Project PARAKH Class-12th Hindi Elective [हिन्दी (ऐच्छिक)] Model Set-2 Questions-cum-Answer Booklet (2024-25)

Project PARAKH Class-12th Hindi Elective [हिन्दी (ऐच्छिक)] Model Set-2 Questions-cum-Answer Booklet (2024-25)

 Project PARAKH Class-12th Hindi Elective [हिन्दी (ऐच्छिक)] Model Set-2 Questions-cum-Answer Booklet (2024-25)

प्रोजेक्ट परख (तैयारी उड़ान की)

मॉडल पेपर (कक्षा-XII) सेट-2

विषय-हिन्दी (ऐच्छिक)

समय-3 घण्टा अंक-80

आवश्यक निर्देशः-

(अ) इस प्रश्नपत्र में कुल 52 प्रश्न होंगे।

(ब) 1 से 30 तक बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे, जो सभी अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न 01 अंक का निर्धारित है।

(स) 31 से 38 तक कुल 08 प्रश्न होंगे, जिनमें से किन्हीं 06 प्रश्नों को हल करना होगा। यें सभी प्रश्न 02 अंक के अतिलघुत्तरीय प्रश्न होंगे।

(द) 39 से 46 तक कुल 08 प्रश्न लघुत्तरीय होंगे, जिनमें से किन्हीं 06 प्रश्नों को हल करना होगा। प्रत्येक प्रश्न तीन अंक का होगा।

(य) 47 से 52 तक कुल 06 प्रश्न दीर्घ उत्तरीय होंगे, जिनमें से किन्हीं 04 प्रश्नों को हल करना होगा। प्रत्येक प्रश्न 05 अंक के होंगे।

समूह A (अपठित बोध)

निर्देश :- निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या-1 से 4 तक के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए।

अनुशासन का अर्थ है अपने को कुछ नियमों से बाँध लेना और उन्ही के अनुसार कार्य करना है। अनुशासन के अभाव में समाज में अराजकता और अशान्ति का साम्राज्य होता है। वन्य पशुओं में अनुशासन का कोई महत्व नही है, इसी कारण उनका जीवन आरक्षित आतंकित एवं अव्यवस्थित रहता है। सभ्यता और संस्कृति के विकास के साथ-साथ जीवन में अनुशासन का महत्त्व भी बढ़ता गया। आज के वैज्ञानिक युग में तो अनुशासन के बिना मुनष्य का कार्य ही नहीं हो सकता।

1. अनुशासन का अर्थ है-

(a) शासन रहित जीवन

(b) स्वयं पर स्वयं का शासन

(c) स्वयं पर दूसरों का शासन

(d) इनमें सभी

2. किसके विकास के साथ अनुशासन का महत्व बढ़ता है ?

(a) जनसंख्या वृद्धि के साथ

(b) भौतिक संसाधनों के विकास के साथ

(c) सभ्यता और संस्कृति के विकास के साथ

(d) इनमें से कोई नहीं

3. किनमें अनुशासन का महत्व नहीं होता ?

(a) कर्मचारियों में

(b) वन्य जीवों में

(c) सैनिकों में

(d) विद्यार्थियों में

4. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखे

(a) अनुशासन का महत्व

(b) विद्यार्थी जीवन

(c) सभ्य समाज

(d) विद्यार्थी का कर्तव्य

निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 5 से 8 के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए :-

निर्भय स्वागत करो मृत्यु का, मृत्यु एक है विश्राम- स्थल

जीव जहाँ से फिर चलता है, धारण कर नवजीवन संबल

मृत्यु एक सरिता है जिसमें, श्रम से कातर जीव नहाकर

फिर नूतन धारण करता है, कायारूपी वस्त्र बहाकर।

सच्चा प्रेमी वही है, जिसकी तृप्ति आत्म-बलि पर हो निर्भर

त्याग बिना निष्प्राण प्रेम है, करो प्रेम पर प्राण निछावर

5. प्रस्तुत काव्यांश का उचित शीर्षक चुनिए -

(a) निर्भयता

(b) मृत्यु का स्वागत

(c) आत्मबलि

(d) सच्चा प्रेम

6. कवि ने मृत्यु की तुलना किससे की है ?

(a) नारी से

(b) आकृति से

(c) सरिता से

(d) नवीनता से

7. सच्चे प्रेम की क्या विशेषता बताई गई है ?

