प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 10
Social Science
5. मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया
वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
1) 'एक पैसिया' मैगजीन किस देश में प्रकाशित हुआ?
(a)
फ्रांस
(b)
जर्मनी
(c)
इंग्लैंड
(d)
रूस
उत्तर
- (c) इंग्लैंड
2) मुद्रण तकनीक सबसे पहले कहां विकसित हुई?
(a)
भारत
(b)
चीन
(c)
फ्रांस
(d)
यूरोप
उत्तर-
(b) चीन
3) भारत में पहला प्रिंटिंग प्रेस किन लोगों के द्वारा लाया गया?
(a)
पुर्तगालियों द्वारा
(b)
इचो द्वारा
(c)
फ्रांसिसीयो द्वारा
(d)
अंग्रेजों द्वारा
उत्तर-
(a) पुर्तगालियों द्वारा
4) जापान में कब और किसके द्वारा छपाई की तकनीक लाई गई?
(a)
आठवीं शताब्दी में अरब यात्रियों द्वारा
(b)
चीन के बाद बौद्ध मिशनरियों ने ईसा पूर्व 768-770 के आसपास
(c)
छठवीं शताब्दी में चीनी रेशम व्यापारी द्वारा
(d)
आठवीं शताब्दी में मिश्रवासियो द्वारा
उत्तर-
(b) चीन के बाद बौद्ध मिशनरियों ने ईसा पूर्व 768-770 के आसपास
5) विश्व में सर्वप्रथम मुद्रण की शुरुआत कहां हुई?
(a)
भारत
(b)
जापान
(c)
चीन
(d)
इंग्लैंड
उत्तर-
(c) चीन
6) महात्मा गांधी ने किस पत्रिका का संपादन किया?
(a)
कॉमनविल
(b)
यंग इंडिया
(c)
बंगाली
(d)
बिहारी
उत्तर-
(b) पंग इंडिया
7) सुलेखन शब्द का अर्थ है-
(a)
सुंदर छपाई की कला
(b)
सुंदर हस्तकला की कला
(c)
एकार्डियन की किताब छापने की कला
(d)
सुंदर और शैलीवद्ध लेखन की कला
उत्तर-
(d) सुंदर और शैलीवद्ध लेखन की कला
8) पांडुलिपियों का उत्पादन
पूरोप में संभव हो पाया क्योंकि-
(a)
यूरोपीय लोगों ने कागज की खोज की
(b)
रेशम और मसालों की तरह ही कागज अरब दुनिया से होते हुए
यूरोप पहुंचा।
(c)
चीनी कागज रेशम और मसालों की तरह रेशम मार्ग से 11वीं
शताब्दी में यूरोप पहुंचा
(d)
उपरोक्त सभी
उत्तर-
(c) चीनी कागज रेशम और मसालों की तरह रेशम मार्ग से 11 वीं शताब्दी में यूरोप पहुंचा।
9) प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार किसने किया?
(a)
गुटेनबर्ग
(b)
कैकसटन
(c)
एम ओ हो
(d)
कितागावा उतामारो
उत्तर
- (a) गुटेनबर्ग
10) कंपोजिटर शब्द का अर्थ है-
(a)
वह व्यक्ति जो कविताओं की रचना करता है।
(b)
वह व्यक्ति जो एक नाटक के लिए गीत तैयार करता है।
(c)
वह व्यक्ति जो मुद्रण के लिए पाठ की रचना करता है।
(d)
संगीत की रचना करने वाला व्यक्ति।
उत्तर-
(c) वह व्यक्ति जो मुद्रण के लिए पाठ की रचना करता है।
11) निम्न में से "गुलामगिरी" के लेखक कौन थे ?
(a)
काशी बाबा
(b)
श्रीनिवास दास
(c)
ज्योतिबा फुले
(d)
चंदू मैनन
उत्तर-
(c) ज्योतिबा फुले
12) वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट किस गवर्नर जनरल के समय में पारित हुआ?
(a)
लॉर्ड लिटन
(b)
लार्ड रिपन
(c)
लॉर्ड इरविन
(d)
लॉर्ड डलहौजी
उत्तर-
(a) लॉर्ड लिटन
13) पिकविक पेपर्स उपन्यास किसने लिखा?
(a)
सैमुअल रिचर्ड्सन
(b)
थॉमस हार्डी
(c)
जॉन ऑस्टिन
(d)
चार्ल्स डिर्केस
उत्तर-
(d) चार्ल्स डिकेंस
14) मुद्रण की सबसे पहली तकनीक किन तीन राष्ट्रों में आई थी?
(a)
कोरिया, जापान, ब्रिटेन
(b)
चीन, कोरिया, जापान
(c)
भारत, अमेरिका, चीन
(d)
कोरिया, चीन, फ्रांस
उत्तर-
(a) चीन, कोरिया, जापान
15) जापान की सबसे पुरानी पुस्तक डायमंड सूत्र कब छपी थी?
(a)
822 ईस्वी में
(b)
844 ईस्वी में
(c)
868 ईस्वी में
(d)
878 ईस्वी में
उत्तर-
(c) 868 ईस्वी में
16) "गीत गोविंद" की रचना किसने की थी?
