12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ-9 पद

12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ-9 पद

 12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 पाठ-9 पद

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Elective

पाठ-9 पद

कवि परिचय

विद्यापति का जन्म मधुबनी (बिहार) के बिस्पी गाँव में हुआ था। विद्यापति मिथिला नरेश राजा शिवसिंह के अभिन्न मित्र, राजकवि और सलाहकार थे। साहित्य, संस्कृति, संगीत, ज्योतिष, इतिहास, दर्शन, न्याय, भूगोल आदि के वे प्रकांड पंडित थे। उन्होंने संस्कृत, अवहट्ट (अपभ्रंश) और मैथिली तीन भाषाओं में रचनाएँ कीं । वे आदिकाल और भक्तिकाल के संधिकवि कहे जाते हैं। राधा-कृष्ण के प्रेम के माध्यम से इन्होंने लौकिक प्रेम के विभिन्न रूपों का चित्रण किया है। उनकी महत्वपूर्ण कृतियाँ हैं- 'कीर्तिलता', 'कीर्तिपताका', 'पुरुष परीक्षा, भू-परिक्रमा, लिखनावली' और 'पदावली।

पाठ परिचय

प्रस्तुत पाठ में विद्यापति के तीन पद लिए गए हैं। पहले पद में विरहिणी राधा के हृदय के उद्गारों को प्रकट करते हुए उन्होंने उसको अत्यंत दुखी और कातर बताया है। प्रियतम गोकुल छोड़कर मधुपुर जा बसे हैं। कवि ने उनके कार्तिक मास में आने की संभावना प्रकट की है। दूसरे पद में प्रियतमा सखी से कहती है कि मै जन्म- जन्मांतर से अपने प्रियतम का रूप ही देखती रही परंतु अभी तक नेत्र संतुष्ट नहीं हुए हैं। उनके मधुर बोल कानों में गूंजते रहते हैं। तीसरे पद में कवि ने विरहिणी का दुखभरा चित्र प्रस्तुत किया है। दुःख के कारण नायिका के नेत्रों से अश्रुधारा बहे चली जा रही है। वह विरह में क्षण-क्षण क्षीण होती जा रही है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोतर

प्रश्न 1. प्रियतमा के दुख के क्या कारण हैं?

उत्तर- विद्यापति की पदावली से उद्धृत पद में नायिका के दुख के अनेक कारण हैं। मुख्य रूप से वह विरहिणी है और उसी कारण शोकाकुल होकर वह अपने भाव व्यक्त करते हुए बताती है कि सावन मास में प्रियतमा का दुख बढ़ जाता है। यह पीड़ा उसके लिए असहनीय है। वह प्रिय के परदेश चले जाने से अकेली जीवन व्यतीत कर रही है। नायिका का प्रिय उसके दिल को चुराकर अपने साथ ले गया है। अब नायिका को लगता है कि उसके प्रिय का मन उसकी ओर नहीं है। बल्कि अन्यत्र है। वह अपने प्रिय से उपेक्षित हो रही है।

प्रश्न 2. कवि 'नयन न तिरपित भेल' के माध्यम से विरहिणी नायिका की किस मनोदशा को व्यक्त करना चाहता है ?

उत्तर- विद्यापति जी ने नयन न तिरपित भेल' पंक्ति के माध्यम से नायिका की अतृप्त अवस्था को दर्शाया है। राधिका जीवन भर अपने प्रेमी के रूप-सौंदर्य को निहारती है परंतु वह उसे देख-देखकर कभी तृप्त नहीं हो सकी है। इस अतृप्ति अवस्था का मुख्य कारण यह है कि प्रेमी का रूप सौंदर्य नित्य प्रतिपल बदलता ही रहता है। प्रेमी का रूप सौंदर्य स्थिर नहीं है। इसी कारण नायिका अपने प्रिय के रूप सौंदर्य का वर्णन करने में स्वयं को असमर्थ पाती है। नायिका के व्यक्त मनोभावों से ज्ञात होता है कि नायिका अपने प्रिय से मिलन के क्षणों में भी अतृप्त ही रहती है।

प्रश्न 3. नायिका के प्राण तृप्त न हो पाने का कारण अपने शब्दों में लिखिए ।

उत्तर- विद्यापति की पदावली से उद्धृत पदों के आधार पर नायिका कभी आत्मिक तृप्ति नहीं पा सकी है। उसकी अतृप्ति का मुख्य कारण प्रेमी के रूप सौंदर्य एवं प्रेम में निरंतर परिवर्तन होना है। हर बार जब भी नायिका अपने प्रेमी से मिलती है तो उससे मिलने वाला सुख नया रूप बदलता है। इस कारण वह अपने प्रिय से मिलने वाले आनंद का वर्णन करने में भी स्वयं को असमर्थ पाती है। नायिका को प्रेमी की वाणी और उसका रूप सदैव अतृप्त ही करता है। दूसरे शब्दों में नायिका अपने प्रेमी से हर समय मिलने को आतुर रहती है। प्रेमी से हर बार मिलकर भी उसके हृदय की आग शांत नहीं हो पाती है। तात्पर्य यह है कि नायिका के हृदय में प्रेमी के प्रति प्रेम भाव हमेशा रहता है।

प्रश्न 4. 'सेह पिरित अनुराग बखानिअ तिल-तिल नूतन होय' से लेखक का क्या आशय है ?

उत्तर- विद्यापति की पदावली से उद्धत इस पद में कवि के कहने का आशय यह है कि नायिका की सखी उससे प्रेम में मिलने वाले अनुभवों के विषय में जानना चाहती है। दूसरी ओर नायिका प्रेम में मिलने वाले आनंद का वर्णन करने में स्वयं को असमर्थ पाती है। प्रेम-मिलन से मिलने वाले आनंद का वर्णन करना इसलिए दुष्कर है कि यह आनंद सदैव परिवर्तनशील है। उससे मिलने वाले आनंद से वह कभी तृप्ति का अनुभव नहीं कर सकी है। तात्पर्य यह है कि प्रेम कोई स्थिर भाव नहीं जिससे तृप्त हुआ जा सके। प्रेम भाव तो नित्य प्रति परिवर्तनशील व आनंददायक है, जिससे कभी तृप्त नहीं हुआ जा सकता।

प्रश्न 5. कोयल और भौरों के कलरव का नायिका पर क्या प्रभाव पड़ता है ?

उत्तर- कोयल और भौरों के कलरव का नायिका पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कोयल का मधुर स्वर और भौरों का गुंजन सुनकर नायिका अपने हाथों से अपने कानों को बंद कर लेती है। कारण ये दोनों ध्वनियां उसे अपने प्रेमी का स्मरण करा देती है। वियोग सहने वाली नायिका कभी नहीं चाहती कि उसे अपने प्रिय की याद आए क्योंकि प्रिय की याद उसको और अधिक दुखी करती है। अपने प्रेमी को याद करते करते अब दुःख उसके लिए असहनीय हो गया है।

प्रश्न 6. कातर दृष्टि से चारों तरफ प्रियतम को ढूंढने की मनोदशा को कवि ने किन शब्दों में व्यक्त किया है?

उत्तर- विद्यापति जी ने अपने पद में नायिका की शारीरिक चेष्टाओं का वर्णन करते हुए बताया है कि नायिका कातर दृष्टि से अपने प्रिय को चारों ओर ढूंढती फिरती है। विद्यापति ने उसकी भावुक मनोदशा का इन शब्दों में वर्णन किया है- "कातर दिठि करि, चौदिस हेरि हेरि नयन गरए जल धारा"

विद्यापति जी इन पंक्तियों में बता रहे हैं कि नायिका का शरीर कृष्ण पक्ष के चंद्रमा के समान दिन-प्रतिदिन दुबला- पतला होता जा रहा है। उसकी आँखो से आँसू बहते रहते हैं। अर्थात् वह अपने प्रिय की याद में सदैव रोती रहती है।

7. निम्नलिखित शब्दों के तत्सम रूप लिखिए-

उत्तर-

तिरपित - तृप्त

बिदगध - विदग्ध

पिरित - प्रीत

अपजस - अपयश

तोहारा - तुम्हारा

छिन - क्षण

निहारल - निहारना

साओन - श्रावण

छिन- क्षण

कार्तिक - कार्तिक

प्रश्न 8. निम्नलिखित शब्दों का आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) एकसरि भवन पिआ बिनु रे मोहि रहलो न जाए।

सखि अनकर दुःख दारून रे जग के पति आए ।

उत्तर- विद्यापति जी के पदों की इन पंक्तियों का आशय यह है कि नायिका घर में अकेली है। उसका पति परदेश गया हुआ है। नायिका को पति के बिना घर में अकेले रहना नहीं भाता है। नायिका अपनी सखी को कहती है कि पति के बिना अकेले रहने से मिलने वाले दुख की गंभीरता को समझने वाला उसके पास कोई नहीं है।

(ख) जनम अवधि हम रूप निहारल नयन न तिरपित भेल।

सेहो मधुर बोल सवनहि सूनल स्रुति पथ परस न गेल ॥

उत्तर- विद्यापति जी के पदों की इन पंक्तियों का आशय यह है कि नायिका अपने पति से मिलकर कभी संतुष्ट नहीं हुई है। कारण वह हमेशा अपने पति से मिलने को आतुर रहती है। वह जिन्दगी भर पति को देखकर भी तृप्त नहीं हुई। वह हमेशा उन्हें देखते रहना चाहती है। अपने प्रिय के मधुर वचनों को वह सदैव सुनते रहना चाहती है।

(ग) कुसुमित कानन हेरि कमलमुखि, मूदि रहए दु नयाना

कोकिल-कलरव, मधुकर धुनि सुनि, कर देइ झाँपड़ कान ॥

उत्तर- विद्यापति जी के पदों की इन पंक्तियों का आशय यह है कि नायिका हरे-भरे बाग-बगीचों को देखना पसंद नहीं करती है। पति के अभाव में उसके लिए ये बाग-बगीचे, कोयल- भँवरें की आवाज उसके दुख को और अधिक बढ़ा देते हैं।

इसलिए वह इन्हें देखकर अपनी आँखों और कानों को हाथ से बंद कर लेती है।

परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. विद्यापति की विरहिणी नायिका का काव्यांशों के आधार पर अपने शब्दों में चित्रण कीजिए ।

उत्तर- विद्यापति की विरहिनी नायिका को सावन महीने में अपने प्रियतम से अलग रहने के कारण कष्ट हो रहा है। उसके पत्र को प्रिय तक पहुंचाने वाला कोई नहीं है। उसे घर में अकेले रहना पड़ रहा है। उसके दुख पर कोई विश्वास नहीं कर रहा है। उसका मन उसके पास नहीं है। उसके प्रियतम उसके पास नहीं है। अपने प्रियतम के साथ किए गए रमन का आनंद उसे समझ में नहीं आया। वह उसके रूप दर्शन और मधुर बोल से तृप्त नहीं हो पाई है। उसे अपने प्रिय से मिलने से ही तसल्ली होती है। फूलों से भरे वन प्रदेश, कोयल की कूक और भंवरों की गुंजन से नायिका बचना चाहती है। नायक की याद में दिन प्रतिदिन दुबली होती जा रही है। दुर्बलतावश यदि वह धरती पर बैठ भी जाए तो उठ नहीं पाती है। कातर दृष्टि से चारों ओर देखते हुए वह अपनी नजरों से अपने प्रियतम को खोजती है। उसकी आंखों से लगातार आंसुओं की धारा प्रवाहित होती रहती है। नायक के विरह में वह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के चांद के समान हो गई है। प्रिय के विरह में उसकी दशा दयनीय हो गई है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. विद्यापति और जायसी प्रेम के कवि हैं दोनों में मुख्य अंतर क्या है ?

उत्तर - मलिक मुहम्मद जायसी एवं विद्यापति दोनों ही प्रेम के कवि हैं। विद्यापति माधव व राधा कह कर अपने प्रेम वर्णन को आध्यात्मिकता का स्वरूप प्रदान करते हैं। जायसी की प्रेम पद्धति सूफी विचारधारा से प्रभावित है जिसमें पद्मावती ईश्वर है और रत्नसेन साधक। दोनों के प्रेम में मौलिक अंतर यह है कि जायसी ने प्रेम का अलौकिक रूप में वर्णन किया है। जबकि विद्यापति ने प्रेम के लौकिक रूप का वर्णन किया है।

प्रश्न 2. विद्यापति के काव्य भाषा की विशेषताएँ बताएँ ।

उत्तर- विद्यापति ने मैथिली भाषा को काव्यभाषा के रूप में चुना है। - उन्होंने पदों में आंचलिक शब्दों का भी खुलकर प्रयोग किया है। विभिन्न अलंकारों का सहज एवं स्वाभाविक चित्रण किया है। पदों को प्रभावी बनाने के लिए चित्रात्मक भाषा का भी प्रयोग किया है। कई शब्दों की पुनरावृति भी की है।

अति लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. किस वस्तु का वर्णन करना असंभव है ?

उत्तर- परिवर्तनशील वस्तु का वर्णन करना असंभव है।

प्रश्न 2. किसकी कूक तथा गुंजन सुनकर राधा अपने दोनों कानों को बंद कर लेती हैं?

उत्तर- कोयल की कूक तथा भौरे की गुंजन सुनकर राधा अपने दोनों कानों को बंद कर लेती है।

प्रश्न 3. लखिमादेवी के पति कौन थे ?

उत्तर- लखिमादेवी के पति राजा शिवसिंह थे।

प्रश्न 4. कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के चंद्रमा की भाँति क्षीण कौन होती जा रही है ?

उत्तर- राधा कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के चंद्रमा की भाँति क्षीण होती जा रही है।

प्रश्न 5. विद्यापति जी ने किसके मुख से राधा के विरह का वर्णन कृष्ण के सम्मुख करवाया है?

उत्तर- विद्यापति जी ने राधा की सखी के मुख से राधा के विरह का वर्णन कृष्ण के सम्मुख करवाया है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. विद्यापति के पदों में नायक-नायिका कौन है ?

1. राम-सीता

2. राधा-कृष्ण

3. विद्यापति लखिमादेई

4. शिवसिंह- लखिमादेई

प्रश्न 2. विद्यापति के पदों में नायिका अपने नायक के पास क्या भेजना चाहती है?

1. पत्र

2. फूल

3. माखन

4. मोरपंख

प्रश्न 3. राधा किस महीने में कृष्ण के वियोग की पीड़ा सहने में असमर्थ हैं ?

1. सावन

2. फाल्गुन

3. आषाढ़

4. पूस

प्रश्न 4. राधा का मन अपने साथ कौन ले गया है?

1. गोपियों

2. उद्धव

3. कृष्ण

4. कवि

प्रश्न 5. कवि नायिका को कृष्ण के किस मास तक वापस आ जाने का सांत्वना देते हैं?

1. भादो

2. पूस

3. सावन

4. कार्तिक

प्रश्न 6. नायिका को प्रेम का स्वरूप कैसा लगता है ?

1. एक समान

2. प्रतिपल नवीन

3. कटु

4. नीरस

प्रश्न 7. सखिया नायिका से किस विषय के बारे पूछ रही हैं?

1. प्रेम के अनुभव के विषय में

2. विरह के क्षणों के विषय में

3. वियोग की अवस्था के विषय में

4. नायक के विषय में

प्रश्न 8. विद्यापति किस राजा के दरबारी कवि थे ?

1. नरेश सिंह

2. वीरेंद्र सिंह

3. रतन सेन

4. शिव सिंह

प्रश्न 9. राधा के मुख की उपमा किससे की गई है ?

1. सरोवर

2. चाँद

3. दर्पण

4. कमल

प्रश्न 10. पुष्पित बागों को देखकर राधा की क्या प्रतिक्रिया होती है?

1. प्रसन्नता से झुमने लगती है।

2. पुष्प तोड़ने लगती है।

3. पुष्प निहारने लगती है।

4. आँखें बंद कर लेती है।

प्रश्न 11. विद्यापति किन दो काल के संधि कवि थे ?

1. रीतिकाल - पुराधुनिक काल

2. आदिकाल- रीतिकाल

3. भक्तिकाल- रीतिकाल

4. आदिकाल भक्तिकाल

प्रश्न 12. कोपल, भंवरों की आवाज सुनकर राधा क्या करती है?

1. कान बंद कर लेती है।

2. मधुर स्वर में गाती है।

3. रोने लगती है।

4. सोने लगती है।

प्रश्न 13. विद्यापति की अधिकतर रचनाएँ किस भाषा में मिलती हैं ?

1. संस्कृत

2. मैथली

3. अवहट्ट

4. अपभ्रंश

प्रश्न 14. कृष्ण के वियोग में राधा की शारीरिक अवस्था कैसी हो गई है?

1. पूर्णिमा के चाँद के समान

2. कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के चाँद के समान

3. अमावस्या के चांद के समान

4. चाँद की चाँदनी के समान

प्रश्न 15. नायिका भूमि पर बैठने के बाद उठ क्यों नहीं पाती ?

1. नींद के कारण

2. चोट लगने के कारण

3. विरह पीड़ा से अत्याधिक कमजोर होने के कारण

4. बीमार होने के कारण

प्रश्न 16. राधा की व्यग्रता और अधिक कब बढ़ जाती है ?

1. कृष्ण का गुणनान करते समय

2. कृष्ण के रूप सौंदर्य का स्मरण करते समय

3. कृष्ण की सुंदरता का बखान करते समय

4. उपर्युक्त सभी

प्रश्न 17. कृष्ण गोकुल को छोड़कर कहीं चले गए हैं?

1. मथुरा

2. आगरा

3. अपनी नानी के घर

4. वृंदावन

प्रश्न 18. विद्यापति की रचनाएँ है ?

1. कीर्तिलता

2. कीर्तिपताका

3. पदावली

4 उपर्युक्त सभी

19. कुसुमित कानन, कोकिल-कलरव में कौन सा अलंकार है?

1. रूपक

2. उपमा

3. अनुप्रास

4. श्लेष

20. कृष्ण के विरह के परिणामस्वरूप राधा कैसी हो गई है ?

1. अत्यंत कमजोर

2. प्रसन्नचित

3. क्रोधित

4. भयभीत

JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

अंतरा भाग 2

पाठ

नाम

खंड

कविता खंड

पाठ-1

जयशंकर प्रसाद

(क) देवसेना का गीत

(ख) कार्नेलिया का गीत

पाठ-2

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(क) गीत गाने दो मुझे

(ख) सरोज - स्मृति

पाठ-3

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

(क) यह दीप अकेला

(ख) मैंने देखा एक बूँद

पाठ-4

केदारनाथ सिंह

(क) बनारस

(ख) दिशा

पाठ-5

विष्णु खरे

(क) एक कम

(ख) सत्य

पाठ-6

रघुबीर सहाय

(क) बसंत आया

(ख) तोड़ो

पाठ-7

तुलसीदास

(क) भरत - राम का प्रेम

(ख) पद

पाठ-8

मलिक मुहम्मद जायसी

बारहमासा

पाठ-9

विद्यापति

पद

पाठ-10

केशवदास

कवित्त / सवैया

पाठ-11

घनानंद

कवित्त / सवैया

गद्य खंड

पाठ-1

रामचन्द्र शुक्ल

प्रेमधन की छायास्मृति

पाठ-2

पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

सुमिरनी के मनके

पाठ-3

ब्रजमोहन व्यास

कच्चा चिट्ठा

पाठ-4

फणीश्वरनाथ 'रेणु'

संवदिया

पाठ-5

भीष्म साहनी

गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफत

पाठ-6

असगर वजाहत

शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

पाठ-7

निर्मल वर्मा

जहाँ कोई वापसी नहीं

पाठ-8

रामविलास शर्मा

यथास्मै रोचते विश्वम्

पाठ-9

ममता कालिया

दूसरा देवदास

पाठ-10

हजारी प्रसाद द्विवेदी

कुटज

अंतराल भाग - 2

पाठ-1

प्रेमचंद

सूरदास की झोपडी

पाठ-2

संजीव

आरोहण

पाठ-3

विश्वनाथ तिरपाठी

बिस्कोहर की माटी

पाठ-

प्रभाष जोशी

अपना मालवा - खाऊ- उजाडू सभ्यता में

अभिव्यक्ति और माध्यम

1

अनुच्छेद लेखन

2

कार्यालयी पत्र

3

जनसंचार माध्यम

4

संपादकीय लेखन

5

रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन

6

आलेख लेखन

7

पुस्तक समीक्षा

8

फीचर लेखन

JAC वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा, 2023 प्रश्न-सह-उत्तर

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