प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Hindi Elective
पाठ-4 (ख) दिशा
पाठ परिचय
दिशा
कविता बाल मनोविज्ञान को बहुत ही सहजता से प्रस्तुत करती है। इस कविता की भाषा सहज
और सपाट है। कवि पतंग उड़ाते हुए एक बच्चे से पूछता है कि हिमालय किधर है। बालक अत्यन्त
भोलेपन से अपनी उड़ती हुई पतंग की दिशा में इशारा करते हुए कहता है कि उधर है। कवि
बालक के इस उत्तर पर मुग्ध हो जाता है और यह संदेश देता है कि हर व्यक्ति का अपना यर्थाथ
होता है। हमें किसी के प्रति निंदात्मक दृष्टिकोण नहीं रखना चाहिए। हर व्यक्ति अपने
ढंग से सोचता है, और यह सही भी है। यद्यपि यह कविता आकार में अत्यन्त छोटी है तथापि
इस कविता का संदेश यह है कि हम बड़े भी बच्चों से कुछ न कुछ सीख सकते हैं। कविता का
मूल प्रतिपाद्य यही है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. बच्चे का उधर-उधर कहना क्या प्रकट करता है?
उत्तर-
बच्चे का उधर-उधर, कहना प्रकट करता है कि वह इस बात को नहीं जानता है कि दिशाएँ चार
होती हैं। उसके ज्ञान के अनुसार तो दिशा एक ही है, जिधर उसकी पतंग उड़ती ही भागी चली
जा रही है। उसका सर्वस्व वही है।
प्रश्न 2. मैं स्वीकार करूँ मैंने पहली बार जाना हिमालय किधर है'- प्रस्तुत
पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
अपने प्रश्न हिमालय किधर है' के उत्तर में बालक द्वारा अपनी पतंग के उड़ने की दिशा
की ओर संकेत करना कवि को दुविधा में डाल देता है। वह सोचता है कि भले उस बच्चे ने अज्ञानतावश
गलत बताया है परन्तु उसके इस उत्तर में उसका भोलापन, निर्दोषिता, कोमलता एवं अपना यथार्थ
है। प्रत्येक व्यक्ति का अपना एक सत्य होता है। हम उसे गलत नहीं ठहरा सकते हैं। यह
बालक के बाल मनोविज्ञान का सच है और इसे झुठलाया भी नहीं जा सकता।
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
हिमालय किधर है?
मैंने उस बच्चे से पूछा जो स्कूल के बाहर
पतंग उड़ा रहा था
उधर-उधर, उसने कहा
जिधर उसकी पतंग भागी जा रही थी
मैं स्वीकार करूँ
मैंने पहली बार जाना
हिमालय किधर है!
उत्तर-
प्रसंग प्रस्तुत काव्यावतरण केदारनाथ सिंह की कविता 'दिशा' से उद्धृत है। यह छोटी-सी
कविता बाल मनोविज्ञान पर प्रकाश डालती है।
व्याख्या- कवि
एक पतंग उड़ा रहे बच्चे से हिमालय की दिशा के बारे में पूछता है। बालक अत्यन्त भोलेपन
और दृढ़ता से उत्तर देता है, उधर अर्थात् जिधर उसकी पतंग उड़ी जा रही थी। कवि को पहली
बार पता चलता है कि पारम्परिक ज्ञान से हटकर भी एक ज्ञान होता है। हिमालय की एक नयी
अवस्थिति के बारे में बालक बताता है, हालांकि वह गलत है फिर भी बालक के सत्य को झूठलाया
नहीं जा सकता क्योंकि यह ज्ञान उस पर आरोपित नहीं, अपितु बालसुलभ सहज सत्य है।
विशेष-
कविता छोटी है, सीधी, सपाट, सहज किन्तु बड़ा ही गूढ़ संदेश देती है कि हर व्यक्ति का
अपना यथार्थ होता है। और उस यथार्थ को अस्वीकार भी नहीं किया जा सकता।
प्रश्न 2. केदारनाथ सिंह की छोटी-सी कविता 'दिशा' का निहितार्थ क्या
है?
उत्तर-
कवि ने इस छोटी-सी कविता में वयस्कों और बच्चों के यथार्थ में अंतर को स्पष्ट करना
चाहा है। कवि के द्वारा हिमालय की दिशा पूछे जाने पर बालक अत्यन्त भोलेपन एवं दृढ़ता
से उत्तर देता है- उधर, जिधर उसकी पतंग उड़ी जा रही थी। कवि जानता है कि बच्चे का दिशा
ज्ञान सही नहीं है, पर दिशाओं के बारे में उसमें एक सहज बोध है और बच्चे निष्कपट होते
हैं, उनके सत्य में भोलापन होता है। उसे झुठलाना संभव नहीं है। बड़ों का यथार्थ बोध
ठोस धरातल पर होता है, जबकि बच्चों का निर्दोषिता, कोमलता और भोलापन लिए होता है। इस
छोटी-सी कविता का निहितार्थ यही है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. 'दिशा' कविता में कवि पर क्या प्रभाव होता है ?
उत्तर-
'हिमालय किधर है। इस प्रश्न पर पतंग उड़ाने में मग्न, मस्त बच्चे का अपनी उड़ती हुई
पतंग की दिशा में इंगित कर बतलाना कवि के मन को मोह लेता है, और कवि यह पाता है कि
हर व्यक्ति या बच्चे की अपनी सोच होती है, अपना यथार्थ होता है। अपना सत्य होता है।
हम उसके सत्य को कदापि नहीं झुठला सकते है।
प्रश्न 2. 'दिशा' शीर्षक कविता का मूल कथ्य क्या है ?
उत्तर-
यह कविता बाल मनोविज्ञान पर आधारित है। सबका यथार्थ अलग-अलग होता है। बच्चे की पतंग
जिस दिशा में उड़ रही है, वही उसका सर्वस्व है। उसे किसी और से लेना देना नहीं है वही
उनका सत्य है। कवि ने इस कविता के कुछ माध्यम से बतलाना चाहा है कि हर व्यक्ति या बच्चे
की सोच, मानसिकता, यथार्थबोध, सत्य अलग होता है और उसके लिए वही उचित है। यहाँ बच्चे
के भोलेपन और कोमलता को दिखाया गया है।
अति लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. दिशा कविता से हमें क्या संदेश मिलता है?
उत्तर-
इस कविता से हमें यह संदेश मिलता है कि हम बच्चों से भी भोलापन, सहजता, सरलता सीख सकते
हैं। निरंतर आगे बढ़ते रहना, अपनी खुशी तलाशना, छल-छदम से दूर होकर बच्चों की भाँति
सहज, सरल एवं शांत जीवन जीना ।
प्रश्न 2. हिमालय किधर है यह प्रश्न किसने किससे पूछा ?
उत्तर-
हिमालय किधर है यह प्रश्न कवि ने एक बच्चे से पूछा।
प्रश्न 3. बच्चा कौन-सा खेल खेल रहा था ?
उत्तर-
बच्चा पतंग उड़ा रहा था।
प्रश्न 4. 'दिशा' कविता किससे संबंधित है?
उत्तर-
बाल मनोविज्ञान से।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. कवि के प्रश्न पर बच्चे के उधर-उधर कहने का क्या अभिप्राय
है?
(1) पंतग की उड़ान की दिशा
(2)
उत्तर दिशा
(3)
पूर्व दिशा
(4)
ज्ञान न होने का संकेत
प्रश्न 2. 'दिशा' कविता का मूल भाव क्या है?
(1) बच्चे यथार्थ को अपने ढंग से देखते हैं
(2)
बच्चों को दिशा का ज्ञान देना आवश्यक है।
(3)
बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान देना आवश्यक है
(4) अपनी जिज्ञासाओं का समाधान स्वयं करना चाहिए
JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
अंतरा भाग 2 | ||
पाठ | नाम | खंड |
कविता खंड | ||
पाठ-1 | जयशंकर प्रसाद | |
पाठ-2 | सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | |
पाठ-3 | सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय | |
पाठ-4 | केदारनाथ सिंह | |
पाठ-5 | विष्णु खरे | |
पाठ-6 | रघुबीर सहाय | |
पाठ-7 | तुलसीदास | |
पाठ-8 | मलिक मुहम्मद जायसी | |
पाठ-9 | विद्यापति | |
पाठ-10 | केशवदास | |
पाठ-11 | घनानंद | |
गद्य खंड | ||
पाठ-1 | रामचन्द्र शुक्ल | |
पाठ-2 | पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी | |
पाठ-3 | ब्रजमोहन व्यास | |
पाठ-4 | फणीश्वरनाथ 'रेणु' | |
पाठ-5 | भीष्म साहनी | |
पाठ-6 | असगर वजाहत | |
पाठ-7 | निर्मल वर्मा | |
पाठ-8 | रामविलास शर्मा | |
पाठ-9 | ममता कालिया | |
पाठ-10 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | |
अंतराल भाग - 2 | ||
पाठ-1 | प्रेमचंद | |
पाठ-2 | संजीव | |
पाठ-3 | विश्वनाथ तिरपाठी | |
पाठ- | प्रभाष जोशी | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | ||
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