(a) बलिदान से मुक्त होता है

(b) सुख-दुख दोनों देता है

(c) पीड़ा देता है

(d) आत्म बलिदान देता है

8. कैसा प्रेम निष्प्राण होता है -

(a) जिसमें बलिदान की भावना हो

(b) जिसमें त्याग न हो

(c) जिसमें संयम न हो

(d) जिसमें क्षमा न हो

9. फीचर लेखन में कितने आयाम होते है ?

(a) एक

(b) तीन

(c) चार

(d) दो

10. हिन्दी का पहला समाचार पत्र किस वर्ष प्रकाशित हुआ ?

(a) 1830

(b) 1920

(c) 1826

(d) 1920

11. प्रतिवेदन शब्द अंग्रेजी के किस शब्द का हिन्दी रूपांतरण है ?

(a) एडिटिंग

(b) फीचर

(c) रिपोर्ट

(d) न्यूज

12. मुद्रण का आरम्भ किस देश में हुआ ?

(a) जापान

(b) भारत

(c) चीन

(d) इग्लैंड

13. निबंध की यात्रा का अंतिम पडाव है-

(a) विस्तार

(b) भूमिका

(c) निष्कर्ष

(d) प्रस्तावना

14. निम्न में से कौन संचार का एक प्रकार नहीं है ?

(a) सम्पादक

(b) संपादन

(c) जनसंचार

(d) समूह संचार

15. एक सफल संपादक में कौन से गुण आपेक्षित है ?

(a) अभिप्रेरणा

(b) मेधा

(c) निपुणता

(d) इनमें से सभी

निर्देश :- निम्नलिखित पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या 16 से 19 के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए :

तुमने कभी देखा है

खाली कटोरों में वसंत का उतरना।

यह शहर इसी तरह खुलता है

इसी तरह भरता

और खाली होता है यह शहर

इसी तरह रोज-रोज एक अनंत शव ले जाते है कंधे

16. किन लोगों के खाली कटोरों में वसंत उतरता है ?

(a) भिखारियों के

(b) कुत्तों के

(c) बन्दरों के

(d) बच्चों के

17. प्रस्तुत पंक्ति में किस शहर की चर्चा की गई है ?

 (a) इलाहबाद

(b) उज्जैन

(c) मथुरा

(d) बनारस

18. रोज-रोज में कौन सा अलंकार है ?

(a) यमक

(b) पुनरुक्तिप्रकाश

(c) रूपक

(d) उपमा

19. प्रस्तुत कविता के रचयिता कौन है-

(a) निराला

(b) रामचन्द्रशुक्ल

(c) केदारनाथ सिंह

(d) रघुवीर सहाय

20. तोड़ो किस प्रकार की कविता है ?

(a) श्रृंगारिक

(b) हस्यपरक

(c) उदबोधन परक

(d) रौद्र परक

21. घनानन्द ने अपनी पुकार से नायिका के क्या खोलने की बात कही है ?

(a) हाथ

(b) मुँह

(c) कान

(d) आँख

22. हरगोबिन कौन है ?

(a) संवदिया

(b) मुखिया

(c) मास्टर

(d) ड्राइवर

23. अराफात लेखक के लिए क्या बन रहे थे ?

(a) जलेबी

(b) खाना

(c) खीर

(d) शहद की चाय

24. दूसरा देवदास कहानी की नायिका कौन है ?

(a) बेला

(b) राधा

(c) पारो

(d) निर्मला

25. बड़ी बहुरिया क्या खाकर अपने दिन काट रही थी ?

(a) चावल

(b) मिठाई

(c) छप्पनभोग

(d) बथुआ साग

26. घड़ी बनाने की कला क्या कहलाती है ?

(a) घड़ीवाज

(b) घुरसवार

(c) घड़ी साजी

(d) कलावाज

27. प्रधानाध्यपक के एकमात्र पुत्र की आयु थी ?

(a) नौ वर्ष

(b) आठ वर्ष

(c) दस वर्ष

(d) छः वर्ष

28. मिर्जापुर में रहने वाले पुराने परपाटी के प्रतिभावान कवि कौन थे ?

(a) भगवानदास

(b) प्रेमघन

(c) वामनाचार्य गिरि

(d) रामचन्द्र शुक्ल

29. सुभागी किसकी पत्नी थी ?

(a) भैरो

(b) मातादीन

(c) सूरदास

(d) देवदास

30. लेखक ने अपनी माँ की तुलना किससे की ?

(a) नदी से

(b) पर्वत से

(c) गुलाव से

(d) वत्तख से

भाग - B विषयनिष्ठ प्रश्न

खण्ड – A अति लघुउत्तरीय प्रश्न

किन्ही छः प्रश्नों के उत्तर दें (2X6=12)

निर्देश : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों 31 से 33 के उत्तर दें :

और कितना करू कडा दिल ……… माँ से कहना, मैं भाई भाभियों की नौकरी करके पेट पालूँगी। बच्चों की जूठन खाकर एक कोने में पड़ी रहूँगी, लेकिन यहाँ अब नहीं ………..अब नहीं रह सकुँगी। कहना यदि माँ मुझे यहाँ से नहीं ले जायेगी तो मैं किसी दिन गले में घड़ा बाधकर पोखरे में डूब जाऊँगी।

31. यहाँ वक्ता कौन है ?

उत्तर : यह कथन बडी बहुरिया का है।

32. इस कथन के द्वारा कौन-सा भाव प्रकट हो रहा है ?

उत्तर : इस कथन के द्वारा बड़ी बहुरिया के व्याकुलता का भाव प्रकट होता है।

33. ये सब बाते किस पात्र द्वारा सुना जा रहा है ?

उत्तर : ये सब बाते हरगोबिन द्वारा सुना जा रहा था ।

34. बनारस में क्या-क्या यथास्थिति रखी हुई है ?

उत्तर : बनारस में तुलसीदास की खड़ाऊँ तथा गंगा के घाटों से बंधी नाव आज भी यथास्थिति में रखी हुई है।

35. देवसेना ने क्या प्रतिज्ञा की ?

उत्तर : भाई की मृत्यु के बाद देवसेना ने भाई के सपनों को पूरा करने के लिए राष्ट्र सेवा की प्रतिज्ञा ली थी।

36. नागमती किसे जलाकर राख कर देना चाहती है ?

उत्तर : नागमती अपने ही शरीर को जलाकर राख कर देना चाहती है।

37. बड़ी बहुरिया ने हरगोबिन को खाने के लिए क्या दिया ?

उत्तर : बड़ी बहुरिया ने हरगोबिन को खाने के लिए दूध और चूड़ा दिया।

38. व्यालू का क्या अर्थ है ?

उत्तर : व्यालू का अर्थ अर्धरात्रि का भोजन होता है।

खण्ड- C लघु उत्तरीय प्रशन 3X6=18

किन्हीं छः प्रश्नों के उत्तर दे। 

प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दे।

39. सरोज का विवाह अन्य विवाहों से किस प्रकार भिन्न था ?

उत्तर : सरोज का विवाह अत्यंत सादगी पूर्ण तरीके से हुआ था। इसमे किसी भी प्रकार का दिखावा नही था। विवाह का निमंत्रण पत्र किसी को नहीं भेजा गया, केवल कुछ स्वजन ही विवाह के अवसर पर उपस्थित थे। कवि निराला ने माता-पिता दोनों के द्वारा की जाने वाली सभी वैवाहिक रस्मों को स्वयं निभाया। न तो कोई संगीत था और न ही रात्रि जागरण। विवाह के बाद पुत्री को दी जाने वाली कुल शिक्षा स्वयं पिता निराला ने दी तथा पुत्री के लिए पुष्प-सेज भी पिता ने ही तैयार की। वास्तव में सरोज का विवाह अन्य विवाहों से भिन्न था।

40. बनारस में वसन्त का आगमन कैसे होता है? और उसका क्या प्रभाव इस शहर पर पड़ता है।

उत्तर : बनारस में वसंत का आगमन बिना शोर शराबे का, अन्य जगहों से भिन्न रूप में होता है। वसंत के आगमन के साथ धूल का बवंडर उड़ने लगता है, जो लोगों के मुँह में पड़कर उनकी जीभों में किर-किराहट उत्पन्न करता है। वसंत के आने पर भी बनारस के मूलभूत स्वरूप, स्वभाव एवं संस्कार में कोई परिवर्तन नही आता।

41. बारहमासा कविता की नायिका के दुःख का क्या कारण है ?

उत्तर : प्रस्तुत कविता में नायिका प्रेषितपतिका है अर्थात् उसका पति उसे छोडकर अन्य देश चला गया है। वह दुखी होकर बारह महीनों की चर्चा करती है और कहती है कि पति के बिना हर मौसम व्यर्थ है इस गीत में वह अपनी दशा को हर महीने की विशेषता के साथ पिरोकर रखती है।

42. उपाध्याय जी कौन-सी भाषा के समर्थक थे ?

उत्तर : उपाध्याय जी नागरी भाषा के समर्थक थे और हमेशा से ही नागरी भाषा में लिखते थे। उनका कहना है कि नागर अपभ्रंस से जो लोगों की भाषा विकसित हुई है वही नागरी कहलायी।

43. संवाद कहते वक्त बड़ी बहुरिया की आँखे क्यो छलछला आई ?

उत्तर : हरगोबिन जब हवेली पहुँचा तो आँगन में मोदियाइन बड़ी बहुरिया को उधार के लिये जली-कटी सुना रही थी। हरगोबिन के सामने स्वयं को मोदियाइन द्वारा अपमानित होने पर बड़ी बहुरिया को अपनी दशा हरगोबिन से व्यक्त करनी पड़ी। उसने संवदिया को बताया कि देवर देवरानी बड़े बेदर्द है। ठीक अगहनी धान के समय तथा आम के मौसम में आकर हिस्सा ले जाते हैं और कर्ज-उधार बड़ी बहुरिया को चुकाना पड़ता है। संवाद कहते वक्त अपनी करूण-दशा वर्णन करते हुए बडी बहुरिया का दुःख आँखों के जरिये बाहर आ गया।

44. दूसरा देवदास कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ?

उत्तर : दूसरा देवदास कहानी में जिस प्रकार शरदचन्द्र का देवदास अपने पारो के लिये सारा जीवन मारा-मारा फिरता रहा उसी प्रकार संभव रूपी देवदास अपनी पारो के लिए मारा-मारा फिरता है। वह उसे ढूढ़ने के लिये बाजार, घाट, मंदिर सब जगह जाता है। उसके मिलने के लिये मन्नते माँगता है। जब वह मिलती है तो लड़की का नाम पारो सुनकर जैसे उसकी खोज सार्थक हो जाती है इसलिये वह अपने नाम के साथ देवदास लगाकर इसका संकेत भी दे देता है। दोनों के मध्य प्रेम एक दूसरे के प्रति ललक तथा रोमानियत उत्पन्न होती है। देवदास वह नाम है जो प्यार में पागल प्रेमी के लिये प्रयुक्त किया जाता है। यही कारण है कि यह शीर्षक कहानी को सार्थकता देता है।

45. सूरदास जगधर से अपनी आर्थिक हानि को गुप्त क्यों रखना चाहता था ?

उत्तर : सूरदास एक अंधा भिखारी था। वह लोगों के दान पर जीता था एक अंधे भिखारी के पास इतना धन होना लोगों के लिए हैरानी की बात हो सकती थी। इस धन का पता चलने पर लोग उस पर संदेह कर सकते थे कि इसके पास इतना धन कहाँ से आया। लोग उसके प्रति तरह-तरह की बाते कर सकते थे। अतः जब गजाधर ने उससे उन रूपयों के बारे में पूछा जो अब भैरो के पास थे। सूरदास सकपका गया और उन रूपयों को अपना मानने से इंकार कर दिया। वह स्वयं को समाज के आगे लज्जित नहीं करना चाहता था। अतः वह जगधर से अपनी आर्थिक हानि को गुप्त रखना चाहता था।

46. बिस्कोहर में हुई बरसात का जो वर्णन विश्वनाथ ने किया है इसे अपने शब्दों में लिखिए ?

उत्तर : विस्कोहर में बरसात अचानक नहीं आती। पहले बादल घिरते थे और गड़गड़ाहत होती थी, फिर पूरा अकाश काले बादलों से घिर जाता था और दिन में रात जैसा अंधेरा छा जाता था। इसके बाद घनघोर वर्षा होती थी। बरसात की बूंदे गिरने से ऐसा प्रतीत होता था जैसे प्रकृति संगीत उत्पन्न कर रही है। उसमे तबला मृदंग और सितार जैसे संगीत का आनंद होता था। पानी बरसता था तो दिखाई भी देता था घर की छत से देखने पर दूर से घोड़े की कतार दौड़ती हुई चली आ रही प्रतीत होती थी। आधी तो टिन और छप्पर उड़ाती थी और लगातार वर्षा से दीवार भी गिर जाती थी। घर धस जाते थे बाढ़ आ जाती थी

खण्ड- D दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

किन्हीं चार प्रश्नों के उत्तर दें। 5X4=20

प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें।

47. स्त्री शिक्षा का महत्व विषय पर निबंध लिखिए

उत्तर : स्त्री-शिक्षा का महत्व- लोग शिक्षित नही होते है, किसी भी राष्ट्र के निर्माण में शिक्षा का बहुत बड़ा महत्व होता है। जिसदेश के वहाँ पर आर्थिक और सामाजिक विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है।

प्राचीनकाल की स्थिति- भारत में प्राचीन काल में स्त्रियों की शिक्षा को विशेष महत्व दिया जाता था क्योंकि स्त्री जीवन के हर पहलू में पुरुष का साथ देती है। वैदिक साहित्य में गार्गी मैत्रेयी शकुन्तला आदि अनेक विदुषी स्त्रियों का योगदान प्राप्त होता है। प्रचीन काल में मैत्रेयी लोपमुद्रा अपाला, शैल्जा, सीता, उर्मिला, जैसी अनेक नारियों ने अपनी विद्वता, त्याग एवं समर्पण का उदाहरण प्राप्त होता है।

स्त्री-शिक्षा की वर्तमान स्थिति- सन् 1947 स्वाधीनता प्राप्त करने के उपरान्त महिलाओं की सामाजिक तथा शैक्षणिक स्थिति में अनेक क्रांतिकारी परिवर्तन हुए। अज्ञानता, परतंत्रता, रुढ़िवादिता तथा असहायता के बंधनों से मुक्त होकर भारतीय स्त्रियाँ आज एक सम्मानजनक जीवन जी रही है। स्वतन्त्रता के बाद नारी शिक्षा के मार्ग में आनेवाली बाधाओं को जानने तथा उसका समाधान प्रस्तुत करने हेतु अनेक समितियों एवं अयोगों का गठन किया गया।

स्त्री-शिक्षा का महत्व और आवश्यकता- मानव समाज में नारी शिक्षा का विशेष महत्व है। क्योंकि कोई भी काम चाहे सामाजिक हो या आर्थिक या सांस्कृतिक या राजनैतिक हो, बिना स्त्री के पूर्ण नही होता। एक अच्छे समाज के निर्माण का आधार भी नारी है। स्त्री शिक्षा परिवार के लिए विशेष उपयोगी होता है। स्त्री शिक्षा नारियों को पारिवारिक, सामाजिक तथा राष्ट्रीय दायित्वों एवं कर्तव्यों का बोध कराती है।

भारत में नारी शिक्षा की वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में स्त्रियों अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है आज भी कई क्षेत्रों-डॉक्टर - शिक्षिका, इंजीनियरिंग तथा वैज्ञानिक पद प्राप्त कर रही है। आज स्त्रियां की संख्या संसद और विधानमण्डलों में बढ़ रही है। वे मंत्री भी बन रही है जैसे- निर्मला सीतारमण, नेहा तिर्की और यहाँ तक की देश की सर्वोच्च पद पर श्रीमति द्रोपदी मुर्मू जो एक महिला ही है।

48. भ्रष्टाचार के संबंध में अपने विचार प्रकट करते हुए दैनिक समाचार-पत्र के सम्पादक को पत्र लिखे।

उत्तर : सेवा में,

सम्पादक महोदय

दैनिक जागरण, पाकुड़।

विषय- कार्यालयों में व्याप्त भ्रष्टाचार के संबंध मे।

महोदय,

आज हमारे क्षेत्र में भ्रष्टाचार सीमाएं लांघ रहा है आपके पत्र के माध्यम से में उच्चाधिकारियो का ध्यान विभिन्न कार्यालयों में बढ़ते भ्रष्टाचार की ओर आकृष्ट कराना चाहती / चाहता हूँ। जिले के कई कार्यालयों मे जाने के बाद पता चला कि कार्यालय भ्रष्टाचार में लिप्त है। प्रत्येक विभाग ने बिना घूस दिये काम नही होता है।

अतः उच्चाधिकारियों से अनुरोध है कि प्रशासन को दुरुस्त कर ईडी, सी०बी०आई०, सी०वि०सी० आदि के माध्यम से भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाये अन्यथा जिले में अराजकता का माहौल पैदा होगा।

भवदीय

XYZ

यू०पी०जी०+2 स्कूल, ईलामी, पाकुड़।

49. फीचर और समाचार में अन्तर स्पष्ट करें।

उत्तर : फीचर लेख अक्सर पाठकों के सन्दर्भ, विश्लेषण और मानवी रूच प्रदान करने के लिए कहानी के मूल तथ्यों से परे जाते है। समाचार लेख आमतौर पर संक्षिप्त और वस्तुनिष्ठ शैली में लिखे जाते हैं। फीचर का उद्देश्य पाठको का मनोरंजन करने, उन्हें शिक्षित करना या उन्हे प्रेरित करना है। समाचार का उद्देश्य पाठको को वर्तमान घटनाओं के बारे में सूचित करना है। जबकि सामाचार लेख आमतौर पर दैनिक या साप्ताहिक आधार पर प्रकाशित होते है।

50. नगमती अपनी व्यथा का संदेश परदेशी पति के पास कैसे पहुचाना चाहती है? अपने शब्दों में वर्णन करें-

उत्तर : जायसी कृत प‌द्मावत की नायिका नागमती का पति राजा रत्नसेन परदेश चला गया है। इसके वियोग में नायिका जल रही है इस रचना में बारह महीनों में से चार महीनों अगहन, पूस, माघ, फाल्गुन का विरहोद्दीपक रूप का वर्णन हुआ है। इन चार महीनों में अगहन की शीत ऋतु उसके लिए अत्यन्त दाहक प्रतीत होती है। अगहन का शीत विरहाग्नि से जलती नागमती भौरे और काग के माध्यम से अपने प्रिय के पास अपनी करुण दशा का संदेश भेजती है। वे उनसे अनुरोध पूर्वक कहती है कि वे उनके प्रियतम के पास जाकर कह दे कि उनकी प्रिया विरहाग्नि में जलमरी है। उसी की चिता की धुआँ लगने से हम काले हो गये है। नागमती के विरह का चरमोत्कर्ष यहाँ दिखलाई पड़ता है।

51. कुटज हम सभी को क्या उपदेश देता है? टिप्पणी कीजिए-

उत्तर : कुटज हम सभी को उपदेश देते हुए कहता है कि यदि जीना चाहते हो तो कठोर पाषाण को भेद कर पाताल की छाती चिरकर अपना भोग्य संग्रह करो, वायुमंडल को चूसकर झंझा तूफान को रगड़कर, अपना प्राप्त्य प्राप्त करो। आकाश चूमकर, आकाश की लहरी में झूमकर उल्लास खीच लो। अर्थात् हम सभी को कुटज संघर्ष करने की प्रेरणा देता है। अपने इच्छित उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए हमे स्वयं ही संघर्ष करना पड़ेगा तभी हम सफल हो सकते हैं और दुनिया ऐसे ही कर्मठ लोगों को पूजती है।

52. 'प्रकृति सजीव नारी बन गई है', इस कथन के संदर्भ में लेखक की प्रकृति, नारी और सौन्दर्य संबंधी मान्यताए स्पष्ट कीजिए ?

उत्तर : विश्वनाथ जब दस वर्ष का था, तब उसे अपने रिश्तेदार के यहाँ उस औरत को पहली बार देखा था। वह बहुत सुन्दर थी। लेखक पर उसके सौन्दर्य का आकर्षण इस तरह हावी हुआ कि उसे समस्त प्रकृति में वही औरत नजर आने लगी। विश्वनाथ के प्राणों में जूही की खुशबू बसी थी। चाँदनी रात में जूही के सफेद फूल ऐसे लगते थे जैसे कि चाँदनी ही फूल बनकर डाली में लगी है। विश्वनाथ को फूलों पेड़ो, लताओं तथा प्रकृति की समस्त रूपों को सजीव रूप में देख रहा था वह औरत भी उन्हें प्रकृति की तरह बहुत सुन्दर लगती थी इसलिए उन्हें लगा कि प्रकृति सजीव नारी बन गई है।

PROJECT RAIL (JCERT) Weekly Test Answer Key 2024-25

Class 12th Hindi (Elective) PROJECT RAIL (JCERT) Weekly Test Answer Key 11.01.25



Model Question Solution 






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