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Class 12 ECONOMICS ARTS Jac Board 2024 Answer key

Class 12 ECONOMICS ARTS Jac Board 2024 Answer key

Class 12 ECONOMICS ARTS Jac Board 2024 Answer key

झारखण्ड अधिविद्य परिषद्

ANNUAL INTERMEDIATE EXAMINATION - 2024

ECONOMICS Arts (Optional)

17.02.2024

Total Time: 3 Hours 15 minute

Full Marks: 80

सामान्य निर्देश

1. This Question Booklet has two Parts - Part-A and Part-B. इस प्रश्न-पुस्तिका में दो भाग भाग-A तथा भाग-B हैं।

2. Part-A is of MCQ Type having 30 marks and Part-B is of Subjective Type having 50 marks.

भाग-A में 30 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न तथा भाग-B में 50 अंक के विषयनिष्ठ प्रश्न हैं।

3. The candidate has to answer in the Answer Booklet which will be provided separately.

परीक्षार्थी को अलग से उपलब्ध कराई गई उत्तर-पुस्तिका में उत्तर देना है।

4. Part-A There are 30 Multiple Choice Questions having four (4) options (A, B, C & D). The candidate has to write the correct option in the Answer Booklet. All questions are compulsory. Each question carries 1 mark. There is no negative marking for wrong answer.

भाग-A इसमें 30 बहुविकल्पीय प्रश्न हैं जिनके 4 विकल्प (A, B, C तथा D ) हैं। परीक्षार्थी को उत्तर-पुस्तिका में सही उत्तर लिखना है। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है। गलत उत्तर के लिए कोई अंक काटा नहीं जाएगा।

5. Part-B There are three sections: Section-A, B & C.

This part is of Subjective Type having Very Short Answer, Short Answer & Long Answer Type questions. Total number of questions is 22.

Section-A Question Nos. 31-38 are Very Short Answer Type. Answer any 6 questions. Each question carries 2 marks.

Section-B Question Nos. 39-46 are Short Answer Type. Answer any 6 questions. Each question carries 3 marks. Answer the questions in maximum 150 words each.

Section-C Question Nos. 47-52 are Long Answer Type. Answer any 4 questions. Each question carries 5 marks. Answer the questions in maximum 250 words each.

भाग-B इस भाग में तीन खण्ड खण्ड-A, B तथा C हैं। इस भाग में अति लघु उत्तरीय, लघु उत्तरीय तथा दीर्घ उत्तरीय प्रकार के विषयनिष्ठ प्रश्न हैं। कुल प्रश्नों की संख्या 22 है।

खण्ड-A प्रश्न संख्या 31-38 अति लघु उत्तरीय हैं। किन्हीं 6 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है।

खण्ड-B प्रश्न संख्या 39-46 लघु उत्तरीय हैं। किन्हीं 6 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें।

खण्ड-C प्रश्न संख्या 47-52 दीर्घ उत्तरीय हैं। किन्हीं 4 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें।

6. Candidates are required to answer in their own words as far as practicable.

परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।

7. Candidate has to hand over his/her Answer Booklet to the Invigilator compulsorily before leaving the examination hall.

परीक्षार्थी परीक्षा भवन छोड़ने के पहले अपनी उत्तर-पुस्तिका वीक्षक को अनिवार्य रूप से लौटा दें।

8. Candidates can take away the Question Booklet after completion of the Examination.

परीक्षा समाप्त होने के उपरांत परीक्षार्थी प्रश्न-पुस्तिका अपने साथ लेकर जा सकते हैं।

Part-A

(बहुविकल्पीय प्रश्न)

Question Nos. 1 to 30 are Multiple Choice Type. Each question has four options. Select the correct option and write it in the Answer Sheet. Each question carries 1 mark.1x30=30

प्रश्न संख्या 1 से 30 तक बहुविकल्पीय प्रकार हैं। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प हैं। सही विकल्प चुनकर उत्तर पुस्तिका में लिखें। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।

1. किसने कहा कि "अर्थशास्त्र धन का विज्ञान है" ?

(A) मार्शल

(B) रॉबिन्स

(C) एडम स्मिथ

(D) जे. के. मेहता

2. व्यष्टि अर्थशास्त्र में सम्मिलित होती है

(A) व्यक्तिगत इकाई

(B) छोटी-छोटी इकाई

(C) व्यक्तिगत मूल्य निर्धारण

(D) इनमें से सभी

3. अर्थव्यवस्था की केन्द्रीय समस्या कौन-सी है ?

