12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 गद्य खंड पाठ-5 गाँधी, नेहरु और यास्सेर अराफात

12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 गद्य खंड पाठ-5 गाँधी, नेहरु और यास्सेर अराफात

 12th Hindi Elective अंतरा भाग 2 गद्य खंड पाठ-5 गाँधी, नेहरु और यास्सेर अराफात

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 12

Hindi Elective

गद्य खंड पाठ-5 गाँधी, नेहरु और यास्सेर अराफात

लेखक परिचय

भीष्म साहनी हिंदी साहित्य के प्रगतिशील कथाकारों में प्रमुख हैं। इनका जन्म 8 अगस्त 1915 को रावलपिंडी पाकिस्तान में हुआ था। गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में एम.ए. तथा पंजाब विश्वविद्यालय से पी एच.डी. की उपाधि प्राप्त की । भीष्म साहनी ने व्यवसाय तथा अध्यापन का कार्य किया। पत्रकारिता तथा नाट्य मंडली 'इप्टा' से भी जुड़े रहे। उनके बड़े भाई बलराज साहनी प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता थे। 'तमस' भीष्म साहनी का महत्वपूर्ण उपन्यास है। इस उपन्यास के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। भीष्म साहनी के प्रमुख उपन्यास - झरोखे, कड़ियां, तमस, बसंती, मैया दास की माड़ी, नीलू नीलिमा नीलोफर | कहानी संग्रह- भाग्य रेखा, पहला पाठ, भटकती राख । नाटक - माधवी, हानूश, कबीरा खड़ा बाजार में है। इनकी आत्मकथा आज के अतीत है।'

पाठ परिचय

गांधी, नेहरू और यासेर अराफात पाठ भीष्म साहनी की आत्मकथा 'आज के अतीत का एक अंश है जो संस्मरण के रूप में लिखा गया है। लेखक ने इसमें किशोरावस्था से प्रौढ़ावस्था तक के सारे अनुभव को स्मरण के आधार पर वर्णित किया है। सेवाग्राम में गांधीजी, कश्मीर में नेहरू तथा फिलिस्तीन में यासेर अराफात के साथ व्यतीत किए गए कुछ निजी क्षणों का चित्रण लेखक ने बहुत प्रभावशाली ढंग से किया है। भीष्म साहनी ने अपने रोचक अनुभव को भी पाठ के बीच में जोड़ा है। जिससे यह संस्मरण अत्यंत रोचक और पठनीय बन गया है। इस पाठ में रचनाकार के व्यक्तित्व तथा तीन महान व्यक्तियों गांधी, नेहरू यासर अराफात के बारे में जानकारी प्राप्त होती है साथ ही राष्ट्रीय प्रेम, अंतरराष्ट्रीय मैत्री जैसे विषयों पर चर्चा हुई है।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर

1. लेखक सेवाग्राम कब और क्यों गया था?

उत्तर: लेखक (भीष्म साहनी) 1938 ई. के आसपास अपने बड़े भाई बलराज साहनी के पास कुछ दिनों तक रहने के लिए सेवाग्राम गए थे, जो उस समय वहाँ से प्रकाशित होने वाली पत्रिका 'नयी तालीम के सह-सम्पादन के रूप में काम कर रहे थे।

2. लेखक का गाँधी जी के साथ चलने का पहला अनुभव किस प्रकार का रहा?

उत्तर: लेखक जब सेवाग्राम गया, तो उसे पता चला कि गाँधी जी सेवाग्राम में हैं और प्रतिदिन सुबह सात बजे घूमने के लिए लेखक के घर से होते हुए निकलते थे। लेखर्क उन्हें देखने और मिलने के लिए उत्सुक था। वह सुबह जल्दी उठकर घर के सामने खड़ा हो गया। सात बजे गाँधी जी आश्रम से निकले। उन्हें देखकर लेखक प्रसन्न हो गया। लेखक का भाई अब तक सो रहा था। लेखक ने उसे जगाया। लेखक को अकेले उनके पास जाने से संकोच हो रहा था, इसलिए वह जिद्द करके अपने बड़े भाई को अपने साथ ले गया। बलराज ने उसका परिचय गाँधी जी से करवाया। लेखक गाँधी जी से बात करना चाहता था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि बात कैसे शुरू करें। लेखक ने गाँधी जी को रावलपिंडी आने की याद दिलाई। तब गाँधी जी की भी यादें ताजी हो गई। इस तरह उसका गाँधी जी से वार्तालाप शुरू हुआ। लेखक गांधी जी से मिलकर बहुत उत्साहित और प्रसन्न हुआ था।

3. लेखक ने सेवाग्राम में किन-किन लोगों के आने का ज़िक्र किया है?

उत्तर: लेखक लगभग तीन सप्ताह तक सेवाग्राम में रहा। वह सुबह गांधी जी के साथ घूमने तथा शाम में प्रार्थना सभा में जाता था। वहाँ उसे जाने-माने देशभक्त सुशीला नय्यर, महादेव देशाई, जापानी भिक्षु पृथ्वी सिंह आज़ाद, मीरा बेन, खान अब्दुल ग़फ़्फ़ार खान, राजेंद्र बाबू आदि के आने का जिक्र किया है। पृथ्वी सिंह आज़ाद से लेखक को उनके अंग्रेज़ों की गिरफ्त से भाग निकलने का किस्सा भी सुनने को मिला।

4. रोगी बालक के प्रति गाँधी जी का व्यवहार किस प्रकार का था?

उत्तर : रोगी बालक के प्रति गाँधी जी का व्यवहार सहानुभूतिपूर्ण तथा विनम्र था। रोगी बालक ने अधिक मात्रा में ईख पी ली थी, इसलिए उसके पेट में दर्द शुरू हो गया था। बालक दर्द से चिल्लाते हुए गाँधी जी को बुलाने की जिद्द कर रहा था। गाँधी जी आए। उन्होंने आते ही बालक के फूले हुए पेट पर हाथ फेरा और उसे सहारा देकर बैठाया। गाँधी जी ने उस बालक को मुँह में हाथ डालकर उल्टी करने के लिए कहा। लड़के के उल्टी करने तक गाँधी जी उसकी पीठ सहलाते रहे। उल्टी करते ही उसका पेट हल्का हो गया। बालक को आराम करने के लिए कहकर गाँधी जी वहाँ से मुस्कुराते हुए निकल गए। गाँधी जी के मन में उस बालक के प्रति कोई क्षोभ नहीं था। उनके चेहरे पर बालक के प्रति प्यार झलक रहा था। इस प्रकार गाँधी जी का उस रोगी बालक के प्रति व्यवहार सहानुभूतिपूर्ण एवं सेवाभाव से भरा हुआ था। एक अभिभावक की भाँति वे उसकी देखभाल कर रहे थे।

5. कश्मीर के लोगों ने नेहरू जी का स्वागत किस प्रकार किया?

उत्तर: नेहरू जी का कश्मीर के लोगों ने कश्मीर पहुँचने पर भव्य स्वागत किया। शेख अब्दुल्ला के नेतृत्व में कश्मीर को शानदार ढंग से सजाया गया था। झेलम नदी पर शहर के एक सिरे से लेकर दूसरे सिरे तक सातवें पुल से अमीराक दल तक नावों में उनकी शोभा यात्रा निकाली गई। नदी के दोनों ओर हज़ारों-हजार कश्मीरी निवासियों ने अदम्य उत्साह के साथ उनका स्वागत किया। वह दृश्य बहुत अद्भुत था।

6. अखबार वाली घटना से नेहरू जी के व्यक्तित्व की कौन-सी विशेषता स्पष्ट होती है?

उत्तर: अखबार वाली घटना से यह पता चलता है कि नेहरू जी कितने सहज स्वभाव के थे। हर छोटे-बड़े व्यक्ति को सम्मान देते थे। उनके लिए न ही कोई बड़ा न ही कोई छोटा है। उनमें अहंकार नहीं था तथा अपने को महत्त्व देकर दूसरे को तुच्छ समझने की वृत्ति उनमें नहीं थी। भीष्म जी की टाँगें तो डर के कारण काँप रहीं थीं पर नेहरू जी ने बड़ी शालीनता से कहा "यदि आपने अखबार देख लिया हो तो मैं एक नजर देख लूँ ।" इससे उनके शालीन व्यवहार का परिचय मिलता है।

7. फिलिस्तीन के प्रति भारत का रवैया बहुत सहानुभुति पूर्ण एवं समर्थन भरा क्यों था?

उत्तर: भारत की विदेश नीति अन्याय का विरोध करने की रही है। साम्राज्यवादी शक्तियों ने फिलिस्तीन के प्रति जो अन्यायपूर्ण रवैया अपनाया हुआ था उसकी भर्त्सना भारत के नेताओं द्वारा की गयी थी। भारत के नागरिकों ने भी इसी कारण फिलिस्तीन और उसके नेता यास्सेर अराफात के प्रति अपनी सहानुभूति दिखायी और समर्थन व्यक्त किया। फिलिस्तीन हमारा मित्र देश है तथा पास्सेर अराफात का भारत में बहुत सम्मान था।

8. अराफात के आतिथ्य प्रेम से संबंधित किन्हीं दो घटनाओं का वर्णन कीजिए।

उत्तर: जब लेखक को फिलिस्तीन की राजधानी में बुलाया गया। लेखक और उनकी पत्नी जैसे ही वहाँ पहुँचे यासर अराफात बाहर आकर उनका स्वागत किया तथा चाय की मेज पर वे स्वयं फल छीलकर उन्हें खिलाते रहे। उन्होंने शहद की चाय उनके लिए स्वयं बनाकर दी। यही नहीं जब भीष्म जी (लेखक) टॉयलेट गए और बाहर निकले तो यास्सेर अराफात स्वयं तौलिया लेकर टॉयलेट के दरवाजे पर खड़े रहे जिससे भीष्म जी हाथ पोछ सकें। ये घटनाएँ उनके आतिथ्य प्रेम की प्रमाण है।

9. अराफात ने ऐसा क्यों बोला कि 'वे आपके ही नहीं हमारे भी नेता हैं। उतने ही आदरणीय जितने आपके लिए।' इस कथन के आधार पर गांधीजी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालिए।

उत्तर: चाय-पान के समय यास्सेर अराफात और भीष्म साहनी के बीच बातचीत होने लगी। बातचीत के दौरान जब गाँधीजी का जिक्र लेखक ने किया तो अराफात ने गाँधीजी के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि वे आपके ही नहीं हमारे भी नेता हैं और उतने ही आदरणीय भी हैं। उनके इस कथन से पता चलता है कि सिर्फ भारत में ही नहीं पूरे विश्व में गाँधी जी के प्रति सम्मान भाव था। गाँधी जी के सत्य, अहिंसा और प्रेम के सिद्धांत तथा उनके नैतिक मूल्यों ने सारे विश्व को प्रभावित कर रखा था। अपने इन्हीं गुणों के कारण वे पूरे विश्व में आदरणीय बन गए थे।

परीक्षोपयोगी महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. यास्सेर अराफात कौन थे? उनके व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषताएँ पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर: यास्सेर अराफात फिलिस्तीनी नेता थे। वे अपने शिष्ट और शालीन व्यवहार के साथ-साथ अपने अतिथि सत्कार के गुणों के कारण भी जाने जाते थे। भीष्म साहनी जी को उन्होंने जब भोजन पर आमंत्रित किया तो अपने हाथ से फल छीलकर दिए, शहद की चाय बनाई तथा जब वे स्नानगृह गए तो स्वयं तौलिया लेकर दरवाजे पर खड़े रहे। वे भारत तथा भारतीयों के प्रशंसक थे। वे गाँधी जी, पंडित नेहरू आदि भारतीय नेताओं को सम्मानपूर्वक अपना नेता मानते थे।

2. नेहरू जी जब कश्मीर पहुँचे, तो उनके स्वागत में क्या-क्या इंतजाम किये गये थे?

उत्तर: पंडित नेहरू कश्मीर यात्रा पर आए थे, यह बात भी लगभग उसी समय की है। वहाँ उनका भव्य स्वागत हुआ। शेख अब्दुल्ला को इनके स्वागत समारोह का नेतृत्व सौंपा गया था। कश्मीर की सबसे खूबसूरत झेलम नदी के एक सिरे से दूसरे सिरे तक सातवें पुल से अमीरकादल तक नावों में सवार नेहरू जी की शोभायात्रा देखने को मिली थीं। नदी के दोनों ओर हजारों की संख्या में कश्मीर निवासी अदम्य उत्साह और हर्ष के साथ उनका स्वागत कर रहे थे। यह सच में बहुत ही अद्भुत दृश्य था। शोभायात्रा समाप्त होने पर नेहरू जी को लेखक के फुफेरे भाई के बंगले में ठहराया गया था। लेखक के भाई के आग्रह पर लेखक ने पंडित जी की देखभाल में उनका हाथ बँटाया था।

3. नेहरू जी ने कौन-सी कहानी सुनाई थी? पाठ के आधार पर लिखिए।

उत्तरः नेहरू जी ने फ्रांस के विख्यात लेखक, अनातोले फ्रांस की लिखित कहानी सुनाई। पेरिस शहर में एक गरीब बाजीगर रहता था, जो करतब दिखाकर अपना पेट पालता था। एक बार क्रिसमस का पर्व था। पेरिस निवासी, सजे-धजे तरह- तरह के उपहार लिए, माता मरियम को श्रद्धांजलि अर्पित करने गिरजाघर जा रहे थे। लेकिन पर्व में भाग न ले सकने के कारण बाजीगर बहुत उदास था। क्योंकि उसके पास माता मरियम के चरणों में रखने के लिए कोई उपहार नहीं था। उसने माता मरियम को अपने करतब दिखाकर उनकी अभ्यर्थना करने की सोची। तन्मयता के साथ वह मरियम को एक के बाद एक करतब दिखाकर थक गया और हॉफने लगा। उसके हॉफने की आवाज सुनकर बड़ा पादरी भागता हुआ गिरजे के अंदर आया। उस वक्त बाजीगर सिर के बल खड़ा हो अपना करतब दिखा रहा था। यह देख बड़ा पादरी तिलमिला उठा और बोल पड़ा माता मरियम का इससे बड़ा अपमान और क्या होगा आगबबूला होकर वह आगे बढ़कर उसे लात मारकर गिरजे के बाहर निकालने ही वाला था कि माता मरियम की मूर्ति अपनी जगह से हिल गई, माता मरियम अपने मंच पर से उतरकर नट के पास आई और अपने आँचल से हाँफते हुए नट के माथे का पसीना पोंछती हुई, उसके सिर को सहलाने लगी।

4. भीष्म साहनी का साहित्यिक परिचय लिखिए।

उत्तर: साहित्यिक परिचय भाषा भीष्म जी की भाषा उर्दू मिश्रित सरल हिन्दी है। उनकी भाषा में पंजाबी शब्दों की सोंधी महक भी है। छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करके वे विषय को प्रभावी एवं रोचक बना देने की कला में पारंगत है। कहानियाँ एवं उपन्यासों में संवादों के प्रयोग से वे अद्भुत ताजगी ला देते हैं। उनकी भाषा में मुहावरों के भी प्रयोग मिलते हैं।

शैली- भीष्म साहनी ने अपनी रचनाओं के लिए वर्णनात्मक और संस्मरण शैलियों का प्रयोग मुख्य रूप से किया है। विषय के अनुरूप चित्रात्मक शैली, संवाद शैली आदि को भी अपनाया है। बीच-बीच में हास्य-व्यंग्य के छीटों से उनकी रचनाएँ सुसज्जित हैं। पात्रों के चरित्रांकन में आपने मनोविश्लेषण की शैली का प्रयोग किया है।

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. गांधी जी प्रत्येक दिन कच्ची सड़क पर क्या करने जाया करते थे?

उत्तर- गांधी जी प्रतिदिन प्रातः कच्ची सड़क पर घूमने निकलते, उसके सिरे पर एक कुटिया थी, जिसमें एक रुग्ण व्यक्ति रहता था, गांधी जी प्रतिदिन उसके पास स्वास्थ्य का हाल-चाल जानने के लिए जाया करते थे।

2. नेहरू जी के व्यक्तित्व की प्रमुख विशेषताएँ पाठ के आधार पर बताइए।

उत्तर : नेहरू जी एक लोकप्रिय व्यक्ति थे। कश्मीर की जनता ने उनका भव्य स्वागत किया। दिन भर वे स्थानीय नेताओं के साथ कार्यक्रमों में जाते, विचार-विमर्श करते और रात को चिट्ठियाँ लिखवाते। सुबह चरखा चलाते थे। वे शिष्ट और शालीन होने के साथ-साथ तर्क पूर्ण उत्तर देने वाले व्यक्ति थे। वे अत्यन्त परिश्रमी थे। वे अन्धविश्वासी नहीं थे। धर्म के बाघम्बर पर उनकी श्रद्धा नहीं थी। वे उसके मर्म को समझते थे।

अति लघुउत्तरीय प्रश्नोत्तर

1. भीष्म साहनी की पंडित नेहरू जी से भेंट कहाँ हुई थी?

उत्तर: भीष्म साहनी की पंडित नेहरू जी से भेंट कश्मीर में हुई थी।

2. भीष्म साहनी अपने बड़े भाई बलराज साहनी के साथ सेवाग्राम में कब रहा था?

उत्तर: भीष्म साहनी अपने भाई बलराज साहनी के साथ सेवाग्राम में सन् 1947 के लगभग रहा था।

3. लेखक कितने दिनों तक सेवाग्राम में रहा?

उत्तर: लेखक लगभग तीन सप्ताह तक सेवाग्राम में रहा।

4. बीमार बच्चा गाँधी जी को क्यों बुला रहा था?

उत्तर: बीमार बच्चा गाँधी जी को इसलिए बुला रहा था क्योंकि उसे विश्वास था कि गाँधी जी उसे ठीक कर देंगे।

5. बलराज साहनी जी क्या काम करते थे?

उत्तर- बलराज साहनी नयी तालिम पत्रिका के सह-संपादक के रूप में काम करते थे।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. नई तालिम पत्रिका के सह-संपादक कौन थे?

1. बलराज साहनी महात्मा गांधी

2. भीष्म साहनी

3. महात्मा गाँधी

4. पंडित जवाहरलाल नेहरू

2. महात्मा गाँधी प्रतिदिन सुबह कितने बजे घूमने निकलते थे?

1. पांच बजे

2. आठ बजे

3. सात बजे

4. चार बजे

3. लेखक ने सेवाग्राम में किन-किन लोगों के आने का जिक्र किया है

1. महादेव देसाई

2. पृथ्वी सिंह आजाद

3. जापानी भिक्षु

4. इनमें से सभी

4. कश्मीर में नेहरू जी का स्वागत किसके नेतृत्व में किया गया?

1. भीष्म साहनी

2. गाँधी जी

3. शेख अब्दुल्ला

4. इनमें से कोई नहीं

5. भीष्म साहनी का जन्म कब हुआ?

1. 1914

2. 1915

3. 1916

4. 1917

6. निम्न में से कौन सी रचना भीष्म साहनी द्वारा रचित है?

1. भटकती राख

2. कबीरा खड़ा बाजार में

3. तमस

4. इनमें से सभी

7. भीष्म साहनी को किस रचना के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया?

1. झरोखे

2. कड़ियाँ

3. तमस

4. बसंती

8. लेखक और अराफात अपनी मुलाकात में किसकी निंदा कर रहे थे?

1. फिलीस्तीन की

2. पाकिस्तान की

3. गाँधी और नेहरु की

4. साम्राज्यवादी शक्तियों की

9. लेखक किसके आतिथ्य से प्रभावित हुआ था?

1. गांधी जी

2. यास्सेर अराफात

3. नेहरू जी

4. इनमें से सभी

10. लेखक सेवाग्राम कब गए थे?

1. 1930 के आसपास

2. 1938 के आसपास

3. 1940 के आसपास

4. 4. 1948 के आसपास

11. लेखक ने सेवाग्राम में किन-किन लोगों के आने का जिक्र नहीं किया ?

1. महादेव देसाई

2. सुशीला नैय्यर

3. जापानी भिक्षु

4. नेपाली

12. रोगी बालक के प्रति गाँधी जी का व्यवहार किस प्रकार था ?

1. क्रोध पूर्ण व्यवहार

2. वात्सल्यपूर्ण व्यवहार

3. भेदभाव पूर्ण व्यवहार

4. शिष्टाचार पूर्ण व्यवहार

13. कश्मीर यात्रा में किसका जोरदार स्वागत किया गया?

1. नेहरू जी का

2. गांधी जी का

3. प्रियंका जी का

4. उपर्युक्त सभी

14. लेखक को जब रास्ते में गाँधी जी मिले तो लेखक ने उनसे किस चीज का जिक्र किया?

1. अपने घर का

2. अपने बचपन का

3. गांव वालों का

4. रावलपिंडी का

15. लेखक सेवाग्राम में कितने दिन रहे?

1. दो दिन

2. तीन दिन

3. इक्कीस दिन

4. तीस दिन

16. किस सन् में कांग्रेस का हरिपुरा अधिवेशन हुआ?

1. सन् 1930

2. सन् 1938

3. सन् 1950

4. सन् 1945

17. वर्धा स्टेशन से सेवाग्राम तक का फासला कितनी दूरी का था?

1. दो मील

2. पांच मील

3. चार मील

4. सात मील

18. रुग्ण का क्या तात्पर्य है?

1. बीमार

2. अस्वस्थ

3. उपर्युक्त दोनों

4. बीमारी का नाम

19. भीष्म साहनी का जन्म कहां हुआ था?

1. उत्तर प्रदेश

2. रावलपिंडी

3. मध्य प्रदेश

4. झारखंड

20. भीष्म साहनी किस विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की?

1. पंजाब विश्वविद्यालय

2. दिल्ली विश्वविद्यालय

3. ओक्सफोर्ड विश्वविद्यालय

4. इनमें से कोई नहीं

JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय सूची

अंतरा भाग 2

पाठ

नाम

खंड

कविता खंड

पाठ-1

जयशंकर प्रसाद

(क) देवसेना का गीत

(ख) कार्नेलिया का गीत

पाठ-2

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

(क) गीत गाने दो मुझे

(ख) सरोज - स्मृति

पाठ-3

सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय

(क) यह दीप अकेला

(ख) मैंने देखा एक बूँद

पाठ-4

केदारनाथ सिंह

(क) बनारस

(ख) दिशा

पाठ-5

विष्णु खरे

(क) एक कम

(ख) सत्य

पाठ-6

रघुबीर सहाय

(क) बसंत आया

(ख) तोड़ो

पाठ-7

तुलसीदास

(क) भरत - राम का प्रेम

(ख) पद

पाठ-8

मलिक मुहम्मद जायसी

बारहमासा

पाठ-9

विद्यापति

पद

पाठ-10

केशवदास

कवित्त / सवैया

पाठ-11

घनानंद

कवित्त / सवैया

गद्य खंड

पाठ-1

रामचन्द्र शुक्ल

प्रेमधन की छायास्मृति

पाठ-2

पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी

सुमिरनी के मनके

पाठ-3

ब्रजमोहन व्यास

कच्चा चिट्ठा

पाठ-4

फणीश्वरनाथ 'रेणु'

संवदिया

पाठ-5

भीष्म साहनी

गांधी, नेहरू और यास्सेर अराफत

पाठ-6

असगर वजाहत

शेर, पहचान, चार हाथ, साझा

पाठ-7

निर्मल वर्मा

जहाँ कोई वापसी नहीं

पाठ-8

रामविलास शर्मा

यथास्मै रोचते विश्वम्

पाठ-9

ममता कालिया

दूसरा देवदास

पाठ-10

हजारी प्रसाद द्विवेदी

कुटज

अंतराल भाग - 2

पाठ-1

प्रेमचंद

सूरदास की झोपडी

पाठ-2

संजीव

आरोहण

पाठ-3

विश्वनाथ तिरपाठी

बिस्कोहर की माटी

पाठ-

प्रभाष जोशी

अपना मालवा - खाऊ- उजाडू सभ्यता में

अभिव्यक्ति और माध्यम

1

अनुच्छेद लेखन

2

कार्यालयी पत्र

3

जनसंचार माध्यम

4

संपादकीय लेखन

5

रिपोर्ट (प्रतिवेदन) लेखन

6

आलेख लेखन

7

पुस्तक समीक्षा

8

फीचर लेखन

JAC वार्षिक इंटरमीडिएट परीक्षा, 2023 प्रश्न-सह-उत्तर

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