प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Hindi Elective
(ख) कार्नेलिया का गीत
पाठ परिचय
जयशंकर
प्रसाद के सुप्रसिद्ध नाटक 'चंद्रगुप्त की एक नारी पात्रा कार्नेलिया ग्रीक सम्राट
सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस की पुत्री है। वह सिंधु तट पर अवस्थित ग्रीक शिविर में
बैठी भारत की प्राकृतिक सुषमा और भारतीय संस्कृति पर मुग्ध होकर गौरव गान कर रही है।
कार्नेलिया
चंद्रगुप्त की वीरता और सौंदर्य पर मुग्ध है तथा उसे प्रेम करती है, इसलिए प्रिय के
देश की हर चीज उसे प्यारी लगने लगी है। वह यहां के प्राकृतिक सौंदर्य, भारतीय संस्कृति
एवं भारतीयों के विशाल हृदय से अत्यंत प्रभावित है। इस गीत में कार्नेलिया ने इस देश
की अनुपम सुंदरता और संस्कृति की असली पहचान व्यक्त की है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. 'कार्नेलिया का गीत कविता में प्रसाद ने भारत के किन विशेषताओं
की ओर संकेत किया है?
उत्तर
चंद्रगुप्त नाटक से उद्धृत कार्नेलिया का गीत में जयशंकर प्रसाद जी ने भारत की विभिन्न
विशेषताओं की ओर संकेत किया है, जैसे भारत प्राकृतिक रूप से सुंदर है, इसलिए प्रसाद
जी ने भारत को मधुमय कहा है। प्रसाद जी ने इस तथ्य की ओर संकेत किया है कि भारत भूमि
पर ही सूर्य की प्रथम किरण अवतरित होती है। इस देश में हर प्राण को आश्रय सुलभता से
प्राप्त होता है। भारतीयों का हृदय दया, करुणा, सहानुभूति जैसे मानवीय गुणों का भंडार
है। भारतीय सभी के सुख की कामना से जीते हैं, इसलिए भारतीय सभ्यता. संस्कृति विश्व
में महान एवं गौरवशाली मानी जाती है।
प्रश्न 2. 'उड़ते खग' और 'बरसाती आंखों के बादल' में क्या विशेष अर्थ
व्यंजित होता है?
उत्तर
प्रसाद जी ने कार्नेलिया का गीत में उड़ते खगों को जिस दिशा में जाने की बात कही है
वह भारत देश है। यहां आकर पक्षियों तक को आश्रय मिलता है। इतना ही नहीं भारत भूमि पर
आकर सभी जीवों, प्राणियों को आत्मिक शांति एवं संतोष मिलता है। किसी अनजान तक को सहारा
देना भारतीय संस्कृति की ही विशेषता रही है। 'बरसाती आंखों के बादल से यह अर्थ विशेष
रूप से प्रकट होता है। कि भारतीय दया, करुणा, सहानुभूति जैसे मानवीय गुणों से परिपूर्ण
हैं। यहां के लोग दूसरों के दुखों को देख कर दुखी हो उठते हैं, दूसरों के दुख में दुखी
होने से उनके आंखों में आंसू आ जाते हैं।
प्रश्न 3. काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
"हेमकुंभ ले उषा सवेरे भरती ढुलकाती सुख मेरे
मदिर उंघते रहते जब-जगकर रजनी भर तारा। "
उत्तर-
प्रसाद जी ने कविता की इन पंक्तियों में उषा कालीन प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन किया
है। यहां प्रसाद जी ने उषा को पनिहारिन के रूप में उपस्थित करके उषा का मानवीकरण कर
दिया है। प्रसाद जी लिखते हैं कि उषा रूपी पनिहारिन आकाश रूपी कुएं से सूर्यरूपी कलश
में मंगल जल लेकर आ रही है। वह मंगल भावना से उस जल को लोगों पर बिखेर देती है। इस
जल के बिखरने से चारों और सुनहरी आभा बिखर जाती है। इससे पूर्व सभी पर रात की मस्ती
चढ़ी रहती है। तभी तो तारे भी उँघते प्रतीत होते हैं। इन पंक्तियों में मानवीकरण के
साथ-साथ रूपक अलंकार भी द्रष्टव्य है। पंक्तियों में गेयता एवं संगीतात्मकता झलकती
है।
प्रश्न 4. "जहां पहुंच अनजान क्षितिज को मिलता एक सहारा"
पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए-
उत्तर-
इन पंक्तियों का आशय यह है कि भारत वर्ष सभी की आश्रय स्थली है। यहां न केवल पक्षी
बल्कि, अनजान लोग भी सहारा पाते हैं। तात्पर्य यह है कि भारतवासी इतने विशाल हृदय के
स्वामी हैं कि भारत में आकर सभी को आत्मिक सुख व संतोष मिलता है। अनजान लोगों तक को
सहारा देना भारतीयों की विशेषता है। यही भारतीयता की विशेष पहचान है।
प्रश्न 5. कविता में व्यक्त प्राकृतिक चित्रों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
इस कविता में कवि नेप्रकृति के निम्नलिखित मनोहारी चित्र प्रस्तुत किए हैं-
i. सरोवरों में खिले पराग और सुगंध से भरे कमल फूलों
पर पेड़ के शिखरों से छनकर आती हुई किरणें नाचती हुई प्रतीत हो रही है।
ii.
पंख पसार कर उड़ते रंग-बिरंगे पक्षी आकाश में इंद्रधनुषी छटा बिखेर रहे हैं।
iii.
पेड़-पौधों पर फैली सबुह की सुनहरी किरणें मंगल कुंकुम की तरह लगती है।
iv.
प्रातः रूपी उषा रानी सूर्य रूपी स्वर्णघट से किरण रूपी सुख-शांति एवं आनंद की वर्षा
करती है।
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. 'कार्नेलिया का गीत में कवि किस की शोभा का वर्णन करता है
?
उत्तर-
प्रस्तुत कविता में कवि ने ग्रीक सम्राट सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस की बेटी के माध्यम
से भारत की प्राकृतिक सुषमा और सांस्कृतिक गरिमा का चित्रण किया है। कार्नेलिया भारत
की प्रकृति और संस्कृति के प्रति अपने है नेह को व्यक्त करते हुए कहती है कि यह देश
अद्भुत है। इसके कण-कण में माधुरी और सौंदर्य भरा है। भारत पूर्वी देश होने के कारण
सूर्य की किरणें सबसे पहले यहीं पड़ती है। प्रातः काल में सूर्य की किरणें जब हरी हरी
घास के ऊपर बिखरती हैं, तो ऐसा लगता है कि प्रकृति ने जीवन की हरियाली पर मंगल कुमकुम
बिखेर दिया हो। तमाम पक्षी इंद्रधनुष की भांति अपने पंखों को पसार कर शीतल हवा के सहारे
भारतवर्ष को अपना घोंसला समझकर इधर ही आते हैं। यह देश अनजान लोगों को भी सहारा देता
है। यहां के लोग अत्यंत दयालु और परोपकारी हैं। कहानियों में इस देश की अनुपम सुंदरता
और संस्कृति की महानतम विशेषताओं की असली पहचान व्यक्त की गई है। इस देश की संस्कृति
की परम विशिष्टता अनजान को सहारा देना' और लहरों को किनारा देना है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. कार्नेलिया का परिचय दें।
उत्तर-
कार्नेलिया सिकंदर के सेनापति सेल्यूकस की पुत्री है। वह चंद्रगुप्त नाटक की एक नारी
पात्र है। वह भारत की प्रकृति और संस्कृति का गुणगान करते हुए भारत के प्रति अपना प्रेम
व्यक्त करती है।
प्रश्न 2. 'कार्नेलिया का गीत' में किसका वर्णन है?
उत्तर-
कार्नेलिया भारत भूमि की महिमा का बखान कर रही है। प्रातः कालीन लालिमा से युक्त हमारा
यह देश बहुत ही आनंददायी है। विश्व के कोने-कोने से आए ज्ञानियों, जिज्ञासुओं एवं शुभकामनाओं
वाले मनुष्यों को यहां आकर तृप्ति एवं संतुष्टि का अहसास मिलता है।
प्रश्न 3. कार्नेलिया के गीत की क्या विशेषता है?
उत्तर-
कार्नेलिया का गीत के माध्यम से कवि जयशंकर प्रसाद ने भारत की विशेषताओं की ओर संकेत
किया है। इस गीत में उन्होंने भारत के प्राकृतिक सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहा है
कि भारत ही ऐसा देश है, जहां पर सूर्य की किरण सबसे पहले पहुंचती है। भारत के कण-कण
में प्राकृतिक सौंदर्य की भरमार है।
प्रश्न 4. 'कार्नेलिया का गीत' में किसका मानवीकरण किया गया है?
उत्तर-
प्रस्तुत गीत में उषा का मानवीकरण कर उसे पानी भरने वाली स्त्री के रूप में चित्रित
किया गया है। इन पंक्तियों में भोर का सौन्दर्य दिखाई पड़ता है। कवि के अनुसार भोर
रूपी स्त्री सूर्य रूपी सुनहरे घड़े से आकाश रूपी कुँए से मंगल जल भरकर लोगों के जीवन
में सुख के रूप में लुढ़का जाती
अति लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. कार्नेलिया का गीत किस प्रकार का गीत है?
उत्तर-
कार्नेलिया का गीत देश की गौरव गाथा का गीत है। यह देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत है।
प्रश्न 2. स्कंदगुप्त किसका सपना देखते थे?
उत्तर-
स्कंदगुप्त मालवा के धन कुबेर की पुत्री विजया का स्वप्न देखते थे।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. 'कार्नेलिया का गीत कविता प्रसाद जी के किस नाटक से संबंधित
है?
(1) चंद्रगुप्त
(2)
स्कंदगुप्त
(3)
ध्रुवस्वामिनी
(4)
अजातशत्रु
प्रश्न 2. कार्नेलिया कौन थी ?
(1)
चंद्रगुप्त की पुत्री
(2)
सेल्यूकस की बहन
(3) सेल्यूकस की बेटी
(4)
चंद्र गुप्त की बहन
प्रश्न 3. कार्नेलिया किस नदी के तट पर गीत गाती है?
(1) सिंधु नदी के तट पर
(2)
सतलज नदी के तट पर
(3)
यमुना नदी के तट पर
(4)
गंगा नदी के तट पर
प्रश्न 4. 'अरुण यह मधुमय देश हमारा' पंक्ति से क्या आशय है?
(1) भारत देश में लोग प्रेम पूर्ण माहौल में रहते हैं
(2)
यहां की धरती सूखी-सूखी है
(3)
यहां लोगों में परस्पर बैर-भाव है
(4)
उपर्युक्त सभी
प्रश्न 5. 'कार्नेलिया का गीत' कविता का मूल भाव क्या है?
(1) भारत के गौरव व विशेषताओं का बखान करना
(2)
भारत के अतीत की कमियों को उजागर करना
(3)
भारत वासियों के परिश्रमी होने की विशेषता को उजागर करना
(4) भारत के युद्ध कौशल की विशेषताएं बताना
JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
अंतरा भाग 2 | ||
पाठ | नाम | खंड |
कविता खंड | ||
पाठ-1 | जयशंकर प्रसाद | |
पाठ-2 | सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | |
पाठ-3 | सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय | |
पाठ-4 | केदारनाथ सिंह | |
पाठ-5 | विष्णु खरे | |
पाठ-6 | रघुबीर सहाय | |
पाठ-7 | तुलसीदास | |
पाठ-8 | मलिक मुहम्मद जायसी | |
पाठ-9 | विद्यापति | |
पाठ-10 | केशवदास | |
पाठ-11 | घनानंद | |
गद्य खंड | ||
पाठ-1 | रामचन्द्र शुक्ल | |
पाठ-2 | पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी | |
पाठ-3 | ब्रजमोहन व्यास | |
पाठ-4 | फणीश्वरनाथ 'रेणु' | |
पाठ-5 | भीष्म साहनी | |
पाठ-6 | असगर वजाहत | |
पाठ-7 | निर्मल वर्मा | |
पाठ-8 | रामविलास शर्मा | |
पाठ-9 | ममता कालिया | |
पाठ-10 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | |
अंतराल भाग - 2 | ||
पाठ-1 | प्रेमचंद | |
पाठ-2 | संजीव | |
पाठ-3 | विश्वनाथ तिरपाठी | |
पाठ- | प्रभाष जोशी | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | ||
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