(A) साधनों का आवंटन

(B) साधनों का कुशलतम उपयोग

(C) आर्थिक विकास

(D) इनमें से सभी

4. उस वक्र का नाम बताइए जो आर्थिक समस्या को दर्शाता है।

(A) उत्पादन वक्र

(B) माँग वक्र

(C) उदासीनता वक्र

(D) उत्पादन संभावना वक्र

5. जब कुल उपयोगिता अधिकतम होती है, तब सीमान्त उपयोगिता होगी

(A) धनात्मक

(B) ऋणात्मक

(C) शून्य

(D) इनमें से कोई नहीं

6. उपयोगिता का संबंध होता है

(A) लाभदायकता से

(B) नैतिकता से

(C) मानव आवश्यकता की पूर्ति से

(D) इनमें से सभी

7. आवश्यक वस्तुओं की माँग की लोच होती है

(A) शून्य

(B) असीमित

(C) इकाई से अधिक

(D) इकाई से कम

8. उत्पादन फलन में उत्पादन किसका फलन है ?

(A) कीमत

(B) उत्पत्ति के साधनों

(C) कुल व्यय

(D) इनमें से कोई नहीं

9. मौद्रिक लागत में निम्न में किसे सम्मिलित किया जाता है ?

(A) सामान्य लाभ

(B) व्यक्त लागत

(C) अव्यक्त लागत

(D) इनमें से सभी

10. निम्नलिखित में कौन स्थिर लागत नहीं है ?

(A) बीमे की प्रीमियम

(B) ब्याज

(C) कच्चे माल की लागत

(D) फैक्ट्री का किराया

11. वस्तु की उस मात्रा को क्या कहते हैं जिसे विक्रेता निश्चित समय मैं स्थिर कीमत पर बाजार में बेचने के लिए तैयार हो ?

(A) पूर्ति

(B) माँग

(C) पूर्ति की लोच

(D) माँग की लोच

12. किसी वस्तु का मूल्य निर्धारित होता है

(A) माँग द्वारा

(B) पूर्ति द्वारा

(C) माँग एवं पूर्ति दोनों के द्वारा

(D) सरकार द्वारा

13. पेट्रोल की कीमत बढ़ जाने पर कार का माँग वक्र खिसक जाता है

(A) दायीं तरफ

(B) ऊपर की ओर

(C) बायीं तरफ

(D) नीचे की ओर

14. निम्न में कौन-सा सही है ?

(A) पूर्णतया लोचदार पूर्ति es = ∞

(B) अधिक लोचदार पूर्ति es >1

(C) पूर्णतया बेलोचदार पूर्ति es = 0

(D) इनमें से सभी

15. निम्न चित्र किस बाजार को प्रदर्शित करता है ?

Class 12 ECONOMICS ARTS Jac Board 2024 Answer key

(A) पूर्ण प्रतियोगिता

(B) एकाधिकार

(C) एकाधिकारी प्रतियोगिता

(D) इनमें से कोई नहीं

16. निम्नलिखित चित्र प्रदर्शित करता है

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(A) अधिक लोचदार माँग

(B) पूर्णतः लोचदार माँग

(C) पूर्णतः बेलोचदार माँग

(D) कम लोचदार माँग

17. स्थायी पूँजी' के उपभोग को क्या कहते हैं ?

(A) पूँजी निर्माण

(B) मूल्य हास

(C) निवेश

(D) इनमें से सभी

18. किसने कहा कि "समष्टि अर्थशास्त्र सारी अर्थव्यवस्था के कार्यकरण से संबंधित है" ?

(A) शेपिरो

(B) एम. एच. स्पेन्सर

(C) केन्स

(D) इनमें से कोई नहीं

19. द्वितीयक क्षेत्र में कौन-सी सम्मिलित है ?

(A) बीमा

(B) विनिर्माण

(C) व्यापार

(D) बैंकिंग

20. वस्तु विनिमय प्रणाली की निम्न में कौन-सी कठिनाई है ?

(A) दोहरे संयोग का अभाव

(B) वस्तु विभाजन की कठिनाई

(C) सामान्य स्वीकार्य मूल्य मापक का अभाव

(D) इनमें से सभी

21. मौद्रिक नीति का संबंध है

(A) खुले बाजार की क्रियाओं से

(B) करों से

(C) सार्वजनिक ऋण से

(D) सार्वजनिक व्यय से

22. केन्स का गुणक किनके बीच संबंध स्थापित करता है ?

(A) निवेश और आय

(B) आय और उपभोग

(C) बचत और निवेश

(D) इनमें से कोई नहीं

23. समस्त माँग का प्रमुख घटक है

(A) व्यक्तिगत उपभोग

(B) सार्वजनिक उपभोग

(C) विनियोग

(D) इनमें से सभी

24. गुणक को किस सूत्र द्वारा व्यक्त किया जाता है ?

