्रमिक शक्ति का अधिकतर भाग व्यवसायिक (सफ़ेद कॉलर) श्रमिकों का होता है।
ये उच्च दक्ष तथा विशिष्ट व्यवसायिक श्रमिक वास्तविक उत्पादन (नीला कॉलर श्रमिकों से
संख्या में अधिक होते हैं। उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग में यंत्रमानव, कम्प्यटर आधारित
डिज़ाइन (कैड) और निर्माण, धातु पिघलाने तथा शोधन के इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण व नए रासायनिक
तथा औषधीय उत्पाद प्रमुख स्थान रखते हैं।
9. विनिर्माण पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
विनिर्माण, किसी भी वस्तु का उत्पादन है। विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है 'हाथ से बनाना
फिर भी इसमें यंत्रों द्वारा बनाया गया सामान भी शामिल किया जाता है। हस्तशिल्प कार्य
से लेकर लोहे तथा इस्पात को गढ़ना या बनाना, प्लास्टिक के खिलौने बनाना, कम्प्यूटर
के अति सूक्ष्म घटकों को जोड़ना तथा अंतरिक्ष यान निर्माण इत्यादि सभी प्रकार के उत्पादन
को निर्माण के अंतर्गत ही माना जाता है। विनिर्माण की सभी प्रक्रियाओं में कुछ साधारण
विशेषताएँ होती हैं, जैसे शक्ति का उपयोग एक ही प्रकार की वस्तुओं का बड़ा उत्पादन
तथा कारखानों में विशिष्ट रमिक जो मानक वस्तुओं का उत्पादन करते हैं। विनिर्माण आधुनिक
शक्ति के साधन तथा मशीनरी के द्वारा या पुराने साधनों द्वारा किया जाता है। तृतीय विश्व
के अधिकतर देशों में विनिर्माण को अब भी शाब्दिक अर्थों में प्रयोग किया जाता है।
10. स्वच्छंद उद्योग पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर-
स्वच्छंद उद्योग व्यापक विविधता वाले स्थानों में स्थित होते हैं। यह किसी विशिष्ट
कच्चे माल जिनके भारत में कमी हो रही है अथवा नहीं, पर निर्भर नहीं रहते हैं। यह उद्योग
संघटक पुर्जों पर निर्भर रहते हैं जो कहीं से भी प्राप्त किए जा सकते हैं। इसमें उत्पादन
कम मात्रा में होता है, एवं श्रमिकों की भी कम जरूरत होती है। साधारणतः ये उद्योग प्रदूषण
नहीं फैलाते। इनकी स्थापना में महत्वपूर्ण कारक सड़कों के जाल द्वारा अभिगम्यता होती
है।
11. उत्पादों की स्वरूप के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण कितने प्रकार
से किया जा सकता है?
उत्तर-
उत्पादों के स्वरूप के आधार पर उद्योगों को दो वर्गों में रखा जाता है।
(क)
आधारभूत उद्योग- इन उद्योगों में उत्पादित उत्पादों का प्रयोग
अन्य प्रकार के उत्पादन प्राप्त करने में किया जाता है अर्थात् उद्योग जिनके उत्पाद
को अन्य वस्तुएँ बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त किया जाता है उन्हें आधारभूत
उद्योग कहा जाता है। जैसे लोहा इस्पात उद्योग, सूती वस्त्र उद्योग ।
(ख)
उपभोग वस्तु निर्माण उद्योग- इस प्रकार के उद्योगों में वस्तुओं का
उत्पादन सीधे उपभोग के लिए किया जाता है। जैसे- वस्त्र, तेल, बिस्कुट, चाय, कागज, रेडियो,
टेलीविजन आदि।
12. कच्चे माल के आधार पर उद्योगों का वर्गीकरण करें,?
उत्तर-
कच्चे माल के आधार पर उद्योगों को निम्न भागों में बांटा जा सकता है:
(क)
कृषि आधारित उद्योग- जिस उद्योग में कच्चे माल केरूप में कृषि से
प्राप्त उत्पादों का प्रयोग करते हैं उसे कृषि आधारित उद्योग कहा जाता है। जैसे चीनी,
सुती व रेशमी वस्त्र उद्योग, जूट, चाय, कॉफी रबर आदि
(ख)
रसायन आधारित- उद्योग जब कच्चे माल के रूप में खनिजों का प्रयोग
करते हैं उसे खनिज आधारित उद्योग कहते हैं। जैसे लोह इस्पात उद्योग, तांबा एल्युमिनियम
एवं स्व आभूषण उद्योग।
(ग)
वन आधारित उद्योग- उद्योगों में वनों में प्राप्त उत्पादों का
प्रयोग होता है जैसे कागज एवं लुगदी बनाना, दियासलाई, फर्नीचर उद्योग, लाख उद्योग तारपीन
का तेल उद्योग आदि।
(घ)
रसायन आधारित उद्योग- इस वर्ग के उद्योग में कच्चे माल के रूप में
प्राकृतिक रूप में पाए जाने वाले रासायनिक पदार्थों का उपयोग करते हैं। जैसे पेटो रसायन
उद्योग, नमक उद्योग, गंधक उद्योग, पोटाश उद्योग एवं प्लास्टिक उद्योग।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1 प्राथमिक एवं द्वितीयक गतिविधियों में क्या अंतर है?
उत्तर
- प्राथमिक गतिविधियाँ-
आर्थिक
क्रियाओं में प्रमुख रूप से प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग से उत्पादन किया जाता है तो
उन क्रियाओं को प्राथमिक क्षेत्र के अंतर्गत रखा जाता है। मानव प्राथमिक क्रियाकलापों
के द्वारा हर रूप में वस्तुएं प्राप्त करता है। प्राथमिक गतिविधियों के उदाहरण- कृषि,
संग्रहण तथा मछली पकड़ना, खनन, पशुचारण आदि।
प्राथमिक
गतिविधियों से उद्योगों को कच्चा माल मिलता है। ये वे क्षेत्र हैं, जहाँ अभी तक आधुनिक
प्रौद्योगिकी तथा तकनीकी का विकास और हस्तक्षेप नहीं हुआ।
प्राथमिक
गतिविधि प्राकृतिक पर्यावरण से प्राप्त संसाधनों के विकास से संबंधित है।
द्वितीयक
गतिविधियाँ
प्राकृतिक
उत्पादों को विनिर्माण प्रणाली के द्वारा अन्य रूपों में परिवर्तित किया जाता है उसे
द्वितीयक क्षेत्र कहते हैं। द्वितीयक क्रियाकलापों में उद्योगों को सम्मिलित किया जाता
है जो विभिन्न वस्तुओं का निर्माण करते हैं। द्वितीयक गतिविधियों के उदाहरण- बीमा,
बैंकिंग, विनिर्माण उद्योग, डेयरी उद्योग, कुटीर उद्योग, यातायात व्यापार आदि|द्वितीयक
गतिविधियों से कच्चे माल का परिष्करण होता है तथा उसकी उपयोगिता बढ़ती है। विश्व के
इन क्षेत्रों को आधुनिकी प्रौद्योगिकीकरण उच्च स्तर तक पहुँच चुका है। द्वितीयक गतिविधि
मनुष्य द्वारा कच्चे माल को संशोधित करके उसे नई वस्तुओं में बदलने से है।
2. अफ्रीका में अपरिमित प्राकृतिक संसाधन हैं फिर भी औद्योगिक दृष्टि
से यह बहुत पिछड़ा महाद्वीप है। समीक्षा कीजिए।
उत्तर-
भौगोलिक विस्तार और जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा महाद्वीप अफ्रीका
प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। परंतु संसाधनों की प्रचुरता के पश्चात भी यह महाद्वीप
औद्योगिक दृष्टि अपेक्षाकृत कमज़ोर है। संसाधनों की दृष्टि से देखा जाए तो अफ्रीका
में कोबाल्ट, हीरा, प्लेटिनम, क्रोमियम जैसी बहुमूल्य धातुओं का बड़ा भंडार पाया जाता
है। उदाहरण- बोत्सवाना और कांगो गणराज्य हीरे के उत्पादन के लिए बहुत अहम है। इसके
अतिरिक्त दक्षिण अफ्रीका के किम्बरले ओर प्रिटोरिया विश्व के मुख्य हीरा उत्पादक क्षेत्रों
में सम्मिलित हैं। आधुनिक समय में सर्वाधिक बहुमूल्य धातु में से एक माने जाने वाले
सोना का सबसे अधिक उत्पादन दक्षिण अफ्रीका में होता है। यहाँ का जोहान्सबर्ग स्वर्ण
खनन के लिए विश्व है। इसके अतिरिक्त ताँबा, मैंगनीज, एस्बेस्टस, यूरेनियम जैसे खनिज
भी अफ्रीका में सबसे अधिक बॉक्साइट उत्खनन गिनी में, ताँबे का भंडार जायरे की कटंगा
प्रदेश में और गाइट का निक्षेप मेडागास्कर देश में पाया जाता है। धातु के अतिरिक्त
यहाँ जीवाश्म आधारित खनिज भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। अफ्रीका के नाइजीरिया
अल्जीरिया, ट्यूनीशिया जैसे प्रदेश पेट्रोलियम की दृष्टि से अहम है। कृषि आधारित संसाधन
भी अफ्रीका में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। केन्या चाय उत्पादन के लिए प्रसिद्ध
है। वहीं दक्षिण अफ्रीका का डरबन रसदार फलों के उत्पादन हेतु प्रसिद्ध है। घाना के
निकटवर्ती क्षेत्र कोको उत्पादन तथा निर्यात के लिए विश्व प्रसिद्ध है वहीं अफ्रीका
के मरुस्थल पशुपालन की दृष्टि से महत्वपूर्ण है परंतु प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता
के पश्चात भी औद्योगिक दृष्टि से अफ्रीका महाद्वीप बहुत पिछड़ा है।
3.
उद्योगों के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले कौन कौन से कारक हैं?
उत्तर-
उद्योगों के स्थानीयकरण को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित कारक है-
क.
कच्चे माल की निकटता- निर्माण उद्योग की सबसे पहली आवश्यकता कच्चे
माल की होती है जिसका रूप और उपयोग बदलकर मूल्य वृद्धि की जाती है अतः जहां पर कच्चे
माल की निकटता होगी विनिर्माण उद्योगों का स्थानीयकरण भी वहीं पर होगा।
ख.
पूंजी की सुलभता- किसी भी उद्योग को चलाने के लिए पर्याप्त पूंजी
की आवश्यकता होती है अतः पूंजी की सुलभता विनिर्माण उद्योगों का स्थानीयकरण में महत्वपूर्ण
स्थान रखती है।
ग.
शक्ति के साधनों की निकटता- वर्तमान समय में समस्त निर्माण उद्योग
किसी न किसी शक्ति के संसाधन पर निर्भर रहते हैं जैसे कोपला, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस,
जल विद्युत आदि शक्ति के संसाधन है क्योंकि बिना बिजली के कोई भी उद्योग को नहीं संचालित
किया जा सकता है अतः शक्ति के साधनों की निकटता आवश्यक है।
घ.
परिवहन के साधनों की सुविधा- कच्चे माल को फैक्ट्री तक लाने के लिए
और निर्मित माल को बाजार तक पहुंचाने के लिए सस्ता और गतिमान परिवहन औद्योगिक विकास
के लिए आवश्यक है। अतः वर्तमान समय में उद्योगों के स्थानीयकरण में परिवहन के साधनों
का सुविधा जैसे- रेल, सड़क, हवाई मार्ग से जुड़ा होना आवश्यक है।
ङ.
बाजार की निकटता- बाजार से निकटता वाले औद्योगिक क्षेत्रों में
उत्पादित वस्तुओं की खपत अधिक होती है, क्योंकि वैसे क्षेत्रों में अधिक संख्या में
उपभोक्ता आसानी से उपलब्ध होते हैं। अतः निर्मित वस्तुओं के खपत हेतु बाजार की निकटता
आवश्यक है।
च.
अनुकूल जलवायु- किसी भी उद्योग की स्थापना के लिए अनुकूल जलवायु
का होना एक महत्वपूर्ण कारक है। अतः उद्योग ऐसे स्थानों पर स्थापित किए जाते हैं जहां
की जलवायु स्वास्थ्यप्रद हो। किसी उद्योग को विशेष जलवायु की आवश्यकता होती है। जैसे
सूती वस्त्र उद्योग के लिए आर्द जलवायु । क्योंकि इस जलवायु में धागा महीन तथा कम टूटता
है। अतः सूती वस्त्र उद्योग को आर्द जलवायु में ही स्थापित किया जाता है।
छ.
कुशल और सस्ते श्रमिक- कुशल एवं सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता वाले क्षेत्र
उद्योगों की अवस्थिति के लिए अनुकूल होते हैं। जैसे अलीगढ़ में ताला निर्माण उद्योग
एवं महाराष्ट्र में सूती वस्त्र उद्योग का विकास।
ज.
सरकारी संरक्षण- किसी भी उद्योग को चलाने के लिए उद्योगों को
सरकारी संरक्षण में होना आवश्यक है ताकि वह अच्छे से विकास कर पाए।
4. संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख लौह इस्पात उद्योग केंद्रों का
वर्णन कीजिए ?
उत्तर-
संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रमुख लौह इस्पात उद्योग केंद्र निम्नलिखित हैं:-
क.
उत्तरी अप्लेशियन प्रदेश- संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे बड़ा तथा
महत्वपूर्ण लोहा इस्पात उत्पादक क्षेत्र है यह क्षेत्र पश्चिमी पेंसिलवेनिया से लेकर
पूर्वी ओहियो राज्य तक फैला हुआ है। इस प्रदेश की दो मुख्य प्रदेश है।
ख. पिट्सबर्ग - यंगस्टाउन प्रदेश- पिट्सबर्ग यंगस्टाउन प्रदेश संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे बड़ा इस्पात उत्पादक क्षेत्र माना जाता है यहां पर लगभग संयुक्त राज्य अमेरिका का 35% लोहा तथा इस्पात तैयार किया जाता है। क्षेत्र का विस्तार ओहियो, मोनेगहेला तथा अलैधनी नदियों की घाटियों में है तथा प्रमुख इस्पात केंद्र पिट्सबर्ग, मिडिलटन आर्यन वारेन पोर्ट्समाउथ तथा जॉन्सटाउन इत्यादि है।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
भाग 'अ' मानव भूगोल के मूलभूत सिद्धांत | |
1 | |
2 | |
3 | |
4 | |
5 | |
6 | |
7 | |
8 | |
9 | |
10 | |
भाग 'ब'- भारत : लोग और अर्थव्यवस्था | |
1 | |
2 | |
3 | |
4 | |
5 | |
6 | |
7 | |
8 | |
9 | |
10 | |
11 | |
12 | |