प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11 Hindi Core
आरोह भाग -1 गद्य-खण्ड
पाठ 4. विदाई-संभाषण - बालमुकुंद गुप्त
जीवन-सह-साहित्यिक परिचय
लेखक- बालमुकुंद गुप्त,
जन्म- 14 नवंबर 1865, ग्राम गुड़ियानी, जिला- रोहतक (हरियाणा),
निधन- सन् 1907
प्रमुख रचनाएं- शिवशंभू के चिडे, चिट्ठे और खत, खेल तमाशा।
संपादन पत्रिकाएं- अखबार-ए-चुनार, हिंदुस्तान, हिंदी, बंगवासी,
भारत मित्र आदि।
गुप्त जी की आरंभिक शिक्षा उर्दू में हुई। बाद में उन्होंने
हिंदी सीखी। वह खड़ी बोली और आधुनिक हिंदी साहित्य को स्थापित करने वाले लेखको में
से एक थे। उन्हें भारतेंदु - युग और द्विवेदी युग के बीच की कड़ी के रूप में देखा जाता
है। बालमुकुंद गुप्त राष्ट्रीय नवजागरण के सक्रिय पत्रकार थे।
पाठ-परिचय
विदाई संभाषण बालमुकुंद गुप्त की सुप्रसिद्ध रचना 'शिव शंभू
के चिट्ठे' निबंध में संकलित है।
इस पाठ में लेखक ने भारत के वायसराय लॉर्ड कर्जन (जो 1899-1904 एवं 1904-1905
तक दो बार वायसराय रहे) के शासनकाल
का उल्लेख किया है। लेखक ने जहां लॉर्ड कर्जन के शासनकाल में हुई भारतीयों के
दयनीय दशा का यथार्थ चित्रण किया
है, वही लॉर्ड कर्जन की इंग्लैंड वापसी पर करारा व्यंग्य किया है। उन्हें भारत विरोधी
नीतियां तैयार करने के लिए लज्जित
भी किया है। लेखक ने लॉर्ड कर्जन को संबोधित करते हुए कहा है कि आप भारत
में हमेशा के लिए वायसराय पर्दे
पर बने रहना चाहते थे। किंतु आपके शासन का अंत हो गया। आपके पुनः वापसी पर
भारतवासी खुश नहीं थे।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
1. शिव शंभू की दो गायों की कहानी के माध्यम
से लेखक क्या कहना चाहता है?
उत्तर:- शिव शंभू के दो गायों की कहानी के माध्यम से लेखक
यह कहना चाहते हैं कि जिस देश में पशुओं पशुअ के बिछड़ते समय ऐसी मनोदशा होती है, वहां
मनुष्यों की कैसी दशा हो सकती है, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। कहानी में दो
गाएं होती हैं जिसमें एक बलवान और दूसरी निर्बल थी। बलवान गाय अपनी सिंगों की टक्कर
से निर्बल गाय को कभी-कभी गिरा देती थी। एक दिन बलवान गाय पुरोहित को दे दी गई। उसके
जाने के बाद निर्बल गाय उदास और दिनभर भूखी रही। उसी प्रकार लॉर्ड कर्जन भले ही भारतवासियों
का शोषण किया हो उन्हें दुखी किया हो लेकिन उनके जाने का दुःख सबको है।
2. आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर आपने
जरा भी ध्यान नहीं दिया-यहां किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है?
उत्तरः-
लेखक ने यहाँ बंगाल विभाजन की ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया है। लॉर्ड कर्जन दो बार
भारत का वायसराय बनकर आया। उसने भारत पर अंग्रेजों का प्रभुत्व स्थाई करने के लिए अनेक
काम किए। भारत में राष्ट्रवादी भावनाओं को कुचलने के लिए उसने बंगाल -विभाजन करने की
योजना बनाई। कर्जन की इस चाल को देश की जनता समझ गई और उसने इस योजना का विरोध किया,
परंतु कर्जन ने अपनी जिद्द को पूरा किया और बंगाल विभाजन कर दिया।
3. कर्जन को इस्तीफा क्यों देना पड़ गया?