(A) K=ΔS/ΔI

(Β) Κ=ΔΥ/ΔΙ

(C) K=1-S

(D) इनमें से कोई नहीं

25. यदि MPC = 0.5 और प्रारम्भिक विनियोग 100 करोड़ रु० है तो अर्थव्यवस्था में कुल आय में वृद्धि होगी

(A) 5 करोड़ रु०

(B) 100 करोड़ रु०

(C) 200 करोड़ रु०

(D) 500 करोड़ रु०

26. न्यून माँग को ठीक करने के निम्न में कौन-से उपाय है ?

(A) राजकोषीय उपाय

(B) मौद्रिक उपाय

(C) (A) और (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

27. विकासशील अर्थव्यवस्था केलिए सबसे उपयुक्त होता है ?

(A) घाटे का बजट

(B) संतुलित बजट

(C) बचत का बजट

(D) इनमें से कोई नहीं

28. ऐसे व्यय, जो सरकार के लिए किसी परिसम्पत्ति का सृजन नहीं करते, कहलाते हैं

(A) राजस्व व्यय

(B) पूँजीगत व्यय

(C) (A) और (B) दोनों

(D) इनमें से कोई नहीं

29. बजट में हो सकता है

(A) राजस्व घाटा

(B) मौद्रिक घाटा

(C) प्राथमिक घाटा

(D) इनमें से सभी

30. व्यापार संतुलन = ?

(A) दृश्य मदों का निर्यात - दृश्य मदों का आयातं

(B) दृश्य तथा अदृश्य दोनों मदों का निर्यात दृश्य तथा अदृश्य दोनों मदों का आयात

(C) दृश्य मदों का आयात - दृश्य मदों का निर्यात

(D) इनमें से कोई नहीं

Part-B (विषयनिष्ठ प्रश्न )

Section - A

(अति लघु उत्तरीय प्रश्न)

किन्हीं छः प्रश्नों के उत्तर दें। 2x6-12

31. उपयोगिता को परिभाषित करें।

उत्तर - किसी वस्तु में आवश्यकता को संतुष्ट करने की शक्ति को उपयोगिता कहते हैं।

32. अंतिम वस्तु क्या है ?

उत्तर - अंतिम वस्तुएँ वे वस्तुएँ हैं जिनका प्रयोग अंतिम उपभोग अथवा पूँजी निर्माण में होता है। जैसे जूते,पेंन

33. साधन आय क्या है ?

उत्तर - साधन आय से अभिप्राय उत्पादन के कारकों की आय से है ; जैसे मजदूरी, लगन, ब्याज तथा लाभ जो क्रमशः श्रम, भूमि, पूंजी तथा उद्यमकर्ता को प्राप्त होता है

34. सीमांत लागत क्या है ?

उत्तर - एक अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने से लागत में जितनी वृद्धि होती है उसे उस इकाई विशेष की सीमांत लागत कहा जाता है।

                                       MC = TCn - TCn-1

35. बजट को परिभाषित करें।

उत्तर - सरकारी बजट एक वित्तीय वर्ष ( अप्रैल 1 से मार्च 31 तक ) की अवधि के दौरान सरकार की प्राप्तियों ( आय ) तथा सरकार के व्यय के अनुमानों का विवरण होता है।

36. प्रत्यक्ष कर क्या है ?

उत्तर - जिस कर के भुगतान में कर भार तथा कर दायित्व एक ही व्यक्ति पर पते हैं उसे प्रत्यक्ष कर कहते हैं जैसे आयकर, संपत्ति कर आदि

37. व्यापार संतुलन को परिभाषित करें।

उत्तर - व्यापार संतुलन के अंतर्गत आयातो और निर्यातो का विस्तृत विवरण रहता है। जब एक देश के आयातो की तुलना में उसके निर्यात अधिक होते हैं तो उसे अनुकूल व्यापार संतुलन कहते हैं और जब निर्यात की तुलना में आयात अधिक होते हैं तो उसे प्रतिकूल व्यापार संतुलन कहते हैं।

38. विदेशी विनिमय दर से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर - विदेशी विनिमय दर यह बताती है कि किसी देश की मुद्रा की एक इकाई के बदले में दूसरे देश की मुद्रा की कितनी इकाइयाँ मिल सकती हैं।

क्राउथर के अनुसार-"विनिमय दर एक देश की इकाई मुद्रा के बदले में दूसरे देश की मुद्रा मिलने वाली इकाइयों की माप है।"

Section - B

(लघु उत्तरीय प्रश्न)

किन्हीं छः प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें। 3 x 6 = 18

39. स्थानापन्न वस्तुएँ तथा पूरक वस्तुएँ में क्या अंतर हैं ?

