प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11
भूगोल (Geography)
5. प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)
पाठ के मुख्य बिंदु
☞ प्राकृतिक
वनस्पति का अभिप्राय उस पौधा समुदाय से है, जो लंबे समय तक बिना किसी बाहरी
हस्तक्षेप के उगता है और इसकी विभिन्न प्रजातियाँ वहाँ पर पाई जाने वाले मिट्टी और
जलवायविक परिस्थितियों में यथासंभव स्वयं को ढाल लेती है।
☞ मिट्टी
और जलवायु में विभिन्नता के कारण भारत में वनस्पति में क्षेत्रीय विभिन्नता पाई
जाती है प्रमुख वनस्पति प्रकार तथा जलवायु स्थिति के अनुसार भारत के वर्षों को
पाँच वर्गों में बाँटा गया है।
- उष्णकटिबंधीय सदाबहार
एवं अर्ध सदाबहार वन
- उष्णकटिबंधीय
पर्णपाती वन
- उष्णकटिबंधीय
कांटेदार वन
- पर्वतीय वन
- वेलांचली व अनूप वन
☞ उष्णकटिबंधीय
सदाबहार एवं अर्ध- सदाबहार वन उष्ण एवं आर्द्र प्रदेश में पाए जाते हैं।
☞ वार्षिक
वर्षा 200 सेंटीमीटर से अधिक एवं औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक की
आवश्यकता होती है।
☞ वृक्षों
की ऊँचाई 60 मीटर या उससे अधिक होती है। मुख्य वृक्ष प्रजातियाँ रोजवुड, महोगनी,
ऐनी और एबनी
☞ अर्ध
सदाबहार वन भारत में मुख्य रूप से पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढाल, उत्तर-पूर्वी
पहाड़ियाँ तथा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के जिन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत 200
सेंटीमीटर से कम वर्षा होती है, वहाँ सदाबहार और आर्द्र पर्णपाती वनों के मिश्रित
रूप मिलते हैं, जिन्हें अर्ध सदाबहार वन कहा जाता है। प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ
साइडर, होलक और कैल पाए जाते हैं।
☞ उष्णकटिबंधीय
पर्णपाती वन जल की उपलब्धता के आधार पर इन्हें दो भागों में बाँटा जाता है आर्द्र
पर्णपाती और शुष्क पर्णपाती वन।
☞ 100
से 200 सेंटीमीटर वर्षा वाले क्षेत्रों में आर्द्र पर्णपाती वन पाए जाते हैं। यह वन
उत्तर-पूर्वी राज्यों और हिमालय के गिरिपद पश्चिमी घाट के पूर्वी ढालों और उड़ीसा में
पाए जाते हैं। सागवान, साल, शीशम, हर्रा, महुआ, आंवला, सेमल, कुसुम, चंदन आदि वृक्ष
प्रमुख रूप से पाए जाते हैं।
☞ 70
से 100 सेंटीमीटर वर्षा वाले क्षेत्रों में शुष्क पर्णपाती वन मिलते हैं। अधिक वर्षा
वाले प्रायदवीपीय पठार तथा उत्तर भारत के मैदानों में पाए जाते हैं। तेंदू, पलास, अमलतास,
बेल, खैर और अक्सलवूड प्रमुख वृक्ष हैं।
☞ उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन जिन क्षेत्रों में 50 सेंटीमीटर
से कम वर्षा होती है, वहाँ वनों में कई प्रकार की घास और झाड़ियाँ पाई जाती है। दक्षिणी-पश्चिमी
पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के अर्ध शुष्क क्षेत्रों
में इस प्रकार के वन पाए जाते हैं। इन वनों के पौधे लगभग पूरे वर्ष पत्ते रहित रहते
हैं और झाड़ियाँ जैसे लगते हैं। यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख वृक्ष बबूल, बेर, खजूर,
खैर, नीम, खेजड़ी और पलास है। इन वृक्षों के नीचे 2 मीटर लंबी गुच्छ घास उगते हैं।
☞ पर्वतीय वन पर्वतीय क्षेत्रों में ऊँचाई के साथ तापमान घटने
के साथ-साथ प्राकृतिक वनस्पति में भी बदलाव आता है। उत्तरी पर्वतीय वन और दक्षिण पर्वतीय
वन।
☞ उत्तर पर्वतीय वन ऊँचाई बढ़ने के साथ हिमालय पर्वत श्रृंखला
में उष्णकटिबंधीय वर्गों से टुंड्रा में पाए जाने वॉली प्राकृतिक वनस्पति पाई जाती
है।
☞ हिमालय के गिरिपद पर अर्थात निचले क्षेत्र पर पर्णपाती वन
पाए जाते हैं।
☞ 1000 से 2000 मीटर की ऊँचाई पर आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय प्रकार
के वन पाए जाते हैं। उत्तर-पूर्वी भारत की उत्तर पहाड़ी श्रृंखला, पश्चिम बंगाल एवं
उतरांचल की पहाड़ियों में चौड़ पट्टी वाले ओक और चेस्टनट जैसे सदाबहार बन पाए जाते
हैं।
☞ 1500 से 1750 मीटर की ऊँचाई पर व्यापारिक महत्व वाले चीड़
के वन पाए जाते हैं। हिमालय के पश्चिमी भाग में बहमूल्य प्रजाति के देवदार, चिनार,
एवं वालन वृक्ष पाए जाते हैं।
☞ 2000 से 3000 मीटर की ऊँचाई में ब्लू पाइन और स्प्रूस वृक्ष
पाए जाते हैं। शीतोष्ण कटिबंधीय घास मैदान पाए जाते हैं।
☞ इससे अधिकतम ऊँचाई में अल्पाइन वन और चारागाह पाए जाते हैं।
☞ 3000 से 4000 मीटर की ऊँचाई में सिल्वर फर, जूनिपर, पाइन,
बर्च और रोडोडेन्ड्रॉन वृक्ष मिलते हैं। अधिक ऊँचाई पर मॉस व लाइकन पाई जाती है।
☞ दक्षिण पर्वतीय वन पश्चिमी घाट, विंध्याचल और नीलगिरी पर्वत
श्रृंखलाएं उष्ण कटिबंध में पड़ती है। पर्वत श्रृंखलाओं की ऊँचाई 1500 मीटर है, अतः
यहाँ ऊँचाई वाले क्षेत्र में शीतोष्ण कटिबंधीय और निचले क्षेत्र में उपोष्ण कटिबंधीय
वनस्पति पाई जाती है। केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के पश्चिमी घाट में इस तरह की वनस्पति
विशेष कर पाई जाती है। नीलगिरी, अन्नामलाई और पालनी पहाड़ियों पर शीतोष्ण कटिबंधीय
वन 'शोलास' के नाम से जाने जाते हैं। यहाँ प्रमुख वृक्ष मैगनोलिया, लैरेल सिनकोना और
बैटल मिलते हैं। सतपुड़ा और मैकाल श्रेणियों में भी ये वृक्ष पाए जाते हैं।
☞ वेलांचली व अनूप वन
☞ भारत में विभिन्न प्रकार के आर्द्र व अनूप (दलदली) आवास पाए
जाते हैं। इन क्षेत्रों के 70% भाग पर चावल की खेती की जाती है। हमारे देश की आर्द्र
भूमि को आठ वर्गों में रखा गया है।
☞ भारत सरकार ने 1952 ईस्वी में वन संरक्षण नीति लागू की, जिसे
1988 में संशोधित किया गया। इस नीति के अनुसार सरकार ने सतत पोषणीय वन प्रबंधन पर बल
दिया, जिससे एक ओर वन संसाधनों का संरक्षण और विकास किया जाएगा, तो दूसरी तरफ स्थानीय
लोगों की आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा।
☞ सामाजिक वानिकी का अर्थ है पर्यावरणीय, सामाजिक और ग्रामीण
विकास में मदद के उद्देश्य से वनों का प्रबंध, सुरक्षा तथा ऊसर भूमि पर वनरोपण।
☞ राष्ट्रीय कृषि आयोग ने सामाजिक वानिकी को तीन भागों में
वर्गीकरण किया है- शहरी वानिकी, ग्रामीण वानिकी और फार्म वानिकी।
☞ शहरी वानिकी, ग्रामीण वानिकी और फार्म वानिकी का व्यापक तौर
पर विस्तार करना होगा। इससे किसानों को वानिकी और खेती एक साथ करने के लिए प्रोत्साहन
मिलेगा।
☞ विश्व के ज्ञात पौधों और प्राणियों की किस्मों में से चार
से पाँच प्रतिशत किस्में भारत में पाई जाती है। हमारे देश में इतने बड़े पैमाने पर
जैव-विविधता पाई जाती है, जो यहाँ विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र को स्थापित
करने में सहयोग करते हैं।
☞ वन्य प्राणी अधिनियम 1972 में पास हआ। इसका मुख्य उद्देश्य
अधिनियम के तहत अनुसूची में सूचीबद्ध संकटापन्न प्रजातियों को सुरक्षा प्रदान करना
तथा नेशनल पार्क, पशु विहार जैसे संरक्षित क्षेत्रों को कानूनी सहायता प्रदान करना
है। इस अधिनियम को 1991 में पूर्णतया संशोधित कर दिया गया।
☞ प्रोजेक्ट टाइगर 1973 से चलाई जा रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य
वहाँ बाघों की संख्या के स्तर को बनाए रखना है। प्रोजेक्ट एलिफेंट 1992 में शुरू की
गई, इनका उद्देश्य हाथियों का संरक्षण है।
☞ जीव मंडल निचय विशेष प्रकार के भौमिक और तटीय पारिस्थितिक
तंत्र हैं, जिन्हें यूनेस्को (UNESCO) के मानव और जीव मंडल प्रोग्राम (MAB) के अंतर्गत
मान्यता प्राप्त है।
☞ MAB- Man and Biosphere Programme एक अंतरसरकारी वैज्ञानिक
कार्यक्रम है, जिसे 1971 में यूनेस्को द्वारा शुरू किया गया था।
☞ भारत में 18 जीव मंडल निचय हैं। इनमें से 12 यूनेस्को द्वारा
जीव मंडल निचय विश्व नेटवर्क पर मान्यता प्राप्त है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. उष्णकटिबंधीय सदाबहार एवं अर्ध- सदाबहार
वन किन प्रदेशों में पाए जाते हैं?
a. उष्ण एवं आर्द्र प्रदेश में
b. उष्ण एवं शुष्क प्रदेशों में
c. इनमें से दोनों।
d. इनमें से कोई नहीं
2. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन कितना वार्षिक
वर्षा वाले क्षेत्रों में मिलती हैं?
a. 50 सेंटीमीटर से अधिक
b. 100 सेंटीमीटर से अधिक
c. 200 सेंटीमीटर से अधिक
d. इनमें से कोई नहीं
3. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन वाले क्षेत्र में
वार्षिक तापमान कितना होता है?
a. 10 डिग्री सेल्सियस
b. 12 डिग्री सेल्सियस
c. 20 डिग्री सेल्सियस
d. 22 डिग्री सेल्सियस
4. 60 मीटर या उससे अधिक ऊँचाई वाले वृक्ष
किन वनों में मिलते हैं?
a. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
b. उष्णकटिबंधी सदाबहार वन
c. उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन
d. पर्वतीय वन
5. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन के प्रमुख वृक्ष
समूह कौन है?
a. देवदार, चीड़, बल्यूपआइन और स्प्रेस
b. रोजवुड, महोगनी, ऐनी और एबनी
c. बबूल, बेर, खजूर और खैर
d. इनमें से कोई नहीं
6. 50 सेंटीमीटर से कम वार्षिक वर्षा वाले
क्षेत्रों में किस प्रकार के वन पाए जाते हैं?
a. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
b. उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन
c. पर्णपाती वन
d. वेलांचली व अनूप वन
7. उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन में कौन-से वृक्ष
समूह पाए जाते हैं?
a. देवदार, चीड़, बल्यूपआइन और स्प्रूस
b. रोजवुड, महोगनी, ऐनी और एबनी
c.
बबुल, बेर, खजूर और खैर
d. इनमें से कोई नहीं
8. भारत में रेल पटरी बिछाने के लिए आवश्यक
चीड़ के पेड़ को अंग्रेजों ने कहाँ लगवाया?
a. गढ़वाल और कुमाऊं में
b. असम और मेघालय में
c. इनमे से दोनों
d. इनमें से कहीं नहीं
9. गढ़वाल और कुमाऊं में प्राकृतिक वनस्पति के रूप में कौन-से वृक्ष
पाए जाते थे?
a.
साइडर
b.
होलक
c.
कैल
d. ओक
10. अंग्रेजों ने वनों को साफ कर भारत में किसके बागान लगवाएं?
a.
चाय
b.
कॉफी
c.
रबड़
d. इनमें से तीनों
11. अंग्रेजों ने इमारत निर्माण के लिए लकड़ी का उपयोग किस गुण के कारण
किया?
a.
ऊष्मारोधक होने के कारण
b.
सुलभ प्रचुरता
c. इनमें से दोनों
d.
इनमें से कोई नहीं
12. नीलगिरी, अन्नामलाई और पालनी पहाड़ियों पर शीतोष्ण कटिबंधीय वन
'शोलास' के नाम से जाने जाते हैं। यहाँ
कौन-कौन प्रमुख वृक्ष मिलते हैं?
a. मैगनोलिया, लैरेल, सिनकोना और बैटल
b.
सिल्वर फर, जूनिफर, पाइन, बर्च और रोडोडेन्ड्रॉन
c.
देवदार, चीड़, बल्यूपआइन और स्प्रूस वृक्ष
d.
रोजवुड, महोगनी, ऐनी और एबनी
13. अंतरराष्ट्रीय महत्व के आर्द्र भूमियों के अधिवेशन (रामसर अधिवेशन)
के अंतर्गत रक्षित जलकुक्कुट आवास हैं?
a.
उड़ीसा में चिल्का झील
b.
भरतपुर में केउलादेव राष्ट्रीय पार्क
c. इनमें से दोनों
d.
इनमें से कोई नहीं
14. आर्द्र व अनूप क्षेत्र के कितने प्रतिशत भाग पर चावल की खेती की
जाती है?
a.
50%
b. 70%
c.
40%
d.
इनमें से कोई नहीं
15. भारत में सबसे अधिक वन आवरण वाला राज्य कौन है?
a.
अरुणाचल प्रदेश
b.
मेघालय
c.
मणिपुर
d. मिजोरम
16. देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र किस राज्य में पाया जाता है?
a.
अरुणाचल प्रदेश
b. मध्य प्रदेश
c.
छत्तीसगढ़
d.
उड़ीसा
17. भारत में लगभग कितने क्षेत्रफल में आर्द्रभूमि है?
a. 39 लाख हेक्टेयर
b.
32.8 लाख हेक्टेयर
c.
50 लाख हेक्टेयर
d.
इनमें से कोई नहीं
18. वन संरक्षण नीति कब लागू की गई?
a. 1952
b.
1947
c.
1988
d.
इनमें से कोई नहीं
19. वन संरक्षण नीति का संशोधन कब किया गया?
a.
1952
b.
1947
c. 1988
d.
इनमें से कोई नहीं
20. राष्ट्रीय कृषि आयोग 1976 से 1979 में सामाजिक वानिकी को कितने
भागों में बाँटा है?
a.
5 भागों में
b.
4 भागों में
c. 3 भागों में
d.
2 भागों में
21. फार्म वानिकी के अंतर्गत इनमें से कौन आते हैं?
a.
खेतों की मेड़ों पर वृक्षारोपण
b.
घर के पास खाली जमीन पर वृक्षारोपण
c.
पशुओं के बाड़ों पर वृक्षारोपण
d. इनमें से सभी
22. वानिकी और खेती एक साथ करना किस सामाजिक वानिकी का भाग है?
a. कृषि वानिकी
b.
समुदाय कृषि वानिकी
c.
शहरी वानिकी
d.
फार्म वानिकी
23. विद्यालय में पेड़ लगाना किस सामाजिक वानिकी के अंतर्गत आता है?
a.
कृषि वानिकी
b. सामुदायिक कृषि वानिकी
c.
इनमें से दोनों
d.
इनमें से कोई नहीं
24. नीलगिरी जीव मंडल निचय किस राज्य में स्थित है?
a.
तमिलनाडु
b.
केरल
c.
कर्नाटक
d. उपयुक्त सभी
25. यूनेस्को द्वारा कितने जीव मंडल निचय को विश्व नेटवर्क पर मान्यता
प्राप्त है?
a.
18
b.
10
c. 12
d.
6
26. इनमें से कौन यूनेस्को द्वारा जीव मंडल निचय विश्व नेटवर्क पर मान्यता
प्राप्त नहीं है?
a.
नीलगिरी
b.
नंदा देवी
c.
नोकरेक
d. मानस
27. सिमलीपाल जीव मंडल निचय किस राज्य में स्थित है?
a.
झारखंड
b.
छत्तीसगढ़
c. उड़ीसा
d.
पश्चिम बंगाल
28. देश में कितने नेशनल पार्क हैं?
a.
101
b.
102
c. 103
d.
104
29. देश में कितने वन्य प्राणी अभय वन है?
a.
536
b. 563
c.
539
d.
593
30. वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम कब पास हुआ?
a.
1971
b. 1972
c.
1973
d.
1975
31. प्रोजेक्ट टाइगर कब से चलाई जा रही है?
a.
1971
b.
1972
c. 1973
d.
1974
32. प्रोजेक्ट एलिफेंट की शुरुआत कब की गई?
a.
1990
b. 1992
c.
1994
d.
1995
33. वन्य अधिनियम को कब पूर्णतया संशोधित किया गया, जिसके तहत कठोर
सजा का प्रावधान किया गया है?
a.
1990
b. 1991
c.
1992
d.
1993
34. चंदन वन किस तरह के वन के उदाहरण हैं?
a.
सदाबहार वन
b.
डेल्टाई वन
c. पर्णपाती वन
d.
कांटेदार वन
35. प्रोजेक्ट टाइगर निम्नलिखित में से किस उद्देश्य से शुरू किया गया
है?
a.
बाघ मारने के लिए
b. बाघ को शिकार से बचाने के लिए
c.
बाघ को चिड़ियाघर में डालने के लिए
d.
बाघ पर फिल्म बनाने के लिए
36. नंदा देवी जीव मंडल निचय निम्नलिखित में से किस प्रांत में स्थित
है?
a.
बिहार
b. उत्तराखंड
c.
उत्तर प्रदेश
d.
उड़ीसा
37. वन नीति के अनुसार कितने प्रतिशत क्षेत्र वनों के अधीन होना चाहिए?
a.
35
b.
55
c. 33
d.
22
38. भारत का राष्ट्रीय पशु कौन है?
a.
हाथी
b.
गैंडा
c. बाघ
d.
शेर
39. भारत में आर्थिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण वन है?
a.
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन
b. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
c.
उष्णकटिबंधीय कंटीली वन
d.
मैंग्रोव वन
40. सुंदरवन किस प्रकार के वनों में पाए जाते हैं?
a.
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन
b.
उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
c.
उष्णकटिबंधीय कंटीली वन
d. मैंग्रोव वन
41. राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश के कुल भौगोलिक क्षेत्र का सर्वाधिक
प्रतिशत किसमें है?
a.
अरुणाचल प्रदेश में
b.
मिजोरम में
c.
नागालैंड में
d. अंडमान निकोबार द्वीप समूह में
42. सागवान, साल, शीशम, हर्रा वृक्ष किस प्रकार के वनों में पाए जाते
हैं?
a.
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन
b. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
c.
उष्णकटिबंधीय कंटीली वन
d.
मैंग्रोव वन
43. झारखंड में किस प्रकार के वन पाए जाते हैं?
a.
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन
b. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
c.
उष्णकटिबंधीय कंटीली वन
d.
मैंग्रोव वन
44. भारत में किस प्रकार के वन सर्वाधिक वृहद क्षेत्र में पाए जाते
हैं?
a.
उष्णकटिबंधीय कंटीली वन
b.
मैंग्रोव वन
c.
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन
d. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
45. भारत के पश्चिमी घाट में किस प्रकार के वन पाए जाते हैं?
a.
उष्णकटिबंधीय कंटीली वन
b.
मैंग्रोव वन
c. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन
d.
उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
46. उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन किन क्षेत्रों में पाए जाते हैं?
a. गुजरात, राजस्थान
b.
जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश
c.
असम, मेघालय
d.
झारखंड, छत्तीसगढ़
47. भारत के पश्चिमी भाग गुजरात और राजस्थान में किस प्रकार की वनस्पति
पाई जाती है?
a.
घने और लंबे वृक्ष
b. छोटे और कंटीले वृक्ष
c.
मध्यम ऊँचाई के पर्णपाती वृक्ष
d.
इनमें से कोई नहीं
48. भारत का प्रथम जीव मंडल निचय कौन है?
a.
नंदा देवी (उत्तराखंड)
b.
नोकरेक (मेघालय)
c.
सुंदरवन (पश्चिम)
d. नीलगिरी (तमिलनाडु केरल और कर्नाटक)
49. भारत का सबसे बाद में बना जीव मंडल निचय कौन है?
a.
कंचनजंगा (सिक्किम)
b.
अगस्त्य मलाई (केरल)
c. पन्ना (मध्यप्रदेश)
d.
सुंदरवन (पश्चिम)
50. देश में बाघों की संख्या बढ़कर 2020 में कितनी हो गई?
a.
1411
b.
2411
c. 2967
d.
1967
51. इनमें से कौन-सा जोड़ा सही नहीं है?
a
सिमलीपाल (उड़ीसा)
b.
पंचमढ़ी (मध्य प्रदेश)
c.
कंचनजंगा (सिक्किम)
d. अगस्त्यमलाई (कर्नाटक)
52. उष्ण एवं आर्द्र प्रदेशों में जहाँ वर्षा 200 सेंटीमीटर से कम होती
है, किस तरह के वन मिलते हैं?
a. उष्णकटिबंधीय अर्ध- सदाबहार वन
b.
मैंग्रोव वन
c.
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन
d.
उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
53. आर्द्र पर्णपाती वन कितने वर्षा वाले क्षेत्र में मिलते हैं?
a.
200 सेंटीमीटर से अधिक
b 100 से 200 सेंटीमीटर
c.
70 से 100 सेंटीमीटर
d.
50 सेंटीमीटर से कम
54. किन वनों के पौधे लगभग पूरे वर्ष पत्ते रहित रहते हैं और झाड़ियां
जैसे लगते हैं?
a. उष्णकटिबंधीय कंटीली वन
b.
मैंग्रोव वन
c.
उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन
d.
उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
55. हिमालय के पश्चिमी भाग में बहुमूल्य प्रजाति के देवदार, चिनार,
एवं वालन वृक्ष कितनी ऊंचाई में पाए जाते
हैं?
a.
1000 से 2000 मीटर
b. 1500 से 1750 मीटर
c.
3000 से 4 000 मीटर
d.
इनमें से कोई नहीं
56. कितने मीटर ऊँचाई पर मॉस व लाइकन पाई जाती है?
a.
1000 से 2000 मीटर
b.
1500 से 1750 मीटर
c. 3000 से 4000 मीटर
d.
इनमें से कोई नहीं
57. विश्व के ज्ञात पौधों और प्राणियों की किस्मों में से कितनी प्रतिशत
किस्में भारत में पाई जाती है?
a. 4 से 5
b.
8 से 10
c.
2 से 3
d.
इनमें से कोई नहीं
58. मानव और जीव मंडल प्रोग्राम (MAB)- Man and Biosphere
Programme एक अंतरसरकारी वैज्ञानिक कार्यक्रम
है, जिसे 1971 में किसके द्वारा शुरू किया गया था?
a. यूनेस्को
b.
विश्व स्वास्थ्य संगठन
c.
संयुक्त राष्ट्र संघ
d.
इनमें से कोई नहीं
59. देवदार वृक्ष मुख्य रूप से मिलते हैं?
a.
पश्चिमी घाट पर
b.
पूर्वी हिमालय पर
c. पश्चिमी हिमालय पर
d.
पूर्वी घाट पर
60. तमिलनाडु के उत्तर में रामेश्वरम द्वीप से दक्षिण में कन्याकुमारी
तक विस्तृत जीव मंडल निचय कौन है?
a.
अगस्त्यमलाई
b.
पंचमढ़ी
c. मन्नार की खाड़ी
d.
सिमलीपाल
अति लघु उत्तरीय प्रश्न
1. नीलगिरी, अन्नामलाई और पालनी पहाड़ियों पर शीतोष्ण कटिबंधीय वन किस
नाम से जाने जाते हैं?
उत्तर-
'शोलास'।
2.
भारत में अंतर्राष्ट्रीय महत्व के रक्षित जलकुक्कुट आवास कौन हैं?
उत्तर-
उड़ीसा में चिल्का झील और भरतपुर में केउलादेव राष्ट्रीय पार्क।
3. मैंग्रोव वन क्या है?
उत्तर-
मैंग्रोव, लवण कच्छ, ज्वारीय संकरी खाड़ी, पंक मैदानों, एवं ज्वारनदमुख के तटीय क्षेत्रों
में उगने वाले पेड़-पौधे हैं, जिनमें अधिकांश लवण से प्रभावित हुए बिना उगते एवं बढ़ते
हैं।
4. कृषि वानिकी क्या है?
उत्तर-
कृषि वानिकी का अर्थ है, कृषि योग्य तथा बंजर भूमि पर पेड़ और फसलें एक साथ लगाना अर्थात्
वानिकी और खेती को साथ-साथ करना।
5. नई वन नीति के अनुसार सरकार की सतत् पोषणीय वन प्रबंधन क्या है?
उत्तर-
इस नीति के अनुसार सरकार एक ओर वन संसाधन के संरक्षण व विकास पर बल देती है, तो दूसरा
स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं को भी पूरा करती है।
6. भारत के भौगोलिक क्षेत्र के अनुपात में कितने प्रतिशत भूमि पर वन
होना चाहिए?
उत्तर-
देश के 33 प्रतिशत भाग पर वन लगाना पारिस्थितिक संतुलन के लिए आवश्यक है।
7. सुंदरवन का डेल्टा कहाँ विकसित है?
उत्तर-
पश्चिम बंगाल के मैंग्रोव में सुंदरवन का डेल्टा विकसित है।
8. विश्व का कितना प्रतिशत मैंग्रोव क्षेत्र भारत में स्थित है?
उत्तर-
विश्व के मैंग्रोव क्षेत्र का 7% भारत में स्थित है।
9. UNESCO का पूरा नाम क्या है?
उत्तर-
United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization.
संयुक्त
राष्ट्र शिक्षा, विज्ञान और सांस्कृतिक संगठन।
10. MAB का पूरा नाम क्या है?
उत्तर-
Man and the Biosphere Programme. मानव और जीव मंडल प्रोग्राम।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. प्राकृतिक वनस्पति क्या है? जलवायु की किन परिस्थितियों में उष्णकटिबंधीय
सदाबहार वन उगते हैं?
उत्तर-
प्राकृतिक वनस्पति का अभिप्राय उस पौधा समुदाय से है, जो बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप
के स्वयं उगते एवं बढ़ते हैं। उस क्षेत्र में पाए जाने वाली मिट्टी और जलवायु की परिस्थितियों
में यथासंभव स्वयं को ढाल लेती है अर्थात अनुकूलन करती है।
वैसे
क्षेत्र जहाँ का वार्षिक वर्षा 200 सेंटीमीटर से अधिक तथा औसत वार्षिक तापमान 22 डिग्री
सेल्सियस से अधिक रहता है, उन क्षेत्रों में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन मिलते हैं जो
सघन एवं पर्तों वाले होते हैं।
2. वन क्षेत्र और वन आवरण में क्या अंतर है?
उत्तर-
वन
क्षेत्र |
वन
आवरण |
के
अंतर्गत सरकार अर्थात राजस्व विभाग द्वारा वन के रूप में अधिसूचित क्षेत्र सम्मिलित
होते हैं। जहाँ वास्तविक रूप से वृक्ष या वनस्पति हो भी सकते हैं या नहीं भी हो सकते
हैं। मध्य प्रदेश देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र का राज्य है। इसके बाद अरुणाचल प्रदेश,
छत्तीसगढ़, उड़ीसा और महाराष्ट्र आते हैं। |
की
पहचान वायु चित्रों और उपग्रह से प्राप्त चित्रों से की जाती है। यह प्राकृतिक वनस्पति
का समूह है और वास्तविक रूप से वनों से ढका क्षेत्र है। वनावरण की दृष्टि से भारत
के सबसे बड़ा राज्य मिजोरम 84.53% अरुणाचल प्रदेश 79.33%, मेघालय 76%, मणिपुर
74.34 %, नागालैंड 73.90 % आते हैं। |
3. भारत की आर्द्र भूमि को कितने वर्गों में रखा गया है? बताएं।
उत्तर-
भारत की आर्द्र भूमि को आठ वर्गों में रखा गया है जो निम्न प्रकार के हैं-
☞ दक्षिण में दक्कन पठार के जलाशय और दक्षिण पश्चिम तटीय क्षेत्र
की लैगून व अन्य आर्द्र भूमि।
☞ राजस्थान, गुजरात, और कच्छ की खारे जल वाली भूमि।
☞ गुजरात- राजस्थान से पूर्व (केउलादेव राष्ट्रीय पार्क) और
मध्य प्रदेश की ताजा जल वाली झीलें एवं जलाशय।
☞ भारत के पूर्वी तट पर डेल्टाई आर्द्र भूमि व लैगून (चिल्का
झील)।
☞ गंगा के मैदान में ताजा जल वाले दलदलीय क्षेत्र।
☞ ब्रह्मपुत्र घाटी में बाढ़ के मैदान व उत्तरी पूर्वी भारत
और हिमालय गिरिपद के दलदली एवं अनूप क्षेत्र।
☞ कश्मीर और लद्दाख की पर्वतीय झील और नदियां।
☞ अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह के द्वीप चार्पो के मैंग्रोव
वन और दूसरे आर्द्र क्षेत्र।
4. सामाजिक वानिकी से आपका क्या अभिप्राय है?
यह वन क्षेत्र के वृद्धि में कैसे सहायक है?
उत्तर- सामाजिक वानिकी का अर्थ है पर्यावरणीय, सामाजिक और
ग्रामीण विकास में मदद के उद्देश्य से वनों का प्रबंध, सुरक्षा तथा ऊसर भूमि पर वनरोपण।
राष्ट्रीय कृषि आयोग ने सामाजिक वानिकी को निम्नलिखित भागों
में वर्गीकृत किया है-
क. शहरी वानिकी शहरों और उनके आसपास निजी व सार्वजनिक भूमियों जैसे हरित
पट्टी पर, सड़कों के साथ जगह, औद्योगिक व व्यापारिक स्थलों पर वृक्ष लगाना और उनका
प्रबंधन शहरी वानिकी के अतर्गत आता है।
ख. ग्रामीण वानिकी में कृषि वानिकी और सामुदायिक कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया
जाता है। कृषि वानिकी का अर्थ है, कृषि योग्य तथा बंजर भूमि पर पेड़ और फसले एक साथ
लगाना अर्थात् वानिकी और खेती को साथ-साथ करना।
ग. समुदाय वानिकी में सार्वजनिक भूमि जैसे गाँव -चारागाह, मंदिर -भूमि, सड़कों
के दोनों किनारे, नहर के किनारे, रेल पट्टी के साथ पटरी के किनारे, विद्यालयों में
पेड़ लगाना आदि शामिल है, इसका उद्देश्य पूरे समुदाय को लाभ पहुँचाना है।
घ. फार्म वानिकी के अंतर्गत किसान अपने खेतों में व्यापारिक महत्व या दूसरे
पेड़ लगाते हैं। इस योजना के तहत खेतों की मेड़, चारागाह, घास स्थल, घर के पास पड़ी
खाली जमीन और पशुओं के बाड़ों में भी पेड़ लगाए जाते हैं।
5. जीव मंडल निचय को परिभाषित करें। प्रमुख
जीव मंडल निचयों को बताएं।
उत्तर- जीव मंडल निचय विशेष प्रकार के भौमिक और तटीय पारिस्थितिक
तंत्र हैं, जिन्हें यूनेस्को (UNESCO) के मानव और जीव मंडल प्रोग्राम (MAB) के अंतर्गत
मान्यता प्राप्त है।
MAB-Man and the Biosphere Programme एक अंतरसरकारी वैज्ञानिक
कार्यक्रम है, जिसे 1971 में यूनेस्को द्वारा शुरू किया गया था। यह पर्यावरण और लोगों
के बीच एक आकर्षक संबंध प्रदान करने वाला भू-राजनीतिक वैज्ञानिक कार्यक्रम है।
भारत के 18 जीव मंडल निचय हैं। इनमें 12 जीव मंडल निचेयों
को, यूनेस्को द्वारा जीव मंडल निचय विश्व नेटवर्क पर मान्यता प्राप्त है, जो निम्नलिखित
है-
- नीलगिरी (तमिलनाडु केरल और कर्नाटक)
- नंदा देवी (उत्तराखंड)
- नोकरेक (मेघालय)
- सुंदरवन (पश्चिम बंगाल )
- मन्नार की खाड़ी (तमिलनाडु कन्याकुमारी) ग्रेट निकोबार (अंडमान निकोबार
दीप समूह)
- सिमलीपाल (उड़ीसा)
- पचमढ़ी (मध्य प्रदेश)
- कंचनजंगा (सिक्किम)
- अगस्त्य मलाई (केरल)
- अचनकमर-अमरकंटक (मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़)
- पन्ना (मध्य प्रदेश)
- अन्य 6 भारत के जीव मंडल निचय-
- मानस (असम)
- डिब्रू साईकोवा (असम)
- दिहांग- देबांग (अरुणाचल प्रदेश)
- कच्छ (गुजरात)
- ठंडा रेगिस्तान (हिमाचल प्रदेश)
- शेष अचलम (आंध्र प्रदेश)
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. भारतीय वनों को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत
करें तथा किसी एक का विस्तृत वर्णन करें।
उत्तर- देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.62 प्रतिशत वन
है। भारत का कुल क्षेत्रफल 32.8
लाख वर्ग किलोमीटर है। इतने बड़े क्षेत्रफल में मिट्टी एवं जलवायु में विविधता
पाई जाती है, अतः वनस्पति में भी
विविधता देखी जाती है। प्रमुख वनस्पति प्रकार तथा जलवायु स्थिति के आधार पर भारतीय वनों को निम्नलिखित प्रकारों में
बाँटा जा सकता है-
क. उष्णकटिबंधीय सदाबहार एवं अर्ध-सदाबहार वन
ख. उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन
ग. उष्णकटिबंधीय कांटेदार वन
घ. पर्वतीय वन
ड. वेलांचलि व अनूप वन
क. उष्णकटिबंधीय सदाबहार एवं अर्ध सदाबहार वन - उष्ण एवं आर्द्र प्रदेशों में जहाँ वार्षिक वर्षा 200
सेंटीमीटर से अधिक तथा औसत तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक होती है, उन क्षेत्रों
में उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन पाए जाते हैं। इन वनों में वृक्षों की ऊँचाई 60 मीटर या
उससे अधिक होती है, यह सबसे ऊंचे होते हैं। इससे कम ऊँचाई के छोटे कद वाले पेड़ होते
हैं तथा इससे नीचे भूमि के नजदीक झाड़ियाँ और बेल अर्थात लताएं होती है। यह अत्यंत
सघन एवं परतों वाले वन हैं।
इन वनों के पेड़ों के पत्ते झड़ने, फूल आने और फल लगने का
समय अलग-अलग होता है, इसलिए यह वर्ष भर हरे-भरे दिखाई देते हैं, यही कारण है कि इसे
सदाबहार वन कहा जाता है।
इन वनों के मुख्य वृक्ष प्रजातियाँ रोजवुड, महोगनी, ऐनी और
एबनीं हैं। बनी हैं। यह कठोर लकड़ी वाले वृक्ष होते हैं, अतः आर्थिक दृष्टि से कम महत्वपूर्ण
होते हैं। भारत में मुख्य रूप से पश्चिमी घाट के पश्चिमी ढाल, उत्तर-पूर्वी पहाड़ियाँ
तथा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में यह वेन मिलते हैं।
अर्ध सदाबहार वन-भारत में मुख्य रूप से पश्चिमी घाट के पश्चिमी
ढाल, उत्तर-पूर्वी पहाड़ियाँ तथा अंडमान निकोबार द्वीपसमूह के जिन क्षेत्रों में अपेक्षाकृत
200 सेंटीमीटर से कम वर्षा होती है, वहाँ सदाबहार और आर्द्र पर्णपाती वनों के मिश्रित
रूप मिलते हैं, जिन्हें अर्ध सदाबहार वन कहा जाता है। प्रमुख वृक्ष प्रजातियाँ साइडर,
होलक और कैल पाए जाते हैं।
2. वन संरक्षण के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
उत्तर- प्रकृति एवं मानव के पारस्परिक संबंधों का संतुलन
अत्यंत महत्वपूर्ण है। वनों का जीवन और पर्यावरण के साथ जटिल संबंध है। वन हमें प्रत्यक्ष
एवं अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक एवं सामाजिक लाभ पहुँचाते हैं, अतः वनों के संरक्षण का
मानवीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत सरकार ने 1952 ईस्वी में वन संरक्षण नीति
लागू की। 1988 ईस्वी में इस नीति को संशोधित किया गया। नई वन नीति में सरकार ने सतत
पोषणीय वन प्रबंधन पर बल दिया। सतत् पोषणीय वन प्रबंधन के अंतर्गत वन संसाधन का संरक्षण
और विकास पर बल दिया गया तथा दूसरी तरफ स्थानीय लोगों की आवश्यकता को पूरा करने पर
भी ध्यान दिया गया।
वन नीति द्वारा देश में वन संरक्षण हेतु निम्नलिखित कदम उठाए
गए हैं-
क. वर्तमान में देश के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 24.62 %
वन है, जो वर्तमान राष्ट्रीय स्तर से 6% कम है। इस प्रतिशत को बढ़ाकर देश में कुल भौगोलिक
क्षेत्र का 33% भाग पर वन लगाने का लक्ष्य है।
ख. पर्यावरण संतुलन बनाए रखने तथा पारिस्थितिक असंतुलित क्षेत्र
में वन लगाना है। देश के प्राकृतिक धरोहर, जैव-विविधता तथा आनुवंशिक का संरक्षण करना
मुख्य उद्देश्य है।
ग. मृदा अपरदन और मरुस्थलीकरण रोकना तथा बाढ़ व सुखा का नियंत्रण
करना। निम्नीकृत भूमि, कृषि योग्य व्यर्थ भूमि, बंजर भूमि पर सामाजिक वानिकी और वन
रोपण द्वारा वनावरण का विस्तार करना है।
घ. वनों की उत्पादकता बढ़ाकर वनों पर निर्भर ग्रामीण जनजातियों
को इमारती लकड़ी ईंधन चारा और भोजन उपलब्ध करवाना और लकड़ी के स्थान पर अन्य वैकल्पिक
वस्तुओं के प्रयोग को बढ़ावा देना है।
ड. पेड़ लगाने और कटाई रोकने के लिए जन आंदोलन चलाना, जिसमें
महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना ताकि वनों पर दबाव कम हो।
च. सामाजिक वानिकी का उद्देश्य वनों का प्रबंधन, सुरक्षा
तथा ऊसर भूमि पर वन रोपण है। राष्ट्रीय कृषि आयोग ने सामाजिक वानिकी को तीन वर्गों
में बाँटा है- शहरी वानिकी, ग्रामीण वानिकी और फार्म वानिकी। इन वानिकी में अलग-अलग
तरह से लोगों को वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करना है।
उपर्युक्त उपायों को अपना कर वन क्षेत्र में आशान्वित वृद्धि
की जा सकती है।
3. वन
और वन्य जीव संरक्षण में लोगों की भागीदारी कैसे महत्वपूर्ण है?
उत्तर- वन और वन्य जीव हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग है।
ये हमारे देश की अमूल्य धरोहर हैं, हमारे सांस्कृतिक और आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाते हैं। विश्व के ज्ञात पौधों और प्राणियों की किस्मों में से चार से पाँच
प्रतिशत किस्में भारत में पाई जाती हैं। हमारे देश में इतने बड़े पैमाने पर जैव विविधता
पाई जाती है, जो यहाँ विभिन्न प्रकार के पारिस्थितिकी तंत्र को स्थापित करने में सहयोग
करते हैं। हमारे पूर्वजों ने इसे युगों से संरक्षित रखा है। इसके संरक्षण के लिए सरकार
द्वारा अनेक परियोजनाएँ क्रियान्वित की गई हैं, लेकिन इनके सफल क्रियान्वयन के लिए
लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
क. वृक्षारोपण एवं वनोन्मूलन को रोकने में जन भागीदारी सुनिश्चित
करना महत्वपूर्ण है। जब लोगों को वन रोपण के लिए प्रेरित किया जाएगा, तो वे वृक्षों
को लगाएंगे भी और उसे देखभाल कर बढ़ाने की कोशिश करेंगे। स्वयं के द्वारा लगाए पेड़ों
को काटने से दूसरों को रोकेंगे।
इस तरह वन क्षेत्र में वृद्धि एवं संरक्षण होगा। ख. सामाजिक वानिकी के सफल कार्यान्वयन
का प्रयास करना महत्वपूर्ण है। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर विभिन्न
कार्यक्रमों के द्वारा उन्हें वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करना होगा। शहरी वानिकी, ग्रामीण
वानिकी और फार्म वानिकी का व्यापक तौर पर विस्तार करना होगा। किसानों को वानिकी और
खेती एक साथ करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। खेतों की मेड़ों, चारागाह, घासस्थल, घर
के पास पड़ी खाली जमीन, पशुओं के बाड़ों में वृक्ष लगवाए जाएं। साथ ही भूमिहीन लोगों
को सामुदायिक कृषि वानिकी से जोड़कर गांव- चारागाह, मंदिर -भूमि, सड़कों के दोनों ओर,
नहरों के किनारे, रेल पटरी के साथ-साथ, विद्यालयों में वृक्षारोपण कर वानिकीकरण से
जोड़ना तथा लाभ प्राप्त करना होगा।
ग. वन एवं वन्य प्राणियों के प्रति लोगों के बीच प्रेम एवं
सद्भाव का प्रसार करना होगा। लोगों के मन में वन तथा वन्य प्राणियों के आपसी अन्योयाश्रय
संबंध को प्रसारित करना होगा। लोगों को विश्वास दिलाना होगा कि कैसे दोनों से सामंजस्य
स्थापित कर जीवन और भी बेहतर बना सकते हैं। संरक्षण कार्य करने वालों को समय-समय पर
सरकार और समाज द्वारा सम्मानित किए जाने चाहिए ताकि दूसरे लोग भी इन सभी कार्यों की
ओर आकर्षित हो।
घ. भारत सरकार ने 1952 ईस्वी में वन संरक्षण नीति लागू की।
1988 ईस्वी में इस नीति को संशोधित किया गया। इस नई वन नीति में सरकार ने सतत पोषणीय
वन प्रबंधन पर बल दिया। वन एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए लोगों के समूह को
जिम्मेदारी दी जानी चाहिए क्योंकि जब स्थानीय लोग इन कार्यों की जिम्मेदारी लेंगे,
तो निश्चित रूप से संरक्षण का काम बेहतर होगा। संरक्षण के नियमों को उल्लंघन करने वालों
के लिए नियमों को कठोर बनाना होगा ताकि लोग नियमों का उल्लंघन करने से बचें।
ड. वन्य प्राणियों जैसे- हाथी, भालू, बाघ आदि के द्वारा मानवीय
आवास को नुकसान पहुँचाया जाता है। लोगों को समझना होगा कि अगर हम वन एवं वन्य प्राणियों
के लिए आवास को सुरक्षित छोड़ देंगे तो वे हमारे गांव एवं शहरों में प्रवेश कर हमले
नहीं करेंगे। इन उपायों से उनके द्वारा किए गए हानि से हम स्वतः ही मुक्त हो जाएंगे।
वन एवं वन्य प्राणियों के संरक्षण का दायरा काफी बड़ा है और इसमें मानव कल्याण की असीम संभावनाएं निहित है। यद्यपि इस लक्ष्य को तभी प्राप्त किया जा सकता है, जब हर व्यक्ति इसका महत्व समझें और अपनी भागीदारी निभाए।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय-सूची
भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत (भाग 'अ')
अध्याय सं. | अध्याय का नाम |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
9. | |
10. | |
11. | |
12. | |
13. | |
14. | |
भारत : भौतिक पर्यावरण (भाग 'ब') | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
खण्ड – क : भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत
1. भूगोल एक विषय के रूप में (Geography as a Discipline)
2. पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास (The Origin and Evolution of the Earth)
3. पृथ्वी की आंतरिक संरचना (Interior of the Earth)
4. महासागरों और महाद्वीपों का वितरण (Distribution of Oceans and Continents)
5. खनिज एवं शैल (Minerals and Rock)
6. भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ (Geomorphic Processes)
7. भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास (Landforms and theirEvolution)
8. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना (Composition andStructure of Atmosphere)
9. सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (SolarRadiation, Heat Balance and Temperature)
10. वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ(Atmospheric Circulation and Weather Systems)
11. वायुमंडल में जल (Water in the Atmosphere)
12. विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन (World Climateand Climate Change)
13. महासागरीय जल {Water (Oceans)}
14. महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)
15. पृथ्वी पर जीवन (Life on the Earth)
16. जैव विविधता एवं संरक्षण (Biodiversity andConversation)
खण्ड – ख : भारत-भौतिक पर्यावरण
1. भारत-स्थिति (India Location)
2. संरचना तथा भू-आकृतिविज्ञान (Structure and Physiography)
3. अपवाह तंत्र (Drainage System)
5. प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)
6. मृदा (Soils)
7. प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ (Natural Hazards andDisasters)
खण्ड – 3 : भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य
1. मानचित्र का परिचय (Introduction to Maps)
3. अक्षांश, देशांतर और समय (Latitude, Longitude andTime)
4. मानचित्र प्रक्षेप (Map Projections)
5. स्थलाकृतिक मानचित्र (Topographical Maps)
6. वायव फोटो का परिचय (Introduction to AerialPhotographs)
7. सुदूर संवेदन का परिचय (Introduction to RemoteSensing)
8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (WeatherInstruments. Maps and Charts)