प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
Class - 11
भूगोल (Geography)
8. सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (Solar Radiation, Heat Balance And Temperature)
पाठ के मुख्य बिंदु
☞ पृथ्वी चारों ओर वायु से घिरी है। वायु का यह आवरण ही
वायुमंडल कहलाता है, जो विभिन्न गैसों का मिश्रण है, इन्हीं गैसों के कारण पृथ्वी
पर जीवन पाया जाता है।
☞ पृथ्वी अपने ऊर्जा का लगभग संपूर्ण भाग सूर्य से प्राप्त
करती है, इसके बदले पृथ्वी सूर्य से प्राप्त ऊर्जा को अंतरिक्ष में वापस विकिरित
कर देती है। परिणामस्वरुप पृथ्वी न तो अधिक समय के लिए गर्म होती है और न ही अधिक
ठंडी।
☞ पृथ्वी की सतह पर ऊर्जा का प्रमुख स्रोत सूर्य है। सूर्य
अत्यधिक गर्म गैस का पिण्ड है। इसके पृष्ठ का तापमान 6000° सेल्सियस है। यह गैसीय
पिण्ड निरन्तर अन्तरिक्ष में चारों और ऊष्मा का विकिरण करता है, जिसे सौर विकिरण
कहते हैं।
☞ सूर्य से पृथ्वी तक पहुँचने वाली विकिरण को सूर्यातप कहते
हैं। यह ऊर्जा लघु तरंगों के रूप में सूर्य से पृथ्वी तक पहुँचती है।
@@
☞ पृथ्वी औसत रूप से वायुमण्डल की ऊपरी सतह पर 1.94 कैलोरी
प्रति वर्ग सेंटीमीटर प्रति मिनट ऊर्जा प्राप्त करती है। इसे सौर स्थिरांक कहते
हैं। एक ग्राम जल के तापमान को एक डिग्री सेल्सियस बढ़ाने के लिए प्रयोग में लाई
गई ऊष्मा को कैलोरी कहते हैं।
☞ पृथ्वी तथा सूर्य के बीच दूरी में अंतर के कारण वायुमंडल की
उपरी सतह पर प्राप्त होने वाली ऊर्जा में प्रति वर्ष थोड़ा बदलाव होता है।
☞ पृथ्वी द्वारा प्राप्त वार्षिक सूर्यातप 3 जनवरी को 4 जुलाई
की तुलना में अधिक होता है। क्योंकि 3 जनवरी को पृथ्वी सूर्य के सबसे निकट होती
है।
☞ सूर्यातप पृथ्वी को सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा हैं।
सूर्यातप को कैलोरी में मापा जाता है। यह 1.94 कैलोरी प्रति वर्ग सेमी. प्रति मिनट
है।
☞ तापमान ऊष्मा से पैदा हुई गर्मी है। किसी पदार्थ को गर्म
करने पर उसका तापमान बढ़ता है। तापमान को थर्मामीटर द्वारा डिग्री, सेल्सियस,
केल्विन, फारेनहाइट में मापा जाता है।
☞ संवहन प्रक्रिया द्वारा वायुमण्डल में क्रमशः लम्बवत ऊष्मा
का स्थानान्तरण होता है। यह प्रक्रिया गैसीय तथा तरल पदार्थों में होती है। यह
प्रक्रिया ठोस पदार्थों में नहीं होती।
☞ 4 जुलाई को पृथ्वी सूर्य से सबसे दूर अर्थात 15 करोड़ 20
लाख किलोमीटर दूर होती है। पृथ्वी की इस स्थिति को अपसौर (Aphelion) कहा जाता है।
☞ 3 जनवरी को पृथ्वी सूर्य से सबसे निकट अर्थात 14 करोड़ 70
लाख किलोमीटर दूर होती है। इस स्थिति को उपसौर (Perihelion) कहा जाता है।
☞ पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना, सूर्य की किरणों का नति कोण,
दिन की अवधि, वायुमंडल की पारदर्शिता, स्थल विन्यास आदि सूर्यताप को प्रभावित करने
वाले कारक हैं।
☞ पृथ्वी का अक्ष सूर्य के चारों ओर परिक्रमण की समतल कक्षा
से 66 डिग्री का कोण बनता है जिसके कारण विभिन्न अक्षांशों पर प्राप्त होने वाले
सूर्यताप की मात्रा प्रभावित होती है।
☞ क्षोभमंडल में जलवाष्प, ओजोन तथा अन्य किरणें उपस्थित होती
हैं, जो सूर्य से आने वाली अवरक्त विकिरण (infrared radiation) को अवशोषित कर लेती
हैं।
☞ वायुमंडल में प्रकाश के प्रकीर्णन (Scattering of light) के
कारण सूर्य उदय एवं अस्त होने के समय लाल दिखाई पड़ता है तथा आकाश का रंग नीला
दिखाई पड़ता है।
☞ सबसे अधिक सूर्यातप उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थलों पर प्राप्त
होता है, क्योंकि यहाँ मेघाच्छादन बहुत कम पाया जाता है जबकि विश्वत वृत्त पर अधिक
मैघाच्छादन के कारण सूर्यातप कम पाया जाता है।
☞ पृथ्वी लघु तरंगों के रूप में आने वाली सूर्यातप से गर्म
होती है। गर्म होने के बाद पृथ्वी दीर्घ तरंगों के रूप में ऊर्जा को अंतरिक्ष में
विकिरित करती है इसे पार्थिव विकिरण भी कहा जाता है।
☞ वायुमंडल अनेक तरीके से गर्म एवं ठंडा होता है :-
1. चालन (Conduction)
2. संवहन (Convection)
3. अभिवहन (Advection)
☞ चालन (Conduction)- वह प्रक्रिया है, जिससे पृथ्वी की निचली
परत के संपर्क में आने वाली ऊपरी परतें भी गर्म हो जाती है।
☞ संवहन (Convection)- किसी गैसीय या तरल पदार्थ के एक भाग से
दूसरे भाग की ओर उसके अणुओं द्वारा ऊष्मा के लंबवत संचार को संवहन कहते हैं।
☞ अभिवहन (Advection)- अभिवहन में ऊष्मा का क्षैतिज दिशा में
स्थानान्तरण होता है। मध्य अक्षांशों में होने वाली मौसम की भिन्नताएं अभिवहन के
कारण होती है।
☞ उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में विशेषतः उत्तरी भारत में
