प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Political Science
अध्याय-6 लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट
बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Question)
1. जब 1977 के चुनाव में जनता पार्टी की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री
का पद किसे मिला ?
A. मोरारजी देसाई
B.
जगजीवन राम
C.
चरण सिंह
D.
जयप्रकाश नारायण
2. भारतीय संविधान का 42वाँ संशोधन कब हुआ ?
A.
1971 में
B. 1976 में
C.
1977 में
D.
1978 में
3. देश में 'आन्तरिक गड़बड़ी के कारण आपातकाल की घोषणा कब हुई?
A. 1975 में
B.
1974 में
C.
1972 में
D.
1977 में
4. संपूर्ण क्रांति का नारा किसने दिया?
A.
आचार्य कृपलानी
B.
राजनारायण
C.
चन्द्रशेखर
D. जयप्रकाश नारायण
5. 1975 में आपातकाल की घोषणा करने वाले राष्ट्रपति कौन है?
A. फखरुद्दीन अली अहमद
B.
जाकिर हुसैन
C.
ज्ञानी जैल सिंह
D.
इनमें से कोई नहीं
6. भारतीय जनता पार्टी किस पार्टी का नया नाम है?
A. भारतीय जनसंघ
B.
भारतीय क्रांति दल
C.
भारतीय लोक दल
D.
भारतीय जनता दल
7. 1971 के चुनाव में कांग्रेस का नारा क्या था?
A.
जय जवान जय किसान
B. गरीबी हटाओ
C.
उद्योग हटाओ
D.
अशिक्षा मिटाओ
8. 1974 में रेल हड़ताल रेलवे कर्मचारियों किसके नेतृत्व में शुरू किया
था?
A.
जयप्रकाश नारायण
B.
महात्मा गांधी
C. जॉर्ज फर्नांडिस
D.
राजेंद्र प्रसाद
9. 1971 के चुनाव में इंदिरा गांधी के खिलाफ बतौर उम्मीदवार चुनाव में
कौन खड़े हुए थे?
A. राज नारायण
B.
जयप्रकाश नारायण
C.
ए. एन. रे
D.
जगमोहन लाल सिन्हा
10. पद्मश्री से सम्मानित किस हिंदी लेखक ने लोकतंत्र के दमन के विरोध
में अपनी पदवी सरकार को लौटा दी?
A.
शिवराम कारंत
B. फणीश्वरनाथ रेणु
C.
माखनलाल चतुर्वेदी
D.
सुमित्रानंदन पंत
11. आपातकाल के दौरान हुई गड़बड़ियों की जांच के लिए कौन से आयोग का
गठन किया गया था?
A. शाह आयोग
B.
हंटर आयोग
C.
नानावती आयोग
D.
लिब्रहान आयोग
12. किसके नेतृत्व में कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी नामक पार्टी का गठन
किया गया?
A.
चौधरी चरण सिंह
B.
मोरारजी देसाई
C.
जयप्रकाश नारायण
D. जगजीवन राम
13. स्वतंत्र भारत के मंत्रिमंडल में पहले श्रम मंत्री कौन थे?
A.
बी. आर. अंबेडकर
B.
जयप्रकाश नारायण
C. जगजीवन राम
D.
मोरारजी देसाई
14. नक्सलवादी आंदोलन की शुरुआत किस राज्य से हुई?
A. पश्चिम बंगाल
B.
बिहार
C.
उत्तर प्रदेश
D.
मध्य प्रदेश
15. भारत में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (मार्क्सवादी लेलिनवादी)
की स्थापना किसने किया था?
A.
लेनिन
B.
के करुणाकरण
C.
कार्ल मार्क्स
D. चारू मजूमदार
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. इंदिरा इज़ इंडिया इंडिया इज इंदिरा का नारा किसने दिया था?
उत्तर:
इंदिरा इज़ इंडिया, इंडिया इज इंदिरा का नारा कांग्रेस अध्यक्ष डीके बरुआ ने दिया था।
2. किस पद्मभूषण से सम्मानित कन्नड़ लेखक ने आपातकाल के दौरान अपनी
पदवी सरकार को वापस लौटा दिया?
उत्तर:
पद्म विभूषण से सम्मानित कन्नड़ लेखक शिवराम कारंत ने अपनी पदवी सरकार को वापस लौटा
दिया था।
3. भारत में आपातकाल की घोषणा कब की गई?
उत्तर:
25 जून 1975 ई. को भारत में आपातकाल की घोषणा की गई।
4. भारत में प्रथम गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री कौन बने?
उत्तर:
भारत में प्रथम गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई बने ।
5. संविधान के किस अनुच्छेद के तहत 1975 में आपातकाल की घोषणा की गई।
उत्तर:
संविधान के 352 अनुच्छेद के तहत आपातकाल की घोषणा की गई।
6. चारू मजूमदार कौन थे ?
