प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11 Hindi Core
आरोह भाग -1 गद्य-खण्ड
पाठ - 7. जामुन का पेड़ - कृश्नचंदर
जीवन-सह-साहित्यिक परिचय
लेखक- कृश्नचंदर
जन्म- सन् 1914 गाँव- वजीराबाद, जिला गुजरांकला (पंजाब)
निधन- सन् 1977
प्रमुख रचनाएँ-कहानी संग्रह- एक गिरजा-ए-खंदक, यूकेलिप्टस की
डाली
उपन्यास- शिकस्त, जरगाँव की रानी, सड़क वापस जाती है, आसमान रौशन है, एक गधे की
आत्मकथा, अन्नदाता, हम वहशी हैं, जब खेत जागे, बावन पत्ते, एक वायलिन समंदर के
किनारे, कागज की नाव, मेरी यादों के किनारे
प्रमुख सम्मान- साहित्य अकादमी पुरस्कार
साहित्यिक विशेषताएँ- प्रेमचंद के बाद जिन कहानीकारों ने कहानी विधा को नई
ऊँचाइयों तक पहुँचाया, उनमें कृश्नचंदर का नाम महत्वपूर्ण है। इनका प्रगतिशील लेखक
संघ से गहरा संबंध था। इस विचारधारा का असर इनकी रचनाओं में स्पष्ट रूप से झलकता
है। जिन्होंने लेखन को ही रोजी-रोटी का सहारा बनाया। कृश्नचंदर ने उपन्यास, नाटक,
रिपोर्ताज और लेख भी लिखे हैं, लेकिन उनकी पहचान कहानीकार के रूप में अधिक हुई है।
महालक्ष्मी का पुल, आईने के सामने आदि उनकी मशहूर कहानियों हैं। उनकी लोकप्रियता
इस कारण भी है कि वे काव्यात्मक रोमानियत और शैली की विविधता के कारण अलग मुकाम
बनाते हैं। कृश्नचंदर उर्दू कथा-साहित्य में अनूठी रचनाशीलता के लिए बहुचर्चित रहे
हैं। वे प्रगतिशील और यथार्थवादी नजरिए से लिखे जाने वाले साहित्य के पक्षधर थे।
पाठ-परिचय
'जामुन का पेड' कृश्नचंदर की प्रसिद्ध हास्य-व्यंग्य कथा
है। हास्य-व्यंग्य में चीजों को अनुपात से अधिक दिखलाने की परिपाटी पुरानी है और यह
कहानी भी उसका अनुपालन करती है। इसलिए घटनाएँ अतिशयोक्तिपूर्ण और अविश्वसनीय लगने लगती
हैं। प्रस्तुत पाठ यह स्पष्ट करता है कि कार्यालयी तौर- तरीकों में पाया जाने वाला
विस्तार कितना निरर्थक और कितना हास्यास्पद है। यह व्यवस्था के संवेदनशून्य व अमानवीयता
के रूप को भी व्यक्त करता है।
रात को चली आँधी में सचिवालय के लॉन में जामुन का पेड़
गिर गया। सुबह माली ने देखा कि उस पेड़ के नीचे एक आदमी दबा हुआ है। उसने यह सूचना
तुरंत चपरासी को दी। इस तरह मिनटों में पेड़ के नीचे दबे आदमी के पास भीड इकट्ठी
हो गई। क्लकों को रसीले जामुनों की याद आ रही थी, तभी माली ने आदमी के बारे में
पूछा। उन्हें उस आदमी के जीवित होने में संदेह था, तभी पेड़ के नीचे दबा आदमी बोल
पड़ा मैं जिन्दा हूँ। माली ने पेड़ हटाने का सुझाव दिया, परंतु सुपरिटेंडेंट
ने अपने ऊपर के अधिकारी से पूछने की बात कही। इस तरह बात डिप्टी सेक्रेटरी, ज्वांइट
सेक्रेटरी, चीफ सेक्रेटरी, मिनिस्टर के पास पहुँची। मंत्री ने चीफ सेक्रेटरी से कुछ
कहा और उसी क्रम में बात नीचे तक पहुँची और फाइल चलती रही। और आदेश आने तक पेड़ के
नीचे दबे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
1. बेचारा जामुन का पेड़ कितना फलदार था ?
और इसकी जामुनें कितनी रसीली होती थीं?
(क) ये संवाद कहानी के किस प्रसंग में आए हैं?
(ख) इससे लोगों की कैसी मानसिकता का पता चलता
है?
उत्तर:-
(क) रात को आए आँधी-तूफान में सेक्रेटेरिएट के लॉन में एक
जामुन का पेड़ गिर गया है और उस पेड़ के नीचे एक आदमी दब गया। जब यह बात माली ने चपरासी
को बताई, चपरासी ने क्लर्क को बताई तो क्लर्क आपस में उस जामुन के पेड़ के बारे में
ये संवाद कहते हैं।
(ख) इससे लोगों की संवेदनहीनता एवं स्वार्थ मानसिकता का पता
चलता है। उन्हें दबे हुए आदमी की नहीं, बल्कि उस जामुन के पेड़ को अधिक चिंता है, क्योंकि
उस जामुन के पेड़ से उन्हें रसीली जामुन खाने को मिलती थीं, जो आदमी दब गया था उसका
उन्हें कोई परवाह नहीं है। अर्थात उसके लिए मनुष्य से अधिक पेड़ का महत्व है।
2. दबा हुआ आदमी एक कवि है, यह बात कैसे पता
चली? और इस जानकारी का फाइल की यात्रा पर क्या असर पड़ा?
उत्तरः- माली जब जामुन के पेड़ के नीचे दबे हुए आदमी के मुँह
में खिचडी डालते हुए उसे बता रहा था कि कल सारे सचिवों की मीटिंग में तुम्हारा केस
रखा जाएगा और उम्मीद है कि सब काम ठीक हो जाएगा। तब दबे हुए आदमी ने आह भरते हुए यह
शेर बोला (ये तो माना कि तगाफूल न करोगे लेकिन खाक हो जाएँगे हम तुमको खबर होने तका)
माली ने अचंभे से मुँह में उंगली दबा ली और चकित भाव से बोला क्या तुम शायर हो ? दबे
हुए आदमी ने धीरे से हों में सिर हिलाया और फिर यह खबर माली ने चपरासी को, चपरासी ने
क्लर्क को, क्लर्क ने हैडक्लर्क को बताई और इस प्रकार सारे सचिवालय में यह खबर फैल
गई कि दबा हुआ आदमी कवि है। सेक्रेटेरिएट की सब- कमेटी ने यह फैसला किया कि दबा हुआ
आदमी कवि है, अतः इस फाइल का सम्बन्ध कल्चरल डिपार्टमेंट से है। अतः कल्चरल-डिपार्टमेंट
से अनुरोध किया गया कि जल्द से जल्द फैसला लेकर कवि को जामुन के फलदार पेड़ के नीचे
से निकाला जाए। फाइल कल्चरल- डिपार्टमेंट के अनेक विभागों से गुजरती हुई साहित्य अकादमी
के सेक्रेटरी के पास पहुंची और वह दबे हुए आदमी का इंटरव्यू लेने आ पहुँचा, किन्तु
उसने दैबे हुए कवि (व्यक्ति) को निकालने से यह कहकर इनकार केर दिया कि यह कलम-दवात
का नहीं पेड़ काटने का मामला है। अतः तुम्हारी फाइल फॉरेस्ट डिपार्टमेंट को भेज रहा
हूँ।
3. कृषि-विभाग वालों ने मामले को हार्टीकल्चर-विभाग
को सौंपने के पीछे क्या तर्क दिया ?
उत्तरः- कृषि विभाग ने तर्क दिया कि जामुन का यह पेड़ फलदार
वृक्ष था, इसलिए इसका सम्बन्ध हार्टीकल्चर- विभाग र्स है। कृषि विभाग खेती-बाड़ी के
मामलों में फैसला लेता है, फलदार वृक्षों के मामले में नहीं, अतः यह फाइल हार्टीकल्चर
विभाग को सौंपी जाए।
4. इस
पाठ में सरकार के किन-किन विभागों की चर्चा की गई है और पाठ में उनके कार्य के बारे
में क्या अंदाजा मिलता है ?
उत्तरः- इस पाठ में सरकार के निम्न विभागों की चर्चा हुई है- व्यापार-विभाग,
कृषि विभाग, हार्टीकल्चर-विभाग, भाग, (उद्यान विभाग) मैडीकल-विभाग, कल्चरल-विभाग,
फॉरेस्ट-विभाग, विदेश-विभाग। इस पाठ से इन विभागों की कार्य-पद्धति के बारे में यह
जानकारी मिलती है कि विभागों में आपसी समन्वय एवं तालमेल का अभाव है। निर्णय लेने में
अत्यधिक विलंब होता है तथा कोई भी विभाग अपनी जिम्मेदारी लेने से बचने का प्रयास करते
हैं।
नियम-कायदों को इतनी विवेक-हीनता से लागू करने पर जोर दिया
जाता है कि सारा किस्सा उपहास बन जाता है। सरकारी विभागीय कर्मचारियों में पद के क्रम
से फाइल आगे बढ़ती है फिर भी फैसला नहीं हो पाता, यहाँ तक कि छोटे से विषय को प्रधानमंत्री
तक पहुँचा दिया जाता है और जब तक उस पर कोई फैसला औता है, तो इतनी देर हो चुकी होती
है कि पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
पाठ के आस-पास
1. कहानी
में दो प्रसंग ऐसे हैं, जहाँ लोग पेड़ के नीचे दबे आदमी को निकालने के लिए कटिबद्ध
होते हैं। ऐसा कब-कब होता है और लोगों का यह संकल्प दोनों बार किस-किस
वजह से भंग होता है?
उत्तरः- शुरुआत के पहले दिन में ही माली के कहने पर जमा हुड़े भीड़
तैयार थी कि सब मिलकर जोर लगाते हैं और देबे हुए व्यक्ति को निकाला लिया जाए। उसी समय
सुपरिंटेंडेंट बोला कि ठहरो ! मैं अंडर सेक्रेटरी से पूछ लूँ। और बस यह मामला ठप्प
हो गया। दूसरा प्रसंग दोपहर के भोजन के समय आता है। दबे हुए व्यक्ति को बाहर निकालने
के लिए फाइल कार्यालय में घूम रही थी तो कुछ मनचले किस्म के क्लर्क सरकारी फैसले के
इंतजार किए बिना इस पेड़ को स्वयं हटा देना चाहते थे कि उसी समय सुपरिटेंडेंट फाइल
लेकर भागा-भागा आया और कहा कि कृषि विभाग के अधीन आने वाले इस पेड़ को हम नहीं काट
सकते। इस प्रकार लोगों का संकल्प भी भंग हो जाता है।
2. यह कहना कहाँ तक युक्तिसंगत है कि इस कहानी
में हास्य के साथ-साथ करुणा की भी अंतर्धारा है। अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तरः- यह कहना बिल्कुल सही है कि यह कहानी हास्य के साथ-साथ
करुणा की भी अंतर्धारा है। व्यक्ति पेड़ के नीचे दबा हुआ है। चारों तरफ भीड़ जमा है।
भीड़ जामुन के पेड़ तथा रसीले जामुनों की चर्चा कर रहे हैं, परंतु दबे व्यक्ति को बचाने
का प्रयास नहीं किया जाता है। कलर्को, अधिकारियों तथा विभागों की फूहड़ हरकर्ते हास्य
के साथ करुणा को जाग्रत करती हैं। फाइल चलती रहती है। माली ही दया करके उसे खाना खिला
देता है। कुछ लोग आदमी को काटकर निकालने तथा उसे प्लास्टिक सर्जरी कर जोड़ने की बात
करते हैं। यह मानव की संवेदनहीनता का चरम रूप है। कल्चरल विभाग का सचिव उसे अकादमी
का सदस्य बना देता है, उससे मिठाई माँगता है, परंतु उसे बचाने का प्रयास नहीं करता।
देश विदेशों के संबंध के नाम पर आम आदमी की बलि चढ़ाई जाती है। ये सभी घटनाएँ करुणा
की गहनता को व्यक्त करती हैं।
3. यदि आप माली की जगह पर होते, तो हकूमत के
फैसले का इंतजार करते या नहीं? अगर हों, तो क्यों? और नहीं, तो क्यों?
उत्तरः- यदि हम माली के स्थान पर होते तो हकूमत के फैसले का इंतजार
नहीं करते और बिना किसी किसी की परवाह किए दबे हुए व्यक्ति को निकाल लेते, क्योंकि
किसी भी विभाग, कानून और हुकूमत के फैसले से ज्यादा आवश्यक है किसी की जान बचाना। अतः
सबसे पहले व्यक्ति की जान बचाना चाहिए। इतने सारे लोगों के मौजूदगी के बावजूद महज औपचारिकता
के चलते एक व्यक्ति की जान चली जाना मनुष्यता के नाम पर कलंक है।
भाषा की बात
1. नीचे दिए गए अंग्रेजी शब्दों के हिंदी प्रयोग
लिखिए- अर्जेंट, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, मेंबर, डिप्टी सेक्रेटरी, मिनिस्टर, अंडर सेक्रेटरी,
हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट।
उत्तरः- दिए गए अंग्रेजी शब्दों का हिंदी अर्थ निम्नलिखित है-
अर्जेंट आवश्यक, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट वन-विभाग, मॅबर सदस्य,
डिप्टी सेक्रेटरी उप-सचिव, एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट कृषि विभाग, चीफ सेक्रेटरी मुख्य
सचिव, मिनिस्टर मंत्री। अंडर-सेक्रेटरी अवर सचिव, हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट उद्यान
विभाग।
2. इसकी
चर्चा शहर में भी फैल गई और शाम तक गली- गली से शायर जमा होने शुरू हो गए यह एक संयुक्त
वाक्य है जिसमें दो स्वतंत्र वाक्यों को समानाधिकरण समुच्चयबोधक शब्द और से जोड़ा गया
है। संयुक्त वाक्य को इस प्रकार सरल वाक्य में बदला जा सकता है इसकी चर्चा शहर में
फैलते ही शाम तक गली- गली से शायर जमा होने शुरू हो गए। पाठ में से पांच संयुक्त वाक्य
को चुनिए और उन्हें सरल वाक्य में रूपातरित कीजिए।
उत्तरः-
1. संयुक्त वाक्य- माली ने अचम्भे से मुँह में उँगली दबा ली और चकित भाव से
बोला।
सरल वाक्य- माली अचम्भे से मुँह में उँगली दबाकर चकित भाव से बोला।
2. संयुक्त वाक्य- सेक्रेटरी फौरन बोला और फौरन उसने अपने विभाग में रिपोर्ट की
सरल वाक्य- सेक्रेटरी के बोलने के बाद ही अपने विभाग में रिपोर्ट की।
3. संयुक्त वाक्य- कल फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के आदमी आकर इस पेड़ को काट देंगे
और तुम्हारी जान बच जाएगी।
सरल वाक्य- कल फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के आदमी द्वारा इस पेड़ को काट देने से तुम्हारी जान
बच जाएगी।
4. संयुक्त वाक्य- हम इस पेड़ को हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के हवाले कर रहे
हैं क्योंकि यह फलदार पेड़ का मामला है।
सरल वाक्य- फलदार पेड़ का मामला होने से हम इसे हॉर्टिकल्चर विभाग के
हवाले कर रहे हैं।
5. संयुक्त वाक्य- इतना बड़ा कवि ओस के फूल का लेखक और हमारी अकादमी के मेंबर
नहीं।
सरल वाक्य- ओस के फूल का लेखक इतना बड़ा कवि होने के बावजूद हमारी अकादमी
के मेंबर नहीं।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. जामुन का पेड़ पाठ के लेखक कौन हैं ?
क. प्रेमचं
ख. भवानी प्रसाद मिश्र
ग. कृश्नचंदर
घ. कृष्ण चंद्र
2. पाठ के अनुसार जामुन का पेड़ कहां था?
क. सेक्रेटेरिएट के लॉन में
ख. वन विभाग के दफ्तर में
ग. चपरासी के घर में
घ. इनमें से सभी
3. पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति का उपनाम क्या
था
क. रमेश
ख. ओस
ग. मोहन
घ. आन्नद
4. जामुन का फल कैसा होता है?
क. कड़वा
ख. नमकीन
ग. क और ख दोनों
घ. रसीले
5. दबे हुए व्यक्ति की खबर माली सबसे पहले
किसको बतातौ है?
क. क्लर्क को
ख. मंत्री को
ग. चपरासी को
घ. सुपरिटेंडेंट को
6. आईने के सामने किसकी रचना है?
क. प्रेमचंद की
ख. महादेवी वर्मा की
ग. कृष्णनाथ की
घ. इनमें से कोई नहीं
7. हम लोग इस पेड़ को नहीं हटा सकते किसने
कहा था?
क. चपरासी ने
ख. सुपरिटेंडेंट ने
ग. क्लर्क ने
घ. माली ने
8. निम्न में से कौन सी रचना कृश्नचंदर के
द्वारा नहीं लिखा गया है?
