10th Social Science (Social Science) 4.औद्योगीकरण का युग

10th Social Science (Social Science) 4.औद्योगीकरण का युग

 10th Social Science (Social Science) 4.औद्योगीकरण का युग


प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 10

Social Science

4.औद्योगीकरण का युग

वस्तुनिष्ठ प्रश्न-

1) औद्योगिक क्रांति की शुरुआत सर्वप्रथम किस देश में हुई?

(a) इंग्लैंड

(b) जर्मनी

(c) फ्रांस

(d) अमेरिका

उत्तर- (a) इंग्लैंड

2) "डॉन ऑफ द सेंचुरी" नामक चित्र में किसका महिमामंडन है?

(a) राष्ट्रवाद

(b) प्रजातंत्र

(c) औद्योगीकरण

(d) संगीत

उत्तर- (c) औद्योगीकरण

3) स्पिनिंग जेनी मशीन ने किस प्रक्रिया में वृद्धि की?

(a) बुनाई

(b) कताई

(c) छपाई

(d) रंगाई

उत्तर-(b) कताई

4) निम्न में से किसने इंग्लैंड में कपास मिल का निर्माण किया?

(a) रिचर्ड आर्कराइट

(b) जेम्स वाट

(c) मैथ्यू बोल्टन

(d) न्यूकमेन

उत्तर- (a) रिचर्ड आर्क राइट

5) निम्नलिखित में से कौन गुमाश्ता से संबंधित है?

(a) व्यापारी

(b) उद्योगपति

(c) अवैतनिक नौकर

(d) कंपनी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक

उत्तर- (d) कंपनी द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक

6) भारत में पुराने व्यापार के केंद्र निम्न में से कौन थे?

(a) बंबई, कोलकाता

(b) दिल्ली, बंबई

(c) सूरत, हुगली

(d) कर्नाटक, चेत्रई

उत्तर- (c) सूरत, हुगली

7) किस पूर्व- पूर्व औपनिवेशिक बंदरगाह ने भारत को खाड़ी देशों और र्लाल सागर के बंदरगाहों से जोड़ा?

(a) बंबई

(b) हुगली

(c) मछलीपट्टनम

(d) सूरत

उत्तर- (d) सूरत

8) निम्नलिखित में से क्या गुमाश्ता का कार्य था?

(a) बुनकरों का पर्यवेक्षण करना

(b) आपूर्ति लेना

(c) कपड़े की गुणवत्ता की जांच करना

(d) उपरोक्त सभी

उत्तर- (d) उपरोक्त सभी

9) भारत में पहली कपास मिल कहां स्थापित की गई थी?

(a) कानपुर

(b) बंबई

(c) अहमदाबाद

(d) मद्रास

उत्तर- (b) बंबई

10) 19वीं शताब्दी के दौरान ब्रिटेन में सबसे गतिशील उद्योग कौन से थे?

(a) कपास और धातु

(b) धातु और चीनी

(c) चाय और कपास

(d) कपास और चीनी

उत्तर- (a) कपास और धातु

11) पहली भारतीय जूट मिल कहां स्थापित की गई थी?

(a) बंगाल

(b) बंबई

(c) मद्रास

(d) बिहार

उत्तर- (a) बंगाल

12) शुरुआती कारखाने कहां और कब आए?

(a) इंग्लैंड में 18वीं शताब्दी की शुरुआत में

(b) 1730 के दशक में इंग्लैंड में

(c) यूरोप में 18वीं शताब्दी के अंत में

(d) 17 वीं शताब्दी में भारत में

उत्तर- (b) 1730 के दशक में इंग्लैंड में

13) निम्न में से कौन औद्योगिक क्रांति का कारण नहीं था?

(a) राजकीय संरक्षण

(b) कृषि क्रांति

(c) वैज्ञानिक आविष्कार

(d) धर्म सुधार आंदोलन

उत्तर- (d) धर्म सुधार आंदोलन

14) कार्डिंग एक प्रक्रिया है-

(a) कताई में

(b) बुनाई में

(c) जिसमें कपास या उनके रेशे को कताई के लिए तैयार किया जाता है।

(d) जिसमें कपड़े की फीनिसिंग की जाती है।

उत्तर- (c) जिसमें कपास या उनके रेशे को कताई के लिए तैयार किया जाता है।

15) विश्व का सबसे बड़ा उद्योग कौन सा है?

(a) लौह-इस्पात उद्योग

(b) सूती वस्त्र उद्योग

(c) रसायन उद्योग

(d) चीनी उद्योग

उत्तर- (a) लौह- इस्पात उद्योग

16) बंबई में पहली कपड़ा मिल कब स्थापित हुई?

(a) 1716 ईस्वी में

(b) 1854 ईस्वी में

(c) 1955 ईस्वी में

(d) 1756 ईस्वी में

उत्तर- (b) 1854 ईस्वी में

17) इंग्लैंड में महिलाएं किस मशीन का विरोध कर रही थी?

(a) स्पिनिंग जेनी

(b) फ्लाइंग शटल

(c) स्टीम इंजन

(d) भाप इंजन

उत्तर- (a) स्पिनिंग जेनी

18) निम्न में से किसूने 1917 में कोलकाता में पहली भारतीय जूट मिल स्थापित की?

(a) जमशेदजी टाटा

(b) सेठ हुकुमचंद

(c) जीडी बिरला

(d) द्वारकानाथ टैगोर

उत्तर-(b) सेठ हुकुमचंद

19) कोस्टीस कौन थे?

(a) किसान

(b) भूमिहीन मजदूर

(c) बुनकरों का एक समुदाय

(d) उद्योगपति

उत्तर- (c) बुनकरों का एक समुदाय

20) यूरोपीय देशों में किस देश के बने कपड़ों की अत्याधिक मांग थो?

(a) अमेरिका

(b) चीन

(c) रूस

(d) भारत

उत्तर- (d) भारत

21) इंग्लैंड का कौन सा शहर फिनीशिंग सेंटर के रूप में विकसित हुआ?

(a) लंदन

(b) आईलैंड

(c) हैंपशायर

(d) वरमोंट

उत्तर- (a) लंदन

22) किस मशीन के आने से बुनकरों को बड़े करघे चलाने और चौड़े अरज का कपड़ा बनाने में मदद मिली?

(a) भांप इंजन

(b) स्पिनिंग जेनी

(c) फ्लाई शटल

(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (c) फ्लाई शटल

23) स्पिनिंग जेनी मशीन का आविष्कार किसने किया?

(a) जेम्स हरप्रीन्स

(b) रिचर्ड आर्कराइट

(c) जेम्स वाट

(d) निकल्सन

उत्तर- (a) जेम्स हरग्रीव्स

24) ब्रिटेन के सबसे प्रमुख उद्योग थे -

(a) धातु और रेशम

(b) कपास और धातु

(c) चाय और रेशम

(d) कपास और मसाले

उत्तर- (b) कपास और धातु

25) भारत का पहला लौह एवं इस्पात संयंत्र स्थापित किया गया-

(a) कोलकाता

(b) मुंबई

(c) मद्रास

(d) जमशेदपुर

उत्तर- (d) जमशेदपुर

26) निम्नांकित में से किस स्थान पर 1874 में पहली कताई और बुनाई मिल खुली थी?

(a) कानपुर

(b) मद्रास

(c) बंबई

(d) अहमदाबाद

उत्तर- (b) मद्रास

27) निम्नांकित में से कौन से भारत के पूर्व औपनिवेशिक बंदरगाह थे?

(a) सूरत और मछलीपट्टनम

(b) मदास और हुगली

(c) मद्रास और बंबई

(d) बंबई और हुगली

उत्तर- (a) सूरत और मछलीपट्टनम

28) निम्न में से कौन नए युग का प्रतीक था?

(a) लोहा

(b) धातु

(c) कपास

(d) इनमें से कोई नहीं

उत्तर- (c) कपास

29) द्वारकानाथ टैगोर थे-

(a) चित्रकार

(b) लेखक

(c) कवि

(d) उद्योगपति

उत्तर- (d) उद्योगपति

30) निम्न में से किसके माध्यम से स्वदेशी का राष्ट्रवादी संदेश प्रसारित किया गया था?

(a) मूल्य सूची

(b) विज्ञापन

(c) लोकगीत

(d) समाचार पत्रों

उत्तर- (b) विज्ञापन

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न-

1) औद्योगीकरण का युग किसे कहते हैं?

उत्तर- जिस युग में हस्त निर्मित वस्तुएं बनाना कम हुई और फैक्ट्री मशीन एवं तकनीक का विकास हुआ, उसे औद्योगीकरण का युग कहा जाता है। इसमें खेतिहर समाज औद्योगिक समाज में बदल गई 11760 से 1840 तक के युग को औद्योगीकरण युग कहा जाता है।

2) पूर्व औद्योगीकरण किसे कहते हैं?

उत्तर- यूरोप में औद्योगीकरण के पहले के काल को पूर्व औद्योगीकरण का काल कहते हैं, दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यूरोप में सबसे पहले कारखाने लगने के पहले के काल को पूर्व औद्योगीकरण का काल कहते हैं, इस अवधि में गांव में सामान बनते थे, जिसे शहर के व्यापारी खरीदते थे।

3) स्टीम इंजन का आविष्कार किसने किया और किस ने इस पर सुधार किया?

उत्तर- पहले स्टीम इंजन का आविष्कार न्यू कॉमेन ने किया और जेम्स वाट ने न्यूकामेन द्वारा उत्पादित स्टीम इंजन में सुधार किया।

4) स्टेप्लर्स और फुलर्ज किसे कहा जाता है?

उत्तर- स्टेप्लर्स या स्टेपल यह ऊन को उसके फाइबर के अनुसार काटता है, और फुलर्ज फुल या प्लॉटिंग करके कपड़ा इकट्ठा करता है।

5) हम यह कैसे कह सकते हैं, कि कारखाने प्रणाली का पहला प्रतीक कपास था?

उत्तर

क) 18 वीं शताब्दी के अंत में कपास का उत्पादन तेजी से बढ़ा।

ख) 1760 में ब्रिटेन अपने कपास उद्योग के लिए 2.5 मिलियन पाउंड कच्चे कपास का आयात कर रहा था।

ग) 1787 तक इसका आयात 22 मिलियन पाउंड तक बढ़ गया। अतः हम कह सकते हैं, कि कारखाने प्रणाली का पहला प्रतीक कपास था।

6) बुनाई उद्योग का अंततः 19वीं शताब्दी के अंत तक पतन हो गया, कोई एक कारण बताएं।

उत्तर- बुनाई उद्योग का अंतः 19वीं शताब्दी के अंत तक पतन हो गया, क्योंकि भारतीय कारखाने आ जाने और मशीन से बने सामानों से बाजार पट गया, जिससे बुनाई उद्योग को नुकसान हुआ।

7) कार्डिंग क्या है?

उत्तर- कार्डिंग एक प्रक्रिया है, जिसमें कपास या ऊन आदि रेशों को कताई के लिए तैयार किया जाता है।

8) स्पिनिंग जेनी क्या है?

उत्तर- स्पिनिंग जेनी जेम्स हरग्रीन्स द्वारा 1764 में बनाई गई एक मशीन है। इस मशीन ने कताई की प्रक्रिया तेज कर दी और मजदूरों की मांग घटा दी। एक ही पहिया घुमाने वाला एक मजदूर बहुत सारी तकलियो को घुमा देता था और एक साथ कई धागे बनने लगते थे।

9) औद्योगीकरण की शुरुआत कब और कहां हुई?

उत्तर - औद्योगीकरण की शुरुआत सर्वप्रथम इंग्लैंड में 1730 के दशक में हुई, जब वहां कारखानों का उदय हुआ।

10) 1840 के दशक के बाद शहरों में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई। कैसे?

उत्तर- 1840 के दशक के बाद शहरों में निर्माण की गतिविधियां तेजी से बढ़ी, लोगों के लिए नए रोजगार पैदा हुए। सड़कों को चौड़ा किया गया, नए रेलवे स्टेशन बने. रेलवे लाइनों का विस्तार किया गया, सुरंग बनाई गई, निकासी और सीवर व्यवस्था बिछाई गई, नदियों के तटबंध बनाए गए। इस प्रकार 1840 के दशक के बाद रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई।

11) औद्योगिक क्रांति से आप क्या समझते हैं?

उत्तर- 18 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में उत्पादन की तकनीक एवं संगठन में हुए व्यापक और क्रांतिकारी परिवर्तन को औद्योगिक क्रांति के नाम से जाना जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न -

1) ब्रिटेन की महिला कामगारों ने स्पिनिंग जेनी मशीनों पर हमले किए, व्याख्या करें।

उत्तर- 1764 में जेम्स हरग्रीव्स ने स्पिनिंग जेनी नामक मशीन का आविष्कार किया इस मशीन ने कताई की प्रक्रिया तेज कर दी।

स्पिनिंग जेनी मशीन के आ जाने से मजदूरों की मांग घट गई। एक ही पहिया घुमाने वाला एक मजदूर बहुत सारी तकलियो को घुमा देता था और एक साथ कई धागे बनने लगते थे जब इन मशीनों का प्रयोग शुरू हुआ तो हाथ से ऊन कातने वाली औरतें इस तरह की मशीनों पर हमला करने लगी, क्योंकि इस मशीन की वजह से उनका काम छिन गया था, इस मशीन की वजह से शारीरिक श्रम की मांग घटने के कारण बहुत सी महिलाएं बेरोजगार हो गई थी। उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या आ खड़ी हुई थी, इसलिए उन्होंने स्पिनिंग जेनी के प्रयोग का विरोध किया।

2) 17 वीं शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गांवों में किसानों और कारीगरों से काम करवाने लगे। व्याख्या करें।

उत्तर- 17 वी शताब्दी में यूरोपीय शहरों के सौदागर गांव में किसानों और कारीगरों से काम करवाने लगे-

क) 17 वी तथा 18 वीं शताब्दी के समय विश्व व्यापार के विस्तार और दुनिया के विभिन्न भागों में वस्तुओं की बढ़ती मांग के कारण यूरोपीय शहरी सौदागरों ने ग्रामीण क्षेत्रों का रुख किया।

ख) शहरों में दस्तकारी और व्यापारिक गिल्डस के ताकतवर होने के कारण वे शहरों में रहते हुए अपने उत्पादन नहीं बढ़ा सकते थे।

ग) जबकि गांव में कॉमन्स की स्थापना के कारण गरीब व छोटे किसान अपनी आमदनी के नए स्रोत ढूंढ रहे थे। जब इन सौदागरों ने उन्हें माल तैयार करने के लिए पेशगी की रकम दी तो ये काम करने के लिए फौरन तैयार हो गए।

घः ग्रामीण दस्तकार सौदागर उनके लिए काम करते हुए अपने खेतों को भी संभाल सकते थे इससे कुटीर उद्योग को बल मिला।

3) सूरत बंदरगाह 18 वीं सदी के अंत तक हाशिए पर पहुंच गया था। व्याख्या करें।

उत्तर- 18 वीं सदी के अंत से पूर्व तक गुजरात का सूरत बंदरगाह भारत खाड़ी तथा लाल सागर बंदरगाहों से जुड़ा हुआ था। 1750 के दशक के पश्चात इस बंदरगाह पर भारतीय सौदागरों का नियंत्रण ढीला पड़ता गया। जिसके कारण भारत में यूरोपीय कंपनियों के प्रभाव में निरंतर वृ‌द्धि होती जा रही थी। यूरोपीय कंपनियों द्वारा व्यापार पर इजारेदारी अधिकार हासिल कर लेने से सूरत व हुगली दोनों बंदरगाह कमजोर पड़ गए, जिससे इन पर होने वाले व्यापार में नाटकीय ढंग से कमी आई। 1740 के दशक में इस बंदरगाह पर होने वाला व्यापार 16 करोड़ रुपए से गिरकर केवल 30 लाख रह गया। दूसरी और बबई नए बंदरगाह के रूप में उभर आए थे।

अतः सूरत बंदरगाह 18 वीं सदी के अंत तक हाशिए पर पहुंच गया था।

4) ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में बुनकरों पर निगरानी रखने के लिए गुमाश्तों को नियुक्त किया था। व्याख्या करें।

उत्तर- 1764 के युद्ध के बाद जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर राजनैतिक सत्ता स्थापित कर ली, तब कंपनी ने व्यापार पर एकाधिकार कायम करने के लिए उससे सीधा संबंध स्थापित करना चाहा उसके लिए उसने गुमाश्ता की नियुक्ति की।

इन गुमाश्तों को अनेक प्रकार के काम सौंपा गए-

क) कंपनी ने सर्वप्रथम बुनकरों को सक्रिय व्यापारियों व दलालों से मुक्त करवाने के लिए, इन पर र निगरानी रखने, माल इकट्ठा करने और कपड़ों की गुणवता जांचने के लिए वेतन भोगी कर्मचारी नियुक्त किए, जिन्हें गुमाश्ता कहा गया।

ख) यह गुमाश्ते बुनकरों को कर्ज देते थे ताकि वे किसी और व्यापारी को अपना माल तैयार करके ना दे सके।

ग) गुमाश्ते ही बुनकरों से तैयार माल को इकट्ठा कर कंपनी तक पहुंचाते थे।

5) आदि - औद्योगीकरण का मतलब बताएं।

उत्तर- आदि औद्योगीकरण का इतिहास प्रारंभिक फैक्ट्रियों की स्थापना से शुरू होता है। इंग्लैंड और यूरोप में फैक्ट्रियों की स्थापना से भी पहले ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार के लिए बड़े पैमाने पर औद्योगिक उत्पादन होने लगा था। यह उत्पादन फैक्ट्रियों में नहीं बल्कि घरों में होता था। बहुत सारे इतिहासकार औद्योगीकरण के इस चरण को पूर्व औद्योगीकरण कहते हैं। इस पूर्व औद्योगीकरण की अवस्था में व्यवसायिक आदान-प्रदान होता था। इस पर सौदागरों का नियंत्रण था और चीजों का उत्पादन कारखानों की बजाए घरों पर होता था। उत्पादन के प्रत्येक चरण में प्रत्येक सौदागर 20-25 मजदूरों से काम करवाते थे। इस प्रकार औद्योगीकरण से पहले फैक्ट्रियों के स्थापना से पहले के उत्पादन कार्य को आदि औद्योगीकरण कहा जाता था।

6) मैनचेस्टर में बने कपड़े के आयात से भारत पर क्या प्रभाव पड़ा?

उत्तर- मैनचेस्टर में बने कपड़े के आयात से भारत पर बड़ा गहरा प्रभाव पडा-

क) इस आयात से भारतीय कपड़ा उद्योग को बड़ी हानि हुई, क्योंकि अब भारतीय कपड़े के उपभोक्ता बहुत कम रह गए क्योंकि मैनचेस्टर का कपड़ा सस्ता और चमकदार होता था।

ख) इससे भारत के बहुत से बुनकर बेकार हो गए जिन्हें आसपास के नगरों में जाकर मजदूरी का काम करना पड़ा।

ग) भारतीय बाजार मैनचेस्टर में बने कपड़ों से भर गए जिससे यहां के भारतीय व्यापारियों को बड़ा नुकसान हुआ।

7) जॉबर किसे कहते हैं?

उत्तर- मिलों की संख्या बढ़ने के साथ मजदूरों की मांग भी बढ़ रही थी और रोजगार चाहने वालों की संख्या रोजगार के मुकाबले हमेशा अधिक रहने के कारण नौकरी पाना कठिन था। मिलों में प्रवेश भी निषेध था। उद्योगपतियों द्वारा नए मजदूरों की भर्ती के लिए प्रायः एक जॉबर रखते थे। जॉबर प्रायः कोई पुराना और विश्वस्त कर्मचारी होता था, वह अपने गांव से लोगों को लाता था, उन्हें काम का भरोसा देता था, उन्हें शहर में बसने के लिए सहायता करता था और मुसीबत में आर्थिक सहायता भी करता था इस प्रकार जॉबर शक्तिशाली और मजबूत व्यक्ति बन गया था। बाद में जॉबर मदद के बदले पैसे व उपहार मांगने लगे और मजदूरों के जीवन को नियंत्रित करने लगे।

8) भारत में कारखानों के विकास पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।

उत्तर भारत में सबसे पहले कपास और पटसन के कारखानों की स्थापना हुई पहली कपड़ा मिल 1854 में बंबई में स्थापित हुई। 1864 में इनकी संख्या 4 हो गई। कपड़ा मिल के बाद 1855 में बंगाल में पटसन मिल स्थापित हुई।

1862 में बंगाल में ही एक और पटसन मिल स्थापित की गई उत्तरी भारत में 18.60 के दशक में कानपुर में एलिगन मिल प्रारंभ हुई और: वर्ष बाद अहमदाबाद में प्रथम कपड़ा मिल लगाई गई 18 74 तक मद्रास की पहली कताई तथा बुनाई मिल ने उत्पादन शुरू कर दिया।

9) बीसवीं सदी में हथकरघे के कपड़े का उत्पादन बढ़कर 1900 और 1940 के बीच तिगुना हो गया था। कारण बताएं।

उत्तर-

क) हथकरघा उत्पादकों ने नई प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया, जिससे उत्पादन में सुधार हुआ परंतु मूल लागत में कोई वृ‌द्धि भी नहीं हुई।

ख) बीसवीं सदी के दूसरे दशक तक आते-आते अधिकतर बुनकरों को फ्लाई शटल वाले करघो का प्रयोग करते देखा जा सकता है, इससे प्रति व्यक्ति उत्पादकता बढ़ी उत्पादन बढ़ा और श्रम की मांग में कमी आई। 1941 तक भारत में 35% से अधिक हथकरघों में फ्लाई शटल लगे होते थे। त्रावणकोर, मद्रास, मैसूर, कोचीन, बंगाल आदि क्षेत्रों में तो ऐसे करघे 70- 80% तक थे।

10) पेशगी की प्रणाली बुनकरों के लिए हानिकारक क्यों सिद्ध हुई?

उत्तर-

क) बुनकरों के पास मोलभाव करने का अवसर नहीं बचा था।

ख) अधिकतर बुनकरों ने अपनी जमीन बटाई पर दे दी और वे सारा समय बुनाई में ही लगाते थे इस बुनकर कार्य में उनका पूरा परिवार ही लगा रहता था।

ग) अपनी जमीन खोने के बाद अधिकतर बुनकर खाद्यान्न की आपूर्ति के लिए दूसरों पर निर्भर हो गए।

घ) नए गुमाश्ता बाहरी लोग थे और उनके ग्रामीणों से कोई सामाजिक संपर्क नहीं थे, अतः वह आक्रमक होकर काम कराते, पुलिस के साथ गांव में घूमते और आपूर्ति में देरी के लिए बुनकरों को दंड देते थे।

11) बाजार में श्रम की बहुतायत से मजदूरों की जिंदगी कैसे प्रभावित हुई?

उत्तर- बाजार में श्रम की बहुतायत से मजदूरों की जिंदगी कई तरह से प्रभावित हुई -

क) कुल मिलाकर मजदूरों का जीवन बड़ा कष्टमय और दयनीय था।

ख) श्रम की बहुतायत की वजह से नौकरियों की भारी कमी थी।

ग) नौकरी मिलने की संभावना यारी दोस्ती कुनबे कुटुंब के जरिए जान पहचान पर निर्भर करती थी।

घ) बहुत सारी उद्योगों में मौसमी काम की वजह से कामगारों को बीच-बीच में बहुत समय तक खाली बैठना पड़ता था।

ड.) मजदूरों की आय की वास्तविक मूल्य में भारी कमी हो गई थी, जिससे गरीबी बढ़ रही थी।

12) मशीनी युग से पहले भारत का व्यापार कैसा था?

उत्तर- मशीनी युग से पहले भारतीय उद्योग काफी फल-फूल रहे थे-

क) अंतर्राष्ट्रीय कपड़ा बाजार में भारत के रेशमी और सूती उत्पादों का दबदबा था।

ख) उच्च किस्म का कपड़ा भारत से आर्मी नियन और फारसी सौदागर पंजाब से अफगानिस्तान, पूर्वी भारत और मध्य एशिया लेकर जाते थे।

ग) विभिन्न प्रकार के भारतीय व्यापारी तथा बैंकर इस व्यापार नेटवर्क में शामिल थे।

घ) सूरत, हुगली और मछलीपट्टनम प्रमुख बंदरगाह होते थे।

ड.) दो प्रकार के व्यापारी इस उद्योग में लगे थे। एक आपूर्ति सौदागर तथा दूसरा निर्यात सौदागर।

च) बंदरगाहों पर बड़े जहाज मालिक तथा निर्यात व्यापारी दलाल के साथ कीमत पर मोलभाव करते थे और आपूर्ति सौदागर से माल खरीद लेते थे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न -

1) पहले विश्व युद्ध के समय भारत का औद्योगिक उत्पादन क्यों बढ़ा ?

अथवा

भारतीय उद्योगों पर प्रथम विश्वयुद्ध के प्रभावों की चर्चा करें।

उत्तर- पहले विश्व युद्ध के समय भारत के औद्योगिक उत्पादन में वृद्धि हुई, जिसके कई कारण थे -

क) प्रथम विश्व युद्ध में ब्रिटेन ऐसे उलझ गया कि उसका ध्यान अपने बचाव में लग गया। अब वह भारत में अपने माल को निर्यात ना कर सका जिसके कारण भारत के उद्योगों को पनपने का सुअवसर प्राप्त हो गया।

ख) इंग्लैंड के सब कारखाने निर्यात की विभिन्न चीजें बनाने की बजाय सैनिक सामग्री बनाने में लग गए. इसलिए भारतीय उद्योगों को रातों-रात एक विशाल देसी बाजार मिल गया।

ग) एक विशाल देसी बाजार मिलने के अतिरिक्त भारतीय उद्योगों को जब सरकार द्वारा भी अनेक चीजें जैसे फौज के लिए वर्दियां, बूट आदि बनाने, टेंट बनाने घोड़ों के लिए अनेक प्रकार का सामान बनाने आदि के आर्डर मिल गए तो उन में नई जान आ गई जैसे जैसे युद्ध आगे बढ़ता गया, भारतीय उद्योग भी प्रगति करते गए।

घ) पुरानी कारखानों के साथ-साथ बहुत सारे नए कारखाने खुल गए। जिससे उद्योगपतियों को ही नहीं वरन मजदूरों और कारीगरों की भी चांदी हो गई।

ड.) प्रथम विश्वयुद्ध में ब्रिटिश सरकार को फंसा देखकर भारतीय नेताओं ने स्वदेशी पर अधिक बल देना शुरू कर दिया।

2) 19वीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाए हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को प्राथमिकता क्यों देते थे?

उत्तर- 19वीं सदी के यूरोप में कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाए हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को ज्यादा प्राथमिकता देते थे, इसके निम्नलिखित कारण थे -

क) विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में मानव श्रम की कोई कमी नहीं थी। इस दौरान ब्रिटेन में गरीब किसान तथा बेरोजगार लोग कामकाज की तलाश में बड़ी संख्या में शहरों को जाते थे।

ख) सस्ते श्रमिक उपलब्ध होने पर मशीनों की बजाय मानव श्रम को प्राथमिकता दी जाती थी।

ग) कुछ उद्योगपति बड़ी मशीनों पर भारी खर्चा करने से हिचकिचाते थे, क्योंकि मशीनें लगाने से यह जरूरी नहीं था, कि उनको ऐसा करने से लाभ होगा।

घ) कई उद्योग ऐसे थे जहां श्रमिकों की मांग मौसमी आधार पर घटती बढ़ती रहती थी जैसे- गैसघरो, शराबखानों, बंदरगाहों में, जहाजों की मरम्मत और साफ-सफाई ऐसे उद्योगों में उद्योगपति मशीनों की बजाय मजदूरों को ही काम पर रखना पसंद करते थे।

ड.) कुछ उत्पाद जो मशीनों की बजाय केवल हाथ से ही तैयार किए जा सकते थे ऐसे उद्योगों में मजदूरों का प्रयोग अपरिहार्य था।

च) विक्टोरिया कालीन ब्रिटेन में कुलीन और पूंजीपति वर्ग हाथ से तैयार की गई वस्तुओं को ही ज्यादा पसंद करते थे। इस कारण से भी कुछ उद्योगपति मशीनों की बजाए हाथ से काम करने वाले श्रमिकों को ज्यादा महत्व देते थे।

3) ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय बुनकरों से सूती और रेशमी कपड़े की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्या किया?

उत्तर- ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय बुनकरों से सूती और रेशमी कपड़े की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए -

क) निर्यात व्यापार में बहुत सारे भारतीय व्यापारी और बैंकर की भूमिका सराहनीय थी।

ख) कंपनी ने बुनकरों से माल तैयार करवाने, बुनकरों को माल उपलब्ध कराने और कपड़ों की गुणवत्ता जांचने के लिए वेतन भोगी कर्मचारी नियुक्त किए, जिन्हें गुमाश्ता कहा जाता था।

ग) कंपनी बुनकरों को कच्चा माल खरीदने के लिए कर्ज उपलब्ध कराने लगी।

घ) कंपनी को माल बेचने वाले बुनकरों को अन्य खरीदारों के साथ कारोबार करने पर पाबंदी लगा दी. इसके लिए उन्हें पेशगी की रकम दी जाती थी।

ड.) महीन कपड़े की मांग बढ़ने के साथ बुनकरों को अधिक कर्ज़ दिया जाने लगा, ज्यादा कमाई की आस में बुनकर पेशगी स्वीकार कर लेते थे।

च) भारत में बने कपड़े को हासिल करने के लिए कंपनी ने अपने अन्य यूरोपीय प्रतिद्वंद्वियों जैसे- फ्रांसीसी, डच और पुर्तगालियों को प्रतियोगिता से बाहर करने की नीति अपनाई।

छ) कंपनी ने प्रतिस्पर्धा समाप्त करने, लागतों पर अंकुश रखने और कपास एवं रेशम से बनी चीजों के नियमित आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन और नियंत्रण की एक नई व्यवस्था लागू कर दी।

4) "औद्योगीकरण एक मिश्रित वरदान था" उदाहरण देकर स्पष्ट करें।

उत्तर- औद्योगीकरण के सकारात्मक प्रभाव-

क) सस्ती वस्तुएं - मशीनों द्वारा बनी वस्तु सस्ती व उत्तम होती थी। अतः उपनिवेशों के लोग उत्तम तथा विभिन्न प्रकार की वस्तुएं खरीद सकते थे।

ख) नए उद्यमी - औद्योगीकरण की प्रक्रिया ने भारतीय उद्यमियों को कारखानों में अवसर प्रदान किए। यद्यपि ये नए उद्यमी थे, फिर भी वे अच्छी कमाई करने लगे थे।

ग) औद्योगिक क्षेत्र का विकास विदेशियों के आगमन से पूर्व बहुत से लोग कृषि पर लगे हुए थे, परंतु औद्योगीकरण ने उन्हें दूसरे क्षेत्रों में काम करने के अवसर प्रदान किए।

औद्योगीकरण के नकारात्मक प्रभाव -

घ) श्रमिकों का जीवन औद्योगीकरण की प्रक्रिया अपने साथ नवोदित औद्योगिक श्रमिकों के लिए कष्ट भी लेकर आई, इनका सबसे बुरा प्रभाव बुनकरों पर पड़ा। बुनकरों पर प्रत्यक्ष नियंत्रण रखने के लिए कंपनी ने पेशगी की व्यवस्था प्रारंभ कर दी।

ड.) निर्यात बाजार का ठप होना औद्योगीकरण से पूर्व भारतीय व्यापारी विश्व के विभिन्न देशों में अपने उत्पाद निर्यात करते थे परंतु मशीन से बने कपड़े के आने से उनका विश्व बाजार ठप हो गया।

च) स्थानीय बाजार का सिकुड़ना मशीन से बने कपड़े उत्तम तथा सस्ते थे । अतः निर्माता उनके साथ प्रतिस्पर्धा करने में असफल रहे, इससे विश्व बाजार के साथ-साथ उनका स्थानीय बाजार भी ठंडा पड़ने लगा।

5) विभिन्न उत्पादों के बाजारों को फैलाने में विज्ञापनों की क्या भूमिका है?

उत्तर-

क) ग्राहकों को लुभाने के लिए उत्पादक कई तरीके अपनाते थे। ग्राहक को आकर्षित करने के लिए विज्ञापन एक जाना माना तरीका है

ख) मैनचेस्टर के उत्पादक अपने लेवल पर उत्पादन का स्थान जरूर दिखाते थे। मेड इन मैनचेस्टर का लेबल क्वालिटी का प्रतीक माना जाता था । इन लेबल पर सुंदर चित्र भी होते थे, इन चित्रों में अक्सर भारतीय देवी-देवताओं की तस्वीरें होती थी। स्थानीय लोगों से तारतम्य बनाने का यह एक अच्छा तरीका था।

ग) 19वीं सदी के उत्तराद्ध तक उत्पादकों ने अपने उत्पादों को मशहूर बनाने के लिए कैलेंडर बांटने भी शुरू कर दिए थे। किसी अखबार या पत्रिका की तुलना में एक कैलेंडर की सेल्फ लाइफ लंबी होती है, यह पूरे साल तक ब्रांड रिमाइंडर का काम करता था।

घ) भारत के उत्पादक अपने विज्ञापनों में अक्सर राष्ट्रवादी संदेशों को प्रमुखता देते थे, ताकि अपने ग्राहकों से सीधे तौर पर जुड़ सकें।


विषय-सूची

इतिहास

भारत और समकालीन विश्व- 2

1.

यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय

2.

भारत में राष्ट्रवाद

3.

भूमंडलीकृत विश्व का बनना

4.

औद्योगीकरण का युग

5.

मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया

भूगोल

समकालीन भारत- 2

1.

संसाधन और विकास

2.

वन एवं वन्य जीव संसाधन

3.

जल संसाधन

4.

कृषि

5.

खनिज तथा उर्जा संसाधन

6.

विनिर्माण उद्योग

7.

राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ

नागरिक शास्त्र

लोकतांत्रिक राजनीति-2

1.

सत्ता की साझेदारी

2.

संघवाद

3.

लोकतंत्र और विविधता

4.

जाति, धर्म और लैंगिक मसले

5.

जन-संघर्ष और आंदोलन

6.

राजनीतिक दल

7.

लोकतंत्र के परिणाम

8.

लोकतंत्र के चुनौतियाँ

अर्थशास्त्र

आर्थिक विकास की समझ

1.

विकास

2.

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

3.

मुद्रा और साख

4.

वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था

5

उपभोक्ता अधिकार

JAC वार्षिक माध्यमिक परीक्षा, 2023 - प्रश्नोत्तर

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