Class 11 Geography 7. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना (Atmospheric: Composition And Structure)

Class 11 Geography 7. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना (Atmospheric: Composition And Structure)

 Class 11 Geography 7. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना (Atmospheric: Composition And Structure)

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 11

भूगोल (Geography)

7. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना (Atmospheric: Composition And Structure)

पाठ के मुख्य बिंदु

वायुमंडल विभिन्न प्रकार के गैसों का मिश्रण है, जो पृथ्वी को चारों ओर से ढके हुए है।

वायु के कुल द्रव्यमान का 99% पृथ्वी की सतह से 32 किलोमीटर की ऊँचाई तक स्थित है।

120 किलोमीटर की ऊँचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा नगण्य हो जाती है।

कार्बन डाइऑक्साइड और जलवाष्प पृथ्वी की सतह से 90 किलोमीटर की ऊँचाई तक ही पाए जाते हैं।

कार्बन डाइऑक्साइड सौर विकिरण के लिए पारदर्शी है जबकि पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी है। यह ग्रीनहाऊस प्रभाव के लिए पूरी तरह उत्तरदायी है।

वायुमंडल अलग-अलग घनत्व तथा तापमान वाली विभिन्न परतों का बना होता है।

ओजोन परत सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करती है जिससे पृथ्वी को ऊर्जा के तीव्र तथा हानिकारक तत्वों से बचाव होता है।

जलवाष्प वायुमंडल में उपस्थित ऐसी परिवर्तनीय गैस है जो ऊँचाई के साथ घटती जाती है, तथा विषुवत रेखा से ध्रुव की ओर जलवाष्प की मात्रा कम होती जाती है।

गर्म तथा आर्द्र उष्ण कटिबंध में यह हवा के आयतन का 4 प्रतिशत होती है जबकि ध्रुवों जैसे ठंडे तथा रेगिस्तानों जैसे शुष्क प्रदेशों में यह हवा के आयतन के 1 प्रतिशत भाग से भी कम होती है।

जलवाष्प एक कंबल की तरह कार्य करती है तथा पृथ्वी को न तो अधिक गर्म और न ही अधिक ठंडा होने देती है।

वायुमंडल के संघटक तत्व धूलकण विभिन्न स्रोतों जैसे समुद्री नमक, महीन मिट्टी, धुएं की कालिमा, राख, पराँग, धूल तथा उल्काओं के टूटे हुए कणों से प्राप्त होते हैं।

विष्वत और ध्रुवीय प्रदेशों की तुलना में धूलकणों का जमाव उपोष्ण और शीतोष्ण प्रदेशों में सूखी हवा के कारण अधिक होता है। धूलकण आर्द्रताग्राही केंद्र की तरह कार्य करते हैं जिसके चारों ओर जलवाष्प संघनित होकर मेघों का निर्माण करते हैं।

तापमान के अनुसार वायुमंडल को पाँच परतों में बाँटा गया है। जैसे- क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, बाह्य वायुमंडल (आयनमंडल) तथा बहिर्मंडल।

क्षोभमंडल वायुमंडल की सबसे निचली परत है। इसकी औसत ऊँचाई धरातल से 13 किलोमीटर है। ध्रुव के निकट इसकी ऊँचाई 8 किलोमीटर तथा विषुवत रेखा पर 18 किलोमीटर तक है।

क्षोभमंडल में ही मौसम संबंधी घटनाएँ घटित होती हैं। इस परत में प्रति 165 मीटर की ऊँचाई पर तापमान 1 डिग्री सेल्सियस घटता जाता है।

क्षोभमंडल और समतापमंडल को अलग करने वाली सीमा को क्षोभसीमा कहते हैं।

क्षोभसीमा के ऊपर समतापमंडल का विस्तार 50 किलोमीटर की ऊँचाई तक पाया जाता है।

समतापमंडल में ओजोन परत पाया जाता है। ओजोन परत पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर पथ्वी को ऊर्जा के तीव्र तथा हानिकारक तत्वों से बचाती है।

समतापमंडल के ऊपर 80 किलोमीटर की ऊँचाई तक मध्यमंडल का विस्तार है। इस परत में ऊँचाई के साथ-साथ तापमान में कमी होने लगती है और 80 किलोमीटर की ऊँचाई में यह 100 डिग्री सेल्सियस हो जाता है।

मध्यमंडल और आयनमंडल की सीमा को मध्यसीमा कहते हैं।

मध्यमंडल के ऊपर आयनमंडल का विस्तार 80 से 400 किलोमीटर के बीच है। इस मंडल में विद्युत आवेशित कण पाए जाते हैं जिन्हें आयन कहते हैं। पृथ्वी के द्वारा भेजी गई रेडियो तरंगें इस मंडल से वापस पृथ्वी पर लौट आती हैं। इस परत में ऊँचाई के साथ तापमान में वृद्धि होती है।

आयनमंडल के ऊपर बहिमंडल का विस्तार है। यह वायुमंडल का सबसे ऊँचा एवं बाहरी परत है। इस परत में वायुमंडल के सभी संघटक तत्व विरल मात्रा में पाए जाते हैं, जो धीरे-धीरे अंतरिक्ष में मिल जाते हैं।

मौसम एवं जलवायु के तत्व ताप, दाब, हवा, आर्द्रता, बादल और वर्षण हैं। ये तत्व पृथ्वी पर मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. निम्नलिखित में से कौन-सी गैस वायुमंडल में सबसे अधिक मात्रा में मौजूद है?

a. ऑक्सीजन

b. आर्गन

c. नाइट्रोजन

d. कार्बन डाइऑक्साइड

2. वह वायुमंडलीय परत जो मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है-

a. समतापमंडल

b. क्षोभमंडल

c. मध्यमंडल

d. आयनमंडल

3. समुद्री नमक, पराग, राख, धुएं की कालिमा, महीन मिट्टी किससे संबंधित है?

a. गैस

b. जलवाष्प

c. धूलकण

d. उल्का पात

4. निम्नलिखित में से कितनी ऊँचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा नगण्य हो जाती है?

a. 90 किलोमीटर

b. 100 किलोमीटर

c. 120 किलोमीटर

d. 150 किलोमीटर

5. निम्नलिखित में से कौन-सी गैस सौर विकिरण के लिए पारदर्शी है तथा पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी?

a. ऑक्सीजन

b. नाइट्रोजन

c. हीलियम

d. कार्बन डाइऑक्साइड

6. निम्नलिखित में वायुमंडल की सबसे निचली परत कौन-सी है?

a. क्षोभमंडल

b. समतापमंडल

c. मध्यमंडल

d. आयनमंडल

7. ओजोन मंडल वायुमंडल के किस परत में पाई जाती है?

a. मध्यमंडल

b. क्षोभमंडल

c. समतापमंडल

d. आयनमंडल

8. क्षोभमंडल में ऊँचाई पर जाने पर किस दर से तापमान में कमी आती है? CE

a. प्रति 200 मी. की ऊँचाई पर 1° से.

b. प्रति 160 मी. की ऊँचाई पर 5° से.

c. प्रति 165 मी. की ऊँचाई पर 1° से.

d. प्रति 165 मी. की ऊँचाई पर 5° से.

9. क्षोभमंडल में ऊँचाई पर जाने पर तापमान-

a. घटता है।

b. बढ़ता है।

c. बराबर रहता है।

d. इनमें से कोई नहीं।

10. विद्युत आवेशित कण किस मंडल में पाए जाते हैं?

a. समतापमंडल

b. क्षोभमंडल

c. आयनमंडल

d. बहिमंडल

11. कौन-सी गैस सूर्य की पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करने का काम करती है?

a. ऑक्सीजन

b. नाइट्रोजन

c. कार्बन डाइ‌ऑक्साइड

d. ओजोन

12. क्षोभमंडल की मोटाई सबसे अधिक कहाँ पर है?

a. विषुवत रेखा पर

b. ध्रुवों पर

c. शीतोष्ण प्रदेशों पर

d. कर्क रेखा पर

13. वायुमंडल में नाइट्रोजन कितने प्रतिशत भाग में पाया जाता है?

a. 21%

b. 75%

c. 40%

d. 78%

14. वायुमंडल की सबसे महत्वपूर्ण परत कौन-सी है?

a. क्षोभमंडल

b. समतापमडल

c. मध्यमडल

d. बहिर्मडल

15. मौसम संबंधी घटनाएं वायुमंडल के किस परत में घटित होती हैं?

a. समतापमंडल

b. क्षोभमंडल

c. मध्यमंडल

d. बहिर्मडल

16. निम्नलिखित में जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण गैस कौन-सी है?

a. कार्बन डाइऑक्साइड

b. नाइट्रोजन

c. ऑक्सीजन

d. हाइड्रोजन

17. निम्न में से किस मंडल से रेडियो तरंगों का परावर्तन होता है?

a. क्षोभमंडल

b. समतापमंडल

c. आयनमंडल

d. बहिर्मडल

18. वायुमंडल की किस परत में वायु की सघनता सबसे अधिक होती है?

a. क्षोभमंडल

b. समतापमंडल

c. मध्यमंडल

d. बहिर्मडल

19. निम्नलिखित में से किस परत में वायु अत्यंत विरल मिलती है?

a. क्षोभमंडल

b. बहिर्मडल

c. आयनमडल

d. मध्यमंडल

20. निम्न में से किस गैस को ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए जिम्मेदार माना जाता है?

a. नाइट्रोजन

b. कार्बन डाइऑक्साइड

c. ऑक्सीजन

d. ओजोन

21. निम्न में से जीवाश्म ईंधन कौन है?

a. कोयला

b. जल विद्युत

c. सौर ऊर्जा

d. पवन ऊर्जा

22. वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत कौन-सी है?

a. बहिर्मंडल

b. मध्यमंडल

c. आयनमंडल

d. समतापमंडल

23. वायुमंडल की अल्पकालिन दशाओं को क्या कहा जाता है?

a. पर्यावरण

b. मौसम

c. जलवायु

d. इनमें से सभी

24. क्षोभसीमा किन दो परतों को अलग करती है-

a. समतापमंडल एवं मध्यमंडल

b. क्षोभमंडल एवं समतापमंडल

c. समतापमंडल एवं मध्यमंडल

d. मध्यमंडल एवं आयनमंडल

25. मौसम की औसत दशाओं को क्या कहते हैं?

a. जलवायु

b. वातावरण

c. मौसम

d. इनमें से सभी

26. निम्नलिखित में से किस गैस के आयतन में लगातार वृद्धि हो रही है?

a. ऑक्सीजन

b. कार्बन डाइऑक्साइड

c. ओजोन

d. नाइट्रोजन

27. विषुवत रेखा से ध्रुव की ओर जाने पर जलवाष्प की मात्रा-

a. घटती है

b. बढ़ती है

c. बराबर रहती है

d. इनमें से कोई नहीं

28. धूलकणों का सबसे अधिक जमाव निम्न में से किन प्रदेशों में होता है?

a. विषुवत प्रदेशों

b. ध्रुवीय प्रदेशों

c. उष्ण व शीतोष्ण प्रदेशों

d. इनमें से कोई नहीं

29. क्षोभमंडल की धरातल से औसत ऊँचाई कितनी है?

a. 13 किलोमीटर

b. 10 किलोमीटर

c. 11 किलोमीटर

d 15 किलोमीटर

30. मध्यमंडल में ऊँचाई के साथ तापमान में

a वृद्धि होने लगती है

b. कमी होने लगती है

c. कुछ प्रभाव नहीं पड़ता है

d. इनमें से कोई नहीं

31. आयनमंडल में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान में-

a. वृद्धि होने लगती है

b. कमी होने लगती है

c. समान होता है

d इनमें से कोई नहीं

32. निम्न में से किस स्तर से पृथ्वी के द्वारा भेजी गई रेडियो तरंगें वापस पृथ्वी पर लौट आर्ती हैं?

a. समतापमंडल

b. बहिर्मडल

c. आयनमडल

d. मध्यमंडल

33. निम्न में से किसे आर्द्रताग्राही केंद्र कहते हैं?

a. धूलकण

b. जलवाष्प

c. गैसें

d. इनमें से सभी

34. निम्न में से किस मंडल को परिवर्तन मंडल भी कहा जाता है?

a. समतापमंडल

b. मध्यमंडल

c. आयनमंडल

d क्षोभमंडल

35. विषुवत रेखा से ध्रुव की ओर जाने पर तथा समुद्र तल से ऊँचाई पर जानें पर तापमान-

a. घटता है

b. बढ़ता है

c. बराबर रहता है

d. इनमें से कोई नहीं

36. किसी स्थान के तापमान के बढ़ने पर वहाँ का वायुदाब निम्न में से क्या होगा?

a. बढेगा

b. कम होगा

c. समान रहेगा

d. इनमें से कोई नहीं

37. पवन चलने का निम्न में से क्या कारण है?

a. वर्षा

b. आर्द्रता

c. संघनन

d. वायुदाब में भिन्नता

38. जलवाष्प के जल में बदलने की प्रक्रिया को क्या कहते हैं?

a. संघनन

b वाष्पीकरण

c. आर्द्रता

d. वर्षा

39. जो स्थान समुद्र के नजदीक रहते हैं उनकी जलवायु कैसी रहती है?

a. सम

b. विषम

c. आर्द

d. शुष्क

40. निम्न में से कौन-सा पर्वत शीत ऋत् में मध्य एशिया की ओर से आने वाली शीत हवाओं को भारत में प्रवेश करने से रोकर्ती हैं?

a. अरावली

b. विंध्याचल

c. अन्नामलाई

d. हिमालय

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. वायुमंडल से आप क्या समझते हैं?

उत्तरः वायुमण्डल पृथ्वी के चारों ओर फैला हुआ गैसों का एक आवरण है। यह आवरण पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति द्वारा उसके चारों ओर स्थित है। इसके द्वारा ही पृथ्वी पर जीवन सम्भव हो सका है। यदि पृथ्वी पर वायुमण्डल नहीं होता तो यहाँ भी अन्य ग्रहों की भाँति जीवन संभव नहीं होता।

2. मौसम एवं जलवायु के तत्व कौन-कौन से हैं?

उत्तरः मौसम एवं जलवायु के तत्व तापमान, वायुदाब, हवा, आर्द्रता, बादल और वर्षण हैं।

3. वायुमंडल के संघटन से आप क्या समझते हैं?

उत्तरः वायुमंडल के संघटन से तात्पर्य वायुमंडल जिनसे मिलकर बना है। वायुमंडल विभिन्न गैसों जैसे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड, ऑर्गन, ओजोन इत्यादि तथा जलवाष्प एवं धूलकणों से बना है।

4. पार्थिव विकिरण से आप क्या समझते हैं?

उत्तरः पृथ्वी द्वारा वायुमंडल में ऊर्जा का विकिरण पार्थिव विकिरण कहलाता है। यह विकिरण दीर्घ तरंगों के रूप में होता है जिसके कारण वायुमंडल नीचे से गर्म होती है।

5. ग्रीन हाउस प्रभाव क्या है?

उत्तरः कार्बन डाइऑक्साइड गैस सौर विकिरण के लिए पारदर्शी है लेकिन पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी है। जिसके कारण हमारी पृथ्वी काफी गर्म हो जाती है। इस प्रभाव को ग्रीन हाउस प्रभाव कहते हैं।

6. वायुमंडल के विभिन्न परतों के नाम लिखें।

उत्तरः पृथ्वी की सतह से ऊँचाई की ओर वायुमंडल की परतों का क्रम इस प्रकार है क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, आयनमंडल तथा बहिर्मडल।

7. सामान्य ह्रास दर से आप क्या समझते हैं?

उत्तरः क्षोभमंडल में ऊँचाई पर जाने पर तापमान कम होता जाता है। यह प्रति 165 मीटर की ऊँचाई पर 1° से. की दर से कम होता है जिसे सामान्य ह्रास दर कहते हैं।

8. आयनमंडल क्या है?

उत्तरः आयनमंडल वायुमंडल में 80 से 400 किलोमीटर के बीच विस्तृत है। यह मध्यमंडल के ऊपर स्थित है। इसमें विद्युत आवेशित कण पाए जाते हैं जिन्हें आयन कहते हैं, इसलिए इस मंडल को आयनमंडल के नाम से जाना जाता है। पृथ्वी के द्वारा भेजी गई रेडियो तरंगें इस संस्तर के द्वारा वापस पृथ्वी पर लौट आती हैं।

9. वायुमंडल के सबसे निचले भाग का क्या नाम है?

उत्तरः वायुमंडल के सबसे निचले भाग का नाम क्षोभ मंडल है। इसकी औसत ऊँचाई सतह से लगभग 13 किलोमीटर है तथा यह ध्रुव के निकट 8 किलोमीटर और विषुवत वृत्त के ऊपर 18 किलोमीटर की ऊँचाई तक विस्तृत है।

10. क्षोभमंडल की ऊँचाई विषुवत रेखा पर अधिक क्यों है?

उत्तरः क्षोभमंडल की ऊँचाई विषुवत रेखा पर अधिक होती है क्योंकि क्षोभमण्डल में तेज वायु प्रवाह के कारण तापमान का अधिक ऊँचाई तक संवहन किया जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. क्या आप कल्पना कर सकते हैं, कि वायुमण्डल में ओजोन की अनुपस्थिति से हमारे ऊपर क्या प्रभाव होगा?

उत्तरः ओजोन वायुमंडल की एक महत्वपूर्ण गैस है जो पृथ्वी की सतह से 10 से 50 किलोमीटर की ऊँचाई में मिलती है। इस गैस की मुख्य विशेषता यह है कि यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करती हैं जिससे धरातल का तापमान सामान्य बना रहता है। यदि यह इन किरणों का अवशोषण ना करे तो पृथ्वी के धरातल का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाएगा और इसके गंभीर परिणाम उत्पन्न होंगे। जैसे समुद्र तल का ऊपर उठना, जलवायु का गर्म होना, चर्म तथा स्वास्थ्य संबंधी बीमारियां इत्यादि।

2. वायुमंडल की संरचना के बारे में लिखें।

उत्तरः वायुमंडल जो हमारी पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए है तथा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण यह टिकी हुई है। वायुमंडल की संरचना को जानने का प्रयास नवींन आविष्कारों राडार, स्पूतनिक (कृत्रिम उपग्रह) आदि द्वारा किया गया है। वायुमण्डल की संरचना पृथ्वी के धरातल से ऊँचाई की और एक समान नहीं है। इसके आधार पर वायुमंडल की संरचना विभिन्न तापमान एवं घनत्व वाली परतों द्वारा हुई है। पृथ्वी के निचले भाग में इसका घनत्व अधिक होता है किंतु जैसे-जैसे ऊँचाई पर जाते हैं घनत्व कम होता जाता है।

तापमान के आधार पर वायुमंडल की संरचना निम्न पाँच परतों से हुई है-

  • क्षोभमण्डल
  • समतापमण्डल
  • मध्यमण्डल
  • आयनमंडल (बाह्यमण्डल)
  • बहिर्मण्डल ।

3. वायुमंडल के सभी संस्तरों में क्षोभमंडल सबसे अधिक महत्वपूर्ण क्यों है?

उत्तरः क्षोभमण्डल वायुमण्डल की सबसे निचली परत है। इसे परिवर्तन मण्डल भी कहा जाता है क्योंकि इसमें ऊँचाई के साथ तापमान में परिवर्तन होता जाता है। यह प्रति 165 मीटर की ऊँचाई पर 1 सेंटीग्रेड की दर से कम होता जाता है। धरातल से इसकी औसत ऊँचाई 13 किलोमीटर तक मानी गई है। ध्रुवों के निकट यह 8 किलोमीटर तथा भूमध्य रेखा पर यह 18 किलोमीटर की ऊँचाई तक विस्तृत मिलती है। पृथ्वी की समस्त जलवायु एवं मौसम संबंधी घटनाएं इसी मंडल में घटित होती हैं। इस मंडल में भारी गैसों, धूल कणों एवं जलवाष्प की अधिकांश मात्रा पाई जाती है। जैविक क्रिया के लिए महत्वपूर्ण परत है।

4. वायुमंडल में जलवाष्प के महत्व को समझाइए।

उत्तरः जलवाष्प वायुमंडल के संघटन में दूसरा महत्वपूर्ण तत्व है। यह धरातल से 90 किलोमीटर की ऊँचाई तक ही मिलती है। वायुमंडल में उपलब्ध कुल जलवाष्प का 90% केवल 5 किलोमीटर की ऊँचाई तक ही प्राप्त होता है। साथ ही विषुवत रेखा से ध्रुवों की ओर जलवाष्प की मात्रा कम होती जाती हैं। गर्म तथा आर्द्र उष्ण कटिबंध में यह हवा के आयतन का 4% होती है जबकि ध्रुवों जैसे ठंडे तथा रेगिस्तानों जैसे शुष्क प्रदेशों में यह हवा के आयतन के एक प्रतिशत भाग से भी कम होती है। वायुमंडल में जलवाष्प का बड़ा महत्व है। यह सूर्यातप के कुछ भाग को सोखकर पृथ्वी को न तो अधिक गर्म और न ही अधिक ठंडा होने देती है। वर्षण संबंधी सभी प्रक्रियाएँ इसकी उपस्थिति के कारण ही संपन्न होती हैं।

5. धूलकणों का महत्व बताएं।

उत्तरः वायुमंडल में छोटे-छोटे कण विभिन्न स्रोतों जैसे समुद्री नमक, महीन मिट्टी, धुएं की कालिमा, राख, पराग, धूल तथा उल्काओं के टूटे हुए कण से निकलते हैं। धूलकण वायुमंडल के निचले भाग में मौजूद होते हैं लेकिन संवहनीय वायु प्रवाह द्वारा यह काफी ऊँचाई तक भी ले जाये जा सकते हैं। धूल कणों का सबसे अधिक जमाव उपोष्ण और शीतोष्ण प्रदेशों में शुष्क हवा के कारण होता है जबकि विष्वत और ध्रुवीय प्रदेशों में कम होता है। धूल और नमक के कण आर्द्रता ग्राही केंद्र की तरह कार्य करते हैं जिसके चारों ओर जलवाष्प संघनित होकर मेघ का निर्माण करते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. वायुमण्डल के संघटन की व्याख्या कीजिए।

उत्तरः वायुमण्डल के संघटन से अभिप्राय वायुमण्डल में विद्यमान गैसों व घटक तत्वों से है, जिनसे वायुमण्डल की रचना हुई है। वायुमण्डल के विभिन्न स्तरों पर तत्वों की विभिन्नता पाई जाती है। वायुमण्डल के संघटन में विभिन्न गैसों, जलवाष्प तथा धूलकणों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है, जो निम्नलिखित हैं -

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चित्र- वायुमंडल में गैंसों की मात्रा (प्रतिशत में)

गैसें- वायुमण्डल में गैसें सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण हैं। भारी गैसें वायुमण्डल के निचले भाग में तथा हल्की गैसें ऊपरी भाग में पाई जाती हैं। मुख्य गैसों में नाइट्रोजन (78%) ऑक्सीजन (21%) तथाँ ऑर्गन, कार्बन डाइऑक्साइड, नियॉन, ओजोन इत्यादि (1%) है। इनमें भारी गैसें धरातल के नजदीक तथा हल्की गैसें ऊँचाई पर मिलती हैं। 120 कि.मी. की ऊँचाई पर ऑक्सीजन की मात्रा नगण्य हो जाती है। इसी प्रकार कार्बन डाइ-ऑक्साइड एवं जलवाष्प धरातल में 90 कि.मी. की ऊँचाई तक ही प्राप्त होते हैं। मौसम विज्ञान की दृष्टि से कार्बन डाइऑक्साइड महत्त्वपूर्ण गैस है। कार्बन डाइऑक्साइड सौर विकिरण के लिए पारदर्शी होती है किन्तु पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी होती है। ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए कार्बन डाइऑक्साइड गैस सर्वाधिक उत्तरदायी है। विगत कुछ वर्षों में वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ती जा रही है, जिससे धरातल के तापमान में निरन्तर वृद्धि हो रही है। यह स्थिति भविष्य के लिए संकट की सूचना है। ओजोन गैस वायुमण्डल की अन्य महत्त्वपूर्ण गैस है। यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों का अवशोषण कर लेती है जिससे धरातल का तापमान सामान्य बना रहता है। यदि यह इन किरणों का अवशोषण न करे तो तापमान अधिक बढ़ जाने से धरातल पर अनेक समस्यायें उत्पन्न होंगी

जलवाष्प- वायुमण्डल के संघटन में दूसरा महत्त्वपूर्ण तत्व जलवाष्प है। यह जलवाष्प पौधों, वनस्पतियों, जलाशयों एवं जीव-जन्तुओं के माध्यम से वायुमण्डल में पहुँचता है। वायुमण्डल में प्राप्त कुल जलवाष्प का 90 प्रतिशत केवल 5 कि.मी. की ऊँचाई तक प्राप्त होता है। वायुमंडल में जलवाष्प का बड़ा महत्व है। वर्षण सम्बन्धी सभी प्रक्रियायें वायुमण्डल में जलवाष्प की उपस्थिति के कारण ही सम्पन्न होती हैं। यह जलवाष्प सूर्य की किरणों के लिए पारदर्शी होती हैं किन्तु पार्थिव विकिरण के लिए अवरोधक का काम करती हैं। अतः बादलों के दिनों में निचला वायुमण्डल अधिक गर्म रहता है।

धूलकण - वायुमण्डल का तीसरा महत्त्वपूर्ण तत्व धूलकण हैं। ये वायुमण्डल में सूर्य की किरणों का परीवर्तन, विकिरण एवं अवशोषण करते हैं। ये कण जलवाष्प को अपनी ओर आकर्षित करते हैं इसलिए आर्द्रता ग्राही या जलाकर्षक केन्द्र (Hydroscopic Neuclie) कहलाते हैं। वायुमण्डल में सुबह एवं शाम की लालिमा, इन्द्रधनुष आदि क्रियायें वायुमण्डल में धूलकणों की उपस्थिति के कारण ही सम्पन्न होता है।

2. वायुमण्डल की संरचना का चित्र खींचें एवं व्याख्या करें।

उत्तरः वायुमंडल जो हमारी पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए है तथा पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण यह टिकी हुई है। वायुमंडल की संरचना को जानने का प्रयास नवींन आविष्कारों राडार, स्पूतनिक (कृत्रिम उपग्रह) आदि द्वारा किया गया है। वायुमण्डल की संरचना पृथ्वी के धरातल से ऊँचाई की ओर एक समान नहीं है। इसके आधार पर वायुमंडल की संरचना विभिन्न तापमान एवं घनत्व वाली परतों द्वारा हुई है। पृथ्वी के निचले भाग में इसका घनत्व अधिक होता है किंतु जैसे-जैसे ऊँचाई पर जाते हैं घनत्व कम होता जाता है।

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तापमान के आधार पर वायुमंडल की संरचना निम्न पाँच परतों से हुई है-

  • क्षोभमण्डल (Troposphere)
  • समतापमण्डल (Stratosphere)
  • मध्यमण्डल (Mesosphere)
  • आयनमंडल (Ionosphere)
  • बहिर्मण्डल (Exosphere)

क्षोभमंडल- क्षोभमण्डल वायुमण्डल की सबसे निचली परत है। इसे परिवर्तन मण्डल भी कहा जाता है क्योंकि इसमें ऊँचाई के साथ तापमान में परिवर्तन होता जाता है। यह प्रति 165 मीटर की ऊँचाई पर 1° सेंटीग्रेड की दर से कम होता जाता है। धरातल से इसकी औसत ऊँचाई 13 किलोमीटर तक मानी गई है। ध्रुवों के निकट यह 8 किलोमीटर तथा भूमध्य रेखा पर यह 18 किलोमीटर की ऊँचाई तक विस्तृत मिलती है। पृथ्वी की समस्त जलवायु एवं मौसम संबंधी घटनाएं इसी मंडल में घटित होती हैं। इस मंडल में भारी गैसों, धूल कणों एवं जलवाष्प की अधिकांश मात्रा पाई जाती है। क्षोभमण्डल के ऊपर लगभग डेढ कि.मी. मोटी परत प्राप्त होती है जिसे ट्रोपोपॉज (क्षोभसीमा) कहते हैं। यह क्षोभमण्डल एवं समतापमण्डल को विभाजित करने वाली सीमा है। इस भाग में तापमान के परिवर्तन संबंधी क्रियाएँ नहीं हो पाती हैं।

समतापमण्डल- समतापमण्डल की अवस्थिति क्षोभसीमा के ऊपर पाई जाती है। यहाँ पर तापमान में परिवर्तन तथा ऊँचाई के सम्बन्ध में विद्वानों में मतभेद हैं। स्ट्राहलर महोदय ने समताप मण्डल की ऊँचाई 50 कि.मी. माना है। इन्होंने बताया कि इस भाग में तापमान धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और 50 कि.मी. की ऊँचाई पर तापमान 0° सेग्रे. हो जाता है। इस सीमा को स्ट्रैटोपोज कहते हैं। समतापमण्डल के निचले भाग में ओजोन गैस वाला ओजोन मण्डल पाया जाता है। यह गैस महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों का अवशोषण करके धरातल के तापमान को सामान्य बनाये रखने में योगदान करती है। नवीन आविष्कारों के परिणामस्वरूप वायुमण्डल में ओजोन गैस का क्षरण हो रहा है जिससे वायुमण्डल में तापमान बढ़ता जा रहा है।

मध्यमण्डल- समतापमण्डल के ऊपर मध्यमण्डल की अवस्थिति पाई जाती है। इसकी अधिकतम ऊँचाई 80 कि.मी. तक मानी गयी है। इस भाग में तापमान धीरे- धीरे घटने लगता है और 80 कि.मी. की ऊँचाई पर तापमान सबसे कम 100° से. हो जाता है। इसकी ऊपरी सीमा को 'मध्यसीमा' (मेसोपॉज) कहते हैं।

आयनमंडल- मध्यमण्डल के ऊपर 80 से 400 कि. मी. की ऊँचाई के मध्य आयनमण्डल की अवस्थिति मिलती है। इसमें विद्युत आवेशित कण मिलते हैं जिन्हें आयन कहते हैं। इस मण्डल से रेडियो की लघु एवं दीर्घ तरंगें टकराकर धरातल पर वापस आ जाती हैं। यदि आयनमण्डल की अवस्थिति न होती तो ये तरंगें वायुमण्डल में शून्य में चली जातीं और हम रेडियो प्रसारण नहीं सुन पाते। इस मण्डल में ब्रह्माण्ड किरणों की अवस्थिति पाई जाती है।

बहिर्मण्डल - वायुमण्डल की सबसे ऊपरी परत बहिर्मण्डल कहलाती है। इस मण्डल के बारे में अभी तक विस्तृत जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है। इस मण्डल के ऊपरी भाग की ऊँचाई अनिश्चित है क्योंकि यहाँ की हवा अत्यधिक विरल होती है जो धीरे-धीरे अंतरिक्ष में विलीन हो जाती है।

3. मौसम एवं जलवायु में क्या अंतर है? मौसम एवं जलवायु के तत्वों का वर्णन कीजिए?

उत्तरः मौसम एवं जलवायु में निम्नलिखित अंतर है-

किसी स्थान के विशेष समय के वायुमंडलीय दशाओं, जैसे तापमान, पवन, आर्द्रता आदि के औसत को मौसम कहते हैं। जबकि किसी स्थान की लम्बी अवधि के मौसम की दशाओं के औसत अवस्था को जलवायु कहते हैं।

मौसम समय-समय पर बदलता रहता है। जबकि जलवायु लगभग स्थायी अवस्था है।

एक ही स्थान पर मौसम कई प्रकार का हो सकता है। जबकि जलवायु एक स्थान पर एक ही प्रकार की होती है।

मौसम की अवधि कुछ घण्टे से लेकर कुछ दिनों की होती है। जबकि जलवायु की दशाएँ वर्ष भर में दृष्टिगोचर होती है।

आने वाले मौसम का अनुमान कुछ घंटे पूर्व लगाया जा सकता है। जबकि जलवायु की कैवल सम्भावना व्यक्त की जा सकती है।

मौसम और जलवायु के तत्व निम्नलिखित हैं-

तापमान (Temperature)- तापमान पृथ्वी को सूर्य के द्वारा प्राप्त होता है जो सभी जगह समान नहीं होता। विषुवत रेखा से ध्रुवों की ओर तथा समुद्र तल से ऊँचाई पर जाने पर तापमान कम होता जाता है। यही कारण है कि मौसम और जलवायु भी पूरी पृथ्वी में एक समान नहीं होता है।

वायु दाब (Air Pressure)- वायुदाब और तापमान का विपरीत संबंध है। यदि तापमान कम है तो वायुदाब अधिक एवं तापमान अधिक है तो वायुदाब कम होगा। विषुवत रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर तापमान में कमी होने पर वायुदाब बढ़ता जाता है।

पवनें (Winds)- पवनों का संबंध वायुदाब से है। पवनें हमेशा उच्च दाब क्षेत्र से निम्न दाब क्षेत्र की ओर चला करती हैं। समुद्र की ओर से आने वाली हवाएं आर्द्रतायुक्त होती हैं जिससे वर्षा होती है जबकि स्थल भाग की ओर से आने वाली हवाएं शुष्क होती हैं और उनसे वर्षा नहीं होती है। निम्न दाब और उच्च दाब वाले क्षेत्रों के बीच की दूरी, तथा उनके दबाव में अंतर, हवा की गति और ताकत का निर्धारण करती है।

आर्द्रता (Humidity)- वायुमंडल में मौजूद जलवाष्प की मात्रा को आर्द्रता कहते हैं। जलवाष्प गैसीय अवस्था में पानी है। इसके रूप ओस, कोहरा, कुहासा, पाला, हिम, ओला मेघ आदि हैं।

वर्षा (Rainfall)- जलवाष्प द्रवीभूत होकर धरातल पर बूंदों के रूप में गिरता है तो उसे वर्षा कहते हैं। वर्षा की मात्रा एवं समय सभी जगह समान नहीं होती है।

                                                  

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय-सूची

भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत (भाग 'अ')

अध्याय सं.

अध्याय का नाम

1.

भूगोल एक विषय के रूप में

2.

पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास

3.

पृथ्वी की आंतरिक संरचना

4.

महासागरों और महाद्वीपों का वितरण

5.

भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ

6.

भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास

7.

वायुमंडल का संघटन तथा संरचना

8.

सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान

9.

वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ

10.

वायुमंडल में जल

11.

विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन

12.

महासागरीय जल

13.

महासागरीय जल संचलन

14.

जैव विविधता एवं संरक्षण

भारत : भौतिक पर्यावरण (भाग 'ब')

1.

भारत : स्थिति

2.

संरचना तथा भूआकृति विज्ञान

3.

अपवाह तंत्र

4.

जलवायु

5.

प्राकृतिक वनस्पति

6.

प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ

JAC वार्षिक परीक्षा, 2023 - प्रश्नोत्तर


खण्ड – क : भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत

1. भूगोल एक विषय के रूप में (Geography as a Discipline)

2. पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास (The Origin and Evolution of the Earth)

3. पृथ्वी की आंतरिक संरचना (Interior of the Earth)

4. महासागरों और महाद्वीपों का वितरण (Distribution of Oceans and Continents)

5. खनिज एवं शैल (Minerals and Rock)

6. भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ (Geomorphic Processes)

7. भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास (Landforms and theirEvolution)

8. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना (Composition andStructure of Atmosphere)

9. सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (SolarRadiation, Heat Balance and Temperature)

10. वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ(Atmospheric Circulation and Weather Systems)

11. वायुमंडल में जल (Water in the Atmosphere)

12. विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन (World Climateand Climate Change)

13. महासागरीय जल {Water (Oceans)}

14.  महासागरीय जल संचलन  (Movements of Ocean Water)

15. पृथ्वी पर जीवन (Life on the Earth)

16. जैव विविधता एवं संरक्षण (Biodiversity andConversation)

खण्ड – ख : भारत-भौतिक पर्यावरण

1. भारत-स्थिति (India Location)

2.  संरचना तथा भू-आकृतिविज्ञान (Structure and Physiography)

3. अपवाह तंत्र (Drainage System)

4. जलवायु (Climate)

5. प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)

6. मृदा (Soils)

7. प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ (Natural Hazards andDisasters)

 

खण्ड – 3 : भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य

1. मानचित्र का परिचय (Introduction to Maps)

2. मानचित्र मापनी (Map Scale)

3. अक्षांश, देशांतर और समय (Latitude, Longitude andTime)

4. मानचित्र प्रक्षेप (Map Projections)

5. स्थलाकृतिक मानचित्र (Topographical Maps)

6. वायव फोटो का परिचय (Introduction to AerialPhotographs)

7. सुदूर संवेदन का परिचय (Introduction to RemoteSensing)

8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (WeatherInstruments. Maps and Charts)

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