Class 11 Geography 2. पृथ्वी की उत्पति एवं विकास (Origin and Evolution of The Earth)

Class 11 Geography 2. पृथ्वी की उत्पति एवं विकास (Origin and Evolution of The Earth)

Class 11 Geography 1. भूगोल एक विषय के रूप में (Geography As A Discipline)

प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

Class - 11

भूगोल (Geography)

2. पृथ्वी की उत्पति एवं विकास (Origin and Evolution of The Earth)

पाठ के मुख्य बिंदु

प्रारंभ में पृथ्वी चट्टानी, गर्म और वीरान ग्रह थी, जिसका वायुमंडल विरल था, जो हाइड्रोजन व हीलियम से बना था। जो आज के पृथ्वी के वायुमंडल से बिल्कुल अलग था।

आज से करीब 460 करोड़ वषों के दौरान इस ग्रह पर जीवन का विकास हुआ।

पृथ्वी की उत्पति के सम्बन्ध में एक प्रारंभिक एवं लोकप्रिय जर्मन दार्शनिक इमैनुअल कांट हैं, जिन्होंने अपनी संकल्पना वायव्य राशि के नाम से प्रतिपादित किया।

कांट के इस संकल्पना के ठीक बाद 1796 ईस्वी में गणितज्ञ लाप्लास ने इसका संशोधन निहारिका परिकल्पना के नाम से किया।

लाप्लास के इस परिकल्पना के अनुसार ग्रहों का निर्माण धीमी गति से हुआ, जो कि सूर्य के पदार्थों के बादल से हुआ जो सूर्य की युवावस्था से संबंधित था।

बाद में एक अन्य विद्वान चैम्बरलीन और मोल्टन ने सन 1900 ईस्वी में कहा कि ब्रह्माण्ड में एक अन्य भ्रमणशील तारा सूर्य के नजदीक से गुजरा। इसके परिणामस्वरूप तारे के गुरुत्वाकर्षण से सूयै सतह से सिगार के आकार का कुछ पदार्थ निकलकर अलग हो गया जो सूर्य र्य के चारों और घूमने लगा और यहीं धीरे- धीरे संघनित होकर ग्रहों के रूप में परिवर्तित हो गया।

चैम्बर्लिन और मोल्टन के इस परिकल्पना का समर्थन सर जेम्स जींस तथा सर हेराल्ड जेफ्रीज ने किया।

यदपि कुछ समय पश्चात् एक नया सिद्धांत ‌द्वैतारक सिद्धांत प्रकाश में आया, जिसके समर्थक मानते हैं कि सूर्य के साथ एक और साथी तारा था।

1950 ईस्वी में रूस के ऑटो शिमिड व जर्मनी के कार्ल वाइजास्कर ने निहारिका परिकल्पना में कुछ संशोधन किया उनके विचार से सूर्य एक सौर निहारिका से घिरा हुआ था, जो मुख्यतः हाइड्रोजन, हीलियम और धूलकण की बनी थी। इन कणों के घर्षण और टकराने से एक चपटी तश्तरी की आकृति के बादल का निर्माण हुआ अभिवृद्धि प्रक्रम द्वारा ही ग्रहों का निर्माण हुआ।

आधुनिक समय में ब्रहमाण्ड की उत्पति के सम्बन्ध में सर्वमान्य सिद्धांत बिग-बैंग है इसे विस्तारित ब्रह्माण्ड परिकल्पना भी कहा जाता है। इस सिद्धांत का प्रतिपादन जॉर्ज लेमैत्रे ने ब्रहमांड, आकाशगंगा तथा सौर मंडल की उत्पति के लिए किया था।

1920 ईस्वी में एडविन हब्बल ने प्रमाण दिए कि ब्रह्माण्ड का विस्तार हो रहा है।

वैज्ञानिको का मानना है कि बिग-बैंग की घटना आज से 13.7 अरब वर्ष पहले हुई थी। ब्रहमाण्ड का विस्तार आज भी जारी है।

बिग-बैंग होने के आरंभिक तीन मिनट के अंतर्गत ही पहले परमाणु का निर्माण हुआ। बिग-बैंग से 3 लाख वर्षों के दौरान, तापमान 4500 डिग्री केल्विन तक गिर गया और परमाण्वीय पदार्थ का निर्माण हुआ, जिससे ब्रहमाण्ड पारदर्शी हो गया।

ब्रहमाण्ड के विस्तार का अर्थ है, आकाशगंगाओं के बीच की दूरी में विस्तार का होना।

होयल महोदय ने इसका विकल्प 'स्थिर अवस्था संकल्पना' के नाम से प्रस्तुत किया।

आकाशगंगा असंख्य तारों का समूह है। दो आकाशगंगाओं की दूरी हजारों प्रकाशवर्षों में मापी जाती है।

एक अकेली आकाशगंगा का व्यास 80 हजार से 1 लाख 50 हजार प्रकाशवर्ष के बीच हो सकता है।

एक आकाशगंगा के निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादलों के संचयन से से होती है, जिसे निहारिका कहा गया।

ऐसा माना जाता है कि तारों का निर्माण 5 से 6 अरब वर्षों पहले हुआ।

प्रकाश वर्ष दूरी मापने की इकाई है।

प्रकाश की गति 3 लाख कि.मी. प्रति सेकेण्ड है। विचारणीय है कि एक वर्ष में प्रकाश जितनी दूरी तय करेगा वह एक प्रकाश वर्ष होगा। यह 9.461 x 1012 कि.मी. के बराबर है।

पृथ्वी व सूर्य की औसत दूरी 14 करोड़ 95 लाख 98 हजार कि.मी. है। प्रकाशवर्ष के संदर्भ में यह प्रकाशवर्ष का केवल 8.311 है।

सौरमंडल (Solar System)

हमारे सौर-मंडल में आठ ग्रह हैं।

सौर-मंडल का जनक निहारिका को माना जाता है। निहारिका में क्रोड के बनने की शुरुआत 5 से 6 अरब वर्षों पहले हुई। ग्रहों का निर्माण करीब 4.6 से 4.56 अरब वर्ष पहले हुआ।

हमारे सौर-मंडल में 8 ग्रह, लगभग 149 उपग्रह, लाखों छोटे पिंड जैसे- क्षुद्रग्रह, धूमकेतु एवं वृहत् मात्रा में धूलिकण व गैस हैं।

इन 8 ग्रहों में सूर्य की दूरी के अनुसार प्रथम चार (बुध, शुक्र, पृथ्वी व मंगल) भीतरी ग्रह इसलिए कहलाते हैं क्योंकि ये सूर्य और क्षुद्रग्रह के बीच की पट्टी में स्थित हैं, इन्हें पार्थिव ग्रह भी कहते हैं।

इसके अतिरिक्त चार अन्य ग्रह (बृहस्पति, शनि, अरुण व वरुण) बाह्य ग्रह कहलाते है।

पार्थिव ग्रह का अर्थ है, पृथ्वी की तरह शैलों व अन्य धातुओं से बने ग्रह।

बाह्य ग्रह गैसों से बने विशाल ग्रह या जोवियन ग्रह कहलाते है।

जोवियन का अर्थ है बृहस्पति की तरह, इनमे हाइड्रोजन व हीलियम से बना सघन वायुमंडल है। सभी ग्रहों का निर्माण 4.6 अरब वर्ष पहले एक ही समय में हुआ।

पूर्व में प्लूटो को भी एक ग्रह माना जाता था, किन्तु अंतर्राष्ट्रीय खगोलिकी संगठन ने अपनी बैठक (अगस्त 2006) में इसके साथ और कुछ ग्रह को जो कुछ समय पहले खोजे गये थे, बौने ग्रह की श्रेणी में रखा।

Ø  सूर्य से दूरी खगोलीय एकक में है। अर्थात अगर पृथ्वी की मध्यमान दूरी 14 करोड़ 95 लाख 98 हजार कि.मी. 1 खगोलीय एकक के बराबर है।

Ø  @ घनत्व ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर (gm /cm³)

Ø  अर्धव्यास : अगर भूमध्यरेखीय अर्धव्यास 6378.137 कि.मी. = 1 है।

चन्द्रमा (MOON)

पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह चन्द्रमा (Moon) है।

सन 1838 इस्वी में सर जॉर्ज डार्विन ने बताया कि प्रारंभ में पृथ्वी व चन्द्रमा तेजी से घूमते हुए एक ही पिंड थे यह पूरा पिंड डम्बल (बीच से पतला व किनारों से मोटा) की आकृति में परिवर्तित हुआ और अन्तोगत्वा टूट गया।

इनके अनुसार चन्द्रमा का निर्माण उसी पदार्थ से हुआ है जहाँ आज प्रशांत महासागर एक गर्त के रूप में विद्यमान है।

पृथ्वी के उपग्रह के रूप में चन्द्रमा की उत्पति एक बड़े टकराव का नतीजा है, जिसे "the big splat" कहा गया है।

चन्द्रमा की उत्पति लगभग 4.44 अरब वर्ष पहले हुई।

पृथ्वी का उद्भव (Origin of the Earth)

प्रारंभ में पृथ्वी चट्टानी, गर्म और वीरान ग्रह के रूप में थी जो अनुमानतः भौगोलिक हलचलों के कारण यह सुन्दर (वर्तमान) ग्रह के रूप में परिवर्तित हुई।

आज से करीब 460 करोड़ वर्ष पूर्व के दौरान यहाँ जीवन का विकास हुआ।

स्थलमंडल का विकास (Development of lithosphere)

ग्रह व दूसरे खगोलीय पिंड ज्यादातर एक जैसे ही घने और हल्के पदार्थों के मिश्रण से बने हैं।

अत्यधिक ताप के कारण पृथ्वी आंशिक रूप से द्रव अवस्था में रह गई और तापमान के अधिकता के कारण ही हल्के और भारी घनत्व के मिश्रण वाले पदार्थ घनत्व के अंतर के कारण अलग होना शुरू हो गये। इसी अलगाव से भारी पदार्थ (जैसे लोहा) पृथ्वी के केंद्र में चले गये और हल्के पदार्थ पृथ्वी की सतह या उपरी भाग की तरह आ गये।

हल्के व भारी पदार्थ (घनत्व के अनुसार) के पृथक होने की इस प्रक्रिया को विभेदन (Differentiation) कहा जाता है।

चन्द्रमा की उत्पति के दौरान भीषण संघटन के कारण, पृथ्वी का तापमान पुनः बढ़ा या फिर उर्जा उत्पन्न हुई और जो विभेदन का दूसरा चरण था।

विभेदन की इस प्रक्रिया से पृथ्वी का पदार्थ अनेक परतों में अलग हो गया। जैसे पर्पटी, प्रावार, बाह्य क्रोड और आन्तरिक क्रोड।

भूवैज्ञानिक कालक्रम (Geological Time Scale)

पृथ्वी की उत्पति से वर्तमान तक के काल को विभिन्न महाकल्प, कल्प, काल और युग में बाँटकर अध्ययन करते हैं:-

Class 11 Geography 2. पृथ्वी की उत्पति एवं विकास (Origin and Evolution of The Earth)

Class 11 Geography 2. पृथ्वी की उत्पति एवं विकास (Origin and Evolution of The Earth)

बहुविकल्पीय प्रश्न

1. ब्रह्माण्ड की उत्पति के सम्बन्ध में सर्वमान्य सिद्धांत है?

a. वायव्यराशि सिद्धांत

b. निहारिका सिद्धांत

c. बिग बैंग सिद्धांत

d. गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत

2. पृथ्वी की उत्पति के सम्बन्ध में एक प्रसिद्ध सिद्धांत वायव्यराशि की परिकल्पना का प्रतिपादन किस भूगोलवेता ने किया?

a. लाप्लास

b. इमैनुअल कान्त

c. जैफरी

d. जेम्स जींस

3. निहारिका परिकल्पना का संबंद्ध किससे था?

a. लाप्लास

b. ओटो शिमिड

c. वाइजास्कर

d. कार्ल मार्क्स

4. इनमे से किस परिकल्पना में यह कहा गया है कि "ग्रहों का निर्माण धीमी गति से घूमते हुए पदार्थों के बादल से हुआ है"?

a. निहारिका परिकल्पना

b. विस्तारित ब्रह्माण्ड परिकल्पना

c. एकतारक परिकल्पना

d. द्वैतारक परिकल्पना

5. निहारिका परिकल्पना का प्रतिपादन कब किया गया?

a. 1795 ई.

b. 1796 ई.

c. 1797 ई.

d. 1798 ई.

6. "ब्रह्माण्ड में एक भ्रमणशील तारा सूर्य के नजदीक से गुजरा जिसके परिणामस्वरुप तारे के गुरुत्वाकर्षण से सूर्य सतह से सिगार के आकार का कुछ पदार्थ निकलकर अलग हो गया। यह तारा जब सूर्य से दूर चला गया तो सूर्य सतह से बाहर निकला हुआ यह पदार्थ सूर्य के चारों तरफ घूमने लगा और यहीं धीरे-धीरे संघनित होकर ग्रहों के रूप में परिवर्तित हो गया" यह कथन किसने प्रस्तुत किया?

a. चैम्बर्लिन एवं मोल्टन

b. सर हेरोल्ड जैफरी

c. कार्ल वैजास्कर

d. ओटो शिमिड

7. द्वैतारक सिद्धांत के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही है?

a. ब्रह्माण्ड में सूर्य के साथ एक और तारा का होना।

b. ब्रह्माण्ड में दो सूर्य का होना।

c. ब्रह्माण्ड में दो तारे का होना।

d. ब्रह्माण्ड में सूर्य और चन्द्रमा का होना।

8. 1920 ई. में यह किसने कहा कि ब्रह्माण्ड का विस्तार हो रहा है?

a. एडविन हब्बल

b. जॉर्ज लेमेतरे

c. इमैनुअल कांट

d. जेम्स जींस

9. बिग बैंग की घटना आज से कितने वर्ष पूर्व हुई है?

a. 13 अरब वर्ष पूर्व

b. 13.7 अरब वर्ष पूर्व

c. 14 अरब वर्ष पूर्व

d. 14.7 अरब वर्ष पूर्व

10. पहले परमाणु का निर्माण कब हुआ?

a. बिग बैंग होने के तीन मिनट बाद

b. बिग बैंग होने के आरंभिक तीन के अंतर्गत

c. बिग बैंग होने के दौरान

d. कोई नही

11. बिग बैंग से 3 लाख वर्षों के दौरान, ब्रह्माण्ड में कौन-सी घटना घटी?

a. तापमान 4500 डिग्री कम हो गया।

b. परमाणवीय पदार्थ का निर्माण हुआ।

c. ब्रह्माण्ड पारदर्शी हो गया।

d. इनमे से सभी।

12. ब्रह्माण्ड का विस्तार से तात्पर्य क्या है?

a. आकाशगंगाओं के बीच की दुरी में विस्तार होना।

b. दो तारों के बीच दुरी में विस्तार होना।

c. सूर्य और पृथ्वी के बीच की दुरी में विस्तार होना।

d. बादलों का विस्तार होना।

13. "स्थिर अवस्था संकल्पना" किसने प्रस्तुत किया?

a. होयल

b. लॉयल

c. मोल्टन

d. चेम्बर्लिन

14. प्रकाशवर्ष क्या है?

a. ब्रह्माण्ड में दुरी मापने की इकाई।

b. ब्रह्माण्ड में गैसों की सघनता मापने की इकाई।

c. ब्रह्माण्ड में आकाशीय पिंडो की परिक्रमण की गति मापने की इकाई।

d. इनमे से कोई नहीं।

15. तारों का निर्माण लगभग कितने वर्ष पूर्व हुआ?

a. 5 से 6 अरब वर्ष पूर्व

b. 6 से 7 अरब वर्ष पूर्व

c. 7 से 8 अरब वर्ष पूर्व

d. 8 से 9 अरब वर्ष पूर्व

16. प्रकाश की गति कितनी होती है?

a. 3 लाख कि.मी./से.

b. 5 लाख कि.मी./से.

c. 7 लाख कि.मी./ से.

d. 9 लाख कि.मी./से.

17. पृथ्वी व सूर्य की औसत दूरी होती है?

a. 14 करोड़ 95 लाख 98 हजार

b. 15 करोड़ 96 लाख 94 हजार

c. 16 करोड़ 14 लाख 96 हजार

d. 14 लाख 95 हजार

18. पृथ्वी और सूर्य की औसत दूरी प्रकाशवर्ष के सन्दर्भ में प्रकाश वर्ष का कितना है?

a. केवल 8.311

b. केवल 4.111

c. केवल 8.123

d. केवल 8.111

19. सौरमंडल का जनक किसे कहा जाता है?

a. निहारिका को

b. क्षुद्रग्रह को

c. तारों के गैसीय पुंज को

d. ब्रह्माण्ड के पिघले पदार्थ को

20. सौरमंडल के 8 ग्रहों में से किन ग्रहों को आन्तरिक ग्रह कहा जाता है?

a. सूर्य से दुरी के अनुसार पहले चार ग्रहों को।

b. सूर्य से दूरी के अनुसार बाद के चार ग्रहों को।

c. सूर्य से दुरी के अनुसार बीच के चार ग्रहों को।

d. उपरोक्त में से कोई नहीं।

21. सौरमंडल में स्थित प्रथम चार ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल किन पदार्थों से बने हैं?

a. गैसीय पदार्थों से।

b. शैलों और धातुओं से।

c. पैरोक्लास्टिक पदार्थ से।

d. गर्म एवं पिघले पदार्थों से।

22. जोवियन ग्रह किसे कहते हैं?

a. बृहस्पति के समान ग्रह को।

b. शुक्र के समान ग्रह को।

c. खगोलीय ठोस पिंडो को।

d. उपरोक्त में से किसी को नहीं।

23. पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है :-

a. चन्द्रमा

b. टायटन

c. गैनिमिड

d. फोबोस व डीमोस

24. "द बिग स्पलैट" किससे सम्बंधित है?

a. चन्द्रमा की उत्पति से

b. सूर्य की उत्पति से

c. ग्रहों की उत्पति से

d. तारों की उत्पति से

25. चंद्रमा की उत्पति लगभग कितने वर्ष पूर्व हुई थी?

a. लगभग 4.44 अरब वर्ष पूर्व

b. लगभग 4 अरब वर्ष पूर्व

c. लगभग 44 अरब वर्ष पूर्व

d. लगभग 44.4 अरब वर्ष पूर्व

26. पृथ्वी पर जीवन का विकास कब हुआ?

a. 460 करोड़ वर्ष पूर्व

b. 400 करोड़ वर्ष पूर्व

c. 360 करोड़ वर्ष पूर्व

d. 380 करोड़ वर्ष पूर्व

27. भूपर्पटी पर हल्के व भारी घनत्व वाले पदार्थों के अलग होने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?

a. विभेदन

b. शिलीभवन

c. पृथक्करण

d. अंतरीकरण

28. पृथ्वी के वायुमंडल की वर्तमान संरचना में किसका प्रमुख योगदान है?

a. हाइड्रोजन एवं हीलियम

b. नाइट्रोजन एवं ऑक्सीजन

c. आर्गन एवं हाइड्रोजन

d. ऑक्सिजन एवं हीलियम

29. प्रारंभिक वायुमंडल में किन तत्वों की अधिकता थी?

a. हाइड्रोजन व हीलियम

b. नाइट्रोजन व ऑक्सिजन

c. आर्गन व निओन

d. कार्बनडाईऑक्साईड

30. प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया कितने साल पहले विकसित हुई?

a. 250 से 300 करोड़ वर्ष पहले

b. 200 से 300 करोड़ वर्ष पहले

c. 400 से 500 करोड़ वर्ष पहले

d. 450 से 500 करोड़ वर्ष पहले

31. पृथ्वी पर जीवन का विकास कितने वर्ष पूर्व आरम्भ हुआ?

a. 3.80 अरब वर्ष पहले

b. 4.80 अरब वर्ष पहले

c. 5.80 अरब वर्ष पहले

d. 6.80 अरब वर्ष पहले

32. निम्नलिखित में से कौन-सी संख्या पृथ्वी की आयु को प्रदर्शित करती है?

a. 46 लाख वर्ष

b. 460 करोड़ वर्ष

c. 13.7 अरब वर्ष

d. 13.7 खरब वर्ष

33. निम्न में से कौन-सी अवधि सबसे लम्बी है?

a. इओन

b. महाकल्प

c. कल्प

d. युग

34. निम्न में से कौन-सा तत्व वर्तमान वायुमंडल के निर्माण व संशोधन में सहायक नहीं है?

a. सौर पवन

b. गैस उत्सर्जन

c. विभेदन

d. प्रकाश संश्लेषण

35. निम्नलिखित में से भीतरी ग्रह कौन-से हैं?

a. पृथ्वी व सूर्य के बीच पाए जाने वाले ग्रह

b. सूर्य व क्षुद्रग्रहों के पट्टी के बीच पाए जाने वाले ग्रह

c. वे ग्रह जो गैसीय हैं।

d. बिना उपग्रह वाले ग्रह।

36. पृथ्वी पर जीवन निम्नलिखित में से कितने वर्षों पहले आरंभ हुआ?

a. 1 अरब 37 करोड़ वर्ष पहले

b. 460 करोड़ वर्ष पहले

c. 38 लाख वर्ष पहले

d. 3 अरब 80 करोड़ वर्ष पहले

37. निम्नलिखित में से किस युग को मत्स्य युग कहा जाता है?

a. डेवोनियन युग

b. कार्बोनिफेरस युग

c. ओर्डोविसियन युग

d. कैम्ब्रियन युग

38. निम्नलिखित में से किस युग को डायनासौर का युग कहा जाता है?

a. ट्रियासिक युग

b. जुरेसिक युग

c. क्रीटेसियस युग

d. कार्बोनिफेरस युग

39. सूर्य की उत्पति कितने वर्ष पूर्व हुई है?

a. 5 अरब वर्ष पहले

b. 5.5 अरब वर्ष पहले

c. 6 अरब वर्ष पहले

d. 7 अरब वर्ष पहले

40. निम्नलिखित में से किस युग को खड़िया युग कहा जाता है?

a. क्रिटेसियस युग

b. जुरैसिक युग

c. कार्बोनिफेरस युग

d. ट्रियासिक युग

41. बिग-बैंग सिद्धांत के अनुसार ब्रहमाण्ड की उत्पति लगभग कितने वर्ष पूर्व हुई थी?

a. 17.7 अरब वर्ष पूर्व

b. 13.7 अरब वर्ष पूर्व

c. 18.7 अरब वर्ष पूर्व

d. 5.7 करोड़ वर्ष पूर्व

अति लघु उत्तरीय प्रश्न

1. पार्थिव ग्रह चट्टानी क्यों हैं?

उत्तरः पार्थिव ग्रह पृथ्वी की भांति शैलों और धातुओं के बने होने के कारण अपेक्षाकृत अधिक घनत्व वाले होते हैं और चट्टानी ग्रह के रूप में जाने जाते हैं।

2. विभेदन प्रक्रिया से आप क्या समझते है?

उत्तरः पृथ्वी की पर्पटी में हल्के व भारी तत्वों के पृथक होने के प्रक्रिया को विभेदन की प्रक्रिया कहते हैं।

3. पृथ्वी के वायुमंडल को निर्मित करने वाली प्रारंभिक गैसें कौन-सी थी?

उत्तरः पृथ्वी के वायुमंडल को निर्मित करने वाली प्रारंभिक गैसे हाइड्रोजन व हीलियम थी।

4. पृथ्वी से चंद्रमा की औसत दूरी कितनी है?

उत्तरः पृथ्वी से चन्द्रमा की औसत दूरी 3,84,000 कि.मी. है।

5. पृथ्वी किस परिवार की सदस्य है?

उत्तरः सौर परिवार।

6. सौरमण्डल का सबसे छोटा एवं बड़ा ग्रह कौन-सा है?

उत्तरः बुध एवं बृहस्पति ।

7. पृथ्वी की उत्पत्ति के सम्बन्ध में निहारिका परिकल्पना सिद्धान्त का प्रतिपादन किसने किया?

उत्तरः लाप्लास।

8. हमारा सौर परिवार किस नक्षत्र पुंज में स्थित है?

उत्तरः मिल्कीवे या गैलेक्सी।

9. सौर परिवार के सदस्यों के नाम बताइए।

उत्तरः बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण, एवं वरुण।

10. सौरमण्डल का सबसे चमकीला ग्रह कौन-सा है?

उत्तरः शुक्र ।

11. पृथ्वी का निकटतम ग्रह कौन-सा है?

उत्तरः शुक्र, इसे पृथ्वी की बहन भी कहा जाता है।

12. 24 अगस्त, 2006 में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय खगोल यूनियन में बौना ग्रह किसे माना गया है?

उत्तरः प्लूटो या यम।

13. पृथ्वी की आयु कितने वर्ष है?

उत्तरः 460 अरब वर्ष पूर्व।

14. हम पृथ्वी को नीला ग्रह क्यों कहते हैं?

उत्तरः जल की अधिकता के कारण पृथ्वी को नीला ग्रह कहा जाता है।

लघु उत्तरीय प्रश्न

1. पृथ्वी की उत्पति सम्बन्धित दिए गये तर्कों में निम्न वैज्ञानिको के मूलभूत अंतर बताएँ-

a. कांट व लाप्लास

b. चैम्बर्लिन व मोल्टन

उत्तरः

a. कांट व लाप्लास - इन विद्वानों के अनुसार ग्रहों व का निर्माण धीमी गति से घुमते हुए पदार्थों के बादल से हुआ है, जो की सूर्य की युवा अवस्था से संबंधित थे। 1796 ई. में प्रतिपादित लाप्लास के निहारिका परिकल्पना के अनुसार पृथ्वी का आन्तरिक भाग गैसीय अवस्था में होना चाहिए क्योंकि पृथ्वी की उत्पति गैस से बनी निहारिका से मानी जाती हैं।

b. चैम्बर्लिन व मोल्टन- इसके अनुसार ब्रह्माण्ड में एक अन्य भ्रमणशील तारा सूर्य के निकट से गुजरा जिसके परिणामस्वरुप तारे के गुरुत्वाकर्षण से सूर्य की सतह से सिगार के आकार का कुछ पदार्थ निकलकर अलग हो गया। यह पदार्थ सूर्य के चारों ओर घूमने लगा और यहीं पर धीरे-धीरे संघनित होकर ग्रहों के रूप में परिवर्तित हो गया।

2. प्रारंभिक काल में पृथ्वी के धरातल का स्वरुप क्या था?

उत्तरः हमारी पृथ्वी का निर्माण लगभग 4.6 अरब वर्ष पूर्व हुआ था। प्रारंभ में पृथ्वी की सतह की प्रकृति वर्तमान से बहुत अलग थी।

प्रारंभ में पृथ्वी की सतह की प्रकृति निम्नलिखित थीः

> पृथ्वी की सतह गर्म थी और ज्वालामुखी गतिविधियां प्रचलित थीं।

> पृथ्वी की सतह चट्टानी थी और मिट्टी अनुपस्थित

> पृथ्वी की सतह बंजर थी और उसमें किसी जीवित जीव का कोई चिह्न नहीं था।

> पृथ्वी का वायुमंडल पतला था और मुख्य रूप से यह हाइड्रोजन और हीलियम गैसों से युक्त था।

3. निहारिका किसे कहा जाता है?

उत्तरः निहारिका गैसों का बादल होता है जिसमें धूल, हाइड्रोजन गैस, हीलियम गैस और अन्य आयनीकृत प्लाजमा गैस उपस्थित होते हैं। एक आकाशगंगा असंख्य तारों का समूह है। आकाशगंगाओं का विस्तार इतना अधिक होता है कि उनकी दूरी हजारों प्रकाशवर्षों में मापी जाती है। एक अकेली आकाशगंगा का व्यास 80 हजार से 1 लाख 50 हजार प्रकाशवर्ष के बीच हो सकता है। एक आकाशगंगा के निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन गैस से बने विशाल बादल के संचयन से होती है, जिसे निहारिका कहा जाता है।

4. उपग्रह से आप क्या समझते हैं?

उत्तरः उपग्रह (Satellite) वैसे आकाशीय पिण्ड जो अपने ग्रहों की परिक्रमा करते हैं, उपग्रह कहलाते हैं। ये उपग्रह अपने ग्रह की परिक्रमा करने के साथ-साथ सूर्य की भी परिक्रमा करते हैं। ग्रह चमक रहित हैं, उसी तरह उपग्रह भी चमक रहित हैं, वे सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होते हैं। अधिकतर ग्रहों के उपग्रह उसी दिशा में ग्रहों की परिक्रमा करते हैं, जिस दिशा में ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं। बुध एवं शुक्र ग्रहों के अपने कोई उपग्रह नहीं हैं।

5. पार्थिव ग्रह चट्टानी क्यों होते हैं?

उत्तरः पार्थिव ग्रहों के अंतर्गत बुध, शुक्र, पृथ्वी तथा मंगल को सम्मिलित किया गया है। ये ग्रह चट्टानी होते हैं इसके निम्नलिखित कारण हैं :-

पार्थिव ग्रहों का निर्माण सूर्य के निकट हुआ है, जहाँ अत्यधिक तापमान के कारण गैसों का संघनन नहीं हो सका और घनीभूत नहीं हो सकीं।

सूर्य के समीप सौर वाय के अधिक शक्तिशाली होने के कारण यह पार्थिव ग्रहों से अधिक मात्रा में गैस व धूलकण उड़ा कर दूर ले गए हैं।

पार्थिव ग्रहों के आकार में छोटे होने के कारण इनकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति अपेक्षाकृत कम थी अतः ये ग्रह निकली हुई गैसों को रोकने में असमर्थ रहे।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. बिग बैंग सिद्धांत का विस्तार से वर्णन करें एवं ब्रह्माण्ड के विस्तार से संबंधित दो प्रमाणों की व्याख्या करें।

उत्तरः "पृथ्वी की उत्पत्ति और संरचना" के बारे में प्रारंभिक सिद्धांत/परिकल्पना केवल सौर मंडल के विकास के जानने पर केंद्रित थे, लेकिन आधुनिक सिद्धांत जैसे कि "बिग बैंग सिद्धांत" ब्रह्मांड की उत्पत्ति, सौर मंडल के विकास, भू-पर्पटी और वायुमंडल आदि का विकास, जैसी समस्याओं को हल करने का प्रयास करता है।

बिग बैंग सिद्धांत आधुनिक सिद्धांत है और इसे विस्तारित ब्रह्मांड परिकल्पना भी कहा जाता है; ब्रह्मांड की उत्पत्ति से जुड़े कई सवालों को हल करने की कोशिश करता है। ब्रह्मांड की परिकल्पना (सिद्धांत) का विस्तार इस विचार को संदर्भित करता है कि ब्रह्मांड वर्तमान में विस्तार कर रहा है, जिसका अर्थ है कि आकाशगंगाएं एक दूसरे से दूर जा रही हैं, जैसे समय आगे बढ़ता है। एक विस्तारित ब्रह्मांड की परिकल्पना को शुरू में 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में बेल्जियम के खगोलशास्त्री जॉर्ज लेमेतरे द्वारा प्रस्तावित किया गया था और बाद में 1920 में एडविन हब्बल द्वारा "आकाशगंगाओं के बीच बढ़ती दूरी" की टिप्पणियों के माध्यम से पुष्टि की गई थी। 1920 में, एडविन हब्बल ने सबूत दिया कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है। उनका मानना था कि समय के साथ आकाशगंगाओं के बीच दूरियाँ बढ़ती जा रही हैं।

ब्रह्मांड के विस्तार के दो प्रमाण निम्नलिखित हैं:-

डॉपलर प्रभाव

> यह पाया गया है कि तारे से उत्सर्जित प्रकाशतरंग दैर्ध्य (wavelength) समय के साथ फैल रहा है, जिसका अर्थ है कि तारे हमसे दूर जा रहे हैं।

> अंतरिक्ष में कॉस्मिक माइक्रोवेव (cosmic microwave) का पता लगाना।

> वैज्ञानिक ने उस ब्रह्मांडीय तरंग की खोज की है जिसकी उत्पत्ति बिग बैंग के समय (यानी 13.7 अरब साल पहले) से हुई थी। इसका मतलब है कि ब्रह्मांड अभी भी विस्तार कर रहा है।

बिग बैंग सिद्धांत :

ब्रह्मांड का निर्माण करने वाले सभी पदार्थ एक बिंदू में मौजूद थे, जिसे अति छोटे गोलक (एकाकी परमाणु । Singularity) कहा जाता है, जिसमें परमाणु के क्षेत्रफल से कम अकल्पनीय छोटी आयत, अनंत तापमान और अनंत घनत्व होता है।

> बिग बैंग की शुरुआत लगभग 13.7 अरब साल पहले एक बड़े धमाके के साथ हुआ था।

> महाविस्फोट की घटना के 3 मिनट के भीतर ही पहला परमाणु बन गया।

> समय के साथ, ऊर्जा पदार्थ में परिवर्तित हो गई।

> बिग बैंग धमाके के करीब 3 लाख साल बाद ब्रह्मांड पारदर्शी हो जाता है।

2. बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार तारों एवं ग्रहों के निर्माण प्रक्रिया को समझाए।

उत्तरः बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार तारे का निर्माणः

> तारे का निर्माण 5 अरब साल पहले शुरू हुआ था।

> बिग बैंग थ्योरी के अनुसार, ब्रह्मांड अनंत गर्मी और घने सामग्री के रूप में शुरू हुआ।

> समय के साथ, ब्रह्मांड का विस्तार होता गया, जिसके कारण यह ठंडा होना शुरू हुआ, जिसके कारण ब्रह्मांड के प्रारंभिक तत्वों (हॉइड्रोजन और हीलियम) का बनना शुरू हआ। ये प्राथमिक तत्व कच्चे माल हैं जिनसे अंततैः तारे बनेंगे।

> प्रारंभिक ब्रह्मांड में, पदार्थ और ऊर्जा का वितरण भी नहीं था। प्रारंभिक घनत्व अंतर के कारण, गुरुत्वाकर्षण बलों में भिन्नता आई। इसके चलते पदार्थ आपस में इकट्ठा होने लगे और यही एकत्र पदार्थ बाद में आकाशगंगा के विकास का आधार बना। निर्माण के आरंभिक समय में हाइड्रोजन गैस के विशाल बादल बने जिसे निहारिका (Nebula) कहा गया। इन्ही निहारिका में गैसों के संलयन से अनेक घने क्रोड बने जिसे एक प्रोटोस्टार के रूप में जाना जाता है। यह प्रोटोस्टार अपने परिवेश (चारो ओर) से पदार्थ का निर्माण जारी रखता है।

> जब एक प्रोटोस्टार के मूल में तापमान और दबाव काफी अधिक हो जाता है, तो परमाणु संलयन प्रतिक्रियाएँ शुरू हो जाती हैं। हाइड्रोजन परमाणु हीलियम बनाने के लिए फ्यूज करते हैं, ऊर्जा की एक जबरदस्त मात्रा को जारी करते हैं। यह एक सच्चे तारे के जन्म को चिह्नित करता है। इस प्रकार तारे बने।

बिग बैंग सिद्धांत के अनुसार ग्रहों का निर्माणः

ग्रह प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क (आदिग्रह चक्र) के भीतर बनते हैं यह चक्र युवा तारों (प्रोटोस्टार) प्रोटोस्टार) के चारो ओर होते हैं। इस चक्र में, वे गैस और धूल के अवशेष हैं जिनसे तारा बना।

समय के साथ, ये ठोस कण टकराते हैं और एक साथ चिपक जाते हैं, जो कि बड़ी से बड़ी वस्तुओं का निर्माण करते हैं, जिन्हें प्लैनेटेसिमल (शिशु ग्रह) कहा जाता है। प्लैनेटेसिमल (शिशु ग्रह) आपस में टकराते है और गुरुत्वाकर्षण के कारण छोटे प्लैनेटेसिमल (शिशु ग्रह) बड़े प्लैनेटेसिमल (शिशु ग्रह) में विलय होते रहता है। इस प्रकिया के अंत में पूर्ण ग्रह बनते हैं।

सौर प्रणाली का गठनः

हमारे अपने सौर मंडल में, सूर्य केंद्र में गठित हुआ, जबकि ग्रह और अन्य खगोलीय निकायों को आसपास के प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क के सामग्री से बना।

3. पृथ्वी के विकास सम्बन्धी अवस्थाओं को बताते हुए प्रत्येक चरण को संक्षेप में वर्णित करें।

उत्तरः हमारे सौर मंडल के सभी ग्रह, युवा सूर्य के प्रोटोप्लेनेटरी डिस्क (आदिग्रह चक्र) के भीतर, ठोस कणों टकराने और साथ में चिपकने से बने। पृथ्वी, हमारे सौर मंडल में अन्य ग्रहों के साथ ही बना।

प्रारंभ में, पृथ्वी हाइड्रोजन और हीलियम के पतले वातावरण के साथ एक बंजर, चट्टानी और गर्म वस्तु थी। पृथ्वी की संरचना परतदार है, वायुमंडल से पृथ्वी के कोर तक ये घनत्व के आधार पर विकसित हुए हैं।

स्थलमंडल का विकास

पृथ्वी का स्थलमंडल का विकास बहुत सारे ग्रहाणु से मिलकर बना है जब ग्रहाणु इकट्ठा हौ रहे थे, तो बहुत सारे ऊष्मा उत्पन्न हुआ और सारे ग्रहाणु पिघलकर एक बड़ा पिंड बना। अत्यधिक तापमान के कारण ज्यादा घनत्व वाले पदार्थ पृथ्वी के कोर बने और हल्के पदार्थ पृथ्वी के ऊपरी भाग में आ गए। जब बहुत बड़े टकराव से पृथ्वी से चन्द्रमा बना तो पृथ्वी फिर से गरम हआ और पृथ्वी की अनेक परतें बनी जिसमें से तीन मुख्य हैं।

ये तीन परतें हैं:

> भूपर्पटी (The Crust)

> प्रवार या मैंटल (Mantle)

> क्रोड (Core)

अरबों वर्षों में, पृथ्वी की सतह को भूवैज्ञानिक प्रक्रियाओं द्वारा आकार दिया गया था, जिसमें प्लेट टेक्टोनिक्स, ज्वालामुखी गतिविधि, कटाव और महासागरों और महाद्वीपों का गठन शामिल था। ये प्रक्रियाएँ आज भी ग्रह की सतह को आकार देना जारी रखी हैं।

वायुमंडल और जलमंडल का विकास मुख्यतः तीन चरणों में हुआ है।

पहला चरणः सौर हवाओं के कारण से हीलियम और हाइड्रोजन जैसे मौलिक हल्के गैस का वायुमंडल से ह्रास हुआ।

दूसरा चरणः दूसरे चरण में पृथ्वी के गर्म आंतरिक भाग से गैसें और जलवाष्प वायुमंडल में बाहर आ गए। इस स्तर पर, वायुमंडल में मुख्य रूप से जलवाष्प, नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, अमोनिया और बहुत कम मुक्त ऑक्सीजन शामिल हैं।

तीसरा चरणः प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से वातावरण की संरचना में बदलाव आया और ऑक्सीजन में वृद्धि हो गई। वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड वर्षा जल में घुल गई और और उसकी मात्रा कम हो गई।

जीवन की उत्पत्तिः जीवन की उत्पत्ति एक प्रकार की रासायनिक प्रतिक्रिया है। यह अकार्बनिक पदार्थों से आया है। 3800 मिलियन वर्ष पहले नीले शैवाल से जीवन विकसित होना शुरू हुआ पृथ्वी पर स्थितियां, जैसे कि तरल पानी की उपस्थिति और एक स्थिर जलवायु ने इसे जीवन के उद्भव और विकास के लिए अनुकूल बना दिया।

Class 11 Geography 2. पृथ्वी की उत्पति एवं विकास (Origin and Evolution of The Earth)

                                                  

JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)

विषय-सूची

भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत (भाग 'अ')

अध्याय सं.

अध्याय का नाम

1.

भूगोल एक विषय के रूप में

2.

पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास

3.

पृथ्वी की आंतरिक संरचना

4.

महासागरों और महाद्वीपों का वितरण

5.

भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ

6.

भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास

7.

वायुमंडल का संघटन तथा संरचना

8.

सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान

9.

वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ

10.

वायुमंडल में जल

11.

विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन

12.

महासागरीय जल

13.

महासागरीय जल संचलन

14.

जैव विविधता एवं संरक्षण

भारत : भौतिक पर्यावरण (भाग 'ब')

1.

भारत : स्थिति

2.

संरचना तथा भूआकृति विज्ञान

3.

अपवाह तंत्र

4.

जलवायु

5.

प्राकृतिक वनस्पति

6.

प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ

JAC वार्षिक परीक्षा, 2023 - प्रश्नोत्तर


खण्ड – क : भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत

1. भूगोल एक विषय के रूप में (Geography as a Discipline)

2. पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास (The Origin and Evolution of the Earth)

3. पृथ्वी की आंतरिक संरचना (Interior of the Earth)

4. महासागरों और महाद्वीपों का वितरण (Distribution of Oceans and Continents)

5. खनिज एवं शैल (Minerals and Rock)

6. भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ (Geomorphic Processes)

7. भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास (Landforms and theirEvolution)

8. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना (Composition andStructure of Atmosphere)

9. सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (SolarRadiation, Heat Balance and Temperature)

10. वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ(Atmospheric Circulation and Weather Systems)

11. वायुमंडल में जल (Water in the Atmosphere)

12. विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन (World Climateand Climate Change)

13. महासागरीय जल {Water (Oceans)}

14.  महासागरीय जल संचलन  (Movements of Ocean Water)

15. पृथ्वी पर जीवन (Life on the Earth)

16. जैव विविधता एवं संरक्षण (Biodiversity andConversation)

खण्ड – ख : भारत-भौतिक पर्यावरण

1. भारत-स्थिति (India Location)

2.  संरचना तथा भू-आकृतिविज्ञान (Structure and Physiography)

3. अपवाह तंत्र (Drainage System)

4. जलवायु (Climate)

5. प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)

6. मृदा (Soils)

7. प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ (Natural Hazards andDisasters)

 

खण्ड – 3 : भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य

1. मानचित्र का परिचय (Introduction to Maps)

2. मानचित्र मापनी (Map Scale)

3. अक्षांश, देशांतर और समय (Latitude, Longitude andTime)

4. मानचित्र प्रक्षेप (Map Projections)

5. स्थलाकृतिक मानचित्र (Topographical Maps)

6. वायव फोटो का परिचय (Introduction to AerialPhotographs)

7. सुदूर संवेदन का परिचय (Introduction to RemoteSensing)

8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (WeatherInstruments. Maps and Charts)

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