12th Geography 6. जल संसाधन WATER RESOURCES

12th Geography 6. जल संसाधन WATER RESOURCES

12th Geography 6. जल संसाधन WATER RESOURCES

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Geography

6. जल संसाधन WATER RESOURCES

पाठ के मुख्य बिंदु

* जैसा कि हम जानते हैं, जल ही जीवन है। जल एक नवीकरणीय संसाधन है, जिसकी पुनः पूर्ति जल चक्र के माध्यम से धरातल पर हो जाती है।

* जल एक नवीकरणीय संसाधन है। पृथ्वी के लगभग 71% भाग पर जल की उपस्थिति मिलती है।

* संपूर्ण विश्व में भारत का क्षेत्रफल 245 प्रतिशत है जबकि यहां 17.6 प्रतिशत लोग निवास करते हैं और यदि बात करें जलीय संसाधनों का तो यह 4 प्रतिशत भारत में पाया जाता है।

* भारत में जल संसाधनों को दो भागों में विभाजित किया जाता है धरातलीय सतही जल संसाधन एवं भौम या भूमिगत जल संसाधन ।

* नदियों, झीलों, तालाबों एवं अन्य छोटे जलाशयों के रूप में मिलने वाला जल धरातलीय जल कहलाता है।

* भारत में गंगा नदी का कुल पुनः पूर्ति योग्य भौम जल संसाधन सर्वाधिक है।

* किसी समुद्र या महासागर के किनारे पर बनने वाला एक उथला क्षेत्र जो किसी पतली स्थलीय पेटी द्वारा समुद्र या महासागर से थोड़ा पा पूरा अलग हो जाता है तथा जिसमें पानी भरा होता है, लैगून कहलाता हैं।

* भारत में जल का उपयोग मुख्य रूप से 3 सेक्टरों में किया जाता है:- घरेलू क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र एवं कृषि क्षेत्र

* चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है अतः भारत में जल का सर्वाधिक उपयोग कृषि कार्य में सिंचाई हेतु किया जाता है।

* बढ़ती जनसंख्या के कारण प्रतिव्यक्ति जल की उपलब्धता दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। इसके साथ ही औद्योगीकरण से धरातलीय एवं भूमिगत जल प्रदूषित हो रहे हैं।

* वर्तमान समय में जल से संबंधित कई समस्याएं उभर रही हैं। जैसे:- जल का अधिक दोहन, जल प्रदूषण, जल के पुनः चक्रण में कमी आदि।

* गंगा तथा इसकी सहायक नदियों पर बसे नगर तथा उनके घरेलू सीवेज के साथ-साथ कार्यरत उद्योग से निकलने वाले कूड़े कचर नदियों के जल को प्रदूषित करने में मुख्य भूमिका निभा रही है। गंगा तथा यमुना देश की सर्वाधिक प्रदूषित नदियां हैं।

* गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में उपयोग योग्य भूमिगत जल संसाधन का लगभग 46% पाया जाता है।

* उत्तर पूर्वी भारत में अधिक वर्षा होने के बावजूद भूमि का ढाल अधिक होने के कारण भूमि में जल का प्रवेश कर्म होता है, इसलिए भूमिगत जल की मात्रा कम हो जाती है तथा जल अधिक गहराई मिलता है।

* पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु राज्यों में भौम जल का उपयोग सर्वाधिक है, जबकि छत्तीसगढ़, ओडीशा, केरल आदि राज्यों में भौम जल का कम उपयोग होता है।

* धरातलीय और भोम जल का सर्वाधिक उपयोग कृषि क्षेत्र में होता है। कृषि में धरातलीय जल का 89% और भौम जल का 92% उपयोग किया जाता है। घरेलू सेक्टर में धरातलीय जल का 9% उपयोग किया जाता है।

* बाह्य पदार्थों जैसे सूक्ष्म जीव, रासायनिक पदार्थों, औद्योगिक एवं घरेलू अपशिष्ट पदार्थों के कारण जल की गुणवत्ता समाप्त हो जाती है और जल प्रदूषित हो जाता है।

