प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 12
Hindi Elective
गद्य खंड पाठ- 6 शेर, पहचान, चार हाथ, साझा
लेखक परिचय
असगर
वजाहत का जन्म फतेहपुर उत्तर प्रदेश में हुआ। उनकी प्रारंभिक शिक्षा फतेहपुर में हुई
तथा विश्वविद्यालय स्तर की पढ़ाई उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से की। सन्
1955-56 से ही असगर वजाहत ने लेखन कार्य प्रारंभ कर दिया था। प्रारंभ में उन्होंने
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेखन कार्य किया बाद में वे दिल्ली के जामिया मिल्लिया
विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य करने लगे। वजाहत ने कहानी उपन्यास नाटक तथा लघु कथा
लिखी है, उन्होंने फिल्मों और धारावाहिकों के लिए पटकथा लेखन का कार्य भी किया है।
उन्होंने गज़ल की कहानी वृत्तचित्र का निर्देशन किया है तथा बूँद-बूँद धारावाहिक का
लेखन भी किया। उनकी प्रमुख रचनाएं- 'दिल्ली पहुँचना है, 'स्विमिंग पूल', 'सब कहाँ कुछ',
'आधी बानी', 'मैं हिंदू हूँ (कहानी संग्रह), फिरंगी लौट आए, इन्ना की आवाज', 'वीरगति',
'समिधा, जिस लाहौर नई देख्या', 'अकी' (नाटक) सबसे सस्ता गोश्त (नुक्कड़ नाटक संग्रह),
रात में जागने वाले', "पहर दोपहर तथा सात आसमान, कैसी आगि लगाई' (उपन्यास) ।
पाठ परिचय
इस
पाठ में शेर, पहचान, चार हाथ, साझा चार लघुकथाएँ दी गई हैं।
शेर
शेर
प्रतीकात्मक और व्यंग्यात्मक लघुकथा है। इस लघुकथा के माध्यम से व्यवस्था पर व्यंग्य
किया गया है। शेर व्यवस्था का प्रतीक है जिसके पेट में जंगल के सभी जानवर किसी न किसी
प्रलोभन के कारण समाते जा रहे हैं। ऊपर से देखने पर शेर अहिंसावादी, न्याय प्रिय और
बुद्धि का अवतार प्रतीत होता है पर जैसे ही लेखक उसके मुंह में प्रवेश न करने का फैसला
करता है तो शेर अपना असली रूप में आता है और दहाड़ता हुआ उसकी और झपटता है। तात्पर्य
यह है कि सत्ता तभी तक खामोश रहती है जब तक उसकी आज्ञा का पालन करते हैं जैसे ही कोई
व्यवस्था का विरोध करता है तो उसे कुचलने की कोशिश की जाती है। इस कहानी के माध्यम
से लेखक ने सुविधा भोगियों, छद्म क्रांतिकारियों, अहिंसावादियों और सहअस्तित्ववादियों
के ढोंग पर भी प्रहार किया है।
पहचान
पहचान
लघुकथा में राजा को बहरी, गूँगी और अंधी प्रजा पसंद आती है जो बिना कुछ बोले, बिना
कुछ सुने और बिना कुछ देखे उनकी आज्ञा का पालन करती रहे। कहानीकार ने इसी यथार्थ की
पहचान कराई है। भूमंडलीकरण और उदारीकरण के दौर में इन्हें प्रगति और उत्पादन से जोड़कर
संगत और जरूरी भी ठहराया जा रहा है। प्रगति और विकास के बहाने राजा उत्पादन के सभी
साधनों पर अपनी पकड़ मजबूत करता जाता है। वह लोगों के जीवन को स्वर्ग जैसा बनाने का
झांसा देकर अपना जीवन स्वर्गमय बनाता है वह जनता को एकजुट होने से रोकता है और उन्हें
भुलावे में रखता है। यही उसकी सफलता का राज है।
चार हाथ
चार
हाथ लघुकथा पूँजीवादी व्यवस्था में मजदूरों के शोषण को उजागर करती है। पूँजीपति भाँति-भाँति
के उपाय कर मजदूरों को पंगु बनाने का प्रयास करते हैं। वह उनके अहम् और अस्तित्व को
छिन्न-भिन्न करने के नये तरीके ढूँढते हैं और अंततः उनकी अस्मिता ही समाप्त कर देते
हैं। मजदूर विरोध करने की स्थिति में नहीं हैं और लाचारी में आधी मजदूरी पर काम करने
पर विवश हैं। मजदूरों की यह लाचारी शोषण पर आधारित व्यवस्था का पर्दाफ़ाश करती है।
साझा
साझा
लघुकथा में उद्योगों पर कब्जा करने के बाद पूँजीपतियों की नज़र किसानों की ज़मीन और
उत्पाद पर जमी है। गाँव का प्रभुत्वशाली वर्ग भी इसमें शामिल है। वह किसान को साझा
खेती करने का झाँसा देता है और उसकी सारी फसल हड़प लेती है। किसान को पता भी नहीं चलता
और सारी कमाई हाथी के पेट में चली जाती है। यह हाथी और कोई नहीं बल्कि समाज का धनाढ्य
और प्रभुत्वशाली वर्ग है जो किसानों को धोखे में डालकर उसकी सारी पूँजी हड़प लेती है।
यह कहानी आजादी के बाद किसानों की बदहाली का वर्णन करते हुए उसके कारणों की भी पड़ताल
करती है।
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
शेर
प्रश्न- 1. लोमड़ी स्वेच्छा से शेर के मुँह में क्यों चली जा रही थी?
उत्तर-
लोमड़ी शेर के मुँह में रोजगार पाने के लिए चली जा रही थी। इस लेख के माध्यम से लेखक
ने शेर को तानाशाही एवं भ्रामक व्यवस्था के सूत्रधार एवं प्रतीक के रूप में प्रस्तुत
किया है। लोमड़ी को किसी ने बताया था कि शेर के मुँह में रोजगार का दफ्तर है । वह वहां
प्रार्थना पत्र लेकर नौकरी पाना चाहती थी। वह शेर के द्वारा किए गए प्रचार के कारण
भ्रमित हो गई थी और इस पर विश्वास कर स्वेच्छा से शेर के मुँह में जा रही थी।
प्रश्न-2. कहानी में लेखक ने शेर को किस बात का प्रतीक बताया है ?
उत्तर-
कहानी में लेखक ने शेर को व्यवस्था अर्थात् शासन सत्ता का प्रतीक बताया है। वह ऊपर
से देखने पर अहिंसावादी, न्यायप्रिय और बुद्धि का अवतार प्रतीत होता है परंतु भीतर
से खूंखार है। वह अहिंसक होने का दिखावा करती है। उसने भ्रम फैला रखा है कि वह जनता
का हित चिंतक है। इसी कारण उस पर विश्वास करके जनता उसकी बात मानती है। कुछ स्वार्थवश
भी उसका सहयोग करते हैं। वह सत्ता के विरोधियों को ताकत के साथ कुचल देता है। वह जनहित
के नाम पर अपना हित साधती है।
प्रश्न 3. शेर के मुंह और रोजगार के दफ्तर के बीच क्या अंतर है?
उत्तर-
शेर के मुँह के भीतर जो भी जंगली जानवर एक बार जाता है वहाँ से वापस नहीं आता। रोजगार
दफ्तर के लोग बार- बार चक्कर लगाते हैं, अर्जी देते हैं, पर वह भी वापस नहीं आते अर्थात
उन्हें रोजगार नहीं मिलती। शेर जानवरों को निगल लेता है, पर रोजगार दफ्तर नौकरी चाहने
वालों को निकलता नहीं लेकिन उन्हें रोजगार प्रदान करके जीने का अवसर भी नहीं देता।
इस लघु कथा के माध्यम से लेखक ने वर्तमान शासन व्यवस्था पर व्यंग किया है।
प्रश्न-4 प्रमाण से अधिक महत्वपूर्ण है विश्वास कहानी के आधार पर टिप्पणी
कीजिए ।
उत्तर-
लेखक ने अंधविश्वासी जनता पर व्यंग करते हुए कहा है। कि अविवेकी और रूढ़िवादी प्रमाण
को सत्य ना मानकर विश्वास को सत्य मानते हैं। जबकि विश्वास के लिए प्रमाण की आवश्यकता
होती है। शेर के मिथ्या वचनों को जंगल के जनता बिना सोचे समझे स्वीकार कर अपना अहित
करते हैं। शेर अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए प्रमाणों को झुठला देता है। अतः सत्ताधारी
को किसी भी ढंग से जनता का विश्वास जीतना आवश्यक है। यदि जनता का विश्वास अर्जित हो
गया तो सत्ताधारी बेधड़क अपनी सत्ता चला सकते हैं।
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न-1. शेर गौतम बुद्ध की मुद्रा छोड़ अपनी वास्तविक रूप में आकर
क्यों झपटा?
उत्तर-
लेखक रूढ़ी परंपरा के विरुद्ध सत्य जानना चाहता है। सत्य प्रचारक व्यवस्था के लिए सदैव
बाधाएं पैदा करते हैं शेर सत्य प्रचारक एवं व्यवस्था के विरुद्ध चलने वाले लेखक पर
झपट पड़ा। यदि शेर लेखक पर नहीं झपटता तो निश्चय ही वह जंगल के जानवरों को सत्य से
परिचित करा देता । इससे शेर और उसके समर्थकों को अपने स्वार्थ सिद्धि में परेशानियां
हो सकती थी। तात्पर्य यह है कि शेर अर्थात् सत्ता तभी तक खामोश रहती है जब तक उसकी
आज्ञा का पालन होता है, जैसे ही कोई उसकी व्यवस्था पर सवाल उठाता है या उसकी आज्ञा
मानने से इन्कार करता है। वह उसे कुचलने का प्रयास करता है।
प्रश्न-2. असगर वजाहत की 'शेर' लघु कथा के आलोक में प्रतिपादित कीजिए
कि प्रमाण से भी अधिक महत्वपूर्ण है विश्वास।
उत्तर-
लेखक ने जब सब जानवरों को एक-एक करके शेर के मुँह में जाते देखा तो विचार किया कि ऐसा
वे लालच और प्रलोभन से वशीभूत होकर कर रहे हैं। लेखक ने असलियत जानने के लिए जब शेर
के दफ्तर जाकर स्टाफ से पूछा कि क्या सच है। क्या शेर के पेट के अंदर रोजगार का दफ्तर
है तो उत्तर मिला हाँ, यह सच है। जब लेखक ने पूछा कैसे? तो उत्तर मिला कि सब ऐसा ही
मानते हैं। जब लेखक ने प्रमाण मांगा तो बताया गया कि प्रमाण से अधिक महत्वपूर्ण है।
विश्वास अर्थात् जानवरों को यह विश्वास था कि शेर के पेट में रोजगार दफ्तर है, जहाँ
उन्हें नौकरी मिल जाएगी। इसलिए वह उसमें निरंतर समाते चले जा रहे थे। ठीक इसी तरह बेरोजगार
लोगों को विश्वास है कि रोजगार दफ्तर में पंजीकरण कराने से उन्हें नौकरी मिल जाएगी
पर ऐसा होता नहीं। यह तो शेर का पेट है जिसमें सब समाते जा रहे हैं, कल्याण किसी का
नहीं होता।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न-1. इस लघु कथा में शेर किसका प्रतीक है?
उत्तर-
इस लघु कथा के अनुसार शेर तानाशाही एवं भ्रामक व्यवस्था का सूत्रधार एवं प्रतीक है।
प्रश्न-2. लोमड़ी ने लेखक के प्रश्न का क्या उत्तर दिया ?
उत्तर-
लोमड़ी ने उत्तर दिया शेर के मुँह के अंदर रोजगार कार्यालय है। मैं वहाँ दरख्वास्त
दूंगी फिर मुझे वहाँ नौकरी मिलेगी।
प्रश्न-3. शेर का मुँह खुला देखकर लेखक की हालत कैसी हुई?
उत्तर-
जब लेखक जंगल में गए तब उन्होंने देखा कि शेर का मुँह खुला हुआ है और उसमें सभी जंगली
जानवर एक-एक कर शेर के मुँह में चले जा रहे हैं। यह देखकर लेखक भयभीत होकर झाड़ी में
छिप जाता है।
प्रश्न- 4. झाड़ी के पीछे से लेखक ने क्या देखा ?
उत्तर-
लेखक ने देखा कि जंगल के सभी छोटे जानवर कतार से आ रहे हैं और शेर के मुँह में घुसते
चले जा रहे हैं।
प्रश्न-5. लेखक ने शेर के बारे क्या सुना था?
उत्तर-
लेखक ने सुना था कि शेर अहिंसा तथा सह-अस्तित्ववाद का बहुत बड़ा समर्थक है । इसलिए
जंगली जानवरों का शिकार नहीं करता।
प्रश्न-6. उल्लू ने लेखक के प्रश्न का क्या उत्तर दिया?
उत्तर-
लेखक से उल्लू ने कहा कि शेर के मुँह के अंदर स्वर्ग है और यही निर्वाण का एकमात्र
रास्ता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न-1. लोमड़ी के बाद शेर के मुंह में कौन जाता है ?
1.
उल्लू
2. खरगोश
3.
बंदर
4.
कुत्ता
प्रश्न-2. शेर लघु कथा के लेखक कौन हैं?
1.
विष्णु शर्मा
2.
निराला
3.
महादेवी वर्मा
4. असगर वजाहत
प्रश्न-3. गधे ने लेखक के बात का क्या उत्तर दिया?
1.
दफ्तर है
2. हरी हरी घास का मैदान है
3.
मेरा घर है
4.
इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 4. असगर वजाहत का जन्म कब हुआ
1. सन् 1946
2.
सन् 1947
3.
सन् 1948
4.
सन् 1950
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
पहचान
प्रश्न-1. राजा ने जनता को हुक्म क्यों दिया कि सब लोग अपनी आँखें बंद
कर लें ?
उत्तर-
राजा ने अपने राज्य में उत्पादन बढ़ाने के लिए जनता को आँख बंद कर लेने का हुक्म दिया
और कहा इससे शांति मिलती रहेगी, पर इसके पीछे राजा का मकसद था कि जनता बिना कुछ देखे
बिना कुछ सोचे विचारे आँखें बंद करके उसकी आज्ञा का पालन करती रहे। यदि प्रजा आँखें
खोलकर देखेगी तो उसे प्रजा के हित के नाम पर राजा द्वारा किया गया शोषण दिखाई देगा।
प्रजा को राजा द्वारा अपने स्वार्थ सिद्धि में किए गए कार्य समझ में आ जाएंगे।
प्रश्न-2. आंखें बंद रखने और आँखें खोलकर देखने के क्या परिणाम निकले?
उत्तर-
अपनी प्रजा की आँखें बंद रखने से धीरे धीरे राजा का प्रभुत्व सर्वत्र व्याप्त हो गया
और वह निरंकुश हो गया। जनता को राजा द्वारा किए जाने वाले शोषण का पता नहीं चला। एक
दिन खैराती, रामू और छिद्दू ने अपने स्वर्ग जैसे राज्य को देखने के लिए अपनी आँखे खोली
तो वह एक दूसरे को ना देख सके सर्वत्र राजा ही उन्हें दिखाई दिया अर्थात राजा ने उत्पादन
के साधनों पर अपना अधिकार जमा लिया और प्रजा जनों को भ्रम में रखकर ऐसा बना दिया कि
अब वे एकजुट होकर राजा के खिलाफ खड़े होने का दुस्साहस नहीं कर सके। पूँजीपति वर्ग
भी यही करता है।
प्रश्न- 3. राजा ने कौन-कौन से हुक्म निकाले ? सूची बनाइए और इनके निहितार्थ
लिखिए?
उत्तर-
(1) प्रजा अपनी आँखें बंद रखें।
(2)
प्रजा अपने कानों में पिघला शीशा डालें।
(3)
प्रजा अपने होंठ सिलवा लें।
राजा
चाहता था कि उसकी प्रजा अँधी, गूंगी और बहरी बनकर चुपचाप बिना विरोध किए उसकी समस्त
आज्ञा का पालन करती रहे। प्रजा उसके बुरे कार्यों को देख ना सके। मुँह से उसके विरुद्ध
आवाज ना उठा सके । भूमंडलीकरण और उदारीकरण के दौर में इन्हें प्रगति और उत्पादन से
जोड़कर संगत और जरूरी भी ठहराया जाता है। वह लोगों के जीवन को स्वर्ग जैसा बनाने का
झाँसा देकर अपना जीवन स्वर्गमय बनाता रहा। वह जनता को एकजुट होने से रोकता रहा और उन्हें
भ्रम में रखता रहा कि उसके राज्य को स्वर्ग जैसा बनाया जा रहा है।
प्रश्न 4. जनता राज्य की स्थिति की ओर से आँखें बंद कर ले तो उसका राज्य
पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर-जिस
देश की जनता राज्य की ओर से आँख बंद कर लेती है वहाँ का सत्ताधारी (शासक) स्वेच्छाचारी
हो जाता है। और जनता के सारे अधिकार छीन लिए जाते हैं। शासक यही चाहता है कि प्रजा
गूंगी, बहरी और अँधी बनी रहे तथा उसकी आज्ञा का चुपचाप पालन करती रहे। आंख बंद कर राजा
की आज्ञा का पालन करने वाली प्रजा का कोई कल्याण भला नहीं होता। सत्ता को निरंकुश होने
से रोकने के लिए प्रजा को सजग रहना चाहिए तथा जनता को अपनी आँखें खुली रखनी चाहिए।
प्रश्न-5 खैराती, रामू और छिद्द ने जब आँखें खोली तो उन्हें सामने राजा
ही क्यों दिखाई दिया?
उत्तर-
खैराती, रामू और छिद्दू ने वर्षों तक आँखें बंद रखने के बाद जब आँखें खोली तो उन्हें
अपने सामने राजा ही दिखाई। दिया। वह यह सोच रहे थे कि उनका राज्य अब तक स्वर्ग जैसा
हो गया होगा, किंतु यह उनका भ्रम था। राजा ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली थी और वही सर्वत्र
व्याप्त था । यही नहीं वर्षों बाद आँखें खोलने पर वह तीनों एक दूसरे को भी ना देख सके।
राजा की आज्ञा के पीछे का उद्देश्य था कि प्रजा जन एकजुट ना हो पाएँ जिससे राजा को
सफलता मिल गई थी। तीनों एक दूसरे को ना देख सके का आशय यह है कि उनको प्रजा हित का
कोई काम दिखाई नहीं दिया, सर्वत्र राजा का ही प्रभुत्व दिखाई दिया।
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न-1. राजा ने प्रजा को अपने आँख कान और मुँह बंद करने का आदेश
क्यों दिया ?
उत्तर-
इस लघु कथा में राजा प्रजा जनों को इसलिए अपनी आँखें, कान और मुँह बंद करने को कहता
है, ताकि वह मनमाने ढंग से राज्य चला सके। वह चाहता है कि उसके प्रजा व्यवस्था का किसी
भी रूप में विरोध ना करें। यहाँ राजा का आदेश अपनी प्रगति के लिए था. जनकल्याण के लिए
नहीं।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न-1. राजा ने क्या आदेश दिया?
उत्तर-
राजा ने अपने प्रजा को आदेश दिया कि राज्य के सभी लोग अपनी आँख, कान और मुँह बंद रखें
ताकि उनको शांति मिलती रहे।
प्रश्न-2. राजा ने फिर कौन सा नया आदेश निकलवाया ?
उत्तर-
राजा ने फिर से नया आदेश निकाला कि लोग अपने-अपने होंठ सिलवा लें, क्योंकि बोलना उत्पादन
के लिए हमेशा बाधक होता है।
प्रश्न 3. राज्य की जनता अपना काम कैसे करने लगी ?
उत्तर-
राज्य की जनता अपना काम आँखें बंद करके करने लगी।
प्रश्न- 4. एक दिन रामू, खैराती और छिद्दू ने क्या सोचा?
उत्तर-
एक दिन रामू, खैराती और छिद्दू ने सोचा चलो आँख खोलकर अपने राज्य की स्थिति को देखें।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न-1. निम्न में से कौन सी रचना असगर वजाहत की है?
1. दिल्ली पहुंचना है
2.
नीड़ से निर्माण फिर
3.
आओ मिलकर बचाएं
4.
इनमें से सभी
प्रश्न-2. राजा आँखें बंद करने का आदेश किसे देता है?
1. प्रजा को
2.
सिपाही को
3.
अग्रेजों को
4.
इनमें से कोई नहीं
प्रश्न-3. राजा ने कौन सा नया आदेश निकाला?
1.
आंख बंद कर ले
2.
बात ना करें
3.
गाना गायें
4. होंठ सिलवा लें
प्रश्न-4. पहचान लघु कथा किसके द्वारा लिखा गया है?
1. असगर वजाहत
2.
प्रेमचंद
3.
रघुवीर सहाय
4.
रामचंद्र शुक्ल
प्रश्न-5. 'पहचान' लघु कथा के अनुसार राजा को कैसी प्रजा पसंद है?
1. बहरी, गूंगी और अंधी
2.
चालाक, चतुर, मूक
3.
बाचाल, मृदुभाषी
4.
इनमें से सभी
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
चार हाथ
प्रश्न-1. मजदूरों को चार हाथ देने के लिए मिल मालिक ने क्या किया उसका
क्या परिणाम निकला?
उत्तर-
मिल मालिक ने सोचा कि अगर मजदूरों के चार हाथ होते तो उत्पादन दोगुना हो जाता। मजदूरों
को चार हाथ देने के लिए मिल मालिक ने वैज्ञानिकों को मोटी तनख्वाह पर रखा और उनसे इस
दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया। कई साल तक शोध और प्रयोग के बाद वैज्ञानिकों
ने कहा कि यह संभव नहीं है। तब उसने लकड़ी के हाथ लगवाए पर काम न बना। फिर उसने मजदूरों
के लोहे के हाथ लगवा दिए, इससे मजदूर मर गए और उसके मिल का उत्पादन बाधित हो गया।
प्रश्न-2. 'चार हाथ' न लग पाने पर मालिक की समझ में क्या बात आ गई?
उत्तर-
मजदूरों के चार हाथ न लग पाने पर मिल मालिक की समझ में यह बात आ गई कि इस तरह उत्पादन
दूना नहीं किया जा सकता। उसने तय किया कि उत्पादन बढ़ाने और खर्च उतना ही रखने के लिए
मजदूरों की संख्या दोगुनी कर दी जाए और मजदूरी आधी कर दी जाए। उसने ऐसा ही किया और
बेबस लाचार मजदूर आधी मजदूरी पर मिल मालिक के वहाँ काम करने लगे।
@@
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न-1, मिल मालिक के दिमाग में एक दिन क्या ख्याल आया ?
उत्तर-
मिल मालिक के दिमाग में एक दिन यह ख्याल आया कि यदि मजदूरों के चार हाथ होते तो दोगुना
तेजी से मुनाफा कमाया जा सकता है।
प्रश्न-2. लोहे के हाथ लगाए जाने पर मजदूरों की स्थिति क्या हो गई
?
उत्तर-
मिल मालिक ने मजदूरों को अत्यधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से मजदूरों पर लोहे के हाथ
लगवाए जिससे मजदूरों की मृत्यु हो गई।
प्रश्न- 3. मिल मालिक के दिमाग में क्या-क्या ख्याल आते हैं?
उत्तर-
मिल मालिक के दिमाग में अजीब ख्याल आया करते थे। जैसे सारा संसार मिल हो जाएगा सारे
लोग मजदूर बनेंगे और उन सभी मजदूरों का मालिक मैं बनूंगा। तब मुझे मजदूरी भी नहीं देनी
पड़ेगी। मिल में और चीजों की तरह मजदूर भी बनेंगे और उनके चार हाथ होंगे, जिससे उत्पादन
बढ़ेगा। मजदूरी भी कम देनी पड़ेगी।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न-1 मिल मालिक कैसा मजदूर चाहता था?
1.
दो हाथों वाला
2. चार हाथों वाला
3.
आठ हाथों वाला
4.
तीन हाथों वाला
प्रश्न-2. मजदूरों को चार हाथ लगाने के लिए मिल मालिक ने ऊंचे वेतन
पर किसे नियुक्त किया था?
1.
कारीगर को
2.
मजदूरों को
3. वैज्ञानिकों को
4.
इनमें से सभी
प्रश्न- 3. मजदूर क्यों मर गए?
1.
लकड़ी के हाथ लगाने पर
2.
कागज के हाथ लगाने पर
3.
पहला और दूसरा दोनों
4. लोहे के हाथ लगाने पर
प्रश्न-4. 'चार हाथ' लघु कथा के लेखक कौन हैं?
1.
दिनकर
2.
अज्ञेय
3.
प्रेमचंद
4. असगर वजाहत
प्रश्न-5. असगर वजाहत का जन्म कहां हुआ था?
1.
उत्तर प्रदेश
2.
मध्य प्रदेश
3.
झारखंड
4. राजस्थान
पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर
साझा
प्रश्न-1 साझे की खेती के बारे में हाथी ने किसान को क्या बताया?
उत्तर-
साझे की खेती के लिए हाथी ने किसान के सामने यह प्रस्ताव रखा कि वह उसके साथ साझे की
खेती करेगा। कहा कि उसके साथ साझे की खेती करने से यह लाभ होगा कि जंगल के अन्य छोटे
छोटे जानवर नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे। इस प्रकार खेती की रखवाली भी होती रहेगी। हाथी
की बातों में आकर किसान साझे की खेती करने के लिए तैयार हो गया।
प्रश्न-2. हाथी ने खेत की रखवाली के लिए क्या घोषणा की?
उत्तर-
हाथी ने साझे की खेती की रखवाली के लिए पूरे जंगल में डुग्गी पिटाया की गन्ने की खेती
में उसका साझा है। अतः कोई भी जानवर खेत को नुकसान नहीं पहुंचाएगा, नहीं तो परिणाम
अच्छा न होगा।
प्रश्न 3. आधी-आधी फसल हाथी ने किस तरह बाँटी?
उत्तर-
गन्ना तैयार हो जाने पर हाथी ने आधी-आधी फसल बांटने के लिए एक गन्ना तोड़ा और कहा हम
दोनों मिलकर गन्ना खाएंगे। हाथी ने गन्ने का एक छोर अपने मुंह में लिया और दूसरा छोर
किसान के मुंह में दे दिया। जब किसान गन्ने के साथ-साथ हाथी के मुंह की ओर खींचने लगा
तो उसने गन्ने को छोड़ दिया। इस तरह किसान और हाथी के बीच साझा की खेती (गने) का बँटवारा
हो गया।
परीक्षोपयोगी महत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न-1. 'साझा' लघु कथा का संदेश अपने शब्दों में लिखिए?
उत्तर-
साझा कहानी के माध्यम से लेखक ने यह संदेश दिया है कि उद्योगों पर कब्जा करने के बाद
पूँजीपति वर्ग किसानों की जमीन भी हड़पना चाहते हैं। साझा खेती का प्रस्ताव एक झांसा
है। वह किसान के श्रम का शोषण तथा उसकी फसल पर कब्जा करना चाहते हैं। किसान को धोखे
में रखा जाता है और उसकी सारी कमाई धनाढ्य लोगों की जेब में चली जाती है।
साझा
खेती में किसान का हित नहीं होता है। यह किसान की जमीन तथा उसकी कमाई छीनने का पूँजीपतियों
का प्रयास है। इससे किसानों को सतर्क रहना चाहिए।
प्रश्न-2. 'साझा' लघुकथा के निहितार्थ व्यंग्य को स्पष्ट कीजिए?
उत्तर-
इस लघु कथा के माध्यम से लेखक ने उन पूँजीपतियों की प्रवृत्ति उजागर की है जिनकी गिद्ध
दृष्टि किसान की जमीन पर टिकी हुई है। लेखक यह बताना चाहता है कि पूँजीपति किसानों
को हाथी की भाँति पट्टी पढ़ा रहे हैं कि उनके साथ साझे में खेती करने से किसान को लाभ
होगा। पर वास्तविकता यह है कि हाथी की तरह वह सब कुछ हड़प जाएंगे और किसान को कुछ भी
नहीं मिलेगा। इस लघु कथा में हाथी पूँजीपतियों का प्रतीक है। किसान को पता भी न चलेगा
कि उसकी कमाई हाथी रूपी पूँजीपति हड़प जाएंगे। अपने खून पसीने की कमाई उसे हाथी को
(पूँजीपतियों को) देना पड़ जाएगा।
लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर
प्रश्न-1. 'साझा कहानी का प्रतीकार्य क्या है?
उत्तर-
पूँजीपतियों की नजर उद्योगों पर एकाधिकार करने के बाद किसानों की जमीन पर होती है।
यह साझा कहानी का प्रतीकार्य है।
प्रश्न-2. खेती की रखवाली के लिए हाथी ने क्या शर्त रखी थी?
उत्तर-
खेती की रखवाली के लिए हाथी ने किसान से कहा कि उपजे हुए फसल में उसका भी आधा हिस्सा
होगा।
प्रश्न 3. किसान खेती न करने का निश्चय क्यों किया?
उत्तर-
साझे की खेती में उसका गुजारा नहीं हो पाता है और अकेले - खेती नहीं कर सकता। इसलिए
किसान ने निश्चय किया कि खेती नहीं करेगा।
बहुविकल्पीय प्रश्न
प्रश्न-1. हाथी ने किसान के साथ साझे में किसकी खेती की?
1. गन्ने की
2.
धान की
3.
गेहूं की
4.
इनमें से सभी
प्रश्न-2. खेती की प्रत्येक बारीकी के बारे में किसे मालूम था?
1.
लोमड़ी को
2. किसान को
3.
हाथी को
4.
गधे को
प्रश्न 3. फसल की सेवा कौन करता रहा?
1.
गधा
2.
हाथी
3. किसान
4.
इनमें से सभी
प्रश्न-4. किसान किसके साथ साझा की खेती करने के लिए तैयार हो गया
?
1.
डॉक्टर के साथ
2.
लोमड़ी के साथ
3.
गधे के साथ
4. हाथी के साथ
प्रश्न-5. किसान हाथी से पहले किसके किसके साथ साझे की खेती कर चुका
था?
1.
शेर
2.
चिता
3.
मगरमच्छ
4. इनमें से सभी
JCERT/JAC Hindi Elective प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
अंतरा भाग 2 | ||
पाठ | नाम | खंड |
कविता खंड | ||
पाठ-1 | जयशंकर प्रसाद | |
पाठ-2 | सूर्यकांत त्रिपाठी निराला | |
पाठ-3 | सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय | |
पाठ-4 | केदारनाथ सिंह | |
पाठ-5 | विष्णु खरे | |
पाठ-6 | रघुबीर सहाय | |
पाठ-7 | तुलसीदास | |
पाठ-8 | मलिक मुहम्मद जायसी | |
पाठ-9 | विद्यापति | |
पाठ-10 | केशवदास | |
पाठ-11 | घनानंद | |
गद्य खंड | ||
पाठ-1 | रामचन्द्र शुक्ल | |
पाठ-2 | पंडित चंद्रधर शर्मा गुलेरी | |
पाठ-3 | ब्रजमोहन व्यास | |
पाठ-4 | फणीश्वरनाथ 'रेणु' | |
पाठ-5 | भीष्म साहनी | |
पाठ-6 | असगर वजाहत | |
पाठ-7 | निर्मल वर्मा | |
पाठ-8 | रामविलास शर्मा | |
पाठ-9 | ममता कालिया | |
पाठ-10 | हजारी प्रसाद द्विवेदी | |
अंतराल भाग - 2 | ||
पाठ-1 | प्रेमचंद | |
पाठ-2 | संजीव | |
पाठ-3 | विश्वनाथ तिरपाठी | |
पाठ- | प्रभाष जोशी | |
अभिव्यक्ति और माध्यम | ||
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