क. अन्नदाता
ख. कागज की नाव
ग. बावन पत्ते
घ. हलवाहा
9. जामुन
के पेड़ को सेक्रेटेरिएट के लॉन में किसने लगाया था? मने लगाया
क. अमेरिका के प्रधानमंत्री
ख. भारत के प्रधानमंत्री
ग. पीटोनिया के प्रधानमंत्री
घ. भारत के राष्ट्रपति
10. पेड़ काटने का आदेश किसने दिया?
क. प्रधानमंत्री
ख. राष्ट्रपति
ग. राज्यपाल
घ. मुख्यमंत्री
11. कल
फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के आदमी आकर इस पेड़ को काट देंगे और तुम्हारी जान बच जाएगी किसने
कहा?
क क्लर्क
ख. चपरासी
ग. सेक्रेटरी
घ. माली
12. साहित्य अकादमी का मेंबर किसे बनाया गया?
क. कवि ओस को
ख. कृष्णचंद्र को
ग. माली को
घ. चपरासी को
13. पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति के मरणोपरांत
उसके परिवार वालों को वजीफा देने की बात किसने की?
क. साहित्य
अकादमी के सेक्रेटरी ने
ख. प्रधानमंत्री ने
ग. फॉरेस्ट विभाग ने
घ. कृषि विभाग ने
14. जामुन के पेड़ के गिरने का क्या कारण था?
क. ज्वालामुखी
ख. वर्षा
ग. झक्कड़
घ. भूचाल
15. बेचारा जामुन का पेड़ कितना फलदार था यह
कथन किसका है?
क. क्लर्क का
ख. चपरासी का
ग. माली का
घ. इनमें से सभी
16. सर्वप्रथम फाइल किस कार्यालय में दी गई
थी?
क. व्यापार विभाग
ख. कृषि विभाग
ग. हॉर्टिकल्चर विभाग
घ. मेडिकल विभाग
17. दूसरी बार फाइल किस विभाग को भेजी गई?
क. वन विभाग
ख. कृषि विभाग
ग. मेडिकल विभाग
घ. इनमें से कोई नहीं
18. हॉर्टिकल्चर
डिपार्टमेंट किस विभाग से संबंधित है?
क. अनाज, फसलों के विभाग से
ख. मानव स्वास्थ्य विभाग से
ग. फल फूल वाले पेड़ पौधों के विभाग से
घ. पशुओं के विभाग से
19. जब
यह पता चला कि दबा हुआ व्यक्ति कवि है तो सेक्रेटेरिएट की सब कमेटी ने क्या फैसला लिया?
क. फाइल कल्चरल डिपार्मेंट में भेजी जाए
ख. पेड़ काटा जाए
ग. खाना खिलाया जाए
घ. इनमें से सभी
20. इस पाठ में माली के किस प्रवृत्ति को दिखाया
गया है?
क. स्वार्थी
ख. लालची
ग. दयालु
घ. अवसरवादी
21. लेखक
जामुन का पेड़ पाठ के माध्यम से किस व्यवस्था पर व्यंग्य करते हैं?
क. कानून व्यवस्था पर
ख. कार्यालयी व्यवस्था पर
ग. धार्मिक व्यवस्था पर
घ. सामाजिक व्यवस्था पर
22. मेडिकल
डिपार्टमेंट ने जांच के लिए किसे भेजा था?
क. कंपाउंडर
ख. केमिस्ट
ग. सर्जन
घ. फिजिशियन
23. कवि
के नव प्रकाशित रचना का क्या नाम था?
क. धुंध के फूल
ख. ओस के फूल
ग. गुलाब के फूल
घ. मोगरे के फूल
24. पेड़
को हटाने का सुझाव किसने दिया?
क. माली ने
ख. चपरासी ने
ग. क्लर्क ने
घ. सुपरिटेंडेंट ने
25. हॉर्टिकल्चर
डिपार्टमेंट का जवाब किस दिन आया?
क. पांचवा दिन
ख. दूसरा दिन
ग. चौथा दिन
घ. तीसरा दिन
अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोतर
1. हॉर्टिकल्चर विभाग पेड़ को काटने का विरोध क्यों किया?
उत्तरः-
हॉर्टिकल्चर विभाग पेड़ को काटने के लिए इसलिए मना किया क्योंकि जामुन का पेड़ फलदार
पेड़ था।
2. पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक दशा कैसी थी ?
