प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Geography
3. मानव विकास HUMAN DEVELOPMENT
पाठ के मुख्य बिंदु
*
मानव विकास का तात्पर्य जन कल्याण के लिए सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक पक्ष के विकास
से है। इन बातों को ध्यान में रखकर संयुक्त राष्ट्र ने मानव विकास की संकल्पना का लक्ष्य
राष्ट्रों के सामने प्रस्तुत किया।
*
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United nation development pro gram, UNDP) के द्वारा
मानव विकास से संबंधित रिपोर्ट 1990 में प्रस्तुत किया गया, जिसमें लोगों के सामने
विकल्प के विस्तार की प्रक्रिया को समझाया गया। इसके अंतर्गत दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन,
शिक्षा और उच्च जीवन स्तर पर विशेष ध्यान दिया गया।
*
विकास वास्तव में स्वतंत्रता है तथा इसका संबंध प्रायः आधुनिकीकरण, अवकाश सुविधा तथा
संपन्नता से जुड़ा हुआ है। वर्तमान समय में विकास के प्रतीकों में कंप्यूटरीकरण, औद्योगिकरण
प्रभावी परिवहन एवं संचार नेटवर्क, बेहतर एवं सुदृढ़ शिक्षा व्यवस्था, आधुनिक एवं उन्नत
चिकित्सा सुविधा तथा व्यक्तिगत सुरक्षा जैसे तथ्यों को शामिल किया जाता है।
*
भारत जैसे विकासशील राष्ट्रों की बात की जाए तो, वास्तविकता यह है कि अनुसूचित जातियों,
अनुसूचित जनजातियों, भूमिहीन कृषि श्रमिकों, गरीब कृषकों तथा गंदी व मलिन बस्तियों
में निवास करने वाली जनसंख्या का एक बड़ा भाग आज भी सर्वाधिक अभावग्रस्त दशाओं में
अपना जीवन यापन कर रहा है।
*
वर्ष 2021 में विश्व के 191 देशों में 121 करोड़ से अधिक जनसंख्या रखने वाला भारत,
मानव विकास सूचकांक में विश्व के 132वें स्थान पर तथा सन् 2011 में 134वें स्थान पर
रहा। इस दृष्टिकोण से भारत को मध्यम मानव विकास वाले देशों की श्रेणी में शामिल किया
जाता है।
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भारत में गरीब जनसंख्या का सर्वाधिक प्रतिशत रखने वाले राज्यों में क्रमशः ओडीशा, बिहार
एवं छत्तीसगढ़ का स्थान मुख्य रूप से है।
*
भारत के कुल जनसंख्या में लगभग 29.80% जनसंख्या गरीबी रेखा के नीचे है।
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किसी भी राष्ट्र में स्वस्थ जीवन के प्रमुख सूचकों के अंतर्गत रोग व पीड़ा मुक्त जीवन
एवं दीर्घ आयु जैसे तथ्यों को शामिल किया जाता है।
*
स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 से राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में ग्रामीण
तथा शहरी स्तर पर प्रारंभ किया गया। वास्तव में महात्मा गांधी की 150वीं वर्षगांठ पर
यह श्रद्धांजलि के रूप में प्रारंभ किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य स्वच्छ भारत का
निर्माण करना है।
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किसी राष्ट्र में सामाजिक सशक्तिकरण के लिए भूख, गरीबी, दासता, अज्ञानता, बंध्याकरण
एवं निरक्षरता जैसे बुराइयों को समाज से दूर करना आवश्यक है।
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वर्ष 2011 के अनुसार भारत की कुल साक्षरता दर 74.04% है, जिसमें पुरुष साक्षरता
80.9% तथा महिला साक्षरता 64.5% है।
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भारत के राज्यों में साक्षरता दर में असमानता पाई जाती है। सर्वाधिक साक्षरता वाले
राज्यों में केरल व मिजोरम जैसे राज्य है, जिनकी साक्षरता दर क्रमशः 93.9% एवं
91.6% है।
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न्यूनतम साक्षरता दर वाले राज्यों में राजस्थान (52.7%), बिहार (53.3%) झारखंड
(56.2%) एवं अरुणाचल प्रदेश (59.6%) को शामिल किया गया है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. मानव विकास के प्रमुख तत्व हैं?
(क)
स्वस्थ जीवन
(ख)
शिक्षा
(ग)
उच्च जीवन स्तर
(घ) इनमें यह सभी
2. झारखण्ड में साक्षरता दर कितनी है?
(क)
92.4%
(ख) 66.41%
(ग)
90.92%
(ग)
46.53%
3. भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में 0-6 आयु वर्ग के बच्चों
में लिंग अनुपात निम्नतम है?
