प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Hindi Elective
पाठ- 5 (क) एक कम
कवि परिचय
विष्णु
खरे का जन्म मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में हुआ। अंग्रेजी साहित्य में एम० ए० करने के
बाद उन्होंने अपने जीवन का प्रारंभ एक पत्रकार के रूप में किया। वे 'इंदौर समाचार के
उपसंपादक रहे। कॉलेज में अध्यापन कार्य किया। उनकी रचनाओं में एक गैर रूमानी समय में,
'खुद अपनी आँखों से 'सबकी आवाज के पर्दे में, "पिछला बाकी इत्यादि प्रमुख हैं।
विष्णु
खरे वस्तुतः नकार और अकविता के दौर के कवि हैं। उनकी कविताओं में विद्रोह और अस्तित्व
के स्वर दिखाई पड़ते हैं। उन्होंने अमानवीय स्थितियों के विरुद्ध मोर्चा खोला है। वे
हिंदी साहित्य के प्रतिनिधि कवियों में से एक थे। उन्हें हिंदी अकादमी दिल्ली का साहित्य
सम्मान, शिखर सम्मान, रघुवीर सहाय सम्मान, मैथिली शरण गुप्त सम्मान से सम्मानित किया
गया।
पाठ परिचय
एक
कम कविता के माध्यम से कवि ने स्वतंत्र भारत की तस्वीर प्रस्तुत की है। उन्होंने यह
बताया है कि परतंत्र भारतवासियों को यह उम्मीद थी कि आजादी के बाद सब कुछ अच्छा हो
जायेगा। सभी खुशहाल होंगे, सबको अधिकार मिलेंगे, परन्तु आजादी के बाद की तस्वीर ही
उलट गई। कुछ स्वार्थी, बेईमान और भ्रष्ट तो अमीर बन गए, परंतु भोली-भाली जनता की माली
हालत और भी ज्यादा खराब हो गई क्योंकि उनके भीतर नैतिकता तथा सत्यता भरी थी। कवि इस
माहौल में स्वयं को असमर्थ पाता है और ईमानदारों के प्रति अपनी सहानुभूति प्रकट करता
है। बेईमानी के ऊपर व्यंग्य करते हुए कहते हैं कि तुम सब निश्चिंत रहो। इस बेईमानी
की दौड़ में ये ईमानदार लोग बिल्कुल शामिल नहीं है। इसलिए उनकी प्रतिस्पर्धा में एक
कम है, अर्थात् भीख माँगता हुआ व्यक्ति, जिसे भीख माँगना स्वीकार है परंतु अनैतिकता
के बल पर वह कदापि आगे नहीं बढ़ना चाहता, अमीर होना नहीं चाहता।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1. कवि ने लोगों के आत्मनिर्भर, मालामाल और गतिशील होने के लिए
किन तरीकों की ओर संकेत किया है ? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर-
आजादी के बाद कवि ने भारत के अनेक लोगों को आत्मनिर्भर, मालामाल और गतिशील होते देखा
है। छलकपट, धोखाधडी, विश्वासघात, भ्रष्टाचार, स्वार्थपरता एवं अन्याय के बल पर लोगों
ने अपनी स्थिति को सुधारा है। अनेक लोग सामर्थ्यवान बनने के लिए ईमानदारी का त्याग
कर बेईमानी का सहारा लेते हैं, अनैतिक तरीकों से लोग धनवान बने हैं और दूसरों को धक्का
देते हुए आगे बढ़ने की प्रवृति को ही अपनी उन्नति का माध्यम बनाया है।
प्रश्न 2. हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को कवि ने ईमानदार क्यों कहा है?