गर्मियों के दौरान चलने वाली स्थानीय पवन 'लू' (Loo) कहलाती है, जो अभिवहन का ही
परिणाम है।
☞ वायु द्वारा संचालित समुद्री धाराएँ भी ऊष्ण कटिबन्धों से
धुर्वीय क्षेत्रों में ऊष्मा का संचार करती है।
- प्लैंक का
नियम बताता है कि एक वस्तु जितनी गर्म होगी वह उतनी ज्यादा ऊर्जा का विकिरण
करेगी और उसकी तरंगदैर्ध्य उतनी लघु होगी।
- एक ग्राम
पदार्थ का तापमान एक अंश बढ़ाने के लिए जितनी ऊष्मा की जरूरत होती है, वह विशिष्ट
ऊष्मा कहलाती है। तापमान किसी पदार्थ या स्थान के गर्म या ठण्डा होने को
दर्शाता है जिसे डिग्री में मापते हैं। किसी भी स्थान का तापमान निम्नलिखित
कारकों द्वारा प्रभावित होता है:-
a. अक्षांश (Latitude): किसी भी स्थान का
तापमान उस स्थान द्वारा प्राप्त सूर्यातप पर निर्भर करता
है। सूर्यातप की मात्रा में अक्षांश के अनुसार भिन्नता पाई जाती है। निम्न
अक्षांशों में सूर्य की सीधी किरणें पड़ने से सूर्यातप अधिक प्राप्त होता है। उच्च
अक्षांशों में सूर्य की तिरछी किरणें पड़ने से वहाँ सूर्यातप कम प्राप्त होती है
तथा तापमान कम होता है।
21 जून को सूर्य जब उत्तरी चरम बिंदु पर होता है, इसे उत्तर
अयनांत कहते हैं, इसके बाद सूर्य दक्षिणायन होने लगता है।
b. उत्तुंगता या ऊँचाई (Altitude): सूर्य की सीधी
किरणें पृथ्वी की सतह पर आती है। सूर्यातप से पृथ्वी के
गर्म होने पर, पार्थिव विकिरण वायुमंडल की ओर जाती है। वायुमण्डल पार्थिव विकिरण
के द्वारा नीचे से ऊपर की ओर गर्म होता है। यही कारण है कि समुद्र तल के पास के
स्थानों पर तापमान अधिक तथा ऊँचे भाग में स्थित स्थानों पर तापमान कम होता है।
@@
c.
वायुसंहति या वायु राशि तथा महासागरीय धाराएँ c (Air Masses
& Oceanic Currents):- वायु राशि एवं महासागरीय धाराएँ भी तापमान को प्रभावित करती है।
गर्म या कोष्ण वायु सहतियों से प्रभावित होने वाले स्थानों का तापमान अधिक तथा
ठंडी वायु संहतियों से प्रभावित स्थानों का तापमान कम होता है। इसी प्रकार ठंडी
महासागरीय धाराओं के प्रभाव से तापमान घट जाता है तथा गर्म महासागरीय धाराएँ
तापमान को बढ़ा देती है।
- सर्वाधिक
ताप उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थलों पर मिलता है। क्योंकि वहाँ मेघाच्छादन बहुत कम
पाया जाता है।
- शीत ऋतु में
मध्य तथा उच्च अक्षांशों पर ग्रीष्म ऋतु की तुलना में कम मात्रा में विकिरण
प्राप्त होता है।
- वायुमण्डल
की सबसे निचली परत क्षोभमण्डल जो पृथ्वी के धरातल से सटी हुई है, इसमें ऊँचाई
के साथ सामान्य परिस्थितियाँ में तापमान-घटता है, जिसे सामान्य ह्रास दर कहते
हैं।
- कुछ विशेष
परिस्थितियों में ऊँचाई के साथ तापमान घटने के स्थान पर बढ़ता है, इसे तापमान
व्युत्क्रमण कहते हैं। स्पष्ट है कि तापमान के प्रतिलोमन में धरातल के समीप
ठंडी वायु तथा ऊपर की और गर्म वायु होती है।
तापमान के व्युत्क्रमण के लिए निम्नलिखित भौगोलिक
परिस्थितियाँ उत्तरदायी होती हैं-
- लम्बी रातें
: पृथ्वी दिन के समय ताप ग्रहण करती है तथा रात के समय ताप छोड़ती है। रात्रि के समय
ताप छोड़ने से पृथ्वी ठण्डी हो जाती है। अतः पृथ्वी के आस-पास की वायु भी
ठण्डी हो जाती है तथा उसके ऊपर की वायु अपेक्षाकृत गर्म होती है।
- स्वच्छ आकाश
: भौमिक या पार्थिव विकिरण द्वारा पृथ्वी के ठण्डा होने के लिए स्वच्छ अथवा
मेघरहित आकाश का होना अति आवश्यक है, मेघ, विकिरण में बाधा डालते हैं तथा
पृथ्वी एवं उसके साथ लगने वाली वायु को ठण्डा होने से रोकते हैं।
- शान्त वायु :
वायु के चलने से निकटवर्ती क्षेत्रों के बीच ऊष्मा का आदान प्रदान होता है।
जिससे नीचे की वायु ठण्डी नहीं हो पाती और तापमान का व्युत्क्रमण नहीं हो
पाता।
- शुष्क वायु
:- शुष्क वायु में ऊष्मा को ग्रहण करने की क्षमता अधिक होती है। जिससे तापमान की ह्रास
दर में कोई परिवर्तन नहीं होता। परन्तु शुष्क वायु भौमिक विकिरण को शोषित
नहीं करें सकती। अतः ठण्डी होकर तापमान के व्युत्क्रमण की स्थिति पैदा करती
है।
- हिमाच्छादन
: हिम, सौर विकिरण के अधिकांश भाग को परावर्तित कर देती है। जिससे वायु की निचली परत
ठंडी रहती है और तापमान का व्युत्क्रमण होता है। क्षेत्रों में साल भर
व्युत्क्रमण होता है।
- साइबेरिया
के मैदान में वार्षिक तापांतर सर्वाधिक होता है। क्योंकि कोष्ण महासागरीय
धारा गल्फ स्ट्रीम उत्तर की ओर मुड़ जाती है तथा उन क्षेत्रों के तापमान को
बढ़ा देती है। तथा उत्तरी अटलांटिक ड्रिफ्ट प्रवाह की मौजूदगी से उत्तरी
अटलांटिक सागर ज्यादा गर्म होता है तथा सतह के ऊपर तापमान शीघ्रता से कम हो
जाता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न
1. पृथ्वी का आकार कैसा है?
a. गोलाकार
b. बेलनाकार
c. भू-आभ
d. चपटा
2. पृथ्वी के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या है?
a. सूर्यातप
b. पवन ऊर्जा
c. जीवाश्म ईंधन
d. परमाणु संघटन
3. पृथ्वी के पृष्ठ पर प्राप्त होने वाली ऊर्जा का अधिकतम अश
किस रूप में आता है?
a. दीर्घ तरंगदैर्ध्य
b. लघु तरंगदैर्ध्य
c. इनमें से दोनों
d. इनमें से कोई नहीं
@@
4. पार्थिव विकिरण होता है?
a. दीर्घ तरंगदैर्ध्य
b. लघु तरंगदैर्ध्य
c. मध्य तरंगदैर्ध्य
d. इनमें से कोई नहीं
5. पृथ्वी अपनी धूरी पर घूमते हुए सूर्य की परिक्रमा
करती है, इस गति को क्या कहते हैं?
a. घूर्णन
b. परिक्रमण
c. दोलन
d. इनमें से कोई नहीं
6. सूर्य के चारों और परिक्रमण के दौरान पृथ्वी
सबसे अधिक दूरी पर स्थित होती है, इस स्थिति को किस नाम से जानते हैं?
a. उपसौर
b. अपसौर
c. अपभू
d. उपभू
7. पृथ्वी परिक्रमण के दौरान सूर्य से सबसे अधिक
दूर पर किस तिथि को स्थित होती है?
a. 4 जुलाई
b. 3 जनवरी
c. 21 मार्च
d. 21 जून
8. पृथ्वी सूर्य से सबसे निकट अर्थात 14 करोड़
70 लाख किलोमीटर दूर किस तिथि को होती है?
a. 3 जनवरी
b. 3 फरवरी
c. 4 जुलाई
d. 4 जनवरी
9. धरातल पर प्राप्त सूर्यातप की मात्रा उष्णकटिबंध
में कितना है?
a. 320 वॉट प्रति वर्ग किलोमीटर
b. 70 वॉट प्रति किलोमीटर
c. 100 वॉट प्रति वर्ग किलोमीटर
d. 420 वॉट प्रति वर्ग किलोमीटर
10. पृथ्वी अपने समकोणीय स्थिति से कितने डिग्री
के झुकाव पर है?
a. 23.5 डिग्री
b. 66. 5 डिग्री
c. 0 डिग्री
d. 90 डिग्री
11. पृथ्वी का अक्ष सूर्य के चारों ओर परिक्रमण
की समतल कक्षा से कितने डिग्री का कोण बनाती है?
a. 0 डिग्री
b. 90 डिग्री
c. 23.5 डिग्री
d. 66. 5 डिग्री
12. पृथ्वी के किस स्थान पर दिन अथवा रात सबसे
बड़े होते हैं?
a. ध्रुवों पर
b. कर्क रेखा पर
c. मकर रेखा पर
d. विषुवत वृत पर
13. किस अक्षांश पर 21 जून को सूर्य की किरणें
सीधी पड़ती है?
a. कर्क रेखा पर
b. ध्रुवों पर
c. मकर रेखा पर
d. विषुवत वृत पर
14. किस अक्षांश पर 22 दिसम्बर को दोपहर को सूर्य
की किरणें सीधी पड़ती हैं?
a. ध्रुवों पर
b. मकर रेखा पर
c. विषुवत वृत पर
d. मकर रेखापर
15. 21 मार्च को सूर्य की किरणें किस अक्षांश
पर सीधी पड़ती है?
a. विषुवत वृत्त पर
b. ध्रुवों पर
c. कर्क रेखा पर
d. इनमें से कोई नहीं
16. 21 जून को सूर्य जब उत्तरी चरम बिंदु पर होता
है, इसे किस नाम से जानते हैं?
a. दक्षिणी अयनांत
b. उत्तरी अयनांत
c. ध्रुवीय अयनांत
d. इनमें से कोई नहीं
17. प्रथम 35 इकाइयों को छोड़कर बाकी 65 इकाइयों
में से वायुमंडल के द्वारा कितनी इकाइयाँ अवशोषित की जाती है?
a. 35 इकाइयाँ
b. 51 इकाइयाँ
c. 17 इकाइयाँ
d. 14 इकाइयों
18. निम्न में से किस शहर में दिन ज्यादा लंबा
होता है?
a. तिरुवनंतपुरम
b. हैदराबाद
c.
चंडीगढ़
d. नागपुर
19. निम्न में से किस अक्षांश पर 21 जून की दोपहर
सूर्य की किरणें सीधी पड़ती है?
a. विषुवत वृत्त पर
b. 23. 5 डिग्री उत्तरी अक्षांश
c. 66.5 डिग्री दक्षिणी अक्षांश
d. 66.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश
20. वर्ष में सबसे कोष्ण और सबसे शीत महीनों
के माध्य तापमान का अंतर क्या कहलाता है?
a. वार्षिक तापांतर
b. मासिक
c. तापांतर
d. दैनिक तापांतर
21. जनवरी में समताप रेखाएं अटलांटिक महासागर
के उत्तर और यूरेशिया महाद्वीपों के किस ओर विचलित हो जाती है?
a. उत्तर
b. दक्षिण
c. पूरब
d. पश्चिम
22. किस तिथि को सूर्य मकर रेखा पर लंबवत
होता है?
a. 21 जून
b. 22 दिसंबर
c. 3 जनवरी
d. 4 जुलाई
23. सौर विकिरण की 100 इकाई में से 35
इकाइयाँ पृथ्वी के धरातल पर पहुँचने से पहले ही अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता
है, इसमें कितनी इकाइयाँ बादलों के ऊपरी छोर से परिवर्तित होते हैं?
a. 27 इकाइयाँ
b. 2 इकाइयाँ
c. 14 इकाइयाँ
d. 9 इकाइयाँ
24. सौर विकिरण द्वारा पृथ्वी स्वयं गर्म
होने के बाद एक विकिरण पिंड बन जाता है और वायुमंडल में दीर्घतरंगों के रूप में
ऊर्जा का विकिरण करने लगता है, इस प्रक्रिया को क्या कहते हैं?
a. पार्थिव विकिरण
b. परावर्तित विकिरण
c. इनमें से दोनों
d. इनमें से कोई नहीं
25. पार्थिव विकिरण वायुमंडलीय गैसों मुख्यतः
कार्बन डाइऑक्साइड एवं अन्य ग्रीनहाउस गैसों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है, इससे
वायुमंडल पर क्या प्रभाव पड़ता है?
a. गर्म हो जाता है
b. ठंडा हो जाता है
c. सामान्य हो जाता है
d. इनमें से कोई नहीं
26. ग्रीनहाउस गैस के अंतर्गत कौन-कौन-सी गैस
आती है?
a. कार्बन डाइऑक्साइड
b. मीथेन
c. नाइट्रॉक्साइड
d. इनमें से सभी
27. सौर विकिरण का पृथ्वी की सतह तक पहुँचने
से पहले ही अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाना क्या कहलाता है?
a. एल्बिडो
b. सूर्यातप
c. पार्थिव विकिरण
d. इनमें से कोई नहीं
28. पृथ्वी के धरातल तथा वायुमंडल से
अंतरिक्ष में वापस लौटने वाली पार्थिव विकिरण का इकाई कितना है?
a. 35 इकाई
b. 65 इकाई
c. 100 इकाई
d. 19 इकाई
29. प्रथम 35 इकाइयों को छोड़कर बाकी 65
इकाइयों में से पृथ्वी के धरातल द्वारा कितनी इकाइयाँ अवशोषित की जाती है?
a. 35 इकाइयाँ
b. 51 इकाइयाँ।
c. 17 इकाइयाँ
d. 48 इकाई
30. पृथ्वी का ऊष्मा संतुलन मुख्य रूप से किन
दो प्रक्रियाओं द्वारा होता है?
a. सौर विकिरण तथा पार्थिव विकिरण
b. सौर विकिरण और संवहन
c.
सौर विकिरण और वाष्पीकरण
d. सौर विकिरण और अभिवहन
31. तापमान मापने का यंत्र किस नाम से जाना
जाता है?
a. थर्मामीटर
b. बैरोमीटर
c. हाइग्रौमीटर
d. एनीमोमीटर
32. क्षोभमंडल में 1 डिग्री सेल्सियस तापमान कितनी
ऊँचाई पर घट जाता है?
a. 156 मीटर
b. 165 मीटर
c. 135 मीटर
d. 145 मीटर
33. किसी स्थान का अक्षांश जितना उच्च होगा
सूर्य की किरणों का नति कोण उतना ही-
a. कम होगा
b. अधिक होगा
c. बराबर होगा
d. इनमें से कोई नहीं
@@
34. किसी क्षेत्र में सूर्य की तिरछी किरणें
अधिक क्षेत्र पर पड़ने के कारण ऊर्जा वितरण बड़े क्षेत्र पर होता है, अतः उसे
प्रति इकाई क्षेत्र को ऊर्जा प्राप्ति-
a. कम होगा
b. अधिक होगा
c. बराबर होगा
d. इनमें से कोई नहीं
35. तिरछी किरणों को वायुमंडल की अधिक गहराई
से गुजरना पड़ता है, अतः अधिक अवशोषण, प्रकीर्णन एवं विसरण के द्वारा ऊर्जा का ह्रास
a. बराबर होगा
b. कम होगा
c. अधिक होगा
d. इनमें से कोई नहीं
36. निम्न अक्षांशों में सूर्य की सीधी
किरणें पड़ती है, अतः सूर्यातप की प्राप्ति-
a. कम होगा
b. अधिक होगा
c. बराबर होगा
d. इनमें से कोई नहीं
37. सूर्योदय एवं सूर्यास्त के समय सूर्य लाल
तथा आकाश का रंग नीला दिखाई पड़ता है, ऐसा वायुमंडल की किस प्रक्रिया के द्वारा होता
है?
a. प्रकाश के प्रकीर्णन
b. प्रकाश के अवशोषण
c. प्रकाश के विसरण
d. इनमें से कोई नहीं
38. सबसे अधिक सूर्यातप उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थलों
पर प्राप्त होता है क्योंकि यहाँ-
a. मेघाच्छादन बहुत कम पाया जाना
b. दिन की अवधि लंबा होना।
c. मेघाच्छादन अधिक पाया जाना
d. इनमें से कोई नहीं।
39. किसी क्षेत्र के लंबे समय अवधि में मौसमी
दशाओं के औसत को क्या कहते हैं?
a. दैनिक तापांतर
b. जलवायु
c. मौसम
d. इनमें से कोई नहीं
40. गर्म पिंड से ठंडे पिंड की ओर ऊर्जा के प्रवाह
क्या कहलाते हैं?
a. चालन
b. संपीडन
c. प्रसारण
d. इनमें से कोई नहीं
41. पृथ्वी के गर्म होने से संपर्क में आयी निचली
वायुमंडल के गर्म होने की प्रक्रिया क्या कहलाती है?
a. अपवाहन
b. संवहन
c. परिवहन
d. इनमें से कोई नहीं
42. गर्म पिंड से ठंडे पिंड की ओर ऊर्जा का प्रवाह
तब तक चलता रहता है, जब तक कि
a. दोनों पिंडो का तापमान एक समान नहीं होता।
b. दोनों पिंडों में संपर्क टूट नहीं जाता।
c. इनमें
से दोनों
d. इनमें से कोई नहीं।
43. वह रेखा जो समान तापमान वाले स्थानों को जोड़ती
है क्या कहते हैं?
a. समताप रेखा
b. समदाब रेखा
c. समांतर रेखा।
d. इनमें से कोई नहीं
44. जनवरी से जुलाई महीने के बीच क्षेत्र में
पाया जाता है? सर्वाधिक तापांतर किस
a. यूरेशिया महाद्वीपीय क्षेत्र।
b. विषुवत रेखीय क्षेत्र
c. हिंदमहासागरीय क्षेत्र।
d. अफ्रीका महाद्वीपीय क्षेत्र
45. सबसे कम 3 डिग्री सेल्सियस का तापांतर किन
अक्षांशों के बीच पाया जाता है?
a. 20 डिग्री दक्षिणी एवं 15 डिग्री उत्तरी अक्षांश
के बीच
b. 50 से 80 डिग्री उत्तरी अक्षांश के बीच
c. इनमें से दोनों
d. इनमें से कोई नहीं
46. सामान्यतः ऊँचाई के साथ तापमान घटता जाता
है, इसे क्या कहा जाता है?
a. तापमान का व्युत्क्रमण
b. सामान्य ह्रास दर
c. तापमान का कमी दर
d. इनमें से कोई नहीं
47. सर्वाधिक तापमान कब अंकित किया जाता है?
a. प्रातः 10:00 बजे से 12:00 बजे
b. अपराह्न 2:00 बजे से 4:00 बजे
c. प्रातः 4 से 5 बजे
d. इनमें से कोई नहीं
48. सूर्य के पृष्ठ का तापमान कितना है?
a. 6000 डिग्री सेल्सियस
b. 4000 डिग्री सेल्सियस
c. 5000 डिग्री सेल्सियस
d. 3000 डिग्री सेल्सियस
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
1. सूर्यातप किसे कहते हैं?
उत्तरः पृथ्वी को सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा को
सूर्यातप अथवा आगामी सौर विकिरण कहते हैं। यह पृथ्वी पर लघु तरंग दैर्ध्य के रूप
में आती है।
2. समताप रेखाएं क्या होती हैं?
उत्तरः मौसम मानचित्र पर खींची जाने वाली काल्पनिक रेखाएं
जो एक समान तापमान वाले स्थानों को मिलाती हैं। उन्हें समताप रेखाएं कहते हैं।
3. अपसौर (Aphelion) किसे कहते हैं? यह
स्थिति कब होती है?
उत्तरः सूर्य के चारों ओर परिक्रमण के दौरान पृथ्वी 4 जुलाई
को सूर्य से सबसे दूर अर्थात 15 करोड़ 20 लाख किलोमीटर दूर होती हैं। पृथ्वी की इस
स्थिति को अपसौर कहते है।
4. उपसौर (Perihelion) किसे कहते है? यह
स्थिति कब होती है?
उत्तरः 3 जनवरी को पृथ्वी सूर्य के सबसे निकट अर्थात 14
करोड़ 70 लाख किलोमीटर दूर होती है। इस स्थिति को उपसौर कहा जाता है।
5. तापमान के सामान्य ह्रास दर से क्या अभिप्राय
है?
उत्तरः ऊँचाई बढ़ने के साथ-साथ तापमान कम होता जाता है। 1000 मी. की
ऊँचाई पर तापमान में 6.5 डिग्री सेल्सियस की कमी हो जाती हैं। इसे ही तापमान की सामान्य
ह्रास दर कहते हैं।
6. यूरेशिया के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र में तापान्तर
सबसे अधिक क्यों होता है?
उत्तरः इसका मुख्य कारण महाद्वीपीयता (Continentality) है अर्थात्
इस क्षेत्र का चारों तरफ स्थल से घिरा होना तथा समुद्र से दूर स्थित होना है।
7. एल्विडो (Albedo) को परिभाषित कीजिए?
उत्तरः सूर्य से आने वाली सौर विकिरण की 27 इकाईयों बादलों के
ऊपरी छोर से तथा 2 इकाईयाँ पृथ्वी के हिमाच्छादित क्षेत्रों द्वारा परावर्तित होकर
लौट जाती है, जिसे एल्बिडो कहते है।
8. सर्वाधिक ताप कौन-से कटिबंध में मिलता है और क्यों?
स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः सर्वाधिक ताप उपोष्ण कटिबंधीय मरुस्थलों पर मिलता है, क्योंकि
वहाँ मेघाच्छादन बहुत कम पाया जाता है।
9. चालन किसे कहा जाता है?
उत्तरः जब असमान ताप वाले दो पिण्ड एक दूसरे के संपर्क में आते
हैं, तो गर्म पिंड से ठंडे पिंड की तरफ ऊर्जा के प्रवाह को चालन कहते हैं।
10. संवहन किसे कहते हैं?
उत्तरः सूर्यातप के कारण पृथ्वी के संपर्क में आयी हवा गर्म
होकर धाराओं के रूप में लंबवत उठती है और वायुमंडल में ताप का संचरण करती है, जिसे
संवहन कहते हैं।
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. वायुमण्डल सूर्यातप की अपेक्षा पार्थिव विकिरण
से अधिक गर्म क्यों होता है?
उत्तरः वायुमण्डल सूर्यातप की अपेक्षा भौमिक अर्थात पार्थिव
विकिरण से अधिक गर्म होता है जिसके निम्न कारण हैं:-
सूर्य से प्राप्त होने वाला विकिरण लघुतरंगों के रूप में होता
है, जिसे वायुमण्डल अवशोषित नहीं कर पाता है।
सौर विकिरण भूतल पर पहुँचकर पृथ्वी को गर्म करता है। पृथ्वी
गर्म होकर वायुमंडल में पार्थिव विकिरण
छोड़ती है, जो ऊष्मा की दीधै तरंगों के रूप में निकलती है, जिसे वायुमण्डल की
कार्बनडाऑक्साइड गैस (Co₂) अवशोषित करती है और वायुमंडल गर्म होता है।
2. पृथ्वी पर तापमान का असमान वितरण किस
प्रकार जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है?
उत्तरः तापमान के असमान वितरण से मौसम और जलवायु प्रभावित
होते हैं, जिस क्षेत्र में तापमान अधिक होता है वहाँ निम्न वायुदाब का क्षेत्र
बनता है और ठंडे क्षेत्र में उच्च वायुदाब स्थापित होता है। उच्च वायुदाब अर्थात
ठंडे क्षेत्र से निम्न वायुदाब की ओर हवाएँ चलती है।
विषुवत रेखीय प्रदेशों में हवाएँ गर्म होकर ऊपर उठ जाती है।
उस खाली स्थान को भरने के लिए 30 से 35 डिग्री अक्षांश में स्थित उपोष्ण उच्च
वायुदाब क्षेत्र से ठंडी हवाएं आती है। ऊपर उठी हवाएं ठंडी होकर अपने दोनों
गोलार्धी 30 से 35 डिग्री अक्षांशों में नीचे उतरती है, जिसके कारण वहाँ का
वायुदाब अधिक हो जाता है।
शीत ऋतु में स्थल भागों में उच्च वायुदाब तथा जल भाग अर्थात
समुद्र की ओर निम्न वायुदाब का क्षेत्र होता है। अतः हवाएं स्थल से समुद्र की ओर
चलती है। ग्रीष्म ऋतु में स्थल में निम्न वायुदाब बन जाता है, तो समुद्र की ओर से
आर्द्र हवाएं स्थल की ओर चलती है। तापमान का असमान वितरण चक्रवात की उत्पत्ति का
भी कारण हैं।
3. भारत में मई में तापमान सर्वाधिक होता है,
लेकिन उत्तर अयनांत के बाद तापमान अधिकतम नहीं होता, क्यों?
उत्तरः भारत में मई में तापमान सर्वाधिक होने का मुख्य कारण
सूर्य का कर्क रेखा पर लंबवत रूप से चमकना है, और कर्क रेखा भारत के बीचो-बीच से
होकर गुजरता है। 21 जून को सूर्य जब उत्तरी चरम बिंदु पर होता है, जिसे उत्तर
अयनांत कहते हैं। इसके बाद सूर्य दक्षिणायन होने लगता है अर्थात दक्षिणी गोलार्ध
में सूर्य के लंबवत होने से उत्तर भारत में या उत्तरी गोलार्ध में सूर्य की तिरछी
किरणें पड़ती है, फल स्वरुप उत्तर अयनात के बाद तापमान कम होने लगता है।
उत्तर अयनांत के बाद दक्षिण भारत में मालाबार तट पर वर्षा
की शुरुआत हो जाती है, जिसके बाद भारत में तापमान कम होने लगता है।
4. तापमान का व्युत्क्रमण (Temperature
Inversion) अथवा प्रतिलोम किसे कहते हैं?
उत्तरः वायुमण्डल की सबसे निचली परत क्षोभमण्डल जो पृथ्वी
के धरातल से सटी हुई है। इसमें ऊँचाई के साथ सामान्य परिस्थितियों में तापैमान
घटता है, परन्तु कुछ विशेष परिस्थितियों में ऊँचाई के साथ तापमान घंटने के स्थान
पर बढ़ता है। ऊँचाई के साथ तापमान के बढ़ने को तापमान का व्युत्क्रमण कहते हैं।
सर्दियों की मेघ विहीन लंबी रात तथा शांत वायु व्युत्क्रमण
के लिए आदर्श दशाएँ होती हैं। दिन में प्राप्त ऊष्मा रात के समय पृथ्वी से विकरित
कर दी जाती है और सुबह तक भू- पृष्ठ अपने ऊपर की हवा से अधिक ठंडी हो जाती है।
ध्रुवीय क्षेत्रों में वर्ष भर तापमान के प्रतिलोमन सामान्य बात होती है।
5. पार्थिव विकिरण क्या है और यह किस तरह
लाभदायक है?
उत्तरः सौर विकिरण लघु तरंगों के रूप में पृथ्वी की सतह को
गर्म करता है। पृथ्वी स्वयं गर्म होने के बाद वायुमंडल में दीर्घ तरंगों के रूप
में ऊर्जा का विकिरण करने लगती है, जिसे पार्थिव विकिरण कहते हैं। यही प्रक्रिया
वायुमंडल को गर्म करती है। वायुमण्डलीय गैसें (ग्रीन हाउस गैसे) दीर्घ तरंगों को
सोख लेती हैं और वायुमंडल अप्रत्यक्ष रूप से गर्म हो जाता है। तत्पश्चात धीरे-धीरे
इस ताप को अंतरिक्ष में संचरित कर दिया जाता है। आसमान साफ होने से पृथ्वी रात के
समय ठंडी हो जाती है, क्योंकि पार्थिव विकिरण के द्वारा पृथ्वी का ताप वायुमंडल
एवं अंतरिक्ष में लौट जाते अर्थात परावर्तित हो जाते हैं।
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दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1. अक्षांश और पृथ्वी के अक्ष का झुकाव किस
प्रकार पृथ्वी की सतह पर प्राप्त होने वाली विकिरण की मात्रा को प्रभावित करते
हैं?
उत्तरः पृथ्वी पर सूर्यातप को प्रभावित करने वाले
निम्नलिखित कारक हैं :-
a. अक्षांश-
पृथ्वी का आकार के भू-आभ (Geoid) होने के कारण सूर्य की किरणों का झुकाव अलग- अलग
होता है। लम्बवत् किरणें कम क्षेत्रफल पर गिरती है, इसलिए वह उस प्रदेश को अधिक
गर्म करती हैं। जैसे-जैसे किरणों के झुकाव का कोण कम अर्थात तिरछी होता जाता है,
वैसे-वैसे क्षेत्रफल बढ़ता है तथा वह भाग कम गर्म होता है। 0 डिग्री अक्षांश या
विषुवत वृत्त पर सूर्य की सीधी किरणें पड़ने से, सूयौतप अधिक प्राप्त होता है। अतः
तापमान अधिक होता है। उच्च अक्षांशीय क्षेत्र अर्थात ध्रुवीय क्षेत्र में सूर्य की
तिरछी किरणें पड़ने से तापमान कम रहता है, क्योंकि तापमान का वायुमंडल में अधिक
अवशोषण, प्रकीर्णन एवं विसरण के द्वारा ऊर्जा का ह्रास होता है।
b. पृथ्वी के अक्ष का झुकाव- पृथ्वी का अक्ष सूर्य के चारों और परिक्रमण की समतल कक्षा
से 66.5 डिग्री का कोण बनता है जो विभिन्न अक्षांशों पर प्राप्त होने वाले
सूर्यातप की मात्रा को प्रभावित करता है।
c. दिन की लम्बाई अथवा धूप की अवधि :- सूर्यातप की मात्रा दिन की लम्बाई अथवा धूप की अवधि
पर निर्भर करती है। ग्रीष्म ऋतु में दिन बड़े होते हैं,
जिससे सूर्यातप अधिक लंबी अवधि तक प्राप्त होता है। इसके विपरीत, शीत ऋतु में दिन
छोटे होते हैं और सूर्यातप कम प्राप्त होता है अर्थात तापमान कम होता है।
d. वायुमंडल की पारदर्शिता- वायुमण्डल में मेघ, आर्द्रता तथा धूलकण आदि परिवर्तनशील
दशाएँ सूर्य से आने वाले सूर्यातप को अवशोषित, परावर्तित तथा प्रकीर्णित करती हैं।
जिससे पृथ्वी पर पहुँचने वाले सूर्यातप में कमी आ जाती हैं। वायुमंडलै के साफ
होनें पर सूर्यातप की प्राप्ति अधिक होती है।
e. स्थल एवं जल का प्रभाव- सूर्य की किरणों के प्रभाव से स्थलीय धरातल शीघ्रता से और
अधिक गर्म होते हैं, जबकि जलीय धरातल धीरे-धीरे तथा कम गर्म होते हैं। इसके प्रभाव
से समुद्र तट पर स्थल समीर एवं जल समीर बहते हैं तथा समुद्र तटीय क्षेत्र में
तापांतर कम पाया जाता है।
सूर्यातप पृथ्वी की सतह पर पहुँचती है। इससे स्थल की
अपेक्षा समुद्र धीरे-धीरे गर्म और धीरे-धीरे ठण्डा होता है। समुद्र के निकट स्थित
क्षेत्रों पर समुद्र एवं स्थल समीर का सामान्य प्रभाव पड़ता है। फलस्वरुप समुद्र
से दूरी बढ़ने के साथ तापांतर में वृद्धि होने लगता है।
f. भूमि की ढाल- सूर्याभिमुखी ढाल पर सूर्य की सीधी किरणें पड़ने से अधिक सूर्यातप प्राप्त
होता है। जबकि सूर्यविमुखी (विपरीत ढाल) पर कम सूर्यातप प्राप्त होता है।
g. सूर्य से पृथ्वी की दूरी- 3 जनवरी को पृथ्वी सूर्य के सबसे निकट
14 करोड़ 70 लाख किलोमीटर की दूरी पर होती है इससे सूर्यातप अधिक प्राप्त होता है,
जबकि 4 जुलाई को सबसे दूर 15 करोड़ 20 लाख किलोमीटर की दूरी पर होती है। अधिक दूरी
के कारण सूर्यातप कम प्राप्त होती है, जिससे तापमान प्रभावित होते हैं।
उपर्युक्त कारक किसी भी स्थान के सूर्यातप
अर्थात तापमान को प्रभावित करते हैं।
2. उन प्रक्रियाओं की व्याख्या करें, जिनके द्वारा पृथ्वी तथा इसका
वायुमंडल ऊष्मा संतुलन बनाए रखते हैं।
उत्तरः वायुमंडल की ऊपरी सतह को 100 इकाई सूर्यातप
प्राप्त होता है। वायुमंडल से गुजरते समय ऊर्जा का कुछ अंश परावर्तित, प्रकीर्णित एवं
अवशोषित हो जाता है, केवल शेष भाग ही पृथ्वी की सतह तक पहुँचता है। 100 इकाई में से
35 इकाइयाँ पृथ्वी के धरातल पर पहुँचने से पहले ही अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाती
है। सौर विकिरण की परावर्तित मात्रा को एल्बिडो (Albedo) कहा जाता है।
ऊष्मा संतुलन का विवरण इस प्रकार है-
प्रवेशी सौर्यिक विकिरण की मात्रा
= 100 इकाइयाँ
प्रकीर्णन तथा परावर्तन द्वारा क्षय
या नष्ट सौर विकिरण की मात्रा = 35 इकाइयाँ निम्न प्रकार से है-
बादलों द्वारा परावर्तित = 27 इकाइयाँ
धरातल से परावर्तित = 2 इकाइयाँ
शून्य में वायुमंडल द्वारा प्रकीर्णन
= 6 इकाइयाँ
प्रथम 35 इकाइयों को छोड़कर बाकी
65 इकाइयाँ प्राप्त होती है, जिसमें वायुमंडल द्वारा प्रवेशी सौर्थिक विकिरण का प्रत्यक्ष
अवशोषण में 14 इकाइयाँ तथा 51 इकाइयाँ पृथ्वी के धरातल द्वारा ग्रहण की जाती है।
51 इकाइयाँ सूर्यातप जो पृथ्वी ग्रहण करती है, उसे पार्थिव विकिरण के रूप में पुनः
विभिन्न रूपों में लौटा देती है, जो निम्न है
पार्थिव विकिरणः- 51 इकाइयों में से-
17 इकाइयाँ सीधे अंतरिक्ष में चली जाती
हैं।
6 इकाइयाँ स्वयं वायुमंडल द्वारा अवशोषित
होती हैं।
9 इकाइयों संवहन के जरिए अवशोषित होता
है। 19 इकाइयाँ संघनन की गुप्त ऊष्मा के रूप में।
इस तरह पृथ्वी जितना सूर्यातप प्राप्त
करती है, उतना ही पार्थिव विकिरण के रूप में वह वापस अंतरिक्ष में लौटा देती है। ऊष्मा
के इतने बड़े स्थानांतरण के बावजूद भी पृथ्वी इसी संतुलन के कारण ना तो बहुत गर्म होती
है और न ही बहुत ठंडी होती है। यही पृथ्वी का ऊष्मा बजट या ऊष्मा संतुलन कहलाता है।
3. जनवरी एवं जुलाई में
पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध के बीच तापमान के विश्वव्यापी वितरण की तुलना
करें।
या
जुलाई तथा जनवरी की समताप
रेखाओं की विशेषताएं बतलाइये।
उत्तरः तापमान के वितरण को समताप रेखाओं द्वारा
दिखलाया जाता है। समताप रेखाएँ समान तापमान वाले क्षेत्रों को आपस में मिलाती हैं।
समताप रेखाएं अक्सर अक्षांशों के समानांतर बनती है। इस सामान्य प्रवृति से विचलन, विशेषकर
उत्तरी गोलार्द्ध में जुलाई की तुलना में जनवरी में ज्यादा स्पष्ट देखा जा सकता है।
क्योंकि उत्तरी गोलार्द्ध में दक्षिणी गोलार्द्ध की अपेक्षा भू-भाग ज्यादा है। साथ
ही समुद्री धाराओं का प्रभाव भी ज्यादा दिखाई देता है। जबकि दक्षिणी गोलार्द्ध में
समुद्र का क्षेत्रफल अधिक है। जनवरी में पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी गोलार्ध के बीच
तापमान निम्न प्रकार हैं-
जनवरी महीने में उत्तरी गोलार्ध की
समताप रेखाएं-
जनवरी में समताप रेखाएँ महासागरों में
उत्तर तथा महाद्वीपों पर दक्षिण की ओर विचलित हो जाती हैं। यह उत्तरी अटलांटिक महासागरीय
क्षेत्र पर देखा जा सकता है। गर्म महासागरीय जल धाराएँ गल्फ स्ट्रीम तथा उत्तरी अटलांटिक
महासागरीय ड्रिफ्ट की उपस्थिति से उत्तरी अटलांटिक महासागर अधिक गर्म हो जाता है तथा
समताप रेखाएँ तापमान बढ़ने से उत्तर की ओर मुड़ जाती हैं। धरातलीय सत्तह के ऊपर सूर्य
के दक्षिणायन होने के कारण तापमान तेजी से कम हो जाता है और समताप रेखाएँ यूरोप में
दक्षिण की ओर मुड़ जाती है।
जनवरी का माध्य मासिक तापमान विषुवत
रेखीय महासागरों पर 27°C से ज्यादा होता है, उष्ण कटिबंधों में 24°C से ज्यादा, मध्य
अक्षांशों पर 20°C से 0° डिग्री सेल्सियस एवं यूरेशिया के आंतरिक भाग में-18° सेल्सियस
से -48° सेल्सियस तक अंकित किया जाता है।
दक्षिणी गोलार्ध की समताप रेखाएं-
दक्षिणी गोलार्द्ध में तापमान भिन्नता
कम होती है, क्योंकि वहाँ जल भाग ज्यादा है। इसलिए समताप रेखाएँ लगभग अक्षांशों के
समान्तर चलती है। 35 डिग्री दक्षिणी अक्षांश में 20 डिग्री सेल्सियस तापमान, 45 डिग्री
दक्षिणी अक्षांश में 10 डिग्री सेल्सियस तापमान तथा 60 डिग्री दक्षिणी अक्षांश में
0 डिग्री सेल्सियस तापमान पाई जाती है। इस तरह उत्तरी गोलार्ध की अपेक्षा दक्षिणी गोलार्ध
में तापांतर की भिन्नता कम होती है।
जुलाई महीने में उत्तरी गोलार्ध की
समताप रेखाएं-
जुलाई में समताप रेखाएं प्राय अक्षांशों
के समानांतर चलती है। विषुवत रेखीय महासागरों पर तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से अधिक
होता है। इस मौसम में समताप रेखाएँ एशिया के उपोष्ण कटिबंधीय स्थलीय भागों में 30 डिग्री
उत्तरी अक्षांश के साथ-साथ तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक पाया जाता है। 40 डिग्री
उत्तरी अक्षांशों पर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस पाया जाता है।
जुलाई में समताप रेखाएं महाद्वीपों
पर प्रवेश करते हुए उत्तर की ओर तथा महासागरों में प्रवेश करते हुए दक्षिण की ओर मुड़
जाती हैं।
दक्षिणी गोलार्ध की समताप रेखाएं-
जुलाई में दक्षिणी गोलार्ध में
40-45 डिग्री दक्षिणी अक्षांश पर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस पाया जाता है तथा 20 से
35 डिग्री अक्षांश पर तापमान 20 डिग्री सेल्सियस पाया जाता है दक्षिणी गोलार्ध में
तापांतर में अंतर कम दिखाई पड़ता है।
तापांतर- सर्वाधिक तापांतर यूरेशिया महाद्वीप के उत्तरी-पूर्वी क्षेत्र में पाया जाता है जो लगभग 60 डिग्री सेल्सियस है। इसका मुख्य कारण महाद्वीपीयता है। सबसे कम तापमान 3 डिग्री सेल्सियस 20 डिग्री दक्षिणी एवं 15 डिग्री उत्तरी अक्षांशों के बीच पाया जाता है।
JCERT/JAC प्रश्न बैंक - सह - उत्तर पुस्तक (Question Bank-Cum-Answer Book)
विषय-सूची
भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत (भाग 'अ')
अध्याय सं. | अध्याय का नाम |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
7. | |
8. | |
9. | |
10. | |
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12. | |
13. | |
14. | |
भारत : भौतिक पर्यावरण (भाग 'ब') | |
1. | |
2. | |
3. | |
4. | |
5. | |
6. | |
खण्ड – क : भौतिक भूगोल के मूल सिद्धांत
1. भूगोल एक विषय के रूप में (Geography as a Discipline)
2. पृथ्वी की उत्पत्ति एवं विकास (The Origin and Evolution of the Earth)
3. पृथ्वी की आंतरिक संरचना (Interior of the Earth)
4. महासागरों और महाद्वीपों का वितरण (Distribution of Oceans and Continents)
5. खनिज एवं शैल (Minerals and Rock)
6. भू-आकृतिक प्रक्रियाएँ (Geomorphic Processes)
7. भू-आकृतियाँ तथा उनका विकास (Landforms and theirEvolution)
8. वायुमंडल का संघटन तथा संरचना (Composition andStructure of Atmosphere)
9. सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (SolarRadiation, Heat Balance and Temperature)
10. वायुमंडलीय परिसंचरण तथा मौसम प्रणालियाँ(Atmospheric Circulation and Weather Systems)
11. वायुमंडल में जल (Water in the Atmosphere)
12. विश्व की जलवायु एवं जलवायु परिवर्तन (World Climateand Climate Change)
13. महासागरीय जल {Water (Oceans)}
14. महासागरीय जल संचलन (Movements of Ocean Water)
15. पृथ्वी पर जीवन (Life on the Earth)
16. जैव विविधता एवं संरक्षण (Biodiversity andConversation)
खण्ड – ख : भारत-भौतिक पर्यावरण
1. भारत-स्थिति (India Location)
2. संरचना तथा भू-आकृतिविज्ञान (Structure and Physiography)
3. अपवाह तंत्र (Drainage System)
5. प्राकृतिक वनस्पति (Natural Vegetation)
6. मृदा (Soils)
7. प्राकृतिक संकट तथा आपदाएँ (Natural Hazards andDisasters)
खण्ड – 3 : भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य
1. मानचित्र का परिचय (Introduction to Maps)
3. अक्षांश, देशांतर और समय (Latitude, Longitude andTime)
4. मानचित्र प्रक्षेप (Map Projections)
5. स्थलाकृतिक मानचित्र (Topographical Maps)
6. वायव फोटो का परिचय (Introduction to AerialPhotographs)
7. सुदूर संवेदन का परिचय (Introduction to RemoteSensing)
8. मौसम यंत्र, मानचित्र तथा चार्ट (WeatherInstruments. Maps and Charts)