Class 11 Geography 13. महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)

Class 11 Geography 13. महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)

Class 11 Geography 13. महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 11

भूगोल (Geography)

13. महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)

पाठ के मुख्य बिंदु 

  महासागरीय जल में दो प्रकार की गतियाँ होती है :-

1. क्षैतिज और

2. उर्ध्वाधर

क्षैतिज गति में महासागरीय धाराएँ व उर्ध्वाधर गति में ज्वार भाटा सम्मिलित होती है।

महासागरीय धाराएँ: महासागरीय जल का एक निश्चित दिशा में बहत बड़ी मात्रा में नियमित रूप से बहाव महासागरीय धाराएँ कहलाती है।

सूर्य एवं चन्द्रमा के आकर्षण के कारण महासागरीय जल एक दिन में दो बार उपर उठते एवं नीचे गिरते हैं, तो उसे ज्वार-भाटा कहते हैं।

अधःस्तल से ठन्डे जल का उत्प्रवाह एवं अवप्रवाह महासागरीय जल के उर्ध्वाधर गति के प्रकार हैं।

वायु जल को उर्जा प्रदान करती है, जिससे तरंगें उत्पन्न होती है।

अधिकांश तरंगें वायु के जल की विपरीत दिशा में गति से उत्पन्न होती है।

जब दो नॉट या उससे कम वाली समीर शांत जल पर बहती है तब छोटी-छोटी उर्मिकाएं बनती है तथा वाय की गति बढ़ने के साथ ही इनका आकार बढ़ता जाता है, जब तक इनके टूटने से सफ़ेद बुलबुले नहीं बन जाते।

तरंगों के नीचे जल की गति वृत्ताकार होती है, जो इंगित करती है कि आती हई तरंग पर वस्तुओं का बहाव आगे की ओर तथा ऊपर की ओर होती है एवं लौटती हुई तरंग पर नीचे तथा पीछे की ओर।

तरंग गति (Wave Speed) :-

जल के माध्यम से तरंग की गति करने की दर को तरंग गति कहते हैं, तथा इसे नॉट में मापा जाता है।

तरंग आवृति (Wave Frequency) :-

यह एक सेकंड के समयांतराल में दिए गये बिंदु से गुजरने वाली तरंग की संख्या है।

ज्वार भाटा (Tides) :-

चन्द्रमा एवं सूर्य के आकर्षण के कारण दिन में एक बार या दो बार समुद्रतल का नियतकालिक उठने या गिरने को ज्वार-भाटा कहा जाता है।

महोर्मि (Surge): जलवायु सम्बन्धी प्रभावों (वायु एवं वायुमंडलीय दाब में परिवर्तन) के कारण जल की गति को महोर्मि कहा जाता है। ये ज्वार-भाटा के तरह नियमित नहीं होता है।

ज्वार-भाटा की उत्पति के लिए सर्वप्रमुख कारक चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण तथा आंशिक रूप से सूर्य की गुरुत्वाकर्षण एवं एक दूसरा कारण अपकेन्द्रीय बल है।

गुरुत्वाकर्षण बल तथा अपकेन्द्रीय बल दोनों मिलकर पृथ्वी पर दो महत्वपूर्ण ज्वार-भाटाओं को उत्पन्न करने के लिए उत्तरदायी है।

चन्द्रमा के तरफ वाली पृथ्वी के भाग पर एक ज्वार- भाटा उत्पन्न होता है, जब विपरीत भाग उसकी दूरी के कारण कम होता है तब अपकेन्द्रीय बल दूसरी तरफ ज्वार उत्पन्न करता है।

चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी के दूसरी तरफ कम होता है, क्योंकि यह भाग चन्द्रमा से अधिक दूरी पर है तथा यहाँ पर अपकेन्द्रीय बल प्रभावशाली होता है।

विश्व का सबसे ऊँचा ज्वार-भाटा कनाडा के नोवास्कोसिया में स्थित फंडी की खाड़ी में आता है।

यहाँ ज्वारीय उभार की ऊँचाई 15 से 16 मी. के बीच होती है क्योंकि वहाँ पर दो उच्च एवं दो निम्न ज्वार प्रतिदिन आते हैं।

ज्वारीय धारा: जब ज्वार-भाटा द्वीपों के बीच से या खाड़ियों तथा ज्वारनदमुखों में से गुजरता है, तो उन्हें ज्वारीय धारा कहते हैं।

