प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11
भूगोल (Geography)
2. संरचना तथा भू-आकृति विज्ञान Structure and Physiography
पाठ के मुख्य बिंदु
☞ पृथ्वी की आयु लगभग 460 करोड़ वर्ष है। इतने लम्बे समय में
अंतर्जात व बहिर्जात बलों से अनेक परिवर्तन हुए हैं। इन बलों की पृथ्वी की धरातलीय
व अधस्तलीय आकृतियों की रूपरेखा निर्धारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
☞ ऐसा अनुमान लगाया जाता है, कि करोड़ों वर्ष पूर्व इंडियन
प्लेट भूमध्य रेखा से दक्षिण में स्थित थी। यह आकार में काफी विशाल थी और ऑस्ट्रेलिया
प्लेट इसी इंडियन प्लेट का एक हिस्सा था।
☞ करोडों वर्षों के दौरान इंडियन प्लेट काफी हिस्सों में टूट
गई और ऑस्ट्रेलियाई प्लेट दक्षिण-पूर्व तथा इंडियन प्लेट उत्तर दिशा की ओर सरकने लगी।
☞ भूगर्भिक दृष्टि से भारत प्राचीनतम युग से लेकर आधुनिक युग
तक की चट्टानों द्वारा निर्मित है।
☞ आर्कियन एवं पूर्व कैंब्रियन युग की चट्टानें अति प्राचीनतम
चहार्नी के उदाहरण हैं।
☞ क्वार्टरनरी नवीनतम चट्टान है, जो कॉप मिट्टी की परतदार निक्षेपों
के रूप में पाई जाती है।
☞ भूगर्भिक विशिष्टताओं के आधार पर भारत को तीन वृहद् विभागों
में बाँटा जाता है :-
1. प्रायद्वीपीय खंड,
2. हिमालय और अन्य अतिरिक्त प्रायद्वीपीय पर्वतमालाएं
3. सिंधु गंगा ब्रह्मपुत्र का मैदान।
1. प्रायद्वीपीय खंड प्राचीन गोण्डवानालैंड का विखंडित पठारी भाग है। इसका विस्तार
पश्चिम में कच्छ की खाड़ी से प्रारंभ होकर अरावली पहाड़ियों के पश्चिम से होती हई राजमहल
की पहाड़ियों व पूर्व में गंगा डेल्टा तक विस्तृत है।
☞ भारत के उत्तर-पूर्व में कर्बी ऐंगलॉग व मेघालय के पठार स्थित
हैं।
☞ पश्चिम बंगाल में मालदा भ्रंश उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित
मेघालय एवं कर्बी ऐंगलॉग पठार को छोटानागपुर पठार से अलग करता है।
☞ प्रायद्वीपीय भाग मुख्यतः प्राचीन नीस व ग्रेनाईट से बना
है, जो कैम्ब्रियन कल्प से एक कठोर खंड के रूप में खड़ा है। यह वास्तव में इंडो-आस्ट्रेलियन
प्लेट का ही हिस्सा है।
☞ नर्मदा, तापी और महानदी की रिफ्ट घाटियों एवं सतपुड़ा ब्लॉक
पर्वत प्रायद्वीपीय भाग के ही उदाहरण हैं।
☞ प्रायद्वीपीय भाग की मुख्य अवशिष्ट पहाड़ियाँ अरावली, नल्लामाला,
जावादी, वैलीकोण्डा, पालकोण्डा, महेंद्रगिरी मुख्य हैं।
☞ पूर्व की ओर बहने वाली अधिकांश नदियां बंगाल की खाड़ी में
गिरने से पहले डेल्टा का निर्माण करती है जिनमें मुख्य हैं- महानदी, गोदावरी और कृष्णा।
2.
हिमालय और अन्य अतिरिक्त
प्रायद्वीपीय पर्वतमालाएं वर्तमान
में भी अंतर्जात व बहिर्जात बलों की अंतरक्रियाओं से प्रभावित हैं। अतः इनमें वलन,
भ्रंश और क्षेप (Thurst) बनते हैं। यह वलित एवं नवीन मोडदार पर्वतमाला है।
☞ वर्तमान में जहाँ हिमालय पर्वतमाला स्थित है, पूर्व में यहाँ
टेथिस सागर हुआ करता था। टेथिस सागर के उत्तर में अंगारालैंड तथा दक्षिण में गोण्डवानालैंड
का विस्तार था।
☞ यहाँ अधिकांश पर्वत युवावस्था में हैं, इस क्षेत्र में तीव्रगामी
नदियां प्रवाहित होती हैं तथा गॉर्ज, V आकार की घाटियाँ, क्षिप्रिकाएँ, व जलप्रपात
आदि पाए जाते हैं।
3.
सिंधु-गंगा-ब्रह्मपुत्र
मैदान एक भू-अभिनति या गर्त
है, जिसका निमौण मुख्य रूप से हिमालय पर्वतमाला निर्माण प्रक्रिया के तीसरे चरण में
लगभग 6.4 करोड़ वर्ष पहले हुआ।
☞ सिंधु गंगा ब्रह्मपुत्र मैदानों में नदियों द्वारा लाए गए
जलोढ़ मृदा की औसत गहराई 1000 से
2000 मीटर तक है। इस मैदान के अधिकांश भाग में तलछटी अथवा परतदार चट्टानें पाई जाती हैं।
☞ किसी भी स्थान की भू-आकृति उसकी संरचना प्रक्रिया और विकास
की अवस्था का प्रतिफल होता है। इस आधार पर भारत को 6 भू-आकृतिक खंडो में बाँटा गया
1. उत्तर तथा उत्तरी-पूर्वी पर्वत मालाएँ
2. उत्तरी भारत का मैदान
3. प्रायद्वीपीय पठार
4. भारतीय मरुस्थल
5. तटीय मैदान
6. द्वीप समूह
1. उत्तर तथा उत्तरी-पूर्वी पर्वतमाला के अंतर्गत हिमालय पर्वत तथा उत्तरी पूर्वी पहाड़ियों को
सम्मिलित किया जाता है।
☞ हिमालय पर्वतमाला उत्तर-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर क्रमशः
कई समानांतर श्रेणियों में विस्तृत है। श्रेणियों के आधार पर हिमालय को चार समानांतर
भागों में विभक्त किया गया है :-
a. वृहत् हिमालय
b.
पार या ट्रांस हिमालय
c.
मध्य हिमालय
d.
शिवालिक हिमालय
A.
वृहद हिमालय श्रृंखला जिसे केंद्रीय अक्षीय श्रेणी भी कहा जाता है। इसकी पूर्व-पश्चिम
लंबाई लगभग 2500 किलोमीटर तथा उत्तर-दक्षिण चौड़ाई 160 से 400 किलोमीटर है।
☞ वृहद्
हिमालय या भीतरी हिमालय इसे हिमाद्री, महान हिमालय, मख्य हिमालय भी कहा जाता है। यह
पश्चिम में सिंधु नदी के मोड़ से प्रारंभ होकर उत्तर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश में
ब्रह्मपुत्र नदी के मौड़ तक 2500 किलोमीटर की लंबाई में वक्राकार रूप से फैला है।
☞ वृहद्
हिमालय की औसत ऊँचाई 6000 मीटर है। विश्व की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट इसी भाग में
स्थित है; जिसकी ऊँचाई 8850 मीटर है। इसके अतिरिक्त कंचनजंगा, मकालू, धौलागिरी, नंगा
पर्वत, अन्नपूर्णा, नंदा देवी जैसी पर्वत चोटियां यहाँ स्थित है।
B.
पार या ट्रांस हिमालय श्रेणी इसे तिब्बत हिमालय या धौलाधार श्रेणी भी कहा जाता है।
इसकी कुल लंबाई 965 किलोमीटर है।
C.
मध्य हिमालय, इसे लघु हिमालय अथवा हिमाचल श्रेणी के नाम से भी जाना जाता है। कश्मीर
की जास्कर एवं पीरपंजाल श्रेणी इसी भाग में स्थित है। भारत के प्रसिद्ध स्वास्थ्यवर्धक
स्थान शिमला, मसूरी, नैनीताल, दार्जिलिंग इसी श्रेणी के निचले भाग में स्थित हैं।
☞ मध्य
हिमालय में कोणधारी एवं मिश्रित वन मिलते हैं। ढालों पर छोटे-छोटे घास के मैदान पाए
जाते हैं, जिन्हें कश्मीर में मर्ग जैसे- गुलमर्ग, खिलनमर्ग, सोनमर्ग और उत्तराखंड
तथा नेपाल-भूटान क्षेत्र में बुग्याल और पयार कहा जाता है।
D.
शिवालिक श्रेणी यह हिमालय के लघु श्रेणियों के दक्षिण में फैले हैं। इन्हें बाह्य हिमालय
और शिवालिक हिमालय भी कहा जाता है। हिमालय का सबसे नवीन भाग होने के कारण यहाँ घाटियाँ
पाई जाती हैं, जिन्हें पूर्व में दून और पश्चिम में दवार कहा जाता है। जैसे- देहरादून,
कोटलीदून, काठमांडू की घाटी, हरिद्वार आदि।
☞ उच्चावच,
पर्वत श्रेणियों के संरेखण तथा अन्य भू- आकृतियों के आधार पर
हिमालय पर्वत श्रेणियों को पाँच उपखंडों में विभक्त किया गया है-
- कश्मीर हिमालय या उत्तर-पश्चिम
हिमालय ।
- हिमाचल तथा उत्तराखंड
हिमालय।
- दार्जिलिंग तथा सिक्किम
हिमालय।
- अरुणाचल हिमालय।
- पूर्वी पहाड़ियों तथा
पर्वत।
☞ कश्मीर
हिमालय या उत्तर पश्चिम हिमालय के अंतर्गत काराकोरम, लद्दाख, जास्कर तथा पीरपंजाल श्रेणियों
स्थित हैं। काराकोरम श्रेणी में भारत की सबसे ऊंची चोटी K-2 या गॉडविन ऑस्टिन स्थित
है।
☞ वृहद
हिमालय में जोजिला, पीरपंजाल में बनिहाल, जास्कर में फोटुला तथा लद्दाख श्रेणी में
खारदुला नमक पर्वतीय दर्रे स्थित हैं।
☞ बलटोरा तथा सियाचिन जैसे विस्तृत हिमनद भी वृहद हिमालय में
ही स्थित हैं।
☞ कश्मीर हिमालय में करेवा नमक भू-आकृति दिखाई पड़ती है, जो
वास्तव में हिमोड़ पर मोटी परत के रूप में हिमनद द्वारा लाई गई चिकनी मिट्टी तथा पदार्थ
का जमाव होती है। इस क्षेत्र में देशी केसर या जाफरान की खेती की जाती है।
☞ दार्जिलिंग तथा सिक्किम हिमालय के अंतर्गत भारत दूसरा सर्वोच्च
शिखर कंचनजंगा स्थित है। यहाँ दुआर नमक स्थलाकृति मिलती है, जिसका उपयोग चाय बागान
के लिए किया जाता है।
☞ पूर्वी पहाड़ियाँ तथा पर्वत के अंतर्गत पटकाई बूम, नागा तथा
मणिपुर पहाड़ियों को शामिल किया जाता है। मिजो तथा लुसाई पहाड़ियाँ भी यहाँ की मुख्य
पहाड़ियाँ हैं। मणिपुर में लोकतक झील स्थित है।
2. उत्तरी भारत का मैदान- उत्तरी भारत के मैदान को सतलज-गंगा-ब्रह्मपुत्र का मैदान
भी कहा जाता है। यह मैदान सिंधु, सतलज, गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और उनकी अनेक सहायक
नदियों द्वारा लाए गए जलोढ़ मृदा से बना है। यहाँ सर्वाधिक उपजाऊ भूमि के कारण घनी
जनसंख्या पाई जाती है।
☞ सतलज गंगा ब्रह्मपुत्र मैदान का कुल क्षेत्रफल 7 लाख वर्ग
किलोमीटर है तथा उत्तर से दक्षिण इसकी चौड़ाई 150 से 300 किलोमीटर है। यहाँ जलोढ़ मिट्टी
का जमाव 1000 से 3000 मीटर तक की गहराई में है।
☞ उत्तर भारत के मैदान में कछ भौतिक लक्षण दिखाई पड़ते हैं,
जिन्हें चार वर्गों में विभक्त किया गया है-
- भाबर क्षेत्र
- तराई क्षेत्र
- बांगर क्षेत्र
- खादर क्षेत्र
☞ उत्तरी भारत के मैदानी भाग में शिवालिक के गिरिपाद क्षेत्र
में दक्षिण की ओर 8 से 16 किलोमीटर की चौड़ी पतली पट्टी भाबर कहलाती है। यहाँ प्रवाहित
होने वाली नदियां बड़े-बड़े चट्टानी टुकड़ों को लाकर जमा कर देती हैं, जिसके कारण यहाँ
नदियां भूमिगत हो जाती हैं।
☞ भाबर क्षेत्र के दक्षिण में तराई क्षेत्र लगभग 10 से 20 किलोमीटर
चौड़ा विस्तृत है। यहाँ भाबर क्षेत्र में भूमिगत होकर बहने वाली नदियां धरातल पर प्रवाहित
होने लगते हैं। यह क्षेत्र दलदली क्षेत्र है, इसी कारण इसे तराई क्षेत्र भी कहा जाता
है।
☞ वैसे मैदान जहाँ नदियों के द्वारा पुरानी मिट्टी का निक्षेपण
होता है और इन मैदानों की ऊँचाई अधिक हो जाती है। सामान्यतः यहाँ नदियों के बाढ़ का
जल नहीं पहुँच पाता बांगर कहलाता है।
☞ यह निचले मैदानी क्षेत्र होते हैं, जहाँ बाढ़ का जल प्रतिवर्ष
पहुँचकर नई मिट्टी की परतों को जमा कर देते हैं, यह काफी उपजाऊ होते हैं, अतः इसे खादर
के नाम से जाना जाता है।
☞ बांगर के मैदान का विस्तार उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक है,
जबकि खादर की बहुतायत बिहार एवं पश्चिम बंगाल में देखी जाती है।
3.
प्रायद्वीपीय पठार- प्रायद्वीपीय पठार का विस्तार
सतलज और गंगा के मैदान के दक्षिण में है। यह तीन ओर से समुद्र से घिरा है। यह उत्तर
में राजस्थान से लेकर दक्षिण में कोमोरिन अंतरीप और पश्चिम में गुजरात से लेकर पूर्व
में बंगाल तक विस्तृत है। इसका आकार त्रिभुजाकार है। इसकी औसत ऊँचाई 500 से 750 मीटर
है तथा भारत में इसका कुल क्षेत्रफल 16 लाख वर्ग किलोमीटर से भी अधिक है।
☞ प्रायद्वीपीय
पठार भारत का एक प्राचीनतम एवं स्थिर भूभाग है। यह विभिन्न भूगर्भिक क्रियाओं से प्रभावित
है। अतः यहाँ उत्थान, निमजन, भंशन तथा विभंगन जैसी क्रियाएँ संपन्न हुई हैं।
☞ प्रायद्वीपीय
पठार अनेक पठारों से मिलकर निर्मित हुआ है। जैसे- हजारीबाग पठार, पलामू पठार, रांची
या छौटा नागपुर का पठार, मलवा पठार, कर्नाटक पठार आदि।
☞ उच्चावच
के दृष्टिकोण से प्रायदवीपीय पठार को तीन वर्गों में विभक्त किया गया है:
- दक्कन का पठार।
- मध्य उच्च भूभाग।
- उत्तर-पूर्वी पठार।
☞ दक्कन
के पठार को दक्कन ट्रैप या लावा का पठार कहा जाता है। इसका क्षेत्रफल 5 लाख वर्ग किलोमीटर
है। यह मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के अधिकांश भाग, पौश्चमी आंध्र प्रदेश,
कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य में विस्तृत है।
☞ दक्कन
पठार के अंतर्गत पश्चिमी घाट, पूर्वी घाट तथा सतपुड़ा, मैकाल एवं महादेव की श्रेणियों
सम्मिलित हैं।
☞ पश्चिम
घाट का विस्तार मुंबई के उत्तर से लेकर सुदूर दक्षिण में कोमोरिन अंतरीप तक 1600 किलोमीटर
तक है। इसे महाराष्ट्र में सहयाद्रि कर्नाटक एवं तमिलनाडु में नीलगिरी तथा केरल में
अन्नामलाई व कार्डमम पहाड़ियों के नाम से जाना जाता है।
☞ पश्चिम
घाट की सर्वोच्च शिखर अनाईमुडी, जिसकी ऊँचाई 2695 मीटर है जबकि नीलगिरी पहाड़ियों में
पश्चिमी घाट की दूसरी सर्वोच्च शिखर डोडाबेटा जिसकी ऊँचाई 2670 मी है।
☞ पश्चिम
घाट की ढाल अरब सागर की ओर तीव्र तथा पूर्व की ओर मंद है। इस उच्च भूमि में उत्तर से
दक्षिण की ओर चार मुख्य दरें मिलते हैं:
- थाल घाट
- भोर घाट
- पाल घाट
- शेनकोटा गेप
☞ पूर्वी
घाट का विस्तार पूर्वी समुद्र तटीय मैदान के समानांतर महानदी की घाटी से दक्षिण में
नीलगिरी तक 1800 किलोमीटर की लंबाई में विस्तृत है।
☞ पूर्वी
घाट की प्रमुख श्रेणियों में जावादी पहाड़ियाँ, पालकोंडा श्रेणी, नल्लामाला पहाडियों
तथा महेंद्रगिरी पहाड़ियाँ मुख्य हैं। महेंद्रगिरी पूर्वी घाट की सर्वोच्च चोटी है,
जिसकी ऊँचाई 1501 मीटर है।
☞ भारत
के लगभग मध्यवर्ती भाग में विस्तृत उच्च भूमि को मध्य उच्च भूमि कहा जाता है, जिसका पश्चिमी भाग अरावली
पर्वत के रूप में विस्तृत है।
☞ मध्य उच्च भूमि पर मुख्य रूप से जो उच्चावच दिखाई पड़ते हैं,
उनमें मुख्य हैं अरावली की पहाड़ियाँ, मलवा पठार, विंध्याचल पर्वत श्रेणी, छोटानागपुर
का पठार, सतपुड़ा पर्वत आदि।
☞ प्रायद्वीपीय पठार का विस्तारित रूप उत्तर-पूर्वी पठार के
रूप में विस्तृत है। ऐसा माना जाता है कि भूगर्भिक हलचलों से इंडियन प्लेट के उत्तर
पूर्व दिशा में संचलन के कारण राजमहल पहाड़ियाँ तथा मेघालय पठार के बीच एक अंश घाटी
का निर्माण हो गया और मेघालय का पठार तथा कार्बी ऐंगलोंग पठार मुख्य प्रायद्वीपीय पठार
से अलग हो गए।
☞ मेघालय पठार पर मुख्य रूप से गारो पहाड़ियाँ, खासी पहाड़ियाँ
और जयंतिया पहाडियाँ स्थित हैं।
4.
भारतीय मरुस्थल- भारतीय मरुस्थल का विस्तार अरावली पहाड़ी के उत्तर पश्चिमी
भाग में है। यह क्षेत्र रेत के टीले के रूप में शुष्क और वनस्पति रहित है, इसे भारतीय
मरुस्थल या थार के रेगिस्तान के नाम से जाना जाता है। यहाँ 15 सेंटीमीटर से भी कम वार्षिक
वर्षा होती है।
☞ भारतीय मरुस्थल को ढाल के आधार पर दो भागों में विभक्त किया
गया है:
- सिंधु नदी की ओर ढाल वाला उत्तरी भाग एवं
- कच्छ के रन की ओर ढाल वाला दक्षिणी भाग
☞ मरुस्थल के दक्षिणी भाग में लूनी नदी प्रवाहित होती है। यह
अंतः स्थलीय अपवाह का अच्छा उदाहरण है।
5.
तटीय मैदान- दक्षिण के पठार के पूर्वी
और पश्चिमी घाटों और तटीय समुद्र के बीच में मैदान का विस्तार है, इन्हें समुद्र तटीय मैदान कहा जाता है। मैदानों को पश्चिमी
समुद्र तटीय मैदान और पूर्वी समुद्र तटीय मैदानों में विभक्त किया गया है।
☞ उत्तर में गुजरात तट से दक्षिण में केरल तट तक विस्तृत पश्चिम
तटीय मैदान को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है :-
- गुजरात राज्य में कच्छ व काठियावाड़ तट।
- महाराष्ट्र राज्य में कोंकण तट।
- कर्नाटक व केरल राज्य में मालाबार तट।
☞ मालाबार तट पर एक विशेष प्रकार की स्थलाकृति कयाल कहलाती
है। यह लैगून है, जिसे बालू की रोधिका तथा भू जिह्वा सागर से अलग करती है।
☞ पूर्वी तटीय मैदान स्वर्णरेखा नदी के मुहाने से कन्याकुमारी
तक विस्तृत है। यह पश्चिमी तटीय मैदान की अपेक्षा अधिक चौड़ी है तथा यहाँ अनेक डेल्टा
उपस्थित हैं।
☞ कृष्णा-गोदावरी डेल्टा के उत्तर में स्थित तटीय मैदान को
उत्तरी सरकार तथा दक्षिण में स्थित तटीय मैदान को कोरोमंडल तट कहा जाता है।
☞ महानदी डेल्टा के दक्षिण में ओडिशा राज्य में 75 किलोमीटर
लंबाई की लैगून झील का विस्तार है, जिसे चिल्का झील के नाम से जाना जाता है।
6.
द्वीपसमूह- भारत के द्वीप समूह का विस्तार बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर
में है।
☞ बंगाल की खाड़ी में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं।
इन दोनों द्वीप समूहों को 10 डिग्री चैनल अलग करती है।
☞ निकोबार द्वीप समूह में बैरन नमक जीवित ज्वालामुखी स्थित
है।
☞ अरब सागर में लक्षद्वीप तथा मिनिकॉय द्वीप स्थित हैं। 11
डिग्री चैनल के द्वारा अमीनी द्वीप तथा कन्नानोर द्वीप अलग किए जाते हैं।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. पृथ्वी की आयु लगभग कितनी है?
a. 40 करोड़ वर्ष
b. 460 करोड़ वर्ष
c. 42 करोड़ वर्ष
d. 50 करोड़ वर्ष
2. भारत के किस दिशा में कर्बी ऐंगलॉग व मेघालय
के पठार स्थित हैं?
a. उत्तर पूर्व
b. दक्षिण पूर्व
c. उत्तर पश्चिम
d. दक्षिण पश्चिम
3. उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित मेघालय एवं
कर्बी ऐंगलॉग पठार को छोटा नागपुर पठार से कौन-सा भंश अलग करता है?
a. नर्मदा भ्रंश
b. ताप्ती भ्रंश
c. मालदा भ्रश
d. दामोदर नदी भंश
4. प्रायद्वीपीय भाग वास्तव में किस प्लेट
का हिस्सा है?
a. नाजका प्लेट
b. इंडो-ऑस्ट्रेलिया प्लेट
c. यूरेशिया प्लेट
d. अफ्रीकी प्लेट
5. निम्नलिखित प्रायद्वीपीय भाग की मुख्य
अवशिष्ट पहाड़ियों में कौन सम्मिलित नहीं है?
a. अरावली
b. नल्लमाला
c. जावादी
d. हिमालय
6. निम्नलिखित नदियों में कौन-सी नदी बंगाल
की खाड़ी में गिरने से पहले डेल्टा का निर्माण नहीं करती है?
a. महानदी
b. गोदावरी
c. नर्मदा
d. कृष्णा
7. हिमालय निम्नलिखित में से किसका उदाहरण
है?
a. वलित एवं नवीन पर्वतमाला
b. अवशिष्ट पर्वतमाला
c. प्रायद्वीपीय पठार
d. मैदानी क्षेत्र
8. वर्तमान में जहाँ हिमालय पर्वतमाला स्थित
है पूर्व में यहाँ किसकी उपस्थिति थी?
a. टेथिस सागर
b. लाल सागर
c. कैस्पियन सागर
d. भूमध्य सागर
9. टेथिस सागर के उत्तर में किस लैंड का विस्तार
था?
a. गोंडवाना लैंड
b. अंगारा लैंड
c. पेंथालसा
d. इनमें से कोई नहीं
10. युवावस्था में तीव्रगामी नदियां प्रवाहित होती हैं तथा निम्नलिखित
में किसका निर्माण नहीं करती?
a.
गॉर्ज
b.
V आकार की घाटियाँ
c.
क्षिप्रिकाएं व जलप्रपात
d. जलोढ मैदान
11. सिंधु-गंगा-ब्रह्मपुत्र मैदानों के अधिकांश भाग में किस प्रकार
की चट्टान पाई जाती है?
a. तलछटी अथवा परतदार
b.
आग्नेय
c.
रूपांतरित
d.
इनमें से कोई नहीं
12. सतपुड़ा किस प्रकार के पर्वत का उदाहरण है?
a.
मोड़दार पर्वत ।
b. ब्लॉक पर्वत
c.
अवशिष्ट पर्वत ।
d.
इनमें से कोई नहीं
13. फूलों की घाटी किस पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है?
a. उत्तराखंड राज्य में
b.
जम्मू कश्मीर में
c.
हिमाचल प्रदेश में
d.
पश्चिम बंगाल में
14. दुआर स्थलाकृति कहाँ पाई जाती है?
a.
कश्मीर हिमालय में
b.
लघु हिमालय में
c. दार्जिलिंग और सिक्किम हिमालय में
d.
पूर्वांचल की पहाड़ियों में
15. अरावली पर्वत की सबसे ऊंची चोटी कौन-सी है?
a.
माउंट आबू
b. गुरु शिखर
c.
डोडाबेटा
d.
माउंट एवरेस्ट
16. लोकताल झील किस राज्य में स्थित है?
a. मणिपुर
b.
हिमाचल प्रदेश
c.
जम्मू कश्मीर
d.
झारखंड
17. नीलगिरी पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी कौन-सी है?
a.
माउंट एवरेस्ट
b.
अनाईमुडी
c. डोडाबेटा
d.
गुरु शिखर
18. पूर्वी घाट पहाड़ और पश्चिमी घाट पहाड़ आपस में कहाँ मिलते हैं?
a. नीलगिरी पहाड़ियों में
b.
सतपुड़ा पहाड़ी
c.
अरावली पहाड़ी
d.
इनमें से कोई नहीं
19. दक्कन पठार का निर्माण किस प्रकार की चट्टान से हुआ है?
a.
बेसाल्ट चट्टान
b. प्राचीन ग्रेनाइट एवं नाइस
c.
बलुआ पत्थर
d.
चूना पत्थर
20. महाराष्ट्र में पश्चिमी घाट को किस नाम से जाना है?
a. सह्याद्रि
b.
महेंद्रगिरी
c.
नीलगिरी
d.
इनमें से कोई नहीं
21. निम्नलिखित में भारत की सबसे प्राचीनतम श्रेणी कौन- सी है?
a. अरावली
b.
हिमालय
c.
पूर्वी घाट
d.
पश्चिमी घाट
22. भारत में स्थित हिमालय श्रेणी की सबसे ऊंची चोटी कौन-सी है?
a. K-2 गॉडविन ऑस्टिन
b.
माउंट एवरेस्ट
c.
मकालू
d.
कामेट
23. विश्व की सबसे ऊँची चोटी कौन-सी है?
a. माउंट एवरेस्ट
b.
कंचनजंगा
c.
नंगा पर्वत
d.
अन्नपूर्णा
24. अंडमान और निकोबार को कौन-सा जल क्षेत्र अलग करता है?
a.
9 डिग्री चैनल
b.
11 डिग्री चैनल
c.
6 डिग्री चैनल
d. 10 डिग्री चैनल
25. द्वार स्थलाकृतियों का उपयोग किसके लिए किया जाता है?
a. चाय के बागानों के लिए
b.
फूलों के बागानों के लिए
c.
फलों के उत्पादन के लिए
d.
सब्जी उत्पादन के लिए
26. प्रायद्वीपीय पठार की सबसे ऊंची चोटी कौन-सी है?
a.
डोडाबेटा
b. अनाईमुडी
c.
गुरु शिखर
d.
माउंट आबू
27. भारत में परिवार द्वीपों का समूह कौन-सा है?
a.
लक्षद्वीप समूह
b.
अंडमान निकोबार द्वीप समूह
c. मालदीव
d.
इनमें से कोई नहीं
28. अंडमान निकोबार द्वीप समूह की सबसे ऊंची चोटी कौन-सी है?
a.
डियोवोली
b.
माउंट थुईल्लर
c. सैडल चोटी
d.
इनमें से कोई नहीं
29. भारत का एकमात्र जीवंत सक्रिय ज्वालामुखी कहाँ स्थित है?
a.
लक्षद्वीप
b.
मालदीव
c.
कनानोर दद्वीप
d. बैरन दद्वीप
30. निम्नलिखित में से कौन-सी नदी अरब सागर की ओर गिरती है?
a.
महानदी
b.
गोदावरी
c.
कावेरी
d. नर्मदा
31. निम्नलिखित में से कौन-सी नदी भंश घाटी से होकर बहती है?
a.
महानदी
b.
गोदावरी
c.
गगा
d. नर्मदा
32. अरावली पर्वत किस प्रकार की पर्वतमाला का उदाहरण है?
a.
मोडदार पर्वतमाला
b. अवशिष्ट पर्वतमाला
c.
ब्लॉक पर्वतमाला
d.
इनमें से कोई नहीं
33. अंगारालैंड और गोंडवाना लैंड के बीच का जल भाग क्या कहलाता था?
a. टेथिस सागर
b.
पैंथालासा
c.
हिंद महासागर
d.
पैंजिया
34. श्रीनगर किस नदी के किनारे स्थित है?
a. झेलम
b.
सिंधु
c.
चिनाव
d.
रावी
35. लक्षद्वीप समूह की सबसे बड़ी द्वीप कौन-सी है?
a. मिनीकोय
b.
अमीनी द्वीप
c.
कनानोर द्वीप
d.
इनमें से कोई नहीं
36. निम्नलिखित में से भू-वैज्ञानिक, ऐतिहासिक दृष्टि से सबसे प्राचीन
पर्वतमाला कौन है?
a. अरावली
b.
सतपुरा
c.
विंध्याचल
d.
नीलगिरी
37. हिमालय पर्वतमाला के पाद प्रदेश में कौन-सा भाग स्थित है?
a.
पीर पंजाल
b.
ट्रांस हिमालय
c.
महान हिमालय
d. शिवालिक हिमालय
38. निम्नलिखित में से कौन-सी पर्वत चोटी भारत में स्थित नहीं है?
a.
कामेत
b.
नंदा देवी
c. माउंट एवरेस्ट
d.
के- 2
39. निम्नलिखित में से कौन-से क्रम की चट्टान चूना पत्थर के लिए प्रसिद्ध
है?
a.
गोंडवाना क्रम
b.
दक्कन टैप
c.
धारवाड क्रम
d. कुडप्पा क्रम
40. भारत में निम्नलिखित किस क्रम की शैलों में लौह- अयस्क का निक्षेपण
पाया जाता है?
a.
विंध्यन
b.
गोंडवाना
c.
कुडप्पा
d. धारवाड़
41. रांची एवं हजारीबाग जिले किस पठार के अंतर्गत आते हैं?
a. छोटा नागपुर का पठार
b.
अरावली का पठार
c.
मलवा का पठार
d.
दक्कन का पठार
42. नीलगिरी तथा अन्नामलाई पहाड़ियों के बीच स्थित दरें का नाम बताएं-
a.
भोर घाट
b.
गोरम घाट
c. पालघाट
d.
थाल घाट
43. हिमालय की उत्पत्ति से पूर्व उस क्षेत्र के अंतर्गत निम्नलिखित
में क्या स्थित था?
a.
गोंडवाना लैंड
b.
विस्तृत मैदान
c. टेथिस सागर
d.
लॉरेंसिया सील्ड
44. भारत में सबसे महत्वपूर्ण खनिज संयुक्त चट्टानी किस तंत्र की है?
a. धारवाड़ तंत्र
b.
कुड्डप्पा तंत्र
c.
गोंडवाना तंत्र
d.
विंध्यन तंत्र
45. निम्नलिखित में से कौन-सी पर्वत श्रृंखला नवीन है?
a.
अरावली
b. हिमालय
c.
विंध्याचल
d.
सतपुरा
46. पूर्वी घाट की सर्वोच्च शिखर कौन-सी है?
a.
उदयगिरि
b.
नल्लामलाई
c. महेंद्रगिरी
d.
इनमें से कोई नहीं
47. नंदा देवी चोटी स्थित है-
a.
असम हिमालय
b.
नेपाल हिमालय
c.
पंजाब हिमालय
d. कुमायूं हिमालय
48. सतलज से काली नदी तक हिमालय का कौन-सा भाग विस्तृत है?
a.
पंजाब हिमालय
b.
गढ़वाल हिमालय
c.
नेपाल हिमालय
d. कुमायूं हिमालय
49. शिवालिक पहाड़ियां निम्नलिखित में से किसका हिस्सा है?
a. हिमालय
b.
सतपुड़ा
c.
अरावली
d.
पश्चिमी घाट
50. आंध्र प्रदेश में स्थित तटीय भाग क्या कहलाता है?
a. कोरोमंडल तट
b.
कोंकण तट
c.
सरकार तट
d.
मालाबार तट
51. उत्तर भारत में उप हिमालय क्षेत्र के सहारे फैले समतल मैदान को
क्या कहा जाता है?
a.
दून
b.
खादर
c. भाबर
d.
तराई
52. कोकण तट कहाँ तक विस्तृत है?
a.
गोवा से कोचीन तक
b.
गोवा से दीव तक
c. गोवा से मुंबई तक
d.
गोवा से दमन तक
53. मालाबार तट निम्नलिखित में से कहाँ स्थित है?
a.
गुजरात व गोवा के मध्य
b. गोवा एवं कन्याकुमारी के मध्य
c.
नेल्लौर व कन्याकुमारी के मध्य
d.
गंगा डेल्टा व कन्याकुमारी के मध्य
54. शिवालिक श्रेणी का निर्माण कब हुआ?
a.
ड्योजोइक में
b.
पैलियोजोइक में
c.
मेसोजोइक में
d. सेनोजोइक में
55. भारत में कोयला उत्पन्न करने वाला संरचना कौन-सा है?
a.
धारवाड़
b.
विंध्यन
c.
कुडप्पा
d. गोंडवाना
56. पालघाट निम्नलिखित में से किस पहाड़ी श्रृंखला में स्थित है?
a.
पूर्वी घाट
b.
सतपुरा
c.
अरावली
d. पश्चिमी घाट
57. निम्नलिखित में से कौन-सा भौतिक आकृतियों का क्रम सही है?
a.
पर्वत, तराई, मैदान, व भावर
b. भावर, तराई, बांगर, व खादर
c.
तराई, भाबर, बांगर, व खादर
d.
बांगर, भाबर, तराई, व खादर
58. पश्चिम भारत का दक्कन ट्रैप मुख्यतः किससे निर्मित है?
a. ज्वालामुखी शैलों से
b.
कायंतरित से शैलों से
c.
पातालिय शैलों से
d.
शैल चूर्ण से
59. प्रसिद्ध कश्मीर की घाटी कहाँ स्थित है?
a. जास्कर तथा पीर पंजाल श्रेणी के मध्य
b.
लघु हिमालय और शिवालिक के मध्य
c.
चिनाब घाटी में जोजिला और कारगिल के मध्य
60. भारत का सर्वोच्च शिखर के-2 हिमालय के किस श्रेणी में स्थित है?
a.
पीर पंजाल
b.
जास्कर
c. काराकोरम
d.
कुमायूं हिमालय
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. करेवा किसे कहते हैं?
उत्तरः करेवा पीरपंजाल श्रेणी पर 1000-1500 मीटर की ऊँचाई
पर स्थित हिमोढ़ के जमाव है, जिन्हें हिमनदियों ने निक्षेपित किया है। यहीं पर केसर
(जाफरान) की खेती होती है।
2. वृहत् हिमालय श्रृंखला को अन्य किस नाम
से जाना जाता है?
उत्तरः वृहत् हिमालय श्रृंखला को केंद्रीय अक्षीय श्रेणी
अथवा महान हिमालय भी कहा जाता है। इसकी पूर्व-पश्चिम लम्बाई लगभग 2500 कि.मी. तथा उत्तर-दक्षिण
चौड़ाई 160 से 400 कि.मी. तक है।
3. मणिपुर और मिजोरम की एक मुख्य नदी कौन-सी
है?
उत्तरः बराक नदी।
4. कौन-सा तटीय मैदान उभरे हुए तट का उदाहरण
है?
उत्तरः पूर्वी तटीय मैदान।
5. अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की सबसे ऊंची
चोटी कौन-सी है?
उत्तरः सैडल चोटी (738 मीटर) जो उत्तरी अंडमान में स्थित
है।
6. लक्षद्वीप द्वीपसमूह का सबसे बड़ा द्वीप
कौन-सा है?
उत्तरः मिनिकॉय सबसे बड़ा द्वीप है, जिसका क्षेत्रफल 453
वर्ग किलोमीटर है।
7. लक्षद्वीप द्वीपसमूह के कितने द्वीपों पर
मानव आवास है?
उत्तरः केवल 11 द्वीपों पर।
8. भारत के कुछ प्रमुख दूनों के नाम लिखें।
उत्तरः चंडीगढ़-कालका दून, नालागढ़ दून, हरीके दून, देहरादून,
कोटली दून इनमें देहरादून सबसे बड़ा दून है।
9. झूम (Jhumming) खेती हिमालय के किस क्षेत्र
की विशेषताएँ हैं?
उत्तरः अरुणाचल हिमालय की।
10. नदी की प्रौढ़ावस्था में बनने वाली कोई
दो निक्षेपण स्थलाकृतियों के नाम बताइए।
उत्तरः बालु रोधिका, विसर्प, गोखुर झील, गुंफित सरिताएँ आदि।
11. कश्मीर हिमालय में स्थित प्रसिद्ध तीर्थ
स्थल कौन-से हैं?
उत्तरः वैष्णो देवी, अमरनाथ गुफा, चरार-ए-शरीफ
12. हिमाचल उत्तराखंड हिमालय में स्थित पवित्र
तीर्थ स्थान कौन-से हैं?
उत्तरः गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ तथा हेमकुंड
साहिब।
13. मेघालय पठार में कौन-से खनिजों के भंडार
हैं?
उत्तरः कोयला, लोहा, सिलीमेनाइट, चूना पत्थर तथा यूरेनियम।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. भारत के विशाल मैदान को उच्चावच की भिन्नताओं
के आधार पर बाँटकर वर्णन कीजिए?
उत्तरः भाबर
: यह क्षेत्र शिवालिक पर्वत श्रेणी की तलहटी में उसके समानान्तर पतली पट्टी के रूप
में 8 से 10 कि.मी. की चौड़ाई में फैला है। हिमालय पर्वत श्रेणियों से बाहर निकलती
नदियां यहाँ पर अपने साथ लाये हुए कंकड़-पत्थर, रेत, बजरी जमा कर देती है और कभी- कभी
ये नदियां इस मलबे में लुप्त हो जाती हैं।
तराई : भाबर के दक्षिण में तराई क्षेत्र है। भाबर के समानान्तर इसकी चौड़ाई 10 से
20 कि.मी. है। भाबर क्षेत्र में लुप्त नदियां इस प्रदेश में धरातल पर निकल आती है।
इसलिए इस क्षेत्र में भूमि दलदली हो जाती है। यह भूमि प्राकृतिक वनस्पति से सघन आच्छादित
होती है।
बांगर : मैदान का वह भाग जहाँ नदियों की बाढ़ का जल हर वर्ष नहीं पहुँच पाता। इस
क्षेत्र का निर्माण पुरानी जलोढ मिट्टी से हुआ है। इस क्षेत्र में कहीं-कहीं चूनायुक्त
कंकरीली मिट्टी पाई जाती है।
खादर
: खादर वह क्षेत्र है जहाँ नदियों की बाढ़ का जल प्रतिवर्ष फैलता रहता है। जिसके कारण
हर वर्ष मिट्टी की नई परत बिछ जाती है। नई मिट्टी के जमाव के कारण खादर क्षेत्र बहुत
उपजाऊ होते हैं।
2. भारत में ठंडा मरुस्थल कहाँ स्थित है? इस
क्षेत्र की मुख्य श्रेणियों के नाम बताइए?
उत्तरः भारत में ठंडा मरुस्थल कश्मीर हिमालय के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र
लेह-लद्दाख में स्थित है। यह ठंडा मरुस्थल वृहत् हिमालय और कराकोरम श्रेणियों के बीच
स्थित है। इस क्षेत्र की प्रमुख श्रेणियाँ निम्न है: लद्दाख श्रेणी, जॉस्कर श्रेणी,
कराकोरम श्रेणी।
3. हिमालय पर्वतमाला की पूर्वी पहाड़ियों की
विशेषताएं बताइए?
उत्तरः हिमालय पर्वत के इस भाग में पहाड़ियों की दिशा उत्तर से दक्षिण
है।
☞ ये पहाड़ियाँ विभिन्न स्थानीय नामों से जानी जाती है। उत्तर
में पटकाई बूम, नागा पहाड़ियाँ, मणिपुर पहाड़ियाँ और दक्षिण में मिजो या लुसाई पहाड़ियों
के नाम से जानी जाती है।
☞ यह नीची पहाड़ियों का क्षेत्र है जहाँ अनेक जनजातियां 'झूम'
या स्थानांतरी खेती/कृषि में संलग्न है।
4. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप
समूहों का तुलनात्मक अध्ययन तीन बिन्दुओं में कीजिए?
उत्तरः ये द्वीप समूह अरब सागर में लक्षद्वीप तथा बंगाल की खाड़ी
में अंडमान व निकोबार द्वीप समूह के नाम से जाने जाते हैं।
☞ बंगाल की खाड़ी में लगभग 572 दद्वीप हैं जिन्हें दो श्रेणियों
में बाँटा जा सकता है और इन्हें 10 डिग्री चैनल द्वारा अलग किया जाता है। ये द्वीप
समूह जलमग्न पर्वतों के ऊपरी भाग हैं। कुछ छोटे द्वीपों की उत्पत्ति ज्वालामुखी से
हुई है। भारत का एक मात्र सक्रिय ज्वालामुखी, निकोबार द्वीप समूह के बैरन द्वीप में
स्थित हैं।
☞ अरब सागर के द्वीपों में लक्षद्वीप और मिनिकॉय द्वीप शामिल
हैं। यह पूरा द्वीप समूह प्रवाल निक्षेप से बना है। यहाँ 36 दद्वीप हैं और इनमें से
केवल 11 दद्वीपों पर ही मानव बसाव है। मिनिकॉय सबसे बड़ा दवीप है। पूरा द्वीप समूह
11 डिग्री चैनल द्वारा दो भागों में बाँटा गया है। उत्तर में अमीनी द्वीप और दक्षिण
में कवरत्ती द्वीप ।
5. भारत
के पश्चिमी तटीय मैदान तथा पूर्वी तटीय मैदान की तीन बिन्दुओं में तुलना कीजिए?
उत्तरः
पश्चिमी तटीय मैदान |
पूर्वी तटीय मैदान |
यह तटीय मैदान मध्य भाग में संकीर्ण है, परंतु उत्तर और
दक्षिण में चौड़े हो जाते हैं। |
पश्चिमी तटीय मैदान की तुलना में पूर्वी तटीय मैदान चौड़ा
है। |
यहाँ बहने वाली नदियाँ अपेक्षाकृत छोटी हैं और ये डेल्टा
नहीं बनाती। |
यहाँ बहने वाली नदियां लम्बे, चौड़े डेल्टा बनाती हैं।
इसमें महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी का डेल्टा शामिल हैं। |
यह मैदान अधिक कटा-फटा है जिस कारण यहाँ पत्तनों एवं बंदरगाह
के विकास के लिए प्राकृतिक परिस्थितियां अनुकूल हैं। इसे उत्तर में गोवा तक कोंकण
तट तथा दक्षिण में केरल तक मालाबार तट कहते हैं। |
उभरा हुआ तट होने के कारण यहाँ बंदरगाह कम हैं। यहाँ पत्तनों
और बंदरगाहों का विकास मुश्किल है। यह गोदावरी नदी के मुहाने से उत्तर की ओर उत्तरी
सरकार तट तथा इराके दक्षिण में इसे कोरोमंडल तट कहते हैं। |
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. भारत की उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी पर्वतमाला
का वर्णन करें।
उत्तरः उत्तर तथा उत्तर-पूर्वी पर्वतमाला में हिमालय पर्वत
और उत्तर-पूर्वी पहाड़ियों शामिल हैं। इन पर्वतमालाओं की उत्पत्ति विवर्तनिक हलचलों
से हुई है। तेज बहाव वाली नदियों से अपरदित ये पर्वत मालाएँ अभी भी युवा अवस्था में
हैं।
हिमालय पर्वत भारत के उत्तर में चाप की आकृति में पश्चिम
से पूर्व की दिशा में सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदियों के बीच लगभग 2500 कि.मी. तक फैला
है। इसकी चौड़ाई 160 से 400 कि.मी. तक है।
मिजोरम, नागालैंड और मणिपुर में ये पहाड़ियाँ उत्तर- दक्षिण
दिशा में फैली हैं। ये पहाड़ियाँ उत्तर में पटकोई बुम, नागा पहाड़ियाँ, मणिपुर पहाड़ियाँ
और दक्षिण में मिजो या लुसाई पहाड़ियों के नाम से जानी जाती हैं। हिमालय पर्वत के समानान्तर
रूप में फैली हुई तीन पर्वत श्रेणियों हैं -
क. वृहत् हिमालय- यह हिमालय की सबसे ऊंची श्रेणी है। अधिक ऊँचाई होने के कारण
यह सदा बर्फ से ढंकी रहती है।.
ख. मध्य हिमालय अथवा लघु हिमालय : यह वृहत् हिमालय के दक्षिण में लगभग उसके समानान्तर पूर्व
से पश्चिम दिशा में फैली है। भारत के अधिकांश स्वास्थ्यवर्धक स्थान लघु हिमालय के दक्षिण
ढालों पर ही स्थित है। धर्मशाला, शिमला, डलहौजी, मसूरी, नैनीताल, दार्जिलिंग आदि ऐसे
ही स्थान हैं।
ग. शिवालिक श्रेणी- यह मध्य हिमालय के दक्षिण में उसके समानान्तर फैली है। यह
हिमालय पर्वत श्रृंखला की अन्तिम श्रेणी है। और मैदानों से जुड़ी है।
भारतीय उपमहाद्वीप तथा मध्य एवं पूर्वी एशिया के देशों के
बीच एक मजबूत दीवार के रूप में हिमालय पर्वत श्रेणी खड़ी है। हिमालय एक प्राकृतिक अवरोधक
ही नहीं अपितु यह एक जलवायु विभाजक, अपवाह और सांस्कृतिक विभाजक भी हैं।
2. प्रायद्वीपीय पठार की विशेषताओं का वर्णन
कीजिए?
उत्तरः प्रायद्वीपीय पठार की निम्निलिखित विशेषताएँ हैं-
☞ प्रायद्वीपीय पठार तिकोने आकार वाला कटा-फटा भूखंड है। उत्तर-पश्चिम
में दिल्ली-कटक, पूर्व में re राजमहल पहाड़ियाँ, पश्चिम में गिर पहाड़ियों, दक्षिण
में इलायची पहाड़ियाँ, प्रायद्वीपीय पठार की सीमाएँ निर्धारित करती है। उत्तर-पूर्व
में शिलांग व कार्बी-ऐंगलोंग पठार भी इस भूखंड का विस्तार है।
☞ प्रायद्वीपीय पठार मुख्यतः प्राचीन नीस व ग्रेनाइट से बना
है।
☞ यह पठार भूपर्पटी का सबसे प्राचीनतम भू-खण्ड है जिराकी औसत
ऊँचाई 600 और 900 मीटर है। कैम्ब्रियन कल्प से यह भूखंड; एक कठोर खंड के
रूप में खड़ा है।
☞ इस पठार के उत्तर-पश्चिमी भाग में अरावली की पहाड़ियों, उत्तर
में विन्ध्याचल और सतपुड़ा की पहाडियां, पश्चिम घाट और पूर्व में पूर्वी घाट स्थित
है। सामान्य तौर पर प्रायद्वीप की ऊँचाई पश्चिम से पूर्व की ओर कम होती जाती है। इस
पठार के उत्तरी भाग का ढाल उत्तर दिशा की ओर है।
☞ इंडो-आस्ट्रेलियाई प्लेट का अग्र भाग होने के कारण यह खंड
ऊर्ध्वधर हलचलों व भंश से प्रभावित है। नर्मदा नदी, तापी और महानदी, भंश घाटियों के
और सतपुड़ा, ब्लॉक पर्वत का उदाहरण हैं।
3. पश्चिमी घाट पर्वत और पूर्वी घाट पर्वत में पाँच अन्तर स्पष्ट कीजिए?
उत्तरः
पश्चिमी
घाट पर्वत |
पूर्वी
घाट पर्वत |
पश्चिमी
घाट पर्वत उत्तर में महाराष्ट्र से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक अरब सागर के पूर्वी
तट के साथ-साथ फैले हैं। |
दक्कन
पठार की पूर्वी सीमा पर पूर्वी घाट के पर्वत, महानदी की घाटी से लेकर दक्षिण में
नीलगिरी तक फैले हैं। |
इन्हें
महाराष्ट्र तथा गोवा में सह्याद्रि, कर्नाटक तथा तमिलनाडु में नीलगिरी तथा केरल में
अनामलाई और इलायची की पहाड़ियों के नाम से जानते हैं। |
पूर्वी
घाट की मुख्य श्रेणियों जावादी पहाड़ियाँ, पालकोंडा श्रेणी, नल्लामाला पहाड़ियाँ
और महेन्द्रगिरि पहाड़ियाँ हैं। |
ये
पर्वत लगातार एक श्रेणी के रूप में है। उत्तर से दक्षिण तक तीन दरें थालघाट, भोरघाट
तथा पालघाट इसकी निरंतरता भंग करते प्रतीत होते है। |
पूर्वी
घाट की श्रेणी लगातार नहीं हैं। कई बड़ी नदियों ने इन्हें काटकर अपने मार्ग बना लिए
हैं। |
इस
पर्वत श्रेणी की औसत ऊँचाई लगभग 1500 मीटर है जो कि उत्तर से दक्षिण की ओर बढ़ती
जाती है। |
इस
पर्वत श्रेणी की औसत ऊँचाई लगभग 600 मीटर है नदियों द्वारा अपदरित होने के कारण अवशिष्ट
श्रृंखला ही शेष है। |
प्रायद्वीपीय
पठार की सबसे ऊंची चोटी अनाईमुडी 2695 मीटर है जो की पश्चिमी घाट पर्वत की अनामलाई
पहाड़ियों में स्थित है। अधिकांश प्रायद्वीपीय नदियों की उत्पत्ति पश्चिमी घाट से
हुई है। |
पूर्वी
और पश्चिमी घाट के पर्वत नीलगिरी पहाड़ियों में आपस में मिलते हैं। इस श्रेणी से
कोई बड़ी नदी नहीं निकलती है। |
4. प्रायद्वीपीय पठार तथा हिमालय पर्वत में पाँच अन्तर स्पष्ट कीजिए?
उत्तरः
प्रायद्वीपीय
पठार |
हिमालय
पर्वत |
प्रायद्वीपीय
पठार कठोर शैलों का प्राचीन भूखंड है। |
हिमालय
अवसादी शैलों से निर्मित नवीन पर्वत है। |
इसका
निर्माण एक उत्खंड के रूप में हुआ है। |
हिमालय
एक मोड़दार पर्वत है जो विभिन्न भू-गर्भिक हलचलों से बना है। |
यह
कैम्ब्रियन कल्प से लेकर आज तक स्थल क्षेत्र ही रहा है। केवल इसके तटीय क्षेत्र अल्प
अवधि के लिए समुद्र में डूब गए थे। |
हिमालय
पर्वत की उत्पत्ति टेथिस के अवसादों से पर्वत निर्माणकारी विवैतनिक हलचलों के परिणाम
स्वरूप हुई है। |
प्रायद्वीप
पठार में मुख्यतः अवशिष्ट पर्वत पाए जाते हैं। अरावली पर्वत इसका प्रमुख उदाहरण है। |
हिमालय
तथा उससे संबंधित पर्वत श्रेणियों कमजोर तथा लचीली हैं। परिणामस्वरूप यहाँ वलन और
विरूपण की क्रियाएँ हुई हैं। |
प्रायद्वीपीय
पठार नदी घाटियाँ उथली तथा मंद ढाल वाली हैं। |
हिमालय
विवर्तनिक पर्वत है; इस कारण यहाँ नदियाँ युवावस्था में हैं और तीव्र गति से बहती
हैं। |
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय-सूची
भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत (भाग 'अ')
अध्याय सं. | अध्याय का नाम |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
9. | |
10. | |
11. | |
12. | |
13. | |
14. | |
भारत : भौतिक पर्यावरण (भाग 'ब') | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
खण्ड – क : भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत
1. भूगोल एक विषय के रूप में (Geography as a Discipline)
2. पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास (The Origin and Evolution of the Earth)
3. पृथ्वी की आंतरिक संरचना (Interior of the Earth)
4. महासागरों और महाद्वीपों का वितरण (Distribution of Oceans and Continents)
5. खनिज एवं शैल (Minerals and Rock)
6. भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ (Geomorphic Processes)
7. भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास (Landforms and theirEvolution)
8. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना (Composition andStructure of Atmosphere)
9. सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (SolarRadiation, Heat Balance and Temperature)
10. वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ(Atmospheric Circulation and Weather Systems)
11. वायुमंडल में जल (Water in the Atmosphere)
12. विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन (World Climateand Climate Change)
13. महासागरीय जल {Water (Oceans)}
14. महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)
15. पृथ्वी पर जीवन (Life on the Earth)
16. जैव विविधता एवं संरक्षण (Biodiversity andConversation)
खण्ड – ख : भारत-भौतिक पर्यावरण
1. भारत-स्थिति (India Location)
2. संरचना तथा भू-आकृतिविज्ञान (Structure and Physiography)
3. अपवाह तंत्र (Drainage System)
5. प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)
6. मृदा (Soils)
7. प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ (Natural Hazards andDisasters)
खण्ड – 3 : भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य
1. मानचित्र का परिचय (Introduction to Maps)
3. अक्षांश, देशांतर और समय (Latitude, Longitude andTime)
4. मानचित्र प्रक्षेप (Map Projections)
5. स्थलाकृतिक मानचित्र (Topographical Maps)
6. वायव फोटो का परिचय (Introduction to AerialPhotographs)
7. सुदूर संवेदन का परिचय (Introduction to RemoteSensing)
8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (WeatherInstruments. Maps and Charts)