* जल संभर प्रबंधन के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के द्वारा कई कार्यक्रम चलाए गए हैं। जैसे: हरियाली परियोजना, नीरू मीरू परियोजना, अरबारी पानी संसद परियोजना आदि।

* प्राचीन काल से ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत तरीके से विभिन्न जलाशयों जैसे तालाब, झील, डोबा आदि में वर्षा जल संग्रहण किया जाता रहा है, इसके अतिरिक्त छत पर वर्षा जल संग्रहण विधि के द्वारा भी जल संग्रहण किया जाता है। राजस्थान में वर्षा जल संग्रहण के लिए कुंड अथवा टांका का निर्माण किया जाता है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. समस्त पृथ्वी पर कितना प्रतिशत जल पाया जाता है?

(क) 70%

(ख) 71%

(ग) 72 %

(घ) 73%

2. जल किस प्रकार का संसाधन है?

(क) अनवीकरणीय

(ख) अजैव संसाधन

(ग) चक्रीय

(घ) जैव संसाधन

3. विश्व में भारत का जल संसाधन कितने प्रतिशत भाग में पाया जाता है?

(क) 4%

(ख) 5%

(ग) 6 %

(घ) 7%

4. नीरू मीरू या जल और आप परियोजना भारत में कौन से राज्य में चलाया जा रहा है?

(क) आंध्र प्रदेश

(ख) कर्नाटक

(ग) उड़ीसा

(घ) छत्तीसगढ़

5. भारत का प्रथम राज्य कौन सा है जिसने प्रत्येक घर में जल संग्रहण संरचना का निर्माण अनिवार्य कर दिया है ?

(क) तमिलनाडु

(ख) कर्नाटक

(ग) केरल

(घ) आंध्र प्रदेश

6. राजस्थान के अर्द्ध-शुष्क तथा शुष्क क्षेत्रों में अवस्थित बस्तियों में परंपरागत रूप से एक वर्षा जल संग्रहण ढांचे का उपयोग किया जाता है जिससे क्या कहा जाता ?

(क) जल संभर

(ख) नीरू- मीरू

(ग) टांका या कुंड

(घ) कूप

7. भारत की राष्ट्रीय जल नीति कब अंगीकृत किया गया?

(क) 2010 ई.

(ख) 2015 ई.

(ग) 2012 ई

(घ) 2014ई.

8. निम्नलिखित नदियों में से, देश में किस नदी में सबसे ज्यादा पुनः पूर्तियोग्य भौमजल संसाधन हैं?

(क) सिंधु

(ख) ब्रह्मपुत्र

(ग) गंगा

(घ) गोदावरी

9 घन कि०मी० में दी गई निम्नलिखित संख्याओं में से कौन-सी संख्या भारत में कुल वार्षिक वर्षा दर्शाती है?

(क) 2,000

(ख) 3,000

(ग) 4,000

(घ) 5,000

10. निम्नलिखित दक्षिण भारतीय राज्यों में से किस राज्य में भौमजल उपयोग (% में) इसके कुल भौमजल संभाव्य से ज्यादा है?

(क) तमिलनाडु

(ख) कर्नाटक

(ग) आंध्र प्रदेश

(घ) केरल

11. देश में प्रयुक्त कुल जल का सबसे अधिक समानुपात निम्नलिखित सेक्टरों में से किस सेक्टर में है?

(क) सिंचाई

(ख) उद्योग

(ग) घरेलू उपयोग

(घ) इनमें से कोई नहीं।

12. कौन-सी दक्षिण भारतीय नदी का वार्षिक जल प्रवाह का अधिकतर भाग काम में लाया जाता है?

(क) गोदावरी

(ख) कृष्णा

(ग) कावेरी

(घ) सभी

13. कुछ राज्यों में जैसे राजस्थान और महाराष्ट्र में अधिक जल निकालने के कारण भूमिगत जल में क्या हो गया?

(क) फ्लुओराइड का संकेंद्रण बढ़ गया

(ख) पानी सूख गया

(ग) मृदा अपरदन हो गया

(घ) सभी कार्य हो गए

14. जल संसाधनों का संरक्षण क्यों जरूरी है?

(क) जल की कमी के लिए

(ख) बढ़ती मांग और तेजी से फैलते प्रदूषण की दृष्टि से

(ग) स्थानिक और ऋतुवत् असमानता

(घ) सभी (क, ख, और ग)

15. वह क्षेत्र जिसका जल एक बिन्दु की ओर प्रवाहित होता है, क्या कहलाता है?

(क) जल संरक्षण

(ख) जल संभर विकास

(ग) विकास परियोजना

(घ) वर्षा जल संग्रहण

16. 1999-2000 में कुल सिंचित क्षेत्र कितना था ?

(क) 84.7 करोड़

(ख) 847 करोड़

(ग) 8.47 करोड़

(घ) 7.84 करोड़

17. हीराकुंड बाँध किस प्रदेश में है?

(क) उड़ीसा

(ख) तमिलनाडु

(ग) कर्नाटक

(घ) महाराष्ट्र

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1 'जल संभर' क्षेत्र से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: जल संभर एक ऐसा क्षेत्र है जिसका पानी एक बिन्दु की ओर प्रवाहित होता है, जो इसे मृदा और जल संरक्षण की आदर्श नियोजन इकाई बना देता है।

प्रश्न 2. यमुना नदी किन-किन स्थानों पर सबसे अधिक प्रदूषित नदी है?

उत्तर : दिल्ली और इटावा के बीच यमुना नदी सबसे अधिक प्रदूषित नदी है।

3. उत्तर भारत की प्रमुख नदियों के नाम बताओ।

उत्तर: गंगा, ब्रह्मपुत्र, सिन्धु, यमुना आदि उत्तरी भारत में बहने वाली प्रमुख नदियाँ है।

4. भारत के किस भाग में नहरों द्वारा सिंचाई अधिक भाग पर की जाती है?

उत्तरः उत्तर भारत के विशाल मैदानों में नहरों का एक जाल-सा बिछा हुआ है। पंजाब की अपेक्षा राजस्थान में नहरों द्वारा सिंचित क्षेत्र अधिक है।

5. 'जल मानव के लिए क्यों अनिवार्य है?

उत्तर: क्योंकि मानव के जीवन की सभी क्रियाएँ जल पर आधारित है।

6. अलवणीय जल किसे कहते हैं?

उत्तर: अलवणीय जल, प्राकृतिक जल है, जिसमें लवण, खनिज इत्यादि नहीं पाए जाते हैं। वर्षा का जल अलवणीय जल कहलाता है।

7. जल के मुख्य स्रोत कौन-कौन से हैं?

उत्तरः जल के मुख्य रूप से चार स्रोत हैं पृष्ठीय जल, भौम जल, वायुमण्डलीय जल और महासागरीय जल ।

8. पृष्ठीय जल कहाँ से प्राप्त होता है?

उत्तरः पृष्ठीय जल ताल-तलैयों, नदियों, सरिताओं और जलाशयों में पाया जाता है।

9. भारत की सबसे बड़ी नदियाँ कौन-सी हैं?

उत्तर: भारत में बहने वाली सबसे बड़ी नदी गंगा है। संसार में ब्रह्मपुत्र और गंगा 10 बड़ी नदियों में मानी जाती है।

10. जल के मुख्य उपयोग क्या हैं?

उत्तरः जल का मुख्य उपयोग पेय जल के रूप में होता है। इसके बाद, सिंचाई के लिए, जल शक्ति, औद्योगिक क्रियाकलापों आदि में किया जाता है।

11. भारत में सिंचाई के मुख्य स्रोत क्या हैं?

उत्तर: भारत में सिंचाई के तीन प्रमुख साधन है नहरें, कुएँ, नलकूप तथा तालाब ।

12. वर्षा जल संग्रहण करने के क्या लाभ हो सकते हैं?