ज्वार-भाटा के प्रकार :-

ज्वार की आवृति, दिशा एवं गति में स्थानीय व सामयिक भिन्नता पाई जाती है।

ज्वार-भाटा को आवृति के आधार पर निम्न वर्गों में बाँटा जाता है :-

1. अर्ध- दैनिक ज्वार (semi diurnal tide):- यह सबसे सामान्य ज्वारीय प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत प्रत्येक दिन दो उच्च एवं दो निम्न ज्वार आते हैं। दो लगातार उच्च एवं निम्न ज्वार लगभग सामान ऊँचाई की होती है।

2. दैनिक ज्वार (Diurnal Tide):- इसमें प्रतिदिन समान ऊँचाई के केवल उच्च एवं एक निम्न ज्वार आते है।

3. मिश्रित ज्वार- ऐसे ज्वार-भाटा जिनकी ऊँचाई में भिन्नता होती है। उसे मिश्रित ज्वार-भाटा कहा जाता है।

ये ज्वार-भाटा सामान्यतः उतर अमेरिका के पश्चिमी तट एवं प्रशांत महासागर के बहुत से द्वीपसमूहों पर उत्पन्न होते हैं।

सूर्य, चन्द्रमा एवं पृथ्वी की स्थिति पर आधारित ज्वार- भाटा :-

1. वृहत् ज्वार (Spring Tides)

2. निम्न ज्वार (Neap Tides)

1. वृहत् ज्वार (Spring Tides)- पृथ्वी के सन्दर्भ मैं सूर्य एवं चन्द्रमा की स्थिति ज्वार की ऊँचाई को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है। जब तीनो एक सीधी रेखा में होते है, तब ज्वारीय उभार अधिकतम होगा। इनको वृहत् ज्वार-भाटा कहा जाता है। तथा ऐसा महीने में दो बार होता है पहला, पूर्णिमा के समय तथा दूसरा, अमावस्या के समय।

2. निम्न ज्वार (Neap Tides)- सामान्यतः वृहत् ज्वार एवं निम्न ज्वार के बीच सात दिन का अंतर होता है। इस समय चन्द्रमा एवं सूर्य एक दूसरे के समकोण पर होते हैं तथा सूर्य एवं चन्द्रमा के गुरुत्व बल एक दुसरे के विरुद्ध कार्य करते हैं।

उपभु : महीने में एक बार जब चन्द्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है, असामान्य रूप से उच्च एवं निम्न ज्वार उत्पन्न होता है।

अपभू: दो सप्ताह पश्चात्, जब चन्द्रमा पृथ्वी से अधिकतम दूरी पर होता है, तो चन्द्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल सीमित होता है, तथा ज्वार-भाटा के क्रम में उनकी औसत ऊँचाई से कम होते है।

उपसौर : जब पृथ्वी सूर्य से निकटतम होती है, प्रत्येक साल 3 जनवरी के आस-पास उच्च एवं निम्न ज्वारो के क्रम भी असमान्य रूप से अधिक न्यून होते हैं।

अपसौर : जब पृथ्वी सूर्य से अधिक दूर होती है, प्रत्येक वर्ष 4 जुलाई के आस पास ज्वार के क्रम औसत की अपेक्षा बहुत कम होते है।

उच्च एवं निम्न ज्वार के बीच का समय जब जल गिरता है, भाटा कहलाता है।

उच्च ज्वार एवं निम्न ज्वार के समय जब ज्वार ऊपर चढ़ता है, उसे बहाव या बाढ़ कहा जाता है।

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ज्वार भाटा का महत्व :-

ज्वार भाटा नौ संचालकों व मछुवारों को उनके कार्यों में मदद करता है। ज्वार-भाटा तलछटों के डीसिलटेशन में भी मदद करती है तथा ज्वार नदमुखों से प्रदूषित जल को बाहर निकालने में भी मदद करता है।

ज्वारों का इस्तेमाल विद्युत शक्ति (कनाडा, फ्रांस, रूस एवं चीन में) उत्पन्न करने में भी किया जाता है।

एक 3 मेगावाट शक्ति का विद्युत संयंत्र पश्चिम बंगाल में सुंदरवन के दुर्गावाहिनी में लगाया जा रहा है।

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. महासागरीय जल एक दिन में दो बार ऊपर उठते एवं नीचे गिरते हैं, इसका क्या कारण है?

a. पृथ्वी की घूर्णन

b. सूर्य और चन्द्रमा का आकर्षण बल

c. पृथ्वी का परिक्रमण

d. महासागरीय जल का क्षैतिज गतियाँ

2. जल के माध्यम से तरंग के गति करने के दर को क्या कहते हैं?

a. तरंग गति

b. तरंग आवृति

c. तरंग काल

d. तरंगदैर्ध्य

3. एक तरंग के उच्चतम एवं निम्नतम बिन्दुओं को क्या कहते हैं?

a. तरंग आयाम

b. तरंग शिखर एवं गर्त

c. तरंग गति

d. तरंग काल

4. यह तरंग की ऊँचाई का आधा भाग है?

a. तरंग आयाम

b. तरंग शिखर

c. तरंग गति

d. तरंग आवृति

5. चन्द्रमा एवं सूर्य के आकर्षण के कारण दिन में एक बार या दो बार समुद्र तल का नियतकालिक उठने या गिरने को क्या कहा जाता है?

a. धाराएँ

b. ज्वार भाटा

c. महोर्मि

d. अपकेन्द्रीय गति

6. वायु एवं वायुमंडलीय दाब में परिवर्तन के कारण जल की गति को क्या कहा जाता है?

a. महोर्मि

b. उर्ध्वाधर गति

c. क्षैतिज गति

d. ज्वार भाटा

7. फंडी की खाड़ी किसके लिए प्रसिद्ध है?

a. सबसे ऊँचा ज्वार-भाटा के लिए

b. सबसे तीव्र गति से चलने वाली धाराओं के लिए

c. सबसे प्रचंड वायु के लिए

d. उपर्युक्त में से किसी के लिए भी नहीं

8. विश्व के सबसे ऊँचा ज्वार भाटा कहाँ आता है?

a. फंडी की खाड़ी

b. कैलिफोर्निया

c. कनाडा

d. इनमे से कोई नहीं

9. कनाडा के नोवास्कोसिया में स्थित फंडी की खाड़ी में आने वाले ज्वारीय उभार की ऊँचाई कितनी होती है?

a. 15 से 16 मी.

b. 10 से 15 मी.

c. 15 से 20 मी.

d. 5 से 10 मी.

10. कनाडा के नोवास्कोसिया में आने वाले ज्वारीय उभार प्रति मिनट कितना सेमी. ऊँचा उठता है?

a. 4 से. मी.

b. 5 से.मी.

c. 6 से. मी.

d. 7 से.मी.

11. जब ज्वार-भाटा द्वीपों के बीच से या खाड़ियों तथा ज्वारनद मुखों में से गुजरता है, तो उन्हें क्या कहते हैं?

a. ज्वारीय धारा

b. ज्वारीय तरंग

c. ज्वारीय लहर

d. महोर्मि

12. ऐसे ज्वार-भाटा जिनकी ऊँचाई में भिन्नता होती है वह कहलाती है?

a. मिश्रित ज्वार

b. दैनिक ज्वार

c. वृहत् ज्वार

d. निम्न ज्वार

13. यह सबसे सामान्य ज्वारीय प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक दिन दो उच्च एवं दो निम्न ज्वार आते हैं, क्या कहलाते हैं?

a. दैनिक ज्वार

b. अर्ध-दैनिक ज्वार

c. मिश्रित ज्वार

d. निम्न ज्वार

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14. उपसौर सम्बंधित है?

a. पृथ्वी व सूर्य के निकटतम स्थिति से

b. पृथ्वी व सूर्य के दूरस्थ स्थिति से

c. पृथ्वी व सूर्य के समकोण स्थिति से

d. पृथ्वी के परिकर्मण गति से

15. प्रति वर्ष 3 जनवरी को क्या होता है?

a. उपसौर

b. अपसौर

c. ज्वार भाटा

d. प्रचंड तूफान

16. प्रति वर्ष 4 जुलाई को क्या होता है?

a. अपसौर

b. उपसौर

c. समुद्री तूफान

d. सुनामी

17. धारा की गति को उसके प्रवाह के रूप में जानते हैं। प्रवाह को किसमें मापा जाता है?

a. वाट

b. नॉट

c. एम्पिअर

d. मी. प्रति सेकेण्ड

18. संसार के प्रमुख मत्स्य क्षेत्र कहाँ पाए जाते हैं?

a. गर्म जलधाराओं वाले क्षेत्रों में

b. ठण्डी जलधाराओं वाले क्षेत्रों में

c. गर्म एवं ठण्डी जलधाराओं वाले क्षेत्रों में

d. महासागरों के अधिक गहराई वाले क्षेत्रों में

19. महासागरीय जल की ऊपर एवं नीचे की गति किससे सम्बंधित है?

a. ज्वार

b. तरंग

c. धाराएँ

d. ऊपर में से कोई नहीं

20. वृहत् ज्वार आने का क्या कारण है?

a. सूर्य और चन्द्रमा का पृथ्वी पर एक ही दिशा में गुरुत्वाकर्षण बल

b. सूर्य और चंद्रमा द्वारा एक दुसरे की विपरीत दिशा से पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण बल

c. तटरेखा का दन्तुरित होना

d. उपर्युक्त में से कोई नहीं

21. पृथ्वी तथा चन्द्रमा की न्यूनतम दुरी कब होती है?

a. जनवरी

b. जुलाई

c. दिसंबर

d. मार्च

22. पृथ्वी तथा चन्द्रमा की अधिकतम दूरी कब होती है?

a. जुलाई

b. जनवरी

c. सितम्बर

d. दिसंबर

23. महासागरीय जल की ऊपर एवं नीचे की गति किससे सम्बंधित है?

a. लहर

b. धारा

c. तरंग

d. ज्वार

24. सागरीय लहरें निम्नलिखित में से कहाँ से उर्जा प्राप्त करते हैं?

a. सौर प्रणाली

b. गर्म जल का चश्मा

c. नदी जल

d. कोई नहीं

25. जब दो नॉट या उससे कम वाली समीर सागरीय शांत जल पर बहती है, तो बनती है

a. ज्वारीय लहरें

b. छोटी छोटी उर्मिकाएं

c. धाराएँ

d. लहरें

26. वृहत् ज्वार आतें हैं-

a. अमावस्या व अष्टमी को

b. पूर्णिमा व अष्टमी को

c. केवल अमावस्या को

d. पूर्णिमा व अमावास्या को

27. वृहत् ज्वार के समय सूर्य, चन्द्रमा एवं पृथ्वी की स्थिति होती है

a. एक रेखीय

b. आड़ी

c. समकोणीय

d. कोई नहीं

28. अलनिनो धारा प्रकट होती है-

a. ब्राजील तट पर

b. अलास्का तट पर

c. पेरू तट पर

d. पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया तट पर

29. सुनामी निम्नलिखित के कारण पैदा होती है-

a. ज्वार भाटा

b. चक्रवात

c. अन्तः समुद्री भूकंप

d. पृथ्वी के पटल का सिकुड़ना

30. शीत दीवाल सम्बंधित है -

a. गल्फ स्ट्रीम से

b. कनारी धारा से

c. फॉकलैंड धारा से

d. क्युरोशियो से

31. महासागर की तरल सतह के विक्षोभ को कहा जाता है-

a. लहर

b. धारा

c. प्रवाह

d. ज्वार

32. सागरीय लहरें निम्नलिखित में से कहाँ से ऊर्जा प्राप्त करती है?

a. नदी जल

b. गर्म पानी की ऊष्मा

c. प्रवाहित वायु

d. सौर प्रणाली

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33. तरंगों में जलकणों की गति होती है-

a. ऊपर-नीचे

b. आगे-पीछे

c. गोलाकार

d. आगे की ओर

34. तरंग के दो श्रृंगों अथवा गर्तों के बीच की क्षैतिज दूरी को क्या कहते हैं?

a. तरंग काल

b. तरंग की गति

c. तरंग की लम्बाई

d. तरंग आवृत्ति

35. सागरीय सतह पर चलने वाली होती है? धारा किस प्रकार की

a. अधिक लवणता युक्त

b. कम तापमान की

c. अधिक दाब की

d. कम लवणता युक्त

36. सागरों में ज्वार-भाटा आने का कारण है-

a. चन्द्रमा का आकर्षण

b. पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण

c. पृथ्वी की गोलीय सतह

d. सूर्य व चन्द्रमा दोनों का गुरुत्वाकर्षण

37. लघु ज्वार के समय पृथ्वी की स्थिति होती है-

a. युति

b. समकोणिक

c. वियुति

d. युति-वियुति

38. कथनों पर विचार कीजिए तथा नीचे दिए गए विकल्प से सही उत्तर का चयन कीजिए-

1. ज्वार-भाटा एश्चुरी को नौकायन योग्य बनाते हैं।

2. ज्वार-भाटा नदियों द्वारा लाए गए अवसादों को बहा ले जाते हैं।

3. ज्वार भाटा विद्युत् निर्माण में सहायक होते हैं।

a. 1 व 2 सही है।

b. 2 व 3 सही हैं।

c. 1 व 3 सही है।

d. 1, 2 तथा 3 सही है।

39. समुद्रों में ज्वार की उत्पत्ति का मुख्य कारण है-

a. चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति

b. सूर्य की आकर्षण शक्ति

c. पृथ्वी का अपकेन्द्रीय बल

d. उक्त तीनों बल

40. विश्व के उच्चतम ज्वार कहाँ आते हैं?

a. मैक्सिको की खाड़ी में

b. फण्डी की खाड़ी में

c. फ्यूनिया की खाड़ी में

d. कारपेन्ट्रिया की खाड़ी में

41. ज्वारभाटा के निर्माण के लिए कौन-सा बल उत्तरदायी नहीं है?

a. कारिओलिस शक्ति

b. पृथ्वी को गुरुत्वाकर्षण शक्ति

c. सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति

d. चन्द्रमा को गुरुत्वाकर्षण शक्ति

42. महासागरीय धाराओं के रूपान्तरण में निम्न में से कौन- सा एक कारक योगदान नहीं करता?

a. तटीय रेखा की दिशा तथा आकृति

b. वायु को मौसमीय मित्रता

c. महासागर में ज्वारीय लहर

d. तलीय स्थलाकृति

43. निम्नलिखित कारकों पर विचार कीजिए-

1. पृथ्वी का घूर्णन

2. वायुदाब तथा वायु

3. महासागरीय जल का घनत्व

4. पृथ्वी का परिभ्रमण

इनमें से कौन-से कारक महासागरीय धाराओं को रूपान्तरित करते हैं?

a. 1 तथा 2

b. 1, 2 तथा 3

c. 1 तथा 4

d. 2, 3 तथा 4

44. जो कारक सागरीय धाराओं की उत्पत्ति तथा दिशा दोनों को प्रभावित करता है, वह है-

a. पवनें

b. तापमान की मित्रता

c. लवणता को भिन्नता

d. मौसमी परिवर्तन

45. निम्नांकित में से कौन-सी धारा में नहीं बहती है? अटलाण्टिक महासागर

a. गल्फस्ट्रीम धारा

b. लैब्राडोर की धारा

c. फॉकलैण्ड धारा

d. हम्बोल्ट धारा

46. निम्नांकित में से कौन-सी गर्म जलधारा है?

a. अगुलहास की धारा

b. लैब्राडोर की धारा

c. फॉकलैण्ड की धारा

d. क्यूराइल की धारा

47. क्यूरोसियो धारा प्रवाहित होती है-

a. अटलाण्टिक महासागर में

b. हिन्द महासागर में

c. आर्कटिक महासागर में

d. प्रशान्त महासागर में

48. यदि जापान दवीप नहीं होते तो जो जलधारा दो भागों में विभक्त नहीं होती, वह है-

a. कैलीफोर्निया

b. उत्तरी अटलान्टिक डिस्ट

c. क्यूरोशियो

d. क्यूराइल

49. निम्नलिखित में से कौन एक ठण्डी जलधारा है?

a. अगुलहास

b. एन्टिलीज

c. हम्बोल्ट

d. ओयाशियो

50. निम्नलिखित में किस महासागर की धाराएँ ऋतु परिवर्तन के साथ अपनी दिशा बदल लेती हैं?

a. हिन्द महासागर

b. प्रशांत महासागर

c. अटलान्टिक महासागर

d. आर्कटिक महासागर

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अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

1. ज्वार-भाटा किसे कहते हैं?

उत्तरः चन्द्रमा एवं सूर्य के आकर्षण के कारण दिन में एक बार या दो बार समुद्र तल का नियतकालिक उठने या गिरने को ज्वार-भाटा कहते हैं।

2. महोर्मि किसे कहा जाता है?

उत्तरः जलवायु सम्बन्धी प्रभावों (वायु एवं वायुमंडलीय दाब में परिवर्तन) के कारण जल की गौत को महोर्मि कहा जाता है।

3. तरंग शिखर एवं गर्त किसे कहा जाता है?

उत्तरः एक तरंग के उच्चतम एवं निम्नतम बिन्दुओं को क्रमशः शिखर एवं गर्त कहा जाता है।

4. तरंग दैर्ध्य क्या है?

उत्तरः तरंग दैर्ध्य दो लगातार शिखरों या गर्तों के बीच की क्षैतिज दुरी है।

5. विश्व का सबसे ऊँचा ज्वार भाटा कहाँ आता है?

उत्तरः विश्व का सबसे ऊँचा ज्वार-भाटा कनाडा के न्वास्कोशिया में स्थित फंडी की खाड़ी में आता है।

6. महासागरीय धाराएँ किसे कहते हैं?

उत्तरः महासागरों में जल का नदी के सामान एक निश्चित मार्ग व दिशा में नियमित प्रवाह, महासागरीय धाराएँ कहलाती है।

7. महासागरीय धाराओं को तापमान के आधार पर कितने वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है?

उत्तरः महासागरीय धाराओं को तापमान के आधार पर दो वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है।

8. तरंगे क्या हैं?

उत्तरः तरंगे वास्तव में उर्जा हैं, जल नहीं, जो कि महासागरीय सतह के आर-पार गति करते हैं।

9. फंडी की खाड़ी कहाँ स्थित है?

उत्तरः फंडी की खाड़ी कनाडा के न्वास्कोशिया में स्थित है।

10. गुरुत्वाकर्षण बल किसे कहते हैं?

उत्तरः पृथ्वी के आकर्षण बल को गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं।

11. तरंग क्या है?

उत्तर- जल की लहरदार आकृति जो महासागरीय सतह के आर- पार गति करती है।

12. तरंग के उच्चतम व न्यूनतम बिन्दु को क्या कहते हैं?

उत्तर शिखर एवं गर्त।

13. दो लहरों के शीर्ष के बीच की दूरी को क्या कहते हैं?

उत्तर- लहर की लम्बाई।

14. धारा किसे कहते हैं?

उत्तर- महासागरों में विशेष दिशा एवं विशेष मार्ग में विशेष गुण वाले ठण्डे या गर्म पानी के बहाव को धारा कहते हैं।

15. धारा की उत्पत्ति के दो कारण लिखिए।

उत्तर- स्थायी पवनें, तापमान में भिन्नता।

16. सारगैसो सागर क्या है?

उत्तर- अटलाण्टिक महासागर में स्थित शान्त जल क्षेत्र जो वनस्पति एवं जीव-जन्तुओं से रहित है।

17. ज्वार-भाटा किसे कहते हैं?

उत्तर- सूर्य और चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति के कारण समुद्र तेल के नियमित रूप से ऊपर उठने व जल के नीचे जाने की क्रिया को ज्वार-भाटा कहते हैं।

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लघु उत्तरीय प्रश्न

1. ज्वार-भाटा से आप क्या समझते हैं? आवृति के आधार पर ज्वार-भाटा को कितने वर्गों में विभाजित किया जाता है?

उत्तरः चन्द्रमा एवं सूर्य के आकर्षण के कारण दिन में एक बार या दो बार समुद्र तल का नियतकालिक उठने या गिरने को ज्वार-भाटा कहते हैं।

आवृति के आधार पर ज्वार-भाटा को तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है।

a. अर्ध दैनिक ज्वार

b. दैनिक ज्वार तथा

c. मिश्रित ज्वार।

2. अर्ध-दैनिक ज्वार व दैनिक ज्वार में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तरः अर्ध- दैनिक ज्वार सबसे सामान्य ज्वारीय प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक दिन दो उच्च एवं दो निम्न ज्वार आते हैं, जबकि दैनिक ज्वार में प्रतिदिन केवल एक उच्च एवं एक निम्न ज्वार होता है।

अर्ध- दैनिक ज्वार में दो लगातार उच्च एवं निम्न ज्वार लगभग समान ऊँचाई की होती है, जबकि दैनिक ज्वार में उच्च एवं निम्न ज्वारों की ऊँचाई समान होती है।

3. उपसौर तथा अपसौर के बीच क्या अंतर है?

उत्तरः उपसौर जब पृथ्वी सूर्य के निकटतम होती है, तो उस स्थिति को उपसौर कहते हैं। यह प्रतिवर्ष 3 जनवरी को होता है। परन्तु जब पृथ्वी सूर्य से अधिकतम दूरी पर होती है तो उस स्थिति को अपसौर कहते हैं, यह प्रतिवर्ष 4 जुलाई को होती है।

4. ज्वार भाटा उत्पन्न होने के क्या कारण है?

उत्तरः ज्वार भाटा उत्पन्न होने के कारण निम्नलिखित हैं :-

a. सूर्य व चंद्रमा का आकर्षण बल

b. पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल

c. अपकेन्द्रीय बल ।

5. ज्वार-भाटा नौसंचालन से कैसे संबंधित है?

उत्तरः ज्वार-भाटा नौ संचालकों और मछुआरों को उनके कार्य सम्बन्धी योजनाओं में मदद करती है।

नौसंचालन में ज्वार प्रवाह का अत्यधिक महत्व है। ज्वार के समय जलस्तर ऊँचा उठने से उथले सागर नौकागम्य हो जाते हैं। इस समय जलयान सुगमता से कम शक्ति के व्यय कर तटीय भागों तक पहुँच जाते हैं।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. जल धाराएँ तापमान को कैसे प्रभावित करती है? उत्तर- पश्चिम यूरोप के तटीय क्षेत्रों के तापमान को ये किस प्रकार प्रभावित करते हैं?

उत्तरः जल धाराएँ अधिक तापमान वाले क्षेत्रों से कम तापमान वाले क्षेत्रों की ओर तथा इसके विपरीत कम तापमान वाले क्षेत्रों से अधिक तापमान वाले क्षेत्रों की ओर बहती है। समुद्री धाराएँ एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर बहने से वहाँ के तापमान में परिवर्तन कर देती है। जल के तापमान का प्रभाव वहाँ की वायु पर पड़ता है। इसी कारण विषुवतीय क्षेत्रों से उच्च अक्षांशों वाले ठण्डे क्षेत्रों की ओर बहने वाली जलधाराएँ उन क्षेत्रों की वाय के तापमान को बढ़ा देती है। उदाहरणार्थ, गर्म उतरी अटलांटिक अपवाह जो उतर की ओर यूरोप के पश्चिमी तट की ओर बहती है। यह ब्रिटेन और नार्वे के तट पर शीत ऋतु में भी बर्फ जमने नहीं देती ।

2. जलधाराएँ कैसे उत्पन्न होती है?

उत्तरः महासागरों में धाराओं के उत्पति विभिन्न कारकों का परिणाम है। कुछ कारक पृथ्वी की परिभ्रमण क्रिया तथा उसके गुरुत्वाकर्षण बल से सम्बंधित है तथा कुछ बाह्य कारक हैं। इनके अतिरिक्त कुछ ऐसे कारक भी हैं जो धाराओं में परिवर्तन लाते हैं। इन्हें रूप परिवर्तन कारक कहते हैं।

(a) पृथ्वी के परिभ्रमण से सम्बंधित कारक- पृथ्वी पश्चिम से पूरब की ओर घूमती है, जिससे जल स्थल का साथ नहीं देता और पीछे छूट जाता है। इसके परिणामस्वरुप जल में पूरब से पश्चिम दिशा में गति उत्पन्न हो जाती है। इस प्रकार विषुवत रेखीय धाराओं की उत्पति होती है। कभी-कभी कुछ जल पृथ्वी की परिभ्रमण दिशा की ओर भी अग्रसर हो जाता है, जिस कारण प्रति विषुवत रेखीय धारा की उत्पति होती है।

(b) सागर से सम्बंधित कारक- सागरीय जल के तापमान, लवणता, घनत्व आदि में स्थानीय परिवर्तन होते हैं जिस कारण धाराओं की उत्पति होती है।

(c) बाह्य कारक- महासागरीय जल पर वायुमंडलीय दशाओं का पर्याप्त प्रभाव होता है। इनमे वायुमंडलीय दबाव तथा उनमे भिन्नता, वायु की दिशा, वर्षा, वाष्पीकरण आदि धाराओं की उत्पति से सहायक होते हैं।

3. टिप्पणी लिखें -

a. गल्फस्ट्रीम -

उत्तरः गल्फ़ स्ट्रीम उत्तरी अटलांटिक महासागरीय एक प्रमुख गर्म जल धारा है। ये धाराएँ मेक्सिको की खाड़ी में 20 डिग्री उत्तरी अक्षांश के पास उत्पन्न होती हैं और पश्चिमी यूरोप के पश्चिमी तट पर उत्तर-पूर्व से 70 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक बहती हैं। मेक्सिको की खाड़ी में उत्पन्न होने के कारण इसे खाड़ी की धारा के नाम से जाता है। स्पष्ट है, कि गल्फ स्ट्रीम एक विस्तृत धारा क्रम है, जो कि विस्तृत भागों की जलवायु को प्रभावित करती है। इस क्रम में तीन धाराओं को सम्मिलित किया जाता है -

  • फ्लोरिडा की धारा
  • गल्फ स्ट्रीम
  • उतरी अटलांटिक धारा।

b. ज्वार भाटा

उत्तरः चन्द्रमा एवं सूर्य की आकर्षण शक्ति के कारण दिन में एक बार या दो बार समुद्र तल का नियतकालिक उठने या गिरने को ज्वारभाटा कहा जाता है। इसे जलवायु सम्बन्धी प्रभावों के कारण महोर्मि भी कहा P जाता है। भाटा की आवृति, दिशा एवं गति में स्थानीय व सामयिक भिन्नता पाई जाती है। उनकी बारंबारता एक दिन में या 24 घंटे में या उनकी ऊँचाई के आधार पर विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

आवृति के आधार पर ज्वार-भाटा :-

  • अर्ध -दैनिक ज्वार
  • दैनिक ज्वार
  • मिश्रित ज्वार

सूर्य, चन्द्रमा एवं पृथ्वी की स्थिति आधार पर ज्वार- भाटा

  • वृहत् ज्वार
  • निम्न ज्वार

चूँकि ज्वार की उत्पति का सम्बन्ध पृथ्वी, चन्द्रमा व सूर्य की स्थिति से है अतः इसका पूर्वानुमान लगाया जा सकता है। यह नौसंचालकों तथा मछुआरों को उनके कार्य में मदद करता है। ज्वार भाटा तलछटों के डीसिल्टेसन में भी मदद करता है। ज्वारनदमुख से प्रदुषित जल को बाहर निकालने में भी मदद करता है।

                                                  

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय-सूची

भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत (भाग 'अ')

अध्याय सं.

अध्याय का नाम

1.

भूगोल एक विषय के रूप में

2.

पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास

3.

पृथ्वी की आंतरिक संरचना

4.

महासागरों और महाद्वीपों का वितरण

5.

भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ

6.

भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास

7.

वायुमंडल का संघटन तथा संरचना

8.

सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान

9.

वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ

10.

वायुमंडल में जल

11.

विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन

12.

महासागरीय जल

13.

महासागरीय जल संचलन

14.

जैव विविधता एवं संरक्षण

भारत : भौतिक पर्यावरण (भाग 'ब')

1.

भारत : स्थिति

2.

संरचना तथा भूआकृति विज्ञान

3.

अपवाह तंत्र

4.

जलवायु

5.

प्राकृतिक वनस्पति

6.

प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ

JAC वार्षिक परीक्षा, 2023 - प्रश्नोत्तर


खण्ड – क : भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत

1. भूगोल एक विषय के रूप में (Geography as a Discipline)

2. पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास (The Origin and Evolution of the Earth)

3. पृथ्वी की आंतरिक संरचना (Interior of the Earth)

4. महासागरों और महाद्वीपों का वितरण (Distribution of Oceans and Continents)

5. खनिज एवं शैल (Minerals and Rock)

6. भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ (Geomorphic Processes)

7. भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास (Landforms and theirEvolution)

8. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना (Composition andStructure of Atmosphere)

9. सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (SolarRadiation, Heat Balance and Temperature)

10. वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ(Atmospheric Circulation and Weather Systems)

11. वायुमंडल में जल (Water in the Atmosphere)

12. विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन (World Climateand Climate Change)

13. महासागरीय जल {Water (Oceans)}

14.  महासागरीय जल संचलन  (Movements of Ocean Water)

15. पृथ्वी पर जीवन (Life on the Earth)

16. जैव विविधता एवं संरक्षण (Biodiversity andConversation)

खण्ड – ख : भारत-भौतिक पर्यावरण

1. भारत-स्थिति (India Location)

2.  संरचना तथा भू-आकृतिविज्ञान (Structure and Physiography)

3. अपवाह तंत्र (Drainage System)

4. जलवायु (Climate)

5. प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)

6. मृदा (Soils)

7. प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ (Natural Hazards andDisasters)

 

खण्ड – 3 : भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य

1. मानचित्र का परिचय (Introduction to Maps)

2. मानचित्र मापनी (Map Scale)

3. अक्षांश, देशांतर और समय (Latitude, Longitude andTime)

4. मानचित्र प्रक्षेप (Map Projections)

5. स्थलाकृतिक मानचित्र (Topographical Maps)

6. वायव फोटो का परिचय (Introduction to AerialPhotographs)

7. सुदूर संवेदन का परिचय (Introduction to RemoteSensing)

8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (WeatherInstruments. Maps and Charts)

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