प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11 Hindi Elective
अभिव्यक्ति और माध्यम
पाठ 4. पटकथा लेखन
स्मरणीय तथ्य
☞ पटकथा कुछ और नहीं कैमरे से फिल्म के परदे पर दिखाए जाने
के लिए लिखी हुई कथा है।- मनोहर श्याम जोशी
☞ मनोहर श्याम जोशी ने कई उपन्यासों आदि के साथ- साथ एक
महत्वपूर्ण पुस्तक लिखी जिसका शीर्षक है-'पटकथा लेखन एक- परिचय। इसी पुस्तक के
दूसरे अध्याय का शीर्षक है 'पटकथा क्या बला है?'
☞ पटकथा दो शब्दों की मेल से बना है 'पट' और 'कथा'। कथा का
मतलब है कहानी और पट का अर्थ होता है परदा। अर्थात् ऐसी कथा जो परदे पर दिखाई जाए
पटकथा कहलाता है।
☞ सिनेमा और टेलीविजन दोनों ही माध्यमों के लिए बनने वाली फिल्मों,
धारावाहिकों आदि का मूल आधार पटकथा ही होता है।
☞ किसी भी फिल्म यूनिट या धारावाहिक बनाने वाली कंपनी को पटकथा
तैयार करने के लिए सबसे पहले जो चाहिए होती है, वह है 'कथा'।
☞ शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के प्रसिद्ध उपन्यास देवदास को
हिंदी में तीसरी बार फिल्माया गया।
☞ हिंदी के कई जाने-माने लेखकों मुंशी प्रेमचंद,
फणीश्वरनाथ रेणु, धर्मवीर भारती, मन्नू भंडारी आदि की तमाम रचनाओं को समय-समय पर
रुपहले परदे पर उतारा गया है।
☞ पटकथा का रूपांतर अंग्रेजी में स्क्रीनप्ले है।
☞ सिनेमा में फ़्लैशबैक या फ़्लैश फॉरवर्ड तकनीकों का
इस्तेमाल करके घटनाक्रम को किसी भी रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं।
☞ फ़्लैशबैक वह तकनीक होती है, जिसमें अतीत में घटी किसी
घटना को दिखाते हैं।
☞ फ़्लैश फॉरवर्ड वह तकनीक है जिसमें भविष्य में होने वाले
किसी घटना को पहले ही दिखा देते हैं।
☞ फ़्लैशबैक और फ़्लैश फॉरवर्ड दोनों ही युक्तियाँ का इस्तेमाल
करने के पश्चात् वापस वर्तमान में आना जरूरी होता है।
पाठ से संवाद
1. फ़्लैशबैक तकनीक और फ़्लैश फारवर्ड तकनीक
के दो दो उदाहरण दीजिए। आपने कई फिल्में देखी होगी। अपनी देखी किसी एक फ़िल्म को ध्यान
में रखते हुए बताइए कि उनमें दृश्यों का बंटवारा किन आधारों पर किया गया।
उत्तर- फ़्लैशबैक तकनीक वह होती है, जिसमें अतीत में घटी
किसी घटना को दिखाते हैं अर्थात् वर्तमान से अतीत में जाना फ़्लैशबैक की तकनीक कहलाता है। वहीं, फ़्लैश फॉरवर्ड
तकनीक वह है, जिसमें भविष्य में होने वाले किसी हादसे को पहले दिखा देते हैं।
रांगेय राघव की कहानी गूंगे के दृश्य से जहां कुछ लड़के मिलकर
एक दुबले पतले लड़के को पीट रहे हैं। मार खाकर लड़का भाँगकर दरवाजे पर पहुंचता है।
घर के भीतर से चमेली आती है. उसके साथ उसके बच्चे शकुंतला और वसंता भी हैं। चमेली खून
से लथपथ गंगै को देखती हैं, जो अपनी व्यथा को व्यक्त करने मैं असमर्थ है। चमेली को
वह दिन याद आता है, जिस दिन अनाथालय में पहली बार उसकी मुलाकात गूंगे से हुई थी। यही
वर्तमान से अतीत में जाना फ़्लैशबैक है।
फ़्लैश फॉरवर्ड समझने के लिए मोहन राकेश के नाटक 'अंडे के
छिलके' का वो दृश्य लेते हैं, जहां वीना घर को ठीक-ठाक कर रही है और उसे अंडे के छिलके
से भरे हुए मजे मिलता है। इस दृश्य को फ़्लैश फॉरवर्ड तकनीक का प्रयोग करें तो दृश्य
इस प्रकार बनाया जा सकता है। अचानक वीना में यह विचार कौंधती है कि यह मजा उसकी सास
जमुना देवी के हाथों लग गए हैं और वो पूरे परिवार तथा पड़ोसियों के सामने मोजों में
से अंडे के छिलके जमीन पर गिरकर उससे बुरा-भला कह रही है।
शेखर जोशी की कहानी 'गलता लोहा' में फ़्लैशबैक और फ़्लैश
फॉरवर्ड को साथ-साथ देखा जा सकता है। मोहन जब घर से हंसुवे की धार लगवाने के लिए शिल्पकार
टोले की ओर जाने लगता है तो उसे स्कूल की यादें आ जाती है वह फ्लैशबैक में चला जाता
है। वहीं, मोहन के बारे मास्टर त्रिलोक सिंह का सोच कि मोहन बड़ा अफ़सर बन गया है फ़्लैश
फॉरवर्ड है।
2. पटकथा लिखते समय किन-किन बातों का ध्यान
रखना जरूरी है और क्यों ?
