झारखण्ड अधिविद्य परिषद्
ANNUAL INTERMEDIATE EXAMINATION - 2024
Political
Science Arts (Optional)
26.02.2024
Total Time: 3 Hours 15 minute
Full Marks: 80
सामान्य निर्देश
1.
इस प्रश्न-पुस्तिका में दो भाग भाग-A तथा भाग-B हैं।
2.
भाग-A में 30 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न तथा भाग-B में
50 अंक के विषयनिष्ठ प्रश्न हैं।
3.
परीक्षार्थी को अलग से उपलब्ध
कराई गई उत्तर-पुस्तिका में उत्तर देना है।
4.
भाग-A इसमें 30 बहुविकल्पीय प्रश्न हैं जिनके 4 विकल्प
(A, B, C तथा D ) हैं। परीक्षार्थी को उत्तर-पुस्तिका में सही उत्तर लिखना है। सभी
प्रश्न अनिवार्य हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है। गलत उत्तर के लिए कोई अंक काटा
नहीं जाएगा।
5.
भाग-B इस भाग में तीन खण्ड खण्ड-A, B तथा C हैं। इस भाग
में अति लघु उत्तरीय, लघु उत्तरीय तथा दीर्घ उत्तरीय प्रकार के विषयनिष्ठ प्रश्न
हैं। कुल प्रश्नों की संख्या 22 है।
खण्ड-A
प्रश्न संख्या 31-38 अति लघु उत्तरीय हैं। किन्हीं 6 प्रश्नों के उत्तर दें।
प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। ।
खण्ड-B
प्रश्न संख्या 39-46 लघु उत्तरीय हैं। किन्हीं 6 प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक
प्रश्न 3 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें।
खण्ड-C
प्रश्न संख्या 47-52 दीर्घ उत्तरीय हैं। किन्हीं 4 प्रश्नों के उत्तर दें।
प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में
दें।
6.
परीक्षार्थी यथासंभव अपने शब्दों में ही उत्तर दें।
7.
परीक्षार्थी परीक्षा भवन छोड़ने के पहले अपनी
उत्तर-पुस्तिका वीक्षक को अनिवार्य रूप से लौटा दें।
8.
परीक्षा समाप्त होने के उपरांत परीक्षार्थी
प्रश्न-पुस्तिका अपने साथ लेकर जा सकते हैं।
Part-A
(बहुविकल्पीय प्रश्न)
Question Nos. 1 to 30 are Multiple Choice Type. Each question has four options. Select the correct option and write it in the Answer Sheet. Each question carries 1 mark.1x30=30
प्रश्न संख्या 1 से 30 तक बहुविकल्पीय प्रकार हैं। प्रत्येक प्रश्न के चार विकल्प हैं। सही विकल्प चुनकर उत्तर पुस्तिका में लिखें। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
1. वारसा पैक्ट का सम्बन्ध किस सैन्य गठबंधन से
था ?
(A) सोवियत गठबंधन
(B) अमेरिकी गठबंधन
(C) गुटनिरपेक्ष गठबंधन
(D) इनमें से कोई नहीं
2. पहला गुट निरपेक्ष सम्मेलन कब हुआ था ?
(A) 1960
(B) 1961
(C) 1962
(D) 1963
3. सोवियत संघ के विभाजन के बाद रूस का प्रथम
निर्वाचित राष्ट्रपति कौन था ?
(A) मेदवेदेव
(B) पुतिन
(C) येल्तसिन
(D) गोर्बाचेव
4. विश्व का कौन राष्ट्र अपने बजट का एक बड़ा
हिस्सा रक्षा अनुसंधान और विकास में खर्च करता है ?
(A) ब्रिटेन
(B) अमेरिका
(C) चीन
(D) भारत
5. निम्न में से कौन आसियान का सदस्य नहीं है
?
(A) भूटान
(B) सिंगापुर
(C) फिलीपिन्स
(D) थाइलैण्ड
6. यूरोपीय आर्थिक समुदाय की स्थापना कब हुई
?
(A) 1952
(B) 1955
(C) 1957
(D) 1991
7. भारत से शांति सेना श्रीलंका कब भेजी गई थी
?
(A) 1985
(B) 1986
(C) 1987
(D) 1988
8. संयुक्त राष्ट्र संघ के आर्थिक और सामाजिक
परिषद् में कितने सदस्य हैं ?
(A) 27
(B) 54
(C) 18
(D) 9
9. सुरक्षा परिषद् में कितने अस्थायी सदस्य हैं
?
(A) 5
(B) 10
(C) 15
(D) 20
10. संयुक्त राष्ट्रसंघ के प्रथम महासचिव कौन
थे ?
(A) यू थाट
(B) कॉफी ए० अन्नान
(C) डैग हैमरस्क्जोल्ड
(D) ट्राइग्व ली
11. मानवाधिकार परिषद् की स्थापना कब हुई ?
(A) 2005
(B) 2006
(C) 2008
(D) 2009
12. हमलोग विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाते हैं
?