(क)
गुजरात
(ख) हरियाणा
(ग)
पंजाब
(घ)
हिमाचल प्रदेश
4. मानव विकास सूचकांक में भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक
की कोटि उच्चतम है?
(क) केरल
(ख)
तमिलनाडु
(ग)
पंजाब
(घ)
हरियाणा
5. भारत के निम्नलिखित राज्यों में से किस एक में स्त्री साक्षरता निम्नतम
है?
(क)
जम्मू कश्मीर
(ख)
अरुणाचल प्रदेश
(ग)
झारखंड
(घ) बिहार
6. भारत में निम्नलिखित केंद्र शासित प्रदेशों में किस एक की साक्षरता
दर उच्चतम है?
(क) लक्षद्वीप
(ख)
चंडीगढ़
(ग)
दमन और दीव
(घ)
अंडमान और निकोबार दीप
7. भारत के किस राज्य में सर्वाधिक जीवन प्रत्याशा पाई जाती है?
(क) केरल
(ख)
कर्नाटक
(ग)
उत्तर प्रदेश
(घ)
मध्य प्रदेश
8. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) 15 जुलाई 2004, 15वीं मानव
विकास रिपोर्ट के अनुसार मानव विकास के कौन-कौन से सूचकांक बताए गए हैं?
(क)
जीवन प्रत्याशा
(ख)
साक्षरता
(ग)
प्रति व्यक्ति आय
(घ) इनमें से सभी
9. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रथम मानव विकास
रिपोर्ट का प्रकाशन कब किया गया है?
(क)
1980 ई. में
(ख)
1985 ई. में
(ग) 1990 ई. में
(घ)
1995 ई. में
10. निम्न में से किसे मानव विकास सूचकांक के रूप में जाना जाता है?
(क)
दीर्घजीविता
(ख)
ज्ञान आधार
(ग)
उच्च जीवन स्तर
(घ) उपर्युक्त सभी
11. निम्न में से कौन मानव विकास का सामाजिक सूचक है ?
(क)
शिशु मृत्यु दर
(ख) साक्षरता
(ग)
रोजगार
(घ)
आय
12. केरल का मानव विकास सूचकांक कितना है?
(क)
0.532
(ख)
0.533
(ग) 0.790
(घ)
0.523
13. गांधीजी के अनुसार एक व्यक्ति और एक राष्ट्र के जीवन में उच्चतर
लक्ष्य प्राप्त करने की कुंजी क्या है?
(क)
व्यक्तिगत मितव्ययिता
(ख)
सामाजिक धन की न्यासधारिता
(ग)
अहिंसा
(घ) इनमें से सभी
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. सामाजिक सशक्तिकरण क्या है?
उत्तर-
समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों की सामर्थ्य और विकल्पों के अवसर में वृद्धि तथा भूख,
गरीबी, दासता, अज्ञानता तथा निरक्षरता से मुक्त होकर मानव विकास प्राप्त करना सामाजिक
सशक्तिकरण कहलाता है।
2. भारत के बच्चों में घटते लिंगानुपात के दो कारण बताइए ?
उत्तर
भारत में बच्चों के घटते लिंगानुपात के दो कारण निम्नलिखित हैं
1.
सामाजिक दृष्टिकोण में परिवर्तन
2.
लिंग परीक्षण विधियों की सुविधा
3. मानव विकास क्यों आवश्यक है?
उत्तर-
मानव विकास से गरीबी घटती है, उत्पादन में वृद्धि होती है. राजनीति में स्थिरता आती
है, तथा देश का सर्वागीण विकास होता है इसलिए मानव विकास आवश्यक है।
4. मानव विकास को परिभाषित कीजिए?
उत्तर-
मानव विकास राजनीतिक स्वतंत्रता, स्वास्थ्य, भौतिक पर्यावरण से लेकर आर्थिक सामाजिक
तक सभी प्रकार के विकल्पों को सम्मिलित करते हुए लोगों के विकल्पों में विस्तार जैसे-
उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सशक्तिकरण अवसरों में वृद्धि की प्रक्रिया है। अतः
मानव विकास लोगों के विभिन्न प्रकार के विकल्पों का विस्तार, मानव विकास का सर्वाधिक
महत्वपूर्ण पक्ष है।
5. मानव विकास के मापन के तीन प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम ने मानव विकास को निर्धारित करने के लिए 3 मापक का
निर्माण किया है। सूचकांकों के अंतर्गत अन्य संबंधित सूचकांक भी सम्मिलित है। अतः यह
संयुक्त सूचकांक निम्नलिखित हैं-
1.
दीर्घजीविता
2.
ज्ञान आधार तथा
3.
उच्च जीवन स्तर |
6. उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के निम्न स्तरों
के दो कारण बताइए?
उत्तर-
भारत के दक्षिणी राज्यों की अपेक्षा उत्तरी राज्यों में मानव विकास का स्तर निम्न पाया
जाता है। इसके दो प्रमुख कारण है-
1.
उत्तरी भारत के राज्यों में सामाजिक विकास अर्थात साक्षरता दर दक्षिणी राज्यों की अपेक्षा
निम्न है जिससे आर्थिक विकास और शैक्षिक उपलब्धि का निम्न स्तर ही मानव विकास के स्तर
का प्रमुख कारण है।
2.
उत्तर भारत के राज्यों का आर्थिक विकास निम्न है। यहां गरीबी रेखा से नीचे जनसंख्या
का अधिक होना है।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. भारत में लिंग संरचना का विवरण दीजिए?
उत्तर-
प्रति हजार पुरुषों की संख्या में स्त्रियों की संख्या लिंगानुपात कहलाती है। भारत
में स्त्रियों का अनुपात पुरुषों की अपेक्षा निरंतर कम होते जा रहा है। जैसे- 1971
ई. की जनगणना में प्रति 1000 पुरुषों पर स्त्रियों की संख्या मात्र 930 थी। 1981 ई.
की जनगणना मैं स्त्रियों का यह अनुपात 934 हुआ परंतु 1991 ई. में प्रति हजार पुरुषों
पर स्त्रियों की संख्या पुनः घटकर 929 हो गई और 2001 ई. मैं प्रति हजार पुरुषों की
संख्या पर स्त्रियों की संख्या 933 आ गई तथा अंतिम जनगणना 2011 के अनुसार यह संख्या
बढ़कर 940 पर आ गई है।
2. मानव विकास को ध्यान में रखकर विश्व में भारत की स्थिति का मूल्यांकन
कीजिए?
उत्तर-
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत को मध्यम मानव विकास
दर्शाने वाले देशों में रखा गया है। विश्व में 188 देशों में भारत का स्थान 130 वां
है। स्वतंत्रता के बाद भारत ने काफी प्रगति की है। भारत के विभिन्न राज्यों में केरल
का स्थान प्रथम है जिसका संयुक्त सूचकांक 0.790 है। इसके बाद दिल्ली (0.750) का स्थान
आता है। जबकि बिहार, असम, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा जैसे राज्य सबसे नीचे क्रम
में आने वाले हैं। भारत जैसे देश में मानव विकास की विषमता के उत्तरदायी कारक जैसे
सामाजिक राजनीतिक, आर्थिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक आदि है।
3. भारत में स्त्री साक्षरता के प्रादेशिक प्रतिरूपों का वर्णन कीजिए?
उत्तर-
भारत में पुरुष एवं स्त्री साक्षरता दर में काफी अंतर है। 2011 की जनगणना के अनुसार
भारत में कुल पुरुष साक्षर 82.14% है इसके विपरीत स्त्री साक्षरता केवल 65.46% है।
देश में स्त्री साक्षरता 1951 में 8.86% थी जो 2011 में बढ़कर 65.46% हो गई जो लगभग
8 गुनी वृद्धि है। देश में राज्य स्तर पर सर्वाधिक साक्षरता केरल में 91.98% है तथा
दूसरे एवं तीसरे पर क्रमशः मिजोरम 89.40 तथा गोवा 81.89% हैं। इसके विपरीत सबसे कम
साक्षरता बिहार 53.33% है। केंद्र शासित प्रदेशों में चंडीगढ़ 81.38% दिल्ली
80.93% जैसे उच्च साक्षरता पाई जाती है।
निष्कर्ष
के रूप में यह देखा जाता है कि 18 राज्यों में स्त्री साक्षरता राष्ट्रीय औसत से अधिक
है तथा 10 राज्यों में राष्ट्रीय औसत से कम है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. भारत में लिंगानुपात विषमता के प्रमुख कारण बताइए? उत्तर-
उत्तर-
भारत में लिंगानुपात विषमता के प्रमुख कारण निम्न है-
क.
सामाजिक कारण एवं सांस्कृतिक कारण
ख.
आर्थिक कारक
ग.
प्रवास
घ.
महामारियाँ एवं युद्ध
क.
सामाजिक कारण- एवं सांस्कृतिक कारक भारत जैसे विकासशील देश
में बहुत सारे क्षेत्रों में सामाजिक एवं सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के कारण स्त्री की
अपेक्षा पुरुषों को अधिक महत्त्व दिया जाता है। पुरुष प्रधान समाज होने के कारण स्त्री-पुरुष
में भेदभाव किया जाता है अतः लिंगानुपात प्रतिकूल पाया जाता है और भ्रूण हत्या, स्त्री
शिशु हत्या, स्त्रियों के प्रति घरेलू हिंसा के कारण हत्या होती है।
ख.