उत्तर - पूरक वस्तु तथा स्थानापन्न वस्तु में निम्नलिखित अंतर हैं-

पूरक वस्तु:

1. पूरक वस्तुएँ वे वस्तु हैं जिनका प्रयोग किसी आवश्यकता विशेष को संतुष्ट करने के लिए एक साथ किया जाता है। कार और पेट्रोल पूरक वस्तुएँ हैं।

2. पूरक वस्तुओं की स्थिति में एक वस्तु की कीमत में वृद्धि होने से दूसरी वस्तु (पूरक वस्तु) की माँग कम हो जाती है और एक वस्तु की कीमत में कमी होने से पूरक वस्तु की माँग बढ़ जाती है।

स्थानापन्न वस्तु:

1. स्थानापन्न वस्तुएँ वे वस्तुएँ हैं जिनका एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जा सकता है। चाय और कॉफी स्थानापन्न वस्तुएँ हैं।

2. स्थानापन्न वस्तुओं की स्थिति एवं वस्तु की कीमत में वृद्धि होने पर दूसरी वस्तु (स्थानापन्न वस्तु) की माँग बढ़ जाती है। इसके विपरीत एक वस्तु कीमत में कमी से प्रतिस्थानापन्न .. वस्तु की माँग कम हो जाती है।

40. माँग के नियम के क्या अपवाद हैं ?

उत्तर - मार्शल के शब्दों में ,"मांगी गई मात्रा मूल्य में कमी के साथ बढ़ती है तथा मूल्य में वृद्धि के साथ घटती है।"

कुछ विशेष परिस्थितियों में मूल्य के घटने पर मांग भी घटती है तथा मूल्य के बढ़ने पर मांग घटने के बजाए और अधिक बढ़ जाती है । ऐसी अवस्था में मांग की रेखा नीचे से ऊपर दाहिनी ओर बढ़ती है। इसे मांग का अपवाद कहा जाता है 

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चित्र में मांग वक्र नीचे से दायी ओर बढ़ती है । इसके निम्न कारण है , जब मांग का नियम कार्यशील नहीं हो पाता -

(1) भविष्य में किसी वस्तु के न मिलने की आशंका (2) बहुमूल्य तथा सामाजिक सम्मान वाली वस्तुएं (3) अज्ञानता (4) अनिवार्य वस्तुएं (5) आदत की वस्तुएं (6) विशेष अवसर

41. पूर्ति की लोच का क्या अर्थ है ?

उत्तर - सैम्युलसन के अनुसार ," पूर्ति की लोंच कीमत में होने वाले परिवर्तन के फलस्वरूप पूर्ति में होने वाले परिवर्तन की प्रतिक्रिया की मात्रा है।"

Es=Q1-QQP1-PP

Es=Δ

जहां, ∆Q = पूर्ति मात्रा में परिवर्तन , Q = आरम्भिक पूर्ति

      ∆P = मूल्य में परिवर्तन , P = आरम्भिक मूल्य

42. व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र में क्या अंतर हैं ?

उत्तर-

व्यष्टि

समष्टि

1. इसमें व्यक्तिगत आर्थिक इकाइयों जैसे एक फर्म, एक उपभोक्ता आदि की समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।

1. इसमें पूरी अर्थव्यवस्था को एक इकाई मानकर इसकी आर्थिक समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।

2. माइक्रो (Micro) शब्द ग्रीक शब्द माइक्रस से बना है जिसका अर्थ होता है छोटा या सूक्ष्म।

2 अँग्रेज़ी भाषा का मैक्रो (Macro) शब्द भी ग्रीक शब्द मेक्रोज से बना है जिसका अर्थ होता है विशाल अथवा व्यापक।

3. व्यष्टि का मुख्य उद्देश्य संसाधनों के सर्वोत्तम बंटवारे से होता है।

3. समष्टि का मुख्य उद्देश संसाधनों के पूर्ण रोजगार व विकास से होता है।

4. इसकी मुख्य समस्या कीमत निर्धारण है।

4. इसकी मुख्य समस्या आय व रोजगार का निर्धारण है।

5. इसका मुख्य उपकरण मांग व पूर्ति है।

5. इसका मुख्य उपकरण अर्थव्यवस्था की सम्रग मांग व सम्रग पूर्ति है।

6. व्यष्टि अर्थशास्त्र की अवधारणा को समझना सरल होता है।

6. समष्टि अर्थशास्त्र की अवधारणा को समझने में कठिनाई होती है ।

7. व्यष्टि अर्थशास्त्र में आवंटन बहुत जरूरी काम होता है ।

 7. इसमें आवंटन को स्थिर माना जा सकता है ।

43. मुद्रा के कार्य क्या हैं ?