(A) 10 मई
(B) 5 जून
(C) 14 फरवरी
(D) 15 नवंबर
13. भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की स्थापना
कब हुई ?
(A) 1990
(B) 1991
(C) 1992
(D) 1995
14. स्वतंत्रता के बाद भारतीय संघ में शामिल होने
वाली अंतिम देशी रियासत कौन थी ?
(A) जूनागढ़
(B) जम्मू तथा कश्मीर
(C) मणिपुर
(D) हैदराबाद
15. भारत का संविधान कब स्वीकृत किया गया ?
(A) 1947
(B) 1949
(C) 1950
(D) 1952
16. भारत के प्रथम मुख्य चुनाव आयुक्त कौन थे
?
(A) टी० एन० शेषण
(B) सुकुमार सेन
(C) बी० एस० रमादेवी
(D) सुनील अरोड़ा
17. पहली लोकसभा में सबसे बड़ा विपक्षी दल कौन
था ?
(A) भारतीय समाजवादी पार्टी
(B) स्वतंत्र पार्टी
(C) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी
(D) भारतीय जनसंघ
18. भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री
तथा पाकिस्तान के राष्ट्रपति जनरल अय्यूब खाँ के साथ किस समझौते पर हस्ताक्षर किये
गये थे ?
(A) शिमला समझौता
(B) लाहौर समझौता
(C) ताशकंद समझौता
(D) सिंधु जल समझौता
19. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विभाजन कब हुआ
?
(A) 1969
(B) 1977
(C) 1964
(D) 1957
20. जब 1975 में देश में आपातकाल लागू किया गया
था तो भारत का राष्ट्रपति कौन था ?
(A) फखरुद्दीन अली अहमद
(B) डॉ० जाकिर हुसैन
(C) बी० बी० गिरि
(D) नीलम संजीव रेड्डी
21. संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना कब हुई ?
(A) 1945
(B) 1950
(C) 1952
(D) 1955
22. द्वितीय पंचवर्षीय योजना किसके द्वारा तैयार
की गई थी ?
(A) पी० सी० महालनोबिस
(B) जे० सी० कुमारप्पा
(C) अमर्त्य सेन
(D) के० एन० राज
23. निम्न में से कौन सूचना का अधिकार आंदोलन
से सम्बंधित है ?
(A) मेधा पाटकर
(B) अरुणा राय
(C) सुंदरलाल बहुगुणा
(D) अन्ना हजारे
24. किसको बाटरमैन ऑफ इण्डिया के नाम से जाना
जाता है ?
(A) कैलाश सत्यार्थी
(B) राजेन्द्र सिंह
(C) अन्ना हजारे
(D) सुंदरलाल बहुगुणा
25. चारु मजुमदार व कानू सान्याल का सम्बन्ध है
(A) किसान आंदोलन से.
(B) नक्सलवादी आंदोलन से
(C) महिला आंदोलन से
(D) पर्यावरण आंदोलन से
26. भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति कौन थे ?
(A) डॉ० एस० राधाकृष्णान
(B) डॉ० जाकिर हुसैन
(C) वी० बी० गिरि
(D) इनमें से कोई नहीं
27. शिमला समझौता किस वर्ष हस्ताक्षरित हुआ ?
(A) 1971
(B) 1972
(C) 1973
(D) 1975
28. संयुक्त राष्ट्र संघ के वर्तमान महासचिव एंटोनियो
गुटेरेस किस देश के नागरिक हैं ?
(A) उत्तरी कोरिया
(B) दक्षिण कोरिया
(C) जापान
(D) पुर्तगाल
29. किसको सिफारिश पर महासभा महासचिव की निक्ति
करती है ?
(A) सुरक्षा परिषद्
(B) सचिवालय
(C) अन्तरराष्ट्रीय न्यायालय
(D) आर्थिक और सामाजिक परिषद्
30. स्वतंत्र राष्ट्रों के राष्ट्रकुल की स्थापना
किसने की ?
(A) पुतिन
(B) लेनिन
(C) येल्तसिन
(D) गोर्बाचेव
भाग-B (विषयनिष्ठ प्रश्न )
Section - A (अति लघु उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं छः प्रश्नों के उत्तर दें।
2 x 6 = 12
31. गुटनिरपेक्षता और तटस्थता में क्या अंतर है
?
उत्तर - चुप रहना यानी अपना मत व्यक्त ना करना तटस्थता है ।
किसी का पक्ष न लेकर अपनी बातें कहना गुटनिरपेक्षता है ।
32. पेरेस्त्रोइका का क्या अर्थ है ?
उत्तर - पेरेस्त्रोइका का शाब्दिक अर्थ
"पुनर्गठन" है।
33. 2004 का ऑपरेशन ऑल क्लियर क्या था ?
उत्तर - 3 जनवरी 2004 के बीच भूटान के दक्षिणी क्षेत्रों
में असम अलगाववादी विद्रोही समूहों के खिलाफ रॉयल भूटान सेना बलों द्वारा संचालित
एक सैन्य अभियान था।
34. अधिकांश भारतीय रियासत के शासकों ने भारतीय
संघ में अपने विलय के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किया। इस सहमति पत्र को क्या
कहा गया ?
उत्तर - इस सहमति-पत्र को 'इंस्ट्रमेण्ट ऑफ एक्सेशन' कहा
जाता है।
35. भारत में आपातकाल किस प्रधानमंत्री द्वारा
लागू किया गया तथा यह किस वर्ष लागू किया गया ?
उत्तर - भारत में आपातकाल प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी द्वारा
लागू किया गया। 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक का 21 महीने की अवधि में भारत में
आपातकाल घोषित था।
36. तीसरा विश्व किसे कहते हैं ?
उत्तर - तीसरा विश्व में
एशिया, अफ्रीका एवं लैटिन अमेरिका के अल्पविकसित देश आते हैं ।
37. किस वर्ष और किनके बीच पंजाब समझौता पर हस्ताक्षर
हुआ था ?
उत्तर - भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री श्री राजीव गांधी
और शिरोमणी अकाली दल के तत्कालीन अध्यक्ष संत हरचंद सिंह लोंगोवाल के बीच दिनांक
24.7.1985 को पंजाब समझौता पर हस्ताक्षर हुआ।
38. भारत में वैश्वीकरण के दो सकारात्मक प्रभावों
को लिखें।
उत्तर - वैश्वीकरण के सकारात्मक प्रभावों में आर्थिक उन्नति
और गरीबी में कमी , नौकरियों का सृजन, प्रौद्योगिकी तक अधिक पहुंच, सांस्कृतिक
विविधता और सहिष्णुता, नए सामाजिक आंदोलनों का उद्भव और अधिक पारदर्शिता शामिल
हैं।
खण्ड – B (लघु उत्तरीय प्रश्न )
किन्हीं
छः प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 150 शब्दों में दें। 3
x 6 = 18
39. विदेश नीति प्रायः राष्ट्रीय हितों से प्रभावित
होती है। क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? अपने कथन के समर्थन में कोई दो उपयुक्त तर्क
दें।
उत्तर - हाँ, मैं इस कथन से सहमत हूँ कि विदेश नीति प्रायः
राष्ट्रीय हितों से प्रभावित होती है। राष्ट्रीय हित वे लक्ष्य और उद्देश्य होते
हैं, जिन्हें प्राप्त करने के लिए कोई देश अपनी विदेश नीति का निर्माण करता है।
यहाँ दो उपयुक्त तर्क दिए गए हैं जो इस कथन का समर्थन करते
हैं:
1. सुरक्षा: प्रत्येक
देश अपनी सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित रखना चाहता है। इस उद्देश्य को प्राप्त
करने के लिए, देश अन्य देशों के साथ रणनीतिक संबंध बनाते हैं, सैन्य शक्ति का निर्माण
करते हैं, और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भाग लेते हैं। उदाहरण के लिए, भारत अपनी सुरक्षा
के लिए चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ संबंधों को संतुलित करने की कोशिश करता
है।
2. आर्थिक विकास: सभी देश अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करना चाहते हैं। इस लक्ष्य
को प्राप्त करने के लिए, देश व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करते हैं, विदेशी निवेश
को आकर्षित करते हैं, और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहुंच बढ़ाने का प्रयास करते
हैं। उदाहरण के लिए, भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था को विकसित करने के लिए "मेक इन
इंडिया" और "स्टार्टअप इंडिया" जैसी पहलों को शुरू किया है।
40. श्वेत क्रांति क्या है ? उस व्यक्ति का नाम
बतायें जिसने यह क्रांति शुरू की।
उत्तर - श्वेत क्रांति भारत में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि
लाने के लिए शुरू किया गया एक राष्ट्रीय कार्यक्रम था। यह कार्यक्रम 1970 में शुरू
किया गया था और इसका उद्देश्य भारत को दूध में आत्मनिर्भर बनाना था। डॉ. वर्गीज
कुरियन को श्वेत क्रांति का जनक माना जाता है। उन्होंने ऑपरेशन फ्लड कार्यक्रम की
शुरुआत की
41. सोवियत प्रणाली क्या थी ?
उत्तर - सोवियत प्रणाली एक राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक
व्यवस्था थी जो 1922 से 1991 तक सोवियत संघ में मौजूद थी। यह प्रणाली निम्नलिखित
विशेषताओं पर आधारित थी:
A. राजनीतिक:
👉एकल-पार्टी
शासन: सोवियत संघ में कम्युनिस्ट
पार्टी एकमात्र राजनीतिक दल थी।
👉केंद्रीय नियंत्रण: सोवियत सरकार के पास देश के सभी पहलुओं पर केंद्रीय नियंत्रण
था।
👉सर्वहारा वर्ग का अधिनायकत्व: सोवियत प्रणाली का सिद्धांत यह था कि सत्ता श्रमिक वर्ग के
हाथों में होनी चाहिए।
B. आर्थिक:
👉राज्य-नियंत्रित अर्थव्यवस्था: सोवियत अर्थव्यवस्था राज्य द्वारा नियंत्रित थी।
👉केंद्रीय योजना:
सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के लिए योजनाएं बनाई जाती थीं।
👉सामाजिक स्वामित्व: उत्पादन के साधनों का स्वामित्व राज्य के पास था।
C. सामाजिक:
👉वर्गहीन समाज: सोवियत प्रणाली का लक्ष्य एक वर्गहीन समाज बनाना था।
👉सामाजिक कल्याण: सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सेवाओं को
मुफ्त प्रदान किया जाता था।
👉धर्मनिरपेक्षता: सोवियत संघ एक धर्मनिरपेक्ष राज्य था।
42. वैश्विक पर्यावरण पर किन्हीं तीन खतरों का
उल्लेख करें।
उत्तर - वैश्विक पर्यावरण पर तीन खतरे:
👉जलवायु परिवर्तन: यह सबसे बड़ा खतरा है। मानवीय गतिविधियों से ग्रीनहाउस
गैसों का उत्सर्जन बढ़ रहा है, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है। तापमान बढ़ने
से कई समस्याएं पैदा हो रही हैं, जैसे कि बाढ़, सूखा, तूफान, समुद्र का स्तर
बढ़ना, और ग्लेशियरों का पिघलना।
👉प्रदूषण: वायु,
जल और भूमि प्रदूषण से पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है। वाहनों,
उद्योगों, और कृषि से निकलने वाले प्रदूषक हवा, पानी और मिट्टी को दूषित कर रहे
हैं।
👉जैव विविधता का नुकसान: वन-विनाश, अवैध शिकार, और जलवायु परिवर्तन के कारण जैव
विविधता का नुकसान हो रहा है। कई प्रजातियां विलुप्त होने की कगार पर हैं। जैव
विविधता का नुकसान पर्यावरण और मानव जीवन के लिए खतरा है।
43. सामाजिक और आर्थिक न्याय का क्या अर्थ है
?
उत्तर - सामाजिक और आर्थिक न्याय एक ऐसी अवधारणा है जिसमें
सभी लोगों को समान अवसर और समान अधिकार प्राप्त होते हैं, चाहे उनकी जाति, धर्म,
लिंग, सामाजिक स्थिति या आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
सामाजिक न्याय का अर्थ है कि सभी लोगों को समाज में समान
व्यवहार और सम्मान मिले। इसमें भेदभाव, पूर्वाग्रह और शोषण का अभाव शामिल है।
सामाजिक न्याय के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं में शामिल हैं:
👉समानता: सभी
लोगों को समान अधिकार और अवसर प्राप्त होने चाहिए।
👉न्याय: सभी
लोगों को कानून के समक्ष समान व्यवहार मिलना चाहिए।
👉स्वतंत्रता:
सभी लोगों को अपनी पसंद का जीवन जीने की स्वतंत्रता होनी चाहिए।
👉सुरक्षा: सभी
लोगों को अपनी सुरक्षा और सम्मान का अधिकार है।
आर्थिक न्याय का अर्थ है कि सभी लोगों को अपनी बुनियादी
जरूरतों को पूरा करने और जीवन जीने का उचित अवसर मिले। इसमें गरीबी, बेरोजगारी और
असमानता का अभाव शामिल है। आर्थिक न्याय के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं में शामिल हैं:
👉आर्थिक समानता:
सभी लोगों को अपनी योग्यता और क्षमता के अनुसार आर्थिक लाभ प्राप्त करने का अवसर
मिलना चाहिए।
👉गरीबी उन्मूलन:
सभी लोगों को गरीबी से मुक्त जीवन जीने का अधिकार है।
👉रोजगार: सभी
लोगों को रोजगार के समान अवसर प्राप्त होने चाहिए।
👉शिक्षा और स्वास्थ्य: सभी लोगों को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं तक समान पहुंच
होनी चाहिए।
सामाजिक और आर्थिक न्याय एक न्यायपूर्ण और समृद्ध समाज के
लिए आवश्यक हैं। यह सभी लोगों को अपनी पूरी क्षमता तक पहुंचने और एक बेहतर जीवन
जीने में मदद करता है.
44. सामूहिक आत्मनिर्भरता और दक्षिण-दक्षिण वार्तालाप क्या हैं ?
उत्तर - सामूहिक
आत्मनिर्भरता : सामूहिक आत्मनिर्भरता एक ऐसी अवधारणा है जिसमें विभिन्न
समुदाय या देश एक दूसरे के साथ सहयोग करते हैं और अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के
लिए एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। यह एक ऐसा दृष्टिकोण है जो बाहरी सहायता या दान
पर निर्भर रहने के बजाय, अपनी ताकत और क्षमताओं पर भरोसा करता है।
दक्षिण-दक्षिण वार्तालाप : दक्षिण-दक्षिण
वार्तालाप विकासशील देशों के बीच एक संवाद प्रक्रिया है। यह वैश्विक मुद्दों पर एक
समान दृष्टिकोण विकसित करने और अपनी सामूहिक शक्ति को बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान
करता है।
45. पाकिस्तान में लोकतंत्र के मार्ग में क्या
बाधायें हैं ?
उत्तर - पाकिस्तान में लोकतंत्र के मार्ग में अनेक बाधाएं
हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
1. सेना का हस्तक्षेप: पाकिस्तान की सेना देश की राजनीति में अत्यधिक प्रभावशाली
है। सेना ने कई बार सत्ता पर कब्जा किया है और राजनीतिक दलों को कमजोर किया है।
2. अस्थिर राजनीति: पाकिस्तान में अस्थिर राजनीति का इतिहास रहा है। बार-बार
सरकारें गिरती रहती हैं, जिससे लोकतंत्र को मजबूत करने में बाधा आती है।
3. आतंकवाद:
पाकिस्तान आतंकवाद से बुरी तरह प्रभावित है। आतंकवादी हमलों ने देश में अस्थिरता
पैदा कर दी है और लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर किया है।
4. भ्रष्टाचार:
पाकिस्तान में भ्रष्टाचार व्याप्त है। भ्रष्टाचार ने जनता का लोकतंत्र में विश्वास
कम कर दिया है।
5. कमजोर नागरिक समाज: पाकिस्तान में नागरिक समाज कमजोर है। नागरिक समाज लोकतंत्र
को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, लेकिन पाकिस्तान में इसकी भूमिका
कमजोर है।
6. अशिक्षा:
पाकिस्तान में शिक्षा दर कम है। अशिक्षित लोगों को लोकतंत्र की महत्व समझ नहीं
पाते हैं और वे आसानी से राजनीतिक दलों द्वारा बहकावे में आ जाते हैं।
7. धार्मिक कट्टरपंथ: पाकिस्तान में धार्मिक कट्टरपंथ का खतरा बढ़ रहा है।
धार्मिक कट्टरपंथी लोकतंत्र के खिलाफ हैं और वे पाकिस्तान को एक धार्मिक राज्य
बनाना चाहते हैं।
8. असमानता:
पाकिस्तान में आय और सामाजिक असमानता बहुत अधिक है। असमानता से सामाजिक अशांति
पैदा होती है, जो लोकतंत्र को कमजोर करती है।
9. अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न होता रहता है।
अल्पसंख्यकों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
10. न्यायपालिका की स्वतंत्रता: पाकिस्तान में न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर प्रश्नचिन्ह
लगाया जाता है। न्यायपालिका को कई बार सेना और राजनीतिक दलों द्वारा दबाव का सामना
करना पड़ता है।
46. महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित किसी एक आंदोलन
की व्याख्या करें।
उत्तर- हाँ, हम शराब विरोधी आन्दोलन को महिला आन्दोलन का
दर्जा देंगे, क्योंकि यह आन्ध्र प्रदेश में महिलाओं का एक स्वतःस्फूर्त आन्दोलन
था। ये महिलाएँ अपने पड़ोस में मदिरा बिक्री पर पाबन्दी की माँग कर रही थीं।
आन्ध्र प्रदेश के नेल्लौर जिले के एक दूरदराज गाँव दुबरगंटा
में 1990 के शुरुआती दौर में महिलाओं के बीच प्रौढ़ साक्षरता कार्यक्रम चलाया गया
जिसमें महिलाओं ने बड़ी संख्या में पंजीकरण कराया। कक्षाओं में महिलाएँ घर के
पुरुषों द्वारा देशी शराब, ताड़ी आदि पीने की शिकायतें करती थीं। ग्रामीणों को
शराब की गहरी लत लग चुकी थी। इसके चलते वे शारीरिक और मानसिक रूप से कमजोर हो गए
थे। परिवार पर महाजनों का कर्ज बढ़ रहा था। ग्रामीण अर्थव्यवस्था बुरी तरह
प्रभावित हो रही थी। महिलाओं को घरेलू हिंसा का शिकार बनना पड़ रहा था। महिलाओं ने
इससे छुटकारा पाने के लिए लामबन्द होकर सन् 1992 में शराब-विरोधी आन्दोलन की
शुरुआत की। धीरे-धीरे यह आन्दोलन अन्य सामाजिक मुद्दों; यथा घरेलू हिंसा, दहेज
प्रथा, यौन उत्पीड़न आदि से जुड़ गया और उसका क्षेत्र व्यापक हो गया। नब्बे के दशक
तक महिला आन्दोलन सशक्त होकर समान राजनीतिक अधिकारों की माँग करने लगा। लोकसभा व
राज्यसभा में महिलाओं के लिए आरक्षण को लेकर राजनीतिक दलों के बीच आम सहमति नहीं
बन पाई है। आम सहमति बनाने के प्रयास जारी है।
उपर्युक्त तथ्यों के परिप्रेक्ष्य में शराब विरोधी आन्दोलन
को महिला आन्दोलन का दर्जा दिया जा सकता है।
खण्ड – C (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न)
किन्हीं
चार प्रश्नों के उत्तर दें। प्रत्येक प्रश्न का उत्तर अधिकतम 250 शब्दों में दें।
5 x 4 = 20
47. राज्य पुनर्गठन आयोग का क्या काम था ? इसकी
प्रमुख सिफारिशें क्या थीं ?
उत्तर - राज्य पुनर्गठन आयोग (एसआरसी) की स्थापना 29 दिसंबर
1953 को भारत सरकार द्वारा की गई थी। इसका अध्यक्ष न्यायमूर्ति Fazal Ali थे।
आयोग का मुख्य काम:
👉राज्यों की सीमाओं का पुनर्निर्धारण करना था।
👉राज्यों का गठन भाषाई, प्रशासनिक और वित्तीय आधार पर करना
था।
👉राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा को ध्यान में रखना था।
आयोग ने 30 सितंबर 1955 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
राज्य पुनर्गठन आयोग की प्रमुख सिफारिशें:
👉14 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों का गठन।
👉राज्यों का गठन मुख्य रूप से भाषाई आधार पर किया गया।
👉कुछ राज्यों का विभाजन भी किया गया।
👉भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए विशेष
प्रावधान किए गए।
एसआरसी की सिफारिशों के आधार पर 1956 में राज्य पुनर्गठन
अधिनियम पारित किया गया। इस अधिनियम ने भारत में राज्यों की सीमाओं में बड़े बदलाव
किए।
एसआरसी की कुछ महत्वपूर्ण सिफारिशें:
👉आंध्र प्रदेश राज्य का गठन।
👉बंबई राज्य का महाराष्ट्र और गुजरात में विभाजन।
👉पंजाब राज्य का पंजाब और हरियाणा में विभाजन।
👉केरल राज्य का गठन।
👉मध्य प्रदेश राज्य का गठन।
एसआरसी की सिफारिशों ने भारत में राज्यों की सीमाओं को नए
सिरे से परिभाषित किया और भाषाई आधार पर राज्यों के गठन की नींव रखी।
48. हरित क्रांति क्या थी ? हरित क्रांति के दो
सकारात्मक और दो नकारात्मक परिणामों का उल्लेख करें।
उत्तर - हरित क्रांति 1960 और 1970 के दशक में कृषि में
क्रांतिकारी परिवर्तन का दौर था। यह उच्च उपज वाली बीज किस्मों, उर्वरकों,
कीटनाशकों और सिंचाई तकनीकों के उपयोग से प्रेरित था। इस क्रांति का उद्देश्य
खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि करना और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना था।
हरित क्रांति के दो सकारात्मक परिणाम:
👉खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि: हरित क्रांति ने भारत में खाद्यान्न उत्पादन में अभूतपूर्व
वृद्धि की। 1950 में गेहूं का उत्पादन 6.5 मिलियन टन था, जो 1970 में 20.5 मिलियन
टन तक पहुंच गया। चावल का उत्पादन 20.5 मिलियन टन से 42.2 मिलियन टन तक बढ़ गया।
👉खाद्य सुरक्षा में सुधार: खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि ने भारत की खाद्य सुरक्षा
में सुधार किया। 1960 के दशक में भारत खाद्यान्न आयात पर निर्भर था, लेकिन 1970 के
दशक में वह खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गया।
हरित क्रांति के दो नकारात्मक परिणाम:
👉पर्यावरणीय क्षति: रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग ने
मिट्टी और जल प्रदूषण को जन्म दिया। इससे जैव विविधता को भी नुकसान पहुंचा।
👉सामाजिक असमानता: हरित क्रांति का लाभ सभी किसानों को समान रूप से नहीं
मिला। बड़े किसानों ने इस क्रांति से अधिक लाभ उठाया, जबकि छोटे किसान पिछड़ गए।
49. "गठबंधन का युग 1977 में केन्द्रीय स्तर
पर शुरू हुआ और अब तक जारी है।" विवेचना करें।
उत्तर - यह कथन काफी हद तक सत्य है। 1977 में जनता पार्टी
के गठन और उसके बाद इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की वापसी के साथ गठबंधन
राजनीति का दौर शुरू हुआ। 1989 में वी.पी. सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा
सरकार के गठन के साथ गठबंधन राजनीति का दौर स्थापित हुआ। 1990 के दशक से,
क्षेत्रीय दलों का उदय हुआ, जिसके कारण गठबंधन राजनीति और भी महत्वपूर्ण हो गई।
2004 में, मनमोहन सिंह के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार का
गठन हुआ, जो 2014 तक सत्ता में रहा। 2014 में, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार का गठन हुआ, जो 2024 तक सत्ता में रहा।
गठबंधन राजनीति के कुछ प्रमुख कारण हैं:
a. क्षेत्रीय
दलों का उदय: 1990 के दशक से,
क्षेत्रीय दलों का उदय हुआ, जिसके कारण किसी भी एक पार्टी को बहुमत प्राप्त करना
मुश्किल हो गया।
b. सामाजिक
गठबंधन: जाति, धर्म और
क्षेत्रीयता के आधार पर सामाजिक गठबंधन का उदय हुआ, जिसके कारण गठबंधन राजनीति को
बढ़ावा मिला।
c. राजनीतिक
दलों की विचारधारा में बदलाव:
राजनीतिक दलों की विचारधारा में बदलाव हुआ, जिसके कारण गठबंधन बनाना आसान हो गया।
गठबंधन राजनीति के कुछ लाभ हैं:
👉यह विभिन्न क्षेत्रों और समुदायों का प्रतिनिधित्व प्रदान
करता है।
👉यह राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देता है।
👉यह विभिन्न विचारधाराओं के बीच समन्वय को बढ़ावा देता है।
गठबंधन राजनीति के कुछ नुकसान भी हैं:
👉यह नीति निर्माण में बाधा डाल सकता है।
👉यह राजनीतिक भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे सकता है।
👉यह अस्थिर सरकारों को जन्म दे सकता है।
50. पाकिस्तान के साथ भारत के वर्तमान सम्बन्धों
पर एक निबंध लिखें।
उत्तर - भारत-पाकिस्तान संबंध: एक जटिल परिदृश्य
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध हमेशा से ही जटिल और
तनावपूर्ण रहे हैं। 1947 में हुए विभाजन से उत्पन्न कटुता, कश्मीर विवाद, आतंकवाद,
और सीमा विवादों जैसे मुद्दों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को लगातार प्रभावित
किया है।
वर्तमान परिस्थितियां:
👉राजनीतिक स्तर पर: दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध वर्तमान में निलंबित
हैं। उच्च-स्तरीय वार्ताएं 2016 में आतंकवादी हमलों के बाद से नहीं हुई हैं।
👉सैन्य स्तर पर:
सीमा पर गोलाबारी और सैनिकों के बीच झड़पें आम बात हैं। दोनों देशों के बीच परमाणु
हथियारों की उपस्थिति क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है।
👉आर्थिक स्तर पर:
व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियां सीमित हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों
को बढ़ावा देने की कुछ संभावनाएं हैं, लेकिन राजनीतिक तनाव इन प्रयासों को बाधित
करते हैं।
👉सामाजिक स्तर पर: लोगों के बीच संपर्क और संवाद कम है। वीजा प्रतिबंधों और
सीमा पर कठोर सुरक्षा उपायों ने दोनों देशों के नागरिकों के लिए एक दूसरे से मिलना
मुश्किल बना दिया है।
सकारात्मक पहलू:
👉सांस्कृतिक स्तर पर: कला, संगीत, और साहित्य के क्षेत्र में कुछ सहयोग और संवाद
होता है।
👉जनता का रुझान:
दोनों देशों के लोग शांति और सद्भाव की इच्छा रखते हैं।
👉क्षेत्रीय हित:
दक्षिण एशिया में शांति और समृद्धि के लिए भारत-पाकिस्तान संबंधों में सुधार
आवश्यक है।
भविष्य की संभावनाएं:
👉तनावपूर्ण स्थिति: वर्तमान में, दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की कोई
संभावना नहीं दिख रही है।
👉संवाद और सहयोग:
यदि दोनों देश राजनीतिक मतभेदों को दरकिनार कर संवाद और सहयोग की नीति अपनाते हैं,
तो संबंधों में सुधार की संभावना बन सकती है।
👉तीसरे पक्ष की भूमिका: अंतर्राष्ट्रीय समुदाय दोनों देशों के बीच मध्यस्थता कर
सकता है और उन्हें शांतिपूर्ण समाधान खोजने में मदद कर सकता है।
51. हालाँकि संयुक्त राष्ट्र संघ युद्ध और इससे
उत्पन्न विपदा को रोकने में नाकामयाब रहा है लेकिन विभिन्न देश अभी भी इसे बनाये रखना
चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ को एक अपरिहार्य संगठन मानने के क्या कारण हैं ?
उत्तर- यह कथन सही है कि संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व के अनेक
भागों में राष्ट्रों के बीच संघर्षों, झड़पों और युद्धों को पूरी तरह नहीं रोक सका
है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र संघ अपनी पूर्ववर्ती संस्था राष्ट्र संघ (League of
Nations) की तरह असफल नहीं हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र संघ को बनाये रखना अति-महत्वपूर्ण है
क्योंकि-
(i) विश्व के 193 देश इसके सदस्य बन चुके हैं। यह दुनिया का
सबसे बड़ा तथा प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय मंच है। यहाँ अन्तर्राष्ट्रीय शान्ति,
सुरक्षा तथा सामाजिक-आर्थिक समस्याओं पर विचार-विमर्श होता है। इससे
अन्तर्राष्ट्रीय वातावरण को सौहार्द्र बनाये रखने में मदद मिली है।
(ii) कुछ देशों के पास परमाणु शस्त्र हैं लेकिन भयंकर
हथियारों के निर्माण को रोकने में इस संस्था को सफलता मिली है।
(iii) अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष व विश्व बैंक पिछड़े और
गरीच देशों को ऋण, भुगतान और आपातकाल में अनेक प्रकार की सहायता देते रहे हैं।
(iv) संयुक्त राष्ट्र संघ शिक्षा का प्रसार, स्वास्थ्य
सेवाओं में बढ़ोतरी, महामारियों को रोकने आदि में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
यदि आर्थिक- सामाजिक विकास और लोकतन्त्र के प्रसार का लक्ष्य सिद्ध करना है तो
संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रयोग किया जाना चाहिए।
52. सोवियत संघ के विघटन के मुख्य कारण क्या थे
? इसके क्या प्रभाव पड़े ?
उत्तर - सोवियत संघ के विघटन के मुख्य कारण:
राजनीतिक कारण:
👉गोर्बाचेव के सुधार: मिखाइल गोर्बाचेव द्वारा लाए गए पेरेस्त्रोइका (पुनर्गठन)
और ग्लास्नोस्त (खुलापन) जैसे सुधारों ने राजनीतिक उदारवाद और राष्ट्रवाद को
बढ़ावा दिया, जिसके परिणामस्वरूप सोवियत संघ के घटक गणराज्यों में स्वतंत्रता की
भावना बढ़ने लगी।
👉कम्युनिस्ट पार्टी का कमजोर होना: सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी, जो देश की एकमात्र
राजनीतिक दल थी, धीरे-धीरे कमजोर हो रही थी। पार्टी में भ्रष्टाचार और अक्षमता के
आरोपों ने लोगों का विश्वास खो दिया था।
👉राष्ट्रवाद का उदय: सोवियत संघ के विभिन्न गणराज्यों में राष्ट्रवाद का उदय
हुआ, जिसके कारण लोगों ने स्वतंत्र राष्ट्र बनाने की मांग की।
आर्थिक कारण:
👉केंद्रीय योजना का विफल होना: सोवियत संघ की केंद्रीय योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे
विफल हो रही थी। अर्थव्यवस्था में ठहराव, कम उत्पादकता और भ्रष्टाचार जैसी
समस्याएं थीं।
👉अफगानिस्तान युद्ध: अफगानिस्तान में सोवियत संघ के हस्तक्षेप ने देश की
अर्थव्यवस्था पर भारी बोझ डाला और लोगों में असंतोष बढ़ा दिया।
सामाजिक कारण:
👉जनता का असंतोष:
सोवियत संघ के नागरिकों में राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था के प्रति असंतोष बढ़ रहा
था। लोग अधिक स्वतंत्रता और बेहतर जीवन स्तर की मांग कर रहे थे।
👉सांस्कृतिक विभाजन: सोवियत संघ के विभिन्न गणराज्यों में विभिन्न संस्कृतियां
और भाषाएं थीं, जिसके कारण लोगों के बीच सांस्कृतिक विभाजन बढ़ रहा था।
सोवियत संघ के विघटन के प्रभाव:
राजनीतिक प्रभाव:
👉शीत युद्ध का अंत: सोवियत संघ के विघटन ने शीत युद्ध का अंत किया, जो द्वितीय
विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका और सोवियत संघ के बीच चल रहा था।
👉पूर्वी यूरोप में बदलाव: सोवियत संघ के विघटन के बाद पूर्वी यूरोप के देशों में
साम्यवादी सरकारों का पतन हुआ और लोकतांत्रिक सरकारें स्थापित हुईं।
👉रूस का उदय:
सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभरा।
आर्थिक प्रभाव:
👉पूर्व सोवियत गणराज्यों में आर्थिक संकट: सोवियत संघ के विघटन के बाद पूर्व सोवियत गणराज्यों में
आर्थिक संकट पैदा हुआ।
👉रूस में आर्थिक सुधार: सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस ने अपनी अर्थव्यवस्था में
सुधार किए, जिसके परिणामस्वरूप देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि हुई।
सामाजिक प्रभाव:
👉जनसंख्या का विस्थापन: सोवियत संघ के विघटन के बाद लाखों लोग अपने घरों से
विस्थापित हुए।
👉सामाजिक अशांति:
सोवियत संघ के विघटन के बाद पूर्व सोवियत गणराज्यों में सामाजिक अशांति बढ़ी।
निष्कर्ष:
सोवियत संघ का विघटन 20वीं सदी की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं
में से एक थी। इसके राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक प्रभाव आज भी दुनिया भर में महसूस
किए जाते हैं।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय सूची
भाग 1 ( समकालीन विश्व राजनीति) | |
भाग 2 (स्वतंत्र भारत में राजनीति ) | |