उत्तर- पटकथा लिखते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी
है-
1. पटकथा की मूल इकाई होती है दृश्य। प्रत्येक दृश्य के साथ
होने वाली घटना के समय का संकेत भी दिया जाना चाहिए।
2. दृश्य संख्या के साथ दृश्य की लोकेशन या घटनास्थल का उल्लेख
अवश्य करना चाहिए; जैसे कमरा है, पार्क है, रेलवे स्टेशन है या शेर की माद आदि।
3. किसी दृश्य का बंटवारा करते समय ध्यान रखना चाहिए कि हमने
किस आधारों पर दृश्य का बंटवारा किया है।
4. पटकथा लिखते समय शुरू में दृश्य की जानकारी दी जानी जरूरी
होती हैं वह ये कि घटना खुले में घट रही है या किसी बंद जगह में।
5. पटकथा में पात्रों के संवाद बोलने के ढंग के निर्देश भी
दिए जाने चाहिए।
6. दृश्य के अंत में कट टू डिजाल्व टू, फेड आउट
आदि जैसी जानकारी निर्देशक व एडिटर
को अवश्य देनी चाहिए।
बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर
1. फिल्मों, धारावाहिकों आदि का मूल आधार क्या
होती है?
(क) कथा
(ख) पटकथा
(ग) परदा
(घ) रंगशाला
2. 'पटकथा-एक परिचय' पुस्तक किसकी है ?
(क) मनोहर श्याम जोशी
(ख) शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
(ग) मुंशी प्रेमचंद
(घ) धर्मवीर भारती
3. किस उपन्यास को हिंदी में तीसरी बार फिल्माया
गया है?
(क) गोदान
(ख) शतरंज के खिलाड़ी
(ग) देवदास
(घ) पूस की रात
4. अतीत
में हो चुकी घटनाएं किस तकनीक से प्रस्तुत की जाती है ?
(क) फ्लैशलाइट
(ख) फ़्लैश फारवर्ड
(ग) फ्लैशलाइव
(घ) फ़्लैशबैक
5. अविष्य में होने वाली घटनाओं को किस तकनीक
से स्तुत की जाती है ?
(क) फ्लैशलाइट
(ख) फ़्लैश फॉरवर्ड
(ग) फ्लैशलाइव
(घ) फ़्लैशबैक
6. पटकथा
में कितने घटनास्थल होते हैं?
(क) एक
(ख) पन्द्रह
(ग) पच्चीस
(घ) असीमित
7. नाटक
में घटनास्थल प्राय होता है ?
(क) असीमित
(ख) सीमित
(ग) नियंत्रित
(घ) अनियंत्रित
8. देवदास किसकी प्रसिद्ध उपन्यास है ?
(क) शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
(ख) मनोहर श्याम जोशी
(ग) बंकिम चंद्र चटर्जी
(घ) सत्यजीत राय
9. पटकथा
कुछ और नहीं कैमरे से फिल्म के परदे पर दिखाए जाने के लिए लिखी हुई कथा है। कथन किसका है?
(क) शरतचंद्र चट्टोपाध्याय
(ख) मनोहर श्याम जोशी
(ग) बंकिम चंद्र चटर्जी
(घ) सत्यजीत राय
10. पटकथा की मूल इकाई होती है-
क) संवाद
(ख)
स्थान
(ग) समय
(घ) दृश्य
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. पटकथा क्या है ?
उत्तर- 'पटकथा' दो शब्दों के मेल से बना है 'पट' और 'कथा'।
'कथा' का मतलब है कहानी और 'पट' का अर्थ होता है परदा। अर्थात् ऐसी कथा जो परदे पर
दिखाई जाए पटकथा कहलाता है।
2. फ़्लैशबैक और फ़्लैश फॉरवर्ड में क्या अंतर
है ?
उत्तर- फ़्लैशबैक में अतीत के घटना को दिखाया जाता है जबकि
फ़्लैश फॉरवर्ड में भविष्य में होने वाली किसी घटना को पहले ही दिखाया जाता है।
3. 'पटकथा लेखन-एक परिचय' पुस्तक के लेखक कौन
है?
उत्तर- 'पटकथा लेखन-एक परिचय' पुस्तक के लेखक मनोहर श्याम
जोशी हैं। इस पुस्तक के दूसरे अध्याय का शीर्षक है 'पटकथा क्या बला है ?'
4. स्क्रीनप्ले से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- स्क्रीनप्ले अंग्रेजी का शब्द है, जिसका हिंदी रूपांतर
'पटकथा' है। पटकथा अर्थात् वह कथा जिसे परदे पर दिखाया जा सके।
5. पटकथा का स्रोत क्या है ?
उत्तर- पटकथा के कई स्रोत हो सकते हैं हमारे स्वयं के साथ
या आसपास की जिंदगी में घटी कोई घटना, अखबार में छपा कोई समाचार, हमारी कल्पना शक्ति
से उपजी कोई कहानी, इतिहास के पन्नों में झांकता कोई व्यक्तित्व या सच्चा किस्सा अथवा
साहित्य की किसी अन्य विद्या की कोई रचना।
6. उन साहित्यकारों का नाम लिखें जिनकी रचनाओं
से फिल्में बनी है।
उत्तर- मशहूर साहित्यकार जिनकी रचनाओं में फिल्में बनी है।
वे हैं- शरतचंद्र चट्टोपाध्याय, विभूतिभूषण बंदोपाध्याय, प्रेमचंद, फणीश्वरनाथ रेणु,
धर्मवीर भारती, मन्नू भंडारी आदि तमाम रचनाकारों की रचनाओं को समय-समय पर रुपहले परदे
पर उतारा गया है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. नाटक और फिल्म की पटकथा में क्या अंतर है
? विस्तारपूर्वक वर्णन करें।
उत्तर- नाटक और फिल्म की पटकथा में मूलभूत अंतर निम्नलिखित
हैं -
1. दृश्य की लंबाई- नाटक की दृश्य अकसर अधिक लंबे होते हैं
और फिल्मों में दृश्य छोटे-छोटे होते हैं।
2.
नाटक में आमतौर पर सीमित घटनास्थल होते हैं, जबकि फिल्म में इसकी कोई सीमा नहीं, हर
दृश्य किसी नए स्थान पर घटित हो सकता है।
3.
नाटक एक सजीव कला माध्यम है, जहां अभिनेता अपने ही जैसे जीवंत दर्शकों के सामने, अपनी
कला का प्रदर्शन करते हैं। सब कुछ वहीं, उसी वक्त घट रहा होता है। जबकि सिनेमा या टेलीविजन
में पूर्व रिकॉर्डेड छवियां एवं ध्वनियां होती हैं।
4.
एक निश्चित अवधि के दौरान नाटक का पूरा कार्य-व्यापार एक ही मंच पर घटित होता है। जबकि
फिल्म या टेलीविजन की शूटिंग अलग- अलग सेटों या लोकेशनों पर दो दिन से लेकर दो साल
तक की अवधि में की जा सकती है। इसलिए नाटक का कार्य-व्यापार, दृश्यों की संरचना और
चरित्रों की संख्या आदि को सीमित रखना पड़ता है, लेकिन सिनेमा या टेलीविजन में ऐसा
कोई बंधन नहीं होता।
5. नाटक की कथा का विकास 'लीनियर' मतलब एक-रेखीय होता है, जो एक ही दिशा में आगे बढ़ता है। जबकि सिनेमा में फ़्लैशबैक या फ़्लैश फारवर्ड तकनीकों का इस्तेमाल करके घटनाक्रम को किसी भी रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
पाठ सं. | पाठ का नाम |
अंतरा भाग -1 | |
गद्य-खंड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
काव्य-खंड | |
9. | |
10. | |
11. | |
12. | |
13. | |
14. | |
15. | |
16. | |
अंतराल भाग 1 | |
1. | |
2. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |