12th Geography 12. भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ GEORAPHICAL PERSPECTIVE ON SELECTED ISSUES AND PROBLEMS

12th Geography 12. भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ GEORAPHICAL PERSPECTIVE ON SELECTED ISSUES AND PROBLEMS

12th Geography 12. भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ GEORAPHICAL PERSPECTIVE ON SELECTED ISSUES AND PROBLEMS

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Geography12. भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

GEORAPHICAL PERSPECTIVE ON SELECTED ISSUES AND PROBLEMS

पाठ के मुख्य बिंदु

* प्रदूषण: पर्यावरण में जीव जंतुओं और पेड़ पौधों के लिए हानिकारक परिवर्तन ही प्रदूषण कहलाता है। पर्यावरण प्रदूषण मानवीय क्रियाकलापों के अपशिष्ट उत्पादों से मुक्त द्रव्य एवं ऊर्जा का परिणाम है। वातावरण में अवांछित पदार्थों की मात्रा का अधिक हो जाना प्रदूषण की स्थिति पैदा करता है। प्रदूषण को हम इस आधार पर वर्गीकृत कर सकते हैं कि वातावरण का कौन सा अंग उससे प्रभावित हो रहा है। जैसे वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण जल प्रदुषण ।

* प्रदूषक: पदार्थ का ऐसा रूप जो जैविक तंत्र के प्राकृतिक संतुलन में अवनति तथा प्रदूषण उत्पन्न करता है। अथवा भूमि या पर्यावरणीय तत्वों में परिवर्तन करने वाले अवांछनीय पदार्थों को प्रदूषक कहते हैं। प्रदूषण उत्पन्न करने वाले पदार्थ प्रदूषक कहलाते हैं।

* पर्यावरण प्रदूषण: प्रदूषण का वह कोई भी परिवर्तन जो पर्यावरण की गिरावट में योगदान देता है, पर्यावरण प्रदूषण कहलाता है।

* मृदा प्रदूषण : मृदा की गुणवत्ता में गिरावट भूमि प्रदूषण कहलाता हैं, अधिक उपज की लालच में रासायनिक खादों, कीटनाशकों तथा खरपतवार नाशकों का अविवेकपूर्ण प्रयोग एवं अपशिष्टों का उचित निपटान न होना, प्लास्टिक का प्रयोग, मृदा प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है।

* वायु प्रदूषण वायु की संरचना में जीवाश्म ईंधनों के जलने से उत्पन्न धुओ, धूलकण आदि मिलने से वायु प्रदूषण होता है।

* जल प्रदूषण धरातल पर पाये जाने एवं भूमिगत जल में मानवकृत (घरेलू एवं औद्योगिक) अपशिष्टों के मिलने से जल प्रदूषण होता हैं।

* ध्वनि प्रदूषण वाहनों, उद्योगों लाउड स्पीकरों एवं मशीनों का शोर ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न करता है। भारत के कई शहरों में ध्वनि प्रदूषण बहुत खतरनाक है।

* गंदी बस्तियां ये न्यूनतम वांछित आवासीय क्षेत्र होते हैं, जहाँ जीर्ण : शीर्ण मकान, स्वास्थ्य की निम्न सुविधाएँ व आवश्यक आधारभूत चीजों का अभाव पाया जाता है। नगरों में मलिन बस्तियों की समस्या इस समय देश के समक्ष चुनौती बनी हुई है।

* धूम्र - कोहरा : महानगरों में उद्योगों या वाहनों से निष्कासित धुआ पर्याप्त मात्रा में वायु में मिल जाता है। इन नगरीय क्षेत्रों में जब शीतकाल में कोहरा पड़ता है तो कुहरा और धुंए के मिश्रण से यह और घना हो जाता है जिसे धूम्र कोहरा कहा जाता है।

* भू निम्नीकरण: इसका अभिप्राय स्थायी या अस्थायी तौर पर भूमि की उत्पादकता की कमी है।

* व्यर्थ भूमि : यद्यपि सभी निम्न कोटि भूमियां व्यर्थ भूमि नहीं है। लेकिन वनों के नाश एवं अधिक सिंचाई जैसी प्रक्रियाएं इसे व्यर्थ भूमि में परिवर्तित कर देती है।

* निम्नीकृत भूमि दूर संवेदन तकनीक की सहायता से निम्नीकृत भूमि की पहचान की गई है, जो प्राकृतिक खड़, मरुस्थलीय या तटीय रेतीली भूमि बंजर चद्रानी क्षेत्र, तीव्र ढाल वाली भूमि तथा हिमानी क्षेत्र के रूप में पायी जाती है। मानव जनित निम्न कोटि भूमियों में जलाक्रांत व दलदली क्षेत्र लवणता व क्षारता से प्रभावित क्षेत्र, झाड़ी सहित व झाड़ियों सहित क्षेत्र प्रमुख रूप से सम्मिलित है।

* ग्रामीण-शहरी प्रवास नगरीय क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोगों का नगरों में आकर बस जाना।

* प्रवास: विशिष्ट उद्देश्य से देश के अन्दर एक स्थान से दूसरे स्थान पर अथवा विदेश को किसी प्राणी का गमन ।

* अम्लीय वर्षा : औद्योगिक एवं नगरीकृत क्षेत्रों में जीवाश्म ईंधन जलाने से भारी मात्रा में वायुमंडल में सल्फर तथा नाइट्रोजन के ऑक्साइड छोड़े जाते हैं। वर्षा होने पर वर्षा जल जब इन ऑक्साइड़ों के साथ क्रिया कर क्रमशः सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल के साथ भूपटल पर बरसता है, तो इस प्रकार की वर्षा को अम्लीय वर्षा कहा जाता है।

* धूम्र कोहरा नगरों के ऊपर फैला कुहरा जिसे शहरी धूम्र कोहरा कहा जीता है। यह वायुमंडलीय प्रदूषण के कारण होता है।

* भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान एक गंभीर समस्या है, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई आदि शहरों में ठोस अपशिष्ट के 90% को एकत्रित करके उसका निपटान किया जाता है, परन्तु देश के अन्य शहरों में ऐसा नहीं है।

* छोटे व मध्यम नगरों में रोजगार कम होने के कारण लोग सीधे अपनी जीविका के लिए महानगरों में पहुँचते है। जिस कारण वहाँ जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से सर्वाधिक प्रदूषित नदी कौन-सी है?

(क) ब्रह्मपुत्र

(ख) सतलुज

(ग) यमुना

(घ) गोदावरी

2. निम्नलिखित में से कौन-सा रोग जल जन्य है?

(क) नेत्रश्लेष्मला शोध

(ख) अतिसार

(ग) श्वसन संक्रमण

(घ) श्वसन नली शोथ

3. निम्नलिखित में से कौन-सा अम्ल वर्षा का एक कारण है?

(क) जल प्रदूषण

(ख) शोर प्रदूषण

(ग) भूमि प्रदूषण

(घ) वायु प्रदूषण

4. प्रतिकर्ष और अपकर्ष कारक उत्तरदायी है-

(क) प्रवास के लिए

(ख) गन्दी बस्तियों के लिए

(ग) भू निम्नीकरण के लिए

(घ) वायु प्रदूषण के लिए

5. औद्योगीकरण से कौन-सा प्रदूषण होता है?

(क) जल प्रदूषण

(ख) वायु प्रदूषण

(ग) ध्वनि प्रदूषण

(घ) इनमें से सभी

6. निम्नलिखित में से कौन-सा कारण जल प्रदूषण के लिए सर्वाधिक रूप से उत्तरदायी है?

(क) वन विनाश

(ख) घरेलू अपमार्जक

(ग) कृषि बहिःस्राव

(घ) औद्योगिक अपशिष्ट

7. सिंचित क्षेत्रों में मृदा निम्नीकरण का मुख्य कारण है-

(क) वायु अपरदन

(ख) सिल्ट का जमाव

(ग) अवनालिका अपरदन

(घ) मृदा लवणता

8. पर्यावरणीय हास के क्या कारण हो सकते हैं?

(क) प्राकृतिक प्रकोप से

(ख) प्राकृतिक आपदा से

(ग) पर्यावरण आघात से

(घ) इनमें से सभी से

9. ध्वनि की माप की इकाई क्या है?

(क) जूल

(ख) प्रतिशत

(ग) डेसीबल

(घ) मीटर

10. निम्नलिखित में से किस प्रदूषण द्वारा सर्वाधिक बीमारियां होती है?

(क) वायु प्रदूषण

(ख) भूमि प्रदूषण

(ग) जल प्रदूषण

(घ) ध्वनि प्रदूषण

11. विशालतम गन्दी बस्ती 'धारावी' कहां अवस्थित है?

(क) मुम्बई में

(ख) कोलकाता में

(ग) दिल्ली में

(घ) हैदराबाद में

12. ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं.

(क) मोटर वाहन

(ख) उद्योग

(ग) लाउडस्पीकर

(घ) उपरोक्त सभी

13. अम्लीय वर्षा का मुख्य कारण कौन है?

(क) भूमि प्रदूषण

(ख) वायु प्रदूषण

(ग) जल प्रदूषण

(घ) ध्वनि प्रदूषण

14. निम्नलिखित रोगों में से कौन वायु जनित नहीं है?

(क) श्वसन संक्रमण

(ख) अतिसार

(ग) नेत्रश्लेष्मला शोथ

(घ) श्वासनली शोध

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. प्रदूषण क्या है?

उत्तर: पर्यावरण का वह कोई परिवर्तन जो पर्यावरण की गिरावट का कारक होता है, प्रदूषण कहलाता है।

2. प्रदूषक किसे कहते हैं?

उत्तर- प्रदूषण उत्पन्न करने वाले पदार्थों को प्रदूषक कहा जाता है। प्रदूषक ठोस, द्रव या गैस के रूप में होते हैं।

3. वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों को लिखिए।

उत्तरः जीवाश्म ईंधन जैसे कोयला, पेट्रोल व डीजल का दहन, खनन, औद्योगिक प्रक्रम, ठोस कचरा निपटान, वाहित मल निपटान आदि वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं।

4. मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के क्या प्रभाव पड़ते हैं?

उत्तर: वायु प्रदूषण के कारण मानव को श्वसन तन्त्रीय, तन्त्रिका रक्त संचार तन्त्र सम्बन्धी विभिन्न बीमारियों का गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाता है।

5. भारत में गांवों से आए प्रवासियों की तीन सामाजिक समस्याएँ बताइए ।

उत्तर:

(क) सामाजिक अकेलापन

(ख) शोषण

(ग) नशे की लत ।

6. प्रदूषण के वर्गीकरण की कसौटी क्या है?

उत्तर: प्रदूषकों के परिवहित एवं विसरित होने के माध्यम के आधार पर प्रदूषण को वर्गीकृत किया जाता है।

7. वायु प्रदूषण के लिये मुख्य रूप से कौन सा कारक जिम्मेदार है?

उत्तर: जीवाश्म ईंधनों के जलने से निकला धुआं ।

8. वायु को प्रदूषित करने वाले प्रमुख प्रदूषक तत्व कौन से हैं?

उत्तर: सल्फर ऑक्साइड, कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, शीशा, एस्बेस्टस, धूलकण आदि।

9. वायु प्रदूषण जनित प्रमुख बीमारियां कौन सी है?

उत्तर: श्वास सम्बन्धी बीमारी जैसे दमा, अस्थमा तंत्रिका तंत्र सम्बन्धी बीमारी।

10. अम्लीय वर्षा से क्या तात्पर्य है? इसका मुख्य कारण क्या है?

उत्तर: वायु प्रदूषण के कारण वातावरण में मौजूद अवांछित तत्व वर्षा के जल में मिलकर नीचे आते हैं। इसमें अम्लीय पदार्थ अधिक होते हैं, इसे अम्लीय वर्षा कहते हैं।

11. धूम्र कोहरा से क्या तात्पर्य है?

उत्तर: वातावरण में मौजूद धुआँ एवं धूल के कण जब सामान्य रूप में बनने वाले कोहरे में मिल जाते हैं तो इसे धूम्र कोहरा कहते हैं यह स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक होता है।

12. भारत में नगरीय अपशिष्ट निपटान से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।

उत्तर- भारत में अधिकांश नगरों में नगरीय अपशिष्ट का 30 से 50 प्रतिशत कचरा बिना समुचित निपटान के छोड़ दिया जाता है जो गलियों में, घरों के पीछे खुली जगहों पर तथा परती भूमि पर जमा हो जाता है। इससे उन क्षेत्रों में निवासित व्यक्तियों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा होते हैं।

13. भारत में जल की गुणवत्ता के निम्नीकरण का मुख्य कारण क्या है?

उत्तर- भारत में जल की गुणवत्ता के निम्नीकरण का मुख्य कारण रासायनिक पदार्थों, औद्योगिक और अन्य अवशिष्ट पदार्थों को पानी में बहाना है।

14. 'ध्वनि प्रदूषण' शब्द की परिभाषा दीजिए।

उत्तर- कोई भी ऐसी अनचाही आवाज़ जो मानव मस्तिष्क को प्रभावित करती हो. असहनीय हो, बेचैनी बढ़ाती हो तथा मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो, ध्वनि प्रदूषण कहलाती है।

15. भारत में उपलब्ध कितना प्रतिशत जल प्रदूषित है ?

उत्तर- भारत में उपलब्ध जल का 70 प्रतिशत भाग प्रदूषित है।

16. जल प्रदूषण के कारण होने वाली चार बीमारियों के नाम बताइए।

उत्तर- हैजा, पीलिया, टाइफाइड तथा पेचिश इत्यादि बीमारियाँ जल प्रदूषण के कारण फैलती हैं।

17. ध्वनि को मापने की इकाई क्या है?

उत्तर- ध्वनि को मापने की इकाई डेसिबल है।

18. जल प्रदूषण के शहरी स्रोत क्या हैं?