उत्तरः
चारू मजूमदार एक कम्युनिस्ट क्रांतिकारी और नक्सलबाड़ी विद्रोह के नेता थे। उन्होंने
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) की स्थापना की थीं।
7. भारतीय संविधान के किस संशोधन को 'लघु संविधान' कहा जाता है?
उत्तरः
भारतीय संविधान के 42वां संविधान संशोधन को 'लघु संविधान कहा जाता है।
8. सर्वोच्च न्यायालय ने अपने किस वाद में "संविधान के बुनियादी
ढांचा' का सिद्धांत दिया?
उत्तरः
सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती के मुकदमे में संविधान के बुनियादी ढांचा का सिद्धांत
दिया। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 1975 में भारत के किस प्रधानमंत्री
9. के निर्वाचन को अवैधानिक करार दिया था?
उत्तर:
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भारत के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के निर्वाचन को अवैधानिक
करार दिया था।
10. 1975 में आपातकाल की घोषणा भारत के किस राष्ट्रपति ने किया?
उत्तरः
1975 में आपातकाल की घोषणा राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने की।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. नक्सलवादी आंदोलन से आप क्या समझते हैं?
उत्तरः
1967 में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के नक्सलबाड़ी थाने में एक किसान विद्रोह
हुआ। इस विद्रोह का नेतृत्व मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के स्थानीय कैडर के लोगों
ने किया था। नक्सलबाड़ी थाने से शुरू हुआ यह आंदोलन भारत के कई राज्यों में फैल गया।
इस आंदोलन को नक्सलवादी आंदोलन कहा जाता है।
1969
में नक्सलवादी सीपीआई (एम) से अलग हो गए और उन्होंने सीपीआई (मार्क्सवादी-लेलिनवादी)
नाम से एक नई पार्टी चारु मजूमदार के नेतृत्व में बनाई इस पार्टी ने कहा भारत में लोकतंत्र
एक छलावा है तथा उसने क्रांति करने के लिए गोरिल्ला युद्ध की रणनीति अपनाई। वर्तमान
में 9 राज्यों के लगभग 75 जिले नक्सलवादी हिंसा से प्रभावित है।
2. संविधान के बुनियादी ढांचा के सिद्धांत का क्या अर्थ है?
उत्तरः
सर्वोच्च न्यायालय ने केशवानंद भारती के मशहूर मुकदमे में संविधान के बुनियादी ढांचा
से संबंधित फैसला सुनाया जिसके अंतर्गत संसद सविधान के ढांचागत विशेषताओं में कोई संशोधन
नहीं कर सकती है।
यधपि
सर्वोच्च न्यायालय ने बुनियादी ढांचा को परिभाषित नहीं किया है फिर भी इसके आशय को
यही समझा जा सकता है कि संसद मूल संविधान के मौलिक गुणों को जैसे मौलिक अधिकार, नीति
निर्देशक तत्व, आदि अधिकार तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता आदि से संबंधित
मूल चारित्रिक गुणों में संविधान संशोधन नहीं कर सकती हैं।
3. 1975 में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा करते हुए सरकार ने इसके क्या
कारण बताए थें ?
उत्तर:
सरकार ने 25 जून 1975 के दिन आपातकाल की घोषणा कर दी. जिसके निम्नलिखित कारण सरकार
ने बतलाई-
1.
संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत 'आंतरिक गड़बड़ी के कारण आपातकाल की घोषणा की गई।
2.
कानून के शासन को खतरा उत्पन्न हो रहा हैं।
3.
सरकार का तर्क था कि चुनी हुई सरकार को काम करने से रोका जा रहा है।
4.
जगह-जगह आंदोलन एवं धरना का प्रदर्शन किया जा रहा है। जिससे सरकार के कामकाज ठप्प हो
रहे हैं।
5.
अनेक आंदोलनों में हिंसक घटनाएं हो रही थी।
6.
सेना, पुलिस जैसे सरकारी कर्मचारियों को विद्रोह के लिए उकसाया जा रहा था।
7.
सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास किया जा रहा था।
8.
राष्ट्रीय एकता और अखंडता को खतरा हो रहा था।
9.
राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न करने का प्रयास हो रहा था।
10.
अर्थव्यवस्था का संकट बढ़ते जा रहा था।
4. 1975 में आपात स्थिति लागू होने के क्या परिणाम थे?
उत्तरः
आपातकाल लागू होने के बाद निम्न परिणाम सामने आए-
1.
नागरिकों के मौलिक अधिकार स्थगित कर दिए गए।
2.
देश की सभी शक्तियां केंद्र के पास आ गई संविधान का संघीयस्वरूप एकात्मक हो गया।
3.
केंद्र सरकार की शक्तियां राज्यों पर हावी हो गई।
4.
देश का लोकतांत्रिक स्वरूप बिगड़ गया।
5.
संसद का कार्यकाल 5 वर्ष से 6 वर्ष कर दिया गया।
6.
संविधान में 42वां संशोधन किया गया जिसमें अनेक कानूनों को बदल दिया गया।
7.
लोगों की स्वतंत्रता समाप्त कर दी गई।
8.
प्रेस में सेंसरशिप लगाकर विचारों की अभिव्यक्ति को नियंत्रित किया गया।
9.
राष्ट्रपति की स्थिति कमजोर कर दी गई।
10.
देश में कई प्रकार से डर एवं भय का माहौल पैदा हो गया।
5. शाह आयोग की नियुक्ति का क्या उद्देश्य था?
उत्तरः
आपातकाल के बाद 1977 में चुनाव कराई गई जिसमें जनता पार्टी। ने चुनाव जीता और सरकार
का गठन किया।
मई
1977 में जनता पार्टी की सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री
जे सी शाह की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया। इसे शाह आयोग के नाम से जाना जाता
है। इस आयोग का गठन आपातकाल के दौरान की गई कार्यवाही तथा सत्ता के दुरुपयोग, अतिचार
और कदाचार के विभिन्न आरोपों के जांच के लिए किया गया था। आयोग में विभिन्न प्रकार
के साक्ष्यों की जांच की। हजारों गवाहों के बयान दर्ज किए। इन गवाहों में इंदिरा गांधी
भी शामिल थी लेकिन वह आयोग के सामने नहीं उपस्थित हुई। आयोग ने अपनी रिपोर्ट भारत सरकार
को सौप दी।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. मध्यावधि चुनाव से क्या आशय है? किन कारणों से 1980 में मध्यावधि
चुनाव करवाने पड़े।
उत्तर:
यदि लोकसभा या विधानसभा अपना निर्धारित कार्यकाल पूर्ण होने के पूर्व ही किन्ही विशेष
परिस्थिति में भंग हो जाय और राष्ट्रपति शासन लग जाए। ऐसी परिस्थिति में निर्वाचन आयोग
नई सरकार के गठन के लिए समय पूर्व चुनाव करवाती है। यह चुनाव मध्यावधि चुनाव कहलाता
है।
भारत
में आपातकाल 1975 ई में आंतरिक गड़बड़ी के कारण लागू की गई जो 1977 ई में समाप्त हुई।
1977 में लोकसभा के चुनाव हुए । इस चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ प्रमुख विरोधी दलों
ने मिलकर जनता पार्टी का गठन किया जिसमें प्रमुख दल सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय जनसंघ,
कांग्रेस ओल्ड तथा भारतीय लोकदल थे। बाद में जगजीवन राम की पार्टी कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी
जनता पार्टी में शामिल हो गई।
1977
के चुनाव में जनता पार्टी और उसके साथी दलों को 330 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत प्राप्त
हुआ और प्रथम गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई बने ।
जनता
पार्टी की सरकार के पास किसी दिशा, नेतृत्व अथवा एक साझा कार्यक्रम का अभाव था। यह
सरकार कांग्रेस द्वारा अपनाई गई नीतियों में कोई बुनियादी बदलाव नहीं ला सके। मोरारजी
देसाई की नेतृत्व वाली सरकार ने 18 माह में ही अपना बहुमत खो दिया।
चौधरी
चरण सिंह के नेतृत्व में दूसरी सरकार का गठन हुआ जिसे बाहर से कांग्रेस पार्टी का भी
समर्थन प्राप्त था लेकिन कांग्रेस पार्टी द्वारा 4 महीने के बाद समर्थन वापस लेने के
कारण चौधरी चरण सिंह ने समय पूर्व लोकसभा भंग करके नए चुनाव कराने की सिफारिश की जिसको
तत्कालीन राष्ट्रपति श्री नीलम संजीव रेड्डी ने स्वीकार कर लिया इस प्रकार 1980 में
मध्यावधि चुनाव करवाने पड़े।
2. 1977 के चुनाव के बाद पहली दफा केंद्र में विपक्षी दल की सरकार बनौ।
ऐसा किन कारणों से संभव हुआ?