उत्तरः वर्षा जल संग्रहण पानी की उपलब्धता को बढ़ाता है, भूमिगत जल स्तर को नीचा होने से रोकता है फ्लोराइड और नाइट्रेट्स जैसे संदुषक को कम करके भूमिगत जल की गुणवत्ता बढ़ाता है, मृदा अपरदन और बाढ़ को रोकता है।

13. जल संभर प्रबंधन से आपका क्या तात्पर्य है?

उत्तर: जल संभर प्रबंधन का तात्पर्य- धरातलीय और भौम जल संसाधनों के दक्ष प्रबंधन से है। इसके अंतर्गत बहते जल को रोकना और विभिन्न विधियों द्वारा भौम जल का संचयन और पुनर्भरण शामिल है।

14. हम कितने घन कि.मी. धरातलीय जल का उपयोग कर पाते हैं?

उत्तरः धरातलीय जल का लगभग 690 घन कि.मी. (32%) जल का ही उपयोग हम कर पाते हैं।

15. जल-संभर विकास का एक उदाहरण कहाँ पर स्थित है?

उत्तरः महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में रालेगन सिद्धि नामक एक छोटा-सा गाँव है। यह पूरे देश में जल-संभर विकास का एक उदाहरण है

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. 'भौम-जल' किसे कहते हैं? भारत में भौम जल क्षमता कितनी है?

उत्तरः पृष्ठीय जल की थोड़ी-सी मात्रा मृदा में प्रवेश कर जाती है इसे भौम-जल कहते हैं। जलोढ़ मुदाओं में जल आसानी से रिस जाता है। भारत के उत्तरी विशाल मैदानों में भौम-जल के विकास की संभावनाएँ अधिक हैं। भारत में कुल अपूरणीय भौम- जल क्षमता 433.9 अरब घन मीटर है। अकेले उत्तर प्रदेश में ही भौम जल की क्षमता 19.0 प्रतिशत है। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और तमिलनाडु में भूमिगत जल संसाधनों की संभावित क्षमता बहुत कम है।

2. जल का प्रमुख उपयोग कहाँ होता है? वर्णन कीजिए।

उत्तर: जल का प्रमुख उपयोग सिंचाई में होता है। सिंचाई के लिए जल कई प्रकार से उपयोग में लाया जाता है। आधुनिक सिंचाई का प्रारम्भ 1831 माना जाता है जब उत्तर प्रदेश में पूर्वी यमुना नहर बन कर तैयार हुई थी। स्वतंत्रता के बाद सिंचाई की क्षमता में काफी वृद्धि हुई है। भारत का अधिकतर भाग उष्ण कटिबंध और उपोष्ण कटिबंध में स्थित है अतः यहाँ वाष्पोत्सर्जन बहुत अधिक होता है। परिणामस्वरूप सिंचाई के लिए जल की बहुत मांग है। अतः जल के आर्थिक उपयोगों में सिंचाई का बहुत अधिक महत्व है।

3. अलवण जल की महत्ता पर प्रकाश डालिए ।

उत्तरः अलवण जल एक आधारभूत प्राकृतिक संसाधन है। यह मानव कृषिगत और औद्योगिक क्रियाकलापों के लिए अनिवार्य है। बाँधों के पीछे बने जलाशयों में संग्रहीत वर्षा जल की आपूर्ति गाँवों और नगरों को की जाती है। विशाल नदियों से नहरें निकाल कर शुष्क क्षेत्रों के अत्यंत उपजाऊ मैदानों में सिंचाई की जाती है। जल के अन्य उपयोग हैं- जल विद्युत उत्पादन तथा आंतरिक नौ- परिवहन ।

4. पृथ्वी के धरातल पर जल कहाँ से प्राप्त होता है?

उत्तर: पृथ्वी के तल पर जल वर्षा से प्राप्त होता है। वर्षा से प्राप्त जल अलवणीय होता है। वर्षा से प्राप्त संपूर्ण जल का उपयोग नहीं किया जा सकता, क्योंकि इसका बहुत-सा भाग वाष्पीकृत हो जाता है तथा बहुत-सा जल बहकर नदियों, झीलों और तालाबों में चला जाता है। इसे पृष्ठीय जल कहते हैं। वर्षा का जल ताल तलैयों, नदियों, सरिताओं आदि जलाशयों में चला जाता है।

5. मझगाँव जल संभर विकास कार्यक्रम की विवेचना कीजिए।

उत्तर: मझगाँव मध्य प्रदेश के सतना जिले का एक गाँव है। यह गाँव निम्न उत्पादकता, सिंचाई के अभाव, नीचे जाते जलस्तर, पेय जल की कमी और मृदा अपरदन के लिए जाना जाता हैं। 1996 से पूर्व ही ग्रीष्म ऋतु में जल की बेहद कमी हो जाती थी कृषि को प्रायः नुकसान हो जाता था। लोग और पशु परेशानी में जीते थे। गाँव मैं एक भी नलकूप नहीं था। इस गाँव ने जल संभर योजना को अपनाया, खेतों के चारों ओर गड्ढे बनाएँ। बहते पानी को रोकने के लिए बांध बनाकर नियंत्रित किया। इससे, वर्षाजल रिस कर जमीन के अन्दर चला गया तथा भौम जल के भंडार बढ़ गए। और जल स्तर ऊँचा उठ गया। मिट्टी के बाँधों के पीछे एकत्रित जल अब 1504 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई करता है तथा लोगों को पूरे साल पेयजल मिलता रहता है। धान की फसल की उत्पादकता में 52 से 60% तक की तथा गेहूँ में 40 प्रतिशत तक की वृद्धि हो गई।

6. जल के औद्योगिक उपयोगों की विवेचना कीजिए।

उत्तर: औद्योगिक क्षेत्र में जल का उपयोग महत्वपूर्ण है। औद्योगिक विकास के लिए पर्याप्त जल की आपूर्ति पहली आवश्यकता है। द्वितीय सिंचाई आयोग ने अपनी 1972 की रिपोर्ट में औद्योगिक उद्देश्यों के लिए 50 अरब घन मीटर जल के प्रावधान की सिफारिश की थी। लेकिन एक नए आंकलन के अनुसार सन 2000 में उद्योगों को केवल 30 अरब घन मीटर जल की आवश्यकता थी. जिसके सन् 2025 तक बढ़ने का अनुमान है।

7. यह कहा जाता है कि भारत में जल-संसाधनों में तेजी से कमी आ रही है। जल संसाधनों की कमी के लिए उत्तरदायी कारकों की विवेचना कीजिए ।

उत्तर: भारत में तेजी से बढ़ती जनसंख्या के कारण जल की प्रतिव्यक्ति उपलब्धता दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। साथ ही उपलब्ध जल संसाधन औद्योगिक, कृषि और घरेलू प्रदूषकों से प्रदूषित होता जा रहा है। इस कारण उपयोगी जल संसाधनों की उपलब्धता कम होती जा रही है।

8. पंजाब, हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में सबसे अधिक भौमजल विकास के लिए कौन-से कारक उत्तरदायी हैं?

उत्तर : पंजाब, हरियाणा तथा तमिलनाडु राज्यों में भौमजल विकास सबसे अधिक इसलिए संभव हुआ है क्योंकि इन प्रदेशों में कृषि के अंतर्गत उगाई जाने वाली फसलों को सिंचाई की आवश्यकता होती है। हरित क्रांति का शुभारंभ भी इन्हीं राज्यों से हुआ था साथ ही भौमजल की मात्रा भी इन राज्यों में सर्वाधिक है।

9. देश में कुल उपयोग किए गए जल में कृषि का हिस्सा कम होने की संभावना क्यों है?

उत्तरः धीरे-धीरे ही सही भारत में औद्योगिकीकरण का स्तर बढ़ रहा है। तथा कृषि क्षेत्र कम हो रहा है। नगरों के समीप की भूमि पर कृषि के अलावा अनेक आर्थिक गतिविधियों में भूमि उपयोग बढ़ने से कृषि भूमि सिकुड़ती जा रही है। अतः भविष्य में जल का उपयोग भी कृषि को अपेक्षा अन्य आर्थिक गतिविधियों में बढ़ने की संभावना हैं।

10. लोगों पर संदूषित जल/गंदे पानी के उपयोग के क्या संभव प्रभाव हो सकते हैं?

उत्तरः विश्व बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि भारत में एक-चौथाई संक्रामक रोग जल से होते हैं। संदूषित जल से उत्पन्न होने वाली बीमारियाँ हैं अतिसार, पीलिया, हैजा, रोहा, आंतों के कृमि आदि ।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. देश में जल संसाधनों की उपलब्धता की विवेचना कीजिए और इसके स्थानिक वितरण के लिए उत्तरदायी निर्धारित करने वाले कारक बताइए।

उत्तर: भारत में जल संसाधनों की उपलब्धता के चार मुख्य स्रोत हैं-

(i) नदियाँ (ii) झीलें (iii) तलैया (iv) तालाब। यह जलवर्षण के विविध रूपों से प्राप्त होता है। देश में एक वर्ष में वर्षण से प्राप्त कुल जलराशि की मात्रा लगभग 4,000 घन कि०मी० है । धरातलीय जल और पुनः पूर्तियोग्य भौमजल से 1,869 घन कि०मी० जल की उपलब्धता है। जिसका केवल 60% अर्थात 1,122 घन कि०मी० का ही लाभदायक उपयोग किया जा सकता है। भारत में होने वाली वर्षा में अत्यधिक सामपिक व स्थानिक विभिन्नता पायी जाती है। कुल वर्षा का अधिकांश भाग मानसूनी मौसम तक संकेद्रित है। गंगा, ब्रह्मपुत्र व बराक नदियों के जल ग्रहण क्षेत्रों में अपेक्षाकृत अधिक वर्षा होती है जोकि भारत का एक-तिहाई क्षेत्रफल है। किंतु यहाँ कुल धरातलीय जल-संसाधनों का 60% जल पाया जाता है। दक्षिण भारतीय नदियाँ जैसे- गोदावरी, कृष्णा व कावेरी में जल प्रवाह का अधिकतर भाग उपयोग में लाया जा रहा है जबकि गंगा व ब्रह्मपुत्र नदी घाटियों में यह अभी तक संभव नहीं हो पाया है। नदियों में जल प्रवाह उनके जल ग्रहण क्षेत्र के आकार तथा उनके जल ग्रहण क्षेत्र में हुई वर्षा पर निर्भर करता है। भारत में नदियों व उनकी सहायक नदियों की कुल संख्या 10,360 है। इनमें 1,869 घन कि०मी० वार्षिक जल प्रवाह होने का अनुमान है। जिसका केवल 32% अर्थात् 690 घन कि०मी० जल का उपयोग किया जा सकता है।

2. जल संसाधनों का हास सामाजिक द्वंद्वों और विवादों को जन्म देते हैं। इसे उपयुक्त उदाहरणों सहित समझाइए ।

उत्तर: जल एक नवीकरणीय चक्रीय प्राकृतिक संसाधन है जो कि पृथ्वी पर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है किंतु पृथ्वी पर उपलब्ध कुल जल का केवल 3% ही अलवणीय अर्थात् मानव के लिए उपयोगी है, शेष 97% जल लवणयुक्त अथवा खारा है, जो केवल नौ संचालन व मछली पकड़ने के अलावा मानव के लिए प्रत्यक्ष उपयोग में नहीं आता। अलवणीय जल की उपलब्धता भी स्थान और समय के अनुसार भिन्न-भिन्न है। इसलिए इस दुर्लभ संसाधन के आवंटन और नियंत्रण को लेकर समुदायों, राज्यों तथा देशों के बीच द्वंद्व, तनाव व लड़ाई-झगड़े तथा विवाद होते रहे हैं। जैसे ।।

क. पंजाब, हरियाणा व हिमाचल प्रदेश में बहने वाली नदियों के जल बँटवारे को लेकर विवाद ।

ख. नर्मदा नदी के जल को लेकर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व गुजरात राज्यों में विवाद ।

ग. कावेरी नदी के जल बँटवारे को लेकर केरल, तमिलनाडु व कर्नाटक राज्यों में विवाद । जनसंख्या के बढ़ने के साथ- साथ जल की प्रतिव्यक्ति उपलब्धता दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। उपलब्ध जल औद्योगिक, कृषि व घरेलू निस्सरणों से प्रदूषित होता जा रहा है अतः उपयोगी, शुद्ध जल संसाधनों की उपलब्धता और सीमित होती जा रही है।

3. जल-संभर प्रबंधन क्या है? क्या आप सोचते हैं कि यह सतत पोषणीय विकास में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है?

उत्तरः जल-संभर प्रबंधन का संबंध, मुख्य रूप से धरातलीय तथा भौमजल संसाधनों के कुशल व दक्ष प्रबंधन से है। इसके अंतर्गत बहते वर्षा जल को विभिन्न विधियों द्वारा रोककर अंत:स्रवण, तालाब, पुनर्भरण तथा कुओं आदि के द्वारा भौमजल का संचयन और पुनर्भरण करना शामिल है। जल संभर प्रबंधन का उद्देश्य प्राकृतिक जल संसाधनों और समाज की आवश्यकताओं के बीच संतुलन स्थापित करना है। कुछ क्षेत्रों में जल-संभर विकास परियोजनाएँ पर्यावरण और अर्थव्यवस्था का कायाकल्प करने में सफल हुई हैं। जैसे :-

क. हरियाली - केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तित जल-संभर विकास परियोजना है जिसका उद्देश्य ग्रामीण जनसंख्या को पीने, सिंचाई, मत्स्यपालन और वन रोपण के लिए जल- संभर विधि से जल का संरक्षण करना है। यह परियोजना लोगों के सहयोग से ग्राम पंचायतों द्वारा निष्पादित की जा रही है।

ख. नीरू- मीरू (जल और आप ) यह कार्यक्रम आंध्रप्रदेश में तथा अरवारी पानी संसद (अलवर राजस्थान में लोगों के सहयोग से चलाई जा रहे हैं जिनमें जल संग्रहण के लिए संरचनाएँ जैसे अंत:स्रवण, तालाब, ताल (जोहड़) की खुदाई की गई हैं तथा रोक बाँध बनाए गए हैं।

ग. तमिलनाडु में घरों में जल संग्रहण संरचना का निर्माण आवश्यक बना दिया गया है।

घ. महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित रालेगन सिद्धि एक छोटा-सा गाँव है। यह पूरे देश में जल-संभर विकास का एक जीवंत उदाहरण है। देश में लोगों को जल-संभर विकास प्रबंधन के लाभों को बताकर उनमें जागरूकता पैदा करके जल की उपलब्धता को सतत पोषणीय विकास से जोड़ा जा सकता है।

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

भाग 'अ' मानव भूगोल के मूलभूत सिद्धांत

1

मानव भूगोल : प्रकृति एवं विषय क्षेत्र

2

विश्व की जनसंख्या : वितरण, घनत्व तथा वृद्धि

3

जनसंख्या संघटन

4

मानव विकास

5

प्राथमिक क्रियाएँ

6

द्वितीयक क्रियाएँ

7

तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप

8

परिवहन एवं संचार

9

अंतरराष्ट्रीय व्यापार

10

मानव अधिवास / बस्ती

भाग 'ब'- भारत : लोग और अर्थव्यवस्था

1

जनसंख्या: वितरण, घनत्व, वृद्धि एवं संघटन

2

प्रवास : प्रकार, कारण एवं परिणाम

3

मानव विकास

4

मानव बस्तियाँ

5

भू-संसाधन तथा कृषि

6

जल संसाधन

7

खनिज तथा ऊर्जा संसाधन

8

निर्माण उद्योग

9

भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास

10

परिवहन एवं संचार

11

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार

12

भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

Solved Paper of JAC Annual Intermediate Examination-2023

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