उत्तर- सीवेज, नगरपालिका व घरेलू कूड़ा-करकट, औद्योगिक अवशिष्ट, मोटरकार का धुँआ / निष्कासन आदि जल प्रदूषण के शहरी स्रोत है।

19. उन तीन शहरों के नाम बताइए जो यमुना नदी के जल को प्रदूषित करने के लिए उत्तरदायी हैं।

उत्तर- दिल्ली, आगरा तथा मथुरा यमुना नदी के जल को प्रदूषित करने के लिए उत्तरदायी है।

20. CFCs का क्या अर्थ है?

उत्तर: CFCs का तात्पर्य क्लोरोफ्लोरोकार्बन से है यह ओजोन परत को क्षतिग्रस्त करता है।

21. जल की गुणवत्ता में हास के लिये जिम्मेदार तीन प्रमुख कारण बताइए ।

उत्तर:

(क) बढ़ती हुई जनसंख्या

(ख) औद्योगिक निस्तारण,

(ग) जल का अविवेक पूर्ण उपयोग।

22. नदियों के प्रदूषण के लिए जिम्मेदार प्रमुख उद्योग कौन-कौन से हैं।

उत्तर: चमड़ा उद्योग, कागज एवं लुग्दी उद्योग, वस्त्र उद्योग, रसायन उद्योग ।

23. जल प्रदूषण से होने वाली प्रमुख बीमारियों के नाम लिखो।

उत्तर: डायरिया, हेपेटाइटिस, आंतों के कृमि आदि।

24. ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों के नाम लिखिए ।

उत्तर: विविध उद्योग, मशीनीकृत निर्माण, तोड़-फोड़ कार्य मोटर वाहन तथा वायुयान ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख कारण है।

25. सतत पोषणीय विकास की संकल्पना को परिभाषित करें।

उत्तर: सतत पोषणीय विकास एक ऐसा विकास है, जिसके अंतर्गत भविष्य में आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकताओं की पूर्ति को ध्यान में रखकर पर्यावरण को बिना प्रभावित किए वर्तमान पीढ़ी द्वारा अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति पर बल दिया गया है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. नगरों में अपशिष्ट निपटान सम्बन्धी समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। इस समस्या से सम्बन्धित प्रमुख तीन तत्वों का वर्णन कीजिए ?

उत्तर : नुगरों में अपशिष्ट निपटान संबंधी प्रमुख समस्याएं निम्न प्रकार से हैं :-

(क) अपशिष्ट के पृथक्करण की समस्याः नगरों में अभी भी सभी प्रकार के ठोस अपशिष्ट एक साथ इकट्ठे किये जाते हैं। जैसे कि धातु सीसा, सब्जियों के छिलके कागज आदि । जिससे उनको उचित तरीके से निपटने में बाधा आती है।

(ख) भराव स्थल की समस्या:- महानगरों में कूड़ा डालने के लिये स्थान की कमी महसूस की जाने लगी है। पर्याप्त स्थान उपलब्ध नहीं है। सड़कों पर कूड़ा डाला जाता है।

(ग) पुनर्चक्रण की समस्या:- पृथक्करण न होने एवं पर्याप्त जागरूकता के अभाव में अपशिष्ट का पुनर्चक्रण नहीं हो पाता ।

2. कौन-सी धार्मिक व सांस्कृतिक गतिविधियां प्रदूषण के लिये उत्तरदायी है?

उत्तर: निम्नलिखित धार्मिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियां प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी है

(क) तीर्थ यात्राएं व धार्मिक कर्मकाण्ड

(ख) धार्मिक मेलें

(ग) पर्यटन

(घ) पर्वतारोहण एवं खोज अभियान

(ड.) मृत शरीर को जलाना / जल में बहाना

(च) घर के धार्मिक अपशिष्टों को फेंकना / बहाना

3. भू-निम्रीकरण से क्या तात्पर्य है? इसके लिए उत्तरदायी कारण क्या है?

उत्तर: भू- निनीकरण से तात्पर्य भूमि की उत्पादकता में अल्प समय के लिये या स्थायी रूप से कमी आ जाना है। इसके निम्नलिखित कारण हैं:

(क) वृक्षोन्मूलन के कारण मृदा अपरदन होता है मिट्टी की ऊपरी उपजाऊ परत हट जाती है।

(ख) भूमि पर लगातार कृषि उपज लेते रहने से भी भूमि की उत्पादकता में कमी आ जाता है। इससे निपटने के लिये प्राकृतिक उर्वरक डालते रहना चाहिये ।

(ग) लगातार जल भराव एवं नहरी सिंचाई भी भू- निम्नीकरण के लिए भू-नि उत्तरदायी है।

4. आधुनिक समय में पर्यावरण प्रदूषण की बढ़ती समस्या वर्तमान ही नहीं भविष्य की पीढ़ी के लिए भी एक समस्या बन रही है। स्पष्ट करे ।

उत्तर: आधुनिक समय में पर्यावरण प्रदूषण मानव के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। इससे पृथ्वी पर मानव जीवन खतरे में है। प्राकृतिक वातावरण पर हो रहे इस प्रदूषण का प्रभाव धीरे- धीरे इतना बढ़ता जा रहा है कि सभी मण्डल (जल, स्थल, वायु व जैवा इससे प्रभावित हो रहे हैं। जब से गाँवों, कस्बों व नगरों तथा औद्योगीकरण का विकास हुआ है तब से परिस्थिति धीरे-धीरे और भी अधिक बिगड़ने लगी है। हर प्रकार की अशुद्धियाँ वातावरण में बढ़ती जा रही है। न केवल वर्तमान बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी गंभीर समस्या बन रही है।

5. वायु प्रदूषण क्या है? इसके प्रमुख स्रोत क्या है? मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण का क्या प्रभाव पड़ता है?