उत्तरः-
कर्जन द्वारा इस्तीफा देने के निम्नलिखित कारण थे-
1.
कर्जन ने बंगाल विभाजन लागू किया। इसके विरोध में सारा देश खड़ा हो गया। कर्जन द्वारा
राष्ट्रीय ताकतों को खत्म करने का प्रयास विफल हो गया, उलटे ब्रिटिश शासन की जड़ें
हिल गई थी।
2.
कर्जन इंग्लैंड में एक फ़ौजी अफ़सर को इच्छित पद पर नियुक्त करवाना चाहता था। उसकी
सिफारिश को नहीं माना गया। इसी कारण उन्होंने इस्तीफा देने को कहा और ब्रिटिश सरकार
ने उनका इस्तीफ़ा भी पास कर दिया।
4. विचारिए तो, क्या शान आपकी इस देश में थी और अब क्या हो गई। कितने
ऊँचे होकर आप कितने नीचे गिरे। आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः-
'विचारिए तो क्या शान आपकी इस देश में थी और क्या हो गई' लेखक ने यह पंक्ति कर्जन के
लिए कही है। वह कहते हैं कि कर्जन का भारत में एक अलग ही शान, रुतबा और वैभव था। सम्पूर्ण
प्रजा, प्रशासन, राजा, धनी व्यापारी, मंत्री जैसे अनेक लोग इनके अंतर्गत काम करते थे।
यहाँ तक सम्राट के भाई का पद भी इनसे नीचे था। इनका प्रभुत्व अधिक देखने को मिलता है।
इनकी पत्नी की सोने की कुर्सी थीं लेकिन इस्तीफा देने से इनकी पूरी शान एक पल में ही
नीचे गिर गई।
5. आपके और यहाँ के निवासियों के बीच में कोई तीसरी शक्ति और भी है-यहाँ
तीसरी शक्ति किसे कहा गया है?
उत्तरः-
यहाँ 'तीसरी शक्ति' से अभिप्राय ब्रिटिश शासकों से है। इंग्लैंड में रानी विक्टोरिया
का राज था। उन्हीं के आदेशों का पालन वायसराय करता था। वह ब्रिटिश हितों की रक्षा करता
था। कर्ज़न की नियुक्ति भी इन्हीं उद्देश्यों की पूर्ति के लिए की गई थीं। जब ब्रिटिश
शासकों को लगा कि कर्ज़न ब्रिटिश शासकों के हित नहीं बचा पा रहा तो उन्होंने उसे हटा
दिया।
पाठ के आस-पास
1. पाठ का यह अंश 'शिवशंभु के चिड्डे' से लिया
गया है। शिवशंभु नाम की चर्चा पाठ में भी हुई है। बालमुकुन्द गुप्त ने इस नाम का उपयोग
क्यों किया होगा?
उत्तरः 'शिवशंभु' एक काल्पनिक पात्र है जो भाँग के नशे में
डूबा रहता है तथा खरी-खरी बात कहता है। यह पात्र अग्रेजों की कुनीतियों का पर्दाफाश
करता है। लेखक ने इस नाम का उपयोग सरकारी कानून के कारण किया। कर्जन ने प्रेस की अभिव्यक्ति
पर प्रतिबंध लगा दिया था। वह निरंकुश शासक था। उस समय ब्रिटिश साम्राज्य से सीधी टक्कर
लेने के हालात नहीं थे, परंतु शासन की पोल खोलकर जनता को जागरूक भी करना था। अतः काल्पनिक
पात्रों के जरिए अपनी इच्छानुसार बातें कहलवाई जाती थीं।
2. नादिर
से भी बढ़कर आपकी जिद्द है-कर्जन के संदर्भ में क्या आपको यह बात सही लगती है? पक्ष
या विपक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तरः- कर्जन के संदर्भ में यह बात बिलकुल सही है। नादिरशाह निरंकुश
शासक था। जरा-सी बात पर उसने दिल्ली में कत्लेआम करवाया, परंतु आसिफ शाह ने गले में
तलवार डालकर उसके आगे समर्पण कर कल्लेआम रोकने की प्रार्थना की तो तुरंत उसे रोक दिया
गया। कर्जन ने बंगाल का विभाजन कर दिया। आठ करोड भारतीयों ने बार-बार विनती की, परंतु
उसने जिद नहीं छोड़ी। इस संदर्भ में कर्जन की जिद नादिरशाह से बड़ी है। उसने जनहित
की उपेक्षा की।
3. क्या आँख बंद करके मनमाने हुक्म चलाना और
किसी की कुछ न सुनने का नाम ही शासन है? इन पंक्तियों को ध्यान में रखते हुए शासन क्या
है? इस पर चर्चा कीजिए।
उत्तरः- शासन का अर्थ हैं-सुव्यवस्था या प्रबंध। यह प्रबंध जनता के
हितों अनुसार होना चाहिए। कोई भी शासक अपनी इच्छा से शासन नहीं कर सकता। जिद्दी शासक
के कारण जनता दुखी रहती है और उसके खिलाफ खड़ी हो जाती है। शासक को सभी वर्गों के अनुसार
काम करना होता है। प्रजा को अपनी बात कहने का हक होता है। यदि शासन में कोई परिवर्तन
करना भी हो तो उसमें प्रजा की सहमति होनी चाहिए।
4. इस पाठ में आए अलिफ़ लैला, अलहदीन, अबुल
हसन और बगदाद के खलीफ़ा के बारे में सूचना एकत्रित कर कक्षा में चर्चा कीजिए।
उत्तरः- ज्ञान प्राप्त करने के उद्देश्य से है-
(क) इससे आपका जाना भी परंपरा की चाल से कुछ अलग नहीं है,
तथापि आपके शासनकाल का नाटक घोर दुखांत है, और अधिक आश्चर्य की बात यह है कि दर्शक
तो क्या, स्वयं सूत्रधार भी नहीं जानता था कि उसने जो खेल सुखांत समझकर खेलना आरंभ
किया था, वह दुखात हो जाएगा।
(ख) यहाँ की प्रजा ने आपकी जिद्द का फल यहीं देख लिया। उसने
देख लिया कि आपकी जिस जिद्द ने इस देश की प्रजा को पीड़ित किया, आपको भी उसने कम पीड़ा
न दी, यहाँ तक कि आप स्वयं उसका शिकार हुए।
भाषा की बात
1. वे दिन-रात यही मनाते थे कि जल्दी श्रीमान्
यहाँ से पधारें। सामान्य तौर पर आने के लिए पधारें शब्द का इस्तेमाल किया जाता है।
यहाँ पधारें शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तरः- यहाँ 'पधारें' शब्द का अर्थ है चले जाएँ।
2. पाठ में से कुछ वाक्य नीचे दिए गए हैं,
जिनमें भाषा का विशिष्ट प्रयोग (भारतेंदु युगीन हिंदी) हुआ है। उन्हें सामान्य हिंदी
में लिखिए -
क. आगे भी इस देश में जो प्रधान शासक आए, अंत
को उनको जाना पड़ा।
उत्तरः- पहले भी इस देश में जो प्रधान शासक हुए, अंत में
उन्हें जाना पड़ा।
ख. आप किस को आए थे और क्या कर चले?
उत्तरः- आप किसलिए आए थे और क्या करके चले?
ग. उनका रखाया एक आदमी नौकर न रखा।
उत्तरः- उनके रखवाने से एक आदमी नौकर न रखा गया।
घ. पर आशीर्वाद करता हूँ कि तू फिर उठे और
अपने प्राचीन गौरव और यश को फिर से लाभ करे।
उत्तरः- पर आशीर्वाद देता हूँ कि तू फिर उठे और अपने प्राचीन
गौरव और यश को फिर से प्राप्त करे।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. लार्ड कर्जन इस देश में क्या फैला चले हैं
?
क. प्रेम
ख. अशांति
ग. आनंद
घ. उत्साह
2. लार्ड कर्जन ने भारतवासियों को गर्म तवे
पर किसके समान नचाया ?
क. रोटी की भांति
ख. पानी की बूँदों की भाँति
ग. घी के बैंक की भाँति
घ. मालपुए की भाँति
3. लार्ड कर्जन भारत में कितनी बार आए थे
?
क. एक
ख. दो
ग. तीन
घ. चार
4. दिल्ली में कत्लेआम किसने किया था ?
क. आसिफजाह
ख. नादिरशाह
ग. शाहआलम
घ. महमूदशाह
5. 'दुर्बल गाय बलशाली गाय के चले जाने से
प्रसन्न नहीं हुई।' इस कथन में दुर्बल गाय से क्या आशय है
?
क. इंग्लैण्ड की जनता
ख. भारतीय जनता
ग. सम्राट एडवर्ड
घ. लार्ड कर्जन
6. "आपके और यहाँ के निवासियों के बीच कोई तीसरी शक्ति भी है।"
यहाँ 'तीसरी शक्ति' से क्या आशय है
क.
महाशक्ति
ख. ईश्वर
ग.
ब्रिटेन की महारानी
घ.
उपरोक्त सभी
7. 'आठ करोड़ प्रजा के गिड़गिड़ाकर विच्छेद न करने की प्रार्थना पर
आपने जरा भी ध्यान नहीं दिया।' यहाँ किस ऐतिहासिक घटना की ओर संकेत किया गया है ?
क.
भारत-पाकिस्तान विभाजन
ख. बंगाल विभाजन
ग.
बिहार-झारखण्ड विभाजन
घ.
उपरोक्त में से कोई नहीं
8. 'आप इस देश से अलग होते हैं का क्या आशय है
क.
निलंबित किए जाते हैं
ख. भगाए जाते हैं
ग.
त्याग पत्र देते हैं
घ.
निष्कासित किए जाते हैं
9. विदाई संभाषण लेख में लेखक ने किस पर व्यंग्य किया है ?
क.
सरकार पर
ख. लॉर्ड कर्जन पर
ग.
जनता पर
घ.
किसी पर नहीं
10. लॉर्ड कर्जन ने भारत पर कैसा शासन किया था ?
क.
अच्छा
ख.
ठीकठाक
ग. मनमाना
घ.
उपरोक्त में से कोई नहीं
11. लॉर्ड कर्जन कौंसिल में किसको नियुक्त करवाना चाहते थे ?
क.
अपने एक रिश्तेदार को
ख.
अपने एक दोस्त को
ग.
अपने भाई को
घ. एक फौजी अफसर को
12. लेखक के अनुसार अंत में लॉर्ड कर्जन की स्थिति कैसी हो गई थी ?
क.
राजा के जैसी
ख.
नौकर के जैसी
ग.
महाराज के जैसी
घ. क्लर्क के जैसी
13. 'नेपोलियन ऑफ परशिया' के नाम से किस शाह को जाना जाता है ?
क.
अहमदशाह
ख. नादिरशाह
ग.
नसीरुद्दीन शाह
घ.
उपरोक्त में से कोई नहीं
14. विदाई संभाषण पाठ के लेखक का क्या नाम है
क.
प्रेमचंद
ख.
कृष्णा सोबती
ग. बालमुकुंद गुप्त
घ.
सत्यजीत राय
15. माई लॉर्ड से विदाई के समय कैसा संभाषण करने की लेखक आशा रखता है
?
क.
क्रूरतापूर्ण
ख.
सक्रियतापूर्ण
ग. उदारतापूर्ण
घ.
उपरोक्त में कोई नहीं
16. दिल्ली में किस राजा की प्रार्थना पर नादिरशाह ने कत्लेआम रोक दिया
था?
क.
अकबर
ख.
शाहजहाँ
ग.
औरंगजेब
घ. आसिफ़जाह
17. 'आविर्भाव' शब्द का क्या अर्थ है ?
क.
भाव
ख.
छोटा भाव
ग. प्रकट होना
घ.
बड़ा भाव
18. लॉर्ड कर्जन की जिद्द किससे भी ज्यादा थी ?
क.
कादिर से
ख. नादिर से
ग.
औरंगजेब से
घ.
अकबर से
19. जुलूस में लॉर्ड कर्जन किस पर सवार था ?
क.
घोड़े पर
ख.
रथ पर
ग.
ऊँट पर
घ. हाथी पर
20. लॉर्ड कर्जन और उनकी लेडी की कुर्सी किस चीज़ से बनी थी ?
क.
लोहे से
ख. सोने से
ग.
चाँदी से
घ.
लकड़ी से
21. बालमुकुंद गुप्त का जन्म कब हुआ था?
क
1862
ख.
1863
ग.
1864
घ. 1865
22. लॉर्ड कर्जन समाज के किस वर्ग को सबसे अधिक नापसंद करते थे?
क.
अमीर वर्ग
ख.
निर्धन वर्ग
ग.
अनपढ़ वर्ग
घ. शिक्षित वर्ग
23. भारत की अनपढ़ प्रजा किस राजकुमार के गीत गाया करती थी?
क.
सिद्दार्थ
ख. सुलतान
ग.
प्रताप
घ.
पृथ्वीराज
24. लॉर्ड कर्जन की ताल पर कौन नाचते थे?
क. हाकिम
ख.
वकील
ग.
राजा
घ.
गरीब
25. किसके शासन-काल का घोर दुखांत हुआ?
क.
अमीरों का
ख.
जर्मीदारों का
ग. लॉर्ड कर्जन का
घ.
महाजनों का
26. लॉर्ड कर्जन की क्या जिद थी?
क
बिहार-विभाजन
ख.
पकिस्तान-विभाजन
ग. बंगाल-विभाजन
घ.
इनमें से कोई नहीं
27. लेखक के अनुसार बिछुड़न समय कैसा होता है?
क.
आनंददायक
ख. करुणोत्पादक
ग.
पीडादायक
घ.
दुःखदायी
28. लेखक को किसकी विदाई का दुःख है?
क. लॉर्ड कर्जन
ख.
लॉर्ड माउंटबेटन
ग.
लॉर्ड डलहौजी
घ.
लॉर्ड कार्नवालिस
29. बालमुकुंद गुप्त का निधन कब हुआ ?
क.
1904
ख.
1902
ग. 1907
घ.
1906
30. कितने करोड़ प्रजा के कहने पर लॉर्ड कर्जन ने ध्यान न देकर बंग
विच्छेद किया-
क. आठ
ख.
सात
ग.
नौ
घ.
दस
31. बालमुकुंद गुप्त का जन्म कहां हुआ था ?
क.
गुड़गांव
ख.
गुड़ियाना
ग. गुड़ियानी
घ.
गुड मंडी
32. बालमुकुंद गुप्त राष्ट्रीय नवजागरण के सक्रिय क्या थे?
क. पत्रकार
ख.
व्यवसाय
ग.
अध्यापक
घ.
क्रांतिकारी
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. लेखक ने विदाई संभाषण रचना किस अंग्रेज
शासक की विदाई के समय लिखा था?
उत्तरः- लॉर्ड कर्जन।
2. भारत में लॉर्ड कर्जन का कार्यकाल कब से
कब तक रहा?
उत्तरः- पहले कार्यकाल सन 1899- 1904 तक और दूसरा कार्यकाल
सन 1904 1905 तक रहा।
3. लॉर्ड कर्जन ने भारत में क्या करने की कोशिश
की-
उत्तर:- अंग्रेजों का वर्चस्व स्थापित करने की।
4. लेखक के अनुसार 'लॉर्ड कर्जन ने किन्हे"
गर्म तवे पर पानी की बूंदों की भांति नचाया है"-
उत्तरः- भारतीयों को।
5. लेखक के अनुसार, "सूत्रधार" शब्द
का क्या अर्थ है-
उत्तरः- जिसके हाथ में संचालन की डोर हो।
6. "कैसर" शब्द किनके लिए प्रयोग
किया जाता था ?
उत्तरः- तानाशाह जर्मन शासको के लिए।
7. "जार" शब्द किन के लिए प्रयोग
किया जाता था?
उत्तरः- रूस के तानाशाह शासको के लिए।
8. लॉर्ड कर्जन के शासनकाल रूपी नाटक का अंत
कैसा था?
उत्तरः- दुखांत ।
9. 'विदाई संभाषण' साहित्य की किस विधा में लिखा गया है?
उत्तरः-
निबंध साहित्य में।
10. शिव शंभू ने अपनी कौन सी गाय पुरोहित को दान में दे दी।
उत्तरः-
बलशाली गाय को।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. कर्जन को इस्तीफा देना क्यों पड़ गया?
उत्तरः-
लॉर्ड कर्जन एक फौजी अफसर को अपने इच्छित पद पर नियुक्त करना चाह पर ब्रिटिश सरकार
ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसी गुस्से के कारण उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया और वह
स्वीकार भी हो गया।
2. कर्जन और नादिर शाह के बीच क्या तुलना की गई है?
उत्तरः-
नादिर शाह ने अपने जिद्द के कारण दिल्ली में भयंकर कत्लेआम करवाया। इसी तरह कर्जन ने
बंगाल- विभाजन कर दिया तथा आम जनता के जीने के अधिकार छीने । कर्जन नादिरशाह से भी
अधिक जिद्दी था। नादिरशाह ने आफिजाह की प्रार्थना पर तत्काल कत्लेआम रुकवाया, परंतु
कर्जन पर आठ करोड लोगों की गिडगिडाहट का कोई असर नहीं पड़ा।
3. कर्जन अपने ही फैलाए जाल में फंसकर रह गए। कैसे?
उत्तरः-
कर्जन ने जो कुछ सोचा, उसके उलट हो गया। इस्तीफे की धमकी से उसने अपने पक्ष को सही
ठहरना चाहा परंतु उसका इस्तीफा ही मंजूर कर लिया गया। व इस घटनाक्रम को संभाल नहीं
पाया तथा अपने ही फैलाए जाल में फंस गया।
4. लॉर्ड कर्जन की जिद्द से भारतीय जनता ने क्या पीड़ा सही ?
उत्तरः-
लॉर्ड कर्जन को बंगाल विभाजन की जिद्द थी। उसने 1905 ई. में बंगाल विभाजन किया। जनता
की प्रार्थनाओं व विरोध पर उसने कोई ध्यान नहीं दिया। इससे जनता बहुत परेशान और दुखी
हो गई थी। कर्जन को इंग्लैंड वापस जाना था, परंतु जाते-जाते वह बंगाल का विभाजन भी
कर गया।
5. लॉर्ड कर्जन ने किस प्रकार शासन किया था ?
उत्तरः
कर्जन ने सदा निरंकुश शासन किया। उसने मनमाने आदेश दिए तथा प्रजा की हर बात को अनसुना
कर दिया। यह शासन पूर्णतया अनुचित था। लोकहित से बड़ी शासक की जिद्द नहीं होती।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. लॉर्ड कर्जन किस लिए प्रसिद्ध थे ? उनका भारत व इंग्लैंड में दिवाला
कैसे निकला?
उत्तरः
कर्जन धीरता व गंभीरता के लिए प्रसिद्ध थे। कर्जन ने कौंसिल में बंगाल-विभाजन जैसा
गैरकानूनी कानून पास करवाया। कनवोकेशन
में भारत-विरोधी बातें कहीं। इससे इनकी घटिया मानसिकता का पता चल गया। भारत में इनका
पुरजोर विरोध किया गया। उधर इंग्लैंड में इस्तीफे की धमकी से इनकी कमजोर स्थिति का
पता चल गया। ब्रिटिश सरकार ने इनकी कमजोर हालत के कारण इनका इस्तीफा मंजूर कर लिया।
इस तरह से कर्जन का भारत और इंग्लैंड में दिवाला निकला।
2. लेखक के साहित्यिक परिचय को लिखिए।
उत्तरः- बालमुकुंद गुप्त का जन्म 1865 ई. में हरियाणा के रोहतक जिले
के गुड़ियानी गाँव में हुआ। इनके पिता का नाम लाला पूरनमल था। इनकी आरंभिक शिक्षा गाँव
में ही उर्दू भाषा में हुई। इन्होंने हिंदी बाद में सीखी। इन्होंने मिडिल कक्षा तक
पढ़ाई की, परंतु स्वाध्याय से काफी ज्ञान अर्जित किया। ये खड़ी बोली और आधुनिक हिंदी
साहित्य को स्थापित करने वाले लेखकों में से एक थे।
इन्होंने कई अखबारों का संपादन किया। इन्होंने उर्दू के दो
पत्रों 'अखबार-ए-चुनार' तथा 'कोहिनूर' का संपादन किया। बाद में हिंदी के समाचार पत्रों
'हिंदुस्तान', हिंदी बंगवासी', 'भारतमित्र' आदि का संपादन किया। इनका देहावसान बहुत
कम आयु में 1907 ई. में हुआ। रचनाएँ-इनकी रचनाएँ पाँच संग्रहों में प्रकाशित हई हैं-
शिवशंभु के चिट्ठे, चिट्ठे और खत, खेल तमाशा, गुप्त निबंधावली, स्फुट कविताएँ।
साहित्यिक परिचय-गुप्त जी भारतेंदु युग और द्ववेदी युग के
बीच की कड़ी के रूप में थे। ये राष्ट्रीय नवजागरण के सक्रिय पत्रकार थे। उस दौर के
अन्य पत्रकारों की तरह वे साहित्य-सृजन में भी सक्रिय रहे। पत्रकारिता उनके लिए स्वाधीनता
संग्राम का हथियार थी। यही कारण है कि उनके लेखन में निर्भीकता पूरी तरह मौजूद है।
इनकी रचनाओं में व्यंग्य-विनोद का पुट भी दिखाई पड़ता है।
3. नादिर से भी बढ़कर आपकी जिद्द है कर्जन
के संदर्भ में क्या आपको यह बात सही लगती है ? पक्ष या विपक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तरः- कर्ज़न के संदर्भ में हमें यह बात सही लगती है। नादिरशाह एक क्रूर राजा था। उसने दिल्ली में कत्लेआम करवाया, परंतु आसिफजाह ने तलवार गले में डालकर उसके आगे समर्पण कर कत्लेआम रोकने की प्रार्थना की, तो तुरंत कत्लेआम रोक दिया गया। कर्जन ने बंगाल का विभाजन किया। आठ करोड़ भारतवासियों के बार-बार विनती करने पर भी उसने अपनी जिद्द नहीं छोड़ी। इस संदर्भ में कर्ज़न की जिद्द नादिरशाह से बड़ी है। वह नादिरशाह से अधिक क्रूर था। उसने जनहित की उपेक्षा की।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
आरोह भाग-1 | |
पाठ सं. | अध्याय का नाम |
काव्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | 1. हे भूख ! मत मचल, 2. हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर- अक्कमहादेवी |
7. | |
8. | |
गद्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
वितान | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |