INTERMEDIATE EXAM-2025 ARTS/SCI/COM
हिंदी ऐच्छिक (HINDI ELECTIVE)
सामान्य
निर्देश:-
01.
इस प्रश्न पुस्तिका में दो भाग-भाग-A तथा भाग -B है।
02.
भाग-A में 30 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न तथा भाग -B में 50 अंक के विषयनिष्ठ प्रश्न
हैं।
03.
परीक्षार्थी को अलग से उपलब्ध कराई गई उत्तरपुस्तिका में उत्तर देना है।
04.
भाग-A इसमें 30 बहुविकल्पीय प्रश्न है जिनके 4 विकल्प (A, B, C तथा D) है।
परीक्षार्थी को उत्तर-पुस्तिका में सही उत्तर लिखना है। सभी प्रश्न अनिवार्य है। प्रत्येक
प्रश्न 1 अंक का है। गलत उत्तर के लिए कोई अंक काटा नहीं जाएगा।
05.
भाग-B- इस भाग में तीन खंड - खंड- A, B, तथा C है। इस भाग में अतिलघुउत्तरीय,
लघु उत्तरीय तथा दीर्घ उत्तरीय प्रकार के विषयनिष्ठ प्रश्न है। कुल प्रश्नों की संख्या
22 है।
खण्ड-A
- प्रश्न संख्या-31-38 अतिलघु उत्तरीय है। किन्ही 6 प्रश्नों के उत्तर दें । प्रत्येक प्रश्न 2 अंक
का है।
खण्ड-B
- प्रश्न संख्या-39-46 लघुउत्तरीय है। किन्हीं 6 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न 3 अंक
का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 150-200 शब्दों में दे।
खण्ड-C
- प्रश्न संख्या - 47-52 दीर्घ उत्तरीय है। किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दें।
प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 250-300 शब्दों में
दें।
6.
परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।
7.
परीक्षार्थी परीक्षा भवन छोड़ने के पहले अपनी उत्तरपुस्तिका वीक्षक को अनिवार्य रूप से लौटा दें।
8.
परीक्षा समाप्त होने के उपरांत परीक्षार्थी प्रश्न पुस्तिका अपने साथ लेकर जा सकते
हैं।
भाग- A बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न
संख्या 1 से 15 तक बहुविकल्पीय प्रकार है। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प है। सही विकल्प
चुनकर उत्तर-पुस्तिका में लिखें। प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है।
निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न
संख्या 1-5 तक के लिए सही विकल्प का चयन करें।
कलम
देश की सबसे बड़ी शक्ति है भाव जगाने वाली,
दिल
की नहीं दिमागों में भी आग लगाने वाली।
पैदा
करती कलम विचारों के जलते
अंगारे,
और
प्रज्वलित प्राण देश क्या कभी मरेगा मारे?
लहू
गर्म रखने को रखो, मन में ज्वलित विचार
हिंसक
जीव से बचने को चाहिए किन्तु तलवार ! ए
क
भेद है और, जहाँ निर्भय होते नर-नारी,
कलम
उगलती आग जहाँ अक्षर बनते चिनगारी।
जहाँ मनुष्यों के भीतर, हरदम जलते हैं शोले,
बाँहों
में बिजली होती, होते दिमाग में गोले
जहाँ
लोग पालते लहू
में. हालाहाल' की धार
क्या
चिंता यदि वहाँ हाथ में नहीं हुई तलवार।
1. इस काव्यांश में कलम को देश की बड़ी शक्ति क्यों कहा गया है ?
(A) कलम में देशवासियों के मन में उत्साह, वीरता आदि भाव भरने की शक्ति
है।
(B)
कलम से हम लिख सकते हैं।
(C)
कलम से
काव्य रचना
की जा सकती है।
(D)
इनमें से कोई नहीं।
2. मानव को तलवार की आवश्यकता कब पड़ती है?
(A)
अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने हेतु
(B) दुश्मनों के दमन और हिंसक जीवों से बचाव हेतु
(C)
युद्ध का अभ्यास करने हेतु
(D)
दूसरों को डराने के लिए
3. कलम उगलती आग, जहाँ अक्षर बनते चिनगारी' का भाव है-
(A)
कलम से आग निकलती है।
(B)
कलम से लिखे गए अक्षरों
से चिनगारियाँ फूटती है।
(C) कलम द्वारा रचित रचनाओं से क्रांति के भाव उत्पन्न होते हैं।
(D)
कलम से रचित साहित्य लोगों के मन में क्रोध का संचार करता है।
4. नर-नारी समस्त पद का उचित समास विग्रह और समास का नाम है-
(A)
नर से नारी, तत्पुरुष समास
(B)
नर की नारी, तत्पुरुष समास
(C) नर और नारी, द्वंद समास
(D)
नर नहीं
है नारी, कर्मधारय समास
5. इस काव्यांश का उचित शीर्षक होगा -
(A)
कलम उगलती आग
(B)
कलम की शक्ति
(C)
कलम की महिमा
(D) कलम और तलवार
निम्नलिखित
गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न सं०-6- से 9 तक के लिए सही विकल्प का चयन करें
-
अनुशासन
का अर्थ है- अपने को कुछ नियमों से बाँध लेना और उन्हीं के अनुसार कार्य करना। अनुशासन
के अभाव में समाज में अराजकता और अशांति का साम्राज्य होता है। वन्य पशुओं में अनुशासन
का कोई महत्व नहीं है, इसी कारण उनका जीवन अरक्षित, आतंकित एवं अव्यवस्थित रहता है।
सभ्यता और संस्कृति के विकास के साथ साथ जीवन में अनुशासन का महत्त्व भी बढ़ता गया।
आज के वैज्ञानिक युग में तो अनुशासन के बिना मनुष्य का कार्य ही नहीं हो सकता।
6. अनुशासन का अर्थ है -
(A)
स्वयं पर दूसरों का शासन
(B) स्वयं पर स्वयं का शासन
(C)
शासन रहित जीवन
(D)
इनमें सभी
7. किनमें अनुशासन का कोई महत्त्व नहीं होता -
(A)
सैनिकों में
(B) वन्य जीवों में
(C)
विद्यार्थियों में
(D)
कर्मचारियों में
8. किसके विकास के साथ अनुशासन का महत्त्व बढ़ता है?
(A)
जनसंख्या वृद्धि के साथ
(B)
भौतिक संसाधनों के विकास के साथ
(C) सभ्यता और संस्कृति के विकास के साथ
(D)
इनमें कोई नहीं।
9. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखें -
(A) अनुशासन का महत्त्व
(B)
सभ्य समाज
(C)
विद्यार्थी जीवन
(D)
विद्यार्थी का कर्तव्य
निम्नलिखित
काव्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें।
कोई
छह बजे सुबह जैसे गरम पानी से नहाई हो,
खिली
हुई हवा आई, फिरकी-सी आई, चली गई। ऐ
से
फुटपाथ पर चलते-चलते ।
कल
मैंने जाना कि बसंत
आया।
सही
विकल्प का चयन करें-
10. प्रस्तुत पंक्तियाँ किस पाठ से ली गई है?
(A)
एक कम
(B)
कार्नेलिया का गीत
(C) वसंत आया
(D)
तोड़ो
11. कवि किस ऋतु के आने की बात कर रहा है?
(A) वसंत
(B)
ग्रीष्म
(C)
शरद
(D)
वर्षा
12. गरम पानी से नहाकर कौन आई है?
(A)
भूमि
(B) हवा
(C)
नदी
(D)
लड़की
13. सुबह-सुबह कौन मस्ती में बह रही है?
(A)
नदी
(B)
नाला
(C) हवा
(D)
इनमें कोई नहीं।
निम्नांकित
गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दें-
ये
लोग आधुनिक भारत के नए शरणार्थी हैं, जिन्हें औद्योगीकरण के झंझावत ने अपनी घर जमीन
से उखाडकर
हमेशा के लिए निर्वासित कर दिया है। प्रकृति और इतिहास के बीच यह गहरा अंतर है। बाढ़
या भूकंप के कारण लोग अपनी घर बार
छोड़कर कुछ अरसे के लिए जरूर बाहर चले जाते हैं, किंतु आफत टलते ही वे दोबारा अपने जाने-पहचाने
परिवेश में लौट भी आते हैं। किंतु विकास और प्रगति के नाम पर जब इतिहास लोगों को
उन्मूलित करता है, तो वे फिर कभी
अपने घर वापस नहीं लौट सकते ।
सही
विकल्प का चयन करें-
14. औद्योगीकरण के कारण होने वाले विस्थापन को लेखक क्या संज्ञा देता
है?
(A) निर्वासन की
[B]
पुनर्वासन की,
[C]
विकास की
(D)
इनमें सभी
15. प्रकृति मनुष्य को किस प्रकार विस्थापित करती है?
(A)
बाढ़ के रूप में
[B]
भूकंप के रूप में
[C]
भूस्खलन के रूप में
(D) इनमें सभी
16. विकास और प्रगति के नाम पर लोगों को विस्थापित करने का क्या परिणाम
होता है?
(A)
कुछ समय बाद लोग अपने घर वापस लौट आते
है।
(B) लोग अपने घर वापस नहीं लौट पाते।
[C]
लोग स्थिति से सामंजस्य बैठा लेते हैं।
[D]
कुछ समय के लिए लोग खुश होते हैं।
17. औद्योगीकरण का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(A)
मनुष्य विस्थापित हो जाते हैं।
(B)
आवास स्थल नष्ट हो जाते हैं।
(C)
संस्कृति छिन्न-भिन्न हो जाती हैं।
(D) इनमें सभी
18. 'यह दीप अकेला' कविता किस काव्य संग्रह से ली गई है?
(A) बावरा अहेरी
(B)
हरी घास पर क्षणभर
[C]
नदी के द्वीप
(D)
कितनी नावों में कितनी बार
19. 'बनारस 'कविता के कवि का नाम है-
(A)
जयशंकर प्रसाद
(B) केदारनाथ सिंह
(C)
महादेवी वर्मा
(D)
सुमित्रानंदन पंत
20. 'पियराय' शब्द का अर्थ क्या है?
(A)
पीहर
(B)
पीना
[C] पीले हो चुके
(D)
पानी पी चुके
21. 'भरत राम का प्रेम' रामचरितमानस के किस कांड से संबंधित है?
(A)
बालकांड
(B) अयोध्या कांड
(C)
अरण्य कांड
(D)
सुंदर कांड
22. लोमड़ी के बाद शेर के मुँह में कौन जाता है?
(A)
उल्लू
[B] खरगोश
[C]
बंदर
(D)
कुत्ता
23. अमझर का क्या अर्थ है?
(A)
गाँव का नाम
(B) आमों का झरना
(C)
सत्याग्रह का नाम
(D)
उपर्युक्त में से कोई नहीं
24. गंगा पुत्र किसे कहा गया है?
[A] गोताखोर को
[B]
गंगा के सफाई कर्मी की
[C]
नगर निगम को
(D)
मंदिर के पुजारी को
25. 'मेघदूत' के रचनाकार है?
(A)
सूरदास
[B] कालिदास
(C)
तुलसीदास
(D)
प्रेमचंद
26. एक आलेख लेखन की भाषा कैसी होनी चाहिए?
[A]
सरल
[B]
सुगम
[C]
प्रभावी
[D] उपर्युक्त सभी
27. सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन को क्या कहा जाता है?
(A) फ़ीचर
[B]
आलेख
[C]
विशेष रिपोर्ट
(D)
इंट्रो (मुखड़ा)
28. बिस्कोहर की माटी का कथानायक का नाम है-
(A)
सोमनाथ
(B)
बद्रीनाथ
[C]
काशीनाथ
[D] विश्वनाथ त्रिपाठी
29. आज की सभ्यता नदियों के पानी को कैसा बना रही है?
(A)
शुद्ध तथा पवित्र
(B)
प्रदूषित
[C] गंदे नाले के समान
(D)
सतत एवं प्रवाहमयी
30. भैरों को सूरदास के प्रति उकसाने का कार्य किसने किया ?
(A)
मिठुआ ने
[B]
मोहल्ले वालों ने
[C] जगधर ने
[D] सुभागी ने
भाग - B खण्ड-A -2x6=12
31. मिल
मालिक के दिमाग में क्या-क्या ख्याल आते है?
उत्तर-
मिल मालिक के दिमाग में अजीब ख्याल आया करते थे। जैसे सारा संसार मिल हो जाएगा सारे
लोग मजदूर बनेंगे और उन सभी मजदूरों का मालिक मैं बनूंगा। तब मुझे मजदूरी भी नहीं देनी
पड़ेगी। मिल में और चीजों की तरह मजदूर भी बनेंगे और उनके चार हाथ होंगे, जिससे उत्पादन
बढ़ेगा। मजदूरी भी कम देनी पड़ेगी।
32. हर की पौड़ी के पूरे वातावरण में किस की दिव्य सुगंध फैल रही थी?
उत्तर-
हर की पौड़ी के पूरे वातावरण में अगरबत्ती और चंदन की सुगंध फैल रही थी।
33. सूरदास ने अपने पैसों की पोटली कहाँ रखी थी?
उत्तर-
सूरदास ने अपने पैसों की पोटली झोंपड़ी में धरन के ऊपर रखी थी।
34. गुड़हल
के फूल की क्या विशेषता है?
उत्तर-
लेखक के गाँव वाले गुड़हल के फूल को देवी का फूल मानते हैं और इस फूल को चुड़ैल आदि
नामों से भी संबोधित किया जाता है।
35. परिपत्र
क्या होता है?
उत्तर-
एक ही विषय का पत्र जब अनेक विभागाध्यक्षों को भेजा जाए तो वह परिपत्र कहलाता है। इसका
प्रयोग उस स्थिति में किया जाता है, जब केंद्र सरकार को अन्य सरकारों से या एक मंत्रालय
से अन्य मंत्रालयों को अथवा एक विभाग को एक समान सूचना या आदेश भेजने या मंगाने हों।
इसका प्रेषक एक ही व्यक्ति होता है तथा पाने वाले कई होते हैं।
36. फ़ीचर
के प्रकारों की चर्चा कीजिए।
उत्तर
- फीचर के प्रकार
(1)
व्यक्तिगत फीचर
(2)
समाचार परक फीचर
(3)
ऐतिहासिक फीचर
(4)
विज्ञान परक फीचर
(5)
खेलकूद परक फीचर
(6)
सांस्कृतिक फीचर
(7)
हास्य व्यंग्यपरक फीचर
(8)
व्याख्यान फीचर
37. के.
एन. दीक्षित कौन थे ?
उत्तर
- 1938 में गवर्नमेंट आफ इंडिया के पुरातत्त्व विभाग के डायरेक्टर-जनरल श्री के. एन.
दीक्षित जी थे।
38. हवेली
से बुलावा आने पर हरगोबिन को अचरज
क्यों हुआ ?
उत्तर-
बड़ी हवेली से बुलावा आने पर हरगोबिन के मन में आशंका हुई कि आज के युग में संदेश भेजने
के अनेक साधन उपलब्ध है। बड़ी बहुरिया को अवश्य कोई गुप्त संदेश देना होगा। इस संदेश
की खबर चांद, सूरज, परेवा- पक्षी तक को नहीं होनी चाहिए।
खण्ड-B 3×6=18
39. जनसंचार
के प्रमुख कार्यों को उल्लेख करें।
उत्तर-
जनसंचार के प्रमुख कार्य इस प्रकार है।
सूचना
देना- जनसंचार माध्यमों का एक प्रमुख कार्य सूचना
देना है। हमें उनके जरिए भी दुनियाभर से सूचनाएं प्राप्त होती हैं। हमारी जरूरतों का
बड़ा हिस्सा जनसंचार माध्यमों के जरिए ही पूरा होता है।
शिक्षित
करना- जनसंचार माध्यम सूचनाओं के जरिए हमें जागरूक
बनाते हैं। यहां शिक्षित करने से आशय उन्हें देश दुनिया के हाल से परिचित कराने और
उनके प्रति सजग बनाने से है।
मनोरंजन
करना- जनसंचार माध्यम मनोरंजन के प्रमुख साधन है।
सिनेमा, टीवी, रेडियो, संगीत के टेप और किताबें आदि मनोरंजन के प्रमुख माध्यम है।
एजेंडा
तैयार करना- किसी भी घटना या मुद्दे को चर्चा का विषय बना
कर जनसंचार माध्यम सरकार और समाज को उस पर अनुकूल प्रतिक्रिया करने के लिए बाध्य कर
देते हैं।
निगरानी
रखना- अगर सरकार कोई गलत कदम उठाती है या संगठन
/ संस्थान में कोई अनियमितता बरती जा रही है, तो उसे लोगों के सामने लाने की जिम्मेवारी
जनसंचार माध्यम पर है।
विचार-विमर्श
के मंच- जनसंचार विभिन्न विचार लोगों के सामने पहुंचाते
हैं। जैसे किसी समाचार पत्र के संपादक के पृष्ठ पर किसी घटना या मुद्दे पर किसी विचार
रखने वाले लेखक अपनी राय व्यक्त करते हैं। इसी तरह संपादक के नाम चिट्ठी स्तंभ में
आम लोगों को अपनी राय व्यक्त करने का मौका मिलता है।
40. एक
अच्छा पत्रकारीय लेखन करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
उत्तर-
1.
सर्वप्रथम संस्था और आयोजन स्थल का नाम लिखा जाना चाहिए।
2.
बैठक या सम्मेलन का उद्देश्य स्पष्ट किया जाना चाहिए।
3.
आयोजन अथवा घटना की तिथि और समय की सूचना दी जानी चाहिए।
4.
कार्यक्रम एवं गतिविधियों की जानकारी दी जानी चाहिए।
5.
तथ्यों का प्रामाणिक होना जरूरी है।
6.
शीर्षक हमेशा छोटा और स्पष्ट होना चाहिए।
7.
यदि भाषण हो तो उनके मुख्य बिंदुओं के बारे में बताया जाए।
8.
घटना की व्याख्या सही क्रम में होनी चाहिए।
9.
प्रतिवेदन लिखते समय भाषा में प्रथम पुरुष का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
10.
रिपोर्ट में उन्हीं तथ्यों को समावेश करना चाहिए जो महत्वपूर्ण है।
11.
रिपोर्ट के अंत में सभा या दल संस्था के अध्यक्ष को हस्ताक्षर कर देना चाहिए।
12.
रिपोर्ट की भाषा अलंकारिक तथा मुहावरेदार नहीं होनी चाहिए।
41. 'दूसरा
देवदास' कहानी का प्रतिपाद्य बताइए।
उत्तर-
ममता कालिया की कहानी 'दूसरा देवदास' एक प्रेमकथा है। कहानी का शीर्षक पात्र, घटना
या स्थान के नाम पर रखा जाता है। वह आकर्षक, रोचक, संक्षिप्त एवं कौतूहलवर्द्धक भी
होना चाहिए। संभव को जब पता चला कि जो लड़की गंगातट पर उसे पुजारी के पास मिली थी और
पुजारी ने उन दोनों को भ्रम से पति-पत्नी समझकर फूलो-फलो का आशीष दिया था, उसका नाम
पारो है तो उसने परिचय देते हुए अपना नाम उसे बताया संभव, संभव देवदास। पारो और देवदास
शरतचन्द्र के उपन्यास देवदास के पात्र हैं। इस प्रतीकात्मक नाम से संभव ने यह बता दिया
कि वह पारो का देवदास है और उससे प्रेम करने लगा है। इसलिए इस कहानी का शीर्षक 'दूसरा
देवदास' पूरी तरह उपयुक्त है।
42. निर्मल
वर्मा का जीवन परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाएँ लिखिए।
उत्तर-
जन्म सन् 1929 ई.। स्थान-शिमला। शिक्षा-एम. ए. (इतिहास), दिल्ली विश्वविद्यालय
के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में अध्ययन और अध्यापन। चेकोस्लोवाकिया में रहकर प्राच्यविद्या
संस्थान, प्राग के तत्वावधान में चेक उपन्यास और कहानियों का हिन्दी में अनुवाद। 'टाइम्स
ऑफ इण्डिया' और 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के लिए लेखन। सन् 1970 ई. से स्वतंत्र लेखन। निधन-सन्
2005 ई.। साहित्यिक परिचय हिन्दी के कथा-साहित्य के क्षेत्र में वर्मा जी का महत्त्वपूर्ण
योगदान है। वे नयी कहानी आन्दोलन के महत्त्वपूर्ण हस्ताक्षर माने जाते हैं।
कृतियाँ
- (क) कहानी-संग्रह परिंदे, जलती झाड़ी, तीन एकांत, पिछली गरमियों में, कव्वे और काला
पानी, सूखा तथा अन्य कहानियाँ। (ख) उपन्यास-वे दिन, लाल,टीन की छत आदि। (ग) यात्रा
संस्मरण हर बारिश में, चीड़ों पर चाँदनी, धुंध से उठती धुन। (घ) निबन्ध-संग्रह शब्द
और स्मृति, कला का जोखिम तथा ढलान से उतरते हुए। आपको सन् 1985 ई. में साहित्य अकादमी
पुरस्कार (कव्वे और काला पानी) तथा सन् 1999 में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त
हो चुका है।
43. अखबार
वाली घटना से नेहरू जी के व्यक्तित्व की कौन-सी विशेषता स्पष्ट होती है?
उत्तर-
अखबार वाली घटना से यह पता चलता है कि नेहरू जी कितने सहज स्वभाव के थे। हर छोटे-बड़े
व्यक्ति को सम्मान देते थे। उनके लिए न ही कोई बड़ा न ही कोई छोटा है। उनमें अहंकार
नहीं था तथा अपने को महत्त्व देकर दूसरे को तुच्छ समझने की वृत्ति उनमें नहीं थी। भीष्म
जी की टाँगें तो डर के कारण काँप रहीं थीं पर नेहरू जी ने बड़ी शालीनता से कहा
"यदि आपने अखबार देख लिया हो तो मैं एक नजर देख लूँ ।" इससे उनके शालीन व्यवहार
का परिचय मिलता है।
44. तुलसीदास
का जीवन परिचय देते हुए उनकी प्रमुख रचनाओं पर प्रकाश डालें।
उत्तर-
जन्म - सन् 1532 ई. में उत्तर प्रदेश के जिला बाँदा के
गाँव राजापुर में। अन्य मत के अनुसार जिला कासगंज के 'सोरों' में। पिता आत्माराम
दुबे, माता हुलसी। अभुक्त मूल नक्षत्र में जन्म होने के कारण बचपन में परित्याग।
नरहरिदास द्वारा : पालन-पोषण और शिक्षा। कष्टमय बाल्यकाल। रत्नावली से विवाह।
पत्नी के व्यंग्य से आहत. होकर गृहत्याग। काशी, सिट; अयोध्या आदि तीर्थों का
भ्रमण। राम भक्ति के कारण 'रामचरित मानस की रचना। सन् 1623 ई. में काशी में निधन।
प्रमुख
कृतियाँ
रामचरितमानस
विनयपत्रिका
गीतावली
कवितावली
दोहावली
बरवै
रामायण
श्रीकृष्ण
गीतावली
जानकीमंगल
पार्वतीमंगल
वैराग्य
संदीपनी
रामलला
नहछू
रामाज्ञा
प्रश्नावली
45. 'वसंत आया' कविता में कवि की चिंता क्या है? उसका प्रतिपाद्य लिखिए
-
उत्तर-
मनुष्य ने भौतिक प्रगति के लिए प्रकृति को बहुत नुकसान पहुंचाया है। कवि ने कहा है
कि आज मनुष्य का प्रकृति से रिश्ता टूट गया है। ऋतुएं पहले की तरह अपनी व्यवस्था से
चलती है, परंतु मनुष्य उनसे दूर हो गया है। प्रकृति जो कभी मानव जाति का साथी था. आज
उससे दूर है। मनुष्य के पास अत्याधुनिक सुविधाएं होने का साधन है, लेकिन प्रकृति की
सुंदरता को देखने और महसूस करने की संवेदना नहीं बची है।
46. सई-साँझ में घुसने पर बनारस की किन - किन विशेषताओं का पता चलता
है?
उत्तर-
संध्या के समय बनारस में प्रवेश करने पर गंगा जी की आरती के दर्शन होते हैं। मन्दिरों
और घाटों पर दीप जलते दिखते हैं, उस समय बनारस की शोभा अद्भुत दिखाई देती है। गंगा
के जल में गंगा के घाटों की, दीपों की और बनारस की छाया पड़ रही थी उसे देखकर ऐसा लगता
था कि आधा शहर जल में है और आधा शहर जल के बाहर है। कहीं शव जलाए जा रहे हैं तो कहीं
उनका जल प्रवाह किया जा रहा है। संध्या के समय बनारस में श्रद्धा, आस्था, विरक्ति,
विश्वास और भक्ति के भाव देखने को मिलते हैं।
खण्ड-C
5×4=20
47. "जीवन में खेलों का महत्त्व" अथवा "झारखंड के पर्व-त्योहार"
विषय पर निबंध लिखे।
उत्तर-
"जीवन
में खेलों का महत्त्व"
खेल
अनेक प्रकार के होते हैं। कुछ खेल मैदान में खेले जाते हैं, कुछ घरों में और कुछ जल
में। क्रिकेट, वॉली बॉल, फुटबॉल, कबड्डी, पोलो, हॉकी आदि खेल मैदान में खेले जाते हैं
और कैरम, लूडो, शतरंज आदि प्रायः घरों में खेले जाते हैं । बैडमिंटन, टेनिस आदि मैदान
में भी खेले जाते हैं, इनडोर स्टेडियम में भी
खेल
का महत्त्व अनेक दृष्टियों से है। पहली बात तो यह कि इसमें भाग-दौड़ करने से शरीर चुस्त-दुरुस्त
होता है और चपलता आती है जो कि स्वस्थ रहने के लिए अत्यावश्यक है। दूसरी बात यह है
कि खेल से प्रतियोगिता की भावना पैदा होती है जो जीवन में भी जरूरी है। तीसरी बात यह
है कि इससे परस्पर सहयोग की. भावना उत्पन्न होती है और त्याग की भावना का भी विकास
होता है क्योंकि खिलाड़ी अपने लिए ही नहीं, पूरी टीम के लिए खेलता है और कभी अपने नगर,
राज्य और देश के लिए भी। उसका सम्मान स्थान या देश से भी जुड़ जाता है। सबसे बड़ी बात
यह है कि खेल से समय और आत्म-नियंत्रण का भाव उत्पन्न होता है।
स्पष्ट
है कि खेल का हमारे जीवन में, व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए, महत्त्वपूर्ण
स्थान है। यही कारण है कि राज्य सरकारें इस पर ध्यान देने लगी हैं। राष्ट्रीय स्तर
पर खेल नीति बनने लगी है। इसके फलस्वरूप खेल धीरे-धीरे व्यवसाय का रूप लेने लगे हैं।
क्रिकेट, टेनिस और फुटबॉल के खिलाड़ी करोड़ों का वारा-न्यारा करने लगे हैं। क्रिकेट,
टेनिस में जीत-हार पर जुआबाजी होने लगी है और खिलाड़ी जीत और हार के लिए पैसे लेने
लगे हैं। कुछ खिलाड़ी तो जीत के लिए नशीली दवाएँ भी लेते हैं। यह दुःखद स्थिति है और
खेल-भावना के विपरीत और शर्मनाक है। वस्तुतः खेलों को खेल के
रूप
में, स्वास्थ्य एवं जीवन विकास की सीढ़ी के रूप में ही लेना चाहिए । इसी में इसकी सार्थकता
है।
"झारखंड
के पर्व-त्योहार"
प्रस्तावना-
झारखंड, जिसे 'वनों की भूमि' कहा जाता है, अपनी जनजातीय संस्कृति और लोक परंपराओं के
लिए विश्व भर में विख्यात है। यहाँ के जनजीवन में त्योहारों का विशेष महत्व है। झारखंड
के पर्व-त्योहारों की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ मनुष्य और प्रकृति के बीच एक
अटूट संबंध दिखाई देता है। यहाँ के लोग पेड़ों, पहाड़ों और नदियों की पूजा कर अपनी
कृतज्ञता प्रकट करते हैं।
प्रमुख
त्योहार
1.
सरहुल - सरहुल झारखंड का सबसे महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहार है। यह वसंत ऋतु में
मनाया जाता है, जब साल (सखुआ) के पेड़ों पर नए फूल आते हैं।
महत्व:
यह फूलों का त्योहार है। इस दिन 'पाहन' (पुजारी) द्वारा सखुआ के कुंज की पूजा की जाती
है।
परंपरा:
लोग नए फूल कानों पर लगाते हैं और सामूहिक रूप से लोक नृत्य (झूमर) करते हैं।
2.
करमा- यह भाइयों की सुख-समृद्धि के लिए बहनों द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है। यह
भादो मास की एकादशी को मनाया जाता है।
विशेषता:
इस पर्व में 'करम' वृक्ष की डाल को आंगन में रोपकर उसकी पूजा की जाती है। यह त्योहार
'कर्म' की प्रधानता और प्रकृति की शक्ति को दर्शाता है।
3.
सोहराय- सोहराय पशुधन को समर्पित त्योहार है, जो दीपावली के अगले दिन मनाया जाता है।
परंपरा:
इस दिन किसान अपने पालतू पशुओं (गाय-बैल) को नहलाते हैं, उन्हें सजाते हैं और उनकी
पूजा करते हैं। घरों की दीवारों पर विशिष्ट 'सोहराय चित्रकला' उकेरी जाती है, जो विश्व
प्रसिद्ध है।
4.
टुसू पर्व - यह मकर संक्रांति के समय मनाया जाने वाला फसल कटाई का त्योहार है।
विशेषता:
यह कुंवारी कन्याओं का प्रमुख त्योहार है। इसमें 'टुसू' की प्रतिमा बनाई जाती है और
पंचपरगना क्षेत्र में बड़े मेलों का आयोजन होता है।
5.
मंडा पूजा- यह महादेव (शिव) की उपासना का सबसे कठिन त्योहार है। इसमें 'भक्ता' (व्रती)
दहकते अंगारों पर चलते हैं, जिसे 'फूलखुंदी' कहा जाता है। यह विश्वास और अटूट आस्था
का प्रतीक है।
सामाजिक
समरसता और एकता- झारखंड के त्योहारों में ऊंच-नीच या जाति-पाति का भेदभाव नहीं दिखता।
अखाड़ों में सामूहिक नृत्य और गीतों के माध्यम से पूरा समाज एक सूत्र में बंध जाता
है। मांदर और नगाड़ों की थाप पर थिरकते पैर यहाँ की जीवंतता को दर्शाते हैं।
उपसंहार-
झारखंड के पर्व-त्योहार हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं। ये हमें सिखाते हैं कि प्रकृति
की रक्षा करना ही मानवता की रक्षा करना है। आधुनिकता के इस दौर में भी इन परंपराओं
को अक्षुण्ण बनाए रखना हमारा कर्तव्य है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ अपनी जड़ों से जुड़ी
रहें।
48. आपके मोहल्ले में आए दिन चोरियाँ हो रही हैं। उनकी रोकथाम के लिए
थानाध्यक्ष को गश्त बढ़ाने हेतु पत्र लिखिए।
उत्तर-
सेवा में,
थानाध्यक्ष महोदय,
________ थाना,
________ (नगर/जिला)
विषय:
मोहल्ले में बढ़ती चोरियों की रोकथाम हेतु गश्त बढ़ाने के संबंध में।
महोदय,
सविनय
निवेदन है कि हमारे मोहल्ले __________ में पिछले कुछ समय से लगातार चोरियों की घटनाएँ
हो रही हैं। रात्रि के समय विशेषकर सूने घरों और दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है,
जिससे क्षेत्रवासियों में भय और असुरक्षा का वातावरण बन गया है।
कई
बार स्थानीय लोगों ने स्वयं निगरानी रखने का प्रयास किया, किंतु संगठित रूप से हो रही
इन घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण पुलिस गश्त के बिना संभव नहीं हो पा रहा है। अतः आपसे
विनम्र अनुरोध है कि हमारे क्षेत्र में नियमित एवं रात्रिकालीन गश्त बढ़ाई जाए, संदिग्ध
गतिविधियों पर निगरानी रखी जाए तथा आवश्यकता अनुसार चेकिंग अभियान चलाया जाए।
हमें
पूर्ण विश्वास है कि आपकी त्वरित कार्रवाई से चोरियों पर अंकुश लगेगा और नागरिकों को
सुरक्षा का भरोसा मिलेगा।
धन्यवाद।
भवदीय,
(नाम)
पता:
___________
दिनांक:
___________
49. 'जीवन में पर्व-त्योहारों का महत्त्व 'विषय पर आलेख प्रस्तुत करें।
उत्तर-
भूमिका: मानव जीवन संघर्षों और व्यस्तताओं से भरा है। रोजमर्रा की वही मशीन
जैसी जिंदगी इंसान को थका देती है। ऐसे में पर्व और त्योहार हमारे जीवन में ताजी हवा
के झोंके की तरह आते हैं। त्योहार केवल कैलेंडर की तारीखें नहीं हैं, बल्कि वे मानवीय
खुशियों, सामाजिक एकता और सांस्कृतिक विरासत के वाहक हैं।
मनोवैज्ञानिक
और व्यक्तिगत महत्त्व: त्योहारों का सबसे पहला प्रभाव
व्यक्ति के मन पर पड़ता है। यह मानसिक तनाव को दूर कर उमंग और उत्साह का संचार करते
हैं। नए कपड़े, पकवान, और मेल-मिलाप व्यक्ति को नकारात्मकता से दूर ले जाते हैं। त्योहार
हमें अपनी जड़ों से जोड़ते हैं और जीवन के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करते
हैं।
सामाजिक
एकता का प्रतीक: भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में त्योहार
सामाजिक एकता के सूत्रधार हैं। चाहे दिवाली हो, ईद हो, क्रिसमस हो या गुरुपर्व—ये सभी पर्व आपसी भेदभाव,
ईर्ष्या और द्वेष को भुलाकर गले मिलने का संदेश देते हैं। सामूहिक रूप से त्योहार मनाने
से समाज में भाईचारा बढ़ता है और 'वसुधैव कुटुंबकम्' की भावना प्रबल होती है।
सांस्कृतिक
और ऐतिहासिक जुड़ाव: हर त्योहार के पीछे कोई न
कोई ऐतिहासिक घटना, पौराणिक कथा या महान उद्देश्य छिपा होता है। उदाहरण के लिए, विजयादशमी
अधर्म पर धर्म की जीत का संदेश देती है, तो होली ऊंच-नीच के भेदभाव को मिटाने का। ये
पर्व हमारी आने वाली पीढ़ियों को अपनी संस्कृति, इतिहास और महापुरुषों के आदर्शों से
परिचित कराते हैं।
आर्थिक
और प्राकृतिक महत्त्व: त्योहारों का आर्थिक महत्त्व
भी कम नहीं है। पर्वों के दौरान बाजार में बढ़ती हलचल से छोटे व्यापारियों, शिल्पकारों
और किसानों को लाभ मिलता है। साथ ही, हमारे अधिकांश त्योहार प्रकृति से जुड़े हैं, जैसे
मकर संक्रांति, पोंगल और सरहुल। ये हमें प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाते हैं और पर्यावरण
की रक्षा करने की प्रेरणा देते हैं।
उपसंहार:
पर्व और त्योहार हमारे जीवन की नीरसता को समाप्त कर उसे अर्थ प्रदान करते हैं। ये मानवीय
मूल्यों के संरक्षक हैं। यदि जीवन से त्योहारों को निकाल दिया जाए, तो मनुष्य केवल
एक मशीन बनकर रह जाएगा। अतः हमें इन त्योहारों की पवित्रता को बनाए रखना चाहिए और इन्हें
दिखावे के बजाय प्रेम और सद्भाव के साथ मनाना चाहिए।
अथवा
अपने विद्यालय के वार्षिकोत्सव पर एक प्रतिवेदन तैयार करें।
उत्तर-
प्रतिवेदन:
विद्यालय का वार्षिकोत्सव
दिनांक:
24 अक्टूबर 2023
स्थान:
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, [अपने शहर का नाम]
विषय:
वार्षिक पारितोषिक वितरण समारोह 'उमंग'
विवरण:
कल
दिनांक 23 अक्टूबर 2023 को हमारे विद्यालय के प्रांगण में 'वार्षिकोत्सव' का भव्य आयोजन
किया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारी [नाम] थे। कार्यक्रम
का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ।
समारोह
के मुख्य आकर्षण निम्नलिखित रहे:
सांस्कृतिक
कार्यक्रम: विद्यार्थियों ने लोक नृत्य, समूह गान और 'पर्यावरण संरक्षण' पर एक अत्यंत
प्रभावशाली लघु नाटिका प्रस्तुत की। नन्हे प्राथमिक छात्रों द्वारा दी गई प्रस्तुति
ने सबका मन मोह लिया।
प्रधानाचार्य
की रिपोर्ट: विद्यालय के प्रधानाचार्य जी ने वार्षिक प्रगति रिपोर्ट पढ़ी, जिसमें पिछले
एक वर्ष की शैक्षिक और खेलकूद संबंधी उपलब्धियों का ब्यौरा दिया गया।
पुरस्कार
वितरण: मुख्य अतिथि ने वर्ष भर शैक्षणिक, खेल और अन्य सह-शैक्षिक गतिविधियों में उत्कृष्ट
प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को मेडल और प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया।
मुख्य
अतिथि का संबोधन: अपने भाषण में मुख्य अतिथि ने विद्यार्थियों के अनुशासन और प्रतिभा
की सराहना की और उन्हें जीवन में निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम
के अंत में वरिष्ठ अध्यापक ने सभी अतिथियों, अभिभावकों और विद्यार्थियों का धन्यवाद
ज्ञापन किया। राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन हुआ और सभी उपस्थित लोगों को जलपान
कराया गया।
प्रतिवेदक:
(आपका नाम)
सचिव,
सांस्कृतिक समिति
राजकीय
उच्च माध्यमिक विद्यालय
50. " बच्चे का माँ का दूध पीना सिर्फ दूध पीना नहीं, माँ से बच्चे
के सारे संबंधों का जीवन चरित्र होता है।" टिप्पणी कीजिए।
उत्तर-
माँ अपने बच्चे को दूध पिलाती है। बच्चे का माँ का दूध पीना सिर्फ दूध पीना नहीं, माँ
से बच्चे के सारे संबंधों का जीवन चरित्र होता है। बच्चा सुबकता है और रोता है। बच्चा
माँ को मारता है। माँ भी कभी- कभी बच्चे को मारती है। इन सब क्रियाओं के दौरान माँ
बच्चे को प्यार करती है । माँ उसे अपने स्नेह छाया से अलग नहीं करती है। बच्चा माँ
का स्पर्श करता है और माँ को पहचान लेता है। चांदनी रात में खटिया पर लेट कर बच्चे
को दूध पिलाते समय माँ दूध ही नहीं, उसे चाँदनी भी पिलाती है। चाँदनी भी माँ के समान
ही बच्चे को ममता, पुलक और स्नेह देती है। माँ की गोद में लेटकर माँ का दूध पीना मानव
जीवन की सार्थकता है। माँ का दूध पीने के साथ ही बच्चे का माँ के साथ जीवन भर का अटूट
संबंध जुड़ जाता है। बच्चा माँ की ममता पाना चाहता है, उसके लिए तरसता है। माँ में
बच्चे के प्रति ममता और स्नेह का गुण प्रकृति प्रदत होता है। बच्चे के प्रति ममता और
स्नेह उसके मन में सदा बने रहते हैं। मां का दूध पीने से बालक तथा माँ में जो संबंध
जुड़ता है वह जीवन भर कभी नहीं टूटता है।
51. "दूसरा देवदास" कहानी की मूल संवेदना पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-
'दूसरा देवदास' कहानी में लेखिका 'ममता कालिया' ने हर की पौड़ी हरिद्वार की पृष्ठभूमि
में युवा मन की भावुकता, संवेदना तथा वैचारिक चेतना को अभिव्यक्त किया है। इस कहानी
का नायक संभव दिल्ली का रहने वाला एम. ए. पास युवक है। माता-पिता ने उसे नानी के घर
हरिद्वार भेजा है जिससे वह वहाँ जाकर गंगा के दर्शन कर ले और बेखटके परीक्षा में सफलता
प्राप्त कर ले। इसी उद्देश्य से वह हर की पौड़ी पर स्नान करने आता है जहाँ पुजारी से
चन्दन लगवाते समय उसकी भेंट पारो नामक लड़की से होती है। पुजारी भ्रम से उन दोनों को
पति-पत्नी समझकर आशीर्वाद देता है।
लड़की
छिटककर उससे दूर खड़ी हो जाती है। दूसरे दिन वह घाट पर गया जहाँ उसकी भेंट पारो के
भतीजे मन्नू से होती है। लौटते समय उसे वह लड़की दूसरी केबिलकार में अपने भतीजे मन्नू
के साथ दिखाई देती है। मन्न उनका परिचय कराता है ये हैं मेरी पारो बुआ और ये मेरे दोस्त.....'।
'संभव देवदास' कहकर संभव वाक्य पूरा करता है। वास्तव में वह पारो से प्रेम करने लगा
है। यह पता चलने पर कि इस लड़की का नाम पारो है वह अपना नाम बताता है संभव देवदास।
कहानी में लेखिका के प्रेम के सच्चे स्वरूप, को रेखांकित किया है।
52. निम्नलिखित पंक्तियों की सप्रसंग व्याख्या कीजिए-
पिय सौं कहेहु सँदेसड़ा, ऐ भँवरा ऐ काग।
सो धनि बिरहें जरि मुई, तेहिक धुआँ हम लाग।।
उत्तर-
यह पंक्तियाँ प्रसिद्ध सूफी कवि मलिक मोहम्मद जायसी द्वारा रचित महाकाव्य 'पद्मावत'
के 'नागमती वियोग खंड' से ली गई हैं। पाठ्यक्रम 'अंतरा भाग-2' में यह संकलित है।
प्रसंग-
इन पंक्तियों में रानी नागमती की विरह-अवस्था का अत्यंत मार्मिक और अतिशयोक्तिपूर्ण
वर्णन किया गया है। नागमती अपने पति तक संदेश पहुँचाने के लिए भँवरे और कौए को माध्यम
बनाती है।
व्याख्या
- विरहिणी नागमती भौरे और कौए को अपना सन्देशवाहक बनाकर प्रिय के पास भेजना चाहती है
अतः उनसे अनुरोध करती है कि तुम तो उड़कर कहीं भी जा सकते हो। मेरा यह छोटा-सा सन्देश
मेरे प्रिय तक पहुँचा देना। उनसे कहना कि तुम्हारी वह पत्नी विरह में जलकर मर गई है।
उसके शरीर के जलने से जो धुआँ निकला उसी से हम काले पड़ गए हैं। नागमती के विरह का
अतिशयोक्तिपूर्ण चित्रण है।
विशेष
(काव्यगत विशेषताएँ)
अतिशयोक्ति
अलंकार: यहाँ विरह की अग्नि का ऐसा वर्णन है कि उसके धुएँ से पक्षी काले हो गए हैं।
यह विरह की तीव्रता को दिखाने के लिए किया गया है।
भाषा:
ठेठ अवधी भाषा का प्रयोग है।
छंद:
यह एक दोहा है।
रस:
इसमें वियोग श्रृंगार रस की प्रधानता है।
प्रतीकात्मकता: भँवरा और कौआ दोनों काले होते हैं, कवि ने उनकी श्यामता का कारण नागमती के विरह के धुएँ को बताया है।