अथवा

'वायु प्रदूषण' शब्द की परिभाषा लिखिए। वायु प्रदूषण के किन्हीं दो हानिकारक प्रभावों की व्याख्या कीजिए

उत्तर: धूल, धुंआ, जहरीली गैसें, दुर्गंध व वाष्प की वायु में वृद्धि जो जीव जन्तुओं व सम्पत्ति के लिए हानिकारक होती है. वायु प्रदूषण कहलाता है।

वायु प्रदूषण के स्रोत : जीवाश्म ईंधन का दहन, खनन, औद्योगिक ठोस कचरा निपटान इसके प्रमुख स्त्रोत हैं ये स्त्रोत वायु में सल्फर, नाइट्रोजन आक्साइड, हाइड्रोजन कार्बन व कोबन-डाइ-ऑक्साइड व कार्बन मोनोऑक्साइड, सीसा व एस्बेस्टस छोड़ते हैं। जिससे वायु प्रदूषण होता है।

मानव स्वास्थय पर प्रभाव इसके कारण श्वसन तन्त्र, तंत्रिका तंत्र तथा रक्त संचार सम्बन्धी विभिन्न बिमारियाँ होती है। नगरों के ऊपर घूम्र कोहरा छाया रहता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता। इसके कारण अम्लीय वर्षा भी हो सकती। जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

6. भारत में ग्रामीण क्षेत्रों से जनसंख्या का प्रवाह शहरों की ओर बढ़ता जा रहा है। इसके लिए उत्तरदायी कारणों को स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर :

(क) भारत में नगरीय क्षेत्रों में मजदूरों की मांग अधिक रहती है। इसलिए नियमित व अच्छी मजदूरी की आस लिए गांवों से शहरों की ओर पलायन करते हैं।

(ख) भारत में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरों में शिक्षा स्वास्थ्य व रोजगार के अच्छे अवसर लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

(ग) गांवों में गरीब व भूमिहीन लोगों के साथ सामाजिक भेदभाव व जातीय संघर्ष भी इन लोगों को शहरों की ओर पलायन के लिए मजबूर करता है।

7. भु-निनीकरण की प्रक्रिया के आधार पर निम्नीकृत भूमि को कितने वर्गों में रखा जा सकता है? प्रत्येक के बारे में बताइये।

उत्तर: भू-निम्नीकरण प्रक्रिया को दो वर्गों में रखा जा सकता है-

(क) मानवीय क्रियाओं द्वारा भू-निनीकरण:- इसके अन्तर्गत कृषि के अंतर्गत जमीन का अधिक दोहन, वनों को काटना, अत्यधिक चराई एवं अविवेकपूर्ण खनन कार्य व निर्माण कार्य शामिल है।

(ख) प्राकृतिक कारण द्वारा निम्नीकृत भूमि:- अवनालिका अपरदन, जलभराव, खड़ी ढाल पर अपरदन, भूस्खलन आदि ।

8. भारत के जलाशयों को उद्योग किस प्रकार प्रदूषित करते हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर: भारत के जलाशयों को उद्योग निम्नलिखित प्रकार से प्रदर्शित करते हैं

(क) उद्योग अनेक अवांछित उत्पाद पैदा करते हैं। जिनमें औद्योगिक कचरा, प्रदूषित अपशिष्ट जल, जहरीली गैसें, रासायनिक अवशेष अनेक भारी धातुएँ, धुल धुआँ आदि शामिल है।

(ख) अधिकतर औद्योगिक कचरे को बहते जल में या झीलों आदि में विसर्जित कर दिया जाता है। परिणाम स्वरूप रासायनिक तत्व जलाशयों, नदियों आदि में पहुँच जाते हैं।

(ग) सर्वाधिक जल प्रदूषण उद्योग जैसे चमड़ा, लुगदी व कागज, वस्त्र तथा रसायन है।

9. यद्यपि जल प्रदूषण प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त प्रदूषकों से भी प्रदूषित होता है। परंतु मानव स्रोतों से उत्पन्न होने वाले प्रदूषक चिंता का वास्तविक कारण है क्यों?

उत्तर: जल प्रदूषण प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त प्रदूषकों से भी प्रदूषित होता है, लेकिन मानव की भूमिका इसमें महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि-

(क) मानव जल को औद्योगिक, कृषि एवं सांस्कृतिक गतिविधियों से प्रदूषित करता है।

(ख) औद्योगिक कचरा जहरीली गैस रासायनिक अवशेष व भारी धातुएँ बिना उपचार के जल स्रोतों में विसर्जित कर दी जाती है।

(ग) आधुनिक कृषि की पद्धतियाँ, रासायनिक पदार्थ कीटनाशक आदि भी जल स्रोतों को प्रदूषित कर रहे है।

(घ) भारत में तीर्थ-यात्राओं, धार्मिक मेले, पर्यटन व अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां जल स्रोतों को प्रदूषित कर रही है।

10. प्रदूषण और प्रदूषक को में क्या अंतर है?

उत्तर: प्रदूषण और प्रदूषण को में निम्नलिखित अंतर है:

प्रदूषण

प्रदूषक

प्रदूषण का तात्पर्य मानव गतिविधियों द्वारा पर्यावरण का दूषित होना है।

यह ऊर्जा या पदार्थ का एक रूप है जो इकोसिस्टम के प्राकृतिक संतुलन को घटाता तथा प्रदूषित करता है।

प्रदूषण, अपशिष्ट उत्पादों के निपटारे के द्वारा हो सकता है।

यह गैसीय द्रवीय तथा ठोस स्थिति में हो सकता है।

प्रदूषण के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे कि वायु, जल, भूमि, ध्वनि प्रदूषण आदि ।

प्रदूषकों की विद्यमान मात्रा के आधार पर उच्च प्रदूषण का वर्गीकरण किया जाता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. भारत में जल प्रदूषण की प्रवृत्ति का वर्णन कीजिए।

उत्तर : भारत में तीव्र गति से जनसंख्या वृद्धि हो रही है तथा बढ़ते औद्योगीकरण के कारण जल प्रदूषण की समस्या गम्भीर रूप धारण कर चुकी है। भारत जल प्रदूषण की प्रवृत्ति को निम्न बिंदुओं से स्पष्ट किया जा सकता है:-

(क) भारत में नदियों के किनारे बसे सभी नगर व महानगर अपने यहाँ के सीवेज को इन नदियों में बिना किसी प्रतिबंध के डाल रहे हैं।

(ख) नदियों के समीप अवस्थित उद्योग भी अपने औद्योगिक कचरे तथा प्रदूषित अपशिष्ट जल को इन नदियों के प्रवाहित जल में डाल रहे हैं।

(ग) उद्योगों में चमड़ा, लुगदी कागज, वस्त्र तथा रसायन उद्योगों के औद्योगिक अपशिष्ट नदियों के जल को गंभीर रूप से प्रदूषित कर रहे हैं।

(घ) भारत के कृषि क्षेत्रों में कृषि उत्पादन में सतत वृद्धि के उद्देश्य से रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों तथा खरपतवार नाशकों का प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। इन खतरनाक रसायनों का कुछ भाग वर्षा जल के साथ घुल कर नदियों या जलाशयों के जल में मिलकर उसे प्रदूषित कर देता है जबकि कुछ भाग भूमिगत जल स्रोतों से मिलकर भी इसे प्रदूषित कर देता है।

(ड.) भारत की प्रमुख नदियों में शव दहन के पश्चात राख को नदी जल में विसर्जित करने में भी नदियों का जल प्रदूषित होता है। दुर्गा पूजा तथा गणेश उत्सव जैसे धार्मिक पर्वों पर विषैले रसायनों से रंगी मूर्तियों का विसर्जन नदियों में किया जाता है। नदियों के किनारे पर बसे नगरों में आयोजित धार्मिक मेले तथा सांस्कृतिक उत्सव भी नदियों के जल को प्रदूषित करते हैं।

(च) प्रदूषित जल पीने से डायरिया, आँतों के कृमि तथा हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां होती हैं। भारत में केवल कुछ ही क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ पीने का स्वच्छ पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। इसी कारण भारत की एक बड़ी जनसंख्या जल जनित बीमारियों से पीड़ित रहती है।

(छ) विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट यह स्पष्ट करती है कि भारत की कुल जनसंख्या का लगभग 25 प्रतिशत भाग जल जनित बीमारियों से ग्रस्त है।

2. भारत में गन्दी बस्तियों की समस्याओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर: वर्ष 2011 में भारत की कुल नगरीय जनसंख्या लगभग 37.71 करोड़ थी जिसमें से लगभग 9.3 करोड़ (24.7 प्रतिशत) जनसंख्या गन्दी बस्तियों में निवास कर रही थी। इन बस्तियों में निवास करने वाली जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में प्रथम स्थान है।

भारत में गन्दी बस्तियों की निम्नलिखित समस्याएँ उल्लेखनीय हैं-

(क) गन्दी बस्तियों में पर्यावरण प्रदूषण की गम्भीर समस्या मिलती है।

(ख) ये बस्तियाँ न्यूनतम वांछित आवासीय सुविधाओं वाले क्षेत्र होते हैं जहाँ घटिया किस्म के जीर्ण-शीर्ण मकान मिलते हैं जिनमें प्रकाश, पेयजल तथा शौचालय जैसी मूलभूत आवश्यकताओं का अभाव मिलता है। मुम्बई की धारावी नामक गन्दी बस्ती जो कचरा भराव क्षेत्र पर बसी है, 1440 व्यक्तियों पर एक शौचालय की उपलब्धता है। पीने के स्वच्छ जल की उपलब्धता का सामान्यतया अभाव मिलता है।

(ग) यहाँ निवासित अधिकांश व्यक्ति कम वेतन पर अधिक जोखिम भरे कार्य करते हैं जिसके कारण इन बस्तियों में कुपोषण की गंभीर समस्या बनी रहती है।

(घ) गन्दी बस्तियाँ बहुत अधिक भीड़-भाड़ पतली सकरी गलियों तथा आग जैसे गंभीर खतरों के जोखिम से युक्त क्षेत्र होते हैं।

(ड) नशीले पदार्थों का उपभोग, गुंडागर्दी, अपराध, जुआ, वेश्यावृत्ति, चोरी जैसी सामाजिक बुराइयां यहाँ प्रमुखता से मिलती हैं।

(च) इन बस्तियों के लोग अपने बच्चों की पढ़ाई पर गरीबी के कारण समुचित ध्यान नहीं दे पाते हैं।

(छ) पर्यावरण प्रदूषण, मूलभूत आवश्यकताओं का अभाव तथा कुपोषण के कारण यहाँ के लोग विभिन्न बीमारियों से ग्रसित रहते हैं। इन बीमारियों में डायरिया, श्वसन सम्बन्धी, मलेरिया, खसरा तथा एच. आई. वी. एड्स सबसे प्रमुख हैं।

3. भू-निम्नीकरण को कम करने के उपाय सुझाइए।

उत्तर- कृषि योग्य भूमि पर दबाव के कारण केवल न्यून उपलब्धता ही नहीं वरन् इसकी गुणवत्ता में कमी भी इसका कारण है। मृदा अपरदन, लवणता तथा अतिरिक्त बोझ से भू-निम्नीकरण होता है। भू- निप्रीकरण का अभिप्राय स्थायी या अस्थायी तौर पर भूमि की उत्पादकता में कमी है।

भू-निम्नीकरण दो प्रक्रियाओं द्वारा तीव्रता से होता है। ये प्रक्रियाएँ प्राकृतिक तथा मानव जनित हैं।

जैसे प्राकृतिक खड्डू, मस्स्थलीय या तटीय रेतीली भूमि बंजर चट्टानी क्षेत्र तीव्र ढाल वाली भूमि तथा हिमानी क्षेत्र । ये मुख्यतः प्राकृतिक कारकों द्वारा घटित हुई है। मानव जनित प्रक्रियाओं से निम्न कोटि भूमियों में जलाक्रान्त व दलदली क्षेत्र लवणता तथा क्षारीयता से प्रभावित भूमियाँ, झाड़ी सहित व झाड़ियाँ रहित भूमि सम्मिलित है।

भू-निम्नीकरण को कम करने के निम्न उपाय हैं-

(क) किसानों को उर्वरकों व रसायनों के उपयोग की पूरी जानकारी देनी चाहिए ताकि भू-उर्वरता को बनाए रखा जा सके।

(ख) औद्योगिक अपशिष्टों को संसाधन के रूप में उपचारित कर इनकी ऊर्जा पैदा करने व कम्पोस्ट खाद बनाने में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

(ग) प्लास्टिक जैसे अपशिष्ट के उपयोग पर रोक लगाई जानी चाहिए।

(घ) कृषि जनित कचरे व मानवीय मल का कम्पोस्ट खाद के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए

(ड.) जल संभर प्रबंधन कार्यक्रम जल, जंगल तथा जमीन के मध्य संबंधों को महत्व प्रदान करता है, अतः जल सम्भरण प्रबंधन द्वारा भूमि निम्नीकरण को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है।

(च) इसी प्रकार जल संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए जल संग्रहण की विभिन्न विधियों का उपयोग किया जा सकता है साथ ही नदियों व जलाशयों के जल को प्रदूषण मुक्त रखने के लिए सरकारी व गैर सरकारी संगठनों के अतिरिक्त हर व्यक्ति द्वारा अपना सक्रिय योगदान दिया जा सकता है।

(छ) प्राकृतिक तथा मानव जनित क्रियाकलापों से जलाक्रान्त व दलदली क्षेत्र, लवणता व क्षारीय क्षेत्र झाड़ी सहित तथा झाड़ी रहित, खनन व भूमि तथा औद्योगिक व्यर्थ भूमि जैसी निम्न कोटि की भूमिप का निर्माण हुआ है। ऐसे क्षेत्रों में भूनिम्रीकरण के लिए उत्तरदायी मानवीय क्रियाओं पर कानूनी रूप से प्रतिबन्ध लगाना आवश्यक है।

4. भूमि निम्नीकरण की समस्या के कारणों का वर्णन कीजिए।

उत्तर: मुदा अपरदन, लवणता तथा अतिरिक्त बोझ से भू-निम्रीकरण होता है। भू-निम्नीकरण का अभिप्राय स्थायी या अस्थायी तौर पर भूमि की उत्पादकता में कमी है।

भूमि निम्नीकरण के समस्याओं के प्रमुख कारण हैं:-

(क) अति सिंचाई इसके कारण देश में उत्तरी मैदानों में लवणीय व क्षारीय क्षेत्रों में वृद्धि हुई है। सिंचाई मृदा की संरचना को बदल देती है। इनके अतिरिक्ति उर्वरक कीटनाशी भी मृदा के प्राकृतिक, भौतिक रासायनिक व जैविक गुणों को नष्ट करके मृदा को बेकार कर देते हैं।

(ख) औद्योगिक अपशिष्टः- उद्योगों द्वारा निकला अपशिष्ट जल को दूषित कर देता है और फिर दूषित जल से की गई सिंचाई मृदा के गुणों को नष्ट कर देती है।

(ग) नगरीय अपशिष्ट:- नगरों से निकला कूड़ा-करकट भूमि का निम्नीकरण करता है और नगरों से निकला जलमले व अपशिष्ट के विषैले रासायनिक पदार्थ आस-पास के क्षेत्रों की मृदा में मिलकर उसे प्रदूषित कर देते हैं।

(घ) चिमनियों का धुआं :- कारखानों व अन्य स्रोतों की चिमनियों से निकलने वाली गैसीय व कणिकीय प्रदूषकों को हवा दूर तक उड़ा ले जाती है और ये प्रदूषक मृदा में मिलकर उसे प्रदूषित करते हैं।

(ड.) अम्ल वर्षा :- कारखानों से निकलने वाली गंधक अम्लीय वर्षाका कारण है। इससे मृदा में अम्लता बढ़ती है। कोयले की खानो, मोटर वाहनो, ताप बिजली घरों से भारी मात्रा में निकले प्रदूषण मृदा व वायु प्रदूषित करते हैं।

5. भारत में गंदी बस्तियों की समस्याएँ क्या है ? स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर :

(क) इन बस्तियों में रहने वाले लोग ग्रामीण पिछड़े इलाकों से प्रवासित होकर रोजगार की तलाश में आते हैं।

(ख) यहाँ अच्छे मकानों का मिलना कठिन है।

(ग) ये बस्तियाँ रेलवे लाइन, सड़क के साथ, पार्क या अन्य खाली पड़ी सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा करके बसायी जाती है।

(घ) खुली हवा, स्वच्छ पेयजल, शौच सुविधाओं, प्रकाश का सर्वथा अभाव होता है।

(ड.) कम वेतन / मजदूरी प्राप्त करने के कारण जीवन स्तर अति निम्न होता है।

(च) कुपोषण के कारण बीमारियों की संभावना बनी रहती है।

(छ) नशा व अपराध के कार्यों में लिप्त हो जाते हैं।

(ज) चिकित्सा सुविधाओं का अभाव ।

6. भूमि निम्नीकरण को रोकने / कम करने के उपाय बताओ ।

उत्तर :

(क) किसान रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग उचित मात्रा में करें।

(ख) नगरीय / औद्योगिक गंदे पानी को उपचारित करके पुनः उपयोग में लाया जाये।

(ग) सड़ी-गली सब्जी व फल, पशु मल मूत्र को उचित प्रौद्योगिकी द्वारा बहुमूल्य खाद में परिवर्तित किया जाये।

(घ) बस्तियों के आस-पास खुले में शौच पर प्रतिबंध लगे

(ङ) प्लास्टिक से बनी वस्तुओं पर प्रतिबंध लगे ।

(च) कूड़ा-कचरा निश्चित स्थान पर ही डाला जाए ताकि उसका यथासंभव निपटारा हो सके।

(छ) वृक्षारोपण को बढ़ावा दिया जाये।

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

भाग 'अ' मानव भूगोल के मूलभूत सिद्धांत

1

मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

2

विश्व की जनसंख्या : वितरण, घनत्व तथा वृद्धि

3

जनसंख्या संघटन

4

मानव विकास

5

प्राथमिक क्रियाएँ

6

द्वितीयक क्रियाएँ

7

तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

8

परिवहन एवं संचार

9

अंतरराष्ट्रीय व्यापार

10

मानव अधिवास / बस्ती

भाग 'ब'- भारत : लोग और अर्थव्यवस्था

1

जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन

2

प्रवास : प्रकार, कारण एवं परिणाम

3

मानव विकास

4

मानव बस्तियाँ

5

भू-संसाधन तथा कृषि

6

जल संसाधन

7

खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

8

निर्माण उद्योग

9

भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास

10

परिवहन एवं संचार

11

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

12

भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

Solved Paper of JAC Annual Intermediate Examination-2023

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