12th Hindi Elective अंतराल भाग 2 पाठ-4 अपना मालवा खाऊ उजाडू सभ्यता

12th Hindi Elective अंतराल भाग 2 पाठ-4 अपना मालवा खाऊ उजाडू सभ्यता

 12th Hindi Elective अंतराल भाग 2 पाठ-4 अपना मालवा खाऊ उजाडू सभ्यता

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Elective

पाठ-4 अपना मालवा खाऊ उजाडू सभ्यता

लेखक परिचय

प्रभाष जोशी का जन्म इंदौर मध्यप्रदेश में हुआ। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत नई दुनिया के संपादक राजेंद्र माथुर के सानिध्य में की और उनसे पत्रकारिता के संस्कार लिए। इंडियन एक्सप्रेस के अहमदाबाद, चंडीगढ़ संस्करणों का संपादन, प्रजापति का संपादन और सर्वोदय संदेश में संपादन सहयोग किया। 1983 में उनके संपादन में जनसत्ता अखबार निकला जिसने हिंदी पत्रकारिता को नई ऊंचाई दी। गांधी, विनोबा और जयप्रकाश के आदर्शों में यकीन रखने वाले प्रभाष जी ने जनसत्ता को सामाजिक सरोकार से जोड़ा।

प्रभाष जोशी में मालवा की मिट्टी के संस्कार गहरे तक बसे थे, और वह इसी से ताकत पाते थे। देशज भाषा के शब्दों को मुख्यधारा में लाकर उन्होंने हिंदी पत्रकारिता को एक नया तेवर दिया और उसे अनुवाद की कुत्रम भाषा की जगह बोलचाल की भाषा के करीब लाने का प्रयास किया। प्रभाष जी ने पत्रकारिता में खेल सिनेमा संगीत साहित्य जैसे गैर पारंपरिक विषयों पर गंभीर लेखन की नीव डाली। क्रिकेट टेनिस हो या कुमार गंधर्व के गायन इन विषयों पर उनका लेखन मर्मस्पर्शी है।

पाठ परिचय

इस पाठ के माध्यम से लेखक ने अपने प्रदेश मालवा के प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ वहां के रीति-रिवाजों, त्योहारों एवं संस्कृति को पाठक वर्ग के समक्ष रखा है। पाठ में मालवा की समृद्धशाली अतीत से उसकी वर्तमान दशा की तुलना की गई है। कल तक जो मालवा प्रदेश सुख संपदा और धन्य-धान्य से परिपूर्ण था और जिसकी पहचान मालव धरती गहन गंभीर, डग डग रोटी, पग पग नीर से की जाती थी, आज खाऊ- उजाडू अपसभ्यता में फंसकर वही प्रदेश हर क्षेत्र में पिछड़ता जा रहा है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1 मालवा में जब सब जगह बरसात की झड़ी लगी रहती है, तब मालवा के जन-जीवन पर इसका क्या असर पड़ता है ?

उतर:-

1 फसलों को फायदा- मालवा में जब बरसात की झड़ी लगी रहती है तब वहां के जनजीवन पर इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। वहां के किसानों की फसलें अधिक पानी के कारण खराब हो जाती है लेकिन आगे की फसलों के लिए पर्याप्त मात्रा में सिंचाई के लिए पानी जमा हो जाता है। जिससे गेहूं और चने बाजरे की फसलें अच्छी होती हैं।

2 आवागमन को परेशानी- मालवा में होने वाली भारी बरसात के कारण यहां के आम लोगों को आने जाने में काफी परेशानी होती है। नदियों में पानी का जलस्तर बढ़ जाने से कई बार पुल आदि बह जाते हैं। रास्ते में जगह-जगह पानी भर जाता है जिससे आने जाने वालों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

प्रश्न 2 अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसे गिराता था. उसके क्या कारण है?

उत्तर:- अब मालवा में वैसा पानी नहीं गिरता जैसा गिरा करता था. इसका मुख्य कारण औद्योगिक विकास है- आज मालवा की ही नहीं अन्य प्रदेशों क्षेत्रों की भी समस्या है। ऋतु चक्र का असमय बदलाव होना। वर्षा, शरद तथा ग्रीष्म सभी ऋतुओं के समय चक्र में परिवर्तन हो गया है। बेमौसम बरसात होने से मानसून कम होता है तथा देर से आता है।

औद्योगिकीकरण के कारण वायुमंडल में प्रदूषण बढ़ रहा है. इससे प्रकृति के नियम टूट रहे हैं। तापमान भी दिनों दिन बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण वायुमंडल में नमी की कमी आई है। वनों को काटा जा रहा है तथा कारखानों की वृद्धि ने वर्षा को ही नहीं गर्मी और सर्दी की ऋतु को भी परिवर्तित किया है।

प्रश्न 3. हमारे आज के इंजीनियर ऐसा क्यों समझते हैं कि वे पानी का

प्रबंधन जानते हैं, और पहले जमाने के लोग कुछ नहीं जानते थे? उत्तर:- आज के इंजीनियर पश्चात्य शिक्षा प्रणाली की उपज है यूरोप और अमेरिका, चीन के लोग समझते हैं कि भारत एक पिछड़ा और जंगली देश था। उसे उन्होंने ही सभ्य बनाया। यूरोप में आधुनिक परिवर्तन का आधार पुनर्जागरण काल से माना जाता है। इसके बाद यूरोप में नई विचारधारा फैली और ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति हुई थी। आज के इंजीनियर को जो ज्ञान मिला है उसमें यह बात भी शामिल है उनको यही पता है कि वर्तमान सभ्यता और विकास यूरोप की ही देन है।

भारत के प्राचीन सभ्यता के बारे में उसको पता नहीं है। उनको यह पता नहीं है कि महाराजा विक्रमादित्य, राजा भोज तथा राजा मुंज जब भारत में शासन करते थे, तब यूरोप के पुनर्जागरण का कुछ अता पता नहीं था। इन शासकों ने मालवा में तलाब खुदवाएं थे कुएं बावड़ी बनवाए थे। बरसात के पानी को सुरक्षित रखने की व्यवस्था की थी। वे जानते थे कि इस प्रकार गर्मी में पानी की कमी की समस्या का समाधान किया जा सकेगा तथा इससे भूगर्भ जल भंडार की भी सुरक्षा होगी। आज के इंजीनियर इस बारे में कुछ नहीं जानते।

प्रश्न 4. मालवा में विक्रमादित्य और भोज और मुंज रिनेसां के बहुत पहले हो गए। पानी के रखरखाव के लिए उन्होंने क्या प्रबंध किया था?

उत्तर:- मालवा में इन राजाओं के द्वारा जल संरक्षण के निम्नलिखित उपाय किए गए थे।

1 तालाबों तथा बावड़ियों का निर्माण- मालवा महाराजा विक्रमादित्य, भोज और मुंज कुशल प्रजा पालक शासक थे। इसलिए उन्होंने मालवा में तलाब खुदवाए तथा बावड़ियों का निर्माण कराया था।

2 भूमिगत जल का संरक्षण- इन राजाओं ने तालाबों, कुँओं बावड़ियों का निर्माण कराकर बरसात के पानी को एकत्रित किया। वे जानते थे कि पठार के पानी को रोककर रखने से विकास के कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा। इससे बरसात का पानी रुका रहता था और गर्मियों में लोगों के काम आता था. इससे भूगर्भ के जल स्तर भी सुरक्षित रहता था। उसका अनावश्यक दोहन ही नहीं होता था।

प्रश्न 5. हमारी आज की सभ्यता इन नदियों को अपने गंदे पानी के नाले बना रही हैं।' क्यों और कैसे ?

उत्तर:- हमारी आज की सभ्यता इन नदियों को अपने गंदे पानी के नाले बना रही हैं। इसका कारण है औद्योगिक विकास। हमारी भारतीय सभ्यता यूरोप और अमेरिका से आए हुए सभ्यता को अपना रही है। उसका आधार विशाल उद्योग है, इनमें बड़ी-बड़ी मशीनों से भारी मात्रा में उत्पादन होता है। इनका धुआं वातावरण को प्रदूषित करता है रसायनों से युक्त पानी नदियों में वह कर उनको प्रदूषित कर देता है।

हमारे देश में विभिन्न धर्म के लोग रहते हैं सभी धर्मों की अनेक मान्यताएं एवं परंपराएं होती है। त्योहारों तथा उत्सव के अवसर पर हम नदियों में पूजा के बाद मूर्ति आदि सामान विसर्जित करते हैं। इसके अलावा अन्य सामग्री भी नदी में डाल देते हैं। जिसे हमारी पवित्र नदी दूषित एवं नाली के रूप में परिवर्तन हो जाती है।

प्रश्न 6. लेखक को क्यों लगता है कि 'हम जिसे विकास की औद्योगिक सभ्यता कहते हैं। वह उजाड़ की अपसभ्यता है। 'आप क्या मानते हैं?

उत्तर:- लेखक को औद्योगिक सभ्यता के विकास से होने वाले विनाश के कारण यह सभ्यता उजाड़ की अपसभ्यता लगती है। इस विकास के कारण कई खतरे जन्म ले चुके हैं।

1 वातावरण में परिवर्तन होना औद्योगिक सभ्यता के विकास के परिणाम स्वरूप वातावरण में काफी परिवर्तन हुआ है। उद्योगों से निर्माण कार्य के दौरान निकलने वाले दूषित गैसों के कारण धरती का तापमान बढ़ता जा रहा है। ठंडे प्रदेशों भी गर्म होने लगे है तथा मानसून अनियमित हो गया है, जिससे बाढ़ तथा सूखे जैसी समस्याएं उत्पन्न हुई हैं और कई बार मानव सभ्यता उजड़ी है।

2 नदी तालाबों की दुर्दशा उद्योगों के तीव्र विकास से नदियों तथा तालाबों का पानी दूषित हो गया है। उद्योग धंधों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ इन जल स्रोतों में बहा दिए जाते हैं। जिससे पानी सुचारू रूप से नहीं रह पाता है और वह अपनी सीमाएं तोड़कर बाढ़ आदि की स्थिति पैदा करता है। इन उद्योगों का कूड़ा करकट नदियों में जाने से यह गंदे नालों के रूप में परिवर्तित हो गई है। हमारे मत में यह बात बिल्कुल सही है कि जिसे हम विकास की औद्योगिक सभ्यता कहते हैं वह उजाड़ की अपसभ्यता है।

प्रश्न 7. धरती का वातावरण गर्म क्यों हो रहा है? इसमें यूरोप और अमेरिका की क्या भूमिका है? टिप्पणी कीजिए।

उत्तर:

1 वातावरण गर्म होने का कारण हमने अपनी सभ्यता के विकास के लिए विभिन्न प्रयास किए हैं। इन प्रयासों में हमने प्रकृति के साथ खिलवाड़ किया। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जिससे वातावरण में परिवर्तन आया अपने विकास के लिए हमने नए-नए उद्योग धंधे स्थापित किए। इन उद्योगों से अनेकों हानिकारक गैसें वातावरण में फैली जिससे वातावरण बेहद गर्म हो गया। कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य गैसों के वातावरण में फैलने से पृथ्वी का तापमान बढ़ गया।

2 यूरोप और अमेरिका की भूमिका उद्योगों का सबसे अधिक विकास यूरोप और अमेरिका में हुआ है। इन देशों ने रोज नए-नए प्रयोग से अनेकों हानिकारक गैस वातावरण में फैलाई जिससे पर्यावरण बिगड़ा है। इससे पूरी दुनिया प्रभावित हुई है, ये देश इन्हें रोकने को भी तैयार नहीं है वे नहीं मानते कि धरती के वातावरण के गर्म होने से काफी गड़बड़ी हो रही है। इस प्रकार धरती के वातावरण के गर्म होने में यूरोप और अमेरिका की प्रमुख भूमिका है।

परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. मालवा जैसे जल और अत्र से समृद्ध प्रदेश में सूखा पड़ने का उत्तरदायित्व किसका है?

उत्तर:- लेखक मानता है कि मालवा में पानी की कमी नहीं है। पुराने लोग तालाबों बावड़ियों में पानी एकत्र करते थे, इससे गर्मी में पानी की जरूरत पूरी होती थी। आज पश्चिमी शिक्षा पद्धति से पढ़े हुए योजनाकार तथा इंजीनियरों ने इस बात का ध्यान नहीं रखा है। वे तालाब के पानी की सफाई करने के स्थान पर कीचड़ गाद भरने देते हैं। दूसरी ओर बिजली से चलने वाले पंपों की सहायता से जमीन के अंदर पानी का अनावश्यक दोहन करके उसको हानि पहुंचाते हैं। लेखक की दृष्टि में यह दोषपूर्ण चिंतन ही मालवा में सुखा होने का कारण है।

प्रश्न 2. लेखक ने आज हमें मालवा में बहने वाली नदियों के बारे में क्या बताया है? कि ऐसा सिर्फ मालवा की नदियों के साथ ही हो रहा है?

उत्तर:- लेखक ने बताया है कि आज मालवा की नदियों में पानी का अभाव है इंदौर और सरस्वती नदियों में पानी का अभाव है। शिप्रा, चंबल, गंभीर, पार्वती कालीसिंध, चोरल सबका यही हाल है। इन नदियों में कभी 12 महीनें पानी रहा करता था। अब मालवा आंसू भी नहीं बहा सकती चौमासे में बहती है बाकी महीनों में बस्तिय का गंदा पानी इनमें बहता रहता है। वर्तमान में औद्योगिक सभ्यता ने इन सदा निर्मल नदियों को गंदे पानी का नाला बना दिया है। ऐसा मालवा मे नहीं है बल्कि सारे संसार में हो रहा है।

प्रश्न 3. लेखक ने वर्तमान सभ्यता को उजाड़ सभ्यता क्यों कहा है?

उत्तर:- वर्तमान सभ्यता मनुष्य को प्रकृति से दूर ले जा रही है। अमेरिका रूस, जापान, फ्रांस, चीन आदि देशों के विशाल उद्योगों में होने वाला उत्पादन विश्व के अन्य देशों में बिकता है जो वहां के आर्थिक सांस्कृतिक सभ्यता को नष्ट कर रहा है। इससे पूंजीवादी शोषण बढ़ रहा है तथा उन लोगों में गरीबी बढ़ गई है। यह सभ्यता लोगों की सुख शांति को दिनोंदिन समाप्त करती जा रही है। उनकी धरती के सौंदर्य और उर्वरक को उजाड़ रही है, यह मानव जाति को भीषण विनाश की ओर धकेल रही है।

प्रश्न 4. नदियों से सभ्यता का क्या संबंध है? आज विकास के नाम पर सभ्यता को क्या हानि पहुंचाई जा रही है ?

उत्तर:- नदियों से सभ्यता का गहरा संबंध रहा है जब मनुष्य ने कृषि का पेशा अपनाया तो उसे एक स्थान पर रहने बसने की जरूरत महसूस हुई। इसके लिए वह नदियों के किनारे रहने लगे। यहां से ही सभ्यता का जन्म हुआ। संसार की प्राचीन सभ्यताएं मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, मिस्र आदि सभ्यताएं तथा भारत की वैदिक सभ्यता सिंधु, गंगा, नील, आदि नदियों के तट पर ही विकसित हुई है। आज का युग विकास का युग कहलाता है। विश्व में होने वाले औद्योगिक क्रांति ने संसार को बदल दिया है। उद्योगों के विशाल उत्पादन के लिए पूरा विश्व बाजार बन चुका है। इससे गहरी आर्थिक असमानता पैदा हो रही हैं। गरीबी और शोषण बढ़ रहा है विकास के नाम पर जो हो रहा है, उससे मानव जाति के ऊपर विनाश का खतरा मंडरा रहा है।

प्रश्न 5. लेखक आज के इंजीनियरों का भ्रम कैसे दूर करते हैं ?

उत्तर:- जब आज के इंजीनियर यह कहते हैं कि जल प्रबंधन के बारे में जानकारी उन्हें पश्चिमी सभ्यता से हुई है। इसके बारे में इससे पहले कोई जानकारी नहीं थी। यह आज के इंजीनियरों का भ्रम है। इसे दूर करते हुए लेखक पहले के जमाने के राजा विक्रमादित्य, मुंज आदि का उदाहरण देते हुए बतलाते हैं कि उन्होंने जल संरक्षण की विधि को अपनाया था। उसके संरक्षण के लिए उन्होंने नदियां, तालाबों आदि का निर्माण करवाया था। इस प्रकार लेखक आज के इंजीनियरों का भ्रम दूर करते हैं।

प्रश्न 6. लेखक ने नवरात्रि की पहली सुबह का कैसा वर्णन किया है?

उत्तर:- लेखक ने पहली नवरात्रि का वर्णन करते हुए कहा है कि नवरात्रि की सुबह थी मालवा में घट स्थापना की तैयारी चल रही थी। गोबर से घर आंगन लिपने और रंगोली बनाने की तैयारियां हो रही थी। लड़कियों और औरतों के सजने की तैयारियां चल रही थी लेकिन ऐसा लग रहा था कि आसमान से पानी गिर कर ही रहेगा। लेखक कहता है कि ऐसा नहीं था कि नवरात्रि में पहले पानी गिरते नहीं देखा लेकिन यह मानसून के जाने का समय था और अब लग रहा था कि अबकी बार तो यह जमे रहने का धौंस दे रहा है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. लेखक ने अपना मालवा अध्याय में क्या वर्णन किया है ?

उत्तर:- लेखक ने अपना मालवा अध्याय में मलवा के लोगों का सामान्य जीवन, वहां की प्रकृति और घटनाओं उनका जनजीवन पर प्रभाव मौसम, नदियां आदि का वर्णन किया है। लेखक ने मालवा की संस्कृति का वर्णन भी अपना मालवा अध्याय में किया है।

प्रश्न 2. लेखक ने किन राजाओं का वर्णन किया है जिन्होंने जल संरक्षण में अपना योगदान दिया है ?

उत्तर:- लेखक ने राजा विक्रमादित्य, राजा भोज, राजा मुंज का वर्णन किया है, जिन्होंने जल संरक्षण के लिए अनेक प्रयास किए। जिससे मुश्किल समय में पानी की आपूर्ति हो सके, उन्होंने जल संरक्षण में अपना अहम योगदान दिया ।

प्रश्न 3. भारत की नदियां गंदी क्यों है ?

उत्तर:- भारत की नदियां खासतौर पर भारतीय लोगों के अंधविश्वास के कारण गंदी है। लोग पूजा की सामग्री को नदी में बहा देते हैं। कुछ ऐसे लोग जो अपने देश को साफ करना अपना कर्तव्य नहीं समझते हैं वही कूड़ा, प्लास्टिक की वस्तु भी नदियों में बहा देते हैं। इन सभी कारणों से भारत की नदियां गंदी है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

प्रश्न 1. अपना मालवा पाठ के लेखक इनमें से कौन है ?

1 प्रभात कुमार

2 प्रभाष जोशी

3 पंडित मोहन जोशी

4 विष्णु खरे

प्रश्न 2. प्रभाष जोशी का जन्म दिए गए विकल्पों में से चयन करें ?

1 1938

2 1837

3 1893

4 1937

प्रश्न 3. लेखक का जन्म कहां हुआ था दिए गए उचित विकल्पों का चयन करें ?

1 वाराणसी

2 मुंगेर बिहार

3 इंदौर (मध्य प्रदेश)

4 आंध्र प्रदेश

प्रश्न 4. प्रभाष जोशी ने पत्रकारिता का आरंभ किस संपादक के अंतर्गत किया था ?

1 मुंशी प्रेमचंद

2 विष्णु खरे

3 दिनेश माथुर

4 राजेंद्र माथुर

प्रश्न 5. प्रभाष जोशी ने अपना पहला अखबार निकाला उसका नाम क्या था ?

1 दैनिक भास्कर

2 जनसंवाद

3 जनसत्ता

4 दैनिक समाचार

प्रश्न 6. अपना मलवा किस विधा में लिखा गया है ?

1 संस्मरण

2 यात्रावृतांत

3 जीवन परिचय

4 कहानी

प्रश्न 7. त्योहारों के समय मालवा के घर आंगन को किससे लिपा जाता था ?

1 चुना से

2 गोबर से

3 मिट्टी से

4 पानी रंग

प्रश्न 8. मालवा में कौन जमा रहता है ?

1 मानसून

2 धूप

3 मेहमान

4 लेखक

प्रश्न 9. चौमासा किसे कहते हैं?

1 गर्मी के 4 महीने

2 सर्दी के 4 महीने

3 बरसात के चार महीने

4 उपरोक्त में से कोई नहीं

प्रश्न 10. लेखक ने वैशाली राक्षसी बांध किस नदी में देखा था?

1 शिप्रा

2 नर्मदा

3 कावेरी

4 गोदावरी

प्रश्न 11. पुराने समय में राजा विक्रमादित्य, भोज, मुंज आदि ने पानी का संरक्षण के लिए क्या किया था ?

1 तालाब का निर्माण

2 कुआं का निर्माण

3 बावड़ियों का निर्माण

4 उपरोक्त सभी

प्रश्न 12. उज्जैन जाते समय लेखक को कौन सी नदी मिली ?

1  नर्मदा

2 शिप्रा

3 गंगा

4 यमुना

प्रश्न 13. पाठ के अनुसार पूर्व समय में लोग किस कार्य में कुशल थे ?

1 शहर योजना

2 पानी प्रबंधन

3 कृषि

4 उपरोक्त सभी

प्रश्न 14. गांधी सागर बांध किस नदी पर स्थित है ?

1 चंबल

2 गंगा

3 यमुना

4 कावेरी

प्रश्न 15. लेखक ने 'डग डग रोटी पग-पग नीर' किस संदर्भ मे कहा है ?

1 मुहावरे

2 नदियों के बारे में

3 मालवा की धरती के बारे में

4 तालाबों के बारे में

प्रश्न 16. आधुनिक सभ्यता के विकास को लेखक ने क्या कहा है?

1 उजाड़ की अपसभ्यता

2 औद्योगिक सभ्यता

3 विकसित सभ्यता

4 खुशहाल सभ्यता

प्रश्न 17. मालवा की सदानीरा नदियाँ बिना बरसात के मौसम में किसका काम करती है ?

1 शुद्ध जल प्रवाहित करने का

2 सुखा रहने का

3 शहर के गंदे पानी को ले जाने का

4 कृषि के लिए पानी देने का

प्रश्न 18. रिनेसां से पहले भारतीय इंजीनियर किस कला में दक्ष थे ?

1 प्रकृति संरक्षण

2 जल संरक्षण

3 नदी संरक्षण

4 खाद संरक्षण

प्रश्न 19. जनसत्ता अखबार का संपादकीय किस क्षेत्र की ओर झुकाव रखता था?

1 राजनीति

2 सामाजिक

3 विज्ञान

4 खेल 

JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

अंतरा भाग 2

पाठ

नाम

खंड

कविता खंड

पाठ-1

जयशंकर प्रसाद

(क) देवसेना का गीत

(ख) कार्नेलिया का गीत

पाठ-2

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(क) गीत गाने दो मुझे

(ख) सरोज - स्मृति

पाठ-3

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

(क) यह दीप अकेला

(ख) मैंने देखा एक बूँद

पाठ-4

केदारनाथ सिंह

(क) बनारस

(ख) दिशा

पाठ-5

विष्णु खरे

(क) एक कम

(ख) सत्य

पाठ-6

रघुबीर सहाय

(क) बसंत आया

(ख) तोड़ो

पाठ-7

तुलसीदास

(क) भरत - राम का प्रेम

(ख) पद

पाठ-8

मलिक मुहम्मद जायसी

बारहमासा

पाठ-9

विद्यापति

पद

पाठ-10

केशवदास

कवित्त / सवैया

पाठ-11

घनानंद

कवित्त / सवैया

गद्य खंड

पाठ-1

रामचन्द्र शुक्ल

प्रेमधन की छायास्मृति

पाठ-2

पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

सुमिरनी के मनके

पाठ-3

ब्रजमोहन व्यास

कच्चा चिट्ठा

पाठ-4

फणीश्वरनाथ 'रेणु'

संवदिया

पाठ-5

भीष्म साहनी

गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफत

पाठ-6

असगर वजाहत

शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

पाठ-7

निर्मल वर्मा

जहाँ कोई वापसी नहीं

पाठ-8

रामविलास शर्मा

यथास्मै रोचते विश्वम्

पाठ-9

ममता कालिया

दूसरा देवदास

पाठ-10

हजारी प्रसाद द्विवेदी

कुटज

अंतराल भाग - 2

पाठ-1

प्रेमचंद

सूरदास की झोपडी

पाठ-2

संजीव

आरोहण

पाठ-3

विश्वनाथ तिरपाठी

बिस्कोहर की माटी

पाठ-

प्रभाष जोशी

अपना मालवा - खाऊ- उजाडू सभ्यता में

अभिव्यक्ति और माध्यम

1

अनुच्छेद लेखन

2

कार्यालयी पत्र

3

जनसंचार माध्यम

4

संपादकीय लेखन

5

रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन

6

आलेख लेखन

7

पुस्तक समीक्षा

8

फीचर लेखन

JAC वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा, 2023 प्रश्न-सह-उत्तर

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