स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-
हाथ फैलाने वाले व्यक्ति को कवि ने ईमानदार इसलिए कहा है क्योंकि वह अन्य लोगों की
भाँति धोखेबाजी. बेइमानी या रिश्वतखोरी नहीं कर सका। इसलिए वह धनवान बनने में असमर्थ
रहा और आज इतना गरीब हैं कि अपना पेट भरने के लिए उसे दूसरों के सामने हाथ फैलाना,
भीख मांगना पड़ रहा है। वह अपनी वास्तविक स्थिति को नहीं छिपाता, यदि वह अन्य लोगों
की भांति बेइमानी, धोखाधड़ी, करता तो आज वह भी उनके जैसा मालामाल हो जाता।
प्रश्न 3. कवि ने स्वयं को लाचार, कामचोर, धोखेबाज़ क्यों कहा है?
उत्तर-
हाथ फैलाने वाला व्यक्ति लाचार है, क्योंकि ईमानदारी के कारण वह धन संचय नहीं कर पाया।
वह कामचोर है उसने यदि ईमानदारीपूर्वक काम किया होता तो आज उसे हाथ फैलाने की जरूरत
नहीं पड़ती। वह धोखेबाज़ है, क्योंकि परिश्रम न करके उसने अपने आपको धोखा दिया है।
प्रश्न 4. मैं तुम्हारा विरोधी, प्रतिद्वंद्वी या हिस्सेदार नहीं' से
कवि का क्या अभिप्राय है?
उत्तर-
प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने ऐसे तबके के लोगों को संबोधित किया है जो भ्रष्टाचार
या अनैतिकता मे लिप्त थे। कवि कहता है कि तुम्हें मुझसे डरने या प्रतिस्पर्धा करने
की आवश्यकता नहीं है क्योंकि मैं तुम्हारा प्रतिद्वंदी नहीं। लेखक उन्हें पहले से आगाह
कर देना चाहते हैं कि वह इस दौड़ में सम्मिलित नहीं है। प्रस्तुत पंक्तियों के माध्यम
से कवि ने विरोध तथा कुछ न कर पाने का दुःख अभिव्यक्त किया है।
प्रश्न 5. भाव सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
(क) 1947 के बाद से
इतने लोगों के इतने तरीकों से
आत्मनिर्भर, मालामाल और गतिशील होते देखा है
उत्तर-
1947 के आजादी के बाद भारत के अनेक लोगों ने अनेक तरीकों से अनैतिक, भ्रष्टाचार बेइमानी
का रास्ता अपना कर स्वयं का विकास किया। वे धनवान और मालामाल बनते रहे। कवि यह कहना
चाहता है कि स्वतंत्रता के बाद देश की आस्थावान, ईमानदार और संवेदनशील जनता का स्वतंत्रता
से मोह भंग हो गया है। स्वतंत्रता सेनानियों की कल्पना का भारत अब दिखाई नहीं देता
है क्योंकि हर तरफ बेईमानी, धोखाधड़ी एवं स्वार्थपरता का बोल-बाला ब्याप्त है। कवि
ने व्यंजना पूर्ण भाषा का प्रयोग करते हुए देश की वर्तमान स्थिति का चित्रण किया है।
(ख) मानता हुआ कि हाँ मैं लाचार हूँ कंगाल या कोढ़ी
या मैं भला चंगा हूँ और कामचोर और
एक मामूली धोखेबाज
उत्तर-
इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि आज के समाज में आपसी भाईचारा, विश्वास
के स्थान पर धोखाधड़ी, अविश्वास बढ़ गया है। स्वतंत्रता के बाद देश की आस्थावान, ईमानदार
और संवेदनशील जनता का मोह भंग हो गया है। हर तरफ स्वार्थ परता का माहौल बना हुआ है।
अपने ही अपनो के द्वारा छले जा रहे हैं। ईमानदार व्यक्ति दो वक्त की रोटी के लिए भी
असमर्थ है। वह दूसरों के सामने हाथ फैला कर भीख मांगने के लिए विवश है। आज समाज में