उत्तरः-
पेड़ के नीचे दबा व्यक्ति मुश्किल से साँस ले पा रहा था। उसकी आवाज और आँखों से पीड़ा
झलक रही थी।
3. पेड़ काटने पर किस विभाग को परेशानी हो सकता था?
उत्तरः-
पेड़ काटे जाने पर विदेश विभाग को परेशानी हो सकता था
4. पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति के पास प्रधानमंत्री की आदेश की सूचना
देने कौन आया था?
उत्तरः-
पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति के पास प्रधानमंत्री के आदेश की सूचना देने स्वयं सुपरिंटेंडेंट
आए थे।
5. पेड़ काटने का संबंध किस विभाग से था ?
उत्तर:-
पेड़ काटने का संबंध वन विभाग से था।
6. पेड़ के नीचे दबे आदमी को सबसे पहले किसने देखा?
उत्तरः-
पेड़ के नीचे दबे आदमी को सबसे पहले माली ने देखा।
7. जामुन का पेड़ कितने वर्ष पहले लगाया गया था?
उत्तरः-
जामुन का पेड़ दस वर्ष पहले लगाया गया था।
8. जामुन का पेड़ गद्य साहित्य की कौन सी विधा है?
उत्तरः-
जामुन का पेड़ गद्य साहित्य का हास्य व्यंग्य विधा है।
9. लेखक कृश्णचंदर का जन्म कहाँ हुआ था ?
उत्तरः-
लेखक का जन्म पंजाब के वजीराबाद गाँव में हुआ था।
10. पेड़ के नीचे दबे आदमी को खाना कौन खिलाता है?
उत्तरः-
पेड़ के नीचे दबे आदमी को माली खाना खिलाता है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. साहित्य अकादमी के सचिव ने शायर को क्या बताया?
उत्तरः-
साहित्य अकादमी के सचिव ने शायर को बताया कि तुम्हें अपनी केंद्रीय शाखा का सदस्य चुन
लिया गया हैं और तुम्हारे मरणोपरांत तुम्हारी पत्नी को वजीफा दिया जाएगा परंतु हमारा
विभाग तुम्हें पेड़ के नीचे से नहीं निकल सकता। यह काम साहित्य अकादमी का नहीं है चेंकि
हमने वन विभाग को अर्जेंट लिखा है।
2. जामुन का पेड़ गिरा देखकर क्लार्क ने क्या प्रतिक्रिया व्यक्त की?
उत्तरः-
सेक्रेटेरिएट के लॉन में जामुन का पेड़ गिरा देखकर क्लर्क ने दुख व्यक्त किया क्योंकि
अब उसे उसके मीठे फल खाने को नहीं मिलेंगे। उस पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति की उन्हें
कोई चिंता नहीं थी।
3. जामुन का पेड़ कहानी का क्या उद्देश्य है?
उत्तरः-
इस पाठ के माध्यम से कहानीकार आधुनिक समय की सच्चाई को उजागर किया है। वर्तमान में लोग आत्म केंद्रित
होकर सिर्फ अपने हित व स्वार्थ के बारे में सोचते हैं, दूसरे की तकलीफों से कोई फर्क
नहीं पड़ता। कहानी का मूल उद्देश्य है कि हमें स्वार्थ रहित होकर तथा परिणाम की चिंता
किए बिना सदैव दूसरों की मदद के लिए हमेशा आगे आना चाहिए। अपने हृदय में सदैव मानवता,
करुणा व परोपकार रखते हुए जीवन जीना चाहिए।
4. पेड़ के नीचे कौन दब गया था और इसकी सूचना
किसने किसको दी?
उत्तरः पेड़ के नीचे एक व्यक्ति दब गया था जिसका नाम ओस था।
इसकी सूचना सुबह माली ने चपरासी को, चपरासी ने क्लार्क को, क्लर्क ने हेड क्लर्क को,
हेड क्लर्क सुपरिंटेंडेंट को यह सूचना दी कि रात में आँधी के कारण एक पेड़ गिर गया
है और उसके नीचे एक आदमी दब गया है।
5. हॉर्टिकल्चर विभाग ने पेड़ काटने का विरोध
क्यों किया?
