12th Hindi Elective अंतराल भाग 2 पाठ- 2 आरोहण

12th Hindi Elective अंतराल भाग 2 पाठ- 2 आरोहण

 12th Hindi Elective अंतराल भाग 2 पाठ- 2 आरोहण

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Elective

पाठ- 2 आरोहण

लेखक परिचय

संजीव का जन्म 6 जुलाई 1947 ईस्वी को उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के गांव बांगर कल में हुआ था। इनकी उच्च शिक्षा विज्ञान विषयों को लेकर हुई। बी. एस. सी. ए.आई. सी की डिग्री लेकर इन्होंने सन 1965 से 2003 तक इंडियन आयरन एंड स्टील कंपनी, कुल्टी में केमिस्ट इंचार्ज के रूप में काम किया। इनकी प्रमुख रचनाएँ- किशनगढ़ का अहेरी, सर्कस, सूत्रधार, सावधान! नीचे आग है, जंगल जहाँ शुरू होता है।

पाठ परिचय

प्रस्तुत पाठ आरोहण कहानी लेखक संजीव जी के द्वारा लिखित है। आरोहण कहानी में लेखक ने पर्वतारोहण की जरूरत और वर्तमान समय में उसकी उपयोगिता को रेखांकित किया है। पर्वतीय प्रदेश के रहने वालों के जीवन संघर्ष तथा प्राकृतिक परिवेश से उनके संबंधों को चित्रित किया है। किस तरह पर्वतीय प्रदेशों में प्राकृतिक आपदा, भूस्खलन पत्थरों के खिसकने से पूरा जीवन तथा समाजे नष्ट हो जाता है। आरोहण कहानी उसका जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करता है। आरोहण पहाड़ी लोगों के दिनचर्या का भाग है। इस कहानी के माध्यम से लेखक ने पर्वतीय प्रदेशों की बारीकियों, नदियों, झरनों उनके जीवन के कुछ सूक्ष्म अनुभव, परंपराओं और रीति-रिवाजों उनके संघर्षों, यातनाओं को संजीदगी के साथ रचा है। मैदानी इलाकों की तुलना में पर्वतीय प्रदेशों की जिंदगी कितनी कठिन, जटिल, दुखद और संघर्षमय में होती है। उसका विशद विवरण यह कहानी प्रस्तुत करती है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. यूं तो प्रायः लोग घर छोड़कर कहीं न कहीं जाते हैं, परदेश जाते हैं, किंतु घर लौटते समय रूप सिंह को एक अजीब किस्म की लाज अपनत्व और झिझक क्यों घेरने लगी?

उतर- यह बात सच है कि अक्सर लोग रोजगार के तलाश या नौकरी, पढ़ाई के लिए घर से निकल जाते हैं लेकिन हां वह यह काम सभी की सहमति से करते हैं और रूप सिंह ने भी घर छोड़ा था। लेकिन बिना किसी को बताए चुपचाप ही घर से निकल गया था। जब वह छोटा था। अपने पिता और भाई को बिना कुछ बताए एक साहब के साथ चला गया था, आज कई सालों के बाद वह अपने घर लौट रहा था। उसके मन में अपनापन और आत्मीयता का भाव नजर आ रहा था, परंतु बिना किसी के सहमति से घर छोड़ जाने की बात पर शर्म भी आ रही थी। उसके मन में तरह-तरह के विचार आ रहे थे कि वह अपने घर के लोगों का सामना कैसे करेगा। वह उनसे क्या बोलेगा यही सब सोचकर उसे बहुत लज्जा आ रही थी उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था और उसके मन में एक झिझक की भावना जन्म ले रही थी।

प्रश्न 2. पत्थर की जाति से लेखक का क्या आशय है ? उसके विभिन्न प्रकारों के बारे में लिखिए।

उत्तर- पत्थर की जाति से लेखक का आशय पत्थर के प्रकार से है। बहुत किस्म के पत्थर पाए जाते हैं, वह इस प्रकार हैं।

1. ग्रेनाइट- यह पत्थर बहुत सख्त पत्थर होता है, इसकी चट्टान भूरी होती है लेकिन उसमें गुलाबी आभा होती है।

2. बलुआ पत्थर यह पत्थर बालू से बना होता है, लाल किला आदि इमारतें इसी से बनी है।

3. संगमरमर- यह चुना पत्थर के बदलने से बनता है, यह मुलायम होता है।

4. बसाल्ट पत्थर इस पत्थर का निर्माण ज्वालामुखी के लावा से होता है।

5. पत्तादार पत्थर बारीकी कणों के रूपांतरित शैलों से बनता है।

प्रश्न 3. महीप अपने विषय में बात पूछे जाने पर उसे टाल क्यों देता था ?

उत्तर- महीप जान गया था कि रूप सिंह रिश्ते में उसका चाचा है। रूप सिंह ने रास्ते में कई बार भूप सिंह और शैला के बारे में बात की थी। वह कुछ कुछ समझ गया था कि रूप सिंह कौन है? वह उसे अपने विषय में बताना नहीं चाहता था और ना ही अपने विषय में कोई बात करना चाहता था। अतः जब भी रूप सिंह महीप से उसके विषय में कुछ पूछता था, तो वह बात को टाल देता था। वह अपने मां के साथ हुए अन्याय को बताना नहीं चाहता था, उसकी मां ने अपने पति द्वारा दूसरी स्त्री घर में लाने के कारण आत्महत्या कर ली थी। इससे वह दुखी था, उसने इसी कारण अपना घर छोड़ दिया था।

प्रश्न 4. बूढ़े तिरलोक सिंह को पहाड़ पर चढ़ना जैसी नौकरी की बात सुनकर अजीब क्यों लगा ?

उत्तर- पर्वतीय क्षेत्रों में पहाड़ पर चढ़ना आम बात है। यह उनके दैनिक जीवन का भाग है, उसके लिए उन्हें किसी तरह की नौकरी आज तक मिलते नहीं देखा था। जब बूढ़े तिरलोक को रूप सिंह ने बताया कि वह शहर में पहाड़ पर चढ़ना सिखाता है, तो वह हैरान रह गया। उसे इस बात की हैरानी थी कि रूपसिंह जिस नौकरी की इतनी तारीफ कर रहा है, वह बस पहाड़ पर चढ़ना सिखाना है। इतनी सी बात के लिए उसे 4000 महीना मिलते हैं। उसे लगा कि सरकार मूर्खता भरी काम कर रही है. इतने छोटे से काम के लिए 4000 महीना वेतन के रूप में मिलने वाली बात ही उसे हैरान करने लगी।

प्रश्न 5. रूप सिंह पहाड़ पर चढ़ना सीखाने के बावजूद भूप सिंह के सामने बौना क्यों पड़ गया था ?

उत्तर- भूप सिंह अपने छोटे भाई रूप सिंह और शेखर को लेकर अपने घर की ओर चल पड़ा था। भूप सिंह हिमांग की ऊंचाई पर रहता था, वहां जाने की चढ़ाई शुरू हो गई, यह खड़ी चढ़ाई थी। पहले तो वे पेड़ और पत्थरों के सहारे चढ़ते रहे, फिर वे रुक गए। वह आगे चढ़ नहीं पा रहे थे, भूप सिंह ने व्यंग किया बस इत्ता भर पहाड़ीपन बचा है? यद्यपि रूपसिंह पहाड़ पर चढ़ना सिखाता था, पर यहां आकर वह हार गया था। अब भूप सिंह ने ही हिम्मत करके उन्हें ऊपर चढ़ाने का उपाय बताया। उसने ही गले का मफलर अपनी कमर में बांधा और उसके दोनों छोरों को रूप सिंह को दिखाते हुए पकड़ लेने को कहा।

रूप सिंह उसके पीछे-पीछे चला. बिना किसी आधुनिक उपकरण के उन्होंने शरीर का संतुलन बना रखा था। भूप सिंह बीच-बीच में हिदायत भी देता जा रहा था, वह अपने शरीर की ताकत का सही उपयोग कर रहा था। वह रूप सिंह को भी खींचे लिए जा रहा था, इसमें एक घंटा लगा फिर दूसरे चक्कर में वह इसी प्रकार से शेखर को ऊपर चढ़ा कर ले गया। इस प्रकार भूप सिंह के सामने रूप सिंह बौना पड़ गया था। वह एक प्रशिक्षक होकर भी जिस काम को नहीं कर पाया था. उसे भूप सिंह ने सहज रूप से कर दिखाया था।

प्रश्न 6. शैला और भूप सिंह ने मिलकर किस तरह पहाड़ पर अपनी मेहनत से नई जिंदगी की कहानी लिखी ?

उत्तर- जब रूप सिंह ने शैला भाभी के बारे में पूछा तब भूप सिंह ने उसे बताया यहाँ खेती का काम बढ़ गया था। भूप सिंह ने सबसे पहले वह मालवा हटाया जो भू सखलन के कारण आया था। शैला और भूप दोनों ने मिलकर खेतों को ढलवाँ बनाया ताकि बर्फ उसमें अधिक समय तक जम ना पाए। जब खेत तैयार हो गए तो उनके सामने पानी की समस्या आई. अतः उन्होंने झरने का रुख मोड़ने की सोची। इस तरह से उनके खेतों में पानी की समस्या हल हो सकता था, फिर समस्या आई की गिरते पानी से पहाड़ को कैसे हटाया जाए। यह बहते पानी में संभव नहीं था, क्वार के मौसम में उन्होंने अपनी समस्या का हल पाया। उन्होंने पहाड़ को काटना आरंभ कर दिया। इस मौसम में झरना जम जाता था, और सुबह धूप के कारण धीरे-धीरे पिघलता था। इस स्थिति में सरलता पूर्वक काम किया जा सकता था अंत में सफलता पा ही लिया और झरने का रुख खेतों की ओर मोड़ दिया। सर्दियों के समय में झरना जम जाता था, तो वे उसे आग की गर्मी में पिघला देते हैं और खेतों में पानी का इंतजाम करते थे। इस तरह उन्होंने अपनी मेहनत से नयी जिंदगी की कहानी लिखी।

प्रश्न 7. सैलानी (शेखर और रूप सिंह ) घोड़े पर चलते हुए उस लड़के के रोजगार के बारे में सोच रहे थे, जिसने उनको घोड़े पर सवार कर रखा था और स्वयं पैदल चल रहा था। क्या आप भी बाल मजदूरों के बारे में सोचते हैं?

उत्तर- हाँ. मैं भी बाल मजदूरों के बारे में सोचता है। हमारे गांव के समीप ही एक ईंट भट्ठा है, उसमें बहुत से बच्चे काम करते हैं। बहुत से बच्चे होटल, ढाबों, दुकानों रोजगार के लिए जाते हैं। उन सब को देख कर मुझे दया आती है। मुझे लगता है कि मेरी उम्र के बच्चे पढ़ने के स्थान पर बाल मजदूरी एवं रोजगार के लिए दर-दर भटकते रहते हैं। यह नौकरी उनको जीवन भर कुछ नहीं दे पाएगी। इस उम्र में तो नौकरी करके अपना जीवन ही बर्बाद कर रहे हैं। उन्हें अभी पढ़ना चाहिए. तभी वह उज्जवल भविष्य बना पाएंगे एवं सशक्त राष्ट्र का निर्माण करेंगे।

प्रश्न 8. पहाड़ों की चढ़ाई में भूप दादा का कोई जवाब नहीं। उनके चरित्र की विशेषता बताइए?

उत्तर- भूप सिंह एक मेहनती और दृढ़ निश्चय वाले इंसान हैं। जो मुसीबत के समय में भी अपना धैर्य नहीं खोते हैं। वह मेहनत से पहाड़ों में अपना घर बनाते हैं, एक पहाड़ी मनुष्य होने के कारण पहाड़ों पर चढ़ने और उतरने उन्हें बड़ी आसानी से आता है। वह एक परिश्रमी और मेहनती इंसान है, जो अपनी मिट्टी से हमेशा जुड़कर रहना चाहते है सब कुछ खत्म होने के बावजूद भी वह वहां से जाने की जगह वहां पर कठोर मेहनत से दोबारा जीवन शुरू करता है। यह सभी गुण उनके चरित्र की विशेषताओं को दर्शार्त है।

प्रश्न 9. इस कहानी को पढ़कर आपके मन में पहाड़ों पर स्त्री की स्थति की क्या छवि आपके मन में बनाती है? उस पर अपने विचार व्यक्त कीजिए।

उत्तर- इस कहानी को पढ़कर मेरे मन में पहाड़ों की स्त्रियों के लिए दयनीय छवि बनती है। यहां की स्त्री मेहनती तथा ईमानदार होती है। वे अपनी मेहनत से पहाड़ों का रुख मोड़ने की भी हिम्मत रखती है, लेकिन पुरुष के हाथों हार जाती है। शैला भूप सिंह के साथ मिलकर असंभव कार्य को संभव बना देती है अंत में अपने पति के धोखे से हार जाती है। वह सब कुछ करने में सक्षम है लेकिन पुरुष से उसे इसके बदले धोखा ही मिलता है। ऐसा जीवन किस काम का जिसमें उसके व्यक्तित्व का उदय होने के स्थान पर नरकीय जीवन मिले। मानसिक और शारीरिक कष्ट मिले। वह अपने पति से ईमानदारी की आशा नहीं रख सकती है, जब मजबूर हो जाती है तो आत्महत्या कर लेती है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. आरोहण कहानी किसके द्वारा रचित है?

1. निर्मल वर्मा

2. संजीव

3. जयशंकर प्रसाद

4. कृष्ण चंद्र

2. बस ने रुप सिंह और शेखर कपूर को किस स्टॉप पर उतारा था ?

1. नागलोई के बस स्टॉप पर

2. देवकुंड के बस स्टॉप पर

3. मुकुंदपुर के बस स्टॉप पर

4. आजाद गंज के स्टॉप पर

3. रूप सिंह कितने सालों बाद अपने गांव वापस लौटा था ?

1. आठ साल

2. नौ साल

3. ग्यारह साल

4. बारह साल

4. रूप सिंह के गांव का क्या नाम था ?

1. बरवाल

2. जलोली

3. विजयपुर

4. माही

5. झिझक, अपनत्व और लाज की भावना रूप सिंह को क्यों घेर रही थी?

1. क्योंकि उसे लग रहा था यदि किसी ने उससे पूछा कि वह इन 11 साल उसने क्या किया तो वह क्या जवाब देगा।

2. क्योंकि वह अपने गांव 11 साल बाद लौट रहा था

3. क्योंकि जब उसने गांव छोड़ा था तब वह छोटा था

4. इनमें से कोई नहीं

6. "फिर साथ वाला भी कोई ऐसा-वैसा नहीं, शेखर कपूर था" रूप सिंह ने इस कथन का प्रयोग क्यों किया ?

1. क्योंकि वह एक साधारण आदमी था

2. क्योंकि वह उसके गॉडफादर कपूर साहब का लड़का था तथा वह i.a.s. ट्रेनी भी था

3. क्योंकि वह रूप सिंह का दोस्त था

4. उपरोक्त में से कोई नहीं

7. माही किस गांव से पहले पड़ने वाला गांव है ?

1. बघवाली

2. सरगी

3. मौली

4. हरिपुर

8. लेखक ने महीप का कहानी में किस प्रकार वर्णन किया ?

1. एक शहरी क्षेत्र में रहने वाला व्यक्ति

2. उड़े हुए नीले रंग की पहाड़ी पतलून और सलेटी स्वेटर पहने तथा अपने चेहरे पर मासूमियत बटोरे एक छोटी उम्र का बालक

3. एक गरीब बालक

4. इनमें से कोई

9. "धूप की सुनहरी पट्टियों के बीच छाया की स्याह पट्टियां"- इस पंक्ति की तुलना किस जानवर से की गई है ?

1. बाघ

2. लकड़बग्घा

3. तेंदुआ

4. धारीदार खालोंवाल

10. शाप की मारी अभागिन-लेखक ने किस नदी को अभागिन कहा है ?

1. सूपिन नदी

2. ब्रह्मपुत्र नदी

3. गंगा नदी

4. अलका नदी

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विषय सूची

अंतरा भाग 2

पाठ

नाम

खंड

कविता खंड

पाठ-1

जयशंकर प्रसाद

(क) देवसेना का गीत

(ख) कार्नेलिया का गीत

पाठ-2

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(क) गीत गाने दो मुझे

(ख) सरोज - स्मृति

पाठ-3

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

(क) यह दीप अकेला

(ख) मैंने देखा एक बूँद

पाठ-4

केदारनाथ सिंह

(क) बनारस

(ख) दिशा

पाठ-5

विष्णु खरे

(क) एक कम

(ख) सत्य

पाठ-6

रघुबीर सहाय

(क) बसंत आया

(ख) तोड़ो

पाठ-7

तुलसीदास

(क) भरत - राम का प्रेम

(ख) पद

पाठ-8

मलिक मुहम्मद जायसी

बारहमासा

पाठ-9

विद्यापति

पद

पाठ-10

केशवदास

कवित्त / सवैया

पाठ-11

घनानंद

कवित्त / सवैया

गद्य खंड

पाठ-1

रामचन्द्र शुक्ल

प्रेमधन की छायास्मृति

पाठ-2

पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

सुमिरनी के मनके

पाठ-3

ब्रजमोहन व्यास

कच्चा चिट्ठा

पाठ-4

फणीश्वरनाथ 'रेणु'

संवदिया

पाठ-5

भीष्म साहनी

गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफत

पाठ-6

असगर वजाहत

शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

पाठ-7

निर्मल वर्मा

जहाँ कोई वापसी नहीं

पाठ-8

रामविलास शर्मा

यथास्मै रोचते विश्वम्

पाठ-9

ममता कालिया

दूसरा देवदास

पाठ-10

हजारी प्रसाद द्विवेदी

कुटज

अंतराल भाग - 2

पाठ-1

प्रेमचंद

सूरदास की झोपडी

पाठ-2

संजीव

आरोहण

पाठ-3

विश्वनाथ तिरपाठी

बिस्कोहर की माटी

पाठ-

प्रभाष जोशी

अपना मालवा - खाऊ- उजाडू सभ्यता में

अभिव्यक्ति और माध्यम

1

अनुच्छेद लेखन

2

कार्यालयी पत्र

3

जनसंचार माध्यम

4

संपादकीय लेखन

5

रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन

6

आलेख लेखन

7

पुस्तक समीक्षा

8

फीचर लेखन

JAC वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा, 2023 प्रश्न-सह-उत्तर

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