12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ - 2 (क) गीत गाने दो मुझे

12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ - 2 (क) गीत गाने दो मुझे

 12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ - 2 (क) गीत गाने दो मुझे

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Elective

पाठ - 2 (क) गीत गाने दो मुझे

कवि परिचय

छायावाद और हिंदी की स्वच्छंदतावादी कविता के प्रमुख आधार स्तंभ निराला का काव्य- संसार बहुत व्यापक है। उनमें भारतीय इतिहास, दर्शन और परंपरा का व्यापक बोध है और समकालीन जीवन के यथार्थ के विभिन्न पक्षों का चित्रण भी। उन्होंने भारतीय प्रकृति और संस्कृति के विभिन्न रूपों का गंभीर चित्रण अपने काव्य में किया है। सन 1916 में प्रकाशित कविता जूही की कली से उनको प्रसिद्धि मिली और वे मुक्त छंद के प्रवर्तक माने गए।

यद्यपि निराला मुक्त छंद के प्रवर्तक माने जाते हैं तथापि उन्होंने विभिन्न छंदों में भी कविताएँ लिखी हैं। उनके काव्य-संसार में काव्य- रूपों की विविधता है। निराला की काव्यभाषा के भी अनेक रूप और स्तर हैं। राम की शक्तिपूजा और तुलसीदास में तत्सम- प्रधान पदावली है, तो भिक्षुक जैसी कविता में बोलचाल की भाषा का सृजनात्मक प्रयोग। भाषा का कसाव, शब्दों की मितव्ययिता और अर्थ की प्रधानता उनकी काव्य भाषा की जानी-पहचानी विशेषताएं हैं।

निराला की प्रमुख काव्य कृतियां हैं- 'परिमल', गीतिका', 'अनामिका', 'तुलसीदास, कुकुरमुत्ता, अणिमा' 'नये पत्ते', 'बेला', 'अर्चना' आदि। उनके उपन्यासों में बिल्लेसुर बकरिहा विशेष चर्चित है।

पाठ परिचय

गीत गाने दो मुझे कविता में निराला ने ऐसे समय की ओर इशारा किया है जिसमें चोट खाते-खाते, संघर्ष करते-करते होशवालों के होश खो गए हैं यानी जीवन जीना आसान नहीं रह गया है। पूरी मानवता हाहाकार कर रही है। लगता है पृथ्वी की लौ बुझ गई है, मनुष्य में जिजीविषा खत्म हो गई है। इसी लौ को जगाने की बात कवि कर रहा है। इस गीत के माध्यम से कवि निराशा में आशा का संचार करना चाहता है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. कंठ रुक रहा है, काल आ रहा है- यह भावना कवि के मन में क्यों आई?

उत्तर- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के विराट हृदय ने तत्कालीन सामाजिक परिस्थितियों और उससे उत्पन्न मनुष्य की पीड़ा का अनुभव किया था। उनके व्यक्तिगत जीवन में भी कष्ट एवं समस्याएं थीं, जिसके कारण वेदना के स्वर उनकी कविताओं में मुखरित होती रहीं। लगातार संघर्ष के कारण उत्पन्न हताशा तथा निराशा अब उनके मार्ग को अवरुद्ध कर रही है। मन में व्याप्त निराशा तथा दुख के कारण उनका कंठ रुक रहा है, जिससे वह कुछ कह पाने की स्थिति में नहीं हैं।

रचनाकार युग दृष्टा होता है, भविष्य की घटनाओं का आभास उन्हें हो जाता है। कवि निराला भी काल की पदचाप को सुन रहे हैं। वह गीत गाकर लोगों में आशा की भावना का संचार करना चाहते हैं तथा आते हुए काल से उन्हें सचेत करना चाहते हैं। समाज में फैली हुई अव्यवस्था को देखकर और भविष्य के संकट के आभास के कारण ही कवि के मन में यह भावना आई है।

प्रश्न-2. 'ठग ठाकुरों से कवि का संकेत किसकी ओर है?

उत्तर- 'ठग ठाकुरों से निराला का अभिप्राय पूंजीवादी- सामंती वर्ग से है। निराला शोषितों और वंचितों के पक्षधर हैं। उन्होंने अपनी कविता के माध्यम से इन्हीं शोषितों और वंचितों के विद्रोह को स्वर दिया है। कवि का मानना है कि सामाजिक अव्यवस्था के लिए पूंजीवादी सामंती शोषणकर्ता जिम्मेदार हैं क्योंकि सामाजिक व्यवस्था में इसी वर्ग की प्रभुता है।

प्रश्न 3. जल उठो फिर सींचने को इस पंक्ति का भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- कवि निराला संघर्ष को जीवन का सत्य मानते हैं। वे परिस्थितियों पर मानव विजय के आकांक्षी कवि हैं। निराशा और संघर्ष के बीच वे मनुष्य को नवजागृति की चेतना प्रदान कर रहे हैं। समस्त मानवता के लिए उनका यह संदेश है कि निराशा की परिधि से निकलने के लिए उत्साह की ज्वाला जगानी होगी। उत्साह की आग रूपी उष्णता को बादल का रूप लेकर धरती को सींचना होगा। तभी मानवता का कल्याण संभव हो सकेगा।

प्रश्न 4. प्रस्तुत कविता दुख और निराशा से लड़ने की शक्ति देती है। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- कवि के व्यक्तिगत जीवन के दुख और निराशा ने संसार के दुख और निराशा में समन्वयात्मक संबंध स्थापित कर लिया है। कवि विश्व की पीड़ा को आत्मसात करते हुए मानवता को यह संदेश देते हैं कि चोट खा खाकर संघर्ष करते-करते होश खोने की कोई आवश्यकता नहीं है। स्वयं पर संयम रखकर मानवता के प्रति अगाध प्रेम व श्रद्धा का भाव रखकर सचेष्ट होना ही श्रेयस्कर है। इसलिए अब तक यदि हमने कुछ खोया भी है तो उसे भूल कर अपने जीवन में आशा जगाएं। मानवता को बचाने के लिए हम अपने अस्तित्व को पुनः जानें पहचानें और लोगों का कल्याण करें। शोषण, अत्याचार, अन्याय के विरुद्ध कवि का यही स्वर दुख और निराशा से लड़ने की शक्ति देती है।

परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर उनकी सप्रसंग व्याख्या कीजिए-

गीत गाने दो मुझे तो वेदना को रोकने को

चोट खाकर राह चलते

होश के भी होश छूटे,

हाथ जो पाथेय थे, ठग-

ठाकुरों ने रात लूटे

कंठ रुकता जा रहा है,

आ रहा है काल देखो।

उत्तर- संदर्भ: प्रस्तुत काव्यांश सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की कविता गीत गाने दो मुझे से उद्धृत है। यह कविता उनके काव्य-संग्रह अर्चना (1950) में संकलित है।

प्रसंग : कवि निराला ने वैश्विक समस्याओं की पृष्ठभूमि से उभरी हुई अपनी चिंता और वेदना को इस कविता में चित्रित किया है। कवि का व्यथित हृदय अपनी वेदना को रोकने, उसे समाप्त करने तथा नवीन आशा के संचार के लिए गीत गाने की इच्छा व्यक्त कर रहा है।

व्याख्या : मनुष्य के हृदय की वेदना, पीड़ा को समाप्त करने और जीवन के प्रति नवोल्लास जगाने के लिए कवि गीत गाना चाहता है। जीवन-पथ के संघर्षों ने मनुष्य को विचलित कर दिया है। जीवन के प्रति उसका विश्वास डगमगा गया है। पूंजीवादी व्यवस्था ने आजीविका के नाम पर उसका शोषण किया है। अब तो ऐसा लगता है कि उनके सामने साक्षात काल अर्थात मृत्यु ही आ गया है, व्यथा से उनका कंठ अवरुद्ध हो रहा है। इस पूंजीवादी सामंती व्यवस्था में मानव का अस्तित्व संकट में है।

विशेष-

1. कविता का स्वर प्रगतिवादी है।

2. भाषा तत्सम शब्दों से युक्त खड़ी बोली हिन्दी है।

3. शैली मुक्तक है।

4. गीत गाने दो में अनुप्रास अलंकार है, ठग ठाकुरों में रूपक अलंकार है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. गीत गाने दो मुझे' कविता का प्रतिपाद्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- गीत गाने दो मुझे कविता का प्रतिपाद्य निराश मानव के मन में आशा का संचार करना है। सामाजिक अव्यवस्था ने मनुष्यों के हौसले तोड़ दिए हैं। शोषण, अत्याचार, अन्याय से मानवता त्रस्त है। मनुष्य में संघर्ष करने की क्षमता क्षीण होने लगी है। इस कविता के माध्यम से कवि मनुष्यों में इसी जीवन संघर्ष की क्षमता को जगाना चाहता है।

प्रश्न 2. गीत गाने दो मुझे' कविता में चित्रित सामाजिक स्थितियों का वर्णन कीजिए।

उत्तर- गीत गाने दो मुझे कविता में कवि ने स्पष्ट किया है कि आज की सामाजिक स्थिति अत्यंत विषम एवं सोचनीय है। संघर्षशील व्यक्ति संघर्ष और परिश्रम के बाद भी जीवन की उचित सुविधाएं नहीं प्राप्त कर सकता है।

समाज में पूंजीवादी और सामान्य वर्ग का बोलबाला है। उनकी लालची निगाहों में जनता कैद है। वह चाह कर भी अपने अस्तित्व की रक्षा नहीं कर पा रही है जिसके कारण लोगों में निराशा फैल गई है।

प्रश्न 3 गीत गाने दो मुझे तो वेदना को रोकने को| -पंक्ति का काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- गीत गाने दो मुझे कविता में कवि निराला का स्वर प्रगतिवादी है। वह सांसारिक छल-प्रपंचों से दुखी है और उससे मुक्ति पाने के लिए गीत गाना चाहते हैं।

काव्यांश की भाषा तत्सम शब्दों से युक्त खड़ी बोली है और शैली मुक्तक है। गीत गाने दो' में अनुप्रास अलंकार है।

प्रश्न 4 'बुझ गई है लौ पृथा की जल उठो फिर सींचने को पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने पतनशील संसार में लुप्त मानव मूल्यों की बात करते हुए, मानव को दिशानिर्देश करने के लिए प्रेरित किया है। कवि का मानना है कि पृथ्वी का तेज़ (प्रकाश) लुप्त सा हो रहा है, वह अंधेरे में भटकते हुए मानवों का दिशानिर्देश नहीं कर पा रही है। मनुष्य की स्वयं की प्रज्ञा व उसकी जिजीविषा भी समाप्त हो रही है। ऐसी स्थिति में संघर्षशील विवेकी मानवों को स्वयं आगे बढ़कर ज्ञान की मशाल जलानी होगी और संसार को दिशानिर्देश करने के लिए प्रश्न करना होगा।

अति लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. गीत गाने दो मुझे कविता निराला के किस काव्य-संग्रह में संकलित है।

उत्तर- गीत गाने दो मुझे कविता निराला द्वारा रचित काव्य कृति 'अर्चना' में संकलित है।

प्रश्न 2. 'गीत गाने दो मुझे' में कवि निराला का स्वर किस विचारधारा की अभिव्यक्ति करता है।

उत्तर- गीत गाने दो मुझे में कवि निराला का स्वर प्रगतिवादी विचारधारा की अभिव्यक्ति करता है, जिसमें वे पूंजीवादी- सामंती व्यवस्था के शोषण के विरुद्ध अपनी आवाज़ मुखर करते हैं।

प्रश्न 3. 'पाथेय' शब्द का क्या अर्थ है?

उत्तर- 'पाथेय' शब्द का अर्थ है संबल अथवा सहारा।

प्रश्न 4. गीत गाने दो मुझे' कविता की भाषा क्या है?

उत्तर- गीत गाने दो मुझे कविता की भाषा तत्सम-निष्ठ खड़ी बोली हिंदी है।

प्रश्न 5. गीत गाने दो मुझे' में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है। अनुप्रास अलंकार से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- वर्णों की आवृत्ति अनुप्रास अलंकार कहलाता है। गीत गाने दो मुझे में गवर्ण की आवृत्ति से अनुप्रास अलंकार बन पड़ा है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. मुक्त छंद के प्रवर्तक कवि कौन माने गए हैं?

1. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

2. सुमित्रानंदन पंत

3. महादेवी वर्मा

4. जयशंकर प्रसाद

प्रश्न 2. निराला द्वारा संपादित पत्रिका कौन सी है?

1. सैनिक

2. विशाल भारत

3. प्रतीक

4. मतवाला

प्रश्न 3. कवि निराला के बचपन का नाम क्या था?

1. चंद्र कुमार

2. राकेश कुमार

3. सूर्य कुमार

4. शशि कुमार

प्रश्न 4. 'आ रहा है काल देखो' पंक्ति में 'काल' का अभिप्राय है-

1. समय

2. कल

3. भविष्य

4. मृत्यु

प्रश्न 5. भर गया है ज़हर से' में ज़हर से कवि का तात्पर्य है-

1. आघात

2. निराशा

3. संघर्ष

4. चोट

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विषय सूची

अंतरा भाग 2

पाठ

नाम

खंड

कविता खंड

पाठ-1

जयशंकर प्रसाद

(क) देवसेना का गीत

(ख) कार्नेलिया का गीत

पाठ-2

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(क) गीत गाने दो मुझे

(ख) सरोज - स्मृति

पाठ-3

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

(क) यह दीप अकेला

(ख) मैंने देखा एक बूँद

पाठ-4

केदारनाथ सिंह

(क) बनारस

(ख) दिशा

पाठ-5

विष्णु खरे

(क) एक कम

(ख) सत्य

पाठ-6

रघुबीर सहाय

(क) बसंत आया

(ख) तोड़ो

पाठ-7

तुलसीदास

(क) भरत - राम का प्रेम

(ख) पद

पाठ-8

मलिक मुहम्मद जायसी

बारहमासा

पाठ-9

विद्यापति

पद

पाठ-10

केशवदास

कवित्त / सवैया

पाठ-11

घनानंद

कवित्त / सवैया

गद्य खंड

पाठ-1

रामचन्द्र शुक्ल

प्रेमधन की छायास्मृति

पाठ-2

पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

सुमिरनी के मनके

पाठ-3

ब्रजमोहन व्यास

कच्चा चिट्ठा

पाठ-4

फणीश्वरनाथ 'रेणु'

संवदिया

पाठ-5

भीष्म साहनी

गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफत

पाठ-6

असगर वजाहत

शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

पाठ-7

निर्मल वर्मा

जहाँ कोई वापसी नहीं

पाठ-8

रामविलास शर्मा

यथास्मै रोचते विश्वम्

पाठ-9

ममता कालिया

दूसरा देवदास

पाठ-10

हजारी प्रसाद द्विवेदी

कुटज

अंतराल भाग - 2

पाठ-1

प्रेमचंद

सूरदास की झोपडी

पाठ-2

संजीव

आरोहण

पाठ-3

विश्वनाथ तिरपाठी

बिस्कोहर की माटी

पाठ-

प्रभाष जोशी

अपना मालवा - खाऊ- उजाडू सभ्यता में

अभिव्यक्ति और माध्यम

1

अनुच्छेद लेखन

2

कार्यालयी पत्र

3

जनसंचार माध्यम

4

संपादकीय लेखन

5

रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन

6

आलेख लेखन

7

पुस्तक समीक्षा

8

फीचर लेखन

JAC वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा, 2023 प्रश्न-सह-उत्तर

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