Class 12 Political Science अध्याय-7 जन आन्दोलनों का उदय Question Bank-Cum-Answer Book

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प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Political Science

अध्याय-7 जन आन्दोलनों का उदय

बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Question)

1. चिपको आन्दोलन किस राज्य में हुआ?

(A) कर्नाटक

(B) महाराष्ट्र

(C) उत्तराखण्ड

(D) गुजरात

2. चिपको आन्दोलन के प्रणेता कौन है?

(A) मेधा पाटकर

(B) सुन्दर लाल बहुगुणा

(C) अन्ना हजारे

(D) विमल जोगी

3. "चिपको आन्दोलन" कब हुआ?

(A) 1971 ई. में

(B) 1972 ई. में

(C) 1973 ई0 में

(D) 1974 ईस्वी में

4. उत्तराखण्ड के गाँव वालों ने वन विभाग से खेती बाड़ी के औजार बनाने के लिए किस पेड़ को काटने की अनुमति माँग रहे थे ?

(A) अंगू के पेड़

(B) आम के पेड़

(C) साल के पेड़

(D) अर्जुन के पेड़

5. किसे नए सामाजिक आन्दोलन की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता ?

(A) चिपको आन्दोलन

(B) नर्मदा बचाओ आंदोलन

(C) टेहरी बाँध आन्दोलन

(D) गृह स्वराज आंदोलन

6. दलित पैंथर्स नामक संगठन की स्थापना कब की गई?

(A) 1972 ईस्वी में

(B) 1950 ईस्वी में

(C) 1947 ईस्वी में

(D) 1942 ईस्वी में

7. दलित पैंथर्स नामक संगठन की स्थापना कहां की गई?

(A) महाराष्ट्र

(B) उत्तराखंड

(C) गुजरात

(D) इनमें से कोई नहीं

8. दलित पैंथर्स की मुख्य नीतियां क्या थी?

(A) दलित पर हो रहे अत्याचारों से बचाना,

(B) विधान मंडलों में दलितों को आनुपातिक प्रतिनिधित्व दिलाना,

(C) दलित आरक्षण की मांग,

(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं

9. भारतीय किसान यूनियन की प्रमुख मांगे क्या थी?

(A) गन्ने एवं गेहूं की सरकारी खरीद मूल्यों में बढ़ोतरी,

(B) समुचित उचित मूल्य पर बिजली की आपूर्ति

(C) किसानों का बकाया कर्ज माफ हो

(D) इनमें से सभी।

10. भारतीय किसान यूनियन का गठन कहां हुआ?

(A) महाराष्ट्र में

(B) उत्तर प्रदेश में

(C) उत्तराखंड में

(D) हरियाणा में

11. ताड़ी विरोधी आंदोलन भारत के किस राज्य का आंदोलन था?

(A) आंध्र प्रदेश

(B) गुजरात

(C) बिहार

(D) उत्तर प्रदेश

12. चिपको आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?

(A) कृषि का विकास

(B) पर्यावरण की रक्षा

(C) गांधीवादी विचारों का प्रचार-प्रसार

(D) इनमें से कोई नहीं ।

13. एपिको आंदोलन कहां चलाया गया था?

(A) आंध्र प्रदेश

(B) कर्नाटक

(C) केरल

(D) उत्तराखंड

14. सितंबर 1983 ईस्वी में किस सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा एपिको आंदोलन चलाया गया?

(A) सुंदरलाल बहुगुणा

(B) मेधा पाटेकर

(C) पांडुरंग हेगड़

(D) महात्मा गांधी

15. सूचना का अधिकार अधिनियम किस वर्ष पारित किया गया?

(A) 2003

(B) 2004

(C) 2005

(D) 2006

16. मेधा पाटेकर निम्नलिखित में से किस आंदोलन से संबंधित हैं?

(A) नर्मदा बचाओ आंदोलन

(B) टेहरी बांध आंदोलन

(C) चिपको आंदोलन

(D) ताड़ी विरोधी आंदोलन

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. चिपको आंदोलन से क्या अभिप्राय है?

उत्तर- चिपको आन्दोलन एक पर्यावरण-रक्षा का आन्दोलन था। यह भारत के मौजूदा उत्तराखण्ड राज्य में स्त्री और पुरुषों ने वृक्षों की कटाई का विरोध करने के लिए किया था। वे राज्य के वन विभाग के ठेकेदारों द्वारा वनों की कटाई का विरोध कर रहे थे और उन पर अपना परम्परागत अधिकार जता रहे थे। गांव के लोगों ने अपने विरोध को जताने के लिए एक नई तरकीब अपनाई। स्त्री पुरुष पेड़ों से चिपक जाते थे ताकि पेड़ों को न काटा जा सके इसलिए इस आंदोलन को चिपको आंदोलन के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 2. 1970 के दशक में पेड़ों को कटने से बचाने के लिए किस आंदोलन की शुरुआत हुई तथा आंदोलन का क्षेत्र वर्तमान में किस राज्य के अंतर्गत आता है?

उत्तर- चिपको आंदोलन। यह आंदोलन वर्तमान उत्तराखंड राज्य में चलाया गया था।

प्रश्न 3. ताड़ी विरोधी आंदोलन कहाँ और क्यों चलाया गया?

उत्तर- ताड़ी विरोधी आंदोलन आंध्र प्रदेश में महिलाओं ने शराब माफियाओं के खिलाफ आंदोलन किया था क्योंकि ग्रामीणों को शराब की गहरी लत लग चुकी थी। इसके चलते वे शारीरिक और मानसिक रूप से भी कमजोर हो गए थे। शराबखोरी से क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। शराब खोरी के बढ़ने से कर्ज का बोझ बढ़ा। पुरुष अपने काम से लगातार गैरहाजिर रहने लगे। ताड़ी विरोधी आंदोलन का नारा था ताड़ी की बिक्री बंद करो।'

प्रश्न 4. किस वर्ष भारत के किस राज्य में ताड़ी विरोधी आंदोलन शुरू हुआ था?

उत्तर- 1992 के सितंबर अक्टूबर माह में आंध्र प्रदेश राज्य में ताड़ी विरोधी आंदोलन चलाया गया था।

प्रश्न 5. भारतीय किसान यूनियन देश के किन क्षेत्रों में अधिक सक्रिय हैं?

उत्तर: भारतीय किसान यूनियन उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में अधिक सक्रिय हैं।

प्रश्न 6. सूचना का अधिकार अधिनियम किस वर्ष लागू किया गया? क्या इस अधिनियम के दायरे में गैर सरकारी संस्थान भी आते हैं?

उत्तर- सूचना का अधिकार अधिनियम जून 2005 में लागू किया गया है। इस अधिनियम के अंतर्गत सरकारी संस्थान के साथ-साथ सरकार से वित्त पोषित गैर-सरकारी संस्थान भी आते हैं।

प्रश्न 7. भारतीय किसान यूनियन के बारे में आप क्या समझते हैं?

उत्तर- भारतीय किसान यूनियन पश्चिमी उत्तर प्रदेश हरियाणा और पंजाब के किसानों का एक संगठन था। 80 के दशक के किसान आंदोलन के अग्रणी संगठनों में से एक था। यह संगठन विभिन्न तरीकों से समय-समय पर प्रभावित करता रहा है।

प्रश्न 8. दलित पैंथर्स क्या है?

उत्तर- दलित पैंथर्स महाराष्ट्र के दलित युवाओं का एक संगठन है। इसका गठन 1972 में किया गया। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य था जातिवाद, छुआछूत व इन आधारों पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ लड़ना और भारतीय संविधान में इन कुरीतियों को दूर करने के लिए विभिन्न प्रावधानों, सरकारी नीतियों और कानूनों को लागू करना था।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. जन आंदोलन से क्या अभिप्राय है?दल आधारित सामाजिक आंदोलनों तथा राजनीतिक दलों से स्वतंत्र सामाजिक आंदोलनों के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।

उत्तर- जन आंदोलन जब किसी समस्या या मांग को लेकर लोगों द्वारा एक साथ आंदोलन किया जाता है तो उसे जन आंदोलन कहते हैं। जन आंदोलन करने के कई कारण हो सकते हैं जैसे गरीबी, बेरोजगारी या लोगों की कोई मांग पूरी ना हो पाना।

जन आंदोलनों के दो प्रकार होते हैं-

(क) दल आधारित जन आंदोलन: जो आंदोलन किसी राजनीतिक दल के सहयोग से शुरू किए जाते हैं अर्थात वह आंदोलन जिनमें राजनीतिक दल शामिल होते हैं। ऐसे आंदोलनों को दल आधारित आंदोलन कहा जाता है। जैसे नक्सलवादी आंदोलन।

(ख) राजनीतिक दलों से स्वतंत्र आंदोलन:- वह आंदोलन जिनमें कोई भी राजनीतिक दल शामिल नहीं होता: उन्हें राजनीतिक दलों से स्वतंत्र आंदोलन कहते हैं। जैसे दलित पैंथर्स, चिपको आंदोलन ताड़ी विरोधी आंदोलन आदि।

प्रश्न 2. भारतीय किसान यूनियन की किन्ही चार मांगों का उल्लेख कीजिए।

उत्तर: भारतीय किसान यूनियन की चार मुख्य माँगे निम्नलिखित है ।

(क) बिजली की बढ़ाई गई दरों को कम करना।

(ख) गन्ने ओर गेहूं के सरकारी मूल्य को बढ़ाना।

(ग) किसानो के लिए पेंशन की व्यवस्था करना एवं (घ) किसानों को बचा हुआ कर्ज माफ़ करना।

प्रश्न 3. क्या चिपको आन्दोलन को महिला आन्दोलन कहा जा सकता है ? कारण बताइए ।

उत्तर चिपको आंदोलन को महिला आंदोलन इसलिए कहा जाता है। क्योंकि इस आंदोलन में महिलाओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया व पर्यावरण की सुरक्षा व पेड़ों की सुरक्षा के मुद्दो के साथ साथ महिलाओं से जुड़े अनेक मुद्दों को भी उठाया। चिपको आंदोलन में महिलाओं ने शराब, ताड़ी, दहेज, महिलाओं पर पुरुषों के द्वारा किये गये शारीरिक व मानसिक शोषण जैसे मुद्दे भी उठाये इस आंदोलन से महिलाओं ने वन अधिकारियों व ठेके द्वारा किये गये गलत कार्यों को भी उजागर किया तथा उनके परिवार के पुरुषों को नशे की लत डालकर किस प्रकार से उनके परिवारों को आर्थिक संकट में डाल रहे थे। अतः ये सभी प्रश्न महिलाओं को प्रभावित कर रहे थे जिससे महिलाओं ने इस आंदोलन में सक्रिय भूमिका अदा की।

प्रश्न 4. सरदार सरोवर परियोजना से क्या तात्पर्य है?

उत्तर-1980 के दशक के प्रारंभ में भारत के मध्य भाग में स्थित नर्मदा घाटी के विकास परियोजना के तहत मध्यप्रदेश, गुजरात व महाराष्ट्र से गुजरनेवाली नर्मदा और उसकी सहायक नदियों पर 30 बड़े, 135 मझले आकार के व 300 छोटे बांध बनाने का प्रस्ताव रखा गया। गुजरात के सरदार सरोवर व मध्य प्रदेश के नर्मदा सागर बांध के रूप में दो सबसे बड़ी बहुउद्देशीय परियोजना का निर्धारण किया।

इस परियोजना के निम्न उद्देश्य थे

(क) पीने के पानी, व सिंचाई के लिए सुनिश्चित करना।

(ख) बिजली उत्पादन के उद्देश्य से।

(ग) कृषि विकास को बढ़ाने व कृषि की पैदावार को बढ़ाने के लिए।

(घ) बाढ़ और सूखे की आपदाओं पर अंकुश लगाना।

प्रश्न5. सूचना के अधिकार का आन्दोलन पर प्रकाश डालिए।

उत्तर- सूचना के अधिकार का अर्थ है जानने का अधिकार, जो प्रजातंत्र के विकास में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है। सूचना के अधिकार को प्राप्त करने के लिए आंदोलन का प्रारम्भ 1990 में हुआ और इसका नेतृत्व किया मजदूर किसान शक्ति संगठन ने राजस्थान में काम कर रहे इस संगठन ने सरकार के सामने यह मांग रखी कि अकाल, राहत कार्य और मजदूरों को दी जाने वाली पगार के रिकार्ड का सार्वजनिक खुलासा किया जाये। धीरे धीरे यह आंदोलन मजबूत हुआ और सरकार को इस आंदोलन की मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करनी पड़ी। वर्ष 2004 में सूचना के अधिकार के विधेयक को सदन में रखा गया। जून, 2005 में विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी हासिल हुई।

प्रश्न 6. दलित पैंथर आंदोलन किस राज्य में हुआ? इसकी प्रमुख मांगे क्या थी?

उत्तर- 1972 में महाराष्ट्र में शिक्षित दलित युवाओं ने दलित पॅंथर्स नाम से एक संगठन बनाया। इन्होंने दलितों के खिलाफ हो रह भेदभाव का विरोध किया। इनके विरोध का तरीका अन्य आंदोलनों से अलग रहा। साहित्य और बड़े बड़े मंचो पर आवाज़ उठा कर इन्होंने लोगों को दलितों पर हो रहे अत्याचारों से परिचित करवाया। दलित युवकों ने भी अत्याचार का बढ़ चढ़ कर विरोध किया।

दलित पैंथर्स की मुख्य मांगें:-

(क) जाति आधारित असमानताओं का विरोध ।

(ख) भौतिक संसाधनों के मामले में अपने साथ हो रहे अन्याय का विरोधा

(ग) दलित महिलाओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को रोका जाए।

(घ) सामाजिक न्याय की नीतियों का कारगर क्रियान्वयन हो, आदि।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में (अब उत्तराखंड) 1970 के दशक में किन कारणों से चिपको आंदोलन का जन्म हुआ? इस आंदोलन का क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर- चिपको आंदोलन की शुरुआत उत्तराखंड के दो-तीन गांव से हुई थी। गांव वालों ने वन विभाग से मांग किया कि खेती-बाड़ी के औजार बनाने के लिए अंगू के पेड़ काटने की अनुमति दिया जाए। इस पर वन विभाग ने अनुमति देने से इनकार कर दिया। परंतु वन विभाग ने खेल सामग्री के लिए एक विनिर्माता को व्यवसायिक इस्तेमाल के लिए पेड़ काटने की अनुमति दी। इससे गांव वालों में रोष पैदा हुआ और उन्होंने सरकार की इस कदम का कड़ा विरोध किया। इस आंदोलन में महिलाओं ने भी सक्रिय भागीदारी की। महिलाएं पेड़ों से चिपक जाती थी, ताकि पेड़ कटने से बचाया जा सके। इसलिए इस आंदोलन को चिपको आंदोलन कहते हैं।

चिपको आंदोलन का प्रभाव:-

1. यह आंदोलन बहुत जल्दी उत्तराखंड के अन्य इलाकों में भी फैल गया। क्षेत्र की परिस्थितिकी और आर्थिक शोषण के सवाल उठाए जाने लगे।

2. चिपको आंदोलन में महिलाओं ने सक्रिय भागीदारी निभायी। इस क्षेत्र में जंगल कटाई ठेकेदार यहां के पुरुषों को शराब की आपूर्ति करते थे। महिलाओं ने शराबखोरी ठेकेदारों के खिलाफ लगातार आवाज उठायी। इससे आंदोलन का दायरा विस्तृत हुआ और इसमें कुछ और सामाजिक मसले आकर जुड़ गए।

3. सरकार ने 15 सालों के लिए इस क्षेत्र में पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी ताकि इस अवधि में क्षेत्र का वनाच्छादन फिर से ठीक अवस्था में आ जाए।

4. यह आंदोलन 1970 के दशक और उसके बाद के सालों में देश के विभिन्न भागों में उठने लगे।

प्रश्न 2. भारतीय किसान यूनियन किसानों की दुर्दशा की तरफ ध्यान आकर्षित करने वाला अग्रणी संगठन है। 90 के दशक में इसने किन मुद्दों को उठाया और कहां तक सफलता मिली?

उत्तर- भारतीय किसान यूनियन पश्चिमी उत्तर प्रदेश हरियाणा और पंजाब के किसानों का एक संगठन था। 1980 के दशक के किसान आंदोलन के अग्रणी संगठनों में से एक था। यह संगठन विभिन्न तरीकों से समय-समय पर प्रभावित करता रहा है।

भारतीय किसान यूनियन की मुख्य मांगे निम्नलिखित थी-

1. गन्ने और गेहूं की सरकारी खरीद मूल्य में बढ़ोतरी करना।

2. कृषि उत्पादों के अंतर्राज्यीय आवाजाही पर लगे प्रतिबंध को हटाना।

3. समुचित दर पर गारांटीशुदा बिजली आपूर्ति करना।

4. किसानों के बकाया कर्ज माफ करना।

5. किसानों के लिए पेंशन का प्रावधान करना।

भारतीय किसान यूनियन की सफलता-

1. बिजली की दर में की गई बढ़ोत्तरी सरकार द्वारा वापस लिया गया।

2. 1990 के दशक के शुरुआती सालों में भारतीय किसान यूनियन ने अपने को सभी राजनीतिक दलों से दूर रखा।

3. यह अपने सदस्यों की संख्या बल के दम पर एक दबाव समूह की तरह सक्रिय रहा।

4. इस संगठन ने राज्यों में मौजूद अन्य संगठनों को साथ लेकर अपनी कुछ मांगे मनवाने में सफलता पाई।

इस प्रकार 1980 के दशक में सबसे ज्यादा सफल सामाजिक आंदोलन था। इस आंदोलन की सफलता के पीछे इसके सदस्यों की राजनीतिक मोलभाव की क्षमता का हाथ था।

प्रश्न 3. आंध्र प्रदेश में चले शराब विरोधी आंदोलन ने देश का ध्यान कुछ गंभीर मुद्दों की ओर खींचा। यह मुद्दे क्या थे?

उत्तर- आंध्र प्रदेश में महिलाओं का एक स्वतः स्फूर्त आंदोलन चल पड़ा। ये महिलाएं अपने आस पड़ोस में मदिरा की बिक्री पर पाबंदी की मांग कर रही थी। 1992 की सितंबर अक्टूबर माह में ग्रामीण महिलाओं ने शराब के खिलाफ लड़ाई छेड़ रखी थी। यह लड़ाई शराब माफिया और सरकार दोनों के खिलाफ थी। इस आंदोलन ने ऐसा रूप धारण किया कि इसे राज्य में ताड़ी विरोधी आंदोलन के नाम से जाना गया।

आंदोलन का उदय

आंध्र प्रदेश के नेल्लौर जिले के दूर दराज के गांव दुबरगटा में महिलाओं के बीच प्रौढ साक्षरता कार्यक्रम चलाया गया, जिसमें महिलाओं ने घर के पुरुषों द्वारा देशी शराब, ताड़ी आदि पीने की शिकायत की। ग्रामीणों को शराब की गहरी लत लग चुकी थी। इसके चलते वे शारीरिक और मानसिक रूप से भी कमजोर हो गए थे। शराब खोरी से क्षेत्र की ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। शराब खोरी के चलते कर्ज का बोझ बढ़ा। पुरुष अपने काम से लगातार गैरहाजिर रहने लगे। जिससे महिलाओं को दिक्कत होने लगी।

मेला में महिलाएं शराब की बिक्री के खिलाफ आगे आई और उन्होंने शराब की दुकानों को बंद कराने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। यह खबर आग की तरह फैली और 5000 गांव की महिलाओं ने इस आंदोलन में भाग लिया। नेल्लोर जिले का यह आंदोलन धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल गया।

आंदोलन के मुख्य मुद्दे

1. ताड़ी की बिक्री पर रोक लगाना।

2. इसकी मांग ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मसलों के बहुत बड़े वर्ग को छुआ। जिससे ताड़ी व्यवसाय को लेकर अपराध एवं राजनीति के बीच गहरा नाता बन गया था।

3. महिलाओं ने खुले तौर पर घरेलू हिंसा जैसे दहेज, यौन उत्पीड़न आदि का विरोध करनी शुरू कर दी।

4. 1990 के दशक आते-आते महिला आंदोलन समान राजनीतिक प्रतिनिधित्व की मांग की।

                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                                  5. विधानसभा और संसद में महिला आरक्षण की मांग।

प्रश्न 4. नर्मदा बचाओ आंदोलन ने नर्मदा घाटी की बांध परियोजनाओं का विरोध क्यों किया?

उत्तर- 1980 के दशक के प्रारंभ में भारत के मध्य भाग में स्थित नर्मदा घाटी में विकास परियोजना के तहत मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजरने वाली नर्मदा और उसके सहायक नदियों पर 30 बड़े, 135 मझोले तथा 300 छोटे बाँध बनाने का प्रस्ताव रखा गया। गुजरात के सरदार सरोवर और मध्य प्रदेश के नर्मदा सागर बाँध के रूप में दो सबसे बड़ी और बहु-उददेश्यीय परियोजनाओं का निर्धारण किया गया। नर्मदा नदी के बचाओ में नर्मदा बचाओ आन्दोलन चला। इस आन्दोलन ने बाँध के निर्माण का विरोध किया। नर्मदा बचाओ आन्दोलन इन बाँधों के निर्माण के साथ साथ देश में चल रही विकास परियोजनाओं के औचित्य पर भी सवाल उठाया-

1. नर्मदा बचाओ आंदोलन सरदार सरोवर परियोजना को विकास परियोजनाओं के बृहत्तर मुद्दों से जोड़कर देखता रहा है। यह आदोलन विकास के मॉडल और उसके औचित्य पर भी सवाल उठाता रहा है और इसके अनुसार इस बात का भी जायजा लिया जाना चाहिए कि समाज के विभिन्न वर्गों को इन परियोजनाओं का क्या खामियाजा भुगतना पड़ा है।

2. इसने माँग की कि अब तक की सभी विकास परियोजनाओं पर हुए खर्च की जांच किया जाए, क्योंकि बाँध के निर्माण की वजह से राज्यों के 245 गाँव डूबने के क्षेत्र में आ रहे थे और प्रभावित गाँवों के करीब ढाई लाख लोगों के पुनर्वास का मुद्दा भी सामने था।

3. आन्दोलन ने इन परियोजनाओं के निर्माण की वजह से प्रभावित लोगों के उचित पुनर्वास की भी माँग की।

4. आन्दोलन के लोगों ने इन महाकाय विकास परियोजनाओं के निर्माण की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए।

5. इस आन्दोलन में इस बात पर बल दिया गया कि ऐसी परियोजनाओं की निर्णय प्रक्रिया में स्थानीय समुदायों की भागीदारी होनी चाहिए और जल, जंगल, जमीन जैसे प्राकृतिक संसाधनों पर उनका प्रभावी नियंत्रण होना चाहिए।

6. 2003 में सरकार द्वारा स्वीकृत राष्ट्रीय पुनर्वास नीति को नर्मदा बचाओ जैसे सामाजिक आंदोलन की उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है।

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

भाग 1 ( समकालीन विश्व राजनीति)

अध्याय - 01

शीत युद्ध का दौर

अध्याय - 02

दो ध्रुवीयता का अंत

अध्याय - 03

समकालीन विश्व में अमरीकी वर्चस्व

अध्याय - 04

सत्ता के वैकल्पिक केन्द्र

अध्याय - 05

समकालीन दक्षिण एशिया

अध्याय - 06

अंतर्राष्ट्रीय संगठन

अध्याय - 07

समकालीन विश्व में सुरक्षा

अध्याय - 08

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधन

अध्याय - 09

वैश्वीकरण

भाग 2 (स्वतंत्र भारत में राजनीति )

अध्याय - 01

राष्ट्र-निर्माण की चुनौतियाँ

अध्याय 02

एक दल के प्रभुत्व का दौर

अध्याय - 03

नियोजित विकास की राजनीति

अध्याय - 04

भारत के विदेश संबंध

अध्याय - 05

कांग्रेस प्रणाली : चुनौतियाँ और पुनर्स्थापना

अध्याय - 06

लोकतांत्रिक व्यवस्था का संकट

अध्याय - 07

जन आंदोलनों का उदय

अध्याय - 08

क्षेत्रीय आकांक्षाएँ

अध्याय - 09

भारतीय राजनीति नए बदलाव

Solved Paper of JAC Annual Intermediate Examination - 2023

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