उत्तर- प्रो. किनले ने मुद्रा के कार्यो को निम्नलिखित तीन वर्गो में विभाजित किया है -

(A) प्राथमिक या मुख्य कार्य :- इसे आधारभूत अथवा मौलिक कार्य भी कहते हैं।

मुद्रा के मुख्य कार्य दो है -

1. विनिमय का माध्यम :- वस्तु विनिमय प्रणाली की एक मुख्य कठिनाई यह थी कि उनमें आवश्यकताओ के दोहरे संयोग का अभाव पाया जाता था। मुद्रा ने इस कठिनाई को दूर कर दिया है। आज किसी वस्तु को बेचकर मुद्रा प्राप्त कर ली जाती है और उस मुद्रा से आवश्यकतानुसार बाजार में वस्तुएं खरीदी जाती हैअर्थात मुद्रा विनिमय का माध्यम है।

2. मूल्य का मापक :- मुद्रा लेखे की इकाई के रूप में मूल्य का मापदंड करती है लेखे की इकाई से अभिप्राय यह है कि प्रत्येक वस्तु तथा सेवा का मूल्य मुद्रा के रूप में मापा जाता है। मुद्रा के द्वारा सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के मूल्य अथवा कीमतों को मापा जा सकता है तथा व्यक्त किया जा सकता है

(B) गौण अथवा सहायक कार्य :- इस श्रेणी में उन कार्यों को सम्मिलित करते हैं जो प्राथमिक कार्यों के सहायक हैइसमें निम्न कार्य है -

1. स्थगित भुगतानों का मान :- जिन लेन-देन का भुगतान तत्काल न करके भविष्य के लिए स्थगित कर दिया जाता है उन्हें स्थगित भुगतान कहा जाता हैमुद्रा को स्थगित भुगतानों का मान इसलिए माना गया है क्योंकि - () अन्य किसी वस्तु की तुलना में इसका मूल्य स्थिर रहता है (ख) इसमें सामान्य स्वीकृति का गुण पाया जाता है () अन्य वस्तुओं की तुलना में यअधिक टिकाऊ है () स्थगित भुगतानों के मान के रूप में कार्य करके मुद्रा पूंजी निर्माण में सहायक होती है

2. मूल्य का संचय :- मुद्रा के मूल्य संचय से अभिप्राय यह है की मुद्रा को वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए खर्च करने का तुरंत कोई विचार नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति अपनी आय का कुछ भाग भविष्य के लिए बचाता हैइसे ही मूल्य का संचय कहा जाता है। मुद्रा के रूप में मूल्य का संचय करना सरल होता है क्योंकि () मुद्रा को सब लोग स्वीकार कर लेते हैं (ख) मुद्रा के मूल्य में अधिक कमी या वृद्धि नहीं होती है () मुद्रा का संग्रह सरलता से किया जा सकता है () मुद्रा के रूप में बचत करने में बहुत कम स्थान की आवश्यकता होती है

3.  मूल्य का हस्तांतरण :- मुद्रा मूल्य के हस्तांतरण का कार्य करती है, क्योंकि इसके माध्यम से कोई व्यक्ति अपनी क्रय शक्ति दूसरे को दे सकता है अथवा एक स्थान पर अपनी अचल संपत्ति को बेच कर दूसरे स्थान पर संपत्ति खरीद सकता है

(C) आकस्मिक कार्य :- मुद्रा के आकस्मिक कार्य निम्नलिखित है

(a) सामाजिक आय का वितरण (b) साख निर्माण का आधार (c) अधिकतम संतुष्टि का माप (d) राष्ट्रीय आय का वितरण (e) शोधन क्षमता की गारंटी (f) पूंजी की तरलता में वृद्धि 

44. समस्त माँग को परिभाषित करें तथा इसके घटकों को बताइए।

उत्तरकुल ( समग्र) मांग, वह कुल व्यय है जो लोग एक वित्तीय वर्ष की अवधि के दौरान वस्तुओं और सेवाओं के खरीदने पर खर्च करने की योजना बनाते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि समग्र मांग (AD) को मापने समय हम सदा लोगों द्वारा किए जाने वाले आयोजित व्यय या  प्रत्याशित व्यय के संदर्भ में बात करते हैं

कुल मांग के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं -

1. निजी उपभोग व्यय (C) :- इसमें देश के गृहस्थो/परिवारो द्वारा एक लेखा वर्ष में, सभी वस्तुओं तथा सेवाओं के लिए की गई मांग को शामिल किया जाता है

2. निजी निवेश मांग (I) :- इससे अभिप्राय निजी निवेशकर्ताओं द्वारा पूंजी पदार्थों की खरीद पर करने वाले व्यय से है

सरकारी व्यय (G) :- इसमें सरकारी उपभोग में व्यय तथा सरकारी निवेश व्यय दोनों शामिल होते हैं। सरकारी उपभोग व्यय से अभिप्राय है सैन्य/सुरक्षा प्रयोग के लिए वस्तुओं के उपभोग की खरीद पर खर्च/सरकारी निवेश व्यय से अभिप्राय है सड़कों,डैमो तथा पुलो के निर्माण पर किया जाने वाला व्यय।

4. शुद्ध निर्यात (X - M ) :- विदेशियों द्वारा हमारी वस्तु के लिए किए गए व्यय को अर्थव्यवस्था में कुल व्यय (समग्र मांग) मे जोड़ा जाता है, जबकि आयात पर किए जाने वाले व्यय को घटाया जाता है। अतः X - M (शुद्ध निर्यातको समग्र मांग (AD) में जोड़ा जाता है

अतः समग्र मांग के प्रमुख तत्त्व है -

AD = C + I + G + ( X- M) [ खुली अर्थव्यवस्था में ]

or,  AD = C + I  [ बन्द अर्थव्यवस्था में ]

जहां , AD = समग्र मांग , C = निजी उपभोग व्यय , I = निजी निवेश व्यय ,

G = सरकारी व्यय, X - M = शुद्ध निर्यात

चित्र में, AD वक्र का बारे से दाये ऊपर की ओर बढ़ना इस बात को दर्शाता हैं कि जैसे-जैसे आय / रोजगार की मात्रा बढ़ती जाती है, कुल मांग भी बढ़ती जाती है 

45. प्रगतिशील कर के गुण क्या हैं?

उत्तर- प्रगतिशील कर वकर है जिसकी दर आय अथवा सम्पत्ति में वृद्धि के साथ-साथ बढ़ती जाती है। इस प्रणाली में जिस व्यक्ति की आय जितनी ही अधिक होगी उससे उतना ही अधिक कर वसूला जायेगा।

                                                 गुण अथवा पक्ष

(1) न्याय पूर्ण :- यह कर ऊंची आय वालों से ऊंची दर के आधार पर कर लिया जाता है जो उपयोगिता ह्रास नियम के अनुरूप है।

(2) कुल त्याग न्यूनतम सिद्धांत के अनुरूप :- निर्धन व्यक्तियों की तुलना में धनी व्यक्तियों को कम त्याग करना पड़ता है

(3) वितरण में समानता :- इस कर से धन के वितरण में अधिक समानता लाई जा सकती है।

(4) सरकार की आय में वृद्धि सम्भव :- इस कर के माध्यम से अमीर व्यक्तियों पर ऊंची दर से कर लगाकर सरकार अपनी आय की पूर्ति कर सकती है।

46. गुणक क्या है ? यह MPC से किस प्रकार संबंधित है ? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- 1936 में केन्स ने ," The General Theory of Employment Interest and Money" में गुणक सिद्धांत की विस्तृत व्याख्या की।

केन्स के अनुसार," गुणक, विनियोग में हुए परिवर्तन के फलस्वरुप आमें होने वाले परिवर्तन का अनुपात है"

सूत्र के रूप में,

गुणक सीमांत उपभोग प्रवृत्ति पर निर्भर करता है। सीमांत उपभोग प्रवृत्ति (MPC ) या सीमांत बचत प्रवृत्ति (MPS) का ज्ञान होने पर गुणक का अनुमान लगाया जा सकता है MPC और गुक में प्रत्यक्ष तथा MPS और गुणक में विपरीत संबंध होता है। जब MPC शुन्य होता है तो गुणक एक  होगा। इसी प्रकार यदि MPC एक हो गुणक अनन्त होगा। यदि MPC = 0, तो

 

Section - C

(दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)

किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें। 5 x 4 = 20

47. आर्थिक समस्या क्या है? आर्थिक समस्या क्यों उत्पन्न होती है?

उत्तर- प्रत्येक मनुष्य की आवश्यकताएं असीमित है परंतु उनको संतुष्ट करने वाले अधिकतर साधन सीमित हैं । एक अर्थव्यवस्था के लिए यह संभव नहीं है कि वह प्रत्येक नागरिक के लिए प्रत्येक वस्तु उत्पादन कर सके क्योंकि किसी भी अर्थव्यवस्था के पास इतने अधिक साधन नहीं होते। अत एव प्रत्येक अर्थव्यवस्था को यह चुनाव करना पड़ता है कि अर्थव्यवस्था के साधनों जैसे भूमि, श्रम, पूँजी आदि का किस प्रकार कुशलता पूर्वक प्रयोग किया जाए।