(a)
जयदेव
(b)
राजा राममोहन राय
(c)
शिवानी
(d)
विवेकानंद
उत्तर-
(a) जयदेव
17) सोलहवीं सदी में यूरोप के बाजार में कितनी मुद्रित किताबें आई?
(a)
4 करोड़
(b)
10 करोड़
(c)
15 करोड़
(d)
20 करोड़
उत्तर
- (d) 20 करोड़
18) बंगाल गजट था-
(a)
एक सप्ताहिक पत्रिका जो पहली बार एक भारतीय द्वारा संपादित किया गया था।
(b)
1780 में जेम्स हिंकी द्वारा संपादित एक सप्ताहिक अंग्रेजी पत्रिका
(c)
गई राजा राममोहन राय द्वारा पहली अंग्रेजी पत्रिका निकाली
(d)
1780 में जेम्स हिकी के द्वारा संपादित एक साप्ताहिक पत्रिका जिसे सभी के लिए एक वाणिज्यिक
पत्र के रूप में वर्णित किया गया जो किसी से प्रभावित नहीं था।
उत्तर-
(d) 1780 में जेम्स हिकी के द्वारा संपादित एक साप्ताहिक पत्रिका जिसे सभी के लिए एक
वाणिज्यिक पत्र के रूप में वर्णित किया गया जो किसी से प्रभावित नहीं था।
19) पत्रिकाओं का प्रकाशन किस सदी में शुरू हुआ?
(a)
15 वीं सदी में
(b)
17 वी सदी में
(c)
18 वीं सदी में
(d)
19वीं सदी में
उत्तर-
(c)18 वीं सदी में
20) भारत में प्रकाशित होने वाला पहला सप्ताहिक पत्र था-
(a)
बांबे समाचार
(b)
बंगाल गजट
(c)
शमसुल अकबर
(d)
समाचार चंडिका
उत्तर-
(b) बंगाल गजट
21) 1878 के वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट को प्रत्यारोपित किया गया था-
(a)
आइरिश प्रेस कानून
(b)
अमेरिकन प्रेस कानून
(c)
चीनी प्रेस कानून
(d)
जर्मन प्रेस कानून
उत्तर-
(a) आयरिश प्रेस कानून
22) निम्न में से कौन एक प्रमुख विचारक था, जिसके लेखन के बारे में
कहा जाता है कि उसने फ्रांस में एक क्रांति के लिए स्थितियां बनाई थी?
(a)
रूसो
(b)
मेनोचियो
(c)
लुई सेबेस्तिएँ मर्सिए
(d)
गुटेनबर्ग
उत्तर-
(c) लुई सेबेस्तिएँ मर्सिए
23) प्रिंट का विकास सबसे पहले कहां से शुरू हुआ?
(a)
पूर्वी एशिया
(b)
भारत
(c)
यूरोप
(d)
अमेरिका
उत्तर
(b) भारत
24) जापान की सबसे पुरानी मुद्रित पुस्तक का क्या नाम था?
(a)
बाइबिल
(b)
उकियाओ
(c)
कुरान
(d)
डायमंड सूत्र
उत्तर-
(d) डायमंड सूत्र
25) निम्न में से कौन रशसुंदरी देवी की आत्मकथा है?
(a)
आमार जीबन
(b)
आमार ज्योति
(c)
आमार जवान
(d)
आमार जिंदगी
उत्तर-
(a) आमार जीबन
26) चीन में किताबे कैसे छपी?
(a)
मुहरो द्वारा मुद्रण
(b)
कागज को रगड़ कर लकड़ी के गोले की स्याही वाली सतह के खिलाफ
(c)
मशीन की छपाई
(d)
जंग मुद्रण
उत्तर-
(c) मशीन की छपाई
27) राजा राममोहन राय ने 1821 में कौन सा सप्ताहिक समाचार पत्र निकालना
शुरू किया?
(a)
संवाद कौमुदी
(b)
आमार जवान
(c)
बॉम्बे समाचार
(d)
बंगाल गजट
उत्तर-
(a) संवाद कौमुदी
28) वेलम क्या है
(a)
पांडुलिपि
(b)
ताम्रपत्र
(c)
धातुई फ्रेम
(d)
चर्म पत्र
उत्तर-
(d) चर्म पत्र
29) गैली क्या है?
(a)
पांडुलिपि
(b)
ताम्रपत्र
(c)
धातुई फ्रेम
(d)
चर्म पत्र
उत्तर
- (c) धातुई फ्रेम
30) वुडब्लॉक के खिलाफ रगड़ पेपर की कला का आविष्कार कहां किया गया
था?
(a)
भारत
(b)
चीन
(c)
कोरिया
(d)
जापान
उत्तर-
(b) चीन
31) योहान गुटेनबर्ग द्वारा छापी गई पहली पुस्तक का नाम क्या था?
(a)
बाइबिल
(b)
डायमंड सूत्र
(c)
यूकीयो
(d)
कुरान
उत्तर-
(a) बाइबिल
32) भारत में प्रेस का जनक किसे कहा जाता है?
(a)
राजा राममोहन राय
(b)
हिकी
(c)
इरास्मुस
(d)
गोविंद मोहन
उत्तर
- (b) हिकी
33) किसने कहा था "मुद्रण ईश्वर की दी हुई महानतम देन है सबसेबड़ा
तोहफा"।
(a)
चार्ल्स डिकेंस
(b)
जेवी शैली
(c)
महात्मा गांधी
(d)
मार्टिन लूथर
उत्तर-
(d) मार्टिन लूथर
34) किसने कहा था "छापाखाना प्रगति का सबसे ताकतवर औजार है, इससे
बन रही जनमत की आंधी में निरंकुशवाद उड़ जाएगा"।
(a)
लुई सेबेस्तिएँ मर्सिए
(b)
महात्मा गांधी
(c)
मार्टिन लूथर
(d)
चार्ल्स डिकेस
उत्तर-
(a) लुई सेबेस्तिएँ मर्सिए
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1) योहान गुटेनबर्ग कौन था?
उत्तर-
योहान गुटेनबर्ग जर्मनी का एक बड़ा आविष्कारक था। जिसने 1848 ईस्वी में प्रिंटिंग प्रेस
का आविष्कार किया।
2) गुटेनबर्ग ने पहली पुस्तक कौन सी छापी?
उत्तर-
गुटेनबर्ग ने पहली पुस्तक बाइबिल प्रकाशित की। गुटेनबर्ग ने बाइबल की 180 प्रतियां
छापी थी।
3) प्लाटेन क्या है?
उत्तर-
लेटरप्रेस छपाई में प्लाटेन एक बोर्ड होता है, जिसे कागज के पीछे दबाकर टाइप की छाप
ली जाती थी पहले यह बोर्ड काठ पर होता था, बाद में यह इस्पात का बनने लगा।
4) धर्म सुधार आंदोलन से क्या समझते हैं?
उत्तर-
यूरोप में धर्म सुधार आंदोलन के कारण नवीन प्रोटेस्टेंट धर्म के प्रसार से चिंतित होकर
कैथोलिक धर्म के अनुयायियों ने कैथोलिक चर्च वा पोप शाही की शक्ति व अधिकारों को सुरक्षित
करने और उनकी सत्ता को पुनः सुदृढ़ बनाने के लिए कैर्थोलिक चर्च और पोप के कार्यों
में अनेक सुधार किए जिससे धर्म सुधार आंदोलन कहा जाता है।
5) फारसी में 19वीं शताब्दी में छपने वाले दो समाचार पत्रों के नाम
लिखें।
उत्तर-
क)
जाम-ए-जहाँनामा
ख)
राम्सुल अखबार
6) राजा राममोहन राय द्वारा प्रकाशित दो समाचार पत्र कौन से थे?
उत्तर-
राजा राममोहन राय ने दो समाचार पत्र संवाद कौमुदी (बांग्ला) तथा मिरातुलअकबर (फारसी)
प्रकाशित किए। यह पत्र सामाजिक सुधारों का प्रचार करते थे।
7) बाल गंगाधर द्वारा प्रकाशित दो पत्रिका कौन से थे?
उत्तर-
बाल गंगाधर द्वारा सप्ताहिक पत्रिका 'केसरी' मराठी में प्रकाशित की गई और दूसरी पत्रिका
'मराठा' इंग्लिश में प्रकाशित की गई।
8) मार्टिन लूथर कौन था?
उत्तर-
मार्टिन लूथर जर्मनी का एक महान धर्म सुधारक था। जिसने रोमन कैथोलिक धर्म का विरोध
कर उनमें सुधार लाने के लिए धर्म सुधार आंदोलन चलाया।
9) कातिब किसे कहते हैं?
उत्तर-
हाथ से लिख कर पांडुलिपियों को तैयार करने वाले को कातिब या सुलेखक कहा जाता था।
10) शिलिंग सीरीज क्या थी?
उत्तर-
शिलिंग सीरीज वे पुस्तके थी जो सस्ती थी और जो 1920 के दशक में छापी गई, जिसे लोग आसानी
से इन पुस्तकों को खरीद कर पढ़ सकते थे।
11) प्रेस की भूमिका बताएं।
उत्तर-
प्रेस एक सशक्त माध्यम है जो समाज को एकजुट रख सकता है यह देश के एक भाग में होने वाली
गतिविधियों को दूसरे भाग की गतिविधियों से जोड़ता है।
12) मुद्रण क्या है?
उत्तर-
मुद्रण का अर्थ है- छापने की कला इसमें किताबें, पत्र-पत्रिकाएं, अखबार, मशहूर तस्वीरों
की नकले सरकारी सूचनाएं कैलेंडर, डायरी, विज्ञापनों आदि की छपाई शामिल है।
13) कितागावा उतामारो कौन था?
उत्तर-
कितागावा उतामारो 1753 ईस्वी में एदो (जापान) में पैदा हुए थे, जिन्होंने उकियो (तैरती
दुनिया का चित्र) नामक एक नई चित्रकला शैली में अहम योगदान दिया। जिनमें आम शहरी जीवन
का चित्रण किया गया था।
14) मुद्रण की सबसे पहली तकनीक कहां विकसित हुई?
उत्तर-
मुद्रण की सबसे पहली तकनीक चीन, जापान और कोरिया में विकसित हुई। 594 ईसवी से चीन में
स्याही लगे काठ के ब्लॉक या तख्ती पर कागज को रगड़ कर किताबें छापी जाने लगी।
15) यूरोप में मुद्रण कैसे आयी?
उत्तर-
यूरोप में मुद्रण का आगमन इटली के यात्री मार्कोपोलो के द्वारा हुआ था। जो कई साल तक
चीन में रहने के बाद सन 1295 ईस्वी में इटली लौटा। पहले यह कला इटली में और बाद में
सारे यूरोप में फैल गई।
16) चैप बुक क्या थी ?
उत्तर-
चैप बुक शब्द पॉकेट बुक के आकार की किताबों के लिए प्रयोग किया जाता था। इन्हें आम
तौर पर फेरीवाले बेचते थे । यह 16वी शताब्दी की मुद्रण क्रांति के समय से लोकप्रिय
हुई।
17) 19वीं सदी में प्रिंटिंग प्रेस में क्या नए आविष्कार हुए?
उत्तर-
क)
न्यूयॉर्क के रिचर्ड एम० हो० शक्ति चालित बेलनाकार प्रेस का आविष्कार कर लिया था जिसमें
प्रति घंटे 8000 सीट छप सकती थी।
ख)
उन्नीसवीं सदी के अंत तक ऑफसेट प्रेस आ गया था। जिसमें एक साथ छह रंग की छपाई मुमकिन
थी।
18) गीत गाथा क्या है?
उत्तर-
लोकगीत या ऐतिहासिक आख्यान जिसे गाया या सुनाया जाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्न-
1) वुडब्लॉक प्रिंटिंग या तख्ती की छपाई यूरोप में 1295 के बाद आई कारण
दें।
उत्तर-
क)
1295 ईस्वी में मार्कोपोलो नामक महान खोजी यात्री चीन में काफी साल बिताने के बाद इटली
वापस लौटा।
ख)
वह चीन से वुडब्लॉक काठ की तख्ती वाली छपाई की तकनीक का ज्ञान अपने साथ लेकर आया।
ग)
उसके बाद इतालवी भी तख्ती की छपाई से किताबें निकालने लगे और वह तकनीक बाकी देशों में
फैल गई।
घ)
1295 तक यूरोप के कुलीन वर्ग, पादरी, भिक्षु, छपाई वाली पुस्तकों को धर्म के विरुद्ध
और सस्ती मानते थे।
2) मार्टिन लूथर मुद्रण के पक्ष में था और उसने इसकी खुलेआम प्रशंसा
की। कारण बताएं।
उत्तर-
धर्म सुधारक मार्टिन लूथर मुद्रण के पक्ष में था, क्योंकि मुद्रण से धर्म सुधार आंदोलन
के नए विचारों के प्रसार में मदद मिली। वह जानता था कि छापेखाने की तकनीक लोगों की
शैक्षिक, वैज्ञानिक, ज्ञान तथा तार्किक समझ के विस्तार में सहायक सिद्ध होगी। न्यू
टेस्टामेंट लूथर के अनुसार अनुवाद की 5000 प्रतियां कुछ हफ्तों में बिक गई और 3 महीने
में ही दूसरा संस्करण निकालना पड़ा। मुद्रण की प्रशंसा करते हुए लूथर ने कहा
"मुद्रण ईश्वर की दी हुई महानतम देन है सबसे बड़ा तोहफा ।"
3) रोमन कैथोलिक चर्च ने 16वीं सदी के मध्य से प्रतिबंधित किताबों की
सूची रखनी शुरू कर दी कारण दें।
उत्तर-
छपे हुए लोकप्रिय साहित्य के बल पर कम शिक्षित लोग धर्म की अलग-अलग भाषाओं से परिचित
हुए। उन किताबों के आधार पर उन्होंने बाइबल के नए अर्थ लगाने शुरू कर दिए तथा रोमन
कैथोलिक चर्च की बहुत सी बातों का विरोध करने लगे। धर्म के बारे में ऐसी किताबों और
चर्च पर उठाए जा रहे सवालों से परेशान रोमन चर्च ने प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं
पर कई तरह की पाबंदियां लगाई और 1558 ईस्वी से प्रतिबंधित किताबों की सूची रखने लगे।
4) महात्मा गांधी ने कहा कि "स्वराज की लड़ाई दरअसल अभिव्यक्ति,
प्रेस और सामूहिकता के लिए लड़ाई है" व्याख्या करें।
उत्तर
महात्मा गांधी ने स्वराज की लड़ाई को दरअसल अभिव्यक्ति, प्रेस और सामूहिकता के लिए
लड़ाई कहा क्योंकि ब्रिटिश भारत की सरकार इन तीन आजादियों को दबाने की कोशिश कर रही
थी। लोगों की स्वतंत्र अभिव्यक्ति, पत्र-पत्रिकाओं की वास्तविकता को व्यक्त करने की
आजादी और सामूहिक जनमत को बल प्रयोग व मनमानी कानूनों द्वारा दबाया जा रहा था इसलिए
गांधीजी इन तीन आजादियों के लिए संघर्ष को ही स्वराज की लड़ाई कहा।
5) गुटेनबर्ग प्रेस पर टिप्पणी लिखें।
अथवा
योहान गुटेनबर्ग कौन था? मुद्रण इतिहास में उसकी भूमिका की चर्चा कीजिए।
उत्तर-
पोहान गुटेनबर्ग जर्मनी में एक व्यापारी का बेटा था। वह बचपन से ही तेल और जैतून पेरने
की मशीनें देखते आया था बाद में उसने पत्थर पर पॉलिश करने की कला सीखी और अंत में उसने
शीशे की इक्षित आकृतियों को गढ़ने में महारत हासिल कर ली। अपने इस ज्ञान और अन्भव का
प्रयोग करके उसने सन 1448 में एक मशीन का आविष्कार किया इसमें एक स्क्रू से लगा एक
हैंडल होता था जिसे घुमाकर प्लांटेन को गीले कागज पर दबा दिया जाता था। गुटेनबर्ग ने
रोमन वर्णमाला के तमाम 26 अक्षरों के लिए टाइप बनाएं और जुगत लगाई कि उन्हें इधर-उधर
घुमा कर शब्द बनाया जा सके इसे मूलवेल टाइप प्रिंटिंग मशीन के नाम से जाना गया। इस
मशीन से जो पहली किताब छपी वह बाइबिल थी जिसकी 180 प्रतियां बनाने में 3 वर्ष लगे इस
तरह गुटेनबर्ग प्रेस मुद्रण और छपाई के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक
था।
6) वर्नाक्यूलर या देसी प्रेस एक्ट पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
1)
वर्नाक्यूलर या देसी प्रेस एक्ट 18 78 में लागू किया गया ।1875 ईस्वी के विद्रोह के
बाद ज्यों-ज्यों भाषाई समाचार पत्र राष्ट्रवाद के समर्थन में मुखर होते गए वैसे वैसे
औपनिवेशिक सरकार में कड़े नियंत्रण के प्रस्ताव पर बहस तेज होने लगी और इसी का परिणाम
था 1878 का वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट।
2)
इस कानून से सरकार को भाषाई प्रेस में छपी रपट और संपादकीय को सेंसर करने का व्यापक
अधिकार मिल गया।
3)
इस एक्ट के प्रभाव से सरकार उस दौरान राष्ट्रवादी हो चुके विभिन्न अखबारों पर अपना
शिकंजा कसने लगी। सरकार विरोधी समाचार छापने पर अखबारों को चेतावनी मिलने लगी और अगर
चेतावनी को अनदेखा किया जाता तो छपाई करने वाली मशीनों को जब्त किया जाने लगा।
7) 17 वीं सदी तक चीन में नगरीय संस्कृति में उछाल आया तो मुद्रण के
लाभ विभिन्न रूपों में सामने आए। उदाहरण देकर स्पष्ट करें।
उत्तर-
मुद्रित सामग्री के उपभोक्ता सिर्फ विद्वान और अधिकारी ही नहीं रहे। व्यापारी अपने
रोजमर्रा के कारोबार की जानकारी लेने के लिए मुद्रित सामग्री का प्रयोग करने लगे। पढ़ना
अब एक मनोविनोद की गतिविधियां बनता जा रहा था, पाठक काल्पनिक किस्से, कविताएं आत्मकथाएं
शास्त्रीय साहित्यिक कृतियों के संकलन और रूमानी नाटक पसंद करने लगे। अमीर महिलाओं
ने भी पढ़ना शुरू कर दिया और कुछ ने तो अपनी लिखी किताब, कविता और नाटक भी प्रकाशित
करवाए। विद्वानों और अधिकारियों की पत्नियों ने अपना साहित्य छपवाया तथा वेश्याओं ने
भी अपने जीवन के विषय में लिखना शुरू किया।
8) यूरोप में वुडब्लॉक विधि क्यों प्रचलित हुई?
अथवा
हस्तलिखित पांडुलिपियों में क्या कमियां थी?
उत्तर-
1)
हस्तलिखित पांडुलिपियों से बढ़ती हुई पुस्तकों की मांग कभी भी पूरी नहीं हो सकती थी।
2)
नकल उतारना बहुत खर्चीला, श्रम साध्य तथा समय लेने वाला व्यवसाय था।
3)
पांडुलिपियां प्रायः नाजुक होती थी और उनके लाने ले जाने रखरखाव में बहुत सी कठिनाइयां
होती थी।
4)
15 वीं सदी के प्रारंभ में यूरोप में बड़े पैमाने पर वुडब्लॉक की छपाई का प्रयोग करके
ताश के पत्ते, कपड़े और छोटी-छोटी टिप्पणियों के साथ धार्मिक चित्र छापे जाते थे।
9) लुई सेबेस्तिएँ मर्सिए कौन था?
उत्तर-
लुई सेबेस्तिएँ मर्सिए 18 वीं सदी का एक फ्रांसीसी नाटककार तथा उपन्यासकार था। उसने
घोषणा की कि 'छापाखाना प्रगति का सबसे शक्तिशाली औजार है और इससे बन रही जनमत की आंधी
में निरंकुशवाद उड़ जाएगा। उसके अधिकतर उपन्यासों में नायक प्राय पुस्तकें पढ़ने से
बदल जाते हैं। ज्ञानोदय लाने और निरंकुश वादी आधार को नष्ट करने में छापेखाने की भूमिका
के विषय में वे कहते हैं "हे निरंकुश वादी शासकों का कांर्पा लेखकों के आगे तुम
हिल उठोगे कापो।"
10) गुटेनबर्ग प्रेस के आविष्कार के बाद यूरोप में उत्पादित नयी पुस्तकों
की प्रमुख विशेषताएं बताएं।
उत्तर
क)
मुद्रित पुस्तक के रूप रेखा और साज-सज्जा में हस्तलिखित पांडुलिपियों से पूर्णता मेल
खाती थी।
ख)
धातुई अक्षर हाथ की सजावट शैली का अनुकरण करते थे।
ग)
चित्र पर प्रायः रंगीन चित्र दिए जाते थे।
घ)
हाशिए पर फूल पत्तियों की डिजाइन बनाई जाती थी।
ड.) अमीरों
के लिए निर्मित पुस्तकों के छपे पृष्ठों पर हाशिये की जगह बेल बूटे के लिए खाली जगह
छोड़ दी जाती थी।
च)
खरीदार अपनी सोच के अनुसार डिजाइन और रंग स्वयं तय करके उसे संवार सकते थे।
11) छपी किताब को लेकर इरैस्मस के विचार पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-
छपी किताब को लेकर इरैस्मस के विचार लातिन के विद्वान और कैथोलिक धर्म सुधारक इरैस्मस
जिसने कैथोलिक धर्म की आलोचना की. पर मार्टिन लूथर से दूरी बनाकर रखी। इरैस्मस प्रिंट
को लेकर बहुत परेशान थे और उसने लिखा किताबें मधु मक्खियों की तरह है दुनिया का कौन
सा कोना है जहां यह नहीं पहुंच जाती। हो सकता है जहां-तहां एकाध जाने लायक चीजें भी
बताएं लेकिन इनका ज्यादा हिस्सा तो विद्वता के लिए हानिकारक है इनसे बचना चाहिए। इनकी
तादाद ऐसी है कि मूल्यवान साहित्य का मूल्य भी नहीं रह जाता।
12) 19वीं सदी में भारत में महिलाओं पर मुद्रण संस्कृति के प्रसार का
क्या असर हुआ?
उत्तर
क)
19वीं सदी भारत में मुद्रण संस्कृति के प्रसार का महिलाओं पर व्यापक प्रभाव पड़ा महिलाओं
के जीवन में परिवर्तन आया महिलाओं की जिंदगी और उनकी भावनाओं पर गंभीरता से पुस्तकें
लिखी गई।
ख)
मध्यवर्गीय घरों की महिलाएं पहले से ज्यादा पढ़ने लगी। 19वीं सदी के मध्य में छोटे-बड़े
शहरों में स्कूल बने तो उदारवादी पिता और पति महिलाओं को पढ़ने के लिए भेजने लगे।
ग)
कई पत्रिकाओं ने लेखिकाओं को जगह दी और उन्होंने नारी शिक्षा की जरूरत पर जोर दिया।
घ)
महिलाओं में जागरूकता आई। कट्टर रूढ़िवादी परिवार की रश सुंदरी देवी ने रसोई में छिपकर
पढ़ना सीखा और 'आमार जीबन' नामक आत्मकथा लिखी जो 1876 में प्रकाशित हुई।
ड.) 1860
ईस्वी के दशक में महिलाओं पर कैलाशबाशिनी देवी ने लिखा । 1880 के दशक में ताराबाई शिंदे
और पंडिता रमाबाई ने उच्च जाति की महिलाओं की दयनीय स्थिति के बारे में लिखा।
च)
बीसवीं सदी तक महिलाओं के लिए मुद्रित और कभी-कभी संपादित पत्रिकाएं लोकप्रिय हो गई।
इस परिवर्तन के बाद महिलाएं फुर्सत के समय मनपसंद किताबें पढ़ने लगी थी।
13) 19वीं सदी में भारत में गरीब जनता पर मुद्रण संस्कृति के प्रसार
का क्या असर हुआ?
उत्तर
19वीं सदी में भारत में गरीब जनता पर मुद्रण संस्कृति का गहरा असर हुआ जो इस प्रकार
है-
क)
भारत के शहरों में काफी सस्ती किताबें चौक चौराहों पर बेची जाने लगी थी जिसके कारण
गरीब लोग भी बाजार से उन्हें खरीदने और पढ़ने लगे।
ख)
19वीं सदी के अंत तक जाति भेद के बारे में तरह-तरह की पुस्तिकाओं और निबंधों में लिखा
जाने लगा था।
ग)
19वीं सदी के उपन्यास लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का चित्रण प्रस्तुत करते थे।
घा
सस्ती पुस्तकों के प्रकाशन से गरीब पाठकों की संख्या में वृद्धि हुई।
ड.)
मराठी प्रणेता ज्योतिबा फुले ने अपनी लेख गुलामगिरी में जाति प्रथा के अत्याचारों पर
लिखा।
च)
ऊंच-नीच, जाति प्रथा एवं धर्म पर लिखे जाने वाले लेख अब भारत की गरीब जनता पढ़ने लगी
परिणाम स्वरूप स्थानीय विरोध आंदोलनों और संप्रदायों ने भी प्राचीन धर्म ग्रंथों की
आलोचना करते हुए एक नए समाज का सपना बुनने लगे।
14) 19वीं सदी में भारत में सुधारकों पर मुद्रण संस्कृति के प्रसार
का क्या असर हुआ?
उत्तर-
क)
समाज सुधारकों ने सामाजिक और धार्मिक कुरीतियों को मुद्रण के माध्यम से दूर करने का
प्रयास किया।
ख)
सुधारकों ने पत्र-पत्रिकाओं के द्वारा सती प्रथा, विधवा विवाह. बाल विवाह, मूर्ति पूजा,
और जाति प्रथा को समाप्त करने हेतु लेख लिखे।
ग)
सुधारक ज्योतिबा फुले ने गुलामगिरी में जाति प्रथा के अत्याचारों के बारे में लिखा।
घ)
भीमराव अंबेडकर, ई वी रामास्वामी ने जाति प्रथा पर जोरदार ढंग से लिखा। जिसे पूरे भारत
में पढ़ा गया।
ड.)
महिलाओं की शिक्षा, विधवा विवाह और राष्ट्रीय मुद्दों पर लेख लिखकर सुधारकों ने लोगों
में जनचेतना को जगाया।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न -
1) 18 वीं सदी के यूरोप में कुछ लोगों को ऐसा क्यों लगता था कि मुद्रण
संस्कृति से निरंकुशवाद का अंत, और ज्ञानोदय होगा?
उत्तर-
18 वीं सदी के मध्य तक यूरोप के लोगों का यह विश्वास बन चुका था. कि मुद्रण संस्कृति
से निरंकुशवाद का अंत होगा तथा ज्ञान का तेजी से प्रसार होगा क्योंकि-
क)
छापेखाने के आविष्कार से अब अधिक संख्या में पुस्तकें छपने लगी और यह पुस्तकें समाज
के सभी वर्गों तक पहुंच गई।
ख)
नए-नए विषयों पर पुस्तकें बाजार में आने से लोगों की पुस्तकों में रुचि बढ़ती गई। जिससे
बहुत से लोग पुस्तकों के नियमित पाठक बन गए। यह सभी बातें ज्ञान के उदय तथा प्रसार
की सूचक थी।
ग)
मुद्रण ने संवाद तथा वाद-विवाद की एक नई संस्कृति को जन्म दिया और लोगों को तर्कशील
बनाते हुए विचारों और आस्थाओं पर प्रश्नचिन्ह लगाना सिखाया।
घ)
पुस्तकों में राजशाही की निरंकुश सत्ता की आलोचना की जाने लगी। जिससे बहुत से लोग यह
मानने लगे, कि पुस्तके समाज को निरंकुशवाद तथा आतंकी राजसत्ता से मुक्ति दिला कर ऐसा
वातावरण तैयार करेंगी, जिसमें विवेक और बुद्धि का राज होगा।
ड.)
लुई सेबेस्तिएँ और मार्टिन लूथर जैसे समाज सुधारको ने महसूस किया कि "मुद्रण संस्कृति
प्रगति और जनता की राय का सबसे शक्तिशाली औजार है, इससे बन रही जनमत की आंधी में निरंकुशवाद
उड़ जाएगा।"
2) कुछ लोग किताबों की सुलभता को लेकर चिंतित क्यों थे? यूरोप और भारत
से एक एक उदाहरण देकर समझाएं।
उत्तर-
मुद्रित पुस्तकों का सभी ने स्वागत नहीं किया और जिन्होंने किया भी उनके दिलों में
भी डर था। कईयों की धारणा थी कि छपी पुस्तक के व्यापक प्रसार और सुगमता से पुस्तकों
के मिलने से आम लोगों के दिमाग पर ऋणात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्हें आशंका थी कि यदि मुद्रित
और पढ़ी जाने वाली सामग्री पर कोई नियंत्रण ना होगा तो लोगों में विद्रोही और अधार्मिक
विचार उपजने लगेंगे। कुछ लोगों ने इसके विरोध में यह तर्क भी दिया कि इससे मूल्यवान
साहित्य का आधिपत्य नष्ट हो जाएगा।
उदाहरण
के लिए-
क)
यूरोप में रोमन कैथोलिक चर्च ने प्रतिबंधित किताबों की सूची के माध्यम से मुद्रित पुस्तकों
पर अंकुश लगाने की कोशिश की।
ख)
भारत की अंग्रेजी सरकार मुद्रण संस्कृति के प्रसार से चिंतित थी, क्योंकि इससे लोगों
में राष्ट्रवादी भावनाएं मजबूत होती जा रही थी, इसलिए वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट ने भारतीय
प्रेस और विभिन्न स्थानीय समाचार पत्रों पर प्रतिबंध लगा दिया।
3) 19वीं सदी में भारत में गरीब जनता पर मुद्रण संस्कृति का क्या असर
हुआ?
उत्तर-
19वीं सदी में भारत में गरीब जनता पर मुद्रण संस्कृति का गहरा असर हुआ-
क)
मुद्रण संस्कृति से देश की गरीब जनता अथवा मजदूर वर्ग को बहुत लाभ पहुंचा। पुस्तकें
इतनी सस्ती हो गई थी, कि पुस्तकें चौक चौराहों पर बिकने लगी जिससे गरीब मजदूर उन्हें
आसानी से खरीद सकते थे।
ख)
बीसवीं शताब्दी में सार्वजनिक पुस्तकालय भी खुलने लगे, जिससे पुस्तकों की पहुंची और
भी व्यापक हो गई। बेंगलुरु के सूती मिल मजदूरों ने स्वयं को शिक्षित करने के उद्देश्य
से अपने पुस्तकालय स्थापित किए। इसकी प्रेरणा उन्हें मुंबई के मिल मजदूरों से मिली
थी।
ग)
कुछ सुधारवादी लेखकों की पुस्तकों ने मजदूरों को जातीय भेदभाव के विरुद्ध संगठित किया।
इन लेखकों ने मजदूरों के बीच साक्षरता लाने, नशाखोरी को कम करने तथा अन्याय के विरुद्ध
आवाज उठाने का भरसक प्रयास किया, इसके अतिरिक्त उन्होंने मजदूरों तक राष्ट्रवाद का
संदेश भी पहुंचाया।
घ)
मजदूरों का हित साधने वाले लेखकों में ज्योतिबा फुले, भीमराव अंबेडकर, रामास्वामी नायकर
तथा काशी बाबा के नाम लिए जा सकते हैं। काशी बाबा कानपुर के एक मिल मजदूर थे। उन्होंने
1938 में छोटे और बड़े सवाल छपवा कर जातीय तथा वर्गीय शोषण के बीच का रिश्ता समझाने
का प्रयास किया।
4) मुद्रण संस्कृति ने भारत में राष्ट्रवाद के विकास में क्या मदद की?
उत्तर
- भारत में राष्ट्रवाद की भावना को फैलाने में मुद्रण संस्कृति ने बहुत ही महत्वपूर्ण
योगदान दिया जो इस प्रकार है-
क)
अंग्रेजी काल में ब्रिटिश लेखकों ने अनेक ऐसी पुस्तकों की रचना की, जो राष्ट्रीय भावनाओं
से ओतप्रोत थी।
ख)
बंकिम चंद्र चटर्जी के उपन्यास 'आनंदमठ' ने लोगों में देश प्रेम की भावना का संचार
किया। 'वंदे मातरम' गीत भारत के कोने कोने में गूंजने लगा।
ग)
भारतीय समाचार पत्रों ने भी राष्ट्रीय आंदोलन के लिए उचित वातावरण तैयार किया। अमृत
बाजार पत्रिका, केसरी, मराठा, हिंदू तथा बांबे समाचार पत्रों में छपने वाले लेख राष्ट्र-
प्रेम से ओतप्रोत होते थे।
घ)
भारतीय देशी भाषाओं में छपी सामग्री से भारतीय लोगों में आधुनिक वित्तीय, सामाजिक और
राजनीतिक विचारों का प्रचार प्रसार किया और संपूर्ण भारत में जागृति पैदा की।
ड.)
मुद्रण संस्कृति के माध्यम से अंग्रेजी प्रशासन की शोषण पूर्ण गलत नीतियों और उनके
दावों को उजागर करने में सहायता मिली।
च)
मुद्रण संस्कृति ने भारत के एक कोने में रह रहे लोगों से संबंधित खबरों को दूसरे क्षेत्र
में रह रहे लोगों तक पहुंचाया और सर्व भारत की पहचान को विकसित किया।
छ)
प्रेस के माध्यम से राष्ट्रीय वादियों के लिए अपने विचारों को जन-जन तक पहुंचाना आसान
हो गया।
ज)
यह एक शक्तिशाली माध्यम बन गया जिससे राष्ट्रवादी भारतीय देशभक्ति की भावनाओं का प्रसार,
आधुनिक आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक विचारों का प्रचार तथा जनसाधारण में जागृत करने
में मदद की।
5) कुछ इतिहासकार ऐसा क्यों मानते हैं की मुद्रण संस्कृति ने फ्रांसीसी
क्रांति के लिए जमीन तैयार की?
उत्तर
- कुछ इतिहासकारों का मानना है कि मुद्रण संस्कृति ने फ्रांसीसी क्रांति के लिए जमीन
तैयार की क्योंकि -
क)
छपाई के ज्ञानोदय से वाल्टेयर और रूसो जैसे चिंतकों के विचारों का प्रसार हुआ। रूसो
को फ्रांसीसी क्रांति का अग्रदूत माना जाता है।
ख)
उन्होंने परंपरा, अंधविश्वास और निरंकुशवाद की आलोचना की । उन्होंने तार्किकता का प्रचार
प्रसार किया इसने लोगों को राजशाही के विद्रोह हेतु प्रेरित किया।
ग)
मुद्रण ने ही सारे पुराने मूल्यों संस्थाओं और कायदे कानूनों पर आम जनता के बीच तथा
धार्मिक और राजनीतिक मुद्दों पर विचार विमर्श का मार्ग प्रशस्त किया।
घ)
कार्टून और व्यंग्य चित्र में यह भाव उभरता था कि जनता तो मुश्किल में फंसी है जबकि
राजशाही भोग विलास में डूबी हुई है। इसने क्रांति की ज्वाला भी भड़काई।
ड.)
मुद्रण संस्कृति ने फ्रांसीसी लोगों में आत्म गौरव और देश प्रेम को जागृत करके उन्हें
स्वाधीनता के मार्ग की ओर अग्रसर किया।
च) कई विचारकों और दार्शनिकों के द्वारा लिखित पुस्तकों और पत्र-पत्रिकाओं ने लोगों को जागरूक करने का काम किया।
विषय-सूची
इतिहास | भारत और समकालीन विश्व- 2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
भूगोल | समकालीन भारत- 2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
नागरिक शास्त्र | लोकतांत्रिक राजनीति-2 |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
अर्थशास्त्र | आर्थिक विकास की समझ |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5 | |