प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11 Hindi Elective
अंतरा भाग -1 काव्य-खंड
पाठ 16. घर में वापसी
कवि परिचय [धूमिल (सन् 1936-1975)]
सुदामा पांडेय 'धूमिल' का जन्म वाराणसी के पास खेवली
नामक गाँव में हुआ। सन् 1958 में आई. टी. आई. वाराणसी से विद्युत डिप्लोमा किया और
वहीं पर अनुदेशक के पद पर नियुक्त हो गए। असमय ही ब्रेन ट्यूमर से धूमिल की मृत्यु
हो गई।
धूमिल की अनेक कविताएँ समकालीन पत्र-पत्रिकाओं में बिखरी
पड़ी हैं, कुछ अभी तक अप्रकाशित भी हैं। 'संसद से सड़क तक', 'कल सुनना मुझे' और
'सुदामा पांडेय का प्रजातंत्र उनके काव्य- संग्रह है। है। धूमिल धूरि को मरणोपरांत
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
धूमिल के काव्य-संस्कारों के भीतर एक खास प्रकार का
गंवईपन है, एक भदेसपन, जो उनके व्यंग्य को धारदार और कविता को असरदार बनाता है।
उन्होंने अपनी कविता में समकालीन राजनीतिक परिवेश में जी रहे जागरूक 'व्यक्ति' की
तस्वीर पेश की है और 1960 के बाद के मोहभंग को प्रभावशाली ढंग से अभिव्यक्त किया
है। संघर्षरत मनुष्यों के प्रति धूमिल के मन में अगाध करुणा है। उन्हें ऐसा लगता
है कि समकालीन परिवेश इस करुणा का शत्रु है। इसीलिए उनकी कविता में यह करुणा कहीं
आक्रोश का रूप धारण कर लेती है तो कहीं व्यंग्य और चुटकुलेबाज़ी का। साठोतरी कविता
के इसी आक्रोश और ज़मीन से जुडी मुहावरेदार भाषा के कारण धूमिल की कविताएँ अलग से
पहचानी जा सकती हैं।
धूमिल की काव्य भाषा और काव्य शिल्प में एक ज़बर्दस्त
गरमाहट है। ऐसी गरमाहट जो बिजली के ताप से नहीं, जेठ की दुपहरी से आती है।
पाठ परिचय
'घर में वापसी' धूमिल की एक प्रमुख कविता है जिसमें गरीबी
से संघर्षरत परिवार की व्यथा कथा है। मनुष्य संसार की आगमभाग भरे जीवन से राहत पाने
के लिए स्नेह महत्त्व अपनत्व और सुरक्षा भरे माहौल में घर बनाता है और उसमें रहता है।
यहाँ विडंबना यह है कि तमाम रिश्ते-नाते, स्नेह और अपनत्व के बीच गरीबी की दीवार खड़ी
है। गरीबी से लड़ते-लड़ते अब इतनी भी ताकत नहीं रही कि रिश्तों में ऊर्जा का संचार
पैदा करने हेतु कोई चाबी बनाई जा सके और इस जटिल ताले को खोला जा सके। कविता में ऐसे
घर की आकांक्षा है जहाँ गरीबी दीवार की तरह बाधक न हो माता-पिता, बेटी, पत्नी आदि का
स्नेहिल वातावरण हो ताकि जीवन-संघर्ष में घर का सुख प्राप्त हो सके।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
1. घर
एक परिवार है, परिवार में पाँच सदस्य हैं, किंतु कवि पाँच सदस्य नहीं उन्हें पाँच
जोड़ी आँखें मानता है। क्यों?
उत्तरः- कवि के अनुसार मनुष्य इस संघर्ष भरे जीवन में
चैन पाने के लिए स्नेह, ममता, अपनत्व और सुरक्षा से भरे घर का निर्माण करता है।
उसका भी एक घर है जिसमें पाँच जोडी आँखै अर्थात् परिवार के पाँच सदस्य रहते हैं।
घर का हर सदस्य एक सदस्य न होकर एक जोड़ी आँख है। इसका कारण यह है कि आँखें संवाद
का कार्य नहीं करतीं। वे सिर्फ एक-दूसरे को देख सकती हैं। यही स्थिति कवि के घर की
है। गरीबी के कारण वे साथ अवश्य रहते हैं, परंतु उनमें भावनात्मक लगाव नहीं है।
2. "पत्नी
की आँखें आँखें नहीं हाथ हैं, जो मुझे थामे हुए हैं" से कवि का क्या अभिप्राय
है?
उत्तरः इस पंक्ति द्वारा कवि यह कहना चाहता है कि उसकी
पत्नी की आँखें उन दो हाथों के समान हैं, जो प्रत्येक परेशानी में उसका सहारा बनी
हुई हैं और उसे बिखरने टूटने से बचाती हैं। आशय यह है कि निर्धनता के इस संकट में
पत्नी की आँखों में असंतोष, निराशा या वेदना का भाव न होकर पति के प्रति आत्मीयता
व सहानुभूति का भाव है।
इस भाव के कारण कवि को सहारा मिलता है और वह यह अनुभव
करता है कि मेरी इस यात्रा में मेरी पत्नी मेरे साथ है।
3. 'वैसे हम स्वजन है, करीब है',.... क्योंकि
हम पेशेवर गरीब हैं' से कवि का क्या आशय है? अगर अमीर होते तो क्या स्वजन और करीब नहीं
होते?
उत्तरः- उपर्युक्त पंक्तियों से कवि का आशय है- निर्धनता
जीवनयापन करने से उसके व परिवार के अन्य सदस्यों में दूरियों उत्पन्न हो गई हैं,
लेकिन फिर भी उन्होंने परिस्थितियों से एक पेशेवर की तरह समझौता कर लिया। यह कथन
सत्य है कि यदि कवि और उसके स्वजन अमीर होते तो उनके बीच की दूरियों कम होती,
क्योंकि धनाभाव के कारण उनमें एक-दूसरे के प्रति प्रेम की अभिव्यक्ति समाप्त हो गई
है। रिश्तों में स्थायित्व बनाए रखने के लिए आवश्यक है अपने माता-पिता, पत्नी,
बेटी इत्यादि के हृदयगत प्रेम को अभिव्यक्त करना, जिसका अभाव कविता के चरित्रों
में दिखाई देता है। उनकी संपूर्ण शक्ति जीवित रहने के लिए आवश्यक वस्तुओं को
एकत्रित करते हुए समाप्त हो रही है, इसलिए यदि उनके पास धन होता तो वे अधिक करीब
होते।
4. 'रिश्ते हैं, लेकिन खुलते नहीं' कवि के
सामने ऐसी कौन- सी विवशता है जिससे आपसी रिश्ते भी नहीं खुलते हैं?
उत्तर:- 'रिश्ते हैं; लेकिन खुलते नहीं' का अर्थ यह है
कि परिवार के सभी सदस्य ऑपस में एक-दूसरे से बहुत प्यार करते है, गरीबी के कारण
अपने प्यार को प्रकट नहीं कर पाते। कवि अपने परिवार के सदस्यों की इच्छाओं के विषय
में जानता है, किंतु गरीबी के कारण उन्हें पूरा नहीं कर पाता। आशय यह है कि
अर्थाभाव के कारण सभी लोग अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं कर पाते। आर्थिक संकट
से संबंधों की मधुरता समाप्त हो गई है।
5. निम्नलिखित पंक्तियों का काव्य-सौंदर्य
स्पष्ट कीजिए-
(क) माँ की आँखें पड़ाव से पहले ही तीर्थ यात्रा
की बस के दो पंचर पहिए हैं।
(ख) पिता की आँखें; लोहसाँय की ठंडी
शलाखें हैं।
उत्तरः- (क) काव्य-सौंदर्य :- भाव पक्ष- कवि अपनी
माँ की आँखों की तुलना तीर्थ-यात्रा पर जाती बस के उन दो पहियों से करता है, जो
अपनी मंजिल पर पहुँचने से पहले ही पंचर हो गए हैं अर्थात् माँ ने धर्ममय जीवन जीते
हुए भी असफलता ही पाई है। उन आँखों में असंतोष है जो असमय ही अपना महत्व और तेज खो
बैठी हैं।
कला पक्ष-
(i) खड़ी बोली का प्रयोग है।
(ii) छंद मुक्त और अतुकांत रचना है।
(iii) प्रसाद गुण के दर्शन होते हैं।
(iv) 'पंचर पहिए' का अनुप्रास अलंकार है।
(v) 'पड़ाव' मृत्यु तथा 'तीर्थ-यात्रा' जीवनरूपी यात्रा का
प्रतीक है। 'दो पंचर पहिए' अस्त-व्यस्त जीवन की स्थिति सुधरने की आशा से विहीन आँखों
के प्रतीक हैं।
(vi) 'पंचर पहिए' यह तुलना कवि की नवीन कल्पना शक्ति का परिचायक
है।
(ख) काव्य-सौंदर्य :- भाव पक्ष- कवि अपने घर के धनाभाव के बारे में बताते हुए कहता है कि
पिता की आँखें सपना देखती हैं, किंतु जिस प्रकार लोहे के औज़ार बनाने वाली भट्टी में
ठंडी शलाखें कुछ नया निर्माण नहीं कर पातीं, उसी प्रकार उनके सपने भी अधूरे रह जाते
हैं। उनमें अब नए निर्माण की क्षमता चुक गई है।
कला पक्ष-
(i) खड़ी बोली का प्रयोग है
(ii) छंद मुक्त और अतुकांत रचना है।
(iii) प्रतीकात्मकता है।
(iv) भाषा सहज है।
(v) सुंदर बिंब विधान है।
(vi) 'लोहसाँय' जीवन का तथा 'ठंडी शलाखें' निराशा के प्रतीक
है।
(vii) पिता की आँखें, लोहसाँय की ठंडी शलाखें हैं यह तुलना
कवि की नवीन कल्पना शक्ति का परिचायक है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. सुदामा पांडे धूमिल का जन्म कहाँ हुआ
था ?
क. इलाहाबाद
ख. लखन
ग. वाराणसी
घ. बलिया
2. धूमिल का जन्म कब हुआ था
क. 1934
ख. 1935
ग. 1936
घ. 1937
3. निम्नलिखित में से कौन-सा काव्य-संग्रह
धूमिल का है?
क. संसद से सड़क तक 1972
ख. कल सुनना मुझे 1977
ग. सुदामा पांडे का प्रजातंत्र 1984
घ. उपर्युक्त सभी
4. धूमिल की कौन-सी कविता जातिगत वर्ग भेद
पर केंद्रित है?
क. मोचीराम
ख. कविता
ग. पटकथा
घ. अकाल-दर्शन
5. धूमिल की किस रचना को साहित्य अकादमी पुरस्कार
प्राप्त हुआ ?
क. संसद से सड़क तक
ख. कल सुनना मुझे
ग. सुदामा पांडे का प्रजातंत्र
घ. इनमें से कोई नहीं
6. धूमिल की कविताओं में जैसे शब्दों का प्रयोग
हुआ है, यह शब्द किस क्षेत्र से में जनतंत्र, सांसद, मतदान, चुनाव संबंधित हैं?
क. समाज से
ख. राजनीति से
ग. अध्यात्म से
घ. उपर्युक्त सभी
7. 'घर में वापसी' कविता का केंद्रीय विषय
क्या है?
क. पुत्र का विवाह
ख. भाई का प्रवास
ग. गरीब से संघर्षरत परिवार की व्यथा
घ. इनमें से कोई नहीं
8. घर में वापसी कविता के आधार पर बताइए कि
तमाम रिश्ते-नाते स्नेह और अपनत्व के बीच क्या खड़ी है?
क. गरीबी की दीवार
ख. आपसी मतभेद
ग. प्यारी माँ
घ. माँ की आँखें
9. 'घर
में वापसी' कविता में कैसे घर की आकांक्षा है ?
क. जहाँ गरीबी न हो
ख. जहाँ स्नेहपूर्ण वातावरण हो
ग. जहाँ जीवन संघर्ष के साथ सुख भी हो
घ. उपर्युक्त सभी
10. कवि
ने किसकी आँखों को 'तीर्थ यात्रा की बस के दो पंचर पहिए' कहा है?
क. माँ की आँखें
ख. पिता की आँखै
ग. पत्नी की आँखें
घ. उपर्युक्त सभी
11. कविता में बेटी की आँखों की तुलना किससे
की गई है?
क. तीर्थ यात्रा की बस के पहिए से
ख. मंदिर में दीवार पर जलते दिए से
ग. लोहसाँय की ठंडी शलाखें
घ. इनमें से कोई नहीं
12. काव्यनायक के हाथों को कौन थामे हुए हैं ?
क.
पिता की आँखें
ख.
माता की आँखें
ग.
बहन की आँखें
घ. पत्नी की आँखें
13. 'पहाड़ से पहले' और 'पंचर पहिए' में कौन-सा अलंकार है?
क. अनुप्रास अलंकार
ख.
रूपक अलंकार
ग.
यमक अलंकार
घ.
इनमें से कोई नहीं
14. 'मेरे घर में पाँच जोड़ी आँखें हैं' ये आँखें किनकी है?
क. परिवार के पाँच सदस्यों की
ख.
परिवार के मुखिया की
ग.
परिवार की स्त्रिों की
घ.
ख और ग दोनों
15. 'माँ की आँखें पड़ाव से पहले ही तीर्थ यात्रा की बस के दो पंचर
पहिए हैं। पंक्ति में 'पड़ाव' शब्द किसका प्रतीक है?
क.
ठहराव
ख. मृत्यु
ग.
नींद
घ.
उपर्युक्त सभी
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. "धूमिल
साठोत्तरी हिंदी कविता के बेहद महत्त्वपूर्ण कवि हैं' इस कथन के आलोक में साठोतरी कविता
की विशेषताएं बताइए।
उत्तरः-
साठोत्तरी कविता मूलतः सन 1960 के बाद की कविता को कहा जाता है। साठोत्तरी कविता में
स्वतंत्रोतर भारत की राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों की भरपूर अभिव्यक्ति
है। साठोत्तरी कविता में कवियों के निजी स्वर अपने मूल प्रवृत्तियों के साथ अभिव्यक्त
हुए हैं। इन कवियों ने निजी स्वर के बल पर परंपरा की धौर अभिव्यक्ति को तोड़ा है और
समकालीन समाज राजनीति तथा व्यवस्था से मोहभंग की स्थिति को उजागर किया है।
2. धूमिल की कविता का मुख्य विषय क्या है?
उत्तरः- धूमिल की कविता का मुख्य विषय व्यवस्था के प्रति
आक्रोश, जनता के प्रति सहानुभूति एवं मानव मूल्यों में गिरावट के प्रति खीज है।
धूमिल धूमिल के तीन कविता संग्रह संसद से सड़क तक, कल सुनना मुझे तथा सुदामा
पांडेय का प्रजातंत्र इन्हीं विषयों को समेटे हुए हैं।
3. कवि धूमिल की पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे
में बताइए।
उत्तरः-
धूमिल का वास्तविक नाम सुदामा पांडेय था। इनका जन्म वाराणसी के खेवली गाँव में एक मध्यवर्गीय
परिवार में हुआ। इनके पिता पंडित शिवनायक पांडेय उच्च ब्राह्मण कुल के थे। धूमिल की
माता रजवंती देवी धार्मिक विचारों की महिला थी।
4. 'धूमिल
जनवादी कवि हैं'- यहाँ जनवाद का क्या अर्थ है?
उत्तरः-
जनवाद का संबंध मार्क्सवादी विचारधाराओं से है। जिनके मूल में सर्वहारा वर्ग की मुक्ति
और संघर्ष के लिए किए गए सचेतन प्रयास एवं वर्गविहिन समाज की परिकल्पना है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
1. धूमिल
की काव्यगत विशेषता का वर्णन कीजिए।
उत्तरः-
धूमिल की कविता में समकालीन परिवेश का चित्रण मिलता है। धूमिल के काव्य में आंचलिक
शब्दावली है जिससे उनका काव्य व्यंग्य प्रधान बन गया है। उनके काव्य में मानवता के
प्रति संवेदना मुखरित है। कहीं-कहीं पर उनकी कविता में शोषण के प्रति आक्रोश व्यक्त
हुआ है। मानव जीवन के प्रति उनके काव्य में अगाध कैरुणा व्यक्त हुई है। उनकी कविता
में आक्रोश, उत्तेजना एवं करुणा के भाव अभिव्यक्त हुए हैं। वास्तव में वे मानवतावादी
कवि हैं जिन्होंने सामाजिक विषमता पर करारी चोट की है। उनके काव्य में राजनीतिक व्यवस्था
के प्रति आक्रोश व्यक्त हुआ है। इस विरोध के कारण उनकी कविता में एक प्रकार की आक्रामकता
मिलती है। पैने व्यंग्य से उनकी कविता प्रभावशाली बन गई है। धूमिल अपने काव्य में भाषा
का पूरी ताकत से प्रयोग करते हैं। उनकी काव्य भाषा जीवन के वास्तविक अनुभवों की दास्तान
है।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
पाठ सं. | पाठ का नाम |
अंतरा भाग -1 | |
गद्य-खंड | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
काव्य-खंड | |
9. | |
10. | |
11. | |
12. | |
13. | |
14. | |
15. | |
16. | |
अंतराल भाग 1 | |
1. | |
2. | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |