प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Geography
9. अंतरराष्ट्रीय व्यापार INTERNATIONAL TRADE
पाठ के मुख्य बिंदु
*
व्यापार का तात्पर्य वस्तुओं और सेवाओं के स्वैच्छिक आदान-प्रदान से होता है, व्यापार
के दो पक्ष होते हैं, बेचने वाला एवं खरीदने वाला।
*
व्यापार के दो स्तर होते हैं, अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं राष्ट्रीय व्यापार ।
*
जब सेवाओं का आदान-प्रदान अर्थात् व्यापार दो देशों के मध्य होता है, तो उसे अंतरराष्ट्रीय
व्यापार कहा जाता है।
*
जब किसी देश के अंदर व्यापार होता है तो उसे राष्ट्रीय व्यापार कहा जाता है।
*
आयात: जब वस्तुओं को दूसरे देशों या जगहों से मंगाया जाता है, तो उसे आयात कहते हैं।
*
निर्यात जब वस्तुओं को दूसरे देशों या जगहों में भेजा जाता है, तो उसे निर्यात कहते
हैं।
*
वस्तु विनिमय दो पक्षों के मध्य परस्पर लाभ के लिए मुद्रा के जगह पर, वस्तुओं का ही
एक दूसरे से आदान-प्रदान करते हैं तो उसे वस्तु विनिमय कहते हैं।
*
विश्व युद्ध के बाद के समय के दौरान व्यापार व शुल्क हेतु सामान्य समझौता (GATT) जैसे
संस्थाओं ने जो कि बाद में विश्व व्यापार ( संगठन WTO बना) शुल्क को घटाने में सहायता
की।
*
विश्व व्यापार संगठन एक अंतरराष्ट्रीय संगठन, जो विश्वव्यापी व्यापार तंत्र के नियमों
का निर्धारण करता है।
*
व्यापार का उदारीकरण व्यापार हेतु अर्थव्यवस्था को खोलने का कार्यमुक्त व्यापार या
व्यापार उदारीकरण कहलाता है।
*
व्यापार संघ व्यापार संघ ऐसे देशों का समूह होता है जिनके भीतर व्यापारिक अनुबंधों
की समान्यीकृत प्रणाली कार्य करती है।
*
व्यापार संतुलन: देश के निर्यात और आयात के कुल मूल्यों के बीच अंतर जब आयात की तुलना
में निर्यात की अधिकता होती है तो इसे अनुकूल व्यापार संतुलन और यदि निर्यात कम और
आयात अधिक होते हैं तो उसे प्रतिकूल व्यापार संतुलन कहा जाता है।
*
पतन जलयानों पर यात्रियों को चढ़ाने व उतारने, माल लादने और चढ़ाने के साथ, नौभार के
भंडारण की सुविधाओं से युक्त पोताश्रय का एक वाणिज्यिक भाग पतन या बंदरगाह कहलाता है।
*
पोताश्रय जल का एक विस्तृत क्षेत्र जहां जलयान, सागर और प्राकृतिक लक्षणों अथवा कृत्रिम
कार्यों से उत्पन्न सागर की महातरंगों से सुरक्षा प्राप्त करने के लिए लंगर डालते हैं।
*
डंप करना लागत की दृष्टि से नहीं वरन भिन्न-भिन्न कारणों से अलग- अलग कीमत की किसी
वस्तु को दो देशों में विक्रय करने की प्रथा डंप करना कहलाती है।
*
विश्व व्यापार संगठन का मुख्यालय जिनेवा (स्विट्जरलैंड ) में स्थित है।
*
विश्राम पतन या मार्ग पतन ऐसे पतन, जो मूल रूप से मुख्य समुद्री मार्गों पर विश्राम
केंद्र के रूप में विकसित हुए। जहां पर जहाज पुनः ईंधन भरने, जल भरने तथा खाद्य सामग्री
लेने के लिए लंगर डालने का काम करते थे। बाद में वे वाणिज्यिक पतनों के रूप में विकसित
हुए। अदन, होनोलूलू तथा सिंगापुर इसके अच्छे उदाहरण है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. संसार के अधिकतम महान पत्तन इस प्रकार वर्गीकृत किए गए हैं।
(क)
नौसेना पत्तन
(ख) विस्तृत पत्तन
(ग)
तेल पत्तन
(घ)
औद्योगिक पत्तन
2. निम्नलिखित महाद्वीपों में से किस एक से विश्व व्यापार का सर्वाधिक
प्रवाह होता है?
(क)
एशिया
(ख)
यूरोप
(ग) उत्तरी अमेरिका
(घ)
अफ्रीका
3. दक्षिण अमेरिकी राष्ट्र में से कौन सा एक ओपेक का सदस्य है?
(क)
ब्राजील
(ख) वेनेजुएला
(ग)
चिल्ली
(घ)
पेरू
4. निम्न व्यापार समूहों में से भारत किस का एक सदस्य है?
(क) साफ्टा
(ख)
आसियान
(ग)
ओईसीडी
(घ)
ओपेक
5. सार्क देशों में शामिल नहीं है।
(क)
भारत
(ख)
पाकिस्तान
(ग)
मालदीव
(घ) अफगानिस्तान
6. 1995 में गेट का रूप बदलकर किस संगठन का उदय हुआ
(क) विश्व व्यापार संगठन
(ख)
यूरोपीय संघ
(ग)
नाफ्टा
(घ)
आसियान
7. 1948 में स्थापित संगठन GATT का पूरा नाम क्या है?
(क)
ग्रुप ऑफ एशियन ट्रेड एंड टेरिफ
(ख) जनरल एग्रीमेंट ऑन ट्रेड एंड टेरिफ
(ग)
जनरल एशियन ट्रेड टेन्योर
(घ)
ग्रुप ऑफ टेबल टेनिस
8. डब्ल्यूटीओ का मुख्यालय कहां है?
(क) जेनेवा
(ख)
जकार्ता
(ग)
वियाना
(घ)
मान्टेवीडियो
9. आयात-निर्यात के बीच मूल्यों में अंतर को क्या कहते हैं?
(क)
असंतुलित व्यापार
(ख)
विलोम व्यापार
(ग) व्यापार संतुलन
(घ)
अनुकूल व्यापार संतुलन
10. निम्न में से अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रकार कौन-कौन है?
(क)
द्वि पार्श्विक व्यापार
(ख)
बहु पार्श्विक व्यापार
(ग)
व्यापार
(घ) क और ख दोनों
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य कौन से हैं?
उत्तर-
विश्व व्यापार संगठन के आधारभूत कार्य निम्नलिखित हैं-
*
यह विश्वव्यापी व्यापार तंत्र के लिए नियमों को निश्चित करता है।
*
सदस्य देशों के बीच विवादों का निपटारा करता है।
*
व्यापार संबंधी मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए मंच प्रदान करता है।
*
विश्व संसाधनों का अनुकूलतम प्रयोग के लिए प्रोत्साहित करता है।
2. ऋणात्मक भुगतान संतुलन का होना किसी देश के लिए क्यों हानिकारक होता
है?
उत्तर-
ऋणात्मक भुगतान संतुलन या प्रतिकूल व्यापार संतुलन से आशय उस स्थिति से है जब निर्यातों
की तुलना में आयात अधिक हो अर्थात वस्तुओं के आपात के लिए किए गए भुगतान वस्तुओं के
निर्यात से प्राप्त राशि से अधिक हो।
*
इस स्थिति में देश की विदेशी मुद्रा भंडार कम होती जाती है।
*
देश के उद्योगों पर दबाव बढ़ता जाता है।
3. व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को क्या लाभ प्राप्त
होते हैं?
उत्तर:-
व्यापारिक समूहों के निर्माण द्वारा राष्ट्रों को निम्न लाभ प्राप्त होते
*
विभिन्न आवश्यकताओं और उद्देश्यों की समानता लिए देशों के समूह लाभ पूर्ण व्यापार हेतु
संगठनों का निर्माण करते हैं।
*
इन संगठनों में व्यापारिक अनुबंधों की सामान्यीकृत प्रणाली कार्य करती है जिससे सबंधित
देशों के बीच व्यापार निर्बाध रूप से संपन्न हो सके।
*
प्रत्येक संबंधित देश को इन संगठनों द्वारा विकास करने के बराबर अवसर प्रदान किए जाते
हैं।
*
कुछ महत्वपूर्ण व्यापारिक समूह सार्क, आसियान, EU OPEC आदि
4. मुक्त व्यापार से आप क्या समझते हैं? इसके गुण एवं दोष बताइए ।
उत्तर-
जब दो देशों के बीच व्यापारिक बाधाएं हटा दी जाती हैं तो उसे मुक्त व्यापार या व्यापार
उदारीकरण कहा जाता है। मुक्त व्यापार हेतु सीमा शुल्क को पूर्ण रूप से समाप्त या कम
किया जाता है साथ ही अन्य व्यापारिक बाधाओं का निराकरण किया जाता है।
गुण
*
मुक्त व्यापार से घरेलू उत्पादों एवं सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा मिलती हैं।
*
व्यापार एवं उत्पादन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
दोष
*
मुक्त व्यापार द्वारा विकसित देश अपने उत्पादों को कम दामों में बड़ी मात्रा में अविकसित
और विकासशील देशों को भेजते हैं जिससे वहां के उद्योग बंद हो जाते हैं।
*
मुक्त व्यापार द्वारा विकसित एवं विकासशील देश प्रसंस्कृत वस्तुओं एवं नवीन तकनीकी
हेतु पूर्ण रूपेण विकसित देशों पर निर्भर हो जाते हैं इससे इनकी अर्थव्यवस्था को हानि
होती है।
5. अंतरराष्ट्रीय व्यापार के तीन महत्वपूर्ण पक्ष क्या है?
उत्तर-
दो देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के क्रय-विक्रप को अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहते हैं।
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के तीन महत्वपूर्ण पक्ष है.
*
व्यापार का परिमाण
*
व्यापार का संयोजन
*
व्यापार की दिशा
6. व्यापार संतुलन से क्या समझते हैं? इसके प्रकारों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:-
दो या दो से अधिक देशों के मध्य निश्चित समय में होने वाले आयात निर्यात के अंतर को
व्यापार संतुलन या व्यापार शेष करते हैं। अर्थात किसी देश का व्यापार संतुलन वह संबंध
है जो एक निश्चित समयावधि में उसके आयात तथा निर्यात के मूल्यों के बीच पाया जाता है।
व्यापार संतुलन दो प्रकार का होता है :-
क.
ऋणात्मक या प्रतिकूल व्यापार संतुलन प्रतिकुल व्यापार संतुलन से आशय उस स्थिति से है
जब निर्यातों की तुलना में आपात अधिक हो।
ख.
धनात्मक या अनुकूल व्यापार संतुलन अनुकूल व्यापार संतुलन से आशय उस स्थिति से है जब
आयात की तुलना में निर्यात अधिक हो।
7. अंतरराष्ट्रीय व्यापार में डंपिंग से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:-
जब कोई देश या फर्म अपने घरेलू बाजार में किसी उत्पाद की कीमत से कम कीमत पर उस उत्पाद
का निर्यात करती है तो इसे डंपिंग कहा जाता है। इससे आयातित देश में उसके उत्पाद की
कीमत प्रभावित होती है और स्थानीय विनिर्माण उद्योगों को हानि पहुंचती है।
8. अंतरराष्ट्रीय व्यापार की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर
:- अंतरराष्ट्रीय व्यापार की आवश्यकता के निम्न कारण हैं-
*
विश्व में विभिन्न देशों के बीच प्राकृतिक संसाधनों का असमान वितरण मिलता है, जो अंतरराष्ट्रीय
व्यापार को आवश्यक बनाता है।
*
अलग-अलग देशों में उत्पादन के विभिन्न कारक जैसे- पूंजी, प्रौद्योगिकी, कच्चे माल की
उपलब्धता, सस्ते एवं कुशल श्रमिकों की उपलब्धता आदि में अंतर दिखाई देती है। जो स्थान
विशेष को वस्तु विशेष के उत्पादन हेतु अनुकूल बनाता है, जिससे वे कम लागत पर वस्तुओं
का उत्पादन कर पाते हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलता है।
9. अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रकार कौन-कौन से हैं?
उत्तरः-
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के दो प्रकार होते हैं
क.
द्वि-पार्श्विक व्यापार देशों द्वारा एक दूसरे के साथ किया जाने वाला व्यापार द्वि
पार्श्विक व्यापार कहलाता है। ये विभिन्न समझौतों द्वारा आपस में निर्दिष्ट वस्तुओं
के व्यापार के लिए सहमत होते हैं।
ख.
बहू-पार्श्विक व्यापार बहुत से देशों के साथ किया जाने वाला व्यापार बहु पार्श्विक
व्यापार कहलाता है।
10. अवस्थिति के आधार पर पत्तनों की व्याख्या करें-
उत्तर:-
अवस्थिति के आधार पर पतन निम्न प्रकार के हैं-
*
अंतर्देशीय पत्तन - यह पतन समुद्री तट से दूर अवस्थित होते हैं। यह समुद्र से एक नदी
अथवा नहर द्वारा जुड़े होते हैं। जैसे- कोलकाता, हुगली नदी पर स्थित है।
*
बाह्य पतन यह गहरे जल के पतन है, जो वास्तविक पतन से दूर बने होते हैं। यह उन जहाजों,
जो अपने बड़े आकार के कारण उन तक पहुंचने में अक्षम है, को ग्रहण करके मुख्य पतनों
को सेवा प्रदान करते हैं।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. पत्तन किस प्रकार व्यापार के लिए सहायक होते हैं? पत्तन का वर्गीकरण
उनकी अवस्थिति के आधार पर कीजिए।
उत्तरः-
पतन व्यापार के लिए सहायक होते हैं, इसे निम्नलिखित बिन्दुओं द्वारा स्पष्ट किया जा
सकता है।
*
पतन अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रवेश द्वार होते हैं।
*
इन्हीं पत्तनों के द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वस्तुओं का लेनदेन संभव हो पाता है।
*
पत्तन वस्तुओं के अतिरिक्त यात्रियों के एक भाग से दूसरे भाग में जाने का साधन होते
हैं।
*
पत्तन व्यापार हेतु जहाज में सामान लादने, उतारने तथा भंडारण में सुविधा प्रदान करते
हैं।
*
पत्तन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वृहद मात्रा में वस्तुओं को लंबी दूरी तक कम लागत में
लाने ले जाने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है।
*
आज अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अधिकांश समुद्री भागों से ही संपन्न हो रहा है जो पत्तन
के माध्यम से संभव है।
अवस्थिति
के आधार पर पत्तनों को दो भागों में विभाजित किया जाता है-
क.
अंतर्देशीय पत्तन- यह पतन समुद्री तट से दूर अवस्थित होते हैं। यह समुद्र से एक नदी
अथवा नहर के द्वारा जुड़े होते हैं। जैसे कोलकाता, जो हुगली नदी पर स्थित है एक अंतर्देशीय
पत्तन है।
ख.
बाह्य पतन - यह गहरे जल के पतन है जो वास्तविक पतन से दूर बने होते हैं। यह उन जहाजों,
जो अपने बड़े आकार के कारण उन तक पहुंचने में अक्षम है को ग्रहण करके पैतृक पतन को
सेवा प्रदान करते हैं। एथेंस तथा यूनान में बाह्य पत्तन पिरेअस एक उच्च कोटि का संयोजक
है।
2. अंतरराष्ट्रीय व्यापार कैसे लाभ पहुंचाते हैं?
उत्तर:-
विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का लेनदेन अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहलाता है।
इससे विश्व को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं-
*
ऐसा विश्वास किया जाता है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार द्वारा दोनों ही देश लाभ प्राप्त
करते हैं।
*
प्राचीन समय से ही अंतरराष्ट्रीय व्यापार देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के लेन-देन
का माध्यम बना हुआ है।
*
अंतरराष्ट्रीय व्यापार उत्पादन में विशिष्टीकरण करण को बढ़ावा देता है जिसके फलस्वरूप
उस देश में वस्तुओं के मूल्य में गिरावट तथा गुणवत्ता में वृद्धि होती है।
*
आज विश्व के कई देश कुछ खास वस्तुओं के निर्माण में विशेषता हासिल कर लिए हैं।
*
अंतरराष्ट्रीय व्यापार के माध्यम से आयातक देश को वे वस्तुएं उपभोग हेतु प्राप्त हो
जाती हैं, जो वहां उपलब्ध नहीं होती और निर्यातक देश को अतिरिक्त वस्तुओं का निर्यात
कर आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
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भारत में आने वाली कुछ फसलें जैसे तंबाकू, आलू, टमाटर आदि अंतरराष्ट्रीय व्यापार की
ही देन है।
*
आज अंतरराष्ट्रीय व्यापार राष्ट्रों की विदेश नीति का प्रमुख अंग है।
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आज कोई भी देश अंतरराष्ट्रीय व्यापार से मिलने वाले लाभों से वंचित नहीं रहना चाहता।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
भाग 'अ' मानव भूगोल के मूलभूत सिद्धांत | |
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भाग 'ब'- भारत : लोग और अर्थव्यवस्था | |
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