साधनों के चुनाव संबंधी इस समस्या को ही आर्थिक समस्या कहा जाता है

आर्थिक समस्या के उत्पन्न होने के तीन कारण निम्नलिखित हैं

(क) असीमित आवश्यकताएँ : मनुष्य की आवश्यकताएं असीमित होती है कोई भी मनुष्य अपनी सभी आवश्यकताओं को पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं कर सकता है अतः आर्थिक समस्या उत्पन्न होती है।

(ख) सीमित या दुर्लभ साधन : आवश्यकताओं को संतुष्ट करने वाले अधिकतर वस्तुएं तथा सेवाएं सीमित या दुर्लभ होती है।

दुर्लभता = D > S

पूर्ति की अपेक्षा मांग अधिक होने से साधन दुर्लभ हो जाते हैं।

(ग) वैकल्पिक प्रयोग : प्रत्येक साधन या वस्तु के वैकल्पिक प्रयोग होते हैं किंतु साधन सीमित तथा आवश्यकताएं अनंत होती है अतः समाज को यह निर्णय लेना होता है कि कौन सी आवश्यकताओं को पहले संतुष्ट करें तथा कौन सी बाद में यही चुनाव की समस्या है।

48. माँग के नियम की क्या मान्यताएँ हैं ?

उत्तर- मांग का नियम मूल्य तथा मांग के बीच के विपरीत संबंध को व्यक्त करता है। मार्शल के शब्दों में ,"मांगी गई मात्रा मूल्य में कमी के साथ बढ़ती है तथा मूल्य में वृद्धि के साथ घटती है।"

मांग के नियम की मान्यताऐ

या

अन्य बातों के समान रहने पर

'अन्य बातें समान रहे' इस वाक्यांश का अर्थ कुछ मान्यताओं से है। जिस पर यह नियम आधारित है -

i. उपभोक्ता की आय स्थिर रहनी चाहिए।

ii. उपभोक्ता की रुचि, आदत तथा फैशन में परिवर्तन नहीं आना चाहिए।

iii. प्रतिस्थापन की वस्तु का उत्पादन नहीं होना चाहिए।

iv. दूसरी वस्तुओं की कीमत में परिवर्तन नहीं होना चाहिए।

v. जनसंख्या में परिवर्तन नहीं होना चाहिए।

vi. निम्न कोटि की वस्तु नहीं होना चाहिए।

49. बाजार की प्रमुख विशेषताएँ उल्लेख कीजिए।

उत्तर- बाजार का आशय किसी वस्तु के क्रेताओं एवं विक्रेताओं के ऐसे समूहों की उपस्थिति से होता है जिसमें स्वतंत्र एवं पूर्ण प्रतियोगिता हो जिसके फलस्वरूप उस वस्तु की बाजार में एक कीमत हो।

बाजार की विशेषताएं (आधार) निम्नलिखित है -

1. एक क्षेत्र :- अर्थशास्त्र में बाजार शब्द का अर्थ किसी स्थान विशेष से नहीं होता बल्कि उस समस्त क्षेत्र से होता है जिसमें क्रेता और विक्रेता फैले होते हैं।

2.  क्रेताओ और विक्रेताओं की उपस्थिति दूसरी बाजार की प्रमुख विशेषता है।

3. प्रत्येक वस्तु के लिए एक अलग बाजार होता है जैसे गेहूं का बाजार

4. बाजार में क्रेता और विक्रेताओं में प्रतिस्पर्धा पाये जाने के कारण समस्त क्षेत्र में एक ही मूल्य होता है

50. केन्द्रीय बैंक द्वारा साख नियंत्रण की विधियों की व्याख्या करें।

उत्तर- साख नियंत्रण की प्रमुख विधियां निम्नलिखित हैं -

(1) आरक्षित जमा कोष में परिवर्तन :-  सभी अनुसूचित व्यवसायिक बैंको को अपनी कुल जमा की एक निश्चित नियंत्रण राशी आरक्षित कोष के रूप में केंद्रीय बैंक के पास जमा करनी पड़ती हैयह आरक्षित कोजितना अधिक होता है, व्यवसायिक बैंकों के पास नकदी जमा उतनी ही कम हो जाती है और उसी अनुपात में साख का सृजन कम होता है। इसके विपरीत आरक्षित कोष में कमी से साख का सृजन अधिक होता है।

(2) बैंक दर में परिवर्तन :- बैंक दर में परिवर्तन करके भी साख पर नियंत्रण किया जा सकता है। बैंक दर वह दर है जिस पर केन्द्रिय बैंक व्यवसायिक बैंको को ऋण देता है। बैंक दर से ब्याज दर प्रभावित होता है। बैंक दर में वृद्धि करके साख की मात्रा को कम किया जा सकता है और बैंक दर में कमी करके साख की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।

(3) खुले बाजार की क्रियाएं :- खुले बाजार की क्रियाओ से अभिप्राय केन्द्रीय बैंक के द्वारा बाजार में प्रतिभूतियों का क्रय - विक्रय करना है। प्रतिभूतियों का क्रय कर साख की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है और विक्रय करके साकी मात्रा को घटाया जा सकता है

(4) सीमांत कटौती में परिवर्तन :- व्यापारी लोग अपनी वस्तुओं को व्यापारिक बैंकों के पास प्रतिभूतियों के रूप में रखते हैं और उसके बदले ऋण लेते हैंबैंक पूरी प्रतिभूति अथवा जमानत मूल्य के बराबर ऋण नहीं देते हैंउसमें कुछ कटौती करते हैंइसे सीमांत कटौती कते हैं। सीमांत कटौती में परिवर्तन करके साख पर नियंत्रण करने का प्रयास किया जाता है

(5) नैतिक दबाव :- नैतिक दबाव के अंतर्गत केंद्रीय बैंक साख संस्थाओं पर नैतिक दबाव डालकर उन्हें संबंधित नीति अपनाने के लिए बाध्य कर सकता है।

51. भूगतान संतुलन के असंतुलन को ठीक करने के विधियों की व्याख्या करें।

उत्तर- भूगतान संतुलन से आशय देश के समस्त आयातो एवं निर्यात एवं अन्य सेवाओं के मूल्य के सम्पूर्ण विवरण से होता है। इसके अंतर्गत लेन-देन के दो पक्ष होते हैं। एक ओर तो देश की विदेशी मुद्रा की लेनदारियो का विवरण रहता है जिसे धनात्मक पक्ष कहते हैं तथा दूसरी ओर उस देश की समस्त देनदारियों का विवरण रहता है जिसे ऋणात्मक पक्ष कहते हैं

 प्रतिकूल भूगतान संतुलन को ठीक करने के निम्न तरीके हैं -

1. मुद्रा संकुचन :- मुद्रा संकुचन के फलस्वरूप देश में वस्तुओं एवं सेवाओं की कीमतों में कमी आ जाती हैजिससे निर्यात में वृद्धि हो जाती हैआय के कम होने के कारण लोगों की आयात करने की प्रवृत्ति कम हो जाती है

2. विनिमय ह्रास :- किसी देश के विनिमय ह्रास से विदेशियों के लिए घरेलू वस्तुएं सस्ती हो जाती है और आयात महंगे हो जाते हैं अतः निर्यात में वृद्धि तथा आयातो में कमी आ जाती है

3. विनिमय नियंत्रण :- विनिमय नियंत्रण पूंजी के निर्यात एवं बहिर्गमन को रोक कर भुगतान संतुलन को ठीक करने में सहायता देता है

4. अवमूल्यन :- अवमूल्यन के अंतर्गत सरकारी घोषणा के अनुसार देश के मुद्रा के बाह्य  मूल्य को कम कर दिया जाता हैजिससे देश के निर्यात विदेशों में सस्ते पड़ते हैं जबकि आयात महंगे हो जाते हैं

5. मौद्रिक उपाय :- (a) आयात में कमी करना (b) निर्यात को प्रोत्साहन (c) विदेशी निवेश को प्रोत्साहन (d) सरकार की आर्थिक नीतियों में परिवर्तन (e) विदेशी ऋण (f) विदेशी पर्यटकों को प्रोत्साहन

52. एक फर्म का उत्पादन फलन Q = L0.5 K0.5 है। किसी वस्तु की 56 इकाई उत्पादन करने के लिए 49 इकाई पूँजी के साथ वह श्रम की कितनी इकाई को रोजगार देगा ? यदि श्रम की प्रति इकाई कीमत 3 रुपये तथा पूँजी की प्रति इकाई कीमत 4 रुपये है, तो वस्तु की 56 इकाई की उत्पादन लागत क्या होगी ?

उत्तरQ = L0.5 K0.5

56=\sqrt L\sqrt K

56=\sqrt L\sqrt {49}

56=\sqrt L\left(7\right)

\sqrt L=\frac{56}7

\sqrt L=8

Root हटाने के लिए दोनों तरफ Squire करने पर

\left(L\right)^{1/2}=8^2

L = 64

एक फर्म 49 पूंजी के साथ श्रम की 64 इकाइयों को रोजगार देगा।

L = 64

K = 49

TC = PL. L + PK. K

या, TC = w . L + r. K

जहां, W =3

        R = 4

श्रम की प्रति इकाई कीमत (w) = 3 रुपये तथा

पूँजी की प्रति इकाई कीमत (r) = 4 रुपये है,

TC = 3 (64) + 4 (49)

TC = 192 + 196

56 इकाई की उत्पादन लागत (TC) = 388

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