ईमानदार लोगों की कमी है।
(ग) तुम्हारे सामने बिलकुल नंगा निर्लज्ज और निराकांक्षी
मैंने अपने को हटा लिया है हर होड़ से
उत्तर-
देश की ईमानदार, आस्थावान, संवेदनशील जनता का अपने ही लोगों द्वारा छले जाने से मोह
भंग हो रहा है। कवि ईमानदार लोगों के प्रति सहानुभूति तथा स्वयं को भ्रष्टाचारियों
के विरुद्ध कुछ न कर पाने की स्थिति में पाता है। वह ऐसे लोगों के जीवन-संघर्ष में
बाधक नहीं बनना चाहता है।
प्रश्न 6. शिल्प-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- --
(क) कि अब जब आगे कोई हाथ फैलाता है
पच्चीस पैसे एक चाय या दो रोटी के लिए
तो जान लेता हूँ
मेरे सामने एक ईमानदार आदमी औरत या बच्चा खड़ा है।
उत्तर-
(1)
भाषा में सरलता, सजीवता व प्रवाहमयता है।
(2)
"हाथ फैलाना" मुहावरे के प्रयोग से कवि ने कथन को प्रभावपूर्ण बनाया है।
(3)
पच्चीस पैसे में अनुप्रास अलंकार है।
(4)
काव्यांश में मुक्त छंद का प्रयोग है।
(ख) मैं तुम्हारा विरोधी प्रतिद्वंदी हिस्से दार नहीं
मुझे कुछ देकर या न देकर भी तुम
निश्चिंत रह सकते हो।
उत्तर-
(1)
भाषा में व्यंजना- शक्ति का प्रयोग करते हुए यह बताया गया है कि आज सभी में एक दूसरे
से आगे निकलने की होड़ लगी है। किन्तु कवि स्वयं को इस होड़ से अलग बताता है। वह संपन्न
वर्ग की राह में बाधक नहीं।
(2)
ये पंक्ति मुक्त छंद में लिखी गई है।
(3)
व्यंजनात्मक शैली का प्रयोग किया गया है।
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
(1) "जब कोई आगे हाथ फैलाता है पच्चीस पैसे एक चाय या दो रोटी
के लिए तो जान लेता हूँ मेरे सामने एक ईमानदार आदमी औरत या बच्चा खड़ा है"। इन
पंक्तियों के प्रकाश में एक कम का मर्म खोलिए ।
उत्तर-
कवि ने आज़ादी के बाद भारत के अनेक लोगों को आत्मनिर्भर, मालामाल और गतिशील होते देखा।
छल- कपट, धोखाधडी, विश्वासघात भ्रष्टाचार, स्वार्थपरता एवं अन्याय के बल पर लोगों ने
अपनी स्थिति को सुधारा है। अनैतिक तरीकों से लोग धनवान बने हैं और दूसरों को धक्का
देकर आगे बढ़ने की प्रवृत्ति को ही उन्होंने अपनी उन्नति का साधन बनाया है। इस पंक्ति
में एक व्यक्ति कम है वे हैं भिखारी । हाथ फैलाने वाले अर्थात् भीख मांगने वाले व्यक्ति
को कवि ने ईमानदार इस लिए कहा है, क्योंकि अन्य लोगों की तरह उन्होंने धोखाधड़ी, बेईमानी
या रिश्वतखोरी नहीं की। इसलिए वह धनवान नहीं बन सका और आज इतना गरीब है कि पेट भरने
के लिए उसे दूसरों के आगे हाथ फैलाना पड़ता है।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
(1) कवि किसे ईमानदार मानते हैं?
उत्तर-
कवि ने हाथ फैलाने वाले को ईमानदार कहा है।
(2) हाथ फैलाने वाले को कवि ने ईमानदार क्यों कहा है?
उत्तर-
हाथ फैलाने वाले को कवि ने ईमानदार इसलिए कहा है
क्योंकि वे अपनी वास्तविक स्थिति को नहीं छुपाते।
(3) स्वतंत्रता के बाद किस तरह के लोग धनी (संपत्र) बन रहे हैं?
उत्तर-
सन् 1947 की आजादी के बाद स्वतंत्र भारत में लोग विभिन्न तरीके से आत्मनिर्भर और सम्पन्न
थे। ये वही लोग हैं जो स्वार्थी और सत्ता लोलुप है। ये सभी आज संपन्न है। इन्होंने
अपने अमानवीय गुणों के बल पर धन संपत्ति एकत्र कर ली है।
(4) कवि ने स्वयं को किस होड़ से अलग माना है?
उत्तर-
कवि ने स्वयं को धन अर्जित कर सम्पन्न बनने की होड़ से अलग माना है। क्योंकि इस होड़
में वे लोग सम्मिलित हैं जो बेइमानी, भ्रष्टाचार, अनैतिकता से धन अर्जित करने में लगे
हैं। कवि अपने आप को इनसे अलग मानता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1. 'एक कम कविता के कवि कौन है?
(1)
रामविलास शर्मा
(2) विष्णु खरे
(3)
महादेवी वर्मा
(4)
रामधारी सिंह दिनकर
प्रश्न 2. कविता में कवि ने किसके प्रति सहानुभूति दिखाई है?
(1)
बेइमान के प्रति
(2)
धोखेबाज के प्रति
(3) ईमानदार के प्रति
(4)
इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 3. विष्णु खरे का जन्म कब हुआ?
(1) सन् 1940
(2)
सन् 1840
(3)
सन् 1945
(4)
सन् 1845
प्रश्न 4. समाज में किस तरह के लोग संपत्र (धनी) बनते जा रहे हैं?
(1)
धोखेबाज
(2)
स्वार्थी
(3)
बेईमान
(4) इनमें से सभी
प्रश्न 5. निम्नलिखित में से कौन सी रचना विष्णु खरे की नहीं है?
(1)
एक कम
(2)
सत्य
(3) विपथगा
(4)
खुद अपनी आँख से
प्रश्न 6. कविता के आधार पर 1947 के बाद किसका प्रभाव अधिक है?
(1)
सत्य का
(2)
ईमानदारी का
(3)
आपसी भाईचारे का
(4) धोखेबाजों का
प्रश्न 7. कविता के आधार पर कौन व्यक्ति आत्मनिर्भर और मालामाल है?
(1)
देशभक्त
(2)
ईमानदार
(3) धोखेबाज
(4) इनमें से सभी
JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
अंतरा भाग 2 | ||
पाठ | नाम | खंड |
कविता खंड | ||
पाठ-1 | जयशंकर प्रसाद | |
पाठ-2 | सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | |
पाठ-3 | सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय | |
पाठ-4 | केदारनाथ सिंह | |
पाठ-5 | विष्णु खरे | |
पाठ-6 | रघुबीर सहाय | |
पाठ-7 | तुलसीदास | |
पाठ-8 | मलिक मुहम्मद जायसी | |
पाठ-9 | विद्यापति | |
पाठ-10 | केशवदास | |
पाठ-11 | घनानंद | |
गद्य खंड | ||
पाठ-1 | रामचन्द्र शुक्ल | |
पाठ-2 | पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी | |
पाठ-3 | ब्रजमोहन व्यास | |
पाठ-4 | फणीश्वरनाथ 'रेणु' | |
पाठ-5 | भीष्म साहनी | |
पाठ-6 | असगर वजाहत | |
पाठ-7 | निर्मल वर्मा | |
पाठ-8 | रामविलास शर्मा | |
पाठ-9 | ममता कालिया | |
पाठ-10 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | |
अंतराल भाग - 2 | ||
पाठ-1 | प्रेमचंद | |
पाठ-2 | संजीव | |
पाठ-3 | विश्वनाथ तिरपाठी | |
पाठ- | प्रभाष जोशी | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | ||
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