उत्तर:
सरकार ने जनवरी 1977 में 18 महीने के आपातकाल के बाद चुनाव कराने का फैसला किया। चुनाव
के ठीक पहले कांग्रेस विरोधी दलों ने मिलकर जनता पार्टी नामक एक दल बनाया। इस नई पार्टी
का नेतृत्व जयप्रकाश नारायण ने किया। कांग्रेस के कुछ नेता भी जो आपातकाल के विरोधी
थे. इस पार्टी में शामिल हुए। कांग्रेसी नेता जगजीवन राम की कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी
पार्टी भी जनता पार्टी में शामिल हो गई।
जनता
पार्टी ने चुनाव प्रचार में कांग्रेस की लोकतांत्रिक चरित्र और आपातकाल की यातना को
जनता के सामने रखा तथा चुनाव को आपातकाल के खिलाफ जनमत संग्रह कहा। जनता पार्टी का
गठन करके एक बात यह स्पष्ट हो गई थी कि गैर कांग्रेसी वोट अब एक ही जगह पड़ेंगे। इस
लोक सभा के चुनाव परिणाम में कुल 542 सीटों में से 330 की सीटें जनता पार्टी एवं साथी
दलों को प्राप्त हुई। यह एक स्पष्ट बहुमत था वहीं दूसरी ओर इंदिरा गांधी रायबरेली से
तथा उनके पुत्र संजय गांधी अमेठी से चुनाव हार गए थे। 1977 के चुनाव में पहली बार विपक्षी
दल की सरकार बनने केनिम्नलिखित कारण थे-
1.
देश में आर्थिक संकट व्याप्त था।
2.
आवश्यक चीजों की कीमतों में वृद्धि।
3.
सभी कांग्रेस विरोधी दलों का एकजुट होकर जनता पार्टी का निर्माण करना।
4.
आपातकाल के दौरान की गई कार्यवाही।
5.
देश की स्वतंत्रता पर हमला।
6.
नागरिकों की स्वतंत्रता पर हमला।
7.
मौलिक अधिकारों का हनन
3. भारत की दलीय प्रणाली पर आपातकाल का किस तरह असर हुआ? अपने उत्तर
की पुष्टि उदाहरणों से करें।
उत्तर:
1.
दलीय व्यवस्था में गैर कांग्रेसवाद की राजनीति का विकास हुआ उन्हें यह विश्वास हो गया
कि यदि विपक्षी दलों को अपना अस्तित्व बनाए रखना है तो उन्हें आपस में मिलकर कांग्रेस
का मुकाबला करना जरूरी है।
2.
आपातकाल के बाद सभी विपक्षी दलों ने यह निश्चय किया की आने वाल चुनाव में गैर कांग्रेसी
वोट बिखरने नहीं चाहिए। यदि गैर- कांग्रेसी वोट बिखर गए तो कांग्रेस को सत्ता से हटाना
कठिन होगा।
3.
आपातकाल के बाद देश में जनता पार्टी का गठन हुआ जिसमें सभी सभी प्रमुख दलों ने सम्मिलित
होना स्वीकार किया और अपने स्वतंत्र अस्तित्व तथा अलग पहचान को समाप्त करके एक दल बनाने
पर सहमत हुए। कई लेखक 1977 को भारतीय दलीय प्रणाली में दो दलीय व्यवस्था के आरंभ को
देखते हैं। उनका ऐसा विचार था की अब देश में दो दलीय व्यवस्था विकसित होगी। परन्तु
यह बात सत्य नहीं निकली और जनता पार्टी 18 माह में ही बिखर गई।
4.
आपातकाल के बाद कांग्रेस जो अपने को असली कांग्रेस कहती थी उसमे भी विभाजन हुआ। इसके
कई नेता जो आपातकाल के समर्थन नहीं करते थे परन्तु आपातकाल में विरोध प्रकट करने का
साहस नहीं कर सके थे। आपातकाल के बाद बाबू जगजीवन राम के नेतृत्व में कांग्रेस से अलग
हो गए और उन्होंने कांग्रेस फॉर डेमोक्रेसी नामक अपना अलग दल बना लिया।
5.
आपातकाल के बाद सभी दल जनमत की परिपक्वता में विश्वास करने लगे और पिछड़े वर्गों की
भलाई की नीति लगभग सभी दलों ने अपनाई ।
6. आपातकाल के बाद कई राज्यों में भी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर कांग्रेस का मुकाबला किया और कई राज्यों में विधान सभा चुनावों में उन्होंने आपस में मिलकर चुनाव लड़कर कांग्रेस को सत्ताहीन किया। दलीय व्यवस्था में गैर- कांग्रेसवाद की राजनीति का विकास हुआ। उन्हें यह विश्वास हो गया की यदि विपक्षी दलों ने अपना अस्तित्व बनाए रखना है तो उन्हें आपस में मिलकर कांग्रेस से मुकाबला करना जरूरी है।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
भाग 1 ( समकालीन विश्व राजनीति) | |
भाग 2 (स्वतंत्र भारत में राजनीति ) | |