आर्थिक कारक - सामान्यता यह देखा जाता है कि विकसित देशों
में लिंगानुपात अनुकूल होता है, लेकिन भारत जैसे विकासशील देश में लिंग अनुपात प्रतिकूल
होते हैं। बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव जिससे प्रसव के कारण स्त्री मृत्यु दर
अधिक होता है, साथ ही सामाजिक भेदभाव और आर्थिक कारण से स्त्री मृत्यु दर अधिक देखा
जाता है।
ग.
प्रवास- भारत जैसे विकासशील देश में ग्रामीण क्षेत्रों में - लिंगानुपात
अधिक पाया जाता है, जबकि नगरीय क्षेत्रों में लिंगानुपात कम पाया जाता है, क्योंकि
बहुत सारे ग्रामीण काम की तलाश में नगर की ओर पलायन करते हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्रों
की लिंगानुपात कम हो जाती है, इसके अलावा लड़कियां का विवाह हो जाने के कारण वह अपने
मायके क्षेत्र से ससुराल की ओर प्रवास करती है, जिससे • लिंगानुपात में असर पड़ता है।
घ.
महामारियाँ एवं युद्ध- सामान्यतः पुरुषों में स्त्रियों की अपेक्षा
कम प्रतिरोधक क्षमता पाया जाता है। अगर स्थिति सामान्य रही तो महामारियाँ के दौरान
पुरुष अधिक लपेटे में आ जाते हैं, जिससे उनकी मृत्यु ज्यादा होती है जिससे लिंगानुपात
पर गहरा असर पड़ता है। इसका सबसे अच्छा उदाहरण कोरोना (COVID-19) है।
अगर
किसी क्षेत्र में लंबे समय तक युद्ध छिड़ी हुई है तो वहां पुरुषों की संख्या में कमी
हो जाती है, क्योंकि प्रायः युद्ध के लिए अधिकतर पुरुष सैनिक ही भाग लेते हैं जिससे
पुरुष सैनिक मारे जाते हैं और लिंगानुपात में कमी हो जाती है। इसका अच्छा उदाहरण रूस
है, जिसका लिंगानुपात पर प्रतिकूल प्रभाव है।
2. मानव विकास क्या है? क्या साक्षरता मानव विकास के स्तर को परिलक्षित
करती है? विवेचना कीजिए।
उत्तर-
मानव विकास मानव जाति के सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक उत्थान व विकास से जुड़ा हुआ
होता है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के द्वारा 1990 में प्रकाशित पहली
मानव विकास रिपोर्ट के अनुसार, मानव विकास के प्रमुख तत्व - दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन,
शिक्षा तथा उच्च जीवन स्तर है राजनीतिक सामाजिक स्वतंत्रता मानव अधिकारों की गारंटी,
निर्भरता तथा आत्मसम्मान इसके प्रमुख तत्व है।
साक्षरता
मानव विकास के स्तर को परिलक्षित करती है-
साक्षरता
मानव विकास को निर्धारित करने वाले सूचकांकों में महत्वपूर्ण है। शिक्षा मानव विकास
की कुंजी है, शिक्षा के विकास से मानव का विकास करने का अवसर प्राप्त होता है। शिक्षा
से गरीबी, अज्ञानता, बंधुआकरण आदि की बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होता है। मानव सोच में
सकारात्मक वृद्धि होती है, अपनी समस्याओं से लड़ने की शक्ति आती है तथा समाधान का मार्ग
प्राप्त करने में प्रोत्साहन मिलता है।
विश्व
के विकसित देशों या भारत के विकसित राज्यों में जहां साक्षरता दर ऊंची है वहां के क्षेत्रों
में विकास में साक्षरता अहम भूमिका निभा रही है हम भारत के उच्च एवं निम्न साक्षरता
दर वाले राज्य और विकास के प्रादेशिक स्तर के अंतर को देख सकते हैं जैसे - भारत में
मानव विकास कोटि में केरल उच्चतम स्थान रखता है यहां साक्षरता दर देश में सबसे अधिक
हैं इसके विपरीत बिहार मानव विकास क्रम में सबसे निम्न स्तर रखता है, इसका मुख्य कारण
यहां की साक्षरता दर सबसे निम्न है। इससे स्पष्ट होता है कि मानव विकास सूचकांक तथा
साक्षरता दर में धनात्मक संबंध है । अतः साक्षरता मानव विकास स्तर को परिलक्षित करती
है।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
भाग 'अ' मानव भूगोल के मूलभूत सिद्धांत | |
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भाग 'ब'- भारत : लोग और अर्थव्यवस्था | |
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