उत्तरः- हॉर्टिकल्चर विभाग ने यह कह कर पेड़ काटने का विरोध किया
कि जामुन का पेड़ एक फलदार पेड़ है जिसका फल जनता बड़ी चाव से खाती है। अतः फलदार पेड़
काटने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. इस पाठ में आए किन्हीं दो करुणापूर्ण दृश्यों
को अपने शब्दों में उल्लेख कीजिए।
उत्तर:-
पहला - पूरे पूरे पाठ में माली एक ऐसा पात्र है जो मानवीय संवेदना के आधार पर दबे
हुए आदमी के साथ सदैव बना रहता है। उसे निकालनै के लिए सबसे निवेदन करता है। रात को
उसके मुँह में दाल-चावल या खिचड़ी डालता है। जब वह दबे हुए आदमी के मुँह में भोजन डालता
है तो पाठक के मैन में करुणा का भाव आता है।
दूसरा - पाठ का अंतिम दृश्य जब प्रधानमंत्री ने स्वयं सारी जिम्मेदारी अपने सिर पर
लेकर पेड़ काटने का हक्म दिया। फाइल पूर्ण हो गई के साथ यह दृश्य आया कि दबे हुए आदमी
का जीवन पूरा हो गया। उसकी साँसें रुक गई, शरीर ठंडा पड़ गया और मुँह में चीटियों की
एक कतार जा रही थी। इसे देखकर पाठक का हृदय करुणा से भर उठता है।
2. सरकारी दफ्तरों में औपचारिकताओं की उलझन
मनुष्य के जीवन से भी बड़ी है।' सिद्ध कीजिए।
उत्तरः पाठ के आधार पर यह कथन पूर्णतया सत्य है। एक सामान्य-सी घटना
थी कि पेड़ के नीचे एक आदमी दबा है उसे किसी भी तरह से निकाल लेना चाहिए था। किन्तु
पेड़ सरकारी दफ्तर के लॉन में गिरा था, इसलिए यह घटना भी सरकारी हो गई। जब कुछ लोग
मिलकर पेड़ के नीचे दबे व्यक्ति को निकालने ही वाले थे कि सुपरिंटेंडेंट ने आकर उन्हें
मना कर दिया और डिप्टी सैक्रेटरी, ज्वाइंट सेक्रेटरी, अंडर सेक्रेटरी, चीफ सेक्रेटरी,
मिनिस्टर और न जाने कौन-कौन इस समस्या में हस्तक्षेप किए। अनेक विभागों में उसकी फाइल
चलने लगी। उद्यान विभाग, वन विभाग, व्यापार एवं कृषि विभाग में समस्या ऐसी उलझ गई
कि विदेश मंत्रालय भी बीच में आ गया। कल्चरल-विभाग, मेडिकल-विभाग के कारण समस्या और
उलझती चली गई। पर आदमी वहीं दबा का दबा रहा। जब तक उसकी फाइल पूरी हो पाई तब तक मौत
से संघर्ष कर रहे उस आदमी के जीवन की फाइल भी पूर्ण हो चुकी थी। अर्थात पेड़ के नीचे
दबे व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी थी।
3. जामुन
का पेड़ पाठ का व्यंग्य स्पष्ट करें?
उत्तर:- 'जामुन का पेड़' पाठ में कार्यालयी तौर-तरीकों में पाए जानें वाले विस्तार की निरर्थकता और पदों की क्रम संख्या की हास्यास्पद दशा पर करारी चोट की गई है। मानवीय संवेदना की कितनी उपेक्षा की जाती है, इस बात पर व्यंग्य किया गया है। एक मामूली-सी बात के लिए सरकारी दफ्तरों में कई-कई दिन लग जाते हैं। आरोप-प्रत्यारोप, ज़िम्मेदारी से पलायन और काम के प्रति उदासीनता के चलते एक व्यक्ति की जान चली गई तब कहीं जाकर उसकी फ़ाइलों का काम खत्म हो पाया। यदि पहले ही निर्णय किया गया होता तो बेचारा दबा हुआ आदमी बच जाता, लेकिन सरकारी दफ्तरों की लँचर नीति ने उसकी जान ले ली।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
आरोह भाग-1 | |
पाठ सं. | अध्याय का नाम |
काव्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | 1. हे भूख ! मत मचल, 2. हे मेरे जूही के फूल जैसे ईश्वर- अक्कमहादेवी |
7. | |
8. | |
गद्य-